Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Monday, January 29, 2024


 

कुष्ठ रोग निवारण दिवस-30 जनवरी
-एक लाख में केवल पांच लोगों में मिलता है कोढ़ का रोग- डा धर्मेंद्र
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कनीना की आवाज।  कुष्ठ रोग, जिसे कोढ़ के रूप में भी जाना जाता है धीमी गति से बढऩे वाले जीवाणुजनित रोग है। यह करीब एक लाख लोगों में पांच लोगों में मिलता है। इस रोग से भारत को सरकार 2027 तक मुक्त कर देगी।
यह बैक्टीरिया धीरे-धीरे बढ़ता है और इसके लक्षण दिखने में करीब 20 साल लग सकते हैं। कुष्ठ रोग अत्यधिक संक्रामक रोग नहीं है और शीघ्र निदान और प्रबंधन के साथ, संक्रमण को ठीक किया जा सकता है।
यह मुख्य रूप से परिधीय तंत्रिका तंत्र, त्वचा, आंखों और शरीर के अन्य ऊतकों जैसे को प्रभावित करता है। पीजीआइएमएस के रेजिडेंट डाक्टर धर्मेंद्र बताते हैं कि यह दो प्रकार का होता है जिसमें बहती नाक, सूखी सिर की त्वचा, आंखों की समस्या, मांसपेशियों में कमजोरी, नाक से खून बहना आदि हैं। यदि  रोग का इलाज नहीं किया जाता है, तो पक्षाघात और हाथ-पैर का पंगु होना,पैरों के तलवों पर छाले जो ठीक नहीं होते,अंधापन,भौंहों का न होना,नाक की विकृति,त्वचा में जलन महसूस होना आदि प्रमुख हैं।
यदि आप अपने शरीर पर कुष्ठ संबंधी लक्षणों को देखते हैं तो आप प्राथमिक देखभाल चिकित्सक से परामर्श कर सकते हैं। डॉक्टर आपको कुष्ठ रोग विशेषज्ञ, सामान्य चिकित्सक या त्वचा विशेषज्ञ के पास भेज सकते हैं।
  उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग चिकित्सक कुष्ठ रोग के संकेतों और लक्षणों को देखने के लिए नैदानिक परीक्षण करेगा।  
कुष्ठ रोग के इलाज के लिए विभिन्न लेप्रोस्टेटिक एजेंटों का उपयोग किया जाता है। मल्टीड्रग थेरेपी (एमडीटी) को अत्यधिक प्रभावी उपचार माना जाता है और एक खुराक के बाद भी पीडि़त व्यक्ति संक्रामक नहीं रहता है।
फोटो कैप्शन: डा धर्मेंद्र






साहित्यकार रोहित यादव की आई 61वीं पुस्तक
-समान्य ज्ञान हरियाणा पर है पुस्तक
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कनीना की आवाज। विभिन्न विषयों पर साठ पुस्तकें प्रकाशित कर चुके हरियाणा के वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार रोहित यादव की 61वीं पुस्तक सामान्य ज्ञान:हरियाणा का साहित्य प्रकाशित होकर पाठकों के हाथों में आ गई है।
श्री यादव ने 61 पुस्तकों का सर्जन करके न केवल अपनी विशिष्ठ पहचान बनाई है बल्कि साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में भी उच्चतम सम्मान हासिल किया है।
हरियाणा साहित्य अकादमी ने हिंदी पत्रकारिता में बाबू बालमुकुंद गुप्त सम्मान-2007, महाकवि सूरदास सम्मान-2014 तथा आजीवन साहित्य साधना सम्मान-2021 से श्री यादव को  सम्मानित कर चुकी है। इनके विपुल साहित्य पर देश के अनेक विश्वविद्यालयों से  एमफिल तथा पीएचडी उपाधि हेतु एक दर्जन शोध कार्य संपन्न हो चुके हैं। श्री यादव हरियाणा ग्रंथ अकादमी के मानद सदस्य भी रह चुके हैं।
श्री यादव नव प्रकाशित कृति सामान्य ज्ञान: हरियाणा का साहित्य-
 एक बड़े अभाव की पूर्ति करती है, जो हरियाणा के साहित्यकारों की सृजन यात्रा की प्रश्नोत्तर प्रविधि में सांगोपांग परिचय की एक महत्वपूर्ण साहित्यकार निर्देशिका के रूप में सामने आई है। यह कार्य बड़ा ही श्रमसाध्य है। इसके लिए सतत साधना और रचनात्मक सरोकारों के प्रति अथक प्रतिबद्धता का होना जरूरी है और इसके लिए चाहिए गज भर का कलेजा। श्री यादव में सचमुच गज भर का कलेजा है तभी तो इन्होंने इस अनुष्ठान को इस कृति के माध्यम से पूरा कर दिखाया।
श्री यादव की यह कृति शोधार्थियों के लिए हर दृष्टि से उपयोगी सिद्ध होगी और उन्हें हरियाणा के साहित्यकारों की सृजन- यात्रा (मान सम्मान, प्रकाशित पुस्तकों और पुरस्कारों)  आदि की सम्यक जानकारी एक ही पुस्तक में उपलब्ध हो जाएगी।
फोटो कैप्शन: रोहित यादव।






तिल कुटनी का पर्व मनाया
--परिवार की मंगलकामना के लिए किया जाता है व्रत
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कनीना की आवाज। क्षेत्र में तिल कुटनी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। महिलाओं ने दिनभर व्रत रखा और कहानी सुनकर दान किया।
  तिल कुटनी के पर्व को गणेश संकट हरण चतुर्थी नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महिलाओं ने श्रीगणेश जैसे बुद्धिमान बच्चे की कामना की वहीं अपने परिवार की लंबी उम्र की कामना से व्रत किया। वास्तव में तिल कूटकर खाने से इस पर्व का नाम तिल कुटनी का पर्व रखा गया है। तिल स्वास्थ्य के लिए बेहतर पदार्थ है जिसमें असंतृप्त वसा मिलती है जो शरीर के लिए लाभप्रद होती है। विज्ञान मानता है कि संतृप्त वसा जैसे घी, मक्खन के खाने से शरीर में कोलेस्ट्राल की मात्रा बढ़ जाती है जो हृदयघात का भी कारण बन सकती है जबकि तेल विशेषकर तिल, सरसों एवं सूरजमुखी आदि सेहत के लिए अधिक लाभप्रद होता है। यही कारण है कि तिल खाये जाते हैं और स्वस्थ रहने की कामना की जाती है। चांद को देखकर व्रत खोला जाता है।
प्रचलित है कहानी-
     एक बार एक युद्ध में शिवभोले ने बारी-बारी से कार्तिकेय और गणेशजी से देवताओं का सेनापति बनने के बारे में पूछा। दोनों ही अपने को देवताओं का संकट हरने के लिए तैयार थे और एक दूसरे से शक्तिशाली, ज्ञानवान एवं तर्कशील बताने लगे। ऐसे में शिवभोले ने दोनों की परीक्षा लेनी चाही और दोनों को आदेश दिया कि दोनों ही पृथ्वी के तीर्थस्थलों के चक्कर लगाकर आओ। जो भी पहले आएगा उसे ही देवताओं का सेनापति नियुक्त किया जाएगा। इतना सुनकर कार्तिकेय अपने मयूर पर सवार होकर पवन के वेग से तुरंत पृथ्वीलोक की ओर चल दिया और तीर्थों के  चक्कर लगाने लगा।
 उधर श्रीगणेश आराम से अपने स्थान पर बैठा रहा और कुछ समय उपरांत अपने माता-पिता के चारों ओर सात चक्कर लगाकर उन्हें प्रणाम करके बैठ गया।  जब कार्तिकेय अपने मयूर पर सवार होकर तीर्थों के सात चक्कर लगाकर शिवभोले और माता पार्वती के पास पहुंचा तो अपने को पहले पहुंचने वाला बताया। जब गणेश से पूछा गया कि आपने सात तीर्थों का चक्कर ही नहीं लगाया जबकि आप पहले आने की बात कह रहे हो तो श्रीगणेशजी ने कहा-माता-पिता से बड़ा कोई तीर्थ इस जगत में नहीं होता है। श्रीगणेश ने देवताओं के सभी संकट दूर किया। तभी से श्रीगणेश जैसा पुत्र पाने के लिए महिलाएं व्रत रखती हैं। पार्वती भी इस व्रत को रखती थी और गणेश जी की पूजा करती थी।





 फिर से धुंध एवं कोहरे में लिपटी आई सुबह
--ठंड हुई कुछ कम
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कनीना की आवाज। क्षेत्र में जहां तीन दिनों तक धुंध और कोहरा गायब रहा किंतु एक बार फिर से सोमवार की सुबह ठंड एवं कोहरे लिपटी आई।  अभी तक लगातार मौसम बदल रहा है। विगत एक माह से धुंध, कोहरा,पाला जमना ,कभी धूप कभी बादल वाला मौसम रहा है जिसके चलते फसलों को काफी नुकसान होने का अंदेशा जताया जा रहा है किंतु अभी भी मौसम साफ नहीं हो रहा है।
  एक और जहां किसानों की गेहूं की फसल बढ़ोतरी रुकी हुई है वही सरसों की फसल पकान पर पहुंच चुकी है। ऐसे में फलियों के दानों को नुकसान होना स्वाभाविक है। किसान, कृषि वैज्ञानिक और विशेषज्ञ मानते हैं कि फसलों के लिए धूप का होना जरूरी है किंतु पर्याप्त धूप न मिलने के कारण अभी तक फसलों में सफेद रतवा, जड़ गलन, मरोडिया आदि कई रोग लगा चुके हैं। इस वक्त जहां सरसों में फली आ गई है और इन फलियां में दाने बन रहे हैं। ऐसे समय में अधिक धुंध एवं शीतलहर एवं पाला जमने का बुरा प्रभाव माना जाता है। ये घातक साबित हो सकते हैं। धुंध और कोहरा अगर लगातार पड़ता है और धूप न  निकले तो नुकसानदायक होता है। किसान चिंतित हो चले हैं क्योंकि यह फसल किसानों के लिए मायने रखती है। सबसे अधिक आय इसी फसल से किसान लेते हैं गेहूं को पूरे साल खाने में प्रयोग करते हैं। वही सरसों से तेल आदि निकलवा कर घर का गुजर बसर करते हैं परंतु किसान चिंता में डूबे हुये हैं। आने वाले समय में पता लग पाएगा की मौसम कैसा रुख अपना आता है।
 फोटो कैप्शन 06: कनीना क्षेत्र में छाया कोहरा
              07: कनीना क्षेत्र में गेहूं की फसल।





कैसे करे परीक्षा की तैयारी-
परीक्षा के दौरान अनावश्यक तनाव से बचे-सुनील
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कनीना की आवाज। अपनी आशाओं को बच्चों में पूरा करने का प्रयास किया जाता है जबकि होना यह चाहिए कि परीक्षा के दौरान बच्चे को किसी प्रकार का अनावश्यक तनाव न मिले । यदि हमें बच्चे का परीक्षा के लिए सहयोग ही करना है  तो उसका पौष्टिक व संतुलित आहार में सहयोग करें उसको बेहतर शैक्षणिक माहौल देने में सहयोग करे। ये विचार वरिष्ठ प्राध्यापक सुनील कुमार यादव के हैं।
कहीं भी नकारात्मक पहलू नजर आए तो प्यार से बच्चे को समझा कर उसे शिक्षण के लिए प्रेरित करें।अब हमें यह देखना है कि बच्चे ने परीक्षा की तैयारी के लिए जो तरीका अपनाया है वह कितना उचित है? सबसे पहले तो बच्चा जो विषय पढ़ रहा है उसका संपूर्ण पाठ्यक्रम उसे रुचि लेकर समझना होगा अर्थात हर एक तथ्य को  एक बार पुन: दोहराया जाए और उन खास बातों को नोट किया जाए जो हमारे ध्यान से निकल रही थी ।  
यदि योजनाबद्ध तरीके से तैयारी शुरू से करनी आरंभ कर दी तो अवश्य ही परीक्षा में नंबर बढ़ेंगे । योजनाबद्ध तरीके से समयानुसार रुचि लेकर तैयार किया गया हो तो परीक्षा आपके लिए एक साधारण खेल के समान साबित होगी ।
 संपूर्ण विषय एवं संपूर्ण पाठ्यक्रम थोड़े-थोड़े समय के अंतराल के बाद दोहराना होता है। इस समय हमें अपने स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखना होगा साथ ही हमारा शिक्षण कक्ष शांतिप्रिय होना अति आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि पूर्ण रूप से आश्वस्त कर लेना चाहिए कि जितना समय परीक्षा में मिलेगा उतने समय में सारे प्रश्न में आसानी से पूरे कर सकता हूं बल्कि अभ्यास के दौरान समय से पूर्व ही पूरा प्रश्न पत्र हल करने का अभ्यास करना चाहिए और संपूर्ण उत्तर भी बिल्कुल सही होने चाहिए।  परीक्षा देते समय उतावलेपन में अक्सर उत्तर भूल जाते हैं और उनकी शिकायत होती है कि यह प्रश्न तो मैंने कई बार याद किया था और वह मुझे अच्छी तरह आता था लेकिन परीक्षा देते समय समय अभाव के कारण में उसे नहीं कर पाया। परीक्षा से पूर्व अपने मस्तिष्क को पूर्ण रूप से संतुलित करें। जब मनोदशा पूर्ण रूप से सकारात्मक होगी तो आधी से अधिक मंजिल आप पहले ही पार कर चुके होंगे। मन को शांत और आश्वस्त रखना अति अनिवार्य है।  एक - एक प्रश्न को क्रमश: पढ़ते जाएं और अपने विवेक अनुसार उसका सटीक व सार्थक उत्तर लिखते जाए कई बच्चे ज्यादा लिखने को अच्छा समझते हैं जबकि होना यह चाहिए कि जो पूछा गया है वह सटीक व सार्थक होना चाहिए। तथा प्रश्न पत्र में दिए अंकों के अनुरूप ही हमें उसका उत्तर देना चाहिए । प्रश्न का उत्तर न लिखने की बजाय जितना जानते हैं वह लिखेंगे तो बिल्कुल न लिखने से कहीं ज्यादा बेहतर होगा । अंत में संपूर्ण पेपर का पुन: अवलोकन करें।
फोटो कैप्शन: सुनील कुमार प्राध्यापक






प्रतिभा निखारने के लिए किया गया परीक्षा का आयोजन
--विजेताओं को मिलेगा इनाम
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कनीना की आवाज। गांव कोका युवाओं की प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से गांव कोका के एथलेटिक्स फाउंडेशन एग्जाम क्रेकर्स ग्रुप के द्वारा गांव के सरकारी स्कूल में केटीएसई कोका टेलेंट सर्च परीक्षा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
कुलदीप व अरविंद ने बताया कि यह प्रतियोगिता वो हर 3 महीने में गांव के युवाओं को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से रखते हैं। इस बार प्रतियोगिता में 50 लड़के व लड़कियों ने हिस्सा लिया। इसमें प्रतिभागियों को 90 मिनट में 100 प्रश्न हल करने थे। यह टेस्ट सरकारी नौकरियों के अनुसार डिजाइन किया गया था। टेस्ट में लड़कों में आकाश ने प्रथम, सोनू द्वितीय और सुमित तीसरे स्थान पर रहे।
आयोजन समिति के सदस्य सोमवीर व योगेंद्र ने बताया कि सभी विजेताओं को सम्मान राशि  व सभी प्रतिभागियों को जीके की बुक 4 फरवरी को दी जाएगी। महिपाल व उमेश ने बताया कि वह इस तरह की प्रतियोगिता भविष्य में भी जारी रखेंगे ताकि कोका गांव के बच्चे ज्यादा से ज्यादा सरकारी नौकरियों में जाकर अपना कैरियर बेहतर बना सके। इस मौके पर सोमदत शास्त्री, नरेंद्र महिपाल, योगेंद्र, उमेश, ओमवीर, कुलदीप और सोमवीर सहित ग्रुप के सदस्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 05: कोका में अेलेंट सर्च परीक्षा का आयोजन करते हुए युवा।






धरती का शोषण और दोहन को रोकना हमारा नैतिक दायित्व -  यादव
--उन्हाणी कालेज की स्वयंसेविकाओं ने धनौंदा खरकड़ाबास में चलाया सफाई अभियान
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कनीना की आवाज। उन्हाणी कालेज की ओर से राष्ट्रीय सेवा योजना के सौजन्य से धनौंन्दा -खड़कड़ाबास में चल रहे सप्त दिवसीय शिविर  के तीसरे दिन आज  स्वयं सेविकाओं ने  बाबा दयाल पार्क  के पेड़- पौधों की निराई- गुड़ाई कर तथा पार्क में उगी खरपतवार  को दूर कर,पेड़-पौधों का रोपण किया। सभी ग्रामवासियों ने स्वयं सेविकाओं के कार्यों की सराहना की। पूर्व ब्लाक समिति चेयरमैन सरला देवी ने गांव में इस प्रकार की उत्कृष्ट पहल के लिए सभी स्वयं सेविकाएं  को उपहार स्वरूप फलाहार भेंट  कर उनके कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। सांयकालीन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित डा. सुधीर यादव ने पर्यावरण संरक्षण के संदर्भ में कहा कि  इस समूचे ब्रह्मांड में केवल  पृथ्वी पर ही जीवन है तथा जीवन  के लिए पर्यावरण प्रकृति का एक अमूल्य उपहार है। वह प्रत्येक तत्व जिसका उपयोग हम जीवित रहने के लिए करते हैं, वे सभी पर्यावरण के अन्तर्गत आते हैं जैसे- हवा, पानी प्रकाश, भूमि, पेड़, जंगल और अन्य प्राकृतिक तत्व। उन्होंने बताया कि -धरती हमारा निवास स्थान ही नहीं, अपितु हमारी माता भी है, इसके शोषण और दोहन को रोकना हमारा कर्तव्य है। यदि  मानव ?पर्यावरण के प्रति जागरूक नहीं होगा  तो इसका दुष्परिणाम  मानव जाति  को भोगना पड़ेगा। हम प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें और उतना ही उपयोग करें जितना हमारे लिए आवश्यक है। साथ ही अपनी अस्मिता के साथ साथ इस धरती पर रहने वाले सभी जीवों की अस्मिता का आदर करें । उन्होंने सभी से भी एक-एक पेड़ लगाकर उसके  संरक्षण का दायित्व लेने की अपील की। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी डा.सीमा देवी व सीमा देवी, दिनेश कुमार, श्री अनिल कुमार, पवन एवं नीरज उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 03: उन्हाणी कालेज की स्वयंसेविकाएं धनौंदा-खरकड़ाबास में एनएसएस शिविर लगाते हुए।





कान्हा की नगरी कनीना में बेस कीमती जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे
-कनीना के लोगों ने जताया रोष, आंदोलन की तैयारी
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कनीना की आवाज। जहां एक तरफ सरकार व प्रशासन अवैध कब्जों की एक-एक इंच जमीन छुड़वाने का दावा कर रहा है वहीं दूसरी तरफ स्थानीय कस्बा कनीना में बेश कीमती जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। डीएवी इंजीनियर कालेज के समीप के समीप व्यायामशाला के पास कुछ लोगों द्वारा नगर पालिका की बेशकीमती जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा है लेकिन इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है।
 यहां गौरतलब है कि कनीना की नगर पालिका का कार्यकाल समाप्त हुए लगभग 6 माह का समय बीत चुका है लेकिन सरकार द्वारा अभी तक कोई चुनाव नहीं कराए गए हैं तथा प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम कनीना हैं जिसके कारण यहां विकास कार्य तो शुरू हुए लेकिन अवैध कब्जों के मामले बढ़ गए हैं।
 कनीना के वरिष्ठ समाजसेवी पूर्व पार्षद भाई भगत सिंह यादव ,नवीन यदुवंशी,नरेंद्र फौजी कृष्ण सिंह प्रधान, अनिल कुमार एवं कुछ अन्य लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि कस्बे की बेशकीमती जमीन पर कुछ लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर नगर पालिका की जमीन को अपने कब्जे में लिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा अगर इस प्रकार सरकार व प्रशासन आंख बंद कर इस प्रकार के कार्यों की तरफ ध्यान नहीं देगी तो कस्बे की बेशकीमती जमीन भू माफियाओं के चंगुल में चल जाएगी और एक दिन नगर पालिका के पास एक इंच भी जमीन नहीं बचेगी।
नगर पालिका की कीमती जमीन पर कुछ लोगों द्वारा पक्की तामीर बनाकर अवैध कब्जा किया जा रहा है। कस्बा के समाजसेवियों ने जिला उपायुक्त नारनौल में सरकार से मांग करते हुए कहा है कि कस्बे में चल रहे नगर पालिका की जमीन पर अवैध कब्जों को रोका जाए ताकि कान्हा की नगरी की जमीन बच सके। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन अवैध कब्जे नहीं रोकेगा तो आंदोलन पर उतरने से भी नहीं हिचकिचाएंगे।
फोटो कैप्शन 04: कनीना के डीएवी के पास अवैध कब्जा करते हुए लोग।






विभिन्न स्कूलों में चली परीक्षा पर चर्चा
-एलसीडी से देखा गया लाइव कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र के विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों पर नरेद्र मोदी प्रधानमंत्री की परीक्षा पे चर्चा का लाइव प्रसारण दिखाया गया।
 एसडी विद्यालय, ककराला में हुआ विद्यालय परिसर के आडिटोरियम हाल में परीक्षा पे चर्चा-2024 कार्यक्रम 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों के साथ विद्यालय स्टाफ की उपस्थिति में देखा गया। विद्यालय चेयरमैन जगदेव यादव ने बताया की परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य परीक्षार्थियों के तनाव को कम करना उनमें आत्मविश्वास जगाना और परीक्षा के लिए उन्हें सहज बनाना है। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी परीक्षार्थियों को यह बताते है कि कैसे वह बिना घबराए सहज तरीके से परीक्षाओं में बैठें और आगें बढ़कर सफलता प्राप्त करें। इस वक्त देशभर के छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में जुटे हुये हैं ऐसे में सोमवार को प्रधानमंत्री की परीक्षा पे चर्चा का सातवां संस्करण आयोजित किया गया हैं। इस कार्यक्रम में पीएम नरेन्द्र मोदी ने सोमवार की सुबह 11 बजे छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षक और अभिभावकों से भी चर्चा की और परीक्षा में बेहतर करने और निराश नहीं होने के टिप्स दिये। सातवें संस्करण का आयोजन नई दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत मण्डपम में किया गया। उपरोक्त विषय पर विद्यालय चैयरमैन जगदेव यादव ने बताया की परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रशंसनीय कार्यक्रम हैं जो हर वर्ष परीक्षार्थियों को परीक्षा के लिए बेहतर तरीके से तैयार करता हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को इसका अनुसरण व अनुपालना करनी चाहिए।
फोटो कैप्शन  02: परीक्षा पर चर्चा का लाइव प्रसारण दिखाते हुए।























कड़ाके की ठंड और कोहरे के बीच  हर हर महादेव के जयकारे के साथ, 323वें दिन जारी रहा धरना
--अनिश्चितकालीन धरने पर हैं ग्रामीण
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का धरना जारी है। धरने की अध्यक्षता पहलवान रणधीर सिंह बाघोत ने की और उन्होंने बताया कि कड़ाके की ठंड और कोहरे के बीच बाघेश्वर धाम में बाबा शिव भोले के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही। साल में दो बार मेला भरता है, लाखों की संख्या में श्रद्धालु देश और विदेशों से बाबा शिव भोले के दर्शन करने के लिए बाघेश्वर धाम पहुंचते हैं। सेभी की मांग है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत-सेहलंग के बीच कट का काम जल्दी शुरू करवा देना चाहिए। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर  चढऩे और उतरने का मार्ग बनने से किसान चैन  की सांस ले सकेंगे।
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि किसानों में कट का जुनून चढ़ा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच  कट बनना चाहिए, उसके लिए हम हर परेशानी का सामना करने के लिए तैयार हैं। जब तक राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच  कट का काम शुरू नहीं होता है तब तक हमारा धरना जारी रहेगा।
इस मौके पर नरेंद्र कुमार शास्त्री, रामकिशन, दाताराम, चेयरमैन सतपाल, अशोक चौहान, रामकुमार, सीताराम, करतार,डॉ लक्ष्मण सिंह,  मास्टर विजय सिंह, प्रधान कृष्ण कुमार, पंडित जगदीश प्रसाद, पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह,  बाबूलाल, पहलवान धर्मपाल, सब इंस्पेक्टर रामकुमार, सूबेदार हेमराज अत्रि ,प्यारेलाल,  सुरेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार पंच, इंस्पेक्टर सतनारायण,  वेद प्रकाश, ओमप्रकाश,   डॉ राम भक्त,  रोशन लाल आर्य व गणमान्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 02: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान।


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