उन्हाणी महाविद्यालय की स्वयं सेविकाओं ने चलाया- स्वच्छता अभियान
--चल रहा है सात दिवसीय कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। उन्हाणी महाविद्यालय के प्राचार्य डा. विक्रम यादव के मार्गदर्शन व डा. सीमा देवी व श्रीमती सीमा ने निर्देशन में चल रहे राष्ट्रीय सेवा योजना सप्त दिवसीय विशेष शिविर के द्वितीय दिवस के दौरान स्वयं सेविकाओं ने स्वच्छता अभियान चलाया। उन्होंने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ग्रामवासियों में स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी नियमों के बारे में जानकारी देकर उनमें जागरूकता को फैलाना है। उन्होंने सड़कों और सार्वजनिक स्थलों में फैली हुई गंदगी को दूर कर उन्हें स्वच्छ किया। उन्होंने समीपवर्ती लोगों को समझाया कि स्वच्छता का महत्व केवल जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए ही नहीं है, अपितु इसके माध्यम से अनेकविध बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है। इसे अपनाकर हम एक स्वस्थ और स्वच्छ भारत के भविष्य की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
शिविर में आमंत्रित विशिष्ट अतिथि प्रो. राजेश कुमार ने स्वयं सेविकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्वच्छता को जीवन में अंगीकार करने से स्वयं, मोहल्ला, पूरा गांव, समाज और देश का हित होगा। उन्होंने कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान के अतिरिक्त स्वच्छता भी एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। इसका शुभारंभ स्वयं से करना होगा तभी हमारा मिशन सफल होगा के बारे में अत्यंत ही रोचक एवं प्रभावशाली व्याख्यान दिया।
फोटो कैप्शन 10: स्वयंसेविकाएं स्वच्छता रैली निकालते हुए।
समाचार पत्र दिवस- 29 जनवरी
हर प्रकार की सूचना का प्रमुख साधन होता रहा है समाचार पत्र
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कनीना की आवाज। समाचार पत्र एक ऐसा माध्यम रहा है जो हर प्रकार की सूचना दूर-दराज तक के लोगों तक पहुंचता है। समाचार पत्र के जरिए हर विद्यार्थी, किसान, आम आदमी, व्यापारी सभी जुड़े हुए देखे गए हैं। यह सत्य है कि मोबाइल क्रांति के कारण समाचार पत्रों के प्रति लगाव कुछ कम हुआ हो किंतु आज भी समाचार पत्र पढ़े बगैर लोग सुबह का नाश्ता तक नहीं करते। समाचार पत्र से जुडऩे वाले कुछ लोगों से चर्चा की गई उनके सुंदर सैामने आये।
** व्यवसाय से जुड़ी सभी सूचनाओं का आदान-प्रदान करने का सशक्त माध्यम दैनिक समाचार पत्र होता है। दूर बैठे अपने व्यवसाय के बारे में सारी कुछ जानकारी मिल जाती है। यहां तक कि पूर्व कर्मचारी एवं अधिकारियों तक की सभी सूचनाएंं आसानी से मिल जाती है, इसलिए समाचार पत्र उनका मनपसंद साधन है। --सतीश कुमार पूर्व मुख्य अध्यापक
समाचार पत्र किसानों के लिए अहम भूमिका निभाता है क्योंकि प्रतिदिन फल, अनाज एवं सब्जियों के भाव अलग-अलग होते हैं और वे अपनी फल सब्जियों को बेचने के लिए या फिर अनाज को बेचने के लिए बाजार जाते हैं। भावों की सभी जानकारी भी उन्हें समाचार पत्रों के माध्यम से प्राप्त हो जाती है। इसलिए समाचार पत्र को पढऩे का उनका प्रमुख उद्देश्य बाजार के भाव से है। प्रतिदिन समाचार पत्र पढ़े बगैर मन प्रसन्न नहीं रहता।
-- गजराज सिंह, किसान मोड़ी
समाचार पत्र नवयुवकों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने में सहायक है। विभिन्न प्रकार के रोजगार संबंधित सूचनाएं समाचार पत्रों में प्रकाशित होती है और वे नियमित समाचार पत्र पढ़कर किसी प्रकार की नौकरी आदि में आवेदन आसानी से कर लेते हैं। नवयुवकों का लगाव दैनिक समाचार पत्रों से प्रमुखता से देखा जा सकता है। जब तक समाचार पत्र नहीं पढ़ लेता तब तक मैं यह समझता हूं कि कोई नौकरी छूट न जाए।
-- विनय कुमार, युवा वर्ग
विद्यार्थियों के लिए भी समाचार पत्र एवं भूमिका निभाता है। विद्यार्थियों के लिए कोई विशेष योजना जब सरकार चलाती है तो समाचार पत्रों से उन्हें पता लग जाता है। विद्यार्थियों की गतिविधियों तथा विद्यार्थियों के हित की विभिन्न जानकारियों का समाचार पत्र ही एक प्रमुख माध्यम है। ऐसे में समाचार पत्र को प्रमुखता से पढ़ती हूं। अगर समाचार पत्र नहीं पढ़ पाती तो उस दिन ऐसा लगता है कि कुछ छूट गया है। ऐसे में समाचार पत्र दैनिक जीवन का एक अंग बन गया है।
- आर्यन छात्रा
फोटो कैप्शन 6:सतीश कुमार 7: गजराज सिंह 8: विनय कुमार 9: आर्यन
लोक गायकी का उभरता हुआ सितारा है अमृत सिंह राघव
-माडल स्कूल में विशेष शिक्षक बतौर कार्यरत
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कनीना की आवाज। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती यह कहावत चरितार्थ कर दिखाई है, राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में कार्यरत विशेष शिक्षक अमृत सिंह राघव ने।
अमृत सिंह राघव वर्तमान में राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में समावेशी शिक्षा में विशेष शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। दिव्यांग बच्चों के शिक्षक के कार्य के साथ-साथ हरियाणवी संगीत में रुचि रखते हैं। हरियाणवी रागिनियों के गायन में अमृत सिंह का विशेष नाम है। उन्हें हरियाणवी लोक गायक के नाम से जाना जाता है।
अमृत सिंह राघव ने बताया कि बताया कि उनका जन्म राजस्थान के बहरोड़ तहसील के छोटे से गांव खोहर में राजपूत परिवार में पिता नरपाल सिंह राघव व माता निर्मला देवी के घर हुआ । अमृतसिंह राघव तीन भाइयों में देवेंद्र सिंह व कबूल सिंह से बड़े हैं। अमृत सिंह राघव बचपन से प्रतिभा के धनी रहे हैं। केवल 14 साल की उम्र में गांव की रामलीला में पंडित भोलाराम शर्मा व नरेंद्र मास्टर से ज्ञान लेकर लक्ष्मण का रोल किया। लक्ष्मण के अभिनय के साथ-साथ अंगद, मंदोदरी, केवट ,का भी समय-समय पर रोल किया रामलीला में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार प्राप्त किया। भजन रागिनी गाने का शोक 14 साल की उम्र में लगा जब गांव की भजन मंडली के साथ-साथ बाबा भगवान दास महाराज जी के मंदिर में जाते थे तब गांव के गायक कलाकार नत्थू सिंह ,जनक सिंह ,पंडित नरेश कुमार शर्मा, सुभाष जांगिड़ के साथ रहकर ज्ञान प्राप्त किया। विशेष तौर पर पंडित नरेश कुमार व गुरु मुकेश सिंह राघव को गुरु धारण करके राधा बन गई जिलाधीश, भजन गाकर सब का मन मोह लिया गांव में ही गाते रहे। गांव में ही एक छठी की रात में रागनी गाकर सभी का मन मोह लिया। उसके बाद उन्होंने मुड़कर नहीं देखा।
उनके पिताजी नरपाल सिंह व माताजी निर्मला देवी भी भजन रागिनियों के शौकीन थे। माताजी अभी गांव खोहर में ही रहती हैं ।तथा उनका छोटा भाई कबूल सिंह राघव गांव में ही रहता है। समय परिवर्तन के साथ सन 2005 में उनकी शादी खेड़ी, जिला महेंद्रगढ़ में रविता देवी के साथ हुई। उसके बाद कनीना में आकर रहने लगे यहां आकर उन्होंने अपनी गढ़वा बैंजो की पार्टी बनाई जिसमें उनमें पार्टी के सदस्य मास्टर प्रदीप नांगल मोहनपुर, मोनू भोजावास, रमेश भोजावास, मोनू कल्याणा ,पवन नौताना, नरवीर निमोठ उनके स्थायी साजिंदों में गिनती होती है। इन साजिंदों के कारण से ही अमृत सिंह राघव हरियाणा के हर क्षेत्र में अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं। वर्तमान में उनकी रागिनी बड़े की इच्छाओं के साथ गढ़वा बैंजो पर सुनी जाती हैं, विशेष तौर पर सेठ ताराचंद, राजा वीर विक्रमादित्य, ध्रूव भक्त,जयमल फत्ता ,फूल सिंह नौटंकी, नवरत्न, आदि पंडित लख्मीचंद पंडित मांगेराम आदि द्वारा रचित रागिनी को बड़े चाव के साथ गाते हैं। गुरु मुकेश सिंह राघव द्वारा रचित भजन व रागिनी गाते हैं। वर्तमान में कनीना के आसपास के गांव में उनके प्रोग्राम बहुत ज्यादा मात्रा में सुने जाते हैं। मनाली में भी अपनी रागिनी की प्रस्तुति अपनी पार्टी के साथ दे चुके हैं।
शिक्षा विभाग के कला उत्सव के कार्यक्रम में जिला स्तर पर प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त कर चुके हैं। वर्तमान में कनीना के वार्ड नंबर 5 में अपनी पत्नी रविता देवी, बड़ा बेटा राहुल राघव, छोटा बेटा मनजीत राघव के साथ रहते हैं तथा उनका बड़ा बेटा राहुल राघव भी रागिनियों के क्षेत्र में कदम रख चुका है।
फोटो कैप्शन 05: रागिनी गाते हुए अमृत सिंह राघव।
गणेश चतुर्थी- 29 जनवरी
--सौभाग्यवती महिलाओं का पर्व, तिल कूटकर जाते खाये
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कनीना की आवाज। 29 जनवरी को कनीना क्षेत्र में गणेश चतुर्थी का व्रत पर्व मनाया जाएगा। इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है।
पोष माह की कृष्ण चतुर्थी को सौभाग्यवती महिलाओं का पर्व गणेश चतुर्थी मनाया जाएगा जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में संकटहरण चतुर्थी, तिल कुटनी तथा गणेश चतुर्थी आदि नामों से जाना जाता है। सर्दी के माह में आने वाले इस पर्व का विशेष महत्व माना जाता है। यह व्रत पति, पुत्र की मंगलकामना, धन एवं धान्य के लिए किया जाता है।
इस पर्व पर तिलों को कुटकर तथा चासनी में डालकर बनाई गई विशेष प्रकार की केक खाकर मनाया जाता है इसलिए इसे तिल कुटनी का व्रत भी कहते हैं। यह व्रत विवाहित एवं अविवाहित दोनों के लिए ही फलदायक माना जाता है। अविवाहित महिलाएं अपने सुपति की कामना से तो विवाहित महिलाएं अपने पुत्र, भाई एवं पति की मंगलकामना के लिए व्रत करती हैं। इस दिन श्रीगणेश की पूजा करने का विशेष विधान है।
एक बार एक युद्ध में शिवभोले ने बारी-बारी से कार्तिकेय और गणेशजी से देवताओं का सेनापति बनने के बारे में पूछा। दोनों ही अपने को देवताओं का संकट हरने के लिए तैयार थे और एक दूसरे से शक्तिशाली, ज्ञानवान एवं तर्कशील बताने लगे। ऐसे में शिवभोले ने दोनों की परीक्षा लेनी चाही और दोनों को आदेश दिया कि दोनों ही पृथ्वी के तीर्थस्थलों के चक्कर लगाकर आओ। जो भी पहले आएगा उसे ही देवताओं का सेनापति नियुक्त किया जाएगा। इतना सुनकर कार्तिकेय अपने मयूर पर सवार होकर पवन के वेग से तुरंत पृथ्वीलोक की ओर चल दिया और तीर्थों के चक्कर लगाने लगा।
उधर श्रीगणेश आराम से अपने स्थान पर बैठा रहा और कुछ समय उपरांत अपने माता-पिता के चारों ओर सात चक्कर लगाकर उन्हें प्रणाम करके बैठ गया। जब कार्तिकेय अपने मयूर पर सवार होकर तीर्थों के सात चक्कर लगाकर शिवभोले और माता पार्वती के पास पहुंचा तो अपने को पहले पहुंचने वाला बताया। जब गणेश से पूछा गया कि आपने सात तीर्थों का चक्कर ही नहीं लगाया जबकि आप पहले आने की बात कह रहे हो तो श्रीगणेशजी ने कहा-माता-पिता से बड़ा कोई तीर्थ इस जगत में नहीं होता है। श्रीगणेश ने देवताओं के सभी संकट दूर किया। तभी से श्रीगणेश जैसा पुत्र पाने के लिए महिलाएं व्रत रखती हैं। पार्वती भी इस व्रत को रखती थी और गणेश जी की पूजा करती थी।
क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य-
ज्योतिष आचार्य पंडित ऋषिराज शर्मा ने बताया कि 29 जनवरी 2024 को सुबह 06 बजकर 10 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 30 जनवरी 2024 को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी।
संकट चतुर्थी के दिन 29 जनवरी को चंद्रमा रात 09.10 मिनट पर निकलेगा। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं और चांद की पूजा के बाद ही व्रत संपन्न होता है।स्त्रियां सुख-सौभाग्य, संतान की समृद्धि और परिवार के कल्याण की इच्छा से ये व्रत रखती हैं। इस व्रत को रखने से संतान दीर्घायु होती है।
फोटो कैप्शन: पंडित ऋषिराज शर्मा
एक दिन धूप निकली तो दूसरे दिन फिर बदला मौसम
-आकाश में छाये रहे बादल
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में जहां शनिवार को दिनभर मौसम साफ रहा, तेज धूप खिली किंतु रविवार को फिर से आकाश में काले बादल छाए रहे। किसान अपनी फसल को लेकर चिंतित हैं। विगत एक माह से मौसम प्रतिकूल चल रहा है। कभी तेज शीत लहर ,कभी कोहरे का प्रकोप तो कभी पाला जमा है जिसके चलते फसल में नुकसान की पूरी संभावना है। कृषि वैज्ञानिक भी मानते हैं कि सरसों में नुकसान होगा वहीं गेहूं की फसल की भी वृद्धि रुक गई है। ऐसे में किसान चाहते हैं कि मौसम जितना जल्दी हो बदले वरना उनकी फसल पैदावार प्रभावित हो जाएगी। किशन पल पल मौसम और फसल को निहार रहे हैं। इस वक्त जहां खेतों में गेहूं और सरसों की फसल खड़ी है जिसको देखकर यह नहीं कहा जा सकता की सर्दी का कोई नुकसान हुआ है या नहीं परंतु पैदावार लेने पर ही पता चलेगा कि सर्दी आदि का कोई कु-प्रभाव पड़ा या नहीं? अभी जल्द ही सरसों की फसल पकने को जा रही है।
यद्यपि इस बार बसंत पंचमी फरवरी माह में आएगी और तब तक शायद ही सरसों के फूल बच पाएंगे। इस बार अच्छी फसल पैदावार की संभावना को लेकर किसान खेतों में जुटे हुए थे किंतु एक माह से मौसम बदलाव ने सब आशाओं पर पानी फेर दिया है। किसान रमेश कुमार, रवि कुमार, सूबे सिंह, अनीता आदि ने बताया के फसल पैदावार कैसी हो पाती है वक्त आने पर ही पता चल पाएगा। वर्तमान में जहां आकाश में बादल छाए हुए हैं।
फोटो कैप्शन 5: आकाश में छाये बादल
लाला लाजपतराय को किया याद
-कनीना मंडी में चला कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। अमर शहीद पंजाब केसरी लाला लाजपत राय की जयंती कनीना मंडी स्थित लाल शिवलाल धर्मशाला में धूमधाम से मनाई गई। क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने लाला लाजपत राय के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि भेंट की। गांव तलवाना के सरपंच सेठ रामनिवास बंसल बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए। कनीना व्यापार मंडल के प्रधान रविंद्र बंसल, सेठ प्रेम सिंगला तथा पद्मेंद्र जांगड़ा विशिष्ट अतिथि थे।
मुख्य अतिथि सेठ रामनिवास बंसल व अन्य विशिष्ट जनों ने लाला लाजपत राय के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सेठ रामनिवास बंसल ने कहा कि लाला लाजपत राय महान क्रांतिकारी तथा दूरदृष्टा थे। उन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। आर्य समाज के रास्ते पर चलकर उन्होंने देश के सैकड़ों नौजवानों को देश प्रेम का पाठ पढ़ाया और स्वराज के पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि लाला लाजपत राय ने पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना करके आर्थिक रूप से समृद्ध भारत का स्वप्न देखा था। गौसेवा, ग्रामीण उत्थान तथा सर्वजन कल्याण के लिए कार्य करते हुए उन्होंने देश की आजादी के आंदोलन में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने उपस्थित लोगों से लाला लाजपत राय के आदर्शों व पदचिह्नों पर चलने की अपील करते हुए सभी को सदैव देश की एकता और अखंडता के लिए कार्य करने की शपथ भी दिलाई।
समारोह में पहुंचने पर मुख्य अतिथि व अध्यक्ष का फूलमालाओं से भव्य स्वागत किया गया। कनीना व्यापार मंडल की तरफ से मुख्य अतिथि सेठ रामनिवास बंसल एवं अन्य को पगड़ी पहनकर भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को रमेश कुमार अरोड़ा, पद्मेंद्र जांगड़ा, रविंद्र बंसल, सेठ प्रेम सिंगला, कप्तान मामराज सिंह तथा राकेश कुमार ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर दीपक कुमार, कृष्ण कुमार, जगपाल, सत्यवान, दक्ष, मामराज, सतीश गुप्ता, महेंद्र, नरेंद्र, ब्रह्मदेव, सतीश, सुरेश, उमेद सिंह, मूलचंद, मनोहर लाल नंबरदार, लाल सिंह पंच, राजेंद्र पंच, वेदप्रकाश, विजय कुमार, मुरारीलाल मित्तल, मनवीर, कृष्ण कुमार, राकेश कुमार, संजय, नीटू ठेकेदार, महिपाल, पृथ्वीपाल, सतीश, रमेश, विनोद, मोहित, सतीश अरोड़ा, ललित कुमार, मुकेश कुमार, मोहित अरोड़ा, अनुपाल सिंह, राकेश कुमार ,हरीश बंसल, नरेश कुमार, धर्मपाल, राजेंद्र, सुरेंद्र, सरजीत सिंह, आशीष, पूर्ण, हंसराज सोनी, रोशन लाल, रघुवीर सिंह, नरेश रोहिल्ला, ओमप्रकाश, पप्पू वर्मा, धर्मवीर व पवन कुमार सहित गणमान्य जन उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 02:लाला लाजपत राय के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए मुख्य अतिथि सेठ रामनिवास बंसल
कट के काम में केंद्र सरकार के द्वारा ढिलाई के कारण किसानों में आक्रोश
-धरना 322वें दिन रहा जारी
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए अनिश्चितकालीन धरना रोष के साथ जारी रहा। धरने की अध्यक्षता चेयरमैन सतपाल पोता ने की और उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट की घोषणा की हुई है तो काम को क्यों शुरू नहीं किया जा रहा है। हम उसी दिन से राज्य सरकार और केंद्र सरकार के इंतजार में है कि धरातल पर जल्द से जल्द कट का काम शुरू किया जाए। जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं करती है, हमारा धरना जारी रहेगा।
दलीप सिंह सांगवान, संयोजक संयुक्त किसान मोर्चा धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने बताया कि आपका संघर्ष इस क्षेत्र के लोगों को हमेशा याद रहेगा। आपकी मेहनत के कारण राज्य सरकार और केंद्र सरकार के द्वारा दादरी, बाघोत वाया सेहलंग से उन्हाणी तक स्टेट हाइवे घोषित कर दिया गया है और राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट की घोषणा कर दी गई है।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि किसानों को लग रहा है कि सरकार कट को लेकर गंभीर नहीं है, उनकी पीड़ा को नहीं समझ रही है। किसान पक्के इरादे के साथ धरना स्थल पर बैठे हुए हैं, वे जानते हैं और समझते हैं कि जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत-सेहलंग के बीच चढऩे और उतरने का मार्ग नहीं बनता है तब तक इन 40 गांवों का विकास नहीं हो सकता।
इस मौके पर मास्टर विजय पाल,डा लक्ष्मण सिंह, नरेंद्र कुमार शास्त्री, लख्मीचंद जिला महामंत्री महेंद्रगढ़, सूबेदार मुन्नीलाल शर्मा, ओमप्रकाश लिसानिया, नंबरदार नाथूराम , राम भज, वेद प्रकाश, रामकिशन, बाबूलाल, पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह, प्रधान कृष्ण कुमार , प्यारेलाल, सूबेदार हेमराज अत्रि, सीताराम,प्यारेलाल, सब-इंस्पेक्टर रामकुमार , ओमप्रकाश, डॉ राम भक्त, रोशन लाल आर्य व गणमान्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 03: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण
कैसे करें परीक्षा की तैयारी
-नियमित अध्ययन है सफलता का राज-डा कर्मवीर रामबास
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कनीना की आवाज। हरियाणा विद्यालयों में परीक्षाएं फरवरी माह में शुरू हो रही हैं। विद्यार्थी जी-जान से मेहनत में लगे हुए हैं। उनकी तैयारी कैसी हो ताकि वे बेहतर अंक प्राप्त कर सके। इस संबंध में शिक्षाविदों से बात की गई-
डा. प्रो कर्मवीर रामबास का कहना है कि किसी भी राष्ट्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण संसाधन होता है मानव संसाधन और मानव संसाधन को बेहतर तरीके से तैयार करने के लिए उसे देश का शिक्षा ढांचा एवं व्यवस्था अति महत्वपूर्ण योगदान देती है। भारत में सबसे युवा देश के रूप में हमारे पास करोड़ों की संख्या में विद्यार्थी आज स्कूल एवं कालेज में अध्ययनरत है और भारतीय शिक्षा पद्धति में भी परीक्षाओं की व्यवस्था विद्यार्थियों के एकेडमिक मूल्यांकन के लिए महत्वपूर्ण चरण होता है ।
परीक्षाओं का दौर प्रारंभ हो चुका है विद्यार्थियों पर बहुत प्रकार के दबाव होते हैं विशेष रूप से मनोवैज्ञानिक दबाव की उनको बहुत ही कम समय में सारे विषयों को अच्छी तरह से तैयार करना होता है तो ऐसी स्थिति में हम टीचर्स, समाज और अभिभावकों का एक सामूहिक दायित्व है कि बच्चों को परीक्षा के अनुचित मनोवैज्ञानिक दबाव से मुक्त करें। एक शिक्षक के रूप में भूमिका यह होनी चाहिए कि बच्चों को परीक्षाओं से बहुत पहले पाठ्यक्रम को पूरा करने के उपरांत उनका ठीक से रिवीजन करवाया जाए। बार-बार उनसे लिखने का अभ्यास करवाया जाए और विशेष रूप से कुछ ऐसे विषय हैं जो प्रयोग परीक्षाओं एवं प्रायोगिक अनुभवों के आधार पर ही उनके कान्सेप्ट्स को समझ सकते हैं तो वहां शिक्षक प्रायोगिक करवाने में महत्वपूर्ण सक्रियता दिखाएं। दूसरी तरफ अभिभावकों के रूप में हमारा दायित्व है कि हम बच्चे पर अनुचित दबाव न बनाएं विशेष रूप से भारत में जिस तरह से बच्चों को अंक प्राप्त करने की अनावश्यक होड़ में डाल दिया जाता है जिसकी वजह से बच्चे पर निरंतर दबाव रहता है तो ऐसी स्थिति में अभिभावकों को बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहिए कि उनको संकल्पनात्मक रूप से जो बेहतर समझ है उसके हिसाब से अपनी परीक्षा में उत्तरों को लिखे हां यह जरूर ध्यान रखना चाहिए कि परीक्षा के दौरान बच्चों को निरंतर काउंसलिंग की जरूरत होती है। उनका स्वास्थ्य ठीक रहे वह ठीक से नींद ले पाए और उनका खान पान सब बेहतर हो ताकि एक स्वस्थ मस्तिष्क के रूप में वह एक स्वस्थ परीक्षा में उत्तर लिख सके ।इसके साथ-साथ सामाजिक रूप से भी हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों के ऊपर रिजल्ट को लेकर जो एक दबाव रहता है सामाजिक रूप से उसको हम दूर करें ।अनावश्यक रूप से बच्चों से अपेक्षा ही नहीं पाली जानी चाहिए हर बच्चे की अपनी क्षमता होती है हर बच्चे की अपनी समझ होती है उसके हिसाब से उसको प्रोत्साहित करें कि वह बेहतर करें।
हां यह जरूर सुनिश्चित किया जाना चाहिए विशेष रूप से स्कूल एवं कॉलेज के अंदर की बच्चों को पूरा समय मिले उनका सिलेबस को पढऩे और उसको दोहराई करने का विशेष रूप से रिवीजन के दौरान पीछे के माडल पेपर्स ,पीछे के 8-10 साल के क्वेश्चन पेपर्स को रिटर्न प्रैक्टिस के द्वारा हल करके देखना चाहिए अगर उनमें कोई कांसेप्चुअल कोई दिक्कत है तो शिक्षक को उनको प्रोत्साहित करके उनका अभ्यास लेखन करवाना चाहिए। इस तरह से यह परीक्षा का जो समय है इसको एक पर्व की तरह उत्साह के साथ मनाना चाहिए बगैर किसी दबाव के बगैर किसी दबाव के बच्चों को उनका मौलिक लेखन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए । परीक्षाओं के दौरान समय प्रबंधन एक बहुत महत्वपूर्ण कौशल होता है इसके बारे में निरंतर अध्यापकों एवं अभिभावकों को बच्चों से बात करनी चाहिए कि किस प्रकार एक निश्चित समय में उन्हें बेहतर से बेहतर उत्तर लिखने की प्रैक्टिस करवाई जाए।
फोटो कैप्शन: प्रो डा. कर्मवीर रामबास
7 क्विंटल अन्न किया
गौशाला को भेंट
-हर महीने करते हैं अन्न का दान
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कनीना की आवाज। कनीना के संत मोलडऩाथ आश्रम की ओर से मंदिर कमेटी के प्रधान दिनेश कुमार, सत्संग मंडल प्रधान होशियार सिंह, गौशाला प्रधान हुकम सिंह, रमेश कुमार आदि के उपस्थिति में कनीना की श्री कृष्ण गौशाला को करीब 7 क्विंटल अन्न भेंट किया।
इस मौके पर दिनेश कुमार प्रधान ने बताया की हर महीने गौशाला को अन्न आदि भेंट करते हैं। इस बार भी अन्न भेंट किया गया है। यह लंबे समय से परंपरा चली आ रही है। उन्होंने बताया कि एकादशी को संत आश्रम में भक्तों की भारी भीड़ जुटती है जो मेले जैसा रूप ले लेती है। भारी मात्रा में अन्न, शक्कर तथा अन्य पदार्थ आते हो सभी गौशाला में दान कर दिए जाते हैं। उधर सत्संग मंडल प्रधान होशियार सिंह ने बताया कि सत्संग मंडल के पास आई हुई दान राशि हर महीने गौशाला को भेंट कर दी जाती हैं जिससे चारा आदि खरीदा जाता है।
इस मौके पर संत रामनिवास दास ने बताया कि वह गौशाला के लिए सदा तत्पर हैं तथा आगे भी रहेंगे तथा इसी प्रकार अन्न आदि भेंट कर गायों की सेवा करते रहेंगे।
फोटो कैप्शन 01: गौशाला को अन्न भेंट करते हुए संत रामनिवास सहित विभिन्न प्रधान।
अयोध्या के वास्ते इकट्ठा किया गया एक मुट्ठी अन्न में मिला अच्छा सहयोग
-अनाज पहुंचाया कार्यालय
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र से अयोध्या के लिए एक मुट्ठी अन्न रामोत्सव के नाम पर इकट्ठा किया गया। करीब 8 क्विंटल अन्न संत मोलडऩाथ आश्रम के प्रधान दिनेश कुमार, संत रामनिवास रमेश कुमार तथा महेश बोहरा आदि की उपस्थिति में नारनौल कार्यालय से भेजी गई गाड़ी द्वारा लोड करके रवाना किया। इस मौके पर उनकी प्रमुख रूप से देखरेख करने वाले मौलाना नाथ आश्रम के प्रधान दिनेश कुमार ने बताया कि उन्होंने लंबे समय से अन्न सुरक्षित रख रखा था। इस अन्न को देने में प्रमुख रूप से भगत सिंह समाजसेवी, जगदीश आचार्य गीता विद्या मंदिर, महेश बोहरा, श्याम मंदिर के संदीप महेश्वरी एवं प्रदीप पुजारी, शिव मंदिर कनीना से बिमला देवी, हनुमान मंदिर से रत्ना देवी एवं अन्य, बाबा भैया श्री रामकला देवी एवं अन्य, बाबा लाल गिरी से कैलाश चंद एवं अन्य, संत बाबा मोलडऩाथ आश्रम से रामनिवासदास, रमेश एवं प्रदीप , गाहड़ा गांव, भडफ़ से महेंद्र कुमार, ककरालरा कृष्ण कुमार, इशराणा से विजेंद्र सरपंच, दारा सिंह गाहड़ाआदि से एक मुट्ठी अन्न-रामोत्सव इकट्ठा करवाया गया था। सभी का बेहतर सहयोग रहा है।
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