Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Saturday, January 13, 2024


 रामोत्सव-एक मुट्ठी अन्न श्रीराम के नाम
--कनीना में बाबा भैया पर महिलाओं ने किया कलश स्थापित
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कनीना की आवाज। कनीना में बाबा भैया स्थल पर महिलाओं ने एक मुट्ठी अन्न श्रीराम के नाम के लिए विधि विधान से कलश स्थापित किया।  इस मौके पर बाबा भैया मंदिर में महिलाओं ने किया कलश स्थापित किया वहीं पुजारी डूंगरमल शर्मा ने विधि विधान से कलश का पूजन करवाया एवं मंत्रोच्चारण किया।  इस मौके पर विद्या देवी, रामकला, मंजीत, सुनीता, सरोज ,भगवती, संतोष, मूर्ति, सरला, सुशीला, संगीता, सनेहलता, शारदा लाली देवी, कांता, लीलावती, शर्मिला, सुनीता, सुमन,बीना, संतोष उषा देवी, महेंद्र, बबलू, कुलदीप, धोलिया एवं प्रधान दिनेश कुमार मौजूद रहे। सारा क्षेत्र श्रीराम के नारों से गूंज उठा। कनीना क्षेत्र में 22 जनवरी को दीपावली जैसा माहौल रहेगा। कनीना के खाटू श्याम मंदिर से श्रीराम की झांकी निकली जाएगी। छीथरोली सड़क मार्ग पर सत्यनारायण के कुएं पर भंडारा लगेगा।
दैनिक जागरण की मुहिम एक मुट्ठी अन्न श्रीराम के नाम पर महिलाओं में जोश देखने को मिला। एक मुट्ठी अन्न को आगे बढ़ते हुए सभी उपस्थित महिलाओं ने एक-एक मुट्ठी अन्न डालकर कहा कि यह मुहिम हम सभी मिलकर यूं ही आगे बढ़ती जाएंगी।
   महिला विद्या देवी, रामकला, मंजीत, सुनीता आदि ने कहा कि इस स्थल पर प्रतिदिन कार्यक्रम चलाए जाएंगे। उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर स्थापित हो चुका है। इसके लिए एक-एक मुट्ठी अन्न की सहभागिता सभी की होनी चाहिए तथा अपने-अपने घर से एक-एक मुट्ठी अनाज की डालकर अयोध्या स्थित श्रीराम मंदिर की खुशी मनाये। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए अति प्रसन्नता एवं गौरव का विषय है कि अयोध्या में श्रीराम का मंदिर स्थापित हो रहा है जिस पर देश के करोड़ों लोगों की आस्था टिकी हुई है। ऐसे में हम सभी का फर्ज बनता है कि इस प्रकार के कार्यक्रम में अपना जो भी संभव हो सहयोग दें।
 उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी भडफ़ के सरपंच महेंद्र सिंह ,गाहड़ा के सरपंच दारा सिंह, विजय नंबरदार, ककराला के सरपंच कृष्ण कुमार, इसराणा के सरपंच विजेंद्र सिंह, प्राचीन हनुमान मंदिर, नांगल हरनाथ के श्री श्याम मंदिर, कनीना के खाटू श्याम मंदिर,  कनीना शनिदेव मंदिर समक्ष, संत मोलउऩाथ आश्रम आदि ने अपने-अपने क्षेत्र में कलश स्थापित कर दिए हैं। वहीं संत मोलडऩाथ आश्रम सहित दस विभिन्न जगह कलश स्थापित हो चुके हैं। प्रतिदिन विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं जिसको लेकर के ग्रामीणों में और अब शहरी क्षेत्र में भी खुशी का माहौल है।
  इस मौके पर संत मोलडऩाथ आश्रम ट्रस्ट के प्रधान दिनेश कुमार ने कनीनावासियों से अपील की कि वे जितना अन्न एवं आटा आदि श्रीराम के नाम अयोध्या भिजवाना चाहते हैं वे मोलडऩाथ आश्रम पर पहुंचाये तथा अपना नाम भी लिखवाये।
 फोटो कैप्शन 01: कनीना के बाबा भैया पर कलश स्थापित करते हुए महिलाएं।




 

 

 

 

 

दूसरे दिन भी जमा पाला और बाद में पड़ी धुंध
-किसान मौसम के पल पल बदलने से हैं दुखी
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में मौसम लगातार बदल रहा है। शनिवार की सुबह सवेरे खेतों में सुबह पाला जमा बाद में धुंध पड़ी। शुक्रवार दिन भर चिलचिली धूप खिलने से दोपहर को धूप में बैठना कठिन हो गया और पसीने आने लगे थे। किसान मौसम में लगातार बदलाव के चलते फसलों का नुकसान होने की संभावना जता रहे है। जहां शुक्रवार को 8 दिनों के बाद तेज धूप निकली जिसके चलते धूप में बैठना भी कठिन हो गया और पसीने आने लगे जबकि सुबह सवेरे सरसों, गेहूं घास फूस, कड़बी आदि पर पाला जमा देखा गया। दूर दराज तक सफेद पर्त पाले की नजर आई। सरसों के पौधों पर भी सफेद पर्त जमा दिखाई दी, जिसको लेकर किसान चिंतित हैं। शनिवार को पहले तो पाला जमा फिर अचानक धुंध पडऩे लगी जो सघन होती चली गई। हर वर्ष 10 फरवरी तक पाला पड़ता है। इस बार जहां देर से धुंध और कोहरा पडऩे लगा वहीं आठ आठ दिन सूरज के दर्शन भी नहीं हुए। किसानों के माथे पर चिंता की रेखाएं स्पष्ट नजर आई जब खेतों में हर तरफ पाला ही पाला जमा नजर आया। वैसे भी विषम मौसम होने से कभी पाला,कभी तेज धूप के कारण फसलों पर कु-प्रभाव पड़ सकता है। कृषि विशेषज्ञ भी मानते हैं कि फसलों में लगातार पाला जमा तो नुकसान होगा। हर वर्ष किसान पाले से नुकसान झेलते आ रहे हैं।
 किसान सूबे सिंह, कृष्ण कुमार, सुरेश कुमार, रवि कुमार, दिनेश कुमार, महेश कुमार आदि ने बताया कि पाले ने उनकी चिंता बढ़ा दी है। पाला फसलों के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। किसान टकटकी लगाए मौसम पर नजर टिकाये हुए हैं। लगातार क्षेत्र में मौसम में परिवर्तन हो रहा है। जहां धूप न खिलने से फसल पीली पड़ गई थी और फसल को नुकसान हुआ था अब पाला जमने से फसल को नुकसान होने का अंदेशा बन गया है।
 उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में करीब 30,000 एकड़ पर फसल खड़ी हुई है जिसमें गेहूं और सरसों प्रमुख रूप से उगाई गई है। यदि पाला लगातार जमेगा तो फसलों को नुकसान होगा।  इस समय सरसों की फसल में फलियां आ रही है और फलियों में दाने कच्चे होने से नष्ट हो सकते हैं। वहीं गेहूं की फसल अभी बड़ी नहीं हुई है। ऐसे में जहां चिलचली धूप और पाला दोनों ही फसलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यदि तेज धूप चलती है अर्थात गर्मी पड़ती है तो भी नुकसानदायक है तथा पाला जमता है तो भी फसलों के लिए घातक साबित होगा।
फोटो कैप्शन 08: गेहूं की फसल पर जमा हुआ पाला
 07: कनीना में धुंध का नजारा।







रक्तदान शिविर छीथरोली में हुआ 51 यूनिट रक्त एकत्रित
-मंत्री जेपी दलाल पहुंचे मौके पर
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव छीथरोली में आयोजित बाबा धूनिगर खेल प्रतियोगिता एवं रक्तदान शिविर में  कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम मंदिर का उद्घाटन समारोह है। उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से ही व्रत रख रहे जो हमने पहली बार किसी प्रधानमंत्री को ऐसा करते हुए देखा है। आज भारतवर्ष का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। पूरा विश्व भारत की तरफ देख रहा है। ये विचार जेपी दलाल मंत्री ने व्यक्त किये।
 उन्होंने कहा कि दक्षिणी हरियाणा में जो फसलें होती है उसमें मुख्य फसल बाजरा है और बाजरे को प्रधानमंत्री ने पूरे विश्व में बाजरा खिलाने का काम किया है।  मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम किसानों के लिए अनेक योजनाएं ला रहे हैं जिसमें पशु बीमा योजना के तहत 100 रुपये में पशु का बीमा करते हैं प्रदेश में 200 पशु एंबुलेंस शुरू करने जा रहे हैं जिसमें सभी दवाई भी होंगी। आप टोल फ्री नंबर पर अपने पशु के बीमार होने की खबर देने पर 15 मिनट में आपके पास एंबुलेंस पहुंचेगी। हमारी सरकार ने बाजरा और सरसों का भाव भी बढ़ाया है। पत्रकारों ने पूछा कि राम मंदिर समारोह के लिए कांग्रेस को भी निमंत्रण दिया गया था लेकिन कांग्रेस ने वहां जाने से मना कर दिया इस पर आप क्या कहेंगे तो कहा कि अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर भारत वासियों की आस्था का केंद्र है। कांग्रेस के अंदर  कु-भावना आ गई है कि वह भगवान राम को भाजपा का मानने लग गई ह। भगवान राम का विरोध करने पर कांग्रेस को अपने खुद का ही नुकसान होगा।
इस दौरान  राजीव गांधी खेल स्टेडियम छितरोली में एक ब्लड डोनेशन कैंप का भी आयोजन किया गया जिसमें 51 यूनिट ब्लड  एकत्रित हुआ।
फोटो कैप्शन 04: छीथरोली में रक्तदान शिविर शुरू करते हुए मंत्री जेपी दलाल।







प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षण कार्यक्रम 14 को
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कनीना की आवाज। मकर संक्रांति के अवसर पर बाबा हेमादास गौशाला भोजावास में किसान क्लब महेंद्रगढ़ के तत्वाधान में प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। रबी फसलों के बारे में जानकारी एवं कृषि संबंधित अन्य जानकारियां भी दी जाएगी। इसमें सुरेश यादव मास्टर ट्रेनर प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षण देंगे।







कनीना में बनने वाली ई-लाइब्रेरी व सिटी थाने के लिए किया जगह का किया निरीक्षण
-एडीसी वैशाली सिंह पहुंची कनीना
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कनीना की आवाज।  एडीसी वैशाली सिंह ने कनीना शहर थाने के लिए जगह का निरीक्षण किया। साथ में नेताजी मेमोरियल पार्क में ई-लाइब्रेरी के लिए जगह का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ एसडीएम सुरेंद्र सिंह भी रहे।
एडीसी वैशाली सिंह ने नेताजी पार्क में बनने वाले ई-लाइब्रेरी के लिए जगह निरीक्षण करने के दौरान नगर पालिका के अधिकारियों को वहां पर सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि शहर में कहीं भी कोई गंदगी नजर नहीं आनी चाहिए। एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने कहा कि सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए नगर पालिका के  बेड़े में दो नए ट्रैक्टर और शामिल कर लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा लगातार सफाई अभियान पर कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही एडीसी वैशाली सिंह बस स्टैंड के पीछे बने हुए फुटबाल ग्राउंड में पहुंची वहां पर उन्होंने सिटी थाने के लिए जगह का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने कनीना में बनने वाले लघु सचिवालय भवन का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि जल्द ही है भवन बनकर तैयार हो जाएगा और एक ही छत के नीचे आमजन को सभी सरकारी सुविधाओं का फायदा मिलेगा। इस दौरान उन्होंने नगर पालिका के सचिव समय पाल सिंह को एक सप्ताह के अंदर कनीना में बनने वाले शहर थाने के लिए जगह के कागज देने के आदेश दिए।
 एडीसी वैशाली सिंह ने नेताजी क्लब में बनने वाली दो मंजिल की लाइब्रेरी भवन के लिए जगह अच्छी है। उन्होंने कहा कि इस लाइब्रेरी की निगरानी नेताजी क्लब कमेटी को सौंपी जायेगी। उन्होंने कहा कि ई लाइब्रेरी से कनीना व आसपास के गांव के छात्रों को बहुत अधिक फायदा मिलेगा। इस दौरान एसडीएम सुरेंद्र सिंह, नगर पालिका सचिव समय पाल सिंह, जेई सुरेंद्र सिंह, एमई दिनेश, नेताजी सुभाष चंद्र बोस क्लब के संरक्षक मास्टर कृष्ण सिंह यादव, एएसआई सतीश, मुंशी विकास मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 03: एडीसी वैशाली सिंह कनीना में बनने वाली ई-लाइब्रेरी जगह का निरीक्षण करते हुए।







हरियाणा की खेल नीति के बदौलत राज्य के खिलाडिय़ों ने दुनिया में देश का नाम रोशन किया -जेपी दलाल
-छीथरोली में आयोजित बाबा धूनिगर खेलकूद समारोह में पहुंचे मंत्री
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कनीना की आवाज। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार युवाओं को खेल क्षेत्र में आगे बढऩे के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रही है। इसी का परिणाम है कि हरियाणा के खिलाडिय़ों ने दुनिया में राज्य व देश का नाम रोशन किया है। कृषि मंत्री शनिवार को कनीना उपमंडल के गांव छितरोली में ग्राम पंचायत की ओर से आयोजित बाबा धूनीघर महान मेला व विशाल खेल प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस मौके पर मुख्य अतिथि ने रक्तदान शिविर व मेले का शुभारंभ किया। उन्होंने 2 लाख रुपये मेले कमेटी को व 5 लाख रुपये धनौंदा गांव की गौशाला को दिए। उन्होंने छितरौली से बहाला रोड व छितरोली से धनौंदा रोड को बनवाने की मंजूरी दी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवाओं के हौसलों और सपनों को साकार करने के लिए उभरते खिलाडिय़ों को उचित प्लेटफार्म दिलाने का कार्य कर रही है। युवाओं के दम पर ही भारत सशक्त, सक्षम और समृद्धि की ओर अग्रसर है। सरकार की नीति के बदौलत अब युवा खेलों में भी अपना कैरियर बना रहे हैं। ग्राम पंचायत द्वारा करवाई जा रही खेल प्रतियोगिताओं से भी युवाओं को अपने प्रतिभा को निखारने का मौका मिल रहा है। कृषि मंत्री ने कहा कि मेले और खेल हमारी प्राचीन महान व समृद्ध संस्कृति का हिस्सा है।
श्री दलाल ने कहा कि हरियाणा सरकार पदक विजेता खिलाडिय़ों को देश में सबसे अधिक नकद पुरस्कार दे रही है। खिलाडिय़ों के लिए खेल विभाग में नए पद सृजित की गए हैं वही खिलाडिय़ों के लिए क्लास वन से क्लास फोर तक के पदों की सीधी भर्ती में आरक्षण की व्यवस्था दी की गई है। इसके इलावा खिलाडिय़ों को चोट के इलाज के लिए पंचकूला में वैज्ञानिक प्रशिक्षण एवं पुनर्वास केंद्र भी स्थापित किया गया है। हरियाणा सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में व्यायामशाला खोल रही है ताकि युवा तंदुरुस्त रहें।
उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे नशे जैसी बुराइयों से दूर है तथा खेल और पढ़ाई पर ध्यान दें।
इस अवसर पर विधायक सीताराम यादव, एसडीएम सुरेंद्र सिंह, जिला प्रमुख डॉ राकेश कुमार, एडवोकेट राजबाला पूर्व जिला पार्षद बारडा, पंचायत समिति के चैयरमेन जयप्रकाश यादव, मंडल अध्यक्ष अतर सिंह,छितरौली गांव के सरपंच बलवान सिंह, मत्स्य अधिकारी संदीप, कप्तान विनोद कुमार, नरेंद्र शास्त्री, इंस्पेक्टर जगदीश प्रसाद, कैप्टन रमेश कुमार, सूबेदार सुखबीर सिंह, सरजीत सिंह, मोहित पहलवान, के अलावा अनेकों गणमान्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 05: कृषि मंत्री जेपी दलाल को पगड़ी पहनकर सम्मानित करते  ग्रामवासी
06: संबोधित करते कृषि मंत्री जेपी दलाल।







बदलते मौसम में ठंड, धुंध, कोहरे के बीच, 307वें दिन जारी रहा धरना
--किसान अनिश्चितकालीन धरने पर हैं अडिग
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कनीना की आवाज।  राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना 307वें दिन जारी रहा। धरने की अध्यक्षता वेद प्रकाश सेहलंग ने की।
  उन्होंने बताया कि बदलते मौसम में बुजुर्ग किसान बीमार हो रहे हैं, लेकिन वे अपनी बात पर अड़े हुए हैं, जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं करती है, हम धरना स्थल पर ही बैठे रहेंगे। केंद्र सरकार के द्वारा कट की घोषणा की हुई है, आश्वासन भी दिया गया कि काम जल्दी होगा, हम बार-बार केंद्र सरकार को याद दिला रहे हैं कि आपके द्वारा किया गया वादा जल्दी पूरा करें। किसानो की तकलीफ को समझे और जितना जल्दी हो सके कट का काम शुरू करवाया जाए।
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन का कहना है कि केंद्र सरकार किसानों की पीड़ा को नहीं समझ रही है, जब तक राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं होता है तब तक इस इलाके का विकास नहीं हो सकता। इस क्षेत्र की सभी योजनाएं कट पर आधारित हैं। उद्योग धंधे, शैक्षणिक संस्थाएं,बाघेश्वर धाम पर्यटक स्थल, व्यापार और रोजगार   से संबंधित सभी बातें राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत-सेहलंग के बीच कट से जुड़ी हुई है। केंद्र सरकार हमारी पीड़ा को समझे और जितना जल्दी हो सके राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू करवाया जाए।
 इस मौके पर  पूर्व सरपंच हंस कुमार, डॉ लक्ष्मण सिंह , पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह, पहलवान रणधीर सिंह,    करतार सिंह, प्यारेलाल, डॉ राम भक्त, प्यारेलाल, सब इंस्पेक्टर रामकुमार, पूर्व सरपंच सत्यवीर, ओम प्रकाश, सूबेदार हेमराज अत्रि, रोशन लाल आर्य, रामकुमार, दाताराम, प्रधान तेज सिंह, भरत सिंह, प्रधान कृष्ण कुमार, शेर सिंह,  पंडित मनीराम व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 02: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान।







 सड़क के बीच गाड़ी खड़ी करके आवागमन में बाधा पहुंचने का मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। दौंगड़ा अहीर पुलिस चौकी में एक कैंटर चालक के विरुद्ध सड़क के बीच में कैंटर खड़ा करके आवागमन में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज किया है।  चालक जोगेंद्र महेंद्रगढ़ का निवासी है जो कैंटर सड़क के बीच खड़ा करके सामान लाने के लिए गया हुआ था। सड़क के बीच में गाड़ी खड़ा कर आम यातायात को जाम लगाकर बाधा डालने का मामला दर्ज कर लिया है।




 करीब 3.25 ग्राम स्मैक बरामद
- दो व्यक्तियों के विरुद्ध मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना पुलिस को गुप्तचर द्वारा मिली सूचना के आधार पर एक सफेद रंग की हुंडई गाड़ी में स्मैक बेचने वाले दो लोगों गिरफ्तार किया है।
 पुलिस को गुप्तचर ने सूचना दी कि आनंद उर्फ मोनू उर्फ मान सिंह तथा शौकीन उर्फ लंबू स्मैक बेचते हैं और सफेद गाड़ी में नजदीक एचपी पेट्रोल पंप राष्ट्रीय राजमार्ग- 152 के बराबर कच्चे रास्ते पर स्मैक बेच रहे हैं । पुलिस रेडिंग पार्टी तैयार करके गुप्तचर द्वारा बताए गए स्थान पर पहुंची जहां सफेद रंग की गाड़ी खड़ी थी जिसकी ओर गुप्तचर ने इशारा किया। पुलिस को गाड़ी में आनंद उर्फ मानसिंह ड्राइवर सीट पर बैठा हुआ मिला जबकि साइड वाली सीट पर शौकीन उर्फ लंबू कबैठा था। दोनों को पकड़ा जो खेड़ी तलवाना के निवासी है। इटीओ राजवीर सिंह नारनौल को तलाशी अधिकारी नियुक्त किया तथा दोनों की तलाशी ली तो आनंद उर्फ मोनू द्वारा पहनी हुई लोअर की जेब से सिल्वर पेपर की पुडिय़ा मिलीद्ध। जिसे खोलने पर चेक किया तो पेपर की पुडिय़ा में स्मैक मिली। डिजिटल कांटे से वजन किया तो करीब 3.25 ग्राम पाया गया। दोनों के विरुद्ध एनडीपीएस एकट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।








मकर संक्रांति -14 जनवरी
दाल चूरमा के लिए प्रसिद्ध है मकर संक्रांति का पर्व
-वर्तमान में भी बुजुर्गों को जगाने की प्रथा जारी है              
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कनीना की आवाज। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में सूर्यपर्व मकर संक्रांति प्रासंगिक है। कनीना क्षेत्र में 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस मौके पर दिनभर दान पुण्य, धर्म-कर्म एवं उत्सव चलता रहता है। दाल चूरमा प्रमुख रूप से खाया जाता है।
मकर संक्रांति अनेक सद्भावों से जुड़ा हुआ एक ऐतिहासिक पर्व है। बहनों को याद करना, दान पुण्य करना, गायों की सेवा करना, रातभर आग जलाना, मूंगफली, गुड़ व खांडसारी की बनी रेवडिय़ां एवं गजक खाना, सुबह जल्दी उठकर स्नान करना, शकरकंदी का भाग लगाना जैसी अनेक परम्पराओं को अपने में समेटे हुए होता है। इस त्योहार से एक दिन पूर्व पंजाब प्रांत का प्रसिद्ध पर्व लोहड़ी भी आता है।
   प्राचीन समय में सर्वोत्तम माना जाने वाला भाई बहन के प्यार को प्रगाढ़ पूर्ण बनाने के लिए इस त्योहार का विशेष योगदान रहा है। इस मौके पर भाई बहन को याद करता है और उपहार स्वरूप उन्हें रुपये-पैसे और गुड़ भेंट करता है। इस मौके पर भाई बहन से मिलने जाता है और बहन भी भाई को याद करती है। आधुनिक भागदौड़ के युग में भी यह पर्व सार्थक बना हुआ है। इस पर्व का वर्णन अनेकों स्थानों पर मिलता है।
   दान पुण्य की शृंखला में बड़े बूढ़ों को जगाने की प्रथा इस त्योहार से जुड़ी हैं। बहुएं अपने सास व ससुर को जगाकर दान पुण्य करती हैं और उन्हें नए वस्त्र भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। दानी सज्जन दान पुण्य करते हैं। शहरों में एक निर्धारित स्थान पर गुड़ व चारा आदि डाल दिए जाते हैं और पशुओं को सामूहिक रूप से वहां चारा चराया जाता है। रातभर जागने की प्रथा में गली व मोहल्लों में बूढ़े बड़े एकत्रित होकर खुशियां मनाते हैं। आग जलाकर रातभर बैठे रहते हैं। जनसमूहों की टुकडियां इस रात मूंगफली और गजक तथा शकरकंदी का उपभोग करती हैं। यहां तक की एक जाति विशेष के लोग तो इस दिन एक ही थाली में इक_ïे बैठकर खाना खाते हैं। गांवों में इस दिन देशी घी का चूरमा तथा खीर का भोजन प्रमुख रूप से पकाया जाता है। चूरमे को दाल के साथ परोसने की प्रथा भी चली आ रही है। मकर संक्रांति का पौराणिक महत्व भी है। माना जाता है कि इसी दिन पितामह भीष्म ने अपने प्राण शरशैया पर लेटे हुए त्यागे थे। उतरायणकाल इसी दिन से शुरू होता है। यही कारण है कि आज भी सूर्य की पूजा के रूप में पर्व मनाया जाता है।
  ग्रामीण क्षेत्रों में तो इस दिन अपना प्रमुख भोजन दाल-चूरमा बनाकर पूरा परिवार ही भोग लगाता है। दाल-चूरमा एक दूसरे को खिलाया जाता है। दाल चूरमा खाने के बाद खेल खेले जाते हैं या फिर जगाने की प्रथा में व्यस्त देखे जा सकते हैं। ग्रामीण लोग इस दिन पुण्य करने में सुबह से ही देखे जा सकते हैं। रातभर जहां ईंधन को जलाकर उसके चारों ओर लोग बैठे देखे जा सकते हैं वहीं गायों के लिए विशेष स्थान पर गुड़ एवं चारा डाल दिया जाता है जहां गाय मीठा भोजन व चारा आसानी से प्राप्त करती हैं।
    प्रात:काल जल्दी उठकर स्नान करने की परंपरा भी चली आ रही है। स्त्री व पुरुषों में इस दिन जल्दी उठकर स्नान करने की होड़ लगी रहती है। माना जाता है कि इस दिन जल्दी उठकर स्नान करने वाला सीधा स्वर्ग में जाता है जब उसकी मौत होती है तो। ऐसे में सभी स्वर्ग के भागी बनना चाहते हैं। लोग जल्दी उठकर स्नान करने के उपरांत टहलने को जाते हैं। सर्दी का प्रकोप भी इस दिन से कम होना शुरू हो जाता है। स्त्री व पुरुष ऊनी परिधान धारण करके रंग बिरंगे नजर आते हैं। चारों तरफ सरसों के पीले फूलों को देखकर किसान फूले नहीं समाते हैं। कुछ शहरों में इस दिन मेले लगते हैं और ढोल व ताशें बजते हैं।







मकर संक्रांति को  याद कर प्रसन्न हो जाते हैं लोग
-खो जाते हैं पुरानी यादों में
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कनीना की आवाज। ग्रामीण क्षेत्रों में मकर संक्रांति का पर्व कुछ प्रथाएं खो चुका हैं तो कुछ आज भी जारी हैं। इस पर्व को याद करके लोग प्रसन्नचित होकर पुरानी यादों में खो जाते हैं। कुछ लोगां से इस पर्व के बारे में चर्चा की गई-
 जब छोटे थे तब गांव में 200 से 300 गायों को चारा एवं गुड़ देते थे। मकर सक्रांति पर गायों की सेवा करते थे। सेठ साहूकार गुड़ देते थे तथा दान करने का कार्यक्रम दिनभर चलता था। बुजुर्गों को आज भी जगाने का रिवाज चला आ रहा है जो बहुत पुराना है। जगाने का अर्थ है कि उनका सम्मान करना। उन्हें गर्म एवं नये कपड़े भेंट किये जाते हैं।
---सूबेदार ओमप्रकाश(65) गाहड़ा
जब छोटे थे तो मकर सक्रांति की रात को जागते थे। आग के सामने बैठकर समय बिताते थे। वास्तव में बुजुर्गों को जगाने का अर्थ था उनको दान में रजाई और गद्दे आदि दिया जाते थे। उनका सम्मान करने का यह दिन होता है। मकर सक्रांति के दिन दान पुण्य करते हुए देखते आ रहे हैं। इस पर्व के प्रति सदा ही बुजुर्गों, बच्चों और युवाओं में लगाव रहा है। सूर्य की पूजा की जाती और जल्दी उठकर स्नान किया जाता है।
---रामप्रसाद (76) बव्वा
यह पर्व हंसी खुशी का पर्व है। इस दिन दान दक्षिणा पूरे यौवन पर होती है। इस पर्व के प्रति लोगों में उत्साह मिलता है। पितामह भीष्म को याद करने के लिए इस पर्व को मनाया जाता है। बुजुर्गों से भी सुनते आए हैं इस दिन दाल चूरमा प्रमुख रूप से बनाकर खाए जाते हैं और भारी मात्रा में शकरकंदी, आलू भूल कर खाते हैं। आग के सामने बैठते हैं। यहां तक कि आग के सामने पूरी पूरी रात बैठे मिलते हैं। उन्होंने बताया कि पर्व सचमुच मन में खुशी का उल्लास पैदा करता है।
---  कंवरसेन वशिष्ठ(75) कनीना



































वे इस पर्व पर हर वर्ष आग के सामने बैठकर भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उनकी फसल अच्छी हो। वर्तमान में सरसों और गेहूं खड़ा हुआ है। जल्द ही यह फसल पकान की ओर जाएगी। इस पर्व पर रात भर जाकर अपनी फसल को निहारते है। हर जन की खुशी की प्रार्थना करते हैं।  पूजा अर्चना का विशेष महत्व माना जाता है। सूर्य की पूजा, बुजुर्गों का सम्मान, खेलकूद तथा कुछ जगह पतंगबाजी करके भी इस पर्व को मनाया जाता है।
 --हनुमान सिंह(51) कनीना
 इस पर्व पर वह दान दक्षिणा करते हैं। विशेषकर गायों को गुड़ खिलाया जाता है। विभिन्न गौशालाओं में जाकर के दान दिया जाता है, पूरे दिन हवन एवं गायों की सेवा का सिलसिला चलता है। पुराने समय से गाय बहुत पाली जाती थी, तब गायों को गुड़ खिलाया जाता रहा है और चारा दिया जाता रहा है। परंतु पूर जलाना, प्रभात फेरी लगाना, कुओं पर जल्दी स्नान करना, गांव की परिक्रमा करना आदि घटने का दुख जरूर है।
  ---राजेंद्र सिंह(64) किसान
फोटो कैप्शन: हनुमान सिंह, राजेंद्र सिंह, कंवरसेन वशिष्ठ, ओमप्रकाश, रामप्रसाद।





लोहड़ी का पर्व मनाया
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में आज लोहड़ी का पर्व मनाया गया। विभिन्न गांवों में, पंजाबी समुदाय के लोगों तथा सामान्य जनों ने भी लोहड़ी का पर्व मनाकर खुशी मनाई।
  दिनभर लोहड़ी के पर्व पर रेवड़ी, मूंगफली तथा गजक बांटकर खाई गई तथा एक दूसरे को बधाई दी गई। कृष्ण कुमार ने बताया कि यह पर्व एकता और भाईचारे की मिसाल कायम करता है।




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