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Friday, May 31, 2024


 ट्यूबवेल से 700 फीट केबल चोरी
-कनीना पुलिस ने किया मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना मंडल के गांव ककराला के किसान की ट्यूबवेल से 700 फीट मोटर की केबल चोरी हो गई। कनीना पुलिस में मनोज कुमार ने मामला दर्ज करवाते हुए कहा है कि 30 मई की रात को 700 फुट मोटर की केबल अज्ञात चोर चोरी कर ले गए। 31 मई को ट्यूबवेल पर जाकर देखा तो चोरी का पता लगा है। कनीना पुलिस ने अज्ञात चोरों के विरुद्ध मनोज कुमार की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।




नौतपा का सातवां दिन
-- हरियाणा एनसीआर दिल्ली पर लगातार भीषण आग उगलने वाली गर्मी का प्रहार
-- आज से आंशिक राहत मिलने के आसार
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कनीना की आवाज। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में पिछले एक पखवाड़े से भीषण गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं अपने तेवरों को प्रचंड किए हुए हैं मौसम विशेषज्ञ डॉ चंद्र मोहन ने बताया कि हरियाणा एनसीआर दिल्ली पर रेगिस्तानी हवाओं ने और सूर्य की चमकदार आग उगलने वाली किरणों से सम्पूर्ण इलाके में लगातार मौसम की चरम और विकट परिस्थितियां बनी हुई है। झुलसाने वाली भीषण गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं सम्पूर्ण इलाके पर अपने प्रचण्ड और उग्र तेवरों से आगाज़ किये हुए हैं। नौतपा का आज सातवें दिन भी लगातार आसमान से आग बरस रही है आज भी हरियाणा एनसीआर दिल्ली में सबसे ज्यादा दिन का तापमान 48.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जबकि सबसे ज्यादा रात्रि तापमान 32.0 नारनौल का रहा है। आज से हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा क्योंकि शुक्रवार रात्रि को एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा   हरियाणा एनसीआर दिल्ली में 1-3 जून के दौरान आंशिक बादल वाही और तेज़ गति से हवाएं 20-30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंधड़ चलने और कहीं-कहीं बिखराव वाली हल्की बूंदा-बांदी देखने को मिलेगी इसलिए भारतीय मौसम विभाग ने इस दौरान सम्पूर्ण इलाके पर येलो अलर्ट जारी कर दिया है हालांकि इस दौरान हरियाणा एनसीआर के केवल 25-50 त्न एरिया पर ही गतिविधियां देखने को मिलेगी क्योंकि यह कमजोर मौसम प्रणाली है हालांकि। इस मौसम प्रणाली की वजह से हरियाणा एनसीआर दिल्ली में आमजन को भीषण आग उगलने वाली गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं से राहत और तापमान में भी हल्की गिरावट देखने को मिलेगी। शुक्रवार को भी हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर रात्रि तापमान 24.0 डिग्री सेल्सियस से 32.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है ।जो सामान्य तापमान से अधिक बने हुए हैं। साथ ही साथ हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर दिन के तापमान 43.0 डिग्री सेल्सियस से 48.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। हालांकि हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर दिन के तापमान में आंशिक कमी जरूर आई है परन्तु अभी तापमान सामान्य से अधिक बने हुए हैं। जबकि जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ रात्रि तापमान क्रमश  32.0डिग्री सेल्सियस और 30.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जो सामान्य तापमान से 6.7 डिग्री सेल्सियस अधिक बने हुए हैं। साथ ही साथ जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ में दिन के तापमान क्रमश:  46.5 डिग्री सेल्सियस और 47.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। जो सामान्य तापमान से 4.2 डिग्री सेल्सियस अधिक बने हुए हैं। जिला महेंद्रगढ़ पर लगातार भीषण आग उगलने वाली गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं अपने तीखे तेवरों से आगाज़ किये हुए हैं जिसकी वजह से आमजन का दिन और रात का चैन छीन गया है और जीवन अस्त-व्यस्त है। दोपहर के समय सड़कों और बाजारों में सन्नाटा पसरा रहता है।




विश्व दूध दिवस -एक जून
-डेयरी पालन कर गरीब व्यक्ति कमा सकता है रोटी रोजी-डा कांगड़ा
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कनीना की आवाज। दूध ऐसा भोजन है जो वर्ष भर तथा जीवन भर प्रयोग किया जाता है। दूध की मात्रा बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व दूध दिवस मनाया जाता है।  विश्व दूध दिवस एफपीओ द्वारा 1 जून 2001 को मनाया गया था और हर वर्ष मनाया जाता है।
 जिला महेंद्रगढ़ में जहां 51113 गायें, 187207 भैंसें तथा 45967 बकरियां दूध के लिए पाली गई है जिनमें से करीब 40 से 50 फीसदी दूध देती है और दूध के जरिए लोगों की आवश्यकताओं को पूरा किया जाता है। कनीना क्षेत्र में जहां गाय भैंस की डेयरी ओ की संख्या आधा दर्जन है।
 प्रसिद्ध महिला डेरी संचालिका नीतू यादव ने बताया उनके पास 200 गायें हैं प्रतिदिन 1200 लीटर दूध डेरी में जाता है किंतु दूध के भाव कम हैं जिसके पीछे चारा एवं फीड महंगा होना है। चारा 20 रुपये किलो तक पहुंच जाता है या फिर पशुओं का फीड महंगा है। नकली दूध की भरमार है इसलिए दूध महंगा नहीं हो पाता। डेयरी यूनियन ने बार-बार यह बात सरकार समक्ष उठाई है किंतु समाधान नहीं हुआ है। उनका कहना है कि गरीबों के लिए डेरी पालन बहुत बेहतर धंधा है।
जयपाल गुढ़ा निवासी का कहना है कि गाय पालकर बड़ा आनंद आता है और गायों की संख्या बढ़ाना उनका लक्ष्य है। दूध पर्याप्त मात्रा में देती है जिनसे घर का गुजर बसर ही नहीं बल्कि डेरी के लिए दूध उपलब्ध हो जाता है। जयपाल गुढ़ा डेयरी संचालक के पास 200 गायें हैं तथा 800 लीटर दूध डेरियों में जा रहा।
क्या कहते हैं डा. पशुपालन विभाग -
 राजकीय पशु चिकित्सालय के डा पवन कांगड़ा वीएस ने बताया एक गाय और भैंस करीब 20 बार ब्याती है परंतु दो तीन बार ब्याने के बाद ही दूध बढ़ता है बाद में दूध घटता चला जाता है। दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए अनेक प्रयास किए जाते हैं। डेरी पालन का धंधा करके गरीब व्यक्ति भी बेहतर आय ले सकता है।
चारे के करने पड़ते हैं भंडार--
दूध के लिए  महेंद्रगढ़ एवं रेवाड़ी जिले पशु पालक खेतों में जाकर देखें तो तूड़ी से भरे हुए कूप तथा कड़वी की छुरियां तथा छव्वा रखते हैं। जिनमें लंबे समय तक पशु चारा खराब नहीं होता। दूध प्राप्त करने के लिए किसान वर्षभर के पशुचारे का प्रबंध इन्हीं विधियों से करते आ रहे हैं।  खरीफ फसल बतौर बाजरा उगाकर कड़बी प्राप्त करते हैं तो रबी फसल बतौर गेहूं और जौ की तूड़ी प्राप्त होती है। दोनों ही सूखे चारे में शामिल किए गए हैं।
गौशालाएं हैं दूध का केंद्र-
अकेले कनीना क्षेत्र में आधा दर्जन गौशालाएं हैं जिनमें कनीना, बुचावास, भोजावास, स्याणा, खरकड़ाबास आदि प्रमुख हैं। गौशालाओं में भी सूखे एवं हरे चारे का प्रबंध किया जाता है और विशेष प्रकार के शेड बनाए जाते हैं जहां वर्षभर का चारा सुरक्षित रखा जाता है। यहां दूध भी उपलब्ध हो पाता है।
 कनीना श्रीकृष्ण गौशाला के प्रधान हुकुम सिंह ने बताया कि उनके पास करीब 2500 गायों के लिए 20 हजार मण तूडी के भंडार हैं जहां से 200 मण के करीब तूड़ी प्रतिदिन गायों को परोसी जाती है और 25 गाय दूध दे रही हैं। समय समय पर वे गायों के लिए तूड़ी तथा कड़वी खरीदते हैं ताकि पशुओं का गुजारा चल सके।
किसान कृष्ण सिंह, महेंद्र सिंह, राम अवतार, सूबे सिंह, राजवीर सिंह, महिपाल आदि ने बताया कि वे पशु पालते हैं। पशुओं के लिए चारा खेतों से उपलब्ध हो जाता है। इस प्रकार पशुओं से दूध, घी एवं मक्खन आदि परिवार के लिए उपलब्ध हो जाता है ताकि कहीं से दूध खरीदना न पड़े।
कितना है पशुधन
 2019 में पशुओं की गणना हुई थी जिसमें जिला महेंद्रगढ़ में 51113 गाये, 187207 भैंस, 22995 भेड़, 45967 बकरी, 412 घोड़े,  19 गधे, 135 खच्चर, 1354 सुअर, 807 ऊंट, 45 खरगोश, 2312 कुत्ते हैं। जिनमें से गाय, भैंस एवं बकरी ही दूध देती हैं।
कहावत है हरियाणा पर लागू-
ऐसे में देसां में देस हरियाणा जित दूध दही का खाना वाली कहावत इसी बात से चरितार्थ होती है कि सबसे अधिक दूध,,घी एवं दही आदि इस क्षेत्र में पशुओं से प्राप्त होता है जो किसान हैं।  किसानी एवं पशुपालन दोनों का निर्वहण करते हुए एक पंथ दो काज की कहावत चरितार्थ करते हुए जिला महेंद्रगढ़ एवं रेवाड़ी पशुपालक नाम कमा रहे हैं। यहां देसी नस्ल की गाय और मुर्रा नस्ल की भैंस से बहुत प्रसिद्ध है।
प्रसिद्ध है घी एवं दूध-
इन जिलों में पशुओं से विशेषकर देसी नस्ल की गायों एवं भैंसों का दूध, मक्खन, घी, म_ा, छाछ आदि दूर दराज से विख्यात है।
फोटो कैप्शन 06: नीतू डेरी पालन करने वाली महिला डेरी समक्ष।
         07: जयपाल दूध डेरी जयपाल गायों के साथ
         साथ में डा पवन कांगड़ा






बढऩे लगे हैं दूध के भाव
गर्मियों में गाय एवं भैंस देती है कम दूध -डा.कांगड़ा
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में इन दिनों दूध और घी के भाव बढऩे लगे हैं। वर्तमान में जहां दूध 80 रुपये वहीं देशी घी 1000 रुपये से अधिक प्रति किलो चल रहा है। एक और गर्मी आते ही जहां दूध की मात्रा घटती चली जाती है वहीं सर्दियों में दूध अधिक मिलता है। कनीनावासी जो ग्रामीण पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं , में उत्तम दर्जे का दूध मिलता है किंतु सर्दी में जो दूध 60 रुपये लीटर था अब वह बढ़कर 80 रुपये लीटर पहुंच गया है फिर भी दूध उत्पादक इस भाव को कम बता रहे हैं। उनका कहना है कि दूध उत्पादन पर लागत अधिक आती है इसलिए दूध के भाव और अधिक होने चाहिए थे।
डेरियां एवं बीएमसी-
 कनीना क्षेत्र में जहां वर्तमान में 8 डेरिया तथा 10 बल्क मिल्क चिलिंग प्लांट/बीएमसी कार्यरत हैं। वर्तमान में करीब 33000 लीटर दूध सर्दियों में करीब एक लाख लीटर तक पहुंच जाता है।
 थान सिंह डेरी संचालक ने बताया कि वर्तमान में भैंस का दूध 82 रुपये प्रति लीटर एक सौ फेट के भाव है जबकि 31.20 रुपये प्रति 30 फेट गाय के दूध के चल रहे हैं। गर्मियों में दूध उत्पादन कम हो जाता है। इन डेरियों का दूध बीएमसी पर ले जाकर इक_ा किया जाता है। इनका संबंध अलग-अलग देश स्तरीय डेरियों से होता है। बीएमसी संचालक थान सिंह ने बताया कि क्षेत्र में विदेशी नस्ल की गायें अधिक होने के बाद दूध की मात्रा बढ़ गई वरना भैंस के दूध से तो लोगों को दूध उपलब्ध कराना ही कठिन हो जाएगा। गाय का दूध 30 फेट पर 31.20 रुपये प्रति लीटर बिक रहा हैै। अकेले कनीना की जनसंख्या 2011 की गणना अनुसार 13 हजार थी जबकि वर्तमान में यह संख्या करीब 18 हजार पहुंच गई है। गर्मियों में दूध की मात्रा कम तथा मांग अधिक होने के कारण दूध के भाव बढ़ते जा रहे हैं।
 क्या कहते हैं पशु चिकित्सक -
पशु चिकित्सक डा पवन कांगड़ा ने बताया कि दूध उत्पादन की लागत अनुसार वर्तमान दूध के भाव कम है किंतु दूध सर्दियों में दूध उत्पादन अधिक होता है। उनके अनुसार अधिकांश गाय एवं भैंस जुलाई से दिसंबर महीने में ब्याती है। उस वक्त दूध की मात्रा अधिक होती है किंतु गर्मियों में गर्मी की वजह से दुग्ध उत्पादन कम हो जाता है। इस समय गर्मी पड़ रही है जिसके कारण दूध कम होता है। वैसे भी भैंस और गाय बाखड़ हो जाती है जिससे भी दूध देना कम होता है।
 अभी भी कम है दूध के रेट
गुढ़ा की डेरी संचालिका नीतू यादव ने बताया कि जिस प्रकार से पशुओं का चारा उनके लिए चाट आदि उपलब्ध करवाया जाता है उसके अनुसार दूध के भाव कम चल रहे हैं। दूध के भाव अधिक होने चाहिए ताकि दूध उत्पादक किसान अपनी रोटी रोजी कमा सके।
फोटो कैप्शन: पवन कांगड़ा।






महंगे होने लगे हैं दूध एवं उसके उत्पाद
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कनीना की आवाज। दूध एवं दूध से बने पदार्थ महंगे हो चले हैं। दूध एक माह में 20 रुपये तक महंगा हो गया है वहीं दूध से बना मावा भी तेज हो गया है। मावा बनाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग बढ़ी है ताकि लोगों को दूध मिल सके।  
गर्मी बढऩे से दूध की मांग भी बढऩे लगी है। अभी से ही ग्रामीण क्षेत्रों में दूध 80 रुपये प्रति लीटर पहुंचा हुआ है। दूध के भाव बढऩे के आसार हैं। एक ओर डेयरी में दूध देकर उपभोक्ता डेयरी का ही दूध प्रयोग करते हैं। कभी हर घर में म_ा के दर्शन हो जाते थे परंतु अब छाछ भी नहीं मिलती है और छाछ बेचने का काम भी शुरू हो गया है। दस रुपये लीटर तक शहरी तर्ज पर छाछ मिलने लगी है।
  कनीना क्षेत्र में दूध व उससे बने पदार्थों में तेजी आने लगी हैं। दूध से बने पदार्थों की मांग विशेषकर विवाह शादियों पर होने से मिलावट का धंधा पूरे यौवन पर है। दूध के भाव अधिक होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में 80 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है। शहरी लोग सस्ता एवं बेहतर दूध मिलने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों की ओर दौड़ते थे परंतु अब वो बात देखने को नहीं मिल रही है। दूधवाले अब तो गांवों से दूध इक_ा करके शहरों में मिलावट करके बेचने से नहीं हिचकिचा रहे हैं।
   पहले दूध लेने के लिए शहरी व्यक्ति दो किमी तक पैदल जाकर लाता था वो अब प्रचलन बंद हो चुका है। पैदल चलने से व्यायाम भी होता था वो अब भावों में कोई विशेष अंतर न होने से बंद के बराबर हो गया है।
 ग्रामीण क्षेत्रों में दूध के भाव अधिक पाने के लिए डेरियों में दूध देना शुरू कर दिया है। हर गांव में तथा शहरों में डेरियां खुल गई हैं। इन डेरियों में लोग सुबह और शाम दूध बेचने के लिए जाते हैं और बड़े आश्चर्य कह बात हैं कि दूध बेचने वाले भी इन डेरियों का सस्ता दूध एवं घी खाने को मजबूर हैं। डेरियों की संख्या बढऩे से भी दूध के भावों में बढ़ोतरी हो रही है। आने वाले समय में दूध के भाव और बढऩे की संभावना है।
  कनीना क्षेत्र में दिनोंदिन डेरियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। डेरियों के बढ़ जाने से दूध उत्पादक लोग डेरियों में दूध बेच रहे हैं। वर्तमान में दूध के आम रेट 80 रुपये तक पहुंच गए हैं। लोगों को दूध न मिलने से वे मजबूरन डेरियों से दूध लाकर गुजारा कर रहे हैं।
  उल्लेखनीय है कि डेरी में दूध को बेचा जा रहा है और दूध बेचने वाले भी डेयरी का घी व थैली में पैक दूध का प्रयोग कर रहे हैं। अपना दूध महंगे दामों पर बेचकर थैली का सस्ता दूध खरीदकर पीते हैं। सुबह व शाम के वक्त दूध बेचने वाली दुकानों पर भारी भीड़ दूध खरीददारों की देखी जा सकती है। दूध से बनने वाले पदार्थों पर बैन लगना चाहिए।






दूध दिवस-01 जून
---दूध एक संपूर्ण आहार
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कनीना की आवाज। दूध एक संपूर्ण आहार है। दूध के महत्व को जानते हुए  पहली बार साल 2001 में पूरे विश्व में दूध दिवस मनाया गया।
दूध हमारी जिंदगी में बड़ा महत्व रखता है. इसके महत्व को समझने और दूध को डाइट में शामिल करने के लिए प्रति जागरूक करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। दूध की इस महत्ता को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाने की शुरुआत की थी, ताकि दुनिया भर में लोग दूध और दूध निर्मित चीजों की महत्ता एवं उपयोगिता को समझें।
     दूध में तमाम पौष्टिक तत्व होते हैं, जो शरीर को विभिन्न रोगों से सुरक्षित रखते हैं।    इसमें निहित कैल्शियम, प्रोटीन, पोटेशियम, फास्फोरस, विटामिन आदि होते हैं। कैल्शियम हड्डियों एवं दांतों को मजबूत बनाता है। पोटेशियम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है। फास्फोरस से हड्डियां मजबूत होती हैं।    विटामिन डी भी हड्डियों को मजबूत बनाता है, जबकि विटामिन बी-12 लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण करता है। विटामिन रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है और आंखों तथा त्वचा की समस्याएं दूर करता है।





 गर्मी और लू जमकर सता रही है लोगों को
-बार-बार आसमान की ओर झांकते नजर आए
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में जहां पारा 47 डिग्री पार कर गया है वहीीं पेयजल की मांग बढ़ गई है। कहीं भी कोई चैन नहीं मिल रहा है। भीषण गर्मी के चलते लोग बेहद परेशान है। विभिन्न गांवों में लू एवं गर्मी से बीमारों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। अधिकांश समय लोग अपने घरों में बिताते हैं। तुझे भी बाहर जाते हैं तो उस समय भीषण गर्मी होती है। एक और जहां रेहड़ी पर सामान बेचने वाले मजबूरीवश गर्मी में खड़े दिखाई देते हैं ,जिनके पास छत तक नहीं होती वहीं मजदूर भी काम पर जा रहे हैं जिन्हें अपना पेट पालना होता है। लू और गर्मी से परेशान लोग आसमान को टकटकी लगाकर निहारते रहते हैं। मौसम विभाग एक जून से मौसम के कुछ बदलने की बात कह रहे हैं। ऐसे में गर्मी और लू से बेहद परेशान है।
 एक वक्त था जब गर्मी जाटी के पेड़ों पर सांगर, कैर पौधों पर पिचू तथा जाल नामक पौधों पर पील अच्छी पल पक जाती थी। लोग तीनों को ही बड़े चाव से खाते थे तथा विभिन्न औषधीयों में भी प्रयोग करते थे किंतु अब तीनों ही चीज कनीना क्षेत्र से गायब हो गई है। बणियों की बदहालत हो गई है, कैर खत्म कर दिये हैं, जालों को भी धीरे-धीरे काटा जा रहा है। गर्मी एवं लू के चलते एसी, कूलर, पंखे सब खिलौने नजर आते हैं। लोग जब भी बाहर निकलते हैं तो पूरे प्रबंध करके निकलते हैं। मजबूरी में भी लोग बस और ट्रेनों से सफर कर रहे हैं और बहुत परेशान होते हैं।
फोटो कैप्शन 05: गर्मी में रेहड़ी पर केले बेचता व्यक्ति।



प्राचार्य यादवेंद्र सिंह 30 वर्षो की सेवा के बाद सेवानिवृत्त
-कनीना खंड से हुए 3 कर्मी सेवानिवृत्त
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कनीना की आवाज। एक प्राचार्य सहित कनीना उपमंडल से तीन शिक्षक सेवानिवृत्त हो गये हैं। उनका विदाई समारोह आयोजित हुआ।
पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भोजावास मे कार्यरत प्राचार्य यादवेंद्र सिंह शिक्षा के क्षेत्र में वर्ष 1994 में एक शिक्षक के रूप में शुरुआत करने के बाद 30 वर्ष की सेवा देने के बाद प्राचार्य के बतौर सेवानिवृत्ति हो गए हैं।
 इस अवसर पर खंड शिक्षा अधिकारी कनीना डा. विश्वेश्वर कौशिक मुख्य अतिथि रहे तथा बीआरसी कनीना दिलबाग सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाग सिंह चेयरमैन ने की। सेवानिवृत्ति के इस कार्यक्रम में पहुंचे सभी वक्ताओं ने प्राचार्य यादवेंद्र सिंह के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला तथा उनकी भूरि- भूरि प्रशंसा की।
इस अवसर पर ग्राम पंचायत भोजावास सरपंच प्रतिनिधि पवन तंवर सिंह, प्रवक्ता अशोक कुमार, महेंद्र कुमार, वीरेंद्र सिंह, विनोद कुमार, मुख्य शिक्षक रामनरेश, शैलेंद्र सिंह, सुमित विद्यालय परिवार के सभी शिक्षकों उपस्थित रहे।
  उधर गुढ़ा निवासी राजकुमार राव  राजकीय माध्यमिक विद्यालय पड़तल से बतौर मौलिक मुख्य अध्यापक के पद से सेवानिवृत्त हो गये हैं। उन्होंने 28 साल 6 महीने 3 दिन की सेवा की है। राजकुमार ने बताया कि उन्होंने अपना शिक्षण कार्य बवानिया से शुरू किया तत्पश्चात पालड़ी, गुढ़ा, खेड़ी और अंतिम समय में पड़तल में सेवा दी है। 31 मई को सेवानिवृत्त हो गये हैं। उनके इस कार्यक्रम में अनेक शिक्षक एवं अधिकारी पहुंचे।
 उधर कनीना मंडी के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से संस्कृत शिक्षक सतीश कुमार कनीनावासी सेवानिवृत्त हो गए हैं। उन्होंने 29 साल की सेवा शिक्षा विभाग को दी है। नवंबर 1995 में जेबीटी पद पर ककराला में शिक्षण कार्य शुरू किया था। पश्चात खोड़ में 2001 में मुख्य शिक्षक बने तथा जून 2006 में संस्कृत अध्यापक बतौर भडफ़ में कार्य ग्रहण किया। 2017 में कनीना मंडी में उनका तबादा हुआ और 31 मई तक वही कार्यरत रहे। उनके विदाई समारोह में अनेक गणमान्य जन्म पहुंचे।
फोटो कैप्शन 04: भोजावास प्राचार्य योगेंद्र सिंह सेवानिवृत्त होते हुए।







1963 में शहीद हुए कालूराम के परिजनों को सम्मान देने पहुंचे कमांडेंट सीआरपीएफ
--सीआरपीएफ ने एक पहल शुरू
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कनीना की आवाज।। यूं तो 1962 से अब तक भारी संख्या में सैनिक शहीद हुए हैं, बहुत सो को तो अभी तक याद भी नहीं किया जाता किंतु सीआरपीएफ ने एक पहल शुरू की  है जिसमें 1962 या इसके बाद 1990 तक जो शहीद हुए हैं उनके परिजनों को गांव और शहर में जाकर सम्मानित किया जा रहा है। इसी कड़ी में कनीना उप-मंडल के गांव भडफ़ में सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट पंकज कुमार सीआरपीएफ गुरुग्राम से शहीद सिपाही कालूराम सीआरपीएफ के शहीदी दिवस पर उनके परिजनों को सम्मानित करने पहुंचे।
 इस मौके पर पंकज कुमार ने बताया कि 9वीं बटालियन की एक टुकड़ी 1963 में चीन युद्ध के बाद अरुणाचल में तैनात थी। उसी दौरान उग्रवादियों ने हमला बोल दिया जिसमें इस टुकड़ी के आठ सैनिक शहीद हुए थे जिनमें से सिपाही कालूराम एक है। शहीद कालू राम पांच भाई थे।   उन्होंने कहा कि स्कूल के पास यदि पंचायत जगह देती है तो शहीद स्मारक भी बनवाया जाएगा। इस मौके पर शहीद कालूराम के परिजनों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। उपस्थित लोगों ने शहीद कालूराम की फोटो उपलब्ध करवाने की अधिकारी से मांग की। उन्होंने आश्वासन दिया यदि उनकी सीआरपीएफ में कोई फोटो हुई तो वह जरूर उपलब्ध करवाएंगे। इस मौके पर शहीद  परिजनों में कालूराम की पुत्रवधू सोमवती, पौत्र अनिल, नरेंद्र तथा पौत्री सविता, शहीद का भाई विशंभर दयाल, श्रीराम तथा उनके ही परिजनों में महेंद्र सिंह पूर्व सरपंच हाजिर रहे।
असिस्टेंट कमांडेंट ने बताया सीआरपीएफ 1962 से 1990 के बीच सभी शहीदों को उनके गांव-गांव जाकर उनके परिजनों को सम्मानित कर रही है। ऐसा अभियान जनवरी 2024 से पूरे भारत में चलाया गया है। उन्होंने बताया कि महेंद्रगढ़ के जिला उपयुक्त से इस संबंध में वे मिल चुके हैं तथा शहीदों के स्मारक बनाने गांव की ओर से जमीन उपलब्ध करवाने की भी मांग कर चुके हैं। उनके साथ एएसआई रमेश सिंह, सिपाही चंद्रशेखर, महेश कुमार, हीरालाल, बाबूलाल, सी. रमेश आदि उपस्थित रहे। गांव की ओर से इस मौके पर विभिन्न लोगों ने 1963 में शहीद हुए कालूराम को पुष्प अर्पित किए जिनमें सरपंच पूनम देवी, नंबरदार धर्मपाल, ओमप्रकाश, मनफूल पंच, रामफल पंच, अभय सिंह रिंकू, बलबीर सिंह, ईश्वर सिंह, यादराम, वेद प्रकाश, होशियार सिंह, सत्यवीर प्रधान, काशीराम, सतीश कुमार, नरेश कुमार, योगेश, महावीर सिंह, शीशराम, रामेश्वर, विजय कुमार, मनफूल नंबरदार ,पृथ्वी सिंह नंबरदार, नरेश प्रधान, लाल सिंह और भारी संख्या महिला उपस्थित रही।
 फोटो कैप्शन 3: भडफ़ में असिस्टेंट कमांडेंट शहीद सिपाही कालूराम के परिजनों को सम्मानित करते हुए





आधा दर्जन लोगों पर मार पिटाई का मामला दर्ज
-जमीनी विवाद को लेकर हुआ झगड़ा
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कनीना की आवाज। कनीना उप मंडल के गांव खैराणा में जमीनी विवाद के चलते झगड़े का एक व्यक्ति ने आधा दर्जन लोगों पर मारपीट का मामला दर्ज करवाया है। दौंगड़ा अहीर पुलिस चौकी में अभय सिंह खैराणा निवासी ने दी शिकायत में कहा है कि बाबूलाल और रामनिवास के साथ जमीनी विवाद चल रहा है जिसका मामला कनीना न्यायालय में चला आ रहा है। मैं अपने गांव के शिव मंदिर को साफ सफाई कर पूजा पाठ करने के लिए रोजाना जाता हूं। 30 मई को सुबह करीब 6:30 बजे जब मंदिर के पास पहुंचा तो रामनिवास का मकान रास्ता पड़ता है। इस मकान के अंदर से रामनिवास, बाबूलाल, संदीप, नवीन ,कमलेश, संतोष एवं प्रवीण सभी ने अपने हाथों में लाठी, डंडा, बाकड़ी आदि ले रखे थे। सभी मिलकर रास्ता रोक लिया और फिर मार पीट करने लगे और जान से मारने की धमकी दी। जब अभय सिंह जोर-जोर से शोर मचाया तो लोगों को आते देख मार पीट करने वाले भाग खड़े हुए। उन्होंने कहा है कि 12 मई को खेत में इन सभी ने पहले भी चोट मारी थी जिस पर मेडिकल करवाया गया था और झगड़े के संबंध में शिकायत दौंगड़ा चौकी में दे दी थी जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। तत्पश्चात दोबारा मार पिटाई का मामला सामने आया है। अभय सिंह को सरकारी अस्पताल में ले जाया गया जहां से उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। उनकी शिकायत पर दौंगड़ा चौकी में करीब आधा दर्जन लोगों की विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।



लोशन में बहुत कारगर और महंगी होती है सफेद प्याज
-बहुत कम पैदा होती है सफेद प्याज
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कनीना की आवाज। यूं तो प्याज वर्तमान समय में फिर से महंगी हो गई है। किंतु सफेद प्याज मिलना कठिन होता है। इक्का-दुक्का प्याज अन्य प्याज के साथ पैदा हो जाती है जिसकी भारी मांग है। किसान मनीष कुमार ने बताया कि जब वे क्यारियों में प्योद लगाते हैं तो प्रत्येक क्यारी में सफेद रंग की प्याज पैदा होती है। इस प्याज को अलग से इक_ा कर लेते हैं, इसके भाव भी अच्छे मिलते हैं तथा यह दवाइयों में काम आती है। आंखों के लोशन में सफेद प्याज भी डाली जाती है यही कारण है कि लाल प्याज के मुकाबले इनके भाव भी अधिक होते हैं तथा इनकी मांग भी अधिक होती है।
श्रीकिशन और बाल किशन करीरा ने बताया कि वे आंखों में डालने के लिए लोशन बनाते हैं जिनमें इस प्याज का रस डाला जाता है। दूरदराज से वह इस प्याज को ढूंढ कर लाते हैं ताकि लोगों की आंखों की देखभाल करने में मदद मिल सके। उधर रवि, दिनेश, महेश, सुरेश आदि ने बताया कि जब कभी आंखों में लोशन डालते हैं तो सफेद प्याज का लोशन लेकर आते हैं।
फोटो कैप्शन 01:सफेद प्याज किसान के घर।



गर्मियों में हल्का भोजन ले- शीशराम
-शराब, चाय, काफी आदि से बचे
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कनीना की आवाज। जहां गर्मी के तेवर दिनों दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। कहीं भी चैन नहीं मिल रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य निरीक्षक उप-नागरिक अस्पताल कनीना शीशराम लोगों को तेज गर्मी से बचाव के लिए जागरूक कर रहे हैं। सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू तथा शीशराम स्वास्थ्य निरीक्षक ने एक अभियान चला रखा है। जो भी लोगों के संपर्क में आते हैं उनको गर्मी से बचने के उपाय बता रहे हैं। उनका कहना है कि तेज गर्मी के कारण बीमार हो सकते हैं, ऐसे में सावधानियां बरतनी जरूरी है।
इन सावधानियों में घर से बाहर जाते समय शरीर को ढककर, हल्के रंग के आरामदायक कपड़े पहनकर जाना चाहिए। धूप में बाहर जाते समय छाता, तौलिया, टोपी, आंखों पर धूप का चश्मा भी प्रयोग करें, थोड़े-थोड़े समय अंतराल पर तरल पदार्थ पीते रहे, हल्का ताजा भोजन करें ,नंगे पैर, नंगे बदन धूप में न जाए। अधिक गर्मी एवं धूप में कोई भी कार्य करने से बचे, शराब, चाय, काफी कोल्ड ड्रिंक आदि का सेवन करने से बचे, गर्भवती महिलाएं, बच्चे, बीमार, बुजुर्गों का विशेष रूप से गर्मी का ध्यान रखे।
   उनका कहना है कि गर्मी लगने के गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं। यदि ज्यादा देर धूप में काम करें तो गर्मी लग सकती है। इसके लक्षणों में लाल,गर्म,सूखी त्वचा होना, शरीर का तापमान 40 डिग्री सेंटीग्रेड होना, जी मचलाना, उल्टी होना ,सिर दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी, दिल की धड़कन तेज होना, घबराहट, चक्कर आना, बेहोशी, सिर दर्द आदि प्रमुख है। गर्मी और लू से बचने के लिए  रोगी को छांयादार एवं ठंडी जगह पर ले जाए, आरिस का गोल पानी एवं अन्य तरल पदार्थ ,पैरों को ऊपर करके लिटाए, शरीर को ठंडे पानी से पोंछे, गिला कपड़ा लपेटकर हवादार स्थान पर विश्राम कराए, स्वास्थ्य संबंधी परामर्श हेतु टोल फ्री नंबर पर भी संपर्क कर सकते हैं।
 उनका कहना है कि अधिक गर्मी से बचाव में ही बचाव है, वरना गर्मी के कारण बुरे परिणाम आ सकते हैं।
 फोटो कैप्शन: शीशराम स्वास्थ्य निरीक्षक

शनिदेव जयंती मनाई जाएगी















6 जून को
-आयोजित होगा भंडारा एवं जागरण
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कनीना की आवाज। बाबा मोलडऩाथ आश्रम परिसर में स्थित शनि देव मंदिर पर 6 जून को शनि जयंती मनाई जाएगी। महंत रामनिवास ने जानकारी देते हुए बताया कि 5 जून की रात्रि मोलडऩाथ सत्संग मंडल द्वारा जागरण व 6 जून को सुबह हवन एवं प्रसाद वितरण कार्य शुरू किया जाएगा।
संत ने बताया कि 2009 में शनिदेव मंदिर की स्थापना नजदीक कनीना के मोलडऩाथ आश्रम की गई थी।  इंद्रजीत सिंह, अनिल कमांडो, भूपी ठेकेदार आदि ने शनिदेव मूर्ति की स्थापना करवाई थी। उसके बाद हर वर्ष यहां भंडारा लगता आ रहा है।
इस मौके पर मंदिर कमेटी प्रधान दिनेश यादव, इंद्रजीत, भूपी ठेकेदार, विकी पंसारी, राम पंडित, अनिल कुमार, मुकेश शर्मा, रामकिशन शर्मा, बिल्लू राम शर्मा, महिपाल यादव अनेक लोग उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 02: शनिदेच मंदिर कनीना की जानकारी देते हुए संत एवं अन्य।


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