गर्मी से नहीं मिल रही है राहत
-झुलसाने वाली गर्मी का प्रकोप जारी, जून के अंत में होगी बारिश
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कनीना की आवाज। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में में लगातार झुलसाने वाली भीषण गर्मी और उष्ण लहर लूं तथा उष्ण रात्रि अपने शबाब पर है, दिन और रात के तापमान लगातार आसमान को छू रहे हैं। आज नौतपा का पांचवां दिन है सूर्य से झुलसाने वाली आग बरस रही है। मौसम विशेषज्ञ डॉ चंद्र मोहन ने बताया कि वर्तमान सम्पूर्ण मैदानी राज्यों विशेषकर हरियाणा एनसीआर दिल्ली में लगातार मौसम की चरम और विकट परिस्थितियां बनी हुई है लगातार सिंध बलुचिस्तान और थार की शुष्क गर्म पछुआ रेगिस्तानी हवाओं ने सम्पूर्ण इलाके से नमी को सोख लिया है। चहुंओर भीषण आग उगलने वाली गर्मी और गंभीर उष्ण लहर व उष्ण रात्रि की वजह से आमजन का जीना दुश्वार हो गया है। नौतपा का आज़ पांचवां दिन है सूर्य लगातार आग उगल रहा है। साथ ही साथ सुबह से शाम और रात के दौरान लगातार गर्म हवाएं चलने से जिसकी वजह से हरियाणा एनसीआर दिल्ली में दिन के तापमान के साथ लगातार रात्रि तापमान में उछाल देखने को मिल रहा है। आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में तापमान में बढ़ोतरी की वजह से दोपहर बाद हीट क्लाउड भी देखने को मिल रहें हैं साथ ही एक दो स्थानों पर छिटपुट बूंदा-बांदी भी दर्ज हुई है परन्तु इससे भीषण आग उगलने वाली गर्मी से आमजन को कोई राहत नहीं मिली बल्कि आमजन को उमसभरी पसीने वाली गर्मी से रूबरू होना पड रहा है। आने वाले 24-48 धंटो तक हरियाणा एनसीआर दिल्ली में राहत के आसार नहीं हैं। हालांकि 30 मई से तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी और हीट वेव लूं की तीव्रता में भी कमी आने लगेगी क्योंकि हवाओं की दिशा दक्षिणी पश्चिमी होने लगेगी और अरब सागर से दक्षिणी पश्चिमी नमीं वाली हवाएं चलने से आमजन को थोड़ा राहत के आसार बन रहे हैं। 31 मई को एक नया कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से सम्पूर्ण इलाके में तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी और दो-तीन दिन के लिए आमजन को भीषण आग उगलने वाली गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं से राहत के आसार बन रहे हैं। 1-3 जून के दौरान सम्पूर्ण इलाके में हवाओं की दिशा दक्षिणी पश्चिमी और दक्षिणी पूर्वी होने से आंशिक बादल वाही और तेज गति से हवाएं अंधड़ चलने और सीमित स्थानों पर गरज चमक के साथ छिटपुट बूंदा-बांदी की गतिविधियों की संभावना बन रही है। 3 जून से एक बार फिर से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा तापमान में फिर से उछाल देखने को मिलेगा और आमजन को फिर से भीषण गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं के तीसरे लम्बे दौर से रुबरु होना पड़ेगा हालांकि इस दौरान लगातार तेज गति से हवाएं अंधड़ की गतिविधियों से भी आमजन को रूबरू होना पड़ेगा। आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर रात्रि तापमान 25.0 डिग्री सेल्सियस से 33.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है साथ ही साथ हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर दिन के तापमान 45.0 डिग्री सेल्सियस से 48.7 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। हरियाणा के पश्चिमी और दक्षिणी जिलों पर दिन के तापमान 47.0 डिग्री सेल्सियस से 48.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है साथ ही साथ झज्जर रोहतक जिलों में भी दिन के तापमान 48.0 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया हैं।आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में लगातार सबसे ज्यादा दिन के तापमान सिरसा और सबसे ज्यादा रात के तापमान नारनौल के दर्ज किया गया है। सम्पूर्ण इलाके में दिन और रात के तापमान सामान्य से अधिक बने हुए हैं। जबकि जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ के रात्रि तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस और 31.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जो सामान्य रात के तापमान से 9.2 डिग्री सेल्सियस अधिक बने हुए हैं। साथ ही साथ जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ के दिन के तापमान क्रमश: डिग्री सेल्सियस और 48.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। जों सामान्य दिन के तापमान से 8.0 डिग्री सेल्सियस अधिक बने हुए हैं।
इस बार जून महीने में भी गर्मी और लूं अपने रंग दिखाएगी जून महीने के अंत में हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मानसून का आगाज हो जाएगा और जुलाई, अगस्त व सितंबर में औसत से अधिक बारिश की संभावना है। 100 से 106 प्रतिशत तक बारिश की संभावना है।
आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में सबसे ज्यादा गर्म दिन महेंद्रगढ़ का रहा यहां के दिन का तापमान 49.4 डिग्री सेल्सियस जबकि नारनौल का दिन का तापमान 48.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में महेंद्रगढ़ के दिन 49.4 सबसे ज्यादा गर्म और जिला महेंद्रगढ़ का नारनौल 33.2 की रात सबसे ज्यादा गर्म दर्ज हुई है।
राजकीय माडल संस्कृति स्कूल की छात्रा का हुआ सुपर-100 में चयन
--प्रतिभावान है यशिका बंसल
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कनीना की आवाज। राजकीय माडल संस्कृति स्कूल की छात्रा यशिका का सुपर-100 में चयन होने पर खुशी जताई है।
प्राचार्य सुनील कुमार ने बताया कि कि राजकीय माडल संस्कृति स्कूल कनीना की कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा यशिका बंसल का सुपर-100 में चयन हुआ है जिससे पूरे विद्यालय परिवार एवं क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है। हाल ही में सीबीएसई द्वारा जारी कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में भी छात्रा ने 90 प्रतिशत अंक लेकर विद्यालय एवे माता पिता का नाम रोशन किया है। विद्यालय के प्राचार्य श्री सुनील खुडानिया ने बताया कि छात्रा कक्षा नौवीं से विद्यालय की छात्रा रही है और पढ़ाई तथा अन्य गतिविधियों में हमेशा बढ़ चढ़ कर भाग लिया है। सुपर 100 हरियाणा शिक्षा विभाग का एक बहुत ही महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है जिसमें प्रदेश भर से टाप 100 बच्चो का परीक्षा आधारित चयन होता है जहां उन्हें सम्बंधित विषय अध्यापकों द्वारा निशुल्क आईआईटी/नीट की कोचिंग दी जाती है। प्राचार्य ने बताया कि कुरुक्षेत्र में द्वितीय स्तर की सुपर 100 परीक्षा का तीन दिवसीय प्रयोगशाला एवं परीक्षा का आयोजन हुआ था जिसमें छात्रा ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अंतिम चयन सूची में अपना नाम दर्ज करवाया है। इससे पूर्व भी छात्रा अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी है उसका चयन नौवीं कक्षा में बुनियाद में भी हुआ था और छात्रा सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बढ़-कर कर भाग लेती है तथा खेलकूद में भी खंड स्तर पर कबड्डी में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली टीम की खिलाड़ी रही है। गत वर्ष यशिका ने एनएमएमएस की परीक्षा पास करके छात्रवृत्ति भी प्राप्त की है। छात्रा की माता मंजू मित्तल जो कि एक निजी स्कूल में वाणिज्य संकाय की प्रवक्ता है ने दूरभाष पर बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही बहुमुखी प्रतिभा की धनी रही है । पिता मनोज बंसल जो कि छात्रों को ट्यूशन पढ़ाते हैं ,ने बताया कि यशिका के भाई हर्षित बंसल ने दो बार सैनिक स्कूल की परीक्षा पास की है। पूरा परिवार शिक्षा के महत्व को समझते हुए अन्य छात्र छात्राओं के लिए आदर्श स्थापित कर रहा है। इस अवसर पर छात्रा से बात की गई तो उसने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता पिता तथा गुरुजनों को दिया है।
फोटो कैप्शन: याशिका बंसल
हिंदी पत्रकारिता दिवस-30 मई
मीडिया में हिंदी का बढ़ता ही जा रहा है वर्चस्व
-अखबार दिखाते हैं एक नई राह
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कनीना की आवाज। 30 मई हिंदी पत्रकारिता दिवस देश के लिए एक गौरव का दिन है। विश्व में हिंदी के बढ़ते वर्चस्व व सम्मान में हिंदी पत्रकारिता का विशेष योगदान है। हिंदी पत्रकारिता की एक ऐतिहासिक व स्वर्णिम यात्रा रही है जिसमें संघर्ष, कई पड़ाव व सफलताएं भी शामिल है। स्वतंत्रता संग्राम या उसके बाद के उभरते नये देश की बात हो, तो उसमें हिंदी पत्रकारिता के भागीरथ प्रयास को नकारा नहीं जा सकता। आज हिंदी दूर देशों के मन को लुभा रही है। हिंदी में विदेश से आने वाले लोग भी बात कर सकते हैं। समाज का प्रत्येक वर्ग फिर चाहे वो किसान हो, मजदूर हो, शिक्षित वर्ग हो या फिर समाज के प्रति चिंतन - मनन करने वाला आम आदमी सभी हिंदी पत्रकारिता के साथ अपने को जुड़ा हुआ मानते हैं। जब से मोबाइल एवं कंप्यूटर आम जन के हाथ आये हैं तब से हिंदी में लिखने का रिवाज बढ़ता ही जा रहा है। एक प्रकार का क्रेज भी लोगों के दिलोदिमाग में मिलता है। इस संबंध में कुछ लोगों से हिंदी पत्रकारिता के विषय में बात की गई तो उनके विचार निम्र रहे--
***हिंदी पत्रकारिता कि जब हम बात करते हैं तो मूल्य बोध उसकी आत्मा है। भारत में हिंदी पत्रकारिता का प्रारंभ हुआ 30 मई 1826 में पहले साप्ताहिक समाचार पत्र उदंत मार्तंड जिसे पंडित जुगल किशोर ने शुरू किया के साथ हुआ। अपने पहले ही संपादकीय में उन्होंने लिखा कि उदंत मार्तंड हिंदुस्तानियों के हितों लिए है। जिस दौर में उदंत मार्तंड शुरू हुआ था वह दौर पराधीनता का दौर था। भारत की पत्रकारिता का पहला लक्ष्य था राष्ट्रीय जागरण और भारत की स्वाधीनता के यज्ञ को तीव्र करना। ऐसे महान उद्देश्य को लेकर भारत की पत्रकारिता की शुरुआत हुई। ऐसे में हिंदी पत्रकारिता को नमन।
---निर्मल शास्त्री
जब हम यह कहते हैं कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है तो ऐसे ही नहीं कह देते मीडिया ने अपनी भूमिका से यह साबित किया है कि समाज की अंतिम पंक्ति में जो सबसे दुर्बल व्यक्ति खड़ा है, उसके हितों की रक्षा के लिए कोई साथ है तो वह पत्रकारिता है। इन्हीं वजहों से अखबार को आम आदमी की आवाज कहा जाता था। इसी मूल्य बोध के कारण, उसका समर्पण व्यवसाय के लिए नहीं था। अखबार का या मीडिया का समर्पण देश एवं समाज के हितों के लिए साथ ही कमजोर व्यक्तियों के कल्याण की कामना के प्रति समर्पित था।
---सत्येंद्र कुमार शिक्षाविद
हम कहते हैं कुछ चीजें सर्वदा सत्य होती हैं, सूर्य पूर्व से निकलता है। यह निश्चित सत्य है, वैश्विक सत्य है, यह बदल नहीं सकता। हम आज व्यवसाय और व्यावसायिक होड़ की बात कहकर पत्रकारिता को चाहे अलग-अलग तरीके से परिभाषित करें, लेकिन पत्रकारिता का मूल्य धर्म जो है, लोक कल्याण राष्ट्रीय जागरण और ऐसे हर दुर्बल व्यक्ति के साथ खड़े होना उसके अधिकारों, हितों के लिए लडऩा, जिसका कोई सहारा नहीं है।
---नरेश कुमार हिंदी शिक्षक
महर्षि नारद को हमारी परंपरा में आदि पत्रकार कहा गया हैं। उन्होंने जो भी प्रयत्न किये उनका मकसद लोक मंगल ही होता था। हिंदी पत्रकारिता की शुरूआत होती है एक सीमित संसाधन और कमजोर आर्थिक स्थिति वाले व्यक्ति थे लेकिन बावजूद इसके उनका संकल्प बहुत बड़ा था।
पत्रकारिता की उद्भव भूमि कलकत्ता (कोलकाता) बनता है । समय के साथ-साथ धीरे-धीरे इन समाचार पत्रों का प्रभाव कोलकाता से लेकर संयुक्त अवध प्रांत तक होता गया और फिर काशी और प्रयाग में अखबार निकलने प्रारंभ हो गए। हिंदी पत्रकारिता हर इंसान के दिल में जगह बना चुकी है तथा वर्तमान में मोबाइल के विभिन्न साफ्टवेयर हिंदी पर काम कर रहे हैं जो पत्रकारिता की ही देन है।
----मदनलाल शास्त्री
फोटो कैप्शन:मदनलाल शासत्री, निर्मल शास्त्री, नरेश कुमार, सत्येंद्र शिक्षाविद
निर्जला एकादशी पर होंगे कई कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। 18 जून निर्जला एकादशी को कनीना के संत मोलडऩाथ आश्रम पर अनेक कार्यक्रम आयोजित होंगे। विस्तृत जानकारी देते हुए संत मोलडऩाथ ट्रस्ट प्रधान दिनेश कुमार ने बताया कि 18 जून को कलश यात्रा निकाली जाएगी। कलश निशुल्क मोलडऩाथ आश्रम से प्रदान किए जाएंगे। जबकि 18 जून से 24 जून तक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा। 24 जून को हवन आयोजित किया जाएगा। साथ में तृतीय नगर भ्रमण भी आयोजित होगा। कथावाचक प्रवेश पंडित होंगे।
कीजो केसरी के लाल मेरा छोटा सा ये काम भजन पर झूमे श्रद्धालु
-सुंदरह के स्वर्गपुरी आश्रम में रात्रि को हनुमान जी का हुआ जागरण
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कनीना की आवाज। उप-मण्डल के गांव सुंदरह के स्वर्गपुरी आश्रम में रात्रि को हनुमान जी का जागरण किया गया। जागरण का कार्य मंदिर के महंत बाबा विश्वास गिरी महाराज के सानिध्य में संपन्न हुआ। मंदिर में भक्तों द्वारा पूजा अर्चना की गई। रात्रि का विशाल जागरण आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में भजन गायकों द्वारा हनुमान जी के मनमोहक भजन प्रस्तुत किए। सबसे पहले गायक मनोज ने गणेश वंदना की और दुनिया चले ना श्रीराम के बिना राम जी चले रे हनुमान के बिना भजन प्रस्तुत किया। इस दौरान भजन पर श्रद्धालु जमकर झूमे। बेवल से आए भजन गायक नीर पाल खरक बोंद ने चरणों का हूं पुजारी सीने से लगा लो बाबा, मुझे दास बना कर रख लेना, थाली भरकर लाई रे खिचड़ो श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। भजन गायक नरेश कोका ने- हे दुख भंजन मारुति नंदन सुन लो मेरी पुकार, खुश होंगे हनुमान राम राम किए जा भजनों की प्रस्तुति दी। तारा चंद नारनौल ने श्रीराम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में, मां अंजनी के लाल कलयुग के देव, कीजो केसरी के लाल मेरा छोटा सा एक काम, हे महावीर करो कल्याण, मंगल मूर्ति मारुति नंदन आदि भजनों से मंत्र मुक्त कर दिया। मंदिर के महंत बाबा विश्वास गिरी महाराज ने बताया कि भजन जागरण सत्संग हमारी संस्कृति है किसी भी शुभ कार्य पर भजन जागरण करने चाहिए उन्होंने कहा कि कलयुग में भगवान का नाम ही भव से पर उतार सकता है। इस दौरान मंदिर के सेवक मनोज सुंदराह, सूबे सिंह ढोलक मास्टर, पप्पू प्रधान, बाबूलाल बोहरा, सतीश कुमार, राजेश कुमार, रवि नीमराना, सतीश कौशिक गायक कलाकार कोटपुतली, रवि प्रकाश भडफ़, राजेंद्र, सुरेंद्र, अनिल कुमार, मदन लाल सहित अनेकों श्रद्धालु मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 04: स्वर्ग पूरी आश्रम सुन्दरह में जागरण के दौरान प्रस्तुति देते हुए कलाकार।
गर्मी ने किया बदहाल, पारा 48 के पार
-हरे चारे वाली फसलों पर पड़ रहा है कुप्रभाव
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में सूरज पूरे वेग पर चमक रहा है। तापमान 48 डिग्री के पार पहुंच गया है। जहां कम से कम तापमान 31 डिग्री सेंटीग्रेड है। रात भी गर्मी लिए आ रही हैं, जिससे लोगों को दिन में चैन नहीं तो रात को आराम नहीं है।
कनीना क्षेत्र के लोग बेहद परेशान है सुबह 7 बजे से ही तापमान बढ़ जाने के कारण अपने घरों दुबक जाते हैं और शाम के समय ही निकल पाते हैं। किसी भी काम के लिए सुबह एवं शाम को लोग व्यस्त नजर आते हैं, बाकी समय बहुत कम लोग इधर उधर घूमते हैं। किसानों की कपास की फसल पर कुप्रभाव पड़ रहा है। वे अनुकूल मौसम आने का इंतजार कर रहे हैं ताकि बारिश होने के बाद बाजरे की बिजाई कर सके। उधर पशु पालक हो या दुकानदार या फिर वाहन चालक सभी बेहद परेशान हैं। गर्मी अधिक होने के कारण रात को भी चैन नहीं मिल पा रहा है। लोग एसी, कूलर, पंखे आदि का सहारा लेते हैं लेकिन वो सभी नाकाफी साबित हो रहे हैं।
कपास और चार देने वाली फसलों को भी गर्मी के कारण नुकसान हो रहा है। उल्लेखनीय की कनीना क्षेत्र में जहां इस समय 472 हेक्टेयर पर चारा देने वाली फसलें वही करीब एक हेक्टेयर समर मूंग वहीं 8125 हेक्टेयर पर कपास की बिजाई की गई है किसान इसलिए परेशान है कि इन फसलों पर गर्मी का कुप्रभाव पड़ रहा है।
इस संबंध में पूर्व कृषि अधिकारी डाक्टर देवराज ने बताया कि गर्मी का को प्रभाव गमले में लगे पौधों से लेकर बड़े पौधों पर पड़ रहा ह।ै उगाई गई फसलों पर भी इसका को प्रभाव पड़ रहा है जीव जंतुओं और इंसानों पर भी को प्रभाव देखने को मिलता हैद्ध उनका कहना है कि अगर हरे चारे एवं कपास फसलों को बचाना है तो रात के समय जब धरती ठंडी हो जाए उस समय पानी देना चाहिए वरना फसल को नुकसान होने का पूरा अंदेशा बन जाता है।
फोटो कैप्शन 03: धूप में सिर ढ़ककर निकलते लोग।
हिम्मत का पर्याय है विजय वधवा
- कनीना में सबसे पहले खराब सीएफएल ठीक करने का जाता है श्रेय
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कनीना की आवाज। यदि हाथों में कुछ करने का हुनर हो तो दिव्यांगता आड़े नहीं आती है। हिम्मत के पर्याय के रूप में कनीना का विजय वधवा जाना जाता है जो 83 प्रतिशत दिव्यांग है। कनीना बस स्टैंड के पीछे छोटी सी पुरानी दुकान में बैठकर खराब सीएफएल को ठीक करता है। कनीना में सबसे पहले खराब सीएफएल वो भी 10 रुपये में ठीक करने का अगर श्रेय जाता है तो उनको जाता है। वर्षों पहले इन्होंने अपने यहां सीएफएल ठीक करना शुरू किया और अच्छा नाम कमाया। 2017 में इनको भारी हृदयघात आया और मेडिसिटी गुररुग्राम में भर्ती करवाना पड़ा। कान खराब हो गए, आंखों से दिखाई कम देने लगा और शरीर की एक साइड अधरंग हो गई। वर्तमान में 83 प्रतिशत दिव्यांग हैं परंतु हिम्मत नहीं छोड़ते हैं। उनकी हिम्मत के आगे सभी नतमस्तक होते हैं। प्रतिदिन 30 से 40 सीएफएल वर्तमान में भी ठीक कर लेते हैं जबकि उनके हाथ बड़ी मुश्किल से काम करता है। शरीर में कई दिक्कत आती है, चलने के लिए ट्राई साइकिल ले रखी है परंतु उनका एक ही उद्देश्य है कि किसी प्रकार अपनी रोटी रोटी खुद कमाये और दूसरों पर निर्भर न रहे। कहने को तो उनका परिवार है जो अच्छी खासी नौकरियों में है किंतु उन्होंने कभी काम से जी नहीं चुराया। पुरानी सीएफएल लाने वाले लोगों की सीएफएल ठीक करके देता है, यही नहीं एक साल की वारंटी के साथ देता है। यह काम करने को तो अनेकों लोग कर रहे हैं परंतु जिन परिस्थितियों में विजय वधवा काम कर रहे हैं वो सराहनीय है। उसको देखकर लगता है कि सचमुच वह एक उदाहरण बनकर उभरा है।
फोटो कैप्शन 02:सीएफएल सुधारते हुए विजय वधवा
समय समय पर सात बार कनीना पालिका के प्रशासक रहे
--वर्तमान में प्रशासनिक अधिकारी बतौर एसडीएम कार्यरत है
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कनीना की आवाज। कनीना पालिका का कार्यकाल 14 जून 2023 को संपन्न हो गया तब से लेकर आज तक प्रशासक बतौर एसडीएम कनीना हैं। चूंकि पालिका के चुनावों के वर्ष 2025 में संपन्न कराये जाने की उम्मीद है। अब तक 16 पालिका प्रधान बन चुके हैं जिनमें से 7 बार प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्यभार ग्रहण किया है।
1952 में कनीना पालिका अस्तित्व में आई और 1955 में सबसे पहले स्व. चौधरी बलबीर सिंह पालिका प्रधान बने। वे 1958 तक पालिका प्रधान रहे। तत्पश्चात स्व.चौ जानकी प्रसाद 1962 में पालिका प्रधान बने जो 16 मार्च 1964 तक प्रधान रहे। 1973 से 1987 तक कनीना पालिका का कोई चुनाव नहीं हुआ जिसके कारण पद रिक्त रहा।
तीसरे पालिका प्रधान संतोष कुमार बने जो 26 अगस्त 1964 से 1967 तक पालिका प्रधान रहे। तत्पश्चात दोबारा से स्व. चौधरी बलबीर सिंह को पालिका प्रधान बनने का मौका मिला और 1968 से 1973 तक प्रधान रहे। कनीना पालिका के पांचवें प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा 1 नवंबर 1987 से 28 सितंबर 1991 तक रहे। तत्पश्चात 29 सितंबर 1991 से 9 दिसंबर 1991 तक सोहनलाल बीडीपीओ प्रशासनिक अधिकारी रहे। कनीना पालिका के सातवें प्रधान दलीप सिंह 9 दिसंबर 1991 से 18 मार्च 1994 तक रहे। तत्पश्चात वी राजाशेखर आईएएस कनीना पालिका के प्रशासनिक अधिकारी 19 मार्च 1994 से लेकर के 6 मई 1994 तक रहे। इसके बाद फिर से मुनीलाल खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी प्रशासनिक अधिकारी बतौर 17 मई 1994 से 16 फरवरी 1995 तक बने।
कनीना पालिका की दसवें प्रधान एक बार फिर से राजेंद्र सिंह लोढ़ा 17 फरवरी 1995 से 2 फरवरी 2000 तक रहे। तत्पश्चात महेंद्र सिंह मोरवाल नायब तहसीलदार को प्रशासनिक अधिकारी बतौर 19 जून 2000 से 21 मई 2007 तक कार्यभार दिया गया। तत्पश्चात 2 महिला पालिका प्रधान लगातार बनी। संदीप सिंह एसडीएम कनीना 23 मई 2017 से 1 अक्टूबर 2018 तक प्रशासनिक अधिकारी रहे। इसके बाद एसडीएम अभिषेक मीणा आईएएस 17 अ
क्टूबर 2018 से 24 जनवरी 2019 तक प्रशासनिक अधिकारी रहे। अब 17वें पालिका प्रधान बनाया जाना है किंतु अभी तक प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम कनीना बने हुए हैं। इस बार प्रशासनिक अधिकारी की अवधि लंबी होगी।
फोटो कैप्शन 01: कनीना पालिका
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