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Thursday, May 30, 2024


 
हरियाणा एनसीआर दिल्ली पर लगातार आग उगलने वाली भीषण गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं का दौर जारी
 -मानसून रेलगाड़ी समय से एक दिन पहले भारतीय मुख्य भूमि पर पहुंची
- नौतपा के छठे दिन आसमान से आग बरस रही है
- शुक्रवार को रात्रि एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से सम्पूर्ण इलाके में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा
 -आने वाले दिनों में आमजन को भीषण गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं से राहत के आसार
- तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी
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कनीना की आवाज। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में पिछले एक पखवाड़े से लगातार भीषण आग उगलने वाली गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं अपने तेवरों को प्रचंड किए हुए हैं।  नौतपा का आज छठा दिन है सम्पूर्ण इलाके में लगातार दिन और रात के तापमान में रिकार्ड तोड़ उछाल भी देखने को मिल रहा है । सम्पूर्ण इलाके में आसमान से आग उगल रही है। मौसम की चरम और विकट परिस्थितियां बनी हुई है। सम्पूर्ण इलाके आमजन  को भीषण आग उगलने वाली गर्मी से रूबरू होना पड रहा है। आने वाले 24 धंटो में  हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा  और आमजन को तीन चार दिनों तक भीषण आग उगलने वाली गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं से राहत मिलेगी। आसमान से छुते तापमान में भी गिरावट देखने को मिलेगी। साथ ही साथ राहत की बात यह है कि अपने समय से पहले आज मानसून रेलगाड़ी की धमाकेदार एंट्री भारत के मुख्य भू-भाग पर  हों चुकी है।मौसम विशेषज्ञ डॉ चंद्र मोहन ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में  पिछले एक पखवाड़े से मैदानी राज्यों विशेषकर हरियाणा एनसीआर दिल्ली में लगातार मरूस्थलीय गर्म शुष्क हवाओं और नौतपा के दौरान सूर्य की चरम तपिश बढऩे से साथ ही कोई सक्रिय मौसम प्रणाली न होने साथ ही बंगाल की खाड़ी पर बना रेमल चक्रवातीय तूफान भी लगातार सम्पूर्ण इलाके से नमी खिंच रहा था जो वर्तमान परिदृश्य में  निष्क्रिय हो चुका है जिसकी वजह से मैदानी राज्यों विशेषकर हरियाणा एनसीआर में भीषण आग उगलने वाली गर्मी और गंभीर हीट वेव और लूं अपने तेवरों को प्रचंड किए हुए हैं। 31 मई  को एक नया कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से दक्षिणी पंजाब और उत्तरी राजस्थान पर एक चक्रवातीय सर्कुलेशन बनने से  सम्पूर्ण इलाके में हवाओं की दिशा बदल जाएगी हालांकि कमजोर मौसम प्रणाली को अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से हल्की नमीं ही मिलने वाली है। सम्पूर्ण मैदानी राज्यों राजस्थान पंजाब हरियाणा एनसीआर दिल्ली में हवाएं दक्षिणी पूर्वी और दक्षिणी पश्चिमी चलने से सम्पूर्ण इलाके में आंशिक बादल वाही देखने को मिलेगी साथ ही साथ 31  मई से 3 जून के दौरान मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा इस दौरान बीच बीच में तेज गति से हवाएं चलने  20-25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंधड़  चलने की गतिविधियां की संभावना बन रही है। हरियाणा एनसीआर दिल्ली के 25-50 प्रतिशत हिस्सों पर  बिखराव वाली गरज चमक के साथ हल्की बारिश/ बूंदा-बांदी की गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा इस लिए इस दौरान भारतीय मौसम विभाग ने सम्पूर्ण इलाके पर येलो अलर्ट जारी कर दिया है। क्योंकि यह मौसम प्रणाली ज्यादा मजबूत नहीं है परन्तु इससे सम्पूर्ण मैदानी राज्यों में हवाओं की दिशा और दशा में बदलाव से सम्पूर्ण इलाके में भीषण आग उगलने वाली गर्मी से आमजन को जरूर राहत के आसार बन रहे हैं। जिसकी वजह से सम्पूर्ण मैदानी राज्यों विशेषकर हरियाणा एनसीआर दिल्ली में दिन और रात के तापमान गिरने की संभावना बन रही है। जून के  पहले सप्ताह के शुरूआत  में तापमान अभी के मुकाबले  4-5 डिग्री सेल्सियस तापमान में  कमी अलग अलग स्थानों पर देखने को मिलेगी साथ ही साथ आज़ मानसून की धमाकेदार आगाज भारतीय मुख्य भूमि केरल और उत्तरी पूर्वोत्तर में हों चुका है और मानसून रेलगाड़ी स्पीड बनाएं हुए है जो हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अपने निर्धारित समय पर पहुंचने की प्रबल संभावना है। आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर रात्रि तापमान 27.5 डिग्री सेल्सियस से 33.3 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है जो अधिकतर स्थानों सामान्य रात्रि तापमान से 4.0 डिग्री सेल्सियस से 8.0 डिग्री सेल्सियस अधिक बने हुए हैं । साथ ही साथ सम्पूर्ण हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर दिन के तापमान भी  में लगातार उछाल जारी है आज भी हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर दिन के तापमान 44.0 डिग्री सेल्सियस से 49.1 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। अभी भी अनेकों स्थानों पर दिन के तापमान 47 डिग्री सेल्सियस से उपर बने हुए हैं। सम्पूर्ण इलाके में लगातार आग उगलने वाली भीषण गर्मी अपने प्रचण्ड तेवरों से आगाज़ किये हुए हैं। आज जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ का रात्रि तापमान क्रमश डिग्री सेल्सियस 32.4 डिग्री सेल्सियस और 33.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जो सामान्य तापमान 8.4 डिग्री सेल्सियस अधिक बने हुए हैं। साथ ही साथ जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ के दिन के तापमान क्रमश: डिग्री सेल्सियस और 47.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जो सामान्य तापमान से7.5 डिग्री सेल्सियस अधिक बने हुए हैं। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में आज  जिला महेंद्रगढ़ (महेंद्रगढ़ और नारनौल)की रात सबसे ज्यादा गर्म बनी हुई और सिरसा के दिन ज्यादा गर्म दर्ज किया गया है। जिला महेंद्रगढ़ में लगातार मौसम की चरम और विकट परिस्थितियां बनी हुई लगातार तापमान में उछाल और भीषण आग उगलने वाली गर्मी अपने तेवरों को प्रचंड किए हुए हैं आमजन का जीना दुश्वार हो गया है।






धूम्रपान मौत का घर, पीने के डर ही डर-डा. राजीव
-धूम्रपान न करने की सलाह
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कनीना की आवाज। गुटका, पान, तंबाकू या फिर बीड़ी और सिगरेट इन सभी चीजों का नशा आपको मौत के मुंह में धकेल सकता है। विज्ञापनों और फिर तंबाकू और सिगरेट की डिब्बियों पर दी जाने वाली तमाम चेतावनियों बाद भी हजारों-लाखों लोगों की मौत तंबाकू के कारण होती है। भारत सहित दुनिया के कई देश ऐसे हैं, जहां इस तंबाकू या फिर अफीम जैसे नशे के आदि लोगों की संख्या बढ़ रही है। यही वजह है कि हर साल 31 मई को  मनाया जाता है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस तंबाकू या सिगरेट की लत शराब की लत से कई गुना हानिकारक और खतरनाक है। पूरी दुनिया में तंबाकू के कारण लगभग हर 6 सेकंड के अंदर एक व्यक्ति की मौत होती है। तंबाकू और धूम्रपान के कारण कई गंभीर बीमारियां जैसे- दिल का दौरा, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, अस्थमा, मुंह और फेफड़ों का कैसर आदि शामिल है। इसलिए बेहतरी इसी में है कि जितना जल्दी हो सके इस बुरी लत को छोड़ दें।
इस संबंध में डा.राजीव गौड़ प्रदेश संयोजक आयुर्वेद फेडरेशन आफ इंडिया हरियाणा ने इस लत से पीछा छुड़ाने की जानकारी देते हुए कहा-  
आयुर्वेद में तुलसी का विशेष महत्व है। तम्बाकू से छुटकारा पाने में भी यह विशेष उपयोगी है। सिगरेट पीने या तंबाकू खाने का जब भी मन करे तो तुलसी का पत्ता चबाएं। सुबह और शाम तुलसी के 2-3 पत्ते चबाने से नशे की लत से छुटकारा मिल सकता है।
तंबाकू का सेवन हृदय को विभिन्न तरीकों से प्रभावित करता है, हालांकि, पर्याप्त पानी का पीने से न केवल दिल को कई समस्याओं से बचाने में, बल्कि संपूर्ण सेहत को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। पानी की पर्याप्त मात्रा ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने और खून के थक्के बनने के खतरे को कम करती है। खून के थक्के बनना दिल का दौरा पडऩे का सबसे प्रमुख कारणों में से एक है।  
 व्यायाम और योग की मदद से तंबाकू की लत को छोडऩे में मदद मिल सकती है। अक्सर आपने देखा होगा कि आप जब ज्यादा परेशान या तनाव में होते हैं, तो आप ज्यादा सिगरेट या तंबाकू का सेवन करते हैं। लेकिन व्यायाम और योग आपके तनाव को कम करने में मदद करता है और जीवन शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। व्यायाम आपकी तंबाकू की लत को छोडऩे में मदद कर सकता है।
तंबाकू या धूम्रपान के नियमित सेवन से शरीर में निकोटीन जैसे विषैले यौगिकों का जमाव होता है। लेकिन अश्वगंधा और शतावरी जैसी जड़ी बूटियां शरीर से इन विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती हैं। आप रोजाना रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला का सेवन कर सकते हैं, यह कोलन को साफ करने और शरीर से सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
 जब आपको सिगरेट या तंबाकू की क्रेविंग होती है, तो ऐसे में आप हर्बल टी का सेवन कर सकते हैं। यह आपकी क्रेविंग को कम करने के स्वस्थ विकल्पों में से एक है। छोटी-छोटी हर्बल टी की चुस्की लेने से तम्बाकू की इच्छा को कम करने में मदद मिल सकती है। आप जटामांसी, अश्वगंधा और दालचीनी के पाउडर के संयोजन से बनी हर्बल चाय तैयार कर सकते हैं। जब भी तंबाकू की क्रेविंग सताए, बस इस पाउडर को गर्म पानी में डालें और चाय के रूप में पिये।
जब कभी तम्बाकू की इच्छा करे, तो इसे नजरअंदाज करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप आंवला या आंवला कैंडी चबाएं। आप आंवला को सूखाकर हल्के अमचूर पाउडर या किसी फ्लेवर के साथ स्टोर करके रख सकते हैं। फिर, जब भी तंबाकू की क्रेविंग हो, तो 2 या 3 टुकड़े चबाएं ।
तंबाकू और सिगरेट की क्रेविंग होने पर आप अजवाइन का एक चम्मच लें और इसे चबाएं आपकी तम्बाकू चबाने की इच्छा कम हो सकती है। हर सुबह कुछ अजवाइन चबाने से  धूम्रपान के दुष्प्रभाव और इसकी लत को कम किया जा सकता है।
फोटो कैप्शन: डाक्टर राजीव गौड़





सिगरेट से ज्यादा खतरनाक है हुक्का-डा. गरिमा
--सावधान हुक्का पीने वाले
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कनीना की आवाज। सिगरेट से ज्यादा खतरनाक हुक्का है क्योंकि हुक्का बार में जब कोई हुक्का पीता है तो कम से कम 30 मिनट तक हुक्का पीता है। 30 मिनट तक लगातार कार्बन मोनोआक्साइड शरीर के अन्दर जाता है जो कि सिगरेट से ज्यादा खतरनाक हो सकता है। हुक्का पीने से हार्ट की ब्लड सेल और वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है। ये विचार डा गरिमा के हैं।
उन्होंने कहा कि शोधकर्ताओं का मानना है कि कार्बन मोनोआक्साइड शरीर के लिए जहर जैसा काम करता है। हुक्का पीने वालों में एक्सरसाइज करने की क्षमता लगातार घटती है। हुक्का पीने वालों का फेफड़ा जल्द कमजोर होता है जो कि कार्बन मोनोआक्साइड के साथ अन्य विषैले कणों के कारण होता है।हुक्का में उपयोग किये जाने वाले निकोटीन पदार्थ के साथ वाष्पशील कार्बननिक रसायन, पालीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन, एक्रोलिन, लेड, कैडमियम और आर्सेनिक जैसे हानिकारक रसायन शरीर के अंदर जाते हैं जो हार्ट को बहुत ही बुरी तरह से प्रभावित करते हैं।
उन्होंने एक पत्रिका में प्रकाशित शोध का हवाला देते हुए बताया कि हुक्का पीना सिगरेट से भी ज्यादा खतरनाक होता है। हुक्के में बहुत ज्यादा मात्रा में विषैले पदार्थ लंबे समय तक शरीर में जाते हैं जो हार्ट और फेफड़ों के लिए खतरनाक है। ई-सिगरेट अधिक पीने से बढ़ता है मुंह के कैंसर का खतरा। सिगरेट के तंबाकू से हुक्का का तंबाकू ज्यादा खतरनाक होता है। क्योंकि हुक्का के तंबाकू को बनाने के लिए कई तरह के फ्लेवर और रंग का उपयोग किया जाता है जो कई तरह के कैमिकल को बनाते हैं। फ्लेवर वाले तंबाकू से लेड और खतरनाक विषैले रसायन बनते हैं जो हार्ट के लिए खतरनाक साबित होते हैं। हुक्का पाइप में तम्बाकू सिगरेट से कम जहरीला नहीं होता। हुक्के में पानी धुएं को ठंडा करता है, लेकिन यह धुएं में मौजूद विषाक्त पदार्थों को फिल्टर नहीं करता। हुक्का पीने वाले सिगरेट पीने वालों की तुलना में ज़्यादा तम्बाकू का धुआँ साँस के साथ अंदर ले सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक हुक्का पीने का सत्र एक घंटे या उससे ज़्यादा समय तक चल सकता है।
 हुक्का के धुएँ में हानिकारक रसायनों की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है। इनमें टार, कार्बन मोनोआक्साइड, भारी धातुएँ और कैंसर पैदा करने वाले रसायन शामिल हैं जिन्हें कार्सिनोजेन्स कहा जाता है। दरअसल, हुक्का पीने वाले सिगरेट पीने वालों की तुलना में ज़्यादा कार्बन मोनोआक्साइड और धुएँ के संपर्क में आते हैं।
हुक्का पीने से फेफड़े, मूत्राशय, पेट, ग्रासनली और मौखिक कैंसर,दिल की बीमारीएवं
अन्य गंभीर स्थितियां, जैसे फेफड़ों के रोग और कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता पैदा होते हैं।
हुक्का पीने से निकोटीन की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है, जैसे सिगरेट पीने से होती है। निकोटीन तम्बाकू में मौजूद एक आदत बनाने वाला रसायन है जो व्यक्ति को धूम्रपान करने के लिए मजबूर करता है। हुक्के का धुआं दूसरों के धुएं से जुड़े खतरे पैदा करता है।
गर्भवती महिलाओं द्वारा हुक्का पीने से जन्म के समय कम वजन वाले शिशुओं का जन्म होता है।
गंदे पाइप का इस्तेमाल करना या दूसरे धूम्रपान करने वालों के साथ पाइप साझा करना जोखिम भरा है। इससे फ़्लू, क्षय रोग,हरपीज,हेपेटाइटिस,
कोविड-19 हो सकते हैं।
नए इलेक्ट्रानिक हुक्के, जिन्हें ई-हुक्का कहा जाता है, वेपिंग डिवाइस हैं। वे एक तरल पदार्थ को वाष्प में गर्म करने के लिए बैटरी का उपयोग करते हैं, जिसे उपयोगकर्ता सांस लेते हैं। तरल पदार्थ निकोटीन और स्वाद के साथ या बिना आ सकता है। ई-हुक्का के स्वास्थ्य प्रभावों पर शोध अभी भी शुरुआती चरण में है। लेकिन ई-हुक्का सहित वेपिंग डिवाइस का उपयोग अधिकांश लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है। और किसी भी रूप में तंबाकू का उपयोग किसी के लिए भी सुरक्षित नहीं है।
फोटो कैप्शन: डाक्टर गरिमा





लोशन में बहुत कारगर और महंगी होती है सफेद प्याज
-बहुत कम पैदा होती है सफेद प्याज
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कनीना की आवाज। यूं तो प्याज वर्तमान समय में फिर से महंगी हो गई है। किंतु सफेद प्याज मिलना कठिन होता है। इक्का-दुक्का प्याज अन्य प्याज के साथ पैदा हो जाती है जिसकी भारी मांग है। किसान मनीष कुमार ने बताया कि जब वे क्यारियों में प्योद लगाते हैं तो प्रत्येक क्यारी में सफेद रंग की प्याज पैदा होती है। इस प्याज को अलग से इक_ा कर लेते हैं, इसके भाव भी अच्छे मिलते हैं तथा यह दवाइयों में काम आती है। आंखों के लोशन में सफेद प्याज भी डाली जाती है यही कारण है कि लाल प्याज के मुकाबले इनके भाव भी अधिक होते हैं तथा इनकी मांग भी अधिक होती है।
श्रीकिशन और बाल किशन करीरा ने बताया कि वे आंखों में डालने के लिए लोशन बनाते हैं जिनमें इस प्याज का रस डाला जाता है। दूरदराज से वह इस प्याज को ढूंढ कर लाते हैं ताकि लोगों की आंखों की देखभाल करने में मदद मिल सके। उधर रवि, दिनेश, महेश, सुरेश आदि ने बताया कि जब कभी आंखों में लोशन डालते हैं तो सफेद प्याज का लोशन लेकर आते हैं।
फोटो कैप्शन 4: सफेद प्याज किसान के घर।



गर्मियों में हल्का भोजन ले- शीशराम
-शराब, चाय, काफी आदि से बचे
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कनीना की आवाज। जहां गर्मी के तेवर दिनों दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। कहीं भी चैन नहीं मिल रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य निरीक्षक उप-नागरिक अस्पताल कनीना शीशराम लोगों को तेज गर्मी से बचाव के लिए जागरूक कर रहे हैं। सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू तथा शीशराम स्वास्थ्य निरीक्षक ने एक अभियान चला रखा है। जो भी लोगों के संपर्क में आते हैं उनको गर्मी से बचने के उपाय बता रहे हैं। उनका कहना है कि तेज गर्मी के कारण बीमार हो सकते हैं, ऐसे में सावधानियां बरतनी जरूरी है।
इन सावधानियों में घर से बाहर जाते समय शरीर को ढककर, हल्के रंग के आरामदायक कपड़े पहनकर जाना चाहिए। धूप में बाहर जाते समय छाता, तौलिया, टोपी, आंखों पर धूप का चश्मा भी प्रयोग करें, थोड़े-थोड़े समय अंतराल पर तरल पदार्थ पीते रहे, हल्का ताजा भोजन करें ,नंगे पैर, नंगे बदन धूप में न जाए। अधिक गर्मी एवं धूप में कोई भी कार्य करने से बचे, शराब, चाय, काफी कोल्ड ड्रिंक आदि का सेवन करने से बचे, गर्भवती महिलाएं, बच्चे, बीमार, बुजुर्गों का विशेष रूप से गर्मी का ध्यान रखे।
   उनका कहना है कि गर्मी लगने के गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं। यदि ज्यादा देर धूप में काम करें तो गर्मी लग सकती है। इसके लक्षणों में लाल,गर्म,सूखी त्वचा होना, शरीर का तापमान 40 डिग्री सेंटीग्रेड होना, जी मचलाना, उल्टी होना ,सिर दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी, दिल की धड़कन तेज होना, घबराहट, चक्कर आना, बेहोशी, सिर दर्द आदि प्रमुख है। गर्मी और लू से बचने के लिए  रोगी को छांयादार एवं ठंडी जगह पर ले जाए, आरिस का गोल पानी एवं अन्य तरल पदार्थ ,पैरों को ऊपर करके लिटाए, शरीर को ठंडे पानी से पोंछे, गिला कपड़ा लपेटकर हवादार स्थान पर विश्राम कराए, स्वास्थ्य संबंधी परामर्श हेतु टोल फ्री नंबर पर भी संपर्क कर सकते हैं।
 उनका कहना है कि अधिक गर्मी से बचाव में ही बचाव है, वरना गर्मी के कारण बुरे परिणाम आ सकते हैं।
 फोटो कैप्शन: शीशराम स्वास्थ्य निरीक्षक





गर्मी ने किया बदहाल, पारा 47 के पार
-जोखिम भरे जोहड़ों में स्नान कर गर्मी से बच रहे हैं युवा
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में सूरज पूरे वेग पर चमक रहा है। तापमान 47 डिग्री के पार पहुंच गया है। जहां कम से कम तापमान 31 डिग्री सेंटीग्रेड है। रात भी गर्मी लिए आती हैं, जिससे लोगों को दिन में चैन नहीं तो रात को आराम नहीं है।
कनीना क्षेत्र के लोग बेहद परेशान है सुबह 7 बजे से ही तापमान बढ़ जाने के कारण अपने घरों दुबक जाते हैं और शाम के समय ही निकल पाते हैं। किसी भी काम के लिए सुबह एवं शाम को लोग व्यस्त नजर आते हैं, बाकी समय बहुत कम लोग इधर उधर घूमते हैं। किसानों की कपास की फसल पर कुप्रभाव पड़ रहा है।  उधर पशु पालक हो या दुकानदार या फिर वाहन चालक सभी बेहद परेशान हैं। गर्मी अधिक होने के कारण रात को भी चैन नहीं मिल पा रहा है। लोग एसी, कूलर, पंखे आदि का सहारा लेते हैं लेकिन वो सभी नाकाफी साबित हो रहे हैं।  
कपास और चारा देने वाली फसलों को भी गर्मी के कारण नुकसान हो रहा है। उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में जहां इस समय 472 हेक्टेयर पर चारा देने वाली फसलें वही करीब 98 हेक्टेयर समर मूंग तथा 8125 हेक्टेयर पर कपास की बिजाई की गई है। किसान इसलिए परेशान है कि इन फसलों पर गर्मी का कुप्रभाव पड़ रहा है।
इस संबंध में पूर्व कृषि अधिकारी डा देवेंद्र यादव ने बताया कि गर्मी का को प्रभाव गमले में लगे पौधों से लेकर बड़े पौधों पर पड़ रहा है। उगाई गई फसलों पर भी इसका कु-प्रभाव पड़ रहा है। जीव जंतुओं और इंसानों पर भी को प्रभाव देखने को मिलता है। उनका कहना है कि अगर हरे चारे एवं कपास फसलों को बचाना है तो रात के समय जब धरती ठंडी हो जाए उस समय पानी देना चाहिए वरना फसल को नुकसान होने का पूरा अंदेशा बन जाता है।
जान को जोखिम में डालकर गर्मी से बच रहे हैं-
यूं तो वाटर पार्कों की मांग बढ़ गई है किंतु यूवा पीढ़ी गर्मी से बचने के लिए जोहड़ों का प्रयोग कर रही है जिससे जान जोखिम में पड़ सकती है। हर वर्ष कई जान जोहड़ों में डूबने से चली जाती हैं। युवा वर्ग जोहड़ों एवं नालों का उपयोग कर गर्मी से बचना चाहता है।
क्या कहते हैं दिनेश कुमार प्रधान-
कनीना मोलडऩाथ सेवा ट्रस्ट के प्रधान दिनेश कुमार का कहना है कि गर्मी से बचने के लिए घर पर ही स्नान कर लेना चाहिए किंतु युवा पीढ़ी इन जोहड़ों में स्नान करती हैं जो जोखिमभरा है। मोलडऩाथ आश्रम के पास पक्का जोहड़ बनाया गया है जहां पानी 3 से चार फुट भरा जाता है जिसमें डूबने की संभावना नहीं है क्योंकि इसको पूर्ण रूप से पक्का किया गया है। तली भी पक्की है।
फोटो कैप्शन 03: जोहड़ में गर्मी से राहत पाने के लिए स्नान करते युवा
साथ में दिनेश कुमार





शनिदेव जयंती मनाई जाएगी 6 जून को
-आयोजित होगा भंडारा एवं जागरण
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कनीना की आवाज। बाबा मोलडऩाथ आश्रम परिसर में स्थित शनि देव मंदिर पर 6 जून को शनि जयंती मनाई जाएगी। महंत रामनिवास ने जानकारी देते हुए बताया कि 5 जून की रात्रि मोलडऩाथ सत्संग मंडल द्वारा जागरण व 6 जून को सुबह हवन एवं प्रसाद वितरण कार्य शुरू किया जाएगा।
संत ने बताया कि 2009 में शनिदेव मंदिर की स्थापना नजदीक कनीना के मोलडऩाथ आश्रम की गई थी।  इंद्रजीत सिंह, अनिल कमांडो, भूपी ठेकेदार आदि ने शनिदेव मूर्ति की स्थापना करवाई थी। उसके बाद हर वर्ष यहां भंडारा लगता आ रहा है।
इस मौके पर मंदिर कमेटी प्रधान दिनेश यादव, इंद्रजीत, भूपी ठेकेदार, विकी पंसारी, राम पंडित, अनिल कुमार, मुकेश शर्मा, रामकिशन शर्मा, बिल्लू राम शर्मा, महिपाल यादव अनेक लोग उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 02: शनिदेच मंदिर कनीना की जानकारी देते हुए संत एवं अन्य।






तंबाकू निषेध दिवस -31 मई
नशे से बचकर ही रहना चाहिए
-अनमोल जीवन मिला है इसे नशे में नहीं गुजारना चाहिए -डा. मोरवाल
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कनीना की आवाज। दिनोंदिन नशे के प्रति बच्चे, युवा और बुजुर्गों का लगाव बढ़ रहा है। छोटे बच्चे भी चाय के आदि देखे गए हैं वहीं युवा और बुजुर्ग बीड़ी सिगरेट, चिलम, हुक्का, शराब एवं कई अन्य रूपों में नशा करते देखे गए हैं। महिलाएं भी नशा करने में पीछे नहीं है लेकिन नशा नाश का घर है। एक बार जो इसके आदि हो गए वे लगातार इसी का उपयोग करते रहते हैं और अंतत: अनेक बीमारियों से उनका घर जकडऩ में आ जाता है और मौत की ओर बढ़ जाते हैं। जहां चाय में कैफ़ीन , तंबाकू में जहां निकोटीन घातक विष पाया जाता है वहीं शराब में अल्कोहल विषैला पदार्थ पाया जाता है।  शरीर में प्रवेश करने पर लगभग सभी अंगों को नष्ट करना शुरू कर देते हैं। और दुर्घटनाओं के पीछे अहं कारण बनते हैं। क्या कहते हैं लोग-
***तंबाकू का नशा नाश की ओर ले जाता है। ईश्वर ने जब बेहतर जिंदगी दी है तो इसे छोटा नहीं करना चाहिए, इसे तो पूर्ण जी कर ही जाना चाहिए।  नशे के कारण लोग अपने जीवन को बर्बाद करते ही है अपितु अपने परिवार और समाज के लिए भी घातक साबित होते हैं। नशा हर हाल में छोड़ देना चाहिए।
---कंवरसेन वशिष्ठ समाजसेवी कनीना
वर्तमान में हुक्के के प्रति प्रचलन बढ़ा है जो निश्चित रूप से शरीर के लिए घातक है। आंखों की दृष्टि हो, पाचन तंत्र हो गुर्दे की बीमारी हो या पेट की समस्याएं हो अधिकांश के पीछे धूम्रपान है। धूम्रपान में निकोटिन जहर पाया जाता है जो हमारी फेफड़ों में जाकर टार के रूप में जमा हो जाता और फेफड़े काम छोड़ जाते हैं। अनेक बीमारियां शरीर में प्रवेश कर जाती हैं। ऐसे में इन पदार्थों से बचना चाहिए।
---सुनील कुमार स्वास्थ्य कर्मी
 कुछ लोग तंबाकू को चबाते हैं। इससे भी घातक बीमारी पैदा होती हैं। दीवारों को भी खराब करते रहते हैं, धरा को भी विषैला बनाते हैं। ऐसे लोगों से बचकर रहना चाहिए और यह बुराई के विभिन्न प्रकार के कैंसर का कारण बनती अपितु शरीर को नष्ट कर देती है। इस प्रकार के तमाकू चबाने से बचना चाहिए।
--राव मोहर सिंह समाजसेवी
 निजी प्रैक्टिस कर रहे डा वेद प्रकाश ने बताया कि नशा हर हाल में बुरा है। शराब एवं तंबाकू का नशा वह नशा है जो जीवन को बर्बाद करके अंतत: मौत का कारण बनता है। इससे न केवल इंसान स्वयं दुखी रहता है अपितु परिवार भी बर्बाद हो जाता है। समाज और देश को भी हानि उठानी पड़ती है। तंबाकू एक ऐसा पदार्थ है जो दुर्घटनाओं का कारण बनता है।
---डा वेदप्रकाश
तंबाकू का नशा कई रूपों में किया जाता है। यक पेट ,फेफेड़ों तथा रक्त धमनियों के लिए घातक साबित होता है।  नशा निश्चित रूप से गुर्दों को नुकसान पहुंचाता है और सभी बीमारियों का कारण बनता है। तंबाकू का उपयोग गले एवं फेफड़ों का कैंसर का कारण बनता है। भांग, चरस ,अफीम आदि प्रयोग करते हैं इससे मस्तिष्क नष्ट होता चला जाता है। उन्होंने कहा कि नशा किसी भी रूप में हो केवल नुकसान पहुंचाता है। इसका कोई लाभ नहीं है। समाज को आगे बढ़ाना है तो नशे से बचना चाहिए।
---डा जितेंद्र मोरवाल
 फोटो कैप्शन: डा. जितेंद्र मोरवाल, डा वेद प्रकाश, कंवरसेन वशिष्ठ, सुनील कुमार






जमीनी विवाद के चलते मार पिटाई
--तीन लोगों पर मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव करीरा निवासी मुनेश में दी गई शिकायत में कहा गया है कि 26 मई को सुबह करीब 7:15 बजे मैं अपने पति विनोद के साथ खेत में बाजर में पानी देने तथा जुताई के काम के लिए गई थी। श्रीभगवान नामक व्यक्ति से हमारा जमीनी विवाद है। उसी विवाद के चलते सुशीला, दीपक, सौरभ ने हम दोनों पर लाठी डंडों से प्रहार कर दिया। दोनों को चोट आई, पुलिस को सूचित किया। पुलिस मौके पर पहुंची और हम दोनों को कनीना अस्पताल पहुंचाया जहां डाक्टरों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए पीजीआइएमएस रोहतक रेफर कर दिया। जहां इलाज चला, अब छुट्टी मिली है। उनके बयान पर तीन लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।






























राजकीय माडल संस्कृति स्कूल की छात्रा का हुआ सुपर-100 में चयन
--प्रतिभावान है यशिका बंसल
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कनीना की आवाज। राजकीय माडल संस्कृति स्कूल की छात्रा यशिका का  सुपर-100 में चयन होने पर खुशी जताई है।
प्राचार्य सुनील कुमार ने बताया कि कि राजकीय माडल संस्कृति स्कूल कनीना की कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा यशिका बंसल का सुपर-100 में चयन हुआ है जिससे पूरे विद्यालय परिवार एवं क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है। हाल ही में सीबीएसई द्वारा जारी कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में भी छात्रा ने 90 प्रतिशत अंक लेकर विद्यालय एवे माता पिता का नाम रोशन किया है। विद्यालय के प्राचार्य श्री सुनील खुडानिया ने बताया कि छात्रा कक्षा नौवीं से विद्यालय की छात्रा रही है और पढ़ाई तथा अन्य गतिविधियों में हमेशा बढ़ चढ़ कर भाग लिया है। सुपर 100 हरियाणा शिक्षा विभाग का एक बहुत ही महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है जिसमें प्रदेश भर से टाप 100 बच्चो का परीक्षा आधारित चयन होता है जहां उन्हें सम्बंधित विषय अध्यापकों द्वारा  निशुल्क आईआईटी/नीट की कोचिंग दी जाती है।    प्राचार्य ने बताया कि कुरुक्षेत्र में द्वितीय स्तर की सुपर 100 परीक्षा का तीन दिवसीय प्रयोगशाला एवं परीक्षा का आयोजन हुआ था जिसमें छात्रा ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अंतिम चयन सूची में अपना नाम दर्ज करवाया है। इससे पूर्व भी छात्रा अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी है उसका चयन नौवीं कक्षा में बुनियाद में भी हुआ था और छात्रा सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बढ़-कर कर भाग लेती है तथा खेलकूद में भी खंड स्तर पर कबड्डी में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली टीम की खिलाड़ी रही है। गत वर्ष यशिका ने एनएमएमएस की परीक्षा पास करके छात्रवृत्ति भी प्राप्त की है। छात्रा की माता मंजू मित्तल जो कि एक निजी स्कूल में वाणिज्य संकाय की प्रवक्ता है ने दूरभाष पर बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही बहुमुखी प्रतिभा की धनी रही है । पिता मनोज बंसल जो कि छात्रों को ट्यूशन पढ़ाते हैं ,ने बताया कि यशिका के भाई हर्षित बंसल ने दो बार सैनिक स्कूल की परीक्षा पास की है। पूरा परिवार शिक्षा के महत्व को समझते हुए अन्य छात्र छात्राओं के लिए आदर्श स्थापित कर रहा है। इस अवसर पर छात्रा से बात की गई तो उसने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता पिता तथा गुरुजनों को दिया है।
फोटो कैप्शन: याशिका बंसल


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