हरियाणा एनसीआर दिल्ली पर लगातार भीषण आग उगलने वाली गर्मी का रेड अलर्ट
- आमजन द्वारा हाय रे गर्मी, भीषण गर्मी, जल गए रे, जल गए रे
- आने वाले सप्ताह में जारी रहेगा भीषण गर्मी और प्रचण्ड गंभीर हीट वेव का दौर
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कनीना की आवाज। सम्पूर्ण मैदानी राज्यों विशेषकर हरियाणा एनसीआर दिल्ली में आग उगलने वाली भीषण गर्मी और गंभीर हीट वेव का लगातार सितम और प्रकोप जारी है। सम्पूर्ण इलाके में दिन और रात का पारा जबरदस्त तरीके से उछाल मार रहा है। मौसम विशेषज्ञ डा. चंद्र मोहन ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में हरियाणा एनसीआर दिल्ली भीषण आग उगलने वाली गर्मी का टार्चर और गंभीर हीट वेव का रेड अलर्ट जारी है। सम्पूर्ण इलाके पर सुबह से शाम तक आसमान से आग बरस रही है। चहुं ओर आमजन के द्वारा हाय रे गर्मी, भीषण गर्मी,वल गए रे, जल गए रे या गर्मी तो फूंकेगी ,या गर्मी तो जान से मारेगी, इस तावड़ो से तो कतई मर जांगें आदि शब्द निकल रहें हैं । प्रचण्ड गर्मी ने आमजन का दिन और रात का चैन छीन लिया है। सम्पूर्ण इलाके में मौसम की चरम और विकट परिस्थितियां बनी हुईं हैं।आने वाले दिनों में हरियाणा एनसीआर दिल्ली में और अधिक तीखे तेवरों से भीषण गर्मी और गंभीर हीट वेव अपने और भी विकराल रूप धारण करेंगी। आने वाले एक सप्ताह में हरियाणा एनसीआर दिल्ली में भीषण गर्मी से राहत दिलाने वाली कोई बड़ी मौसम प्रणाली आने की संभावना नहीं है अगर पिछले साल से इस साल की तुलना करें तो पिछले साल मई महीने में लगातार एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से मई महीने में लगातार बारिश बूंदा-बांदी और तेज गति से हवाएं चलने से सम्पूर्ण इलाके में तापमान सामान्य के आसपास बने रहे और हरियाणा एनसीआर दिल्ली में गर्मी और लूं के तेवर ढीले रहे साथ ही नौतपा के दौरान मौसम सुहावना बना रहा परन्तु इस साल मौसम परिस्थितियां बिल्कुल विपरीत बनीं हुईं हैं। सम्पूर्ण इलाके में बलुचिस्तान और थार मरुस्थलीय गर्म और शुष्क हवाओं का आगाज बना हुआ साथ ही साथ सुबह से शाम सूर्य की तपिश बढ़ती जाती है ।आसमान से आग बरस रही है तेज और तीक्ष्ण धूप गर्मी के तेवरों को और अधिक प्रचण्ड बना रहीं हैं। सम्पूर्ण इलाके में लगातार तापमान आसमान को छू लेने को आतुर है आज भी नारनौल की रात (31.0 डिग्री सेल्सियस)हरियाणा एनसीआर दिल्ली में सबसे ज्यादा गर्म और सिरसा के दिन सबसे ज्यादा गर्म (47.8 डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया है आने वाले दिनों में हरियाणा एनसीआर दिल्ली में दिन के तापमान 50 डिग्री सेल्सियस और रात के तापमान 35 डिग्री तक पहुंचने की संभावना बन रही है। हरियाणा एनसीआर दिल्ली पर भारतीय मौसम विभाग ने जहां रेड और आरेंज अलर्ट जारी कर रखें वहीं सरकार और जिला प्रशासन द्वारा लगातार आमजन के लिए एडवाइजरी जारी कर रखीं हैं आमजन अपने जरूरी कलापों को सुबह और शाम को निपटाएं दोपहर के समय बहुत ज्यादा जरूरी हो तो बहार निकले अन्यथा अपने घरों में ही रहें। हरियाणा राज्य के अनेकों जिलों में इस भीषण गर्मी और गंभीर हीट वेव के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा स्कूलों की छुट्टियां घोषित कर दी हैं। सम्पूर्ण इलाके में दोपहर होते-होते सड़कों और बाजारों में सन्नाटा छा जाता है सम्पूर्ण इलाके पर भीषण गर्मी और प्रचण्ड हीट वेव का कफ्र्यू लग जाता है आमजन भी घरों में रहने के लिए मजबूर हैं। सम्पूर्ण इलाके में दिन के तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से 47.8 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किए जा रहे हैं साथ ही रात्रि तापमान में उछाल जारी है सम्पूर्ण राज्य में रात्रि तापमान 24 डिग्री सेल्सियस से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। सम्पूर्ण इलाके में दिन और रात के तापमान सामान्य से अधिक बने हुए हैं। जबकि जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ का रात्रि तापमान क्रमश 31 डिग्री सेल्सियस और 29.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। जिला में रात्रि तापमान सामान्य रात्रि के तापमान से 5.4 डिग्री सेल्सियस ऊपर बने हुए हैं जबकि जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ के दिन के तापमान भी सामान्य से 4.0 डिग्री सेल्सियस अधिक बने हुए हैं । आज जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ के दिन के तापमान क्रमश: डिग्री सेल्सियस और 46.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। यानी जिला महेंद्रगढ़ पर भीषण आग उगलने वाली गर्मी और गंभीर हीट वेव अपने तीखे तेवरों से आगाज़ किये हुए हैं और भारतीय मौसम विभाग ने जिला महेंद्रगढ़ पर लगातार रेड अलर्ट जारी किया हुआ है। यहां लगातार मौसम की चरम परिस्थितियां बनी हुई है।
भारतीय मौसम विभाग लगातार हर लगातार मौसम के अनुसार अलग-अलग अलर्ट जारी करता रहता है कभी रेड अलर्ट, तो कभी ऑरेंज अलर्ट और और कभी येलो अलर्ट और साथ ही साथ ग्रीन अलर्ट आज़ इसे विस्तार से जानकारी लेते हैं।
रेड अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, किसी भी मौसम में रेड अलर्ट बहुत खराब और खतरनाक स्थिति को देखकर जारी किया जाता है।गर्मियों में जब तापमान के 45 .0 डिग्री सेल्सियस को पार करने की उम्मीद होती है और लोगों में लू के प्रकोप से जान-माल के नुकसान का डर रहता है, तब मौसम विभाग लोगों को सचेत रहने की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट जारी करता है।
आरेंज अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग
गर्मियों में आरेंज अलर्ट तब जारी करता है, जब तापमान 43.0 से 45.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जाता है।उस समय आरेंज अलर्ट लोगों को सचेत करने के लिए होता है कि वे अपनी सेहत को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही न करें और बहुत जरूरी होने पर ही घर से निकलें।
येलो अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग द्वारा गर्मियों में जब तापमान 40.0 से 42.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जाता है, तब मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है।ये आने वाले समय में और भी भीषण गर्मी पडऩे का खतरा है। आमजन इसमें देखो और तैयार रहें ।ऐसे में लोगों को सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
ग्रीन अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार ग्रीन अलर्ट का सीधा सा अर्थ है कि मौसम एकदम साफ है और आमजन को घबराने की कोई बात नहीं है।आप खुद को सुरक्षित समझें, मौसम को लेकर चिंता मुक्त और बेफिक्र रहें और अपने-अपने प्रतिदिन के काम करें आराम से करें।
फोटो कैप्शन: डॉ चंद्र मोहन नोडल अधिकारी पर्यावरण क्लब राजकीय महाविद्यालय नारनौल
30 साल पहले होती थी जौ की बेहतर खेती
-जौ शून्य हेक्टेयर पर पहुंचा, राबड़ी को भी तरसे लोग
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कनीना की आवाज। किसान जौ एवं चने की खेती करना भूलते जा रहे हैं। गर्मियों के मौसम में जौ की रोटी, राबड़ी तथा धानी आदि बनाकर प्राकृतिक ठंडक प्राप्त करते हैं। अब न तो जौ की खेती होती और न राबड़ी एवं धानी।
1986-87 तक कनीना क्षेत्र की करीब 33 हजार हेक्टेयर भूमि हजारों एकड़ में जौ की खेती की जाती थी। वैसे तो जौ न केवल पूजा आदि बल्कि हवन आदि में भी काम आता है। जब नवरात्रे चलते हैं तो जौ की विशेष मांग होती है। गेहूं-चना एवं जौ -चने की मिश्रित खेती की जाती थी। 1982 में स्ंिप्रकलर फव्वारा आया जिसके चलते चने की खेती घटती जा रही है और वर्तमान में तो चना अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है।
जौ को गंगा में डालने, पूजा अर्चना,हवन आदि में काम आता है वहीं पैदावार 40 मण प्रति हेक्टेयर तथा भाव 2000 रुपये क्विंटल तक होता है। होली के पर्व पर जहां जौ को भूनकर पूरा परिवार चखता है और तत्पश्चात ही लावणी की शुरुआत होती आ रही है। एक जमाना था जब हर घर में जौ की खेती की जाती थी जिसे पूरी गर्मी आनंद से रोटी एवं अन्य रूपों में प्रयोग किया जाता था। जौ की रोटी खाने के लिए या फिर धानी बनवाने के लिए दूसरे क्षेत्रों से जौ खरीदकर लाते हैं।
जौ की रोटी प्रचलन था जो सेहत के लिए अति लाभकारी मानी जाती थी। राबड़ी चाव से खाते हैं वहीं जौ का प्रयोग बीयर आदि बनाने में लेते हैं। शरीर में ठंडक के लिए राबड़ी को गर्मियों में खाते हैं किंतु अब राबड़ी की बजाय चाय पर आ पहुंचा है।
क्या कहते हैं एसडीओ कृषि-
एसडीओ कृषि महेंद्रगढ़ डा. अजय कुमार का कहना है कि जौ का पेय पदार्थों में प्रमुखरूप से उपयोग होता है। किसानों को जौ का बेहतर भाव नहीं मिल पाता। गेहूं की तुलना में जौ की कीमत कम है। वैसे भी जौ का तूड़ा पशु कम खाते हैं और उनके पेट में समस्या बन जाती है। खर्चा दिनोंदिन बढ़ रहा है जौ में आय कम होती है जिसके चलते किसान जौ नहीं उगाना चाहते। जौ के खरीददार कम मिलते हैं।
फोटो कैप्शन: डा अजय कुमार एसडीओ कृषि
कार्यकारिणी की गई भंग
-जल्इद ही कराए जाएंगे चुनाव
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कनीना की आवाज। हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्करज यूनियन संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की शाखा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग कनीना की बैठक कान्ह सिंह पार्क कनीना में संपन्न हुई। जिसकी अध्यक्षता जिला प्रधान सुनील कुमार यादव ने की तथा मंच संचालन जिला महासचिव विजेंद्र शर्मा के द्वारा किया गया। जिला महासचिव ने बताया कि कनीना ब्रांच की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट होकर तथा जिला कमेटी के आदेशों की अवहेलना करने पर कनीना ब्रांच कार्यकारिणी बर्खास्त करने का निर्णय लिया है और साथ ही इन सभी सदस्यों के संगठन की प्राथमिकता सदस्यता भी रद्द कर दी गई है। नई कार्यकारिणी के गठन की तारीख भी जल्द से जल्द घोषित की जाएगी। इस मौके पर निम्नलिखित कर्मचारी उपस्थित रहे जोगिंद्र शर्मा, सूबे सिंह, महिपाल, राजेंद्र ,नरेंद्र सिंह ,सचिन रंगा ,विजेंद्र रंगा ,नवीन ,सतीश, विक्रम इत्यादि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 03: बैठक करते कर्मचारी।
उन्हाणी सड़क हादसे को लेकर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
--पांच प्रमुख मांगों का किया है जिक्र
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कनीना की आवाज। विगत 11 अप्रैल को उन्हाणी गांव के निकट हुए स्कूल बस हादसे के पीडि़त परिवारों को न्याय देने में राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन द्वारा की जा रही देरी के खिलाफ पीडि़त परिजनों के साथ न्याय महापंचायत के सदस्यों ने उपमंडल अधिकारी नागरिक कनीना के कार्यालय के समक्ष धरना दिया। धरने का नेतृत्व समाजसेवी अतरलाल ने किया। इसमें आस-पास के गांवों के हजारों लोगों ने भाग लिया।
धरने को संबोधित करते हुए सर्व समाज मंच के अध्यक्ष राधेश्याम गोमला, रतन सिंह चेयरमैन, संदीप यादव, राजीव यादव, संजय शर्मा, महेश सिंह, सरपंच पंकज कुमार ने कहा कि हादसे को हुए 41 दिन हो गए हैं परन्तु राज्य सरकार व जिला प्रशासन पीडि़त परिवारों की मांगों को पूरा करने में देरी कर न्याय में बाधक बने हुए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि प्रशासन ने तत्काल आरोपित सुभाष और जयप्रकाश को गिरफ्तार कर शेष मांगों को पूरा नहीं किया तो न्याय महापंचायत सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन चलाने पर मजबूर होगी। उन्होंने कहा कि पीडि़त परिजनों का प्रतिनिधिमंडल 23 मई को पाली में आ रहे प्रधानमंत्री से जरूर मिलकर अपना दुखड़ा उन्हें सुनाकर तथा ज्ञापन सौंपकर पीडि़त परिवारों को न्याय देने की मांग करेगा। बाद में प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री तथा जिला उपायुक्त के नाम ज्ञापन उपमंडल अधिकारी नागरिक कनीना सुरेन्द्र सिंह को सौंपा। जिसका उन्होंने तत्काल संज्ञान लेकर तथा उपायुक्त से मिलकर पीडि़त परिजनों की मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया। इस अवसर पर राधेश्याम गोमला, रत्नसिंह चेयरमैन, राजबीर, सरपंच खेड़ी, सरपंच झाड़ली, रामधारी शर्मा, विजय कुमार, लालचंद, मीर सिंह, विक्रम पंच, सुनील पंच, सागरमल, बिजेन्द्र सिंह, मंगतूराम, नेतराम, यशपाल, गोपीराम, भारत, कमल, पुरुषोत्तम, लक्ष्मीनारायण, राधेश्याम, हरीश, जितेन्द्र, ओमपाल, राजेश, परमवीर, दुश्यंत, राजकुमार, रविन्द्र, आशीष, विनोद, ईशु, सुरेन्द्र, बलबीर, रामपाल, देशराज, यशपाल, मंगतूराम, रघुबीर, यादराम, इन्द्रपाल पंच, मदन, प्रवेश, राजेश, मुकेश, रामसिंह, तरूण, आकाश, नरेन्द्र, कालूपंच, सुनिल कुमार, हजारी, रण सिंह, कपिल, विजय कुमार, महेन्द्र, रोहताश, देवेन्द्र, अनिल कुमार, दीपक, बालूराम, रवि शर्मा, मोनू शर्मा, विकास, लोकेश, रोहित, प्रदीप, दिनेश, सुमित, अनिल, लक्की, विक्की आदि जन मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 08:पीडि़त परिजनों की न्याय देने की मांग को लेकर धरना देते ग्रामीण।
09: उपमंडल अधिकारी नागरिक कनीना को ज्ञापन सौंपते धरनारत ग्रामीण।
भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का किया वर्णन
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव गुढ़ा में हो रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत महाकथा के चतुर्थ दिवस पर व्यासपीठ पर विराजमान राधिका किशोरी ने कृष्ण जन्मोत्सव सहित भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का मार्मिक वर्णन कर श्रद्धालुओं को भाव विभोर किया। उन्होंने कहा कि भागवत कथा से भगवान की गोद मिलती है तथा स्वधर्म की शिक्षा मिलती है। उन्होंने कहा कि भागवत सुनने से व्यक्ति के दुर्गण दूर होकर गुण बढ़ते हैं और व्यक्ति धर्म कर्म के प्रति आस्थावान होता है। इस दौरान उन्होंने रामजी का विवाह तथा राम बनवास की कथा सुनाकर श्रद्धालुओं से माता-पिता की आज्ञा का पालन करने की अपील की।
कथा के दौरान अतरलाल ने पहुंचकर व्यासपीठ पर विराजमान राधिका किशोरी का शाल ओढ़ाकर तथा स्मृति चिह्न प्रदान कर स्वागत किया। उन्होंने श्रद्धालुओं का राधे-राधे कहकर अभिवादन करते हुए कहा कि धर्म की जड़ सदा हरी रहती है। भागवत सुनने से समाज तथा परिवार में खुशहाली तथा समृद्धि आती है। इस अवसर पर सुरेन्द्र सिंह दीक्षित सरपंच, महावीर नम्बरदार, डॉ. शिशुपाल बेदी, मुरलीधर अग्रवाल, मदनलाल, सुशील शर्मा, द्वारकेश, कृष्ण, विनय, कश्मीरीलाल, हरिराम, सरोज देवी, मनीशा बडगुजर, गुड्डो देवी, मणीदेवी, कौशिल्या देवी, लाली देवी, पूनम देवी, सुनिता देवी, कल्पना देेवी, लक्ष्मी देवी, कांता देवी, बबली, संतरा, कोमल, प्रेम, स्नेह, सुमन देवी, कल्पना देवी, ज्योति, कमलेश, पूजा, रीतू आदि अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।
न तो बन पाया सड़क मार्ग और न ही रहा बेहतर दर्जे का भूमिगत जल
-मुद्दा कनीना मंडी की रामपुरी डिस्ट्रीब्यूटरी का
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कनीना की आवाज। कनीना मंडी से गुजरने वाली रामपुरी डिस्ट्रीब्यूटरी को भूमिगत करने के बाद अब दुष्परिणाम लगातार सामने आते जा रहे हैं। रेवाड़ी एवं अटेली सड़क मार्गों को आपस में जोडऩे के लिए मिनी बाइपास की मांग थी जिस पर भी काम नहीं हुआ है। वर्तमान में न तो बाइपास बन पाया और न भूमिगत जल बेहतर रह पाया है।
रामपुरी डिस्ट्रीब्यूटरी कनीना के एक ओर जहां रेलवे स्टेशन है वहीं दूसरी ओर पुलिस स्टेशन है। करीब अढ़ाई वर्ष पहले कनीना मंडी में पुलिस स्टेशन से रेलवे स्टेशन के बीच पर भूमिगत जल का टीडीएस 450 होता था जो अब नहर के भूमिगत होने से और पाइपों से नहर का पानी गुजारने से टीडीएस 1200 तक पहुंच गया है। जब अढ़ाई साल पहले नहर को भूमिगत करने की बात चली तभी से आने वाली समस्याओं के बारे में लोग जागरूक थे। नहर को भूमिगत करने का विरोध भी जमकर चला, एक बार नहीं अपितु दो बार विरोध हुआ, काम भी बंद हुआ किंतु आखिरकार नहर को भूमिगत कर ही दिया गया। सिट्रीब्यूटरी भूमिगत तो कर दी गई किंतु कहीं पांच फुट तो कहीं सात फुट ऊंची अभी भी दिखाई दे रही है। दुष्परिणाम अब सामने आने लगे हैं।
उल्लेखनीय है कि अटेली सड़क मार्ग से रेवाड़ी सड़क मार्ग के बीच गुजरने वाली रामपुरी डिस्ट्रीब्यूटरी को भूमिगत करके चौड़े पाइपों से पानी गुजारने की योजना बनाई ताकि भूमिगत की हुई नहर के दोनों तरफ सड़क मार्ग बनाया जा सके। अटेली सड़क मार्ग एवं रेवाड़ी सड़क मार्ग के बीच करीब दो किमी की दूरी है। यह डिस्ट्रीब्यूटरी कनीना मंडी एवं आस पास के लोगों के घरों के पास से गुजर रही है। नहर को भूमिगत करने की शुरुआत होते ही अनेक कारणों से लोगों ने विरोध किया। कुछ नेताओं ने विरोध किया, दो बार काम बंद भी हुआ किंतु जैसे तैसे नहर को भूमिगत कर दिया गया। उस वक्त पूर्व सीपीएस अनीता यादव, पंकज एडवोकेट सहित विभिन्न लोगों ने भूमिगत की जा रही नहर पर जाकर इसको भूमिगत करने का विरोध किया गया था, कारण चाहे कुछ भी हो किंतु कनीना मंडी के लोग आने वाली समस्या को पहले ही भाप गए थे कि अब भूमिगत जलस्तर और गहरा भी होगा तथा भूमिगत जल पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। महज अढ़ाई साल बीते हैं किंतु जल के टीडीएस में भारी बदलाव आ गया है। इस
***अढ़ाई साल पहले कनीना पुलिस स्टेशन से रेलवे स्टेशन के बीच भूमिगत जल का टीडीएस 450 से 500 होता था जो पानी पीने योग्य मान लेते थे क्योंकि नहरी पानी का रिसाव होकर भूमिगत जल में जा रहा था जिससे भूमिगत जल का टीडीएस सही था परंतु जब नहर को भूमिगत करके चौड़े पाइपों से ले जाया गया है तब से टीडीएस में लगातार बदलाव होता जा रहा है। अब टीडीएस नहर के आसपास जहां अभी भी 800 है किंतु रेलवे स्टेशन की ओर जाते हैं तो बढ़कर 1200 पहुंच चुका है। आने वाले समय में एटीडीएस और भी बढऩे की संभावना है जिसके चलते अब कनीना मंडीवासी परेशान होने लगे हैं।
---अशोक कुमार टीडीएस पर लंबा अनुभव
नहर को भूमिगत करके कोई लाभ नहीं मिला है। न तो सड़क निर्माण हो पाया है और न हीं कनीना मंडीवासियों को बेहतर पानी मिल रहा है क्योंकि अधिकांश लोगों ने अपने घरों में बोर किया हुआ है। उसका पानी का स्वाद बिगडऩे से बार-बार टीडीएस चेक करवा रहे हैं और लोग आरओ लगवाने लगे हैं।
---रवि कुमार ग्रामीण
जब से नहर को भूमिगत करके पाइपों से गुजारा है तभी से कनीना क्षेत्र के कुछ क्षेत्र में जल का टीडीएस लगातार बढ़ रहा है जिसके पीछे नहर के पानी का रिसाव न होना है। जब तक नहरी पानी रिसाव हो रहा था तब तक पानी का स्वाद अच्छा था अब धीरे-धीरे पानी का स्वाद बिगडऩे लगा है। पानी भी गहराने लगा है।
---भीम सिंह समाजसेवी
बड़ा विश्वास था कि जल्द ही भूमिगत की हुई नहर के दोनों तरफ से सड़क मार्ग बना दिया जाएगा जो बाईपास का काम भी करेगा और आवागमन में कम से कम छोटा हो जाएगा। अब पानी का टीडीएस तो बिगड़ा ही किंतु रास्ता भी छोटा नहीं हुआ। दोनों ही चीजें नसीब नहीं हुई है। नहर को भूमिगत कर दिया गया किंतु अढ़ाई सालों में भी नहर के दोनों ओर सड़क नहीं बन पाई है।
---मुकेश नंबरदार, कनीना।
उधर इरिगेशन विभाग की माने तो हर वर्ष एक से डेढ़ मीटर भूमिगत जल गहरा हो जाता है। आने वाले समय में कुछ और गहरा हो सकता है।
फोटो कैप्शन 06: उबड़ खाबड़ बना नहर का सड़क मार्ग
फोटो कैप्शन 07: भूमिगत की गई नहर
साथ में अशोक कुमार, रवि कुमार, भीम सिंह, मुकेश नंबरदार
गर्मी बढ़ी, पक्षियों के लिए रखे सिकोरे
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कनीना की आवाज। जंगलों में भी सिकोरे रखकर कई किसान पक्षियों की सेवा कर रहे हैं। अब जब गर्मी में पानी का अभाव होता है तो ये लोग पक्षियों की सेवा करते हैं। ऐसे ही शख्स सूबे सिंह हैं। किसान सूबे सिंह खेतों में रहते हैं।
सूबे सिंह का बहना है कि गर्मियों में तापमान 45-48 डिग्री के आसपास पहुंच जाता है। पक्षियों की सुरक्षा करना जरूरी बन जाता हैं। उनके लिए दाना पानी का प्रबंध किया जाना उचित है।
भीषण गर्मी के चलते एक ओर जहां पक्षियों का जीना कठिन हो रहा है वहीं उनकी संख्या घटने के पीछे भीषण गर्मी भी एक कारण है। लेकिन लोगों के जागरूक हो जाने के कारण अब घरों की छतों पर सिकोरे रखे जाने लगे हैं वहीं दाने भी डाले जाते हैं।
वर्तमान में लोग भी जीव जंतुओं के प्रति जागरूक हो गए हैं। वे अपने घरों की छतों पर तथा दीवारों पर निरीह पक्षियों के लिए गर्मियों में सिकोरे रखते आ रहे हैं। इन सिकोरों में सुबह एवं शाम को पानी भरते हैं ताकि पक्षी जल पी सके और भीषण गर्मी से बच सके। कनीना के राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह,तथा महेश कुमार प्रतिदिन सिकोरों में पानी भरते हैं।
बाबा मोलडऩाथ, बाबा राधेदास, विभिन्न मंदिर कनीना के पास ही पक्षियों के लिए विशेष चबूतरे बनाए गए हैं जहां भक्त देवी देवता के दर्शन के लिए जाते हैं तो अपने साथ अन्न ले जाते हैं। इस अन्न को पक्षियों के लिए डाल देते हैं। पक्षी इसी अन्न को खाते हैं।
फोटो कैप्शन 04: पक्षियों के लिए सिकोरे का प्रबंध करते समाजसेवी।
30 साल पहले होती थी जौ की बेहतर खेती
-जौ शून्य हेक्टेयर पर पहुंचा, राबड़ी को भी तरसे लोग
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कनीना की आवाज। किसान जौ एवं चने की खेती करना भूलते जा रहे हैं। गर्मियों के मौसम में जौ की रोटी, राबड़ी तथा धानी आदि बनाकर प्राकृतिक ठंडक प्राप्त करते हैं। अब न तो जौ की खेती होती और न राबड़ी एवं धानी।
1986-87 तक कनीना क्षेत्र की करीब 33 हजार हेक्टेयर भूमि हजारों एकड़ में जौ की खेती की जाती थी। वैसे तो जौ न केवल पूजा आदि बल्कि हवन आदि में भी काम आता है। जब नवरात्रे चलते हैं तो जौ की विशेष मांग होती है। गेहूं-चना एवं जौ -चने की मिश्रित खेती की जाती थी। 1982 में स्ंिप्रकलर फव्वारा आया जिसके चलते चने की खेती घटती जा रही है और वर्तमान में तो चना अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है।
जौ को गंगा में डालने, पूजा अर्चना,हवन आदि में काम आता है वहीं पैदावार 40 मण प्रति हेक्टेयर तथा भाव 2000 रुपये क्विंटल तक होता है। होली के पर्व पर जहां जौ को भूनकर पूरा परिवार चखता है और तत्पश्चात ही लावणी की शुरुआत होती आ रही है। एक जमाना था जब हर घर में जौ की खेती की जाती थी जिसे पूरी गर्मी आनंद से रोटी एवं अन्य रूपों में प्रयोग किया जाता था। जौ की रोटी खाने के लिए या फिर धानी बनवाने के लिए दूसरे क्षेत्रों से जौ खरीदकर लाते हैं।
जौ की रोटी प्रचलन था जो सेहत के लिए अति लाभकारी मानी जाती थी। राबड़ी चाव से खाते हैं वहीं जौ का प्रयोग बीयर आदि बनाने में लेते हैं। शरीर में ठंडक के लिए राबड़ी को गर्मियों में खाते हैं किंतु अब राबड़ी की बजाय चाय पर आ पहुंचा है।
लंबे समय तब चली गर्मी एवं तपन ने झुलस डाले हरे पेड़ पौधों को
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कनीना की आवाज। क्षेत्र में लंबे समय तक भीषण गर्मी और तपन बढऩे से गमले में लगे पेड़ पौधे ही नहीं बड़े बड़े पौधों को भी सूखा डाला है। इनको देख कर लगता है की गर्मी अधिक पड़ रही है।
कनीना के डा. वेदप्रकाश ने बताया कि उन्होंने फलदार पौधों का बाग लगा रखा है किंतु बाग के फलदार अधिकांश पौधे गर्मी से प्रभावित हुए हैं। बहुत से बड़े बड़े पौधे भी सूख गए हैं। यहां तक की उनका सेब,आम आडू देने वाले पौधे भी सूख गए हैं। यही हालत रही तो अन्य पौधे भी सूख जाएंगे। उन्होंने बताया कि पहली बार उनके बगीचे में इस प्रकार पेड़ पौधों पर बुरा प्रभाव पड़ा है।
अभी भी बारिश न होने के चलते तपन जारी है और पेड़ पौधों पर इसका कुप्रभाव पड़ रहा है जो पौधे पूूर्णरूप से सूखे नहीं उनके बहुत से पत्ते झुलस गए हैं। आड़ू के पौधों पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है। नींबू के पौधे भी सूख गए हैं।उन्होंने बताया कि लगातार पानी दे रहे हैं फिर भी पौधों को नहीं बचा पाए।
गमलों के पौधों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। पौधे सूखने लगे हैं। प्रतिदिन पानी डालने के बाद भी राहत नहीं मिल रही है। यूं ही गर्मी पड़ती रही तो पेड़ पौधों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
फोटो कैप्शन 05: पार्क में सूखे हुए पेड़।
विश्व जैव विविधता दिवस-22 मई
जैव विविधता का संरक्षण वर्तमान समय की मांग-
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कनीना की आवाज। देश में ही नहीं प्रत्येक क्षेत्र में जैव विविधता देखने को मिलती है। जैव विविधता का संसार बहुत बड़ा है। विभिन्न जीव आपस में एक दूसरे से मिलजुलकर रहते हैं। जैव विविधता पर कुछ जानकारों से चर्चा की गई-
** जैव विविधता शब्द की परिभाषा एडवर्ड विल्सन द्वारा दी गई थी। आनुवंशिकी विविधता के तहत एक जाति अनुवंशिकी स्तर पर वितरण क्षेत्र में बहुत अधिक विविधता दर्शाती है। एक क्षेत्र के जीव दूसरी क्षेत्र के जीवों से जातीय रूप से विविध होते हैं। यही नहीं बारिश,रेगिस्तान व आद्र्र क्षेत्र क्षेत्र के जीवों में भिन्नता पाई जाती है। जंतुओं में विविधता देखने को मिलती है किंतु मानव अति लालची है जो जीव जंतु का शोषण कर रहा है, अति दोहन कर रहा है। समुद्री मछलियों का जिस दर से दोहन कर रहा है उससे अनेकों प्रजातियां लुप्त होने के कगार पर पहुंच गई है। बहुत से पेड़ पौधे वातावरण बदलाव तथा इंसान की के हस्तक्षेप के चलते धरती से लुप्त होने के कगार पर जा चुके हैं। यदि जैव विविधता को संरक्षित किया जाए तो भविष्य उज्ज्वल बन सकता है। जैव विविधता के खतरे दिनों दिन बढ़ रहे हैं जिनमें जलवायु परिवर्तन,बढ़ती जनसंख्या, प्रदूषण, विदेशी प्रजातियों का परिचय आवास का विनाश शिकार अधिक शोषण वनों की कटाई कीटनाशक छीड़कना, चिडिय़ाघर और अनुसंधान के उद्देश्य के लिए जीव जंतु को संग्रह आदि प्रमुख कारण हैं। यदि यह जीव जंतु लुप्त हो जाएंगे तो भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।
---सत्येंद्र प्राध्यापक
इंसान को तर्कसंगत पर्यावरण का उपयोग करना चाहिए जो प्रजातीय विविधता संरक्षण, जीन प्रजातियां, निवास को बचाने तक ही सीमित था उसे जैव विविधता के संरक्षण समाज के कल्याण की स्थिरता पर आधारित है। दुनिया संसाधन संस्थान द्वारा आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीति कार्यक्रम, विकासशील देशों में संरक्षण के लिए अनुदान, जैव विविधता संरक्षण और पहचान के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहायता को प्राथमिकता दी जा रही है। जैव विविधता के संरक्षण के लिए प्रौद्योगिकियों का स्थानांतरण किया जा रहा है। जीवित संसाधन संरक्षण और टिकाऊ विकास के लिए के बीच की कड़ी शामिल करने वाली विश्व संरक्षण रन रणनीति अपनानी चाहिए। संरक्षण के दो ही तरीके हैं अंदरूनी संरक्षण और बाहरी संरक्षण। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1980 में पेड़ों और जानवरों की पूजा कर संरक्षण का दिया था जिससे जीवों के संरक्षण में मदद मिलेगी।
---कृष्ण कुमार प्राध्यापक
यदि समय रहते जीव जंतुओं को संरक्षित नहीं किया गया तो आने वाले समय में इनकी जंतुओं को महज पुस्तकों में ढूंढने को मौका मिलेगा। जीव जंतु लुप्त हो जाएंगे पेड़ पौधे लुप्त हो जाएंगे। विविधता में कमी होना इंसान के जीवन को खतरे का संकेत होगा । अभी से ही बचाव के तरीके अपनाने चाहिए। भारत जैसे देश में जहां पौधे की 45000 जंगली प्रजातियां और पशुओं की 85251 जंगली प्रजातियां पाई जाती है उनको संरक्षित करने के उपाय अपनाने चाहिए ताकि देश की धरोहर और ये जीव-जंतु, पेड़-पौधे देखने को हर इंसान को मिले।
---रणबीर सिंह शिक्षक
फोटो कैप्शन: सत्येंद्र,कृष्ण कुमार प्राध्यापक, रणबीर सिंह।
वोटर स्लिप के साथ बांटे जा रहे हैं निमंत्रण पत्र
-लोकसभा चुनाव 2024 का है निमंत्रण पत्र
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कनीना की आवाज। विभिन्न तैनात बीएलओ/ ब्लाक लेवल आफिसर घर-घर जाकर वोटर स्लिप के साथ-साथ निमंत्रण पत्र लोकसभा चुनाव 2024 भी भेंट कर रहे हैं। जिसमें विवाह शादी की तरह ऊपर स्पष्ट लिखा है- भेज रहे हैं स्नेह निमंत्रण मतदाता तुझे बुलाने को, 25 मई भूल न जाना वोट डालने आने को। साथ में लिखा हुआ है -प्रिय मतदाता भारत में निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम अनुसार लोकसभा चुनाव 2024 के मंगल उत्सव की पावन बेला पर मतदान करने हेतु आप निम्नांकित दिवस व समय पर सादर आमंत्रित हैं। मतदान दिवस 25 मई समय सुबह 7 से शाम 6 तक और कार्यक्रम स्थल आपका मतदान केंद्र रहेगाञ साथ में पोलिंग बूथ की जानकारी के लिए वोटर हेल्पलाइन एप डाउनलोड करने तथा अपने क्षेत्र के उम्मीदवार की जानकारी प्राप्त करने के लिए केवाईसी ऐप डाउनलोड करने की भी सूचना दी हुई है। साथ में स्वागतकर्ता- बूथ लेवल अधिकारी/बीएलओ लिखा हुआ है जबकि निवेदक के रूप में जिला निर्वाचन अधिकारी, दर्शन अभिलाषी के तौर पर पीठासीन अधिकारी एवं समस्त मतदान दल सदस्य वर्णित है। साथ में बाल मनुहार भी लिखी हुई है -हमारी लोकसभा चुनाव में मतदान करने जरूर जरूर आना। इस प्रकार इलेक्टोरल आफीसर हरियाणा द्वारा निर्मित यह निमंत्रण पत्र वोटर स्लिप के साथ दिया जा रहा है। बीएलओ सुनील कुमार ने बताया कि इस प्रकार का पहली बार वह निमंत्रण पत्र भी वोटर स्लिप के साथ दे रहे हैं जिनको पढ़कर वोटर के चेहरे पर मुस्कान छा जाती है। उन्होंने कहा कि यह सुंदर निमंत्रण पत्र है जिसको पढ़कर ही खुशी का अहसास होता है वहीं पूरी जानकारी भी मिलती है।
फोटो कैप्शन एक और दो: निमंत्रण पत्र व वोटर स्लिप बांटते हुए बीएलओ।
वोट हमारा अधिकार, जरूर डालेंगे -राकेश
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कनीना की आवाज। वोट हमारा अधिकार है यह जरूर डालेंगे। इससे न कोई वंचित कर सकता और न वंचित रहना चाहिए। वोट के लिए जो संघर्ष ज्ञात और अज्ञात शहीदों ने किया कुर्बानी दी, उनकी कुर्बानी को याद रखेंगे, जिसके कारण यह वोट डालने का अधिकार मिला। साथ में वोट डालते समय किसी प्रकार के प्रलोभन से बचना चाहिए और बचेंगे तथा वोट डालते समय अपने मन की आवाज को ध्यान में रखेंगे।
वोट के अधिकार और कीमत को समझना चाहिए। मतदान केंद्र पर जाकर वोट डालना चाहिए। वोट हर 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्ति बनवा सकते हैं। निर्वाचन आयोग की ओर से वोटर कार्ड बने हुए हैं। हर जाति और हर रंग के व्यक्ति को यह अधिकार है, कोई भी वोट डालने से वंचित नहीं कर सकता। ऐसे में वोट को जरूर डालना चाहिए और वोट डालकर खुशी मनानी चाहिए कि अपनी मनपसंद के नेता को वोट दे दिया है। मनपसंद का नेता की अब संसद में जाकर विकास कार्यों पर बल देगा और समाज हित के कार्य करेगा। कभी भी वोट किसी प्रलोभन या अन्य किसी कारण से वशीभूत होकर नहीं डालना चाहिए। वोट स्वतंत्र रूप से अपनी मनपसंद के नेता का चुनाव करने के लिए डालना चाहिए और डालना हम सभी का फर्ज है। खुद भी वोट डालें और दूसरों को भी वोट डालने के लिए प्रेरित करें। फोटो कैप्शन: राकेश कुमार फायर स्टेशन आफीसर कनीना निवासी
रोतोंरात दीवार गिरकर जान से मारने की दी
-कनीना पुलिस ने किया मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। उदय राम जिला रेवाड़ी की घिसा की ढाणी ने कनीना पुलिस में चार लोगों के खिलाफ मारपीट करने, दीवार गिराने के मसले को लेकर मामला दर्ज करवाया है। उन्होंने कहा कि मैंने मोड़ी में साढ़े पांच एकड़ जमीन खरीदी हुई है। 19 मई को कोटडी की चिनाई की जा रही थी, करीब 4 फुट दीवार बना दी गई थी। अवैध कब्जा करने की नीयत से रात के समय राज कपूर, उसकी पत्नी सावित्री देवी, पुत्र राजवीर, राजवीर की पत्नी ने मिलकर दीवार को गिरा दिया और फव्वारा पाइप चोरी करने का आरोप लगाया है जो खेत में रखे हुए थे। उस पर जान से मारने की धमकी दी। उदय राम की शिकायत पर चार लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
मार पिटाई के बाद व्यक्ति ने तोड़ा दम
- एससी एक्ट की धारा सहित 302 का मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव सेहलंग का एक व्यक्ति रात को पानी पीने के लिए कुएं पर गया तो उसके साथ मार पीटाई की गई। अस्पताल ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया। कनीना पुलिस में मृतक के भाई ने एससी एक्ट तथा 302 के तहत मामला दर्ज करवा दिया है। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कनीना पुलिस में महेंद्र सिंह सेहलंग निवासी ने कहा है कि 19 मई की रात को करीब 9:30 बजे मेरा छोटा भाई प्लाट पर गया था। घर पर मुझे बात कर गया था कि मैं प्लाट पर ही सो जाऊंगा। 20 मई को सुबह करीब 7 बजे जितेंद्र उर्फ टुन्ना सेहलंग निवासी घर आया और बताया कि मेरे कुएं पर तुम्हारा भाई किरोड़ी घायल अवस्था में पड़ा है, उठा लाओ। शिकायतकर्ता ने कहा कि वह तथा उसका पुत्र अशोक मौके पर पहुंचे तो उसका भाई किरोड़ी गंभीर रूप से घायल पड़ा था। उसके हाथ पर हड्डियां तोड़ी हुई थी, शरीर से बहुत ज्यादा खून बह रहा था। मैने उससे पूछा कि यह हालत किसने की, तो उसने बताया कि जितेंद्र उर्फ टुन्ना के कुएं पर पानी पीने के लिए रात को गया था। जितेंद्र उर्फ टुन्ना वही था। ज्यों ही मैंने पानी पीने के लिए मटके को छुआ तो जाति सूचक गालियां दी और कहा की डेढ़ धानकड़े तेरी हिम्मत कैसे हुई हमारे पानी के मटके को हाथ लगाने की। यह कहकर टुन्ना कोटडी से लोहे की रात निकल कर बुरी तरह से पीटा जिससे हाथ पांव की हड्डियां तोड़ डाली। मौके पर हमने सरपंच को सूचना दिए एंबुलेंस बुलाई गई। शिकायतकर्ता ने कहा कि उसके भाई को सेहलंग अस्पताल ले जाया गया। गंभीर हालत देखते हुए सरकारी अस्पताल महेंद्रगढ़ रेफर कर दिया गया। जब किरोड़ी को महेंद्रगढ़ के लिए ले जा रहे थे तो रास्ते में दम तोड़ दिया। मृतक के भाई की शिकायत पर जितेंद्र टुन्ना के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
जिला उपयुक्त में किया सभी स्कूलों का 24व 25 मई का अवकाश
-27 से 31 मई तक कक्षा पहली से 5वीं तक के स्कूल गर्मी के चलते रहेंगे बंद
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कनीना की आवाज। अधिक गर्मी और चुनाव की दृष्टिगत जिला उपयुक्त नारनौल मोनिका गुप्ता ने शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठ करके सरकारी और निजी स्कूलों में गर्मी को देखते हुए अवकाश घोषित करने का फैसला लिया है। बैठक में निर्णय लिया गया की 23 मई को पहले बुद्ध पूर्णिमा का अवकाश है वहीं 24 तथा 25 मई को सभी स्कूलों में आम चुनाव की दृष्टिगत अवकाश घोषित रहेगा वहीं अधिक गर्मी की दृष्टिगत सरकारी निजी स्कूलों में कक्षा एक से पांच का 27 मई से 31 मई तक का भी अवकाश रहेगा। ऐसे में सख्ती से नियम का पालन करने और कक्षा 1 से 5 न लगाने की बात कही है। ऐसे में 27 से 31 मई तक 1 से 5 तक के विद्यालयों में अवकाश रहेगा।
पुलिस ने जारी की ट्रैफिक एडवाइजरी, रूट डायवर्ट।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पाली महेंद्रगढ़ में आगमन को लेकर
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कनीना की आवाज।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पाली महेंद्रगढ़ में आगमन को लेकर जहां सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है, वहीं पुलिस ने रूट डायवर्ट प्लान भी तैयार किया है ताकि आम जनता को परेशानी ना हो। इसके लिए पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत प्रधानमंत्री के पाली महेंद्रगढ़ आगमन पर महेंद्रगढ़ से दादरी की तरफ जाने वाले रूट पर रैली में आने वाले वाहनों को छोड़कर अन्य वाहनों का आवागमन बंद रहेगा। इसलिए आम लोग दिनांक 22 मई को शाम छह बजे से दिनांक 23 मई को शाम पांच बजे तक वैकल्पिक मार्ग को अपनाएं। आमजन किसी भी असहज परिस्थिति मे डायल 112 पर संम्पर्क करके सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
इस तरह से रहेगा रूट डायवर्ट
महेंद्रगढ़ से दादरी जाने वाले वाहन कनीना से होते हुए दादरी जा सकते हैं। नारनौल से दादरी जाने वाले वाहन लहरोदा बाईपास से होते हुए एनएच 152डी से जा सकते हैं। सतनाली की तरफ से महेंद्रगढ़ होकर दादरी जाने वाले वाहन दौगडा अहीर से एनएच 152डी अथवा कनीना होते हुए जा सकते हैं।
तापमान में आया है उछाल,
पढ़े विभिन्न शहरों का तापमान
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कनीना की आवाज।
मंगलवार 21/5/2024 को हरियाणा में दिन के तापमान में उछाल के आंकड़े
सिरसा 47.8℃
बालसमंद 46.3℃
महेंद्रगढ़ 46.3℃
नारनौल 46.2℃
भिवानी 46.0℃
चरखी दादरी 45.8℃
हिसार 45.5℃
ओट्टू हैड, सिरसा 45.5℃
बावल 45.5℃
सांपला 45.0℃
रोहतक 44.9℃
जींद 44.6℃
हिसार HAU 44.2℃
झज्जर 43.6℃
मेवात 42.5℃
सोनीपत 42.4℃
पेहोवा 42.2℃
गुडगांव 42.1℃
मानेसर 41.9℃
गोहाना 41.8℃
हथीन 41.8℃
फरीदाबाद 41.5℃
पानीपत 41.2℃
स्त्रोत भारतीय मौसम विभाग
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