Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Tuesday, January 23, 2024



 

 पहली से पांचवीं तक विद्यार्थियों का हुआ अवकाश
-शिक्षक एवं गैर शिक्षक कर्मी रहेंगे स्कूलों में
-स्कूलों का समय दस से दो बजे तक की मांग
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कनीना की आवाज। सघन धुंध,कोहर,ठंड एवं लहर के चलते हरियाणा सरकार ने कक्षा पहली से पांचवीं तक पढऩे वाले सभी सरकारी और गैर सरकारी विद्यार्थियों का 27 जनवरी तक अवकाश घोषित कर दिया है। शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है कि विद्यार्थी स्कूल में नहीं आएंगे किंतु शिक्षक एवं गैर शिक्षक कर्मचारी स्कूलों में मौजूद रहेंगे।
 उधर कक्षा 6 से 12 तक का भी स्कूल समय बदलने की मांग उठ रही है क्योंकि सघन धुंध,कोहर,ठंड एवं लहर के चलते सुबह स्कूल पहुंचना कठिन हो रहा है वहीं शाम के समय शीतलहर शुरू हो जाती है। ऐसे में उन्होंने स्कूलों का समय सुबह 10 बजे से शाम 2 बजे तक का करने की मांग की गई है। विभिन्न शिक्षक नेता यह मांग उठाने लगे हैं।





नेताजी को कैमला स्कूल में किया याद
-अव्वल किया गया सम्मानित
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कनीना की आवाज। राजकीय माध्यमिक विद्यालय कैमला में नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई गई जिसमें सभी विद्यार्थियों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित देशभक्ति गीत, रागनी, भाषण आदि प्रस्तुत किए।  मौलिक मुख्याध्यापक वीरेंद्र सिंह जांगिड़ ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए नेताजी के विद्यार्थी जीवन से लेकर के एक सफल क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी के समग्र जीवन वृत्तांत पर  विस्तार से बताया।  वे सच्चे एक सेनानी थे अदम्य साहस, संघर्ष के प्रतीक, देशभक्ति के ओत-प्रोत , युवाओं की प्रेरणा जिन्होंने आजाद भारत का सपना देखा था। उनके त्याग, देशसेवा के प्रति समर्पण कि बदोलत आज हम स्वतंत्र  सांस ले रहे हैं उन्हीं क्रांतिकारियों की देन है वे अपना बलिदान देकर भी  अमर हो गये हम सब आज उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन करते हैं और अपनी श्रद्धाभाव के पुष्प अर्पित कर कोटि-कोटि नमन करते हैं इस अवसर पर  होशियार सिंह वरिष्ठ अध्यापक, भगत सिंह , सुनील कुमार डीपीई ,सुनील कुमार शास्त्री ,मनवीर सिंह, राजेश कुमार, सूबे सिंह एसएमसी प्रधान, सुनील कुमार आदि उपस्थित रहें।
फोटो कैप्शन 07: कैमला में अव्वल रहे विद्यार्थियों को पुरस्कृत करते मुख्याध्यापक।







बाबा लाल गिरी का धार्मिक मेला हुआ संपन्न
-बुजुर्गों की 100 मीटर दौड़ जीती गिरधारी लाल ने
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कनीना की आवाज। संत लाल गिरी महाराज का मेला मंगलवार को बड़ी धूमधाम से मनाया गया। जिसमें सुबह हवन यज्ञ का आयोजन किया गया, तत्पश्चात भंडारे का आयोजन किया गया। इसके साथ ही खेलों का आयोजन किया गया।
मेला कमेटी के प्रधान कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि कनीना के सरकारी कालेज के पास विशाल क्षेत्र पर बाबा लालगिरी की कुटिया बनी हुई है। बाबा लाल गिरी सरल एवं मृदु स्वभाव के थे। वो बंगाल से आकर उन्हानी में लंबे समय तक तप करने के बाद कनीना में आए थे। कनीना में लंबे समय तक करने के बाद आखिरकार 1976 में बह्मलीन हो गए। उनकी जगह पर समाधि बनी हुई है।    बुजुर्गों की 100 मीटर दौड़ में पहले स्थान पर गिरधारी लाल कोटपूतली रहे, दूसरे स्थान पर राम भगत पालवास व तीसरे स्थान पर विजय धनौंदा रहे। पहले स्थान पर 2100 रुपये दूसरे स्थान पर 1100 रुपये व तीसरे स्थान पर आने वाले धावक को 700 रुपये देकर सम्मानित किया गया। लड़कों की 100 मीटर ओपन दौड़ प्रतियोगिता में अनिल नारनौल पहले स्थान पर, दीपेंद्र धनौंदा दूसरे स्थान पर व गौरव भोजावास तीसरे स्थान पर रहे। उन्हें क्रमश: 2100 रुपये, 1100 रुपये व 700 रुपये देकर सम्मानित किया गया। 400 मीटर लड़कों की दौड़ प्रतियोगिता में अनिल पहले स्थान पर दीपेंद्र दूसरे स्थान पर व हरीश तीसरे स्थान पर रहे। पहले स्थान पर 1100 रुपये दूसरे स्थान पर 700 रुपये व तीसरे स्थान पर आने वाले धावक को 500 रुपये देकर सम्मानित किया गया। 1600 मीटर लड़कों के दौड़ प्रतियोगिता में अनिल नारनौल पहले स्थान पर, राजेश भिवानी दूसरे स्थान पर व महेश धनौंदा तीसरे स्थान पर रहे।
पहले स्थान पर 1100 रुपये दूसरे स्थान पर 700 रुपये व तीसरे स्थान पर आने वाले धावक को 500 रुपये देकर सम्मानित किया गया। कबड्डी प्रतियोगिता में 32 टीम भाग ले रही हैं। सबसे पहला मैच पंकज बेरी तथा बहु अकबरपुर की टीम के बीच खेला गया जिसमें बहु अकबरपुर की टीम विजेता रही। उसके बाद बड़ेसरा वह चांग, भिवानी की बीच मैच खेला गया जिसमें बड़ेसरा की टीम विजय रही। उसके बाद जमवाडी व मेहरडा  जींद के बीच मैच खेला गया। जिसमे मेहरड़ा  जींद की टीम विजय रही। समाचार लिखे जाने तक खेल चलता रहा।
सर्कल कबड्डी में पहले स्थान पर आने वाली टीम को 61000 रुपये का इनाम दूसरे स्थान पर आने वाली टीम कोई 31000 रुपये का इनाम तीसरे स्थान पर आने वाली टीम को 21000 रुपये का इनाम दिया जाएगा।  इसके साथ ही 5 से 8 वे स्थान पर आने वाली टीम को 3100 रुपये और 9 से 16 स्थान पर आने वाली टीम को 2100 रुपये दिये जायेंगे। वही बेस्ट रेडर  व कैचर को 5100 रुपये का नगद इनाम दिया जाएगा।
 इस दौरान  कैलाश चंद शर्मा, पंकज यादव, सुनील ठेकेदार, नीतिश गुप्ता, महेंद्र सिंह, सत्यवीर बोहरा, बंटी प्रधान, मनोज यादव, ओम प्रकाश यादव, कर्ण सिंह, सुभाष चंद्र, महावीर पहलवान, सतपाल, गुरमीत सिंह, बार एसोसिएशन पूर्व प्रधान दीपक चौधरी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 09: लालगिरी खेल प्रतियोगिता में खिलाड़ी दमखम दिखाते हुए।






नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर आरकेवाई स्कूल में आयोजित कार्यक्रम
--बच्चों को किया सम्मानित
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कनीना की आवाज। आरकेवाई स्कूल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर संचालक सुरेश कुमार ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर दी सुभाष जी को श्रद्धांजलि।
इस अवसर पर डिप्टीडायरेक्टर अतर सिंह , प्राचार्या सतेंद्रा यादव, हेडमास्टर नरवीर यादव ,अध्यापकगण और सभी छात्र -छात्राएं मौजूद रहें। संचालक सुरेश कुमार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नेताजी के सिद्धांत व आदर्शों पर चलकर ही देश उन्नति करेगा और देश की एकता एवं अखंडता अक्षुण्ण रहेगी, वे ईश्वर के अवतार थे जिन्होंने देश को नई दिशा प्रदान की। इसी तरह सतेन्द्रा यादव ने भी बच्चों को प्रेरणादायक बातें बताते हुए कहा कि सुभाष चंद्र जी आजादी के आंदोलन में हक की बात करते थे और हक कभी मांगने से नहीं मिलता छीनकर कर लेना पड़ता है। उन्होंने बताया कि वह आजादी के महासंग्राम के महान योद्धा  थे। भारत देश की धरती पर आजाद हिंद फौज खड़ी  करके उन्होंने अनूठा इतिहास रचा। उनकी हुंकार तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा पर लाखों भारतीयों ने अपना सर्वस्व त्याग दिया।
फोटो साथ है।





सेवा, समर्पण एवं त्याग की प्रतिमूर्ति थे सुभाष - डा सी एस वर्मा
--कभी नहीं भुलाए जा सकेंगे बोस
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कनीना की आवाज। महापुरुष किसी जाति-धर्म या संप्रदाय के नही बल्कि राष्ट्र की अनमोल धरोहर होते हैं । महापुरुषों को जाति धर्म में बांटना उनके व्यक्तित्व एवं विचारों को संकीर्णता में आबद्ध करना है । इसलिए हमें महापुरुषों का  समादर भाव से सम्मान करना चाहिए । उक्त विचार जूनियर रेडक्रास सेंट जान ब्रिगेड आफिसर डॉ सी एस वर्मा ने सुभाष युवा मंच द्वारा राजकीय माध्यमिक विद्यालय रामपुरा में आयोजित नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती समारोह में व्यक्त किए । कार्यक्रम की अध्यक्षता सत्यवीर यादव मुख्याध्यापक ने की जबकि मंच संचालन बिशन शर्मा ने किया । कार्यक्रम का शुभारंभ नेताजी सुभाष की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया ।  नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए डॉ सी एस वर्मा ने कहा कि नेताजी सेवा,समर्पण एवं त्याग की अनुपम मिसाल थे । नेताजी  स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी एवं अथक योद्धा थे और स्वतंत्रता प्राप्ति में उनके अमूल्य योगदान को भुलाया नही जा सकता । विशिष्ट अतिथि मुख्याध्यापक अनूप यादव तथा साहित्यकार सुंदरलाल सुबोध ने भी नेताजी सुभाष को स्वतंत्रता संग्राम का समारोह में स्कूली छात्रों ने देशभक्ति गीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए । कार्यक्रम संयोजक राजकुमार यादव ने आगंतुक मेहमानों तथा ग्रामवासियों  का आभार व्यक्त किया । इस अवसर पर सरपंच संदीप कुमार,  बिरेंद्र आर्य, मुख्य शिक्षक वीरेंद्र शर्मा, धर्मपाल यादव, ईश्वर सिंह, विजय कुमार आदि मौजूद रहे ।
फोटो कैप्शन 08: नेताजी को याद करते डा सीएस वर्मा एवं अन्य।






अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस-24 जनवरी
इंसान की शिक्षा के कारण होती है पूजा-डा मुंशीराम
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कनीना की आवाज। 2018 से राष्ट्रीय शिक्षा दिवस  मनाया जा रहा है। शिक्षा दिवस मनाने का उद्देश्य शिक्षकों को अपनी  जिम्मेदारी और अहमियत के प्रति जागरूक करना है। उनकी मेहनत के लिए उन्हें सम्मानित करने के लिए विश्व शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। जिस प्रकार शिक्षा हमारे जीवन को स्वर देती है उसी प्रकार शिक्षक, शिष्य के जीवन को स्वर देता है। सदा ही शिक्षकों का आदर रहा है और रहेगा। विश्व शिक्षा दिवस की पूर्व संध्या पर कुछ सम्मानित शिक्षकों से बात हुई
** शिक्षा वहीं जो इंसान को संस्कारवान बनाये। हमारे प्रथम गुरु माता-पिता ही होते हैं जो इस दुनिया में लाते हैं। माता-पिता की छांव में बच्चे सीखते हैं, संस्कार ग्रहण करते हैं। बच्चा जब बड़ा होता है तो उसका सामना समाज जीवन की वास्तविकता से होता है। तब शिक्षक अपने ज्ञान और मार्गदर्शन के रूप में आगे बढ़ाने में सही राह दिखाता है। इसकी मेहनत पर एवं शिक्षा के बल पर शिष्य अपनी ऊंचाइयों की और अग्रसर होता है।  शिक्षक को शिष्य कभी नहीं भुला सकता। शिक्षक सम्मान की दृष्टि से देखा जाता रहा है और देखा जाता रहेगा। शिक्षक ही है जो हर विद्यार्थी में गुण भर देता है जिसके बल पर विद्यार्थी ऊंचाइयों को छू जाता है। शिक्षा के बल पर ही इंसान नाम कमाता है।
    ---डा मुंशीराम
समस्त विश्व में जिस भी युग में बदलाव आये वो शिक्षकों की भागीदारी का गवाह है। सह सब शिक्षा के कारण संभव हो पाया। गुरू वशिष्ठ , विश्वामित्र, द्रोणाचार्य, संदीपनी सबने अपने साथ शिष्यों को लेकर बदलाव व मूल्यों की स्थापना की। चाणक्य, माक्र्स, अरस्तु, ने राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक सभी क्षेत्रों में नये आयाम दिए तथा मानव जीवन को सुंदर बनाने का प्रयास किया। चिकित्सा, विज्ञान , खगोल जैसे विषयों पर आज भी विश्व के वैज्ञानिक जो रिसर्च कर रहे हैं वह भी ऋषि मुनियों ने संसार को दी हैं। शिक्षकों के द्वारा ही विद्यार्थी आगे के जीवन को सार्थक बनाता है । आज के युग में शिक्षक की महता ओर अधिक है क्योंकि ये आर्थिक स्पर्धा का युग है और इसमें विद्यार्थी सही मूल्यों को अपनाकर मानव कल्याण की भावना के साथ विश्व के विकास में योगदान दे सके। शिक्षा ने इस दिशा में सबसे अहं भूमिका निभाई है।
---डा. रामानंद यादव पूर्व शिक्षा अधिकारी
अन्तर्राष्ट्रीय दिवस का संबंध शिक्षक एवं शिक्षा से है।  दुनिया को राह दिखाने वाला शिक्षक खुद किंकर्तव्यविमूढ़ हो रहा है।  आज प्रगति के नाम पर शिक्षा का बाजारीकरण चिंता का विषय है अभिभावक अपने बच्चों की भावनाओं को ताक पर रखकर अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं, वही बच्चों की हालत एक निरीह प्राणी की हो गई है। देश के सबसे ज्यादा डाक्टर बनने की होड़ कोटा से चलती है। जहां आए दिन होनहारों का जीवन त्याग करना, हमारी शिक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगता है। मेरी शिक्षा के कर्ताधर्ताओं से अपील है कि वे शिक्षक की वही गरिमा बहाल करें। शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो जीवन में अमूल चूल परिवर्तन कर दे।
--रणवीर सिंह शिक्षाविद
**शिक्षा से परिपूर्ण शिक्षक अपने आप में बड़ा ही गौरवशाली एवं प्रतिष्ठित पद है। शिक्षक को राष्ट्र का निर्माता कहा गया है जो स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश देता है।  चाणक्य ने शिक्षक को परिभाषित करते हुए कहा है कि एक विद्यार्थी के सम्पूर्ण जीवन का निर्माण और प्रलय उसकी गोद में पलते हैं। दुनिया में शिक्षक ही गौरवमयी पद है जो हमेशा अपने विद्यार्थी को अपने से ऊपर देखना चाहता है। चिंतनशील विचारधारा और महान् व्यक्तित्व तो वास्तव में शिक्षक ही होता है जो अपने आदर्शवादी विचारों से विद्यार्थी और समाज की दिशा और दशा बदलने में कारगर सिद्ध हो सकता है। आधुनिक युग में भी शिक्षक का बहुत बड़ा सम्मान है।
    *** महिपाल सिंह शिक्षाविद
फोटो कैप्शन: डा रामानंद यादव, डा मुंशीराम, रणबीर सिंह, महिपाल सिंह।






राष्ट्रीय बालिका दिवस -24 जनवरी
-आज के दिन लड़के लड़कियों में भेदभाव कम-नरेश
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कनीना की आवाज। 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। बालिकाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और उनके अधिकारों के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाती है। आज के दिन बालिकाओं के अधिकारों, लैंगिक समानता जैसे विषयों के प्रति लोगों को जागरूक करके मुहिम चलाई जाती है। आज के दिन बालिकाएं किसी प्रकार किसी से काम नहीं है चाहे धरती या समुद्र की गहराई का मसला हो या चांद पर पहुंचने का मसला हो। हर जगह बालिकाओं का बहुत बड़ा योगदान होता है। एक वक्त था जब लड़कियों को कम चाहते थे और लड़के को अधिक चाहते थे किंतु आज के दिन लड़के और लड़कियों को बराबर समझा जाता है। प्रदेश सरकार ने जैसे मुहिम बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा दिया और मुहिम चलाई तब से बालिकाओं का नाम अग्रणी है। क्षेत्र में विभिन्न बच्चियों नाम कमा रही है, इस बात को इंगित करता है लड़कियां आज हर क्षेत्र में आसमान छू रही है। इस संबंध में लोगों से प्रबुद्ध जनों से चर्चा की गई जिनके विचार निम्न हैं-
**विभिन्न स्कूलों में जहां लड़कियों के लोगों लगे हुए हैं। बेटी बचाओ बेटी बचाओ तथा बच्चियों के साथ होने वाले किसी प्रकार की अन्य को रोकने के लिए सरकार कटिबद्ध है। विभिन्न स्कूलों में जहां बालिका मंच कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनके जरिए स्कूली बच्चियों को जागरूक किया जाता है। बाल श्रमिक रोकने भ्रूण हत्या रोकने, समाज की विकृत मानसिकता को रोकने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कानूनी जागरूकता कार्यक्रम लगाए जाते हैं। लड़कियों के लिए दहेज पे्रथा, बाल विवाह पर पूर्ण रोक लगाई हुई है बच्चियों का हर प्रकार से आगे लाने का प्रयास किया जा रहा है।।
              -----लक्ष्मी देवी समाजसेविका
बेटियां हर घर की शान होती हैं, बेटियां ईश्वर का वरदान होती हैं। बेटियां सबके नसीब में कहां होती हैं, भगवान को जो घर पसंद हो वहां होती हैं। आज बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से पीछे नहीं है। बात चाहे चंद्रयान-3 की स्वर्णिम सफलता की हो या सिविल सर्विस की परीक्षा में टापर आने की ,ओलंपिक में मैडल लाने की बात हो या फिर सरहदों पर पहरा देने की व फाइटर प्लेन उड़ाने की। बेटियां आज हर क्षेत्र में बेटों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। आज आवश्यकता इस बात की है कि हम बेटियों के प्रति अपनी सोच बदलें तथा उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा देने की पहल करें उनके जन्म पर उत्सव मनाए तथा उनकी कल्पना की उड़ान को मूर्त रूप देने में उनकी मदद करें। ये निश्चित ही एक दिन आकाश छू लेंगी तथा माता-पिता व देश का नाम रोशन करेंगी।
     ----मदन मोहन कौशिक प्राध्यापक
बालिका शिक्षा के बढ़ावे से ही समाज का विकास संभव है। सामाजिक संस्थाओं को आगे आकर बालिका सशक्तिकरण, बालिका जागृति, बालिका स्वावलंबन, बाल विवाह, दहेज प्रथा के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। बालिकाओं को शिक्षा के साथ-साथ आत्म रक्षा स्वावलंबन भी बनने के लिए भी प्रेरित करना चाहिए। राज्य में लिंगानुपात पिछले वर्षों में लगातार सुधार हुआ है वहीं बाल विवाह में भी कमी आई है। प्रदेश की बेटियां विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर नित नये कीर्तिमान रच रही है। हमें बेटियों के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने की आवश्यकता हैं।
     ----लक्की सिगड़ा समाजसेवी
अगर हमारी बालिकाएं स्वस्थ और सशक्त होगी तो आने वाला देश का कल भी सशक्त होगा। बालिकाओं के विकास के लिए व उनके लिए सहयोगी वातावरण बनाने के लिए और उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए अनेक प्रयासों की आवश्यकता है और इसके लिए हमें प्रतिबद्ध भी रहना चाहिए। बालिकाओं का घटता लिंगानुपात भी चिंता का विषय है। माता-पिता को बेटे बेटी में फर्क नहीं समझना चाहिए। सरकार की योजनाएं भी बालिका के जन्म को बढ़ावा देने उनके विकास के लिए प्रेरणादायक हो सकती हैं।
                ----नरेश कुमार हिंदी शिक्षक
फोटो कैप्श: :नरेश कुमार, लक्की सिगड़ा, लक्ष्मी देवी,मदनमोहन






नेताजी को किया याद
--महेश बोहरा ने रखे विचार
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कनीना की आवाज। महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर नेताजी मेमोरियल क्लब एवं शहीद स्मारक कनीना में कंवर सेन वशिष्ठ, अतर सिंह मंडल अध्यक्ष, श्रीराम शर्मा, महेश बोहरा, सुरेश वशिष्ठ, कृपाराम यादव, उदयवीर सिंह, मनोज शर्मा, गोविंद यादव, नवीन यादव, करण सिंह द्वारा नेताजी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देने उपरांत महेश बोहरा ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक गांव में हुआ, उनके पिताजी का नाम जानकी नाथ बोस,वे वकील थे उनके माता का नाम प्रभावती था। वह भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े नेता थे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लडऩे के लिए जापान के सहयोग से आजाद हिंद फौज का गठन किया था नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा दिया गया जय हिंद का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा है।श्री बोहरा ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस के मन में देश प्रेम स्वाभिमान और साहस की भावना बचपन से ही बड़ी प्रबल थी। वे अंग्रेज शासन का विरोध करने के लिए अपने भारतीय सहपाठियों का भी मनोबल बढ़ाते थे। अपनी छोटी आयु में ही नेता जी ने जान लिया था। कि जब तक सभी भारतवासी एकजुट होकर अंग्रेजों का विरोध नहीं करेंगे, तब तक हमारे देश को उनकी गुलामी से मुक्ति नहीं मिल सकेगी। जहां नेताजी के मन में अंग्रेजों के प्रति तीव्र घृणा थी, वही अपने देशवासियों के प्रति उनके मन में बड़ा प्रेम था।





कृष्ण कुमार पूनिया को बनाया गया प्रधान
-निर्विरोध चुनाव संपन्न
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कनीना की आवाज। आल हरियाणा पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल कर्मचारी यूनियन ब्रांच 681 कनीना संबंधित महासंघ का त्रिवार्षिक चुनाव कनीना में वाटर वक्र्स पर निर्विरोध  हुआ। चुनाव के दौरान चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में प्रदेश  की  कार्यकारिणी के महासचिव नरेंद्र धीमान व प्रदेश  कार्यकारिणी के उपाध्यक्ष सुभाष यादव वह ब्रांच नारनौल के प्रधान दीपक सैंडल की अध्यक्षता में  निर्विरोध से नि नलिखित पदाधिकारी चुने गए -
कनीना बाडी के चुने हुए पदाधिकारी जिसमें कृष्ण कुमार पूनिया को  सर्वस मति  से प्रधान, वेदपाल महासचिव वेद प्रकाश कैशियर जयपाल मु य संगठनकर्ता, संजय शर्मा वरिष्ठ उप प्रधान राकेश  को ब्रांच 681 के पदाधिकारी चुने गए। जिसमें कृष्ण कुमार पूनिया ने बताया कि यह बाडी स्ट्रांग बाडी है आने वाले समय में सभी कर्मचारियों का अपने ते दिल से कार्य करेगी कोई भी किसी कर्मचारी के साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करेगी। चुनाव में मौजूद रहे कर्मचारी राकेश राजेश कुमार, परमजीत, राकेश कुलदीप, विक्की, मांगेराम संजय, विजय, नरेंद्र ,सचिन शर्मा प्रमुख रहे।
फोटो कैप्शन 06: चुने गये पदाधिकारी शपथ लेते हुए।





सघन धुंध पड़ी, शीत लहर जारी
-फसल पकान पर पहुंची, विद्यार्थी ठंड में जा रहे हैं स्कूल, समय बदलने की मांग

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कनीना की आवाज।
कुछ दिन से कनीना क्षेत्र में सघन धुंध पड़ रही है, सूर्यदेव के दर्शन दुर्लभ हो रहे हैं वहीं स्कूली बच्चे ठंड में जाते हैं और ठंड में ही घर वापस आते हैं। वाहन धीमी चाल सके चलाए गए वहीं जन जीवन अस्त व्यस्त रहा। सरसों पकान की ओर अग्रसर है।
 लगातार धुंध के बाद सूरज न दिखाई देने से धुंध का कु-प्रभाव पडने की उ मीद है। वैसे भी कनीना क्षेत्र में सरसों की फसल पकान की ओर अग्रसर है। क्षेत्र में करीब 20000 हेक्टेयर पर सरसों की फसल खड़ी है जिसकी मार्च के तीसरे सप्ताह में कटाई शुरू होने के आसार हैं। वहीं गेहूं की 10500 हेक्टेयर पर फसल खड़ी है। अभी तक सरसों की बंपर पैदावार होने की संभावना जताई जा रही थी किंतु ठंड का कुप्रभाव पड़ सकता है।
क्षेत्र में बार बार मौसम बदल रहा है। कनीना क्षेत्र में जहां इस बार सर्दियों के मौसम में बार-बार मौसम में परिवर्तन हुआ है किंतु धुंध कुछ दिन ही पड़ी है। जहां जनवरी माह में कई बार मौसम में बदलाव आया है। सर्दी, धुंध, कोहरा, पाला, धूप, एवं बादल के अलावा हल्की बारिश भी जनवरी माह में हुई है। किसान अजीत सिंह, राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह आदि का कहना है कि सरसों की फसल पकने लगी है।
  पूर्व कृषि विस्तार अधिकारी डा देवराज यादव ने कहा कि धुंध फसल के लिए बेहतर है किंतु धुंध के बाद सूरज का प्रकाश फसलों को मिलना जरूरी है।  गेहूं की फसल को भी सर्दी की जरूरत होती है।
  उधर स्कूली बच्चे सुबह शीत लहर में ही स्कूल जाते हैं और शाम तीन बजे फिर से ठंड पडऩे लग जाती है जिससे ठंड में ही घर वापस आते हैं। सरकार से  स्कूलों का समय तो बदलने की मांग की है। स्कूलों का समय सुबह दस से दोपहर दो बजे तक करने की मांग है।
फोटो कैप्शन 05: कनीना क्षेत्र में सघन धुंध।






317वें दिन जारी रहा किसानों का धरना
-अनिश्चितकालीन धरने पर हैं किसान
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए अनिचितकालीन धरना जारी है। धरने की अध्यक्षता डा लक्ष्मण सिंह सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि ठंड दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, सर्दी के कारण किसान बीमार हो रहे हैं लेकिन कट को लेकर उनका जोश बरकरार है। उप मु यमंत्री दुष्यंत चौटाला के प्रयास के द्वारा, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट की मंजूरी लेना, यह किसानों के लिए बड़ी खुशी की बात है। कट के लिए किसानों को धरने पर बैठे हुए 11 महीने होने जा रहे हैं। जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं करती है तब तक यह काम अधूरा समझा जाएगा। किसानों को वास्तविक खुशी तभी होगी जब केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर अधिकारिक तौर पर सभी कार्रवाई करके, धरातल पर काम शुरू करवा देती। जब तक केंद्र सरकार कट का काम शुरू नहीं करवाती है, हमारा धरना जारी रहेगा।
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरना स्थल पर बैठे बुजुर्ग किसान सर्दी से बीमार हो रहे हैं लेकिन कट का जुनून चढ़ा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच  कट बनना चाहिए, उसके लिए हम हर परेशानी का सामना करने के लिए तैयार हैं। राज्य सरकार और केंद्र सरकार को हम बताना चाहते हैं कि कट को लेकर जल्दी से जल्दी कार्रवाई करके काम शुरू किया जाए, जिससे किसानों को राहत की सांस मिल सके। केंद्र सरकार किसानों के दुख दर्द और उनकी पीड़ा को समझे। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का होना 40 गांवों की जरूरत हैं। कट बनने के बाद ही इस क्षेत्र का और इन गांवों का विकास संभव है।
इस मौके पर  पहलवान रणधीर सिंह,
नरेंद्र कुमार शास्त्री,  चेयरमैन सतपाल, मास्टर विजय सिंह, प्रधान कृष्ण कुमार, मक्खन लाल बसई, ईश्वर सिंह, रामकिशन, बाबूलाल, पहलवान धर्मपाल, प्यारेलाल, नंदकुमार , करतार, सूबेदार हेमराज अत्रि,पंडित मनीराम, दाताराम,  सीताराम,प्यारेलाल, सब इंस्पेक्टर रामकुमार ,   सुरेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार पंच, इंस्पेक्टर सतनारायण  वेद प्रकाश,   ओमप्रकाश,   डा राम भक्त,  रोशन लाल आर्य व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 04: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान।







नेताजी सुभाषचंद्र बोस को किया याद
-कनीना में किये पुष्प अर्पित
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कनीना की आवाज। महान स्वतंत्रता सेनानी  सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जन्म जयंती के अवसर पर नेताजी मेमोरियल क्लब एवं शहीद स्मारक कनीना में मास्टर कृष्ण सिंह यादव कनीनवाल संरक्षक नेताजी मेमोरियल क्लब कनीना की अध्यक्षता में क्लब के सदस्यों के साथ सेना मेडल से स मानित मेजर अधिराज सिंह यादव कनीनवाल ने झंडा रोहण किया व सलामी दी।
 इस मौके पर कंवर सैन वशिष्ठ संरक्षक भारत विकास परिषद कनीना ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस सनातन धर्म के विचारों से प्रभावित थे। अगर आजाद देश की बागडोर नेताजी के हाथ में होती तो देश आजादी के बाद ही सनातनी हिंदू देश होता। इस मौके पर मेजर अधिराज सिंह ने कहा कि नेता जी को एक महान देश भक्त थे, उन्होंने ही हमें ये नारा दिया था कि तुम हमें खून दो मैं तु हें आजादी दूंगा। हम सब को अपने वीर शहीदों से प्रेरणा लेकर अपने देश कि सेवा करनी चाहिए। मेजर अधिराज ने कहा कि आज मुझे खुशी है कि ऐसे महापुरुष को सलामी दे रहा हूं। आज सैकड़ों शहीदों की वजह से ही हम खुली सांस लें रहे हैं। सभी ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर  पर पूर्व पार्षद मोहन सिंह यादव, महेश बोहरा धनपत साहब, सुरेन्द्र साहब,अनिल सरपंच, उदयवीर सिंह, सुरेश वशिष्ठ डा. विनोद यादव कनीना व अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01 एवं 02: नेताजी को याद करते हुए विभिन्न समाजसेवी।


























अगिहार के प्रांगण में पराक्रम दिवस मनाया गया
-नेताजी को किया याद
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अगिहार के प्रांगण में मंगलवार को पराक्रम दिवस मनाया गया। इस अवसर पर समस्त स्टाफ तथा विद्यार्थियों ने आजादी के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। विद्यालय में अंग्रेजी के प्रवक्ता मदन मोहन कौशिक ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन और उनके व्यक्तित्व का विस्तृत वर्णन किया तथा उन्होंने नेताजी के दिए हुए नारे तुम मुझे खून दो मैं तु हें आजादी दूंगा के इतिहास पर  लिखी गई खूनी हस्ताक्षर कविता का वाचन भी किया। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में नेताजी का बहुत बड़ा योगदान था तथा हमें उनके बताए हुए मार्ग पर तथा उनके आदर्शों पर चलने का प्रयास करना चाहिए। विद्यालय में गणित के प्रवक्ता अजय बंसल ने भी नेताजी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके शौर्य व पराक्रम का बखान किया।
 इस अवसर पर विद्यालय के प्रवक्ता राजेंद्र कटारिया, धर्मेंद्र डीपीई, प्रमोद कुमार, मुकेश कुमार, चंद्रशेखर, पूनम तथा शशि कुमारी सहित विद्यालय के समस्त स्टाफ एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे
फोटो कैप्शन 03: अगिहार में नेताजी को याद करते लोग।





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