Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Sunday, July 30, 2023

 
सोमवार को होगी शिवालयों में भीड़
-सावन का होगा चौथा सोमवार
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कनीना की आवाज। सोमवार को फिर से शिवालयों में भीड़ बढ़ेगी क्योंकि यह सावन माह का चौथा सोमवार होगा। हर सोमवार को जहां विभिन्न शिवालयों विशेषकर बाघोत स्थित बाघेश्वर धाम पर भारी भीड़ जुटती है। सुबह से ही महिला और पुरुषों का तांता लग जाता है जो स्वयंभू शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करते हैं लेकिन इस बार 2 सावन माह होने के कारण आठ सोमवार आएंगे। यह चौथा सोमवार होगा।
 विस्तृत जानकारी देते हुए पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया किस बार मलमास सावन अधिक होने के कारण चौथा सोमवार 31 जुलाई को पड़ेगा। सोमवार का व्रत करने वालों के लिए इसी माह से व्रत शुरू करना चाहिए।
इस माह की बात सुरेंद्र शर्मा से की तो उन्होंने कहा कि सावन में अपने आप में पवित्र माह रहता है। शिवालयों में भारी भीड़ मिलती है तथा इस माह में शिव भोले को प्रतिदिन याद करना चाहिए। वही सभी कष्टों को दूर करते हैं।






धनौंदा के सैनिक के घर चोरी
- हजारों के आभूषण ले उड़े अज्ञात चोर
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव धनौंदा के आर्मी में कार्यरत एक सैनिक के घर अज्ञात चोर हजारों के जेवरात चोरी कर ले गए। थाना शहर कनीना में आर्मी में कार्यरत कंवर सिंह ने मामला दर्ज करवाया है।
कंवर सिंह ने कहा है कि वर्तमान में वह आर्मी में कार्यरत है तथा  तैनाती दिल्ली में है। बच्चे भी साथ रहते हैं। धनौंदा घर को ताला लगा हुआ था, कोई घर पर नहीं था। 28 जुलाई की रात को पड़ोसियों में सूचना दी कि घर में चोरी हो गई और बताया कि उन्होंने पुलिस को सूचित कर दिया है। पुलिस मौके पर पहुंची। अब कंवर सिंह  परिवार सहित अपने घर धनौंदा पहुंचा, सामान चेक किया तो पाया कि सारा सामान इधर-उधर पड़ा है। गोदरेज की अलमारी से सोने एवं चांदी के जेवरात गायब मिले। उन्होंने बताया कि 3 अंगूठी, एक चेन सोने की, शादी के समय के रखे हुए आभूषण जिनमें 2 जोड़ी पायल, तागड़ी, चुटकियां, चांदी के सिक्के ,छोटे बच्चे के चांद पातड़ी, हाथों के कंगन आदि चोरी हो गए। उन्होंने कनीना पुलिस में अज्ञात चोरों से जेवर बरामद करने की गुहार लगाई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
फोटो कैप्शन 08: अलमारी से चोरी जेवरात का नजर।





धनौंदा में महाराजा दक्ष प्रजापति जयंती समारोह का हुआ आयोजन
-दस गांवों के ग्रामीण हुए सम्मलित
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कनीना की आवाज। उप-मंडल के कनीना के गांव धनौंदा में रविवार  को महाराजा दक्ष प्रजापति जयंती समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें 10 गांवों के ग्रामीण शामिल हुए। इस समारोह का आयोजन शेड शीतला माता मंदिर व दक्ष प्रजापति धर्मशाला समिति धनौंदा रजि. द्वारा किया किया।  जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में वर्तमान सरपंच आशीष  प्रजापति नेहरुगढ़ , विशिष्ट अतिथि सरपंच अभय प्रजापति खेड़ी रेवाड़ी, सरपंच राकेश प्रजापति गढ़ी , प्रधान हवा सिंह प्रजापति कोटिया रहे।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए बाहर से आए अतिथिगणों ने महाराजा दक्ष प्रजापति के जीवन के बारे में प्रकाश डालते हुए अपने विचार व्यक्त किए व समाज को जागरूक किया।
प्रधान हवा सिंह कोटिया ने समाज में फैल रही बुराईयों को दूर करने के बारे में समाज को जागरूक किया। उन्होंने समाज के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए व समाज का हर प्रकार से सहयोग देने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से समाज के बुजुर्गो द्वारा मुख्य अतिथि को पगड़ी पहनाकर व मोमेंटो देकर सम्मानित किया व 2023 में जारी किए गए 10वी, 12वी, ग्रेजुएशन कक्षा के रिजल्ट में अव्वल छात्र छात्राओं को मेधावी छात्र सम्मान से सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में प्रधान आरडी प्रजापति, सचिव सुरेश प्रजापति, कोषाध्यक्ष राजू प्रजापति, सदस्य पवन प्रजापति, अमित कुमार प्रजापति, हरचंदा हलवाई, सुभाष लाइनमैन, राजेश पंच, बसंत कुमार, रामपाल प्रजापति, बिसंभर प्रजापति , धर्मचंद प्रजापति, राजेंद्र सिंह ठेकेदार,  गंगाराम प्रजापति, ,
अभिषेक, नवीन, राकेश, प्रदीप, रवि, विशाल, सोनू,चिन्टू प्रियंका सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 07: दक्ष प्रजापति बैठक धनौंदा में उपस्थित जन।





दक्षिण हरियाणा में श्रीअन्न का भंडार
-बाजरे का समर्थन मूल्य गेहूं से भी अधिक
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कनीना की आवाज। वर्ष 2023 में जहां वित्त वर्ष बजट में मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए श्रीअन्न योजना की शुरुआत हुई है वहीं दक्षिण हरियाणा मोटे अनाज का भंडार है। अंग्रेजी में जिसे मिलेट कहा गया है जलवायु सहिष्णु उत्पाद होता है। श्री ज्ञान में जहां ज्वार, बाजरा, कुट्टू आदि कई अन्नों को शामिल किया गया है। ज्वार और बाजरा दक्षिण हरियाणा के खरीफ उत्पाद हैं जो पोषक तत्वों से भरपूर हैं। 2023 को श्रीअन्न इंटरनेशनल इयर के रूप में घोषित किया है। बाजरा एवं ज्वार दक्षिण हरियाणा अधिक पैदावार देता है। इसका समर्थन मूल्य गेहूं से अधिक है।
दक्षिण हरियाणा श्रीअन्न का भंडार है उसके विषय में जानकारी देते हुए पूर्व कृषि अधिकारी डॉ देवराज बताते हैं कि बाजरा जलवायु सहिष्णु होता है आसानी से दक्षिण हरियाणा की जलवायु को सहन कर सकता है। कम उर्वरा शक्ति वाले खेत में भी अच्छी पैदावार देता इसलिए किसान का दोस्त कहा जाता है। कम मेहनत में अधिक पैदावार देता है और पोषक तत्वों का भंडार है जो कुपोषण को दूर करने का एकमात्र उपाय है। श्रीअन्न में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम लोहा, मैग्नीज, फास्फोरस, पोटाशियम और विटामिन बी-कंपलेक्स पर्याप्त मात्रा में मिलते हैं। इन्हीं तत्वों की कमी कुपोषण का कारण बनती है। इसलिए कुपोषण के शिकार लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है और कुपोषण की समस्या से निजात पाया जा सकता है। श्रीअन्न में ग्लूटन नहीं पाया जाता वही वहीं प्रोटीन और फाइबर पोषक तत्व अधिक मिलने से। इसलिए यह मधुमेह उच्च, रक्तचाप एवं कैंसर जैसे रोगों से भी बचाता है। वही मोटापा कम करने का कारण बनता है।
श्रीअन्न से अनेक फायदे हैं। जहां मोटे अनाजों की मांग पर्याप्त बढ़ती जा रही है जिससे किसानों की आय वृद्धि हो सकती है। अब तो श्रीअन्न से संबंधित विभिन्न उत्पाद भी बनाए जाने लगे हैं जैसे करीरा गांव में भी बाजरे से अनेक पदार्थ बनाये जा रहे हैं जो लघु उद्योग और स्वयं रोजगार को बढ़ावा देता है।
2500 रुपये क्विंटल है एमएसपी-
 कनीना मंडी के व्यापार मंडल प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष रविंद्र बंसल ने बताया कि इस बार बाजरे का एमएसपी 2500 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है जो गेहूं से भी बेहतर भाव रखा है। गेहूं का एमएसपी 2125 रुपये प्रति क्विंटल है। इससे मोटे अन्न के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा की जा रही है ताकि अधिक से अधिक प्रयोग करें और रोगों से बच सके।
उधर उधर करीरा के बालकिशन और श्रीकिशन वैद्य बताते कि मोटे खाने से शरीर में रोग रोधक क्षमता बढ़ जाती है। गेहूं का परंपरागत तरीके से प्रयोग करते आ रहे हैं उनमें रोग बढ़ जाते हैं। इसलिए गेहूं को छोड़कर मोटे उनका उपयोग किया जाए तो ज्यादा बेहतर होगा।
उधर आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर बाघोत शशी मोरवाल ने बताया कि बाजरा और ज्वार दोनों ही मोटे अन्न में शामिल किए गए हैं। जहां ज्वार अन्न हल्का होता है वही बाजरे में लोहे/आयरन की मात्रा अधिक होती है। इनमें ग्लूटेन नहीं होता। ग्लूटेन फ्री आटा बनाने के लिए उन्होंने कई अनाजों को शामिल करके प्रयोग करने की बात कही। उन्होंने बाजरा, ज्वार, सोयाबीन आदि मिलाकर आटा बनाकर प्रयोग करने की सलाह दी जो शरीर के लिए बहुत अधिक लाभप्रद होगा। उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों को ग्लूटन नुकसान पहुंचाता है उनके लिए श्रीअन्न बहुत लाभप्रद हैं।
क्या कहते किसान-
 उधर किसान योगेश कुमार, अजीत कुमार, रोहित कुमार आदि से संबंध में चर्चा हुई उन्होंने बताया कि श्रीअन्न पैदा करने में अधिक मेहनत की जरूरत नहीं होती, जल्दी पैदावार दे देता है। इसलिए इस अनाज का आसानी से पैदावार करके बाजार में बेचा जा सकता है। उन्होंने बताया गेहूं के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है परंतु बाजरा ज्वार के लिए कम मेहनत से काम चल जाता है और बाजार में भाव भी सरकार अच्छे दे रही है। ऐसे में उन्होंने कहा कि श्रीअन्न पर अधिक ध्यान देने की बात कही।  
उधर कृषि विकास अधिकारी मनोज कुमार बताते हें कि बाजरा 90 दिनों की फसल है जबकि गेहूं 150 दिनों की फसल है। भाव बाजरे के बेहतर हैं वहीं खाद डालने की जरूरत कम पड़ती है वहीं भाव बाजरे के अधिक हैं, शरीर के लिए अधिक लाभप्रद हैं ऐसे में श्रीअन्न की पैदावार लेनी चाहिए।
फोटो कैप्शन 05 एवं 06:श्रीअन्न बाजरे की फसल।
साथ में किसान अजीत, राजेंद्र, महिपाल,वैद्य बालकिशन व श्रीकिशन, पूर्व कृषि अधिकारी डा देवराज, आयुर्वेदिक डाक्टर शशी मोरवाल।





नींबू एवं टमाटर का विकल्प बना है कचरी
-टमाटर हैं 150 रुपये किलो जबकि कचरी 50 रुपये किलो
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कनीना की आवाज।  किसानों के यहां खरीफ मौसम में कचरी व चौलाई जैसी खरपतवार पर्याप्त होती है जो किसानों के लिए उपहार बनकर आई है। कचरी से गरीब तबके के लोग अपनी रोटी रोजी कमा लेते हैं।
  कचरी को किसान कभी नहीं उगाता अपितु खेतों में अपने आप उग जाता है और भारी मात्रा में फल लगते हैं। ये फल पकने पर बेल से अलग हो जाती हैं। खरीफ फसल दौरान कचरी अपने आप पैदा होती है जिसे किसान सूखाकर या फिर बगैर सूखाए ही काम में लेते हैं। बाजार में कचरी की भारी मांग है और यह 50 रुपये किलो के हिसाब से बिकती हैं। यही कारण है कि कुछ गरीब तबके के लोग खेतों एवं नहरों आदि के किनारे से कचरी तोड़कर लाते हैं और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जमकर बेचते हैं।
     यूं तो किसानों के लिए कचरी एक खरपतवार है किंतु टमाटर का विकल्प कचरी ही है। आज के दिन जब टमाटर 150 रुपये किलो तो नींबू 160 रुपये किलो चल रहा है दोनो का विकल्प कचरी अधिकतम 50 रुपये किलो मिल जाती हैं।  किसानों के खेतों में स्वयं पैदा होने वाली कचरी की तरफ किसानों का रुझान बढ़ रहा है। किसान अब इसे बाजार में बेचने लगे हैं और खरीदने वालों की संख्या भी कम नहीं है। अंग्रेजी दवाओं से परेशान मरीज भी देशी फल एवं सब्जियों का सहारा लेने लगे हैं जिनमें कचरी भी एक है। बिना खाद व पीड़कनाशी के ये फल लगने के कारण टमाटर व निम्बू का विकल्प बनता जा रहा है।
    किसान कृष्ण कुमार, सूबे सिंह व रमेश कुमार ने बताया कि उनके खेतों में बगैर उगाए ही भारी संख्या में कचरी पैदा हो जाती है जिसे लेने के लिए दूर दराज से लोग आते हैं विशेषकर वे लोग  
जो बाजार की कीटनाशी व उर्वरकों से परिपूर्ण सब्जियों को खाकर तंग आ चुके हैं। इस फल को वे चाव से कच्चा तो खाते ही साथ में सब्जी के रूप में भी जायका बढ़ाते हैं। ग्रामीण महिला लाली, संतरा व कमला ने बताया कि वे कचरी को कई प्रकार की सब्जियों में डालते हैं और सब्जियों का जायका बढ़ाती हैं। जब अधिक मात्रा में कचरी पैदा होती है तो उनका उपयोग सूखाकर किया जाता है। इन फलों को काटकर धूप में सूखा लिया जाता है तथा समयानुसार उन्हें विभिन्न सब्जियों के बनाने में उपयोग किया जाता है।
 इस वक्त कचरी का उत्पादन शुरू हो गया है जो एक माह तक चलता रहता है। जब किसान खेत से बाजरे की फसल की कटाई करने लगते हैं तो उनके सामने कचरी भारी मात्रा में आती हैं जिन्हें ग्रामीण इक_ïी करके घरों में लेन-देन में प्रयोग करते हैं। कचरी की गुणवत्ता को देखते हुए अब तो होटलों में भी कचरी को प्रयोग होने लगा है।
 क्या कहते हैं किसान-
सब्जी विक्रेताओं रमेश, नरेश एवं कृष्ण कुमार ने बताया कि उनकी दुकानों पर कचरी की मांग है किंतु किसान अपने खेतों से कचरी तोड़कर ला रहे हैं। कचरी का स्वाद भी बेहतर है और टमाटर का विकल्प भी बन रहा है। मजबूरी भी ऐसा करवा रही है।
गृहणियों आशा, अनीता, ध् शकुंतला आदि ने बताया कि टमाटर की जगह रसोईघर में अब कचरी आ गई है। इससे बजट भी नहीं डगमगा रहा है और स्वाद भी बेहतर बन रहा है।
क्या कहते हैं डाक्टर एवं वैद्य-
क्षेत्र के आयुर्वेद के जानकार वैद्य कालू करीरा, डाक्टर अजीत शर्मा फिजिशियन ने बताया कि कचरी में विटामिन-सी के अलावा कई अन्य विटामिन एवं खनिज लवण मिलते हैं। पेट के रोगों के लिए कचरी दवा का काम करती है और सब्जी को भी स्वादिष्ट बनाती है।
फोटो कैप्शन 03 एवं 04:खेतों में मिलने वाली कचरी।






गर्मी और उमस में 140वें दिन जारी रहा धरना
-ग्रामीण बैठे हैं अनिश्चितकालीन धरने पर, काम शुरू होने पर ही हटेंगे धरने से
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का धरना 140वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता मास्टर विजयपाल सेहलंग  ने की और बताया कट बनवाना हमारी जायज मांग है। सरकार को इस मामले पर जल्द संज्ञान लेकर आगे की कार्रवाई करनी चाहिए।
धरना कमेटी के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि आज धरने को 140 दिन हो गए  हैं। गर्मी और उमस में धरने पर बैठे लोगों में आक्रोश है, उन्हें बता दिया है कि यह आपकी तपस्या है और इस तपस्या का फल आपको अवश्य मिलेगा। समय लग सकता है लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर कट जरूर बनेगा। जब तक सरकार कट का काम शुरू नहीं करेगी तब तक हमारा धरना जारी रहेगा।
 डॉ शेखर गोयल बालाजी अस्पताल नौताना धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने विश्वास दिलाया कि आप का धरना बाघेश्वर धाम शिव नगरी में चल रहा है, बाबा शिव भोले आप की मांग को अवश्य पूरा करेंगे। मैं तन- मन-धन से संघर्ष समिति के साथ हूं।
 संघर्ष समिति के सदस्य पहलवान रणधीर सिंह बाघोत और पहलवान धर्मपाल सेहलंग ने बताया कि हमें सरकार पर पूरा भरोसा है जो आश्वासन दिया गया है उसके अनुसार यह कट बनेगा  लेकिन सरकार देरी कर रही है। लोगों की परेशानी और जरूरतों को देखते हुए सरकार को राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर कट का काम जल्द शुरू करना चाहिए।  
 संघर्ष समिति के सदस्य नरेंद्र शास्त्री छिथरोली ने बताया कि सरकार का नारा है कि सबका साथ -सबका विकास,जमीनी स्तर पर उल्टा काम हो रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत-सेहलंग के बीच कट बन जाता है तो हम बोल सकते हैं कि सबका साथ और सबका विकास की नीति बहुत अच्छी है। आज शहर में रहने वाला हर आदमी खुले वातावरण को पसंद करता है। कट बनने से लोग शहरों से ग्रामीण क्षेत्रों में आएंगे। लोगों के आने के बाद यहां पर जो काम होंगे जैसे उद्योग, शिक्षा,रोजगार अनेकों कार्य हैं जिनसे इलाके का रूप रंग बदल जाएगा।
इस मौके पर पप्पू नौताना, मातादीन पंच, ठेकेदार शेर सिंह, दाताराम, करतार सिंह,कर्मवीर खेड़ी,  धर्मवीर, हंस कुमार,राम भक्त, शेर सिंह, हेमराज साहब, सत्य प्रकाश,सीताराम, चेयरमैन सतपाल, कृष्ण प्रधान, दिलबाग गोस्वामी, रोशन लाल, सूबे सिंह,   बाबूलाल,मास्टर विजय सिंह  ,  वेद प्रकाश, प्यारेलाल,  कृष्ण कुमार पंच,  प्रधान राम सिंह, अशोक चौहान,  सुरेंद्र सिंह, विजय सिंह,हेमराज साहब, ओम, सतवीर व गणमान्य लोग मौजूद थे ।
फोटो कैप्शन 02: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण।





महिला गुम, स्वजनों ने गुमशुदगी का मामला करवाया दर्ज
-एक व्यक्ति पर उसे कहीं छुपाने का शक जाहिर किया
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कनीना की आवाज।। कनीना मंडल के एक गांव से विवाहिता रात को गुम हो गई। सुबह उठने पर स्वजनों ने गुम होने का पता चला। महिला के पति ने गुमशुदगी का मामला दर्ज करवा दिया है। कनीना सदर थाना में मामला दर्ज करवाते हुए गुम हुई महिला के पति ने कहा है कि 28 जुलाई की रात को के समय हम सब अपने घर पर सोए हुए थे। उस समय उसकी पत्नी कमरे में सोई जो सुबह उठकर देखा तो पत्नी घर पर नहीं मिली। आस-पड़ोस और रिश्तेदारी में पता किया किंतु कहीं कोई सुराग नहीं मिला। उसकी पत्नी अपने साथ सोने चांदी के आभूषण और 4.5 हजार से 5000 रुपये साथ लेकर चली गई। उन्होंने कुलदीप नामक व्यक्ति पर शक जाहिर किया हुआ है और कहा है कि उसने कही छुपाया हुआ है। महिला की तलाश करने की गुहार लगाई है।

































ताला लगे घर से हजारों रुपये की चोरी
-अज्ञात चोर आभूषण एवं नकदी ले उड़ा
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव छितरोली में ताला लगे घर से अज्ञात चोर आभूषण और नकदी चोरी कर ले गए। रामकुमार छितरोली निवासी ने पुलिस में अज्ञात चोरों के विरुद्ध चोरी का मामला दर्ज करवाया है।
 उन्होंने कहा कि वह जमीदारा करता है और उसका लड़का सुरेश कुमार अलग मकान में रहता है। सुरेश कुमार 24 जुलाई को अपने मकान को बंद करके, ताला लगाकर चाबी उसे देकर अपने बच्चों के पास सीकर चला गया। शाम के समय मकान में लाइट जलाने के लिए रोजाना रामकुमार जाता रहता था। 28 जुलाई की रात को जब मकान में लाइट जलाने गया तो गेट का ताला टूटा हुआ मिला। कमरे का ताला भी टूटा हुआ था, सामान बिखरा मिला। अपने लड़के सुरेश को फोन पर सूचित किया तो पता चला कि दो जोड़ी पाजेब चांदी के, दो सोने के टोपस एवं 5000 रुपये की नकदी चोरी हो गये।
 घटना 27/28 जुलाई की रात की है। अज्ञात चोर घर में घुसा है और सामान चोरी कर ले गया। उन्होंने अज्ञात चोरों को पकड़ने और सामान बरामद करने की गुहार लगाई है। इस पर कनीना पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत अज्ञात चोरों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
 फोटो कैप्शन 1 और 2: घर में हुई चोरी के बाद बिखरा पड़ा सामान।

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