Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Thursday, January 4, 2024


 

 हजारों रुपये की केबल चोरी, अज्ञात चोरों के विरुद्ध किया मामला दर्ज
--अज्ञात चोर ने की सेंधमारी
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कनीना की आवाज।  कनीना के सिहोर सड़क मार्ग पर स्थित एचवीपीएनएल की 132 केवी लाइन बनाने में काम आने वाली हजारों रुपये की केबल चोरी हो गई। स्टोर कीपर शेषमणि दुबे अयोध्या निवासी ने कनीना थाने मामला दर्ज करवा दिया है। कनीना पुलिस में अज्ञात चोरों के विरुद्ध चोरी का मामला दर्ज कर लिया है। शेषमणि दुबे ने पुलिस में कहा है कि वह टेलीकॉम नेटवर्क साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कनीना में स्टोर कीपर के रूप में कार्यरत है। कंपनी एचवीपीएनएल में 132 केवी की लाइन बनाने का काम करती है। अज्ञात चोर स्टोर की दीवार से दो जगह दीवार की ईंट हटाकर स्टोर में बिजली का तार चोरी कर ले गए। कनीना पुलिस ने अज्ञात चोरों के विरुद्ध उनके बयान पर मामला दर्ज कर लिया है, जांच जारी है।





पर्यावरण  के प्रति लगाव आज की आवश्यकता- सत्यव्रत शास्त्री
--पर्यावरणविदों को किया सम्मानित
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कनीना की आवाज। सांस्कृतिक अहीरवाल संस्था का पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले लोगों का  सम्मान समारोह राधा कृष्ण समारोह स्थल महेंद्रगढ़  किया गया । जिसमें महेंद्रगढ़, आकोदा, कनीना क्षेत्र के पर्यावरण पर काम करने वाले को सम्मानित किया गया  इस कार्यक्रम का आरम्भ महेन्द्रगढ डीएसपी रणवीर सिंह ने दीप प्रज्वलित किया इस कार्यक्रम के आयोजक पवन खैरवाल ने बताया सांस्कृतिक अहीरवाल  संगठन अहीरवाल संस्कृति के प्रति समर्पित संगठन है और इसके हर पहलू को देखकर उस पर काम करने की योजना बनाई जाती है। अहीरवाल के ऐतिहासिक इतिहास लेखन के समय पर्यावरण प्रेमियों को जोड़ा गया था अब उनका सम्मान समारोह आयोजित किया गया है। इस सम्मान  समारोह में उन दिवंगत आत्माओं को भी मरणोपरांत सम्मानित किया  जिनके लगाए पेड़ आज भी गांव में दिखाई देते हैं। इस कार्यक्रम में महेंद्रगढ़, कनीना, महेंद्रगढ़ शहर और आकोदा क्षेत्र के लोगों को सम्मानित किया गया । उन्होंने कहा पर्यावरण आज की बढ़ती आवश्यकता है और इस पर ध्यान देना हर व्यक्ति की प्राथमिकता में होना चाहिए। हम सब समाज में सभी प्रकार की प्रतिभाओं और सहयोग करने वाले लोगों को सम्मानित करते हैं परंतु समाज में पर्यावरण का संरक्षण करने वाले विशेष रूप से पेड़ पौधों को पालकर बड़ा करने वाले लोगों को कभी सम्मानित करने का अवसर नहीं मिला। अब  संगठन उन सभी पर्यावरण प्रहरियों को प्रशस्ति पत्र और वृक्ष देकर सम्मानित किया कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सत्यव्रत शास्त्री ने  कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन सांस्कृतिक अहीरवाल महेन्द्रगढ के सह प्रमुख पवन खैरवाल अपने जन्मदिन पर किया । यह अनूठी पहल समाज के युवाओं को प्रेरणा देगी और इससे आने वाले समय में  पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी । उन्होंने कहा सांस्कृतिक अहीरवाल अहीरवाल की सबसे बड़ी सामाजिक संस्था है जिसका इस क्षेत्र के 2500 गांवो में सीधा सम्पर्क है। उन्होंने  संचार माध्यम का आभार प्रकट करते हुए कहा कि आप सभी के योगदान से हमारी को पंख लगे हैं इसी कारण आज  हमारी विचारधारा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। कार्यक्रम के में भाग प्रमुख मास्टर सुरेंद्र  कनीना संस्था के प्रचार प्रमुख सतीश यादव खेड़ा, विजयपाल यादव, हवा सिंह  एडवोकेट, नरेश यादव आकोदा इकाई प्रमुख विजय पाल आर्य  व कैलास दत्त शास्त्री महेंद्रगढ़ इकाई प्रमुख ब्रह्मदेव आर्य संजय रिवासा, विष्णु पाली अशोक बुचौली सुनील पाली राजेंद्र मेघन वास और ओंकार सरपंच उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन: फोटो साथ हैं।







 दो दिनों से सूरज के नहीं हुये हैं दर्शन
 -बढ़ गई है ठंड
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में लगातार 2 दिनों से सूर्य देव के दर्शन नहीं हुये हैं। लगातार ठंड पड़ रही है किंतु कोहरा गायब हो गया है। सूरज न निकलने के कारण कंपकंपाने वाली ठंड का कहर जारी है तथा विभिन्न स्थानों पर बहुत कम लोग इधर-उधर घूमते नजर आए। ठंड के चलते जहां लोग घरों में दुबके बैठे रहे वहीं किसानों की नजरें उनकी फसलों पर टिकी हुई है। अगर लंबे समय तक सूरज के दर्शन नहीं होंगे तो फसल को नुकसान हो सकता है।  दिनभर गुरुवार को बादल छाए रहे। दिसंबर माह से लगातार मौसम में बदलाव हो रहा है।  कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार अभी तक ऐसी स्थिति नहीं है जब फसल को कोई नुकसान हो सके। बहरहाल ठंड बढ़ गई है। ऊनी कपड़ों में लिपटे हुए लोग नजर आ रहे हैं। जहां भी देखे बस ठंड से बचने के प्रयास किये जा रहे हैं।
 फोटो कैप्शन 10: आकाश में छाए हुए बादल






जागरण की मुहिम-एक मुट्ठी अन्न श्रीराम के नाम
--मंत्रोच्चारण के बाद ढोल नगाड़ों एवं नृत्य के बीच स्थापित किया किया कलश
--समाजसेवी भगत सिंह रहे मुख्य अतिथि
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कनीना की आवाज। कनीना के प्रसिद्ध संत मोलडऩाथ आश्रम पर विधि विधान से मंत्रोच्चारण के बीच दैनिक जागरण की मुहिम एक मुट्ठी अन्न श्रीराम के नाम पर कलश स्थापित हुआ। एक मुट्ठी अन्न को आगे बढ़ते हुए सभी उपस्थित लोगों ने एक-एक मुट्ठी अन्न डालकर कहा कि यह मुहिम यूं ही आगे बढ़ती जाएगी।
   इस मौके पर मुख्य अतिथि बतौर कनीना के प्रसिद्ध समाजसेवी भगत सिंह उपस्थित रहे। भगत सिंह ने विधि विधान से कलश संत मोलडऩाथ आश्रम में स्थापित करवाया। मंत्रोच्चारण महेंद्र शर्मा व इंद्रजीत ने किया। इस मौके पर ढोल बजाए गए और नृत्य करते हुए कलश स्थापित किया गया। खुशी मनाते हुए सभी ने जहां श्री राम के साथ साथ बाबा मोलडऩाथ के जयकारे लगाए गए।
समाजसेवी भगत सिंह ने कहा कि इस स्थल पर प्रतिदिन कार्यक्रम चलते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी खुशी की बात है कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर स्थापित होने जा रहा है। इसके लिए एक-एक मुट्ठी अन्न की सहभागिता सभी की होनी चाहिए तथा अपने-अपने घर से एक-एक मुट्ठी अनाज की डालकर अयोध्या में श्रीराम मंदिर की खुशी मनाये। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि अयोध्या में श्रीराम का मंदिर स्थापित हो रहा है जिस पर करोड़ों लोगों की आस्था टिकी हुई है। ऐसे में हम सभी का फर्ज बनता है कि इस प्रकार के कार्यक्रम में अपना यथोचित सहयोग दें। उल्लेखनीय कि इससे पहले भी भडफ़ के सरपंच महेंद्र सिंह ,गाहड़ा के सरपंच दारा सिंह, विजय नंबरदार, ककराला के सरपंच कृष्ण कुमार, इसराणा के सरपंच विजेंद्र सिंह आदि ने अपने-अपने क्षेत्र में कलश स्थापित कर दिए हैं। प्रतिदिन विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं जिसको लेकर के ग्रामीणों में और अब शहरी क्षेत्र में भी खुशी का माहौल है।
इस मौके पर दिनेश कुमार, कमला देवी लूखी, भीम सिंह, सुनीता, महाराज रामनिवासदास, ललित शर्मा, इंद्रजीत, गोपाल, मोहन सिंह पार्षद जितेंद्र कुमार तथा विभिन्न महिलाएं एवं बच्चे उपस्थित रहे। इस मौके पर जहां समाज सेवी भगत सिंह ने 5100 रुपये का अन्न देने की घोषणा की वही 4000 का अन्न महेश बोहरा ने घोषणा की, वही संत रामनिवासदास ने संत मोलडऩाथ आश्रम की ओर से 1100 रुपये का अन्न देने की घोषणा की जो अयोध्या जाएगा।
  इस मौके पर संत मोलडऩाथ आश्रम ट्रस्ट के प्रधान दिनेश कुमार ने कनीनावासियों से अपील की कि वे जितना अन्न एवं आटा आदि श्रीराम के नाम अयोध्या भिजवाना चाहते हैं वे मोलडऩाथ आश्रम पर पहुंचाये तथा अपना नाम भी लिखवाये।
दिनेश कुमार ने बताया कि शांत श्रम पर लगातार भक्तों का तांता लगा रहता है जो अब यहां एक-एक मुट्ठी अन्न भी डालकर जाएंगे। दिनेश कुमार की देखरेख में कलश संरक्षित रहेगा तथा अन्न विभिन्न पत्रों में जमा होता रहेगा।
फोटो कैप्शन 8 व 9: ढोल नगाड़ों के बीच कलश स्थापित करते हुए
 फोटो कैप्शन 7:  नृत्य करते हुए
फोटो कैप्शन 6 मंत्र उच्चारण करते हुए पंडित एवं कलश स्थापित करते हुए समाजसेवी भगत सिंह।







विश्व पक्षी दिवस-5 जनवरी
आश्रय लुप्त होने से लुप्त हो गये हैं पक्षी
-पाली में बनाया है पक्षी घर
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कनीना की आवाज।  ग्रामीण क्षेत्र में किसी समय इंसान के संग सैकड़ों पक्षी देखने को मिलते थे। इनके संग गहरा नाता होता है। इंसान जहां सुबह सवेरे उठता तो पक्षी उन्हें उठाते थे तथा उनकी झोपड़ी में जहां इंसान आराम करता चिडिय़ां नजर आती थी। आज वो झोपड़ी गायब हो गई हैं। आज न तो ग्रामीण क्षेत्रों में झोपड़ी और आश्रय स्थल नहीं बचे हैं और ना ही पक्षियों को छिपने के लिए कोई ठिकाने बचे हैं।  जहां भी देखें ऊंचे ऊंचे महल,उच्च वोल्टेज की बिजली की तारे, गर्मियों में पानी की कमी, दानों आदि में जहरीली दवाओं का होना, वृक्षों की कटाई के चलते ये पक्षी धीरे-धीरे लुप्त होते जा रहे हैं। कभी कच्चे घर होते थे किंतु अब पक्के मकान बढ़ गये जिससे पक्षी घट गये।
 उधर पक्षी विशेषज्ञ रविंद्र कुमार का कहना है कि इंसान के क्रियाकलापों के चलते पक्षी घटते जा रहे हैं।  झोपडिय़ां जहां उनके छिपने के स्थान होते थे खत्म होने के बाद जहां वन जंगल धीरे-धीरे खत्म होते चले गए। यद्यपि चिडिय़ां जैसे पक्षी इंसान के ज्यादा समीप रहती थी किंतु इंसानों से दूर होने पर भी उन्हें कोई छुपने के ठिकाने नहीं मिले। वृक्षों को इतना काट डाला है कि उनके घोंसले के लिए स्थान नहीं मिलता, उनकी प्रजनन के लिए उचित वातावरण न मिलने से उनकी संख्या घटती जा रही है, विशेषकर गर्मियों में पीने के लिए उनको पानी नहीं मिलता वहीं दाने भी नहीं मिलते हैं। उनको उचित दाना पानी नहीं मिलने के कारण भी वे लुप्त हो गई है।  कनीना के प्रसिद्ध संत मोलडऩाथ अपने हाथों से मोर और गौरैया को दाने देते थे पानी पिलाते थे किंतु अब सभी लुप्त हो चुके हैं।
उधर कैलाश पाली ने बताया जलवायु में परिवर्तन और इंसान की छेड़छाड़ के चलते जीव जंतु लुप्त हो गए हैं जिनमें पक्षी भी एक है। अगर समय रहते इंसान नहीं चेता तो भविष्य में पक्षी धरती से लुप्त हो जाएंगी।
पाली में बना पक्षी घर बना उदाहरण-
राजस्थान में जहां पक्षियों के पुनर्वास के लिए अनेक पक्षियों के आश्रय स्थल बनाये गये हैं। उन्हीं से प्रेरणा लेकर महेंद्रगढ़ जिला के पाली में भारत भर का सबसे ऊंचा पक्षी घर बनाया गया है।
कहां है यह पक्षी घर--
महेंद्रगढ़ से 8 किलोमीटर दूर नारनौल-दादरी रोड पर स्थित गांव पाली बाबा जयराम दास के नाम से मशहूर है।  वर्तमान में गांव पुन: पूरे राज्य में सुर्खियां बटोर रहा है।
पक्षी घर की विशेषताएं--
यहां पर जन सहयोग से एक विशाल 9 मंजिल के 73 फीट ऊंचे पक्षी घर का निर्माण श्रद्धालुओं द्वारा करवाया गया है। इस पक्षी घर के निर्माण में लगभग 15 लाख रुपए खर्च हुए और 3000 पक्षियों को इसमें आश्रय  मिलेगा। इस पक्षी घर के नीचे एक 23 बाई 23 फुट का चबूतरा बनाया गया है, साथ ही वर्तमान परिस्थितियों में युवाओं का ध्यान रखते हुए एक सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है।
क्या कहते हैं ऊंची सोच लेकर पक्षी घर निर्मित करने वाले
 इस पक्षी घर के संयोजन का काम देख रहे कैलाश पाली बताते हैं कि इसका निर्माण गुजरात के कारीगरो द्वारा किया गया इसमें जो सामग्री लगी है वह सिद्धपुर से मंगाई गई और 38 दिन में पक्षी टावर का कार्य पूर्ण हो गया। उनका दावा है कि यह पक्षी घर भारत का सबसे ऊंचा पक्षी घर है। यह सारे इलाके के लिए एक गर्व का विषय है।
सबसे नीचे चिडिय़ा जैसे छोटे जानवर के लिए घोंसले बनाए गए हैं। ऊपर की 7 मंजिलों में कबूतर कोयल कौवा, मैना, तोता, फाख्ता, कठफोड़ा पक्षी अपना आशियाना बनाएंगे। इस पक्षी घर में  जो घोंसले बने हैं उनको तापमान को ध्यान में रखकर बनाया गया है।  उनके के लिए दाने पानी की उपयुक्त व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया की बाबा जयराम दास मंदिर कमेटी के सहयोग के अलावा विजय कुमार नांगलिया, नलनि नांगलिया सज्जन कुमार शर्मा, आनंद प्रकाश शर्मा, रोहतास अग्रवाल और आचार्य कमल कांत ने आर्थिक रूप से मदद की वही प्रधान सूबेदार राम अवतार सिंह सचिव, वीरेंद्र तंवर कोषाध्यक्ष, राजेश मुन्ना ,सोहन सिंह, कैलाश यादव, रवि तंवर और विनोद खींची ने इस कार्य को पूर्ण करवाने में अपना पूरा योगदान दिया।
  इस पक्षी घर में पक्षियों के हने खाने तथा अंडे देने के लिए हर प्रकार की सुविधा दी गई है। अभी से ही जब इसका उद्घाटन होना बाकी है अनेक पक्षियों ने अपना शरण स्थल मान लिया है और आाम से बसने लगे हैं। उनके लिए पानी एवं अन्न का प्रबंध भी कर दिया गया है।
फोटो कैप्शन 04: पक्षियों के लिए पाली में बनाया गया घर।
  05: एक पेड़ पर बैठे पक्षी
साथ में कैलाश पाली।






कड़ाके की ठंड और शीत लहर के कारण बुजुर्ग किसानों की नाजुक हालात
-- धरना 298वें दिन रहा जारी
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए अनिश्चितकालीन धरना 298वें दिन जारी रहा। धरने की अध्यक्षता डा लक्ष्मण सिंह सेहलंग ने की और कहा कि कड़ाके की ठंड और शीतलहर के कारण बुजुर्ग किसान बीमार हो रहे हैं लेकिन कट को लेकर उनका हौसला बढ़ रहा है। किसानों को धरने पर बैठे 10 महीने होने जा रहे हैं लेकिन सरकार की तरफ से कट के लिए अब तक धरातल पर कोई काम शुरू नहीं किया गया है ढ्ढ धरना स्थल पर बैठे किसानों का एक उद्देश्य है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनना चाहिए, इसके लिए किसान हर परेशानी का  सामना करने के लिए तैयार हैं। केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर कट के लिए घोषणा की हुई है, उसके बाद आश्वासन भी दिया गया की काम जल्दी शुरू किया जाएगा लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जब तक केंद्र सरकार कट का काम शुरू नहीं करती है, धरना जारी रहेगा।                     
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि केंद्र सरकार किसानों की पीड़ा को समझे, मांग जायज है, नेक काम है, एक के लिए नहीं, सभी को इसका फायदा मिलेगा। केंद्र सरकार भी कहती है कि सबका साथ, सबका विकास। कट बनने के बाद ही इस क्षेत्र का विकास होगा, उद्योग धंधे स्थापित होंगे, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, शैक्षणिक संस्थाएं खुलेंगी, व्यापार बढ़ेगा, बाघेश्वर धाम, शिव मंदिर  पर्यटक स्थल होगा, क्षेत्र की इकोनामी मजबूत होगी।
इस मौके पर चेयरमैन सतपाल , नरेंद्र शास्त्री, जिला पार्षद लीलाराम, डॉ लक्ष्मण सिंह, पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह, पहलवान रणधीर सिंह, मास्टर विजय सिंह, डॉ राम भक्त स्वामी, पूर्व सरपंच हंस कुमार, पंडित संजय कुमार, दाताराम, बाबूलाल, पूर्व सरपंच सतबीर, वेद प्रकाश, करतार, रामकुमार, पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह, सरपंच हरिओम पोता, ओम प्रकाश, मुंशीराम,प्रधान कृष्ण कुमार, वेद प्रकाश, सूबेदार हेमराज अत्रि , एसआई रामकुमार,  रोशन लाल आर्य,  सूबेदार भूले राम, शेर सिंह, कृष्ण कुमार पंच, प्रधान तेज सिंह, पहलवान धर्मपाल, मनफूल, अशोक चौहान, रामभज, सज्जन सिंह  व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 01: कट के लिए धरने पर बैठे ग्रामीण।






स्वयंसेवक कौन किया दड़ोली आश्रम में श्रमदान
--धनौंदा स्कूल में भी चला श्रमदान
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कनीना की आवाज। राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के एनएसएस स्वयंसेवकों ने कार्यशाला के तीसरे दिन स्वामी शरणानंद महाराज दड़ोली आश्रम में श्रमदान किया। स्वयंसेवक ने कार्य की शुरुआत हवन में अपनी आहुति डालकर की। आश्रम में स्वयंसेवकों ने प्राप्त 10 बजे शायद 3 तक श्रमदान किया।
 इसके बाद आचार्य अभय देव महाराज ने सभी स्वयंसेवकों को श्रम की महत्ता, सनातन धर्म, भारतीय समाज के प्राचीन गौरव, वर्तमान समय में आए बदलाव के बारे में विस्तार से जानकारी दें। विद्यार्थियों ने कहा कि वे आचार्य के बताए हुए मार्ग पर सदा चलते रहेंगे। आश्रम की कर्मशाला में डा मुंशी राम, संजय कुमार डीपी, पूनम ब्यूटी एंड केयर, अमृत सिंह विद्यार्थियों के साथ रहे।
  उधर धनौंदा में एनएसएस स्वयंसेवकों ने स्कूल प्रांगण में श्रमदान किया तथा एनएसएस प्रगभारी राजेश कुमार ने उन्हें श्रमदान का महत्व समझाया।
फोटो कैप्शन 02: एनएसएस स्वयंसेवक दड़ोली आश्रम में श्रमदान करते हुए।
             03: आचार्य अभयदेव स्वयंसेवकों को श्रमदान की जानकारी देते हुए।



स्वयंसेवकों ने की सफा























ई, बेवल में शुरू हुआ शिविर
--धनौंदा एवं बेवल में लगे शिविर
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बेवल में एनएसएस सात दिवसीय कैंप के तीसरे दिन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एबीआरसी श्रुति आर्य व एबीआरसी रिंकू वर्मा रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ प्रवक्ता श्री रोशन लाल ने की। मुख्य अतिथि श्रुति आर्य ने एनएसएस स्वयं सेवकों को श्रम के महत्व के बारे में समझाते हुए कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए परिश्रम और सही दिशा में किए गए प्रयास ही सफल होते हैं। उन्होंने स्वयंसेवकों को प्रेरित करते हुए कहा कि जब हम सच्चे मन से वह पूरी निष्ठा के साथ किसी कार्य को करते हैं तो सभी शक्तियां हमें उस काम को पूरा करने में सहयोग देती है। इस अवसर पर एनएसएस प्रभारी विक्रांतसेन प्रवक्ता भौतिक विज्ञान ने आर्य का कैंप में पहुंचने पर आभार जताया। इस अवसर पर वरिष्ठ प्रवक्ता कैलाश जोशी, लैब सहायक धर्मपाल  लिपिक दारा सिंह आदि उपस्थित रहे।
उधर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौदा में भी एनएसएस के दूसरे दिन विद्यार्थियों ने स्कूल प्रांगण की सफाई की। वही सत्यवीर सिंह वरिष्ठ अंग्रेजी प्रवक्ता तथा इएसएचएम महिपाल सिंह बाघोत निवासी ने जाकर विद्यार्थियों को दैनिक जीवन उपयोगी जानकारी दी तथा एनएसएस के विषय में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि एनएसएस का मतलब है कि किसी कार्य को नीचा छोटा नहीं समझना है।
 फोटो कैप्शन 09: बेवल में एनएसएस शिविर का नजारा
10: धनौदा में एनएसएस शिविर में सफाई करते स्वयंसेवक



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