Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Sunday, July 16, 2023

 

 एक एक बार फिर से नगरपालिका के चुनाव की हुई सुगबुगाहट
  -हरियाणा सरकार ने 5 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित किए
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कनीना की आवाज। कनीना सहित प्रदेश के 22 नगर पालिकाओं में जहां महिलाओं के लिए वार्ड आरक्षित कर दिए गए हैं। कनीना में जहां नगरपालिका के 14 वार्ड है वहां 5 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं। पहली बार पंचायतों के तर्ज पर यह वार्ड आरक्षित किए गए हैं। परिवार पहचान पत्र के आधार पर पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के आंकड़ों का आधार बनाया गया है। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर सीटें आरक्षित की गई हैं।
 मिली जानकारी अनुसार अनुसूचित जाति के लिए 2 सीटें आरक्षित की गई है वहीं अनुसूचित जाति की महिला के लिए एक सीट आरक्षित की गई है, पिछड़ा वर्ग ए के लिए एक सीट तथा पिछड़ा वर्ग ए ही महिला के लिए एक सीट आरक्षित की गई है। इस प्रकार महिलाओं के लिए कुल आरक्षित सीटें पांच कर दी गई है। एक बार फिर से कनीना नगर पालिका के चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है परंतु अभी तक वार्ड 14 की हदबंदी नहीं हुई है। 14वां वार्ड अभी तक नहीं बनाया गया है। वार्ड बनाए जाने के बाद ही पता लग पाएगा कि चुनाव कब हो पाएंगे? अभी तक की संभावना जताई जा रही है कि नगर पालिका के चुनाव अगले वर्ष ही होंगे।




 सोमवार की ताज़ा मौसम अपडेट
-सोमवार को होगी बारिश
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कनीना की आवाज। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में लगातार मानसून गतिविधियों में तेजी आ गई है और मानसून टर्फ भी अपनी सामान्य स्थिति पर पहुंच गई है।कल हरियाणा में चंडीगढ़ पंचकूला अंबाला यमुनानगर कुरुक्षेत्र कैथल करनाल पानीपत सोनीपत  फरीदाबाद गुडग़ांव रेवाड़ी महेंद्रगढ़ चरखी दादरी सोहना तावडू नूंह मेवात होडल पलवल और दिल्ली एनसीआर में अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश कुछ स्थानों पर मूसलाधार बारिश की गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा जबकि सिरसा फतेहाबाद हिसार भिवानी रोहतक  झज्जर जींद  में हल्की बारिश तो कुछ स्थानों पर मध्यम बारिश की गतिविधियों की प्रबल संभावना बन रही है। यह जानकारी डॉ चंद्रमोहन नोडल अधिकारी पर्यावरण क्लब राजकीय महाविद्यालय नारनौल ने दी।






 सोमवती अमावस्या
-अति शुभ दिन होगा सोमवार की सोमवती अमावस्या का
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कनीना की आवाज। 17 जुलाई को सोमवती अमावस्या का पर्व मनाया जा रहा है। एक और सावन वही उस पर सोमवार  होना अपने आप में अहम मायने रखता है। इस दिन किया गया व्रत  श्रेष्ठ माना गया है। सोमवती अमावस्या वह भी सावन माह में बहुत कम आने की संभावना होती है परंतु इस बार संयोग है कि सोमवती अमावस्या आ रही है। ऐसे में इस दिन जहां शिवालयों में भारी भीड़ लगेगी वहीं इस पर्व का महत्व अब और भी बढ़ गया है।




17 एमएम बारिश हुई, किसान खुश
-विगत दिनों भी जमकर बरसे हैं बादल
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कनीना की आवाज। रविवार को कनीना क्षेत्र में 17 एमएम बारिश हुई जिसके चलते किसान खुश हैं। विगत दिनों भी अच्छी बारिश हुई थी।अकेले सावन माह में 152 एमएम बारिश हो चुकी है। वर्ष 1995 में क्षेत्र में भारी वर्षा हुई थी यद्यपि 1995 जैसी बारिश अभी तक नहीं हुई है।
इस वर्ष कहने को तो दो सावन हैं किंतु पहले ही सावन माह में अच्छी खासी वर्षा हुई है। अब बेहतर फसल होने के आसार बन गए हैं। बाजरा और कपास की खड़ी फसल में रौनक आ गई है। पतंगबाजी में तेजी आ गई है।
 खंड कृषि अधिकारी डा.संदीप यादव ने बताया कि बारिश से फसलों को लाभ होगा। उन्होंने बताया कि इस समय 18700 हेक्टेयर पर बाजरा उगाया गया है, 40 हेक्टेयर पर ग्वार तथा 6900 हेक्टेयर पर कपास की फसल उगाई गई है। बारिश का पानी फसलों के लिए अमृत साबित होगा। किसानों ने इस समय अपने खेत की निराई कर रखी है। बाजरा बड़ा हो गया है जिनको पानी की जरूरत थी। पानी की पूर्ति होने से फसलों में आब आ गई है। किसान अपनी फसलों को देखकर खुश नजर आये।
 डा. संदीप यादव ने बताया कि क्षेत्र की भूमि बालू प्रधान है जो जल्दी पानी को सोख लेती है। इसलिए चाहे अधिक बारिश भी होगी तो किसानों के लिए लाभ होगा। पछैती एवं अगेती दो प्रकार की बिजाई किसानों ने इस वर्ष की है।
  किसानों ने बताया कि दो प्रकार की फसल खेतों में उगाई गई है- अगैती तथा पछेती फसल। अगैती अब बड़ी हो चुकी है जबकि पछेती फसल अभी छोटी है। कृषि अधिकारी भी बारिश को फसल के अनुकूल बता रहे हैं।
  बारिश से सड़कों पर पानी जमा हो जाने से समस्या जरूर पैदा हो गई है तथा प्रशासन असहज महसूस कर रहा है किंतु वर्षा होने का लाभ अधिक है।
फोटो कैप्शन 05: खेतों मेें बाजरे की लहलहाती फसल।





ककराला के पीपा जोहड़ बणी में बीबीएसडी ने रखी एक और हरित साइट की नींव
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कनीना की आवाज। उपमंडल के गांव ककराला स्थित बाबा भैया सेवा दल द्वारा पौधारोपण अभियान-2023 चलाया गया। इस दौरान गांव के बाबा पीपा बणी में बने नए जोहड़ पर जामुन, नीम, आंवला, पीपल, पपड़ी आदि 200 पौधे रोपे गये। इस दौरान सरपंच नीलम देवी ने साइट पर पहुंचकर सभी सेवकों का उत्साह बढ़ाते हुए धन्यवाद किया।
संस्था के अध्यक्ष प्रधान नवीन कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि संस्था पिछले 7 वर्षों से पर्यावरण व शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही है और अब तक 11 हरित साइट तैयार हो गई हैं जिसके तहत करीब 2000 पौधे लगाए हुए हैं। इसके साथ ही गांव को साफ सुथरा पालीथिन मुक्त बनाने के लिए गांव में 4 कचरा डंपिंग जोन बनाए हुए हैं। जिसमें गांव का कूड़ा कचरा वहां पर डाला जाता है। संस्था के उपप्रधान ओमप्रकाश फौजी ने बताया कि पिछले 15 दिनों से संस्था इस साइट की तैयारी में लगी हुई थी और गड्डे पहले से खुदाई कर लिए थे। ट्री गार्ड भी संस्था ने तैयार कर लिए थे। संस्था ने पिछले वर्ष इसी साइट पर फल वाटिका लगाई थी जो अब काफी बेहतर अवस्था में है। आज के अभियान के बाद फल वाटिका के पौधों की गुड़ाई व सफाई की गई। अभियान में अन्य संस्था से अपने साथियों के साथ ईश्वर ढाणा,  मनोज रामबास पहुंचे।
इस दौरान पर्यावरण कोर्डिनेटर नवीन कुमार, शैक्षणिक को-र्डिनेटर राजपाल यादव, सह सचिव बिरेंद्र कुमार, इंद्रपाल शर्मा, दीपचंद, राकेश, मास्टर गुलशन, सुंदरलाल, दिनेश कुमार एवं अन्य ग्रामवासी शामिल रहे।
फोटो कैप्शन 06: ककराला में हरित साइट का निर्माण करते क्लब के पदाधिकारी।





17 जुलाई को होगा दूसरा सोमवार
-रहेगी शिवालयों में भीड़
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कनीना की आवाज। सावन माह 4 जुलाई से शुरू हो गया था जिसमें पहला सोमवार 9 जुलाई को रहा। तत्पश्चात 15 जुलाई को शिवरात्रि का पर्व चला है। अब 17 जुलाई को दूसरा सोमवार होगा। सोमवार के दिन जहां व्रत का विधान है वहीं शिवालयों में भारी भीड़ रहेगी।
 उल्लेखनीय की बाघेश्वर धाम पर लगातार विगत 7 दिनों से कावड़ अर्पित की गई। तत्पश्चात अब सोमवार को भारी भीड़ होगी कनीना और आसपास क्षेत्रों में भी सोमवार का व्रत किया जाता है। महिला शकुंतला आशा दिन बताया कि वह व्रत रखती है और सोमवार के दिन शिवालयों में पूजा अर्चना करने जाती हैं। यही कारण है कि शिवालयों में महिलाओं की संख्या अधिक पहुंचती है।





भारी बरसात के बाद भी धरने पर अडिग हैं लोग
-कट के लिए धरना 126वें दिन रहा जारी
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर बाघोत -सेहलंग गांवों के बीच कट बनवाने के लिए ग्रामीणों का धरना जारी है। चल रहे धरने की अध्यक्षता प्यारेलाल बाघोत ने की। गत दिनों से बेहतर वर्षा हो रही है तथा ये लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। लंबे समय से धरने पर ग्रामीणों का विगत दिनों अंधड़ से दो बार टेंट भी उड़ गया था किंतु ग्रामीण दृढ़ संकल्प लिये धरने पर बैठे हैं।
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष चेयरमैन विजय सिंह ने बताया कि धरने को चलते आज 126 दिन हो गए हैं। भारी बरसात होने के बावजूद भी हम शांतिपूर्वक ढंग से धरने पर बैठे हुए हैं। सरकार जब तक राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत-सेहलंग के बीच  कट का काम शुरू नहीं करेगी, तब तक हमारा धरना जारी रहेगा।
संघर्ष समिति के सदस्य मास्टर विजय सिंह सेहलंग और नरेंद्र शास्त्री छिथरोली ने बताया कि सरकार लोगों की पीड़ा को अनदेखी कर रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनने से 50 गांवों के विकास के रास्ते खुलेंगे। सरकार को इस काम को जल्द शुरू करना चाहिए।
  इस मौके पर मास्टर विजयपाल, सरपंच हरिओम पोता, पहलवान रणधीर सिंह, पहलवान धर्मपाल,   चेयरमैन सतपाल, डॉ लक्ष्मण सिंह, सत्यनारायण साहब, राजकुमार, एडवोकेट केपी यादव, मनोज कुमार कऱीरा, कृष्ण प्रधान, राम भक्त, हंस कुमार, भीम, ठेकेदार शेर सिंह,  मनोज, सूबे सिंह,  कृष्ण, भरत सिंह  कमांडो, बाबूलाल व गणमान्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 04: धरने पर कट के लिए बैठे ग्रामीण।





बम बम के बाद अब वो काटा वो मारा का शोर
-19 अगस्त को है हरियाली तीज
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कनीना की आवाज। अब शिवरात्रि जाते ही बम बम की बजाय वो मारा वो काटा का शोर सुनाई पडऩे लगा है। कनीना क्षेत्र में हरियाली तीज के दृष्टिगत पतंगों की बहार आ गई है। सुबह से शाम अब वो मारा, वो काटा की आवाज सुनाई पड़ती है।  बम बम के साथ साथ वो काटा वो मारा का शोर छतों पर सुनाई पड़ता है। युवा वर्ग इस मामले में अधिक सक्रिय है। सर्वाधिक पतंगबाजी हरियाली तीज पर होती है। उधर तीज एवं सिंधारा के दृष्टिगत बाजारों में घेवर की मिठाई की धूम मची हुई है। त्योहार पर घेवर का लेनदेन किया जाता है।
  शहरी क्षेत्र में पतंगबाजी में तेजी आ गई है। बाजारों में दुकानों पर पतंग एवं डोर ही नजर आती है। युवा हो या बच्चा अपनी छतों पर सुबह शाम पतंगबाजी करता है। जिस दिन स्कूलों की छुट्टी होती है उस दिन तो बच्चे अपने घरों की छतों से नीचे ही नहीं आते हैं। एक ओर सिंधारा पर्व पर घेवर की मिठाई का बोलबाला है वहीं तीज पर्व पर पतंगबाजी का बोलबाला है। यूं तो इस सावन माह में उत्सवों की बहार है किंतु तीज पर्व का अपना ही महत्व है। सावन में आने वाली हरियाली तीज पर सर्वाधिक पतंगबाजी की जाती है तत्पश्चात पतंगबाजी में कमी आ जाती है।
   सावन माह में इस बार झूले कम ही नजर आते हैं। सावन माह में पुराने समय से झूलों पर झूलने की प्रथा थी किंतु अब वह प्रथा धीमी पड़ गई है। पतंगबाजी में युवा एवं बच्चों की अधिक भागीदारी होती है। एक दुकानदार योगेश कुमार ने बताया कि इस बार पतंगबाजी के लिए युवा वर्ग में इतना उत्साह नहीं है जितना होना चाहिए। कनीना क्षेत्र में बारिश का बोलबाला है।
  वैसे तो पतंगबाजी का पर्व खुशी को इंगित करता है। सावन माह में अच्छी खासी वर्षा हो जाती है जिसके बाद खेतों में फसल लहलहाने लग जाती है। चारों ओर हरियाली ही हरियाली दिखाई पड़ती है। किसान भी प्रसन्न होते हैं और जीव जंतु भी सक्रिय हो जाते हैं। जहां टिड्डे रातभर राग गाते हैं वहीं खुशी को इंगित करने के लिए पतंगबाजी की जाती है जिसके चलते चारों ओर पतंगबाजी का शोर सुनाई पड़ता है।
 अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में दो प्रकार की पतंग हवा में उड़ाई जाती है। एक पतंग के पूंछ होती है जिसे लंगरी कहा जाता है तो दूसरी बगैर पूंछ की होती है जिसे लंड्डू कहा जाता है। बगैर पूंछ की पतंग को पतंगबाजी के एक्सपर्ट जन ही लुत्फ उठा सकते हैं किंतु पूंछ वाली पतंग को छोटे बच्चे तक हवा में उड़ाकर लुत्फ लेते हैं। इन पतंगों के पेच लड़ाए जाते हैं। जिस किसी की डोर कमजोर होती है उसके पतंग की डोर कट जाती है और पतंग दूर जा गिरता है। जहां एक तरफ पतंग उड़ाने में मजा लेने वाले जन होते हैं तो वहीं कटी हुई पतंग को दूर से पकड़कर लाने वाले भी कम नहीं होते हैं। कंटीली झाड़ी को डंडे पर बांधकर कुछ लोग कटी पतंग को हवा में लूटने में काम में लेते हैं।
   हरियाली तीज के दिन तो दिनभर डेक पर संगीत चलता है और छतों पर कई कई बच्चे इक_े होकर पतंगबाजी करते देखे जा सकते हैं। एक तरफ डेक का शोर सुनाई पड़ता है तो दूसरी ओर वो काटा वो मारा का शोर सुनाई पड़ता है। जिस किसी की पतंग की डोर कट जाती है वो शांत हो जाता है और जो किसी की डोर को काट देता है वो जीत की खुशी में वो काटा, वो मारा का शोर करता है।
  फोटो कैप्श 02: पतंग उड़ाने के लिए ले जाते बच्चे।







शिवरात्रि मेले पर आयोजित हुआ दंगल
-200 रुपये से एक लाख रुपये तक की कुश्ती आयोजित
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कनीना की आवाज। शनिवार को बाघेश्वर धाम बाघोत में शिवरात्रि के मेले में विशाल दंगल का आयोजन किया गया। दंगल में मुख्य अतिथि सीताराम विधायक अटेली व विशिष्ट अतिथि सुरेन्द्र सिंह एसडीएम कनीना व जिला प्रमुख डा राकेश रहे। इन सभी का कमेटी की तरफ से पगड़ी पहनाकर सम्मान किया। सम्मान देने वालो में सरपंच राजेन्द्र पहलवान बाघोत, महिपाल पंचायत समिति मेम्बर, रणधीर पहलवान, सतवीर यादव प्रधान सेहलंग, राजेन्द्र भारद्वाज,लीलाराम पार्षद, महावीर पहलवान प्रधान,सुरेश अत्रि,मोतीलाल शर्मा बेगराज पहलवान,सतवीर प्रधान रेलवे व पूरी ग्राम पंचायत के पंच व मेला कमेटी आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
  दंगल में पहली कुश्ती रेशम पहलवान बाघोत व प्रवेश पहलवान बहादुरगढ़ के बीच बराबरी पर रही। दूसरी कुश्ती भोला पहलवान आदमपुर व सुनील जीरकपुर के बीच बराबरी पर छूटी तीसरी कुश्ती विक्रम कोटिया व चिराग पहलवान गोधड़ी के बीच बराबरी पर छूटी। सी प्रकार चौथी कुश्ती बलजीत पहलवान बाघोत व मोहित पहलवान चुलकाना के बीच बराबरी पर रही। पांचवी कुश्ती अनिल पहलवान बाघोत ने जीती। छठी कुश्ती सोनू पहलवान व अरुण खरब के बीच बराबरी पर रही। सातवी कुश्ती सोनू पहलवान बाघोत व नितेश के बीच बराबरी पर रही तािा आठवी कुश्ती रवि पहलवान बाघोत ने जीती।
 अगली कुश्ती रामधन पहलवान खानपुर ने जीती। अगली कुश्ती हरीश पहलवान बाघोत ने जीती। मेले में 200 रुपए से एक लाख तक की 200 कुश्तियां हुई जिसमें मुख्य कोच सज्जन पहलवान, कोच जोगिंदर पहलवान,महावीर कोच बाघोत रेलवे, महावीर कोच फौजी बाघोत शिवदत्त कोच बाघोत, पवन कोच, राजेन्द्र कोच बाघोत, शिवकुमार कोच बाघोत आदि अनेक कोच व पुराने पहलवानों के सहयोग से कुश्तियां सम्पन्न हुई।
इस मौके पर सरदारी रणधीर पहलवान,दलबीर सरपंच चिडिय़ा,प्रदीप सरपंच शेखपुरा,नसीब सरपंच नोसवा,विनीत सरपंच सेहलंग,पंकज हिन्दू सरपंच खेड़ी,सभी सरपंचों व गणमान्य लोगों का पगड़ी बांध कर कमेटी की तरफ से स्वागत किया गया।
फोटो कैप्शन 04: शनिवार को शाम बाघोत में आयोजित दंगल का नजारा जिसमें विधायक अटेली भी खड़े हैं।







नासूर बन गई है कनीना














क्षेत्र की सड़कें
-आंदोलन एवं ज्ञापन देने के बावजूद भी नहीं पड़ा कोई प्रभाव
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र की सड़कें नासूर बन कर रह गई है। पिछले 2 सालों से लगातार आंदोलन एवं ज्ञापन देने का सिलसिला जारी है परंतु कनीना क्षेत्र की अनेकों सड़कें आज अस्थाई जोहड़ का रूप ले चुकी है। आये दिन दुर्घटनाएं घट रही है प्रशासन खानापूर्ति कर देता है किंतु उनकी स्थायी समाधान नहीं कर पाया है। कनीना से महेंद्रगढ़ सड़क मार्ग का तो भगवान ही रखवाला है। अटेली टी-प्वाइंट तक इस सड़क मार्ग पर 50 जोहड़ बन चुके हैं जिनसे बचकर निकलना संभव नहीं है। हालात तब बुरी होती है जब पानी से लबालब भर जाते हैं, ये गड्ढे दिखाई नहीं देते और इनमें दुर्घटनाएं घट जाती है।
 उधर रेवाड़ी टी-प्वाइंट एवं रेवाड़ी सड़क मार्ग और भी बदहाल है।  टी प्वाइंट पर लगातार  पानी खड़ा रहता है। इसी प्रकार कनीना के अंदरूनी सड़क मार्गों को देखा जाए तो उनकी हालत और भी बदहाल हो चुकी है। उप- नागरिक अस्पताल से अटेली सड़क मार्ग को मिलाने वाला अप्रोच मार्ग जो थाने  से गुजरता है जोहड़ों से युक्त है। नहर के साथ साथ रेवाड़ी सड़क को मिलाने वाला मार्ग भी पूर्ण रूप से जर्जर हो चला है। जिन पर जगह-जगह पानी के अस्थाई तालाब बने हुए हैं। आंदोलन और ज्ञापनों की भरमार रही है। इन सड़क मार्गों को ठीक करवाने के लिए आंदोलन एक के बाद एक चले वही ज्ञापन भी बहुत अधिक दिए गए। विगत दिनों पूर्व मंत्री रावनरेंद्र सिंह ने ज्ञापन दिया वहीं पूर्व सीपीएस अनीता यादव ने भी ज्ञापन दिया। आप पार्टी के लोगों ने ज्ञापन देकर आंदोलन चलाया परंतु कोई लाभ नहीं हुआ। वर्तमान में भारी जल जगह जगह भरा हुआ है। शुक्रवार की रात को भी 40 एमएम बारिश हुई है जिसके बाद हालात बदतर हो गई।
 क्या कहते हैं क्षेत्रवासी-
 सत्यनारायण एडवोकेट का कहना है की सड़क ठीक नहीं करवाए जाने के कारण कितने की जन धन की हानि हो रही है। नहीं कोई सुनने वाला है और नहीं कोई समाधान हो पाता है। उनका कहना है कि हर बार अधिकारी यही आश्वासन देते हैं कि अब बनने वाली है, अब सड़क के टेंडर छोड़ दिए गए हैं परंतु हालात जस की तस है।
 सुनील कुमार का कहना है कि आवागमन में सबसे अधिक परेशानी दुपहिया वाहन चालकों को होती है। वे इन्हीं जोहड़ों में पड़े मिलते हैं। दुर्घटनाओं के कारण भी इनकी सुध नहीं ली जाती है। खानापूर्ति करने के लिए थोड़े समय के लिए रोड़ी पत्थर डाल दिए जाते हैं परंतु बारिश होते ही हालात जस के तस हो जाती है।
 रविंद्र कुमार का कहना है कि सड़क मार्ग की बदहाली के चलते कनीना कस्बा का कोई हमदर्द नजर नहीं आता। उनका कहना है कि बीमार व्यक्ति कैसे इस जगह से होकर अस्पताल पहुंच पाएगा। सड़के ही बीमार पड़ी है।
 प्रीतम का कहना है कि कनीना क्षेत्र में कई सालों से सड़कों की समस्या बनी हुई है। सड़क मार्ग जर्जर है इनकी सुध न लेने से कितनी ही हानि हो रही है, कितने ही लोग गिर चुके हैं। जनधन की हानि हुई है किंतु कोई सुनने वाला नहीं है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि सभी सड़क मार्गो की सुध ली जाए।
 फोटो कैप्शन 01: महेंद्रगढ़ सड़क मार्ग पर भरा वर्षा का जल

 

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