पूरी दुनिया में भारत के ऋषि-मुनियों ने आज के वैज्ञानिक से भी अधिक जानकारी पृथ्वी के आमजन को दी-पूर्णदेव
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कनीना की आवाज। पूरी दुनिया में भारत के ऋषि-मुनियों ने आज के वैज्ञानिक से भी अधिक जानकारी पृथ्वी के आमजन को दी, यह कार्य तभी संभव है जब मनुष्य अपनी आत्मा को ईश्वर से संबंध स्थापित करके अपने अंत्य करण के माध्यम से शुद्ध विचार आमजन तक पहुंचाया। परंतु वर्तमान युग में उसी विद्या का अल्पज्ञ ज्ञान लेकर जो भारत की महान सभ्यता थी उसे आडंबर और अपने पथ को बढ़ाने के लिए आमजन को विपरीत ज्ञान देकर समाज को दुखों और वैर भाव की खाई में धकेल दिया और साधारण मनुष्य उसे ही सच समझ कर उन्हें पूजने लगे। ये विचार मंदिर के पुजारी कंवरसेन वशिष्ठ ने ठाकुर जी के मंदिर कनीना में व्यक्त किए।
श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन आचार्य पूर्ण देव शास्त्री मथुरा वृंदावन वाले को मंदिर के पुजारी ने उनके द्वारा कथा के माध्यम से दिए गए भगवान श्री कृष्ण के जीवन के बारे में श्रोताओं समझाने के उनको उनके सभी साथियों को सम्मानित किया। आचार्य पूर्ण देव शास्त्री ने सुबह 5 जोड़ों को बैठाकर जिसमें पवन कुमार शर्मा ,बाबूलाल ,पप्पू पांचों जोड़ों अपनी पत्नियों के साथ आचार्य जी से आशीर्वाद लिया और सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर प्रांगण में प्रसाद ग्रहण किया जो सांय तक जारी रहा आज कथा का अंतिम दिन था ।इसलिए ठाकुर जी की पूजा पाठ करके इलाके व गांव समृद्धि और संपन्नता की कामना की और श्रोताओं को सनातन पद्धति द्वारा को जीवन में डालने की प्रेरणा दी।
फोटो कैप्शन 10: भागवत कथा सुनाते पूर्णदेव शास्त्री
कनीना क्षेत्र में हुई बूंदाबांदी
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में शाम के वक्त सोमवार को हल्की बूंदाबांदी हुई। किसान अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं किंतु हल्की बूंदाबांदी से ही सब्र करना पड़ रहा है। गर्मी से कुछ राहत जरूर मिली है। मौसम विभाग पहले ही चार जुलाई से हल्की बारिश बता चुका है। इस वक्त बाजरा एवं कपास की फसल खड़ी है।
सावन माह चार जुलाई से ,समापन 31 अगस्त को
-इस बार आएंगे आठ सोमवार व्रत
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कनीना की आवाज। सावन माह की शुरूआत चार जुलाई से हो रही है। इस बार दो सावन होने से आठ सोमवार व्रत तथा एक शिवरात्रि का व्रत आएगा। शिवालयों में तैयारियां पूर्ण हो गई हैं। सोमवार के साथ साथ गुरु पूर्णिमा के होने से मंदिरों में दिनभर हलचल रही।
पंडित ऋषिराज शर्मा ज्योतिषाचार्य कनीना का कहना है कि श्रावण मास की शुरुआत 04 जुलाई से हो रही है, जिसकी समाप्ति 31 अगस्त को होगी. यानी इस साल सावन 30 नहीं बल्कि 59 दिनों का होगा और भक्त 8 सावन सोमवार का व्रत रखेंगे।
इस वर्ष 15 जुलाई 2023 को श्रावण शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा।
शिवरात्रि त्रयोदशी को सावन माह में पड़ती है जो 14 जुलाई को शाम सन्ध्या समय 19;17 से 7:17 से शुरु होकर 15 जुलाई को शाम 8:32 पर संपन्न होगी।
शिवरात्रि के दिन व्रत निराहार ही रखें, पूरे दिन में आप केवल दूध, फल या जूस का सेवन कर सकते हैं। शाम के समय वापस स्नानादि करने के बाद घर के मंदिर में भोलेनाथ और शिवलिंग की पूजा करें।
पूजा की शुरुआत गणेश जी से करें और उसके बाद शिव जी का पूजन शुरू करें। याद रहें ये पूजा 4 पहर के समय ही करें। भोलेनाथ को फल, फूल, चंदन, बिल्व पत्र, धतूरा, धूप व दीप से शिवजी की पूजा करनी चाहिए। शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अलग-अलग तथा सबको एक साथ मिलाकर पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराकर जल से अभिषेक करना चाहिए।
आखिर में भोलेनाथ के इन आठ नामों भव, शर्व, रुद्र, पशुपति, उग्र, महान, भीम और ईशान को लेकर फूल अर्पित करें, साथ ही शिव जी की आरती और परिक्रमा करें।
रुद्राभिषेक के दौरान भी खड़े न रहें। ऐसी मान्यता है कि अगर आप खड़े होकर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं तो वह भगवान शिव को समर्पित नहीं होता और ना ही उसका लाभ मिलता है।
फोटो कैप्शन: पंडित ऋषिराज शर्मा।
गुरु पूर्णिमा पर हुआ विशेष आयोजन
-साधु संत और भक्तों को कराया भोजन
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कनीना की आवाज। गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर कनीना कस्बे में आधा दर्जन स्थानों पर जहां प्रसाद वितरित किया वहीं साधु-संतों को भोजन कराया गया तथा भक्तों ने भी प्रसाद ग्रहण किया। कनीना कस्बे से सैकड़ों की संख्या में लोग हरिद्वार गए हुए हैं जहां गंगा जल में डुबकी लगाई है।
मोलडऩाथ कमेटी के अध्यक्ष दिनेश कुमार ने बताया कि यहां सुबह से ही साधु संत और भक्तों को गुरु पूर्णिमा पर प्रसाद वितरित किया गया। भारी संख्या में साधु यहां पहुंचे, उनका सम्मान भी किया गया। उधर मोहन कुमार ने बताया पार्षद ने बताया कि बाबा रामेश्वर दयाल आश्रम में प्रसाद वितरित किया गया गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया गया। इसी प्रकार ठाकुर जी के बड़ा मंदिर तथा कनीना मंडी में भी गुरु पर्व मनाया गया। विभिन्न स्थानों से गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाए जाने की सूचना है।
सैकड़ों लोगों ने लगाई डुबकी -
कनीना और आसपास के सैकड़ों लोगों ने गंगा में हरिद्वार जाकर डुबकी लगाई। गत दिवस ही ये लोग हरिद्वार पहुंच गए थे जहां उन्होंने डुबकी लगाई है और अब सावन मास लग जाएगा और सावन माह को लेकर के कावड़ यात्रा शुरू होगी।
राव नरेंद्र सिंह पूर्व मंत्री 5 जुलाई को सौंपेंगे एसडीएम को ज्ञापन
-पूर्व सीपीएस अनीता यादव 4 जुलाई को शापिंग एसडीएम को ज्ञापन
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कनीना की आवाज। कनीना कस्बे की क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर के कनीना में 4 जुलाई को पूर्व सीपीएस अनीता यादव एसडीम के मार्फत राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेंगी। उन्होंने यहां बताया कि अटेली टी-प्वाइंट से वो अपनी ज्ञापन यात्रा शुरू करेंगी और एसडीएम कार्यालय में जाकर उन्हें ज्ञापन देंगी। उनका कहना है कि सड़कें और क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा। दोनों की ही हालात बदतर बनी हुई है।
उधर पूर्व मंत्री राव नरेंद्र सिंह कनीना की समस्याओं को लेकर 5 जुलाई को एक ज्ञापन एसडीम के मार्फत राज्यपाल को सौंपेंगे। उन्होंने बताया कि आरएस वाटिका में एक बैठक आयोजित की जाएगी। तत्पश्चात जुलूस के रूप में ज्ञापन सौंपने के लिए एसडीएम कार्यालय पहुंचा जाएगा या क्षेत्रीय समस्याओं के लिए ज्ञापन सौंपा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र की हालात बहुत बदतर हो चली है। किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है, चाहे ट्रेनों के रुकने की समस्या हो या दूरदराज की बसों की सुविधा का मामला हो, सड़कों की हालत हो यो नहरी पानी की समस्या हो। कनीना कस्बा बिछड़ता ही जा रहा है।
फिर डूबने लगी कनीना कस्बे की गलियां अंधेरे में
-बारिश के कारण कुछ केबल कुछ एमसीबी जलने के बाद बन गई है समस्या
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कनीना की आवाज। कनीना कस्बे में एक बार फिर से गलियां अंधेरे में डूबने लगी है और पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने एक सराहनीय कार्य किया था कि सभी गलियों को रोशन कर दिया था किंतु फिर से हालात आज से 20 साल पहले वाली बनती जा रही है। एक बार फिर से अनेकों गलियां अंधेरे में डूबने लगी है। कनीना नगर पालिका के इलेक्ट्रिशियन विद्यानंद से बात हुई तो उन्होंने बताया की कई जगह एमसीबी खराब हो गई है या फिर केवल खराब होने से बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है जिसके कारण कनीना की गलियों में अंधेरा छाया हुआ है।
कनीना के विजयपाल प्राचार्य, लाल सिंह ,कृष्ण कुमार, रोहित कुमार, योगेश कुमार आदि ने बताया उनके यहां दो तरफ गलियों में बिजली की आपूर्ति एक तरफ जहां हवेली चौराहे की तरफ से प्रकाश व्यवस्था हो रही है वहीं वहीं दूसरी तरफ प्रो.हंसराज के पुराने मकान की तरफ से भी स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की हुई है किंतु दोनों तरफ की लाइट बंद पड़ी है और अंधेरा होने से चोरी आदि का खतरा बढ़ रहा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि अविलंब स्ट्रीट लाइट को बहाल करवाया जाए। परंतु मिली जानकारी अनुसार जब तक केबल और एमसीबी आदि बिजली उपकरण उपलब्ध नहीं होंगे बिजली को ठीक नहीं किया जा सकेगा।
बरहाल वर्तमान में एसडीएम सुरेंद्र सिंह कनीना के प्रशासक और कार्यरत है। उन्हें यह कार्य करवाना है।
श्रावण माह 04 जुलाई से
शिव आराधना का माह सावन, कावडिय़े चले हरिद्वार
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कनीना की आवाज। श्रावण/सावन माह यूं तो कवियों की कई कल्पनाओं को मूर्तरूप देता रहा है और आमजन के लिए भी खुशी का पैगाम लाता है। देशभर में श्रावण माह में कई स्थानों पर मेले लगते हैं, पींग पर झूलने की प्रथा , तीज का पर्व, पतंगबाजी तथा रक्षा बंधन का त्यौहार भी इसी माह से जुड़े हुए हैं। हरियाणा के बाघोत स्थित बाघेश्वर धाम का प्रसिद्ध मेला भी इसी माह 15 जुलाईग् को लगेगा। ऐसे में श्रावण माह को त्योहारों का माह कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगा। गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से सावन शुरू होता है तथा रक्षा बंधन पर समाप्त हो जाएगा।
श्रावण माह के आगमन से जुड़ी है वर्षा। किसान अपनी खरीफ की फसल में व्यस्त हो जाते हैं क्योंकि खरीफ की फसल पूर्णरूप से वर्षा पर आश्रित है। भीषण गर्मी से जहां राहत मिलती है वहीं दिन को झूला झूलने तथा रात के समय श्रावणी गीतों की गूंज सुनाई पड़ती है जो मन को मोह लेती है। श्रावण माह के आते ही ऊंचे वृक्षों पर झूले डाल दिए जाते हैं जिन पर बच्चियां व महिलाएं दिनभर झूलती रहती हैं। नव विवाहित तो पींग पर अपने प्रियतम के विछोह एवं पुनर्मिलन के गीत गाती देखी जा सकती हैं। नव विवाहिता के जीवन में प्रथम श्रावण के समय में अपने प्रियतम के दर्शन करने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। विवाहिता पूरे श्रावण माह में अपने मायके रहती है। ससुराल पक्ष अपनी बहु के लिए रस्सी व पींग भी भेजता है।
श्रावण/सावन माह की तीज का यूं तो पूरे देश में ही महत्व है किंतु ग्रामीण क्षेत्रों में पतंगबाजी करके यह पर्व मनाया जाता है। ज्यों-ज्यों यह पर्व पास आता है त्यों-त्यों पतंगबाजी तेज हो जाती है। तीज के दिन अंतिम बार पतंगबाजी की जाती है। अच्छी वर्षा व सुहावना मौसम के साथ--साथ लहलहाती फसल को देखकर युवा वर्ग पूर्णतया पतंगबाजी में खो जाता है। तीज पूर्व सिंधारा आता है जब घेवर मिठाई की बहार देखने को मिलती है। अपनी विवाहित लड़की के लिए माँ-बाप घेवर की मिठाई भेजते हैं। पूरे माह पकवान बनते हैं तथा गीत गूंजते रहते हैं। पदमावत के गीतों से कम इनमें भी विरह नहीं होता।
श्रावण माह के शुरू होते ही बम-बम की जयघोष शुरू हो जाती है। भारी संख्या में भक्तजन नीलकंठ व हरिद्वार जाते हैं और वहां से कांवर लाकर शिवालयों में गंगाजल चढ़ाते हैं। शिवालयों में तांता लगता है वहीं पूरे माह व्रत चलता है। भक्तजन गंगा में डुबकी लगाते हैं और शिवालयों में जाकर भक्ति करते हैं। श्रावण माह के अंत में भाई-बहन के प्यार को इंगित करने वाला रक्षा बंधन का पर्व आता है। भाई अपनी बहन के पास अपनी कलाई पर रक्षासूत्र बंधवाने बहन के पास जाता है। बहन कहीं भी हो वह अपने भाई के आने का इंतजार करती है। इस पर्व का ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व भी है।
7 क्विंटल तक प्रतिदिन कनीना और आसपास गांवों में बिक जाती है पोलीथिन की थैलियां
-निर्माता कंपनी पर प्रतिबंध लगे
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कनीना की आवाज। किसी वक्त जब पोलीथिन की खोज हुई उस समय इसे वरदान माना जाना लगा किंतु जब इसके दुष्परिणामों का ज्ञान हुआ तब इससे बड़ा अभिशाप कोई नहीं रहा है। पोलीथिन जिसके अनेकों दुष्प्रभाव पर्यावरण पर पड़ते हैं। पोलीथिन एक कार्बनिक यौगिक है जिसमें इथीन की लंबी शृंखला बनाई जाती है। पोलीथिन का इस समय देश में करीब आठ करोड़ टन वार्षिक रूप से उत्पादन किया जा रहा है। पोलीथिन पर प्रतिबंध सरकार हर वर्ष लगाती है साथ में कुछ दुकानदारों पर जुर्माना भी लगाती है किंतु आश्चर्यजनक पहलु है कि पोलीथिन निर्माता कंपनियों को पूरी छूट दी हुई है। पोलीथिन रखने पर जुर्माना लगाने से रेहड़ी पर रोटी रोजी कमाने वाले परेशान रहते हैं और मन मसोस कर रह जाते हैं। कनीना एवं आस पास गांवों में प्रतिदिन सात क्विंटल तक पोलीथिन बिक जाता है। पोलीथिन के विषय में कुछ लोगों से चर्चा की गई जिनका कहना निम्र है-
कुलदीप बोहरा का कहना है कि पोलीथिन बहुत हानिकारक पदार्थ है जो नदियों, झीलों और सागरों में पानी को दूषित करती है, मिट्टी में कभी नष्ट नहीं होती,वर्षों से जमीन में दबी रहती है। हर वर्ष भारी मात्रा में कचरा इकट्ठा
हो जाता है। परंतु उनका कहना है कि जो गरीब रोटी रोजी कमाने वाले पोलीथिन के जरिए सामान पैक करते हैं उन पर प्रतिबंध लगाना उचित नहीं, प्रतिबंध लगाना हो तो पोलीथिन निर्माता कंपनियों पर प्रतिबंध हो। ताकि क्षेत्र में कहीं उपलब्ध नहीं हो सके और लोग मजबूरन कपड़े के थैले प्रयोग करें। भीम सिंह कनीना मंडी का कहना है कि पोलीथिन मनुष्य ,जीव जंतु और पेड़ पौधे के लिए घातक है। कितने ही जीव जंतुओं की इससे मौत हो जाती है। वातावरण पर कुप्रभाव पड़ता है। इसको जलाना और भी घातक है। पोलीथिन पर प्रतिबंध सरकार के हाथ है। सरकार को प्रतिबंध लगाना चाहिए और कपड़े के थैले या अन्य विकल्प जो जमीन में नष्ट हो जाए/वन टाइम यूज़ प्लास्टिक का प्रयोग करना चाहिए ताकि वह हमारी भूमि में उर्वरा शक्ति को भी बढ़ाए।
महेंद्र महेंद्र शर्मा का कहना है कि पालीथिन नालियों को अवरुद्ध कर देती है, जोहड़ एवं तालाबों में जाकर प्रदूषण करती है। पालीथिन निर्माण पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा है। उनका कहना है कि गरीब और रोटी रोजी कमाने वाले लोगों पर तो जुर्माना किया जाता है किंतु बड़े स्तर पर थोक विक्रेताओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाता ताकि नहीं रहे बांस न बजेगी बांसुरी। पोलीथिन कुल मिलाकर घातक पदार्थ है।
राजेंद्र सिंह का कहना है कि पोलीथिन घातक है किंतु युवा पीढ़ी को समझाना होगा कि कपड़े के थैले प्रयोग करें। पुराने समय से बुजुर्ग कपड़े के थैले प्रयोग करते आ रहे हैं जिनमें डाला गया सामान भी सुरक्षित रहता है और पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है किंतु युवा पीढ़ी घर से कपड़े के थैले ले जाना बुरा मानती है। सामान को सुरक्षित ले जाने का जरिया कपड़े के बैग है या अन्य विकल्प भी इसके आए हुए हैं जिनका उपयोग करके पोलीथिन प्रतिबंध लगाना आसान हो जाता है। उनके अनुसार दो ही तरीके हैं या तो हर इंसान को जागरूक किया जाए और कपड़े के थैले प्रयोग करने पर बल दे वही पोलीथिन निर्माता कंपनी को ही बंद किया जाए।
फोटो कैप्शन: राजेंद्र सिंह, महेंद्र शर्मा, भीम सिंह, कुलदीप
मुसीबत बन गये हैं सड़क मार्ग
-सूखे में धूल के गुबार तो वर्षा के बाद वाहन जाम
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कनीना की आवाज। कनीना कस्बे के विभिन्न सड़क मार्ग से आवागमन करने वाले लोग पिछले 2 सालों से भारी परेशानियां झेलते हुए अनेकों दुर्घटनाओं के शिकार लोग हो चुके हैं। कितने ही आंदोलन हुये, ज्ञापन दिए गए परंतु परिणाम जस का तस रहा।
यह सड़के जब बारिश होती है तो गड्ढों में बदल तब्दील हो जाते है जबकि सूख जाते हैं तो धूल का गुबार उठता है। सड़कों से गुजरना किसी पहाड़ी क्षेत्र से गुजरने से कम नहीं है। बार-बार आश्वासन मिलते रहे हैं। कभी लोग विधायक को कोसते हें तो कभी नगरपालिका प्रशासक को। बार-बार यही यही उत्तर मिलता है कि अब टेंडर छोड़ दिए गए हैं किंतु न जाने कितने दिन बाद काम शुरू हो पाएगा। क्षेत्र का तो लगता है भगवान ही रखवाला है। सड़कों पर चलना आसान कार्य नहीं है।
क्या कहते हैं लोग-
गौरी शंकर मित्तल का कहना है कि सड़क मार्ग सभी की सुविधा होते है किंतु कनीना बस स्टैंड समक्ष गुजरने वाली भडफ़ा से लेकर उन्हाणी तक सड़क मार्ग आती जर्जर हो चुकी है। इस सड़क मार्ग से गुजरना निश्चित रूप से बहुत बड़ा खतरा होता है, जोखिमभरा होता है। कितने ही दुपहिया वाहन चालक बार-बार गड्ढे में गिर जाते हैं। वर्षा होने पर कितने ही वाहन यहां जाम हो जाते हैं परंतु मन मसोस रह जाते हैं और यह कहने से नहीं चूकते कि देश का सबसे बदहाल कस्बा होगा?
दीनदयाल कनीना का कहना है कि उन्हें रोजाना कनीना मंडी सड़क मार्ग से गुजरना होता है या फिर पुलिस थाने के साथ अटेली मार्ग को जोडऩे वाले मार्ग से गुजर ना होता है किंतु दोनों ही मार्ग नरक के मार्ग बने हुए हैं। कहीं कोई 1 इंच जगह भी नहीं जहां गड्ढे न हो। इन पर चलना खतरे से खाली नहीं है। बार-बार इनके लिए आश्वासन मिलते रहे हैं परंतु भगवान ही कभी उतर कर आएगा तो शायद सड़के बन पाएंगी?
धर्मवीर फौजी का कहना है कि कनीना के सभी अंदरूनी मार्ग, कनीना मंडी नहर के साथ गुजरने वाला मार्ग, बस स्टैंड समक्ष गुजरने वाला मार्ग तथा कोसली, महेंद्रगढ़, अटेली एवं नारनौल को जोडऩे वाले मार्ग बेहद खराब हो गये हैं। इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। सूखने पर गुबार उड़ते हैं तो वर्षा होने पर नदी से गुजरने के समान होता है। किससे शिकायत करें कोई उनकी शिकायत सुनने वाला नहीं है?
क्या कहते हैं अधिकारी-
पीडब्ल्यूडी बी एंड आर एक्षन अश्विनी कुमार ने बताया कि जितना हो सके सड़कों को चलने योग्य बना रहे हैं। इनके टेंडर छोड़ दिए गए हैं तथा सड़के जल्द ही निर्मित हो जाएंगी।
आरकेवाइ स्कूल ने शूटिंग के क्षेत्र में एक बार फिर रचा इतिहास
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कनीना की आवाज। आरकेवाइ स्कूल के विद्यार्थियों ने आठवीं शूटिंग हरियाणा स्टेट चैंपियनशिप में क्वालीफाई कर विजयी परचम लहराया। यह चैंपियनशिप 16 जून से 23 जून 2023 तक दिल्ली तुगलकाबाद में आयोजित हुई, इसमें 12वीं कला संकाय के विद्यार्थी जतिन ने 400 में से 356 अंक, जसवीर ने 400 में से 332 अंक, जतिन पुत्र श्री राम मेहर ने 341 अंक हासिल करके नॉर्थ जोन में होने वाली सितंबर 2023 प्रतियोगिता का हिस्सा बनेंगे। इस प्रतियोगिता के बाद नेशनल खेलों में खेलने के भागीदार बनेंगे । बच्चों की इस उपलब्धि पर विशेष तौर पर स्कूल संचालक सुरेश कुमार ,राजकुमार यादव और प्राचार्या सत्येन्द्रा यादव ने बच्चों की कड़ी मेहनत व पूरी लगन की भरपूर सराहना की है। संचालक सुरेश कुमार ने विजयी खिलाडिय़ों को सम्मानित करते हुए उनको भविष्य में इसी तरह आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया। सुरेश कुमार यादव ने शूटिंग कोच श्री हेमंत कुमार की बच्चों के साथ कि गयी मेहनत की भी भूरी-भूरी प्रसंशा की । प्राचार्या जी ने बच्चों को खेलों के महत्व से अवगत कराया और कोच हेमंत सिंह को बधाई दी । इस अवसर पर मुख्याध्यापक सतीश कौशिक,शक्षणिक प्रमुख नरेंद्र यादव तथा सभी अध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
कैमला गांव में कपास नष्ट, मुआवजा दे सरकार
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कनीना की आवाज। गत दिनों हुई बरसात से कनीना उपमंडल के गांव कैमला की सैकड़ों एकड़ जमीन में जल-भराव के कारण कपास तथा बाजरा की फसल बिल्कुल नष्ट हो गई है। जल भराव के कारण कैमला गांव की सैकड़ों एकड़ जमीन में बोई कपास तथा बाजरे की फसल पूर्णतय: नष्ट हो गई है। अब भी खेतों में एक-एक फुट पानी खड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रभावित किसान प्रशासन तथा बैंकों से गुहार लगा चुके हैं परन्तु अब तक नष्ट हुई फसलों का सर्वे नहीं करवाया है। नुकसान के कारण किसान दुखी हैं तथा सरकार तथा प्रशासन की उदासीनता को लेकर उनमें रोष व्याप्त है। उन्होंने राज्य सरकार, जिला उपायुक्त तथा उपमंडल अधिकारी (ना.) कनीना से तत्काल जलभराव फसलों का सर्वे करवाकर प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार ने दो दिन के अंदर सर्वे नहीं किया तो किसान उपमंडल अधिकारी (ना.) कनीना के कार्यालय पर धरना देंगे। उन्होंने प्रभावित किसानों को भरोसा दिया कि आज ही जिला उपायुक्त तथा उपमंडल अधिकारी को ज्ञापन भेजकर किसानों की समस्या उनके संज्ञान में लाएंगे तथा प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग करेंगे। इस अवसर पर पूर्ण सिंह, गिरवर सिंह, जितेन्द्र सिंह, पूर्व सरपंच राजू, धर्मपाल, शिवकुमार, रामौतार, देवेन्द्र, कैलाश सेठ आदि अनेक ग्रामीण मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 10: जल भराव से फसलों में हुए नुकसान का जायजा लेते बसपा नेता
गर्मी और उमस में
113वें दिन जारी रहा धरना
-कट की मांग को लेकर जारी है अनिश्चितकालीन धरना
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर बाघोत -सेहलंग गांव के बीच कट बनवाने के लिए चल रहे धरने की अध्यक्षता दाताराम बाघोत ने की।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष चेयरमैन विजय सिंह न्योताना ने बताया कि धरने को चलते आज 113 दिन हो गए हैं। गर्मी के कारण लोग परेशान हैं, बचाव के लिए कूलर और पंखों का बंदोबस्त किया गया है। धरने पर बैठे लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहे उसके लिए सभी बंदोबस्त किए हुए हैं।
संघर्ष समिति के सदस्य वेद प्रकाश सेहलंग ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग गांव के बीच कट के लिए सरकार के द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। धरने पर बैठे लोग गर्मी से मर रहे हैं। इनकी परेशानी को देखते हुए सरकार को 152-डी पर बाघोत -सेहलंग गांव के बीच कट बनाने का काम शुरू कर देना चाहिए।
संघर्ष समिति के सदस्य नरेंद्र शास्त्री छिथरौली ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत-सेहलंग गांव के बीच कट बनने से जो लोग नेशनल हाइवे की ग्रिल को क्रॉस करके उतरते और चढ़ते हैं,यह कानूनी रूप से गलत है। किसी भी व्यक्ति को चोट लग सकती है। राष्ट्र्रीय राजमार्ग 152स्र पर सरकार कट बना देती है तो इस परेशानी से छुटकारा मिल सकता है।
इस मौके पर हेमराज साहब, धर्मवीर, सुरेंद्र, बाबूलाल, मास्टर धर्मपाल सिंह, कृष्ण प्रधान, पहलवान धर्मपाल, प्यारेलाल, सुधीर, मास्टर विजय पाल, सूबेदार भोले राम , राम सिंह प्रधान, पहलवान रणधीर सिंह, सरपंच बलवान सिंह, सरपंच विकास, सरपंच वीरपाल, सरपंच हरि ओम सरपंच एसोसिएशन के प्रधान, एडवोकेट केपी यादव, सतपाल चेयरमैन, महावीर पहलवान,सत्य प्रकाश, हंस कुमार व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 08: कट के लिए धरने पर बैठे लोग।
विधायक सीताराम यादव ने कनीना उप-मंडल के गांवों की सुनी जन समस्याएं
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कनीना की आवाज। सोमवार हलका अटेली विधायक सीताराम यादव ने पंचायत समिति कार्यालय चेयरमैन कनीना में जनसाधारण की समस्या सुनने के लिए दरबार लगाया। जिसमें कनीना उप-मंडल के विभिन्न गांवो की जन समस्याएं दरबार में बारी बारी से सुनी। इस दौरान उनके साथ एसडीएम सुरेंद्र सिंह सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी साथ रहे। विधायक सीताराम यादव ने बताया कि जनता दरबार में परिवार पहचान पत्र, इंतकाल, गांवों की कुछ समस्याएं आई थी जिनके लिए संबंधित अधिकारियों को मौके पर बोलकर उनका समाधान करवाने के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के दिशानिर्देशों के अनुसार हर सोमवार को जनता दरबार लगाया जा रहा है। पिछले महीने में कुछ आवश्यक कार्य होने के कारण एक दो सोमवार को यह दरबार नहीं लगाया गया। उन्होंने कहा कि जनता दरबार में आ रही सभी समस्याओं का निपटारा मौके पर ही करवाने की कोशिश की जाती है। लेकिन कुछ समस्याएं ऐसी होती हैं जिनका समाधान होने में लगता है। जनता दरबार में विभिन्न गांव से आए हुए ग्रामीणों से विधायक सीताराम यादव ने पौधारोपण करने के बारे में अपील की।
फोटो कैप्शन 09: विधायक सीताराम यादव आमजन की समस्याएं सुनते हुए।
मुसीबत बन गये हैं सड़क मार्ग
-सूखे में धूल के गुबार तो वर्षा के बाद वाहन जाम
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कनीना की आवाज। कनीना कस्बे के विभिन्न सड़क मार्ग से आवागमन करने वाले लोग पिछले 2 सालों से भारी परेशानियां झेलते हुए अनेकों दुर्घटनाओं के शिकार लोग हो चुके हैं। कितने ही आंदोलन हुये, ज्ञापन दिए गए परंतु परिणाम जस का तस रहा।
यह सड़के जब बारिश होती है तो गड्ढों में बदल तब्दील हो जाते है जबकि सूख जाते हैं तो धूल का गुबार उठता है। सड़कों से गुजरना किसी पहाड़ी क्षेत्र से गुजरने से कम नहीं है। बार-बार आश्वासन मिलते रहे हैं। कभी लोग विधायक को कोसते हें तो कभी नगरपालिका प्रशासक को। बार-बार यही यही उत्तर मिलता है कि अब टेंडर छोड़ दिए गए हैं किंतु न जाने कितने दिन बाद काम शुरू हो पाएगा। क्षेत्र का तो लगता है भगवान ही रखवाला है। सड़कों पर चलना आसान कार्य नहीं है।
क्या कहते हैं लोग-
गौरी शंकर मित्तल का कहना है कि सड़क मार्ग सभी की सुविधा होते है किंतु कनीना बस स्टैंड समक्ष गुजरने वाली भडफ़ा से लेकर उन्हाणी तक सड़क मार्ग आती जर्जर हो चुकी है। इस सड़क मार्ग से गुजरना निश्चित रूप से बहुत बड़ा खतरा होता है, जोखिमभरा होता है। कितने ही दुपहिया वाहन चालक बार-बार गड्ढे में गिर जाते हैं। वर्षा होने पर कितने ही वाहन यहां जाम हो जाते हैं परंतु मन मसोस रह जाते हैं और यह कहने से नहीं चूकते कि देश का सबसे बदहाल कस्बा होगा?
दीनदयाल कनीना का कहना है कि उन्हें रोजाना कनीना मंडी सड़क मार्ग से गुजरना होता है या फिर पुलिस थाने के साथ अटेली मार्ग को जोडऩे वाले मार्ग से गुजर ना होता है किंतु दोनों ही मार्ग नरक के मार्ग बने हुए हैं। कहीं कोई 1 इंच जगह भी नहीं जहां गड्ढे न हो। इन पर चलना खतरे से खाली नहीं है। बार-बार इनके लिए आश्वासन मिलते रहे हैं परंतु भगवान ही कभी उतर कर आएगा तो शायद सड़के बन पाएंगी?
धर्मवीर फौजी का कहना है कि कनीना के सभी अंदरूनी मार्ग, कनीना मंडी नहर के साथ गुजरने वाला मार्ग, बस स्टैंड समक्ष गुजरने वाला मार्ग तथा कोसली, महेंद्रगढ़, अटेली एवं नारनौल को जोडऩे वाले मार्ग बेहद खराब हो गये हैं। इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। सूखने पर गुबार उड़ते हैं तो वर्षा होने पर नदी से गुजरने के समान होता है। किससे शिकायत करें कोई उनकी शिकायत सुनने वाला नहीं है?
क्या कहते हैं अधिकारी-
पीडब्ल्यूडी बी एंड आर एक्षन अश्विनी कुमार ने बताया कि जितना हो सके सड़कों को चलने योग्य बना रहे हैं। इनके टेंडर छोड़ दिए गए हैं तथा सड़के जल्द ही निर्मित हो जाएंगी।
फोटो कैप्शन 7 व 8: बउदहाल सड़कें
09: सूखने पर उठते हुए गुबार
10: पानी भरने पर हुये वाहन जाम फाइल फोटो
साथ में दीनदयाल, धर्मवीर एवं गौरी शंकर
पालिका चुनाव अभी नहीे होने की संभावना
-2024 में है संभावना
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कनीना की आवाज। कनीना पालिका के चुनाव वर्ष 2024 में होने की संभावना से जिस कद्र उत्साह चुनाव लडऩे वालों में देखने को मिल रहा था वो ढ़ीला पडऩे लगा है। चुनाव तिथि भविष्य के गर्भ में हैं पर चुनाव लडऩे वाले जल्दी चुनाव चाहते हैं।
चुनाव लडऩा चाहने वाले लोग किसी प्रकार पीछे हटने वाले नहीं। यदि प्रधान पद के लिए उनके परिवार से वो स्वयं या परिवार से महिला आदि चुनाव लड़ सकते हैं। क्योंकि प्रधान की शक्ति इस बार अधिक हो गई है, उसका चुनाव सीधा होने की वजह से उसे पार्षदों का काम कम हो गया है। भविष्य में प्रधान बनने के बाद किसी प्रस्ताव को पारित करते समय इन पार्षदों की जरूरत हो सकती है। ऐसे में बड़ा और सशक्त पद प्रधान का बना दिया गया है जिसको लेकर के दर्जनों लोग तैयार हैं। यह सत्य है कि चुनाव लडऩे वाले अब अपनी मां, बहन, बेटी या पत्नी को चुनाव लड़ा सकते हैं, स्वयं भी पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे के लिए तैयार हो रहे हैं। कनीना के पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे वाले महेश बोहरा एक है। उनके पिता राव सत्यवीर बोहरा भी पार्षद रह चुके हैं। अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए पार्षद पद के चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं क्योंकि उन्होंने तो कभी से ही पार्षद पद के की घोषणा की है और पालिका प्रधान बनने की इच्छा नहीं रही की? विजय चेयरमैन भी पार्षद पद के चुनावों के लिए तैयार हैं। बहरहाल अभी चुनाव होते नजर नहीं आ रहे हैं।
कनीना नगर पालिका चुनावों पर टिकी हैं नजरें---
कनीना पालिका 1952 से चली आ रही है। कनीना नगर पालिका के समय-समय पर अनेक प्रधान रह चुके हैं। सबसे अधिक समय तक पूर्व प्रधान मा. दलीप सिंह एवं उनके पिता स्व. चौ. बलबीर सिंह पालिका में प्रधान रह चुके हैं।
इस बार पालिका प्रधान के चुनाव सीधे होने हैं। अब तक पालिका प्रधान बनते आए वह किसी के रहमों करम पर होते थे या पार्षदों पर निर्भर रहे हैं। सभी की नजरें चुनाव पर टिकी हुई है।
चुनाव लडऩे के दावेदार-
अभी तक पार्षद के चुनाव के लिए
1. महेश बोहरा दावेदारी जता रहे हैं। उधर
2. वार्ड चार से योगेश कुमार
3. वार्ड एक से विजय चेयरमैन चुनाव लड़ेंगे। इस बार चेयरमैन पद का चुनाव डायरेक्ट होगा। जिसके चलते इस बार चेयरमैन पद के लिए अधिक लोग तैयारी में जुटे हुए हैं।
प्रधान पद के लिए दावेदार--
1.कनीना के सज्जन सिंह बोहरा
2. कनीना के वर्तमान चेयरमैन सतीश जेलदार के पुत्र प्रीतम जोनू
3. मनोज कुमार रोहिल्ला वरिष्ठ पत्रकार
4. कनीना के वार्ड 12 का निवासी अमित नंबरदार
5. वार्ड 3 के निवासी राज सिंह
6. पूर्व प्रधान मा. दिलीप सिंह या उनके पुत्र दीपक चौधरी
7. पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा
8. एडवोकेट विनय यादव, एडवोकेट पंकज यादव, वर्तमान में
9. उप प्रधान पद पर आसीन अशोक ठेकेदार, मनीष पार्षद
10. सुमेर सिंह मैनेजर
घट गई हैं चुनावी चर्चाएं ---
दुकान हो या कोई चाय की दुकान, चुनावी चर्चा मिलने लगी थी वो अब गायब हो गई हैं। रातोंरात पार्षद और प्रधान पद के दावेदार ढूंढे जा रहे हैं। क्योंकि बहुत से लोग तो चुनाव तो लडऩा चाहते हैं ऐसे में चुनाव लडऩे वाले अंदर खाते मतदाताओं के मन को टटोल रहे हैं।
समय लग सकता है चुनाव होने में-
नगर पालिका के चुनाव लडऩे वाले अंदर खाते मतदाताओं के मन को टटोल रहे हैं। यदि मतदाता उनको अच्छा रिस्पांस देते हैं तो भी अपने उम्मीदवारी पक्की समझ रहे हैं। अभी से ही मतदाताओं से वोट देने की हां या ना करवा रहे हैं। चुनावों में लग सकता है समय। ऐसे भी कहते सुने हैं कि मेरे लिए प्रधान पद के वोट दिलवा दो मैं तुम्हें पार्षद या तुम्हारे द्वारा अनुमोदित पार्षद को अपने क्षेत्र के वोट दिलवा दूंगा। 14 वार्डों में 14 पार्षद चुने जाने है लेकिन कुछ वार्डों में चुनाव लडऩे वाले मौन नजर आ रहे हैं।
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