हास्य व्यंग्य---हास्य व्यंग्य---हांस्य व्यंग्य
राइट टू रिश्वत नियम भी प्रदेश सरकार करेगी जल्द ही लागू
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कनीना की आवाज। हर विभाग में विशेष कर शिक्षा विभाग में रिश्वतखोरी पूरे चरम पर है। किसी भी छोटे से छोटे काम के लिए फाइल आगे तभी बढ़ पाती है जब रिश्वत दे दी जाती है। ऐसे में अब लगता है की राइट टू रिश्वत नियम भी सरकार को लागू कर देना चाहिए ताकि सरेआम रिश्वत लेकर काम हो सके क्योंकि कोई भी काम करवाने के लिए अब महज पैसों की जरूरत होती है। वैसे भी कहा है दाम बनाये काम अर्थात जिसके पास पैसे हैं उनके काम नहीं रुकते और जिसकी पहुंच नहीं है और रिश्वत देने के विरोधी है उनके काम अधर में अटके रहते हैं। आज का जमाना तेज तर्रार होने के साथ-साथ रिश्वत देने में अग्रणी भी होना चाहिए।
यह सत्य है की रिश्वत खाने वाले कभी जीवन में सफल नहीं होते, रिश्वत खाने वाले के परिवार बर्बाद होते हैं, असामयिक मौत होती है तथा विभिन्न रोगों से पीडि़त होकर बुरी तरीके से मरता है। यह सब कुछ जानते हुए भी लोग कमों को करने की बजाय उसे और धीमा कर देते हैं। एक फाइल एक सीट से दूसरी सीट पहुंचने में चंद सेकंड लगते हैं किंतु आश्चर्य जनक यह है की कई कर्मचारी ऐसे जिनकी एक फाइल दूसरी सीट तक पहुंचने में 6 साल से भी अधिक लगे हैं। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है? सरकार कितनी भी आए परंतु यह सत्य है कि रिश्वत को रोक नहीं पाती, चाहे किसी भी कार्यालय में जाए प्रत्यक्ष या पक्ष रूप से रिश्वतखोरी देखी जा सकती है। कामों को अटका देना अर्थात रिश्वतखोरी और बढ़ा देने के समान है। रिश्वत लेने वाले रिश्वत को तो ऐसे लते जैसे उनका कोई बहुत बड़ा अधिकार हो। ऐसे में सरकार कितने ही नियम पारित कर रही है उनमें राइट टू रिश्वत का अधिकार भी जारी किया जाना चाहिए और उसमें निर्धारित करना चाहिए कि इस काम में कितने पैसे देने होंगे, अधिक पैसे देता या लेता है तो फिर कार्रवाई की जानी चाहिए। अब तो यहां तक की ऐसे कार्यालय खोल देने चाहिए जहां केवल रिश्वत देकर ही काम होता हो।
कहावत है मुफ्त की शराब काजी को भी हलाल। वास्तव में कुछ लोगों को वेतन के अतिरिक्त पैसे क्या मिले कि वो इस हालत में आ जाते हैं कि अपने काम, कत्र्तव्य एवं ईमानदारी को ही ताक पर रख देते हैं और फिर बदनाम होती है सरकार। कहावत है कि जो कुत्ता पागल हो जाता है वह अपने पराये को नहीं बख्शता। वही हालात रिश्वतखोरों की है कि एक बार रिश्वत हाथ लग जाए तो वह रिश्वत के बिना कोई काम नहीं करना चाहते हैं। यही कारण है कि कहने को तो सरकार बहुत अच्छी है, मोदी सरकार की जितनी तारीफ की जाए ठीक है, पर एक अकेला इंसान कहां तक भ्रष्टाचार को रोक पाएगा। जब तक सभी लोग सहमत होकर इनका मुकाबला नहीं करेंगे तब तक यह रिश्तेदारी और भ्रष्टाचारी जारी रहेगी।
एक वक्त था जो किसी की बहन बेटी को छेड़ता था तो उनका काला मुंह करके गधे पर बैठा कर गलियों में घुमाया जाता था ताकि ऐसे लोग से समाज घृणा करें, ठीक ऐसे ही रिश्वतखोरों को भी काला करके गले में एक बोर्ड टांग दिया जाए जिस पर लिखा हो मुझे रिश्वत अच्छी लगती है और पूरे गांव में घुमाया जाए ताकि लोग समझ जाए कि इसको रिश्वत अच्छी लगती है। आश्चर्यजनक बात है कि सरकार भारी भरकम पैसे वेतन के रूप में देती है परंतु कुछ लोगों को अपने वेतन से पेट नहीं भरता अपितु गरीबों का खून पी न ले चैन नहीं मिलता? ऐसे लोगों को सबक सीखा देनी चाहिए अगर कोई सबक नहीं सीखा पाता तो सरकार से निवेदन करना चाहिए कि राइट टू रिश्वत का नियम लागू कर दो ताकि कोई भी रिश्वत देने एवं लेने से नहीं हिचकिचाएगा।
भोजावास में भारतीय किसान संघ एवं किसान क्लब ने किया पौधारोपण
-दी लोगों को प्रेरणा
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कनीना की आवाज। संपूर्ण विश्व ग्लोबल वार्मिंग और उसके कारण पर्यावरण में हो रहा है भयंकर बदलाव से भयभीत है। मानव जीवन का वायु, पानी और अन्न पर पूरी तरह से निर्भर है। पर्यावरण का संरक्षण बहुत जरूरी है। बीजारोपण से वृक्षारोपण करना है। ये विचार भारतीय किसान संघ व किसान क्लब महेंद्रगढ़ में पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए पौधारोपण और बीजारोपण अभियान के शुरुआत करते हुए व्यक्त किये।
बाबा हेमादास गौशाला एवं बाबा जिंदा देव के प्रांगण में पौधारोपण किया करके अभियान की शुरुआत की जुलाई मास में 5000 पौधे लगाने का लक्ष्य भी रखा। साथ में पौधारोपण के लिए भी 26 प्रकार के छायादार पौधों के बीज वितरित किए जाएंगे। इस अवसर पर किसान क्लब के प्रधान विजेंद्र सिंह, प्रेमदास महाराज, कृष्ण दास महाराज, सीताराम महाराज, अशोक यादव इंजीनियर तकनीकी सलाहकार, देवेंद्र यादव पूर्व कृषि अधिकारी, गौशाला प्रधान पवन कुमार, प्रधान बाबा जिंदाबाद कमेटी शिवपाल सिंह, जयदयाल, मुकेश यादव,मुकेश, हर्ष, नितिन, नूत्थु सिंह राधेश्याम शर्मा गोमली आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 6: बाबा हेमादास गौशाला में पौधारोपण करते हुए संत।
पत्नी गुम, गुमशुदगी का मामला दर्ज
---नकदी व आभूषण ले गई साथ
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कनीना की आवाज। कनीना उप मंडल के एक गांव से एक व्यक्ति की पत्नी बगैर बताएं घर से कहीं चली गई। पति ने अपनी पत्नी की गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया है। उन्होंने पुलिस में बताया कि 5 जुलाई को दोपहर 12 बजे उसके धर्मपत्नी बिना बताए कहीं चली गई। न कोई झगड़ा हुआ ना कोई मनमुटाव हुआ। उन्होंने कहा है कि 5 जुलाई को मैं अपने काम पर चला गया। शाम को घर आकर देखा तो घर पर उसकी पत्नी गायब मिली। घर में रखे 40,000 रुपये और सोने का टोपस, कुंडल, चांदी दो जोड़ी पाजेब आदि सभी अपने साथ ले गई। कनीना पुलिस ने उसके बयान पर गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया।
प्लास्टिक की बुराई मिटने के लिए आयोजित कार्यक्रम
--किया पौधारोपण
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कनीना की आवाज। पर्यावरण बचाओ जन चेतना समिति हरियाणा प्रदेश का पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में बच्चों एवं शिक्षकों को प्रेरणा के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। नवोदय संस्था के प्राचार्य राजीव सक्सेना व उप प्राचार्य धर्मेंद्र आर्य ने समिति पदाधिकारी व समिति सदस्यों को गुलदस्ता देकर स्वागत एवं अभिनंदन किया प्रदेश महासचिव सूरत सिंह ने प्लास्टिक मुक्त भारत के लिए अपने सारे गर्भित भाषा, शैली से प्रेरित किया पर्यावरण पर प्रेरित किया। सुरेश कुमार ने वृक्ष ही जीवन है विषय पर मार्गदर्शन किया, समिति उपाध्यक्ष गजराज सिंह ने जल ही जीवन है जल है तो कल है बूंद बूंद जल जीवन है विषय पर प्रेरित करते हुए मार्गदर्शन किया। समिति अध्यक्ष इंद्रदेव शर्मा ने पर्यावरण और जीवन पर अनेक घटनाओं की जानकारी देते हुए वृक्ष लगाओ जल बचाओ जल बचाओ प्लास्टिक को हटाने के लिए छात्रों में शिक्षकों को प्रेरित किया। अंत में माननीय सूरत सिंह ने सभी छात्र छात्राओं व शिक्षकों को प्रतिज्ञा वह शपथ करवाई प्राचार्य जी ने समिति के सभी सदस्यों का पर्यावरण पर जानकारी देने व मार्गदर्शन करने के लिए आभार प्रकट किया। इस अवसर पर उप प्राचार्य धर्मेंद्र आर्य, उषा रानी, सुमन पुरुथि, सरोज यादव, सरिता बैरा, दयाराम कुल्लड़ी, योगेश शर्मा एवं इस कार्यक्रम में समिति के प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य मास्टर संजय कुमार, मास्टर विजयपाल ,मास्टर कर्मवीर , सतवीर साहब, एवं कृष्ण कुमार पूनिया प्रधान डाक्टर भीमराव अंबेडकर जन जागरण समिति आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 04: नवोदय में पौधारोपण करते हुए कमी्र।
वर्षा के मौसम में सब्जियों में लगा रोग
सब्जी उत्पादक दुखी, सब्जियों के भाव में अचानक तेजी
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कनीना की आवाज। वर्षा ऋतु के मौसम में जहां सब्जियों में विभिन्न प्रकार के रोग लग गये हैं, सब्जियां गल सड़ गई हैं वहीं फंगस का रोग बढ़ गया है। सावन माह आना बाकी है। वैसे तो हरी सब्जियां खाने के लिए सावन माह में मनाही मनाही की जाती है क्योंकि उनमें अनेक प्रकार के कीट मिलती हैं। सब्जियों के भाव पर नजर डालें तो दिनों दिन सब्जी बाजार से महंगी होती जा रही है क्योंकि उत्पादन घटता जा रहा है, सब्जियां महंगी चल रही है। जहां टमाटर भी 60 रुपये किलो तक पहुंच रहे वही बैंगन 40 रुपये किलो है। उसी प्रकार हर सब्जी के भाव में तेजी है। सब्जी उगाने वाले किसान इस मौसम में बेहद परेशान होते हैं। इस समय घीया, तोरई,ककड़ी, बैंगन, भिंडी आदि उगाई जाती हैं।
** विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाते हैं लेकिन बारिश के मौसम में कई रोग लग जाते हैं। सब्जी उत्पादन घट जाता है। उन्होंने बताया कि सब्जी पैदा करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
--महाबीर किसान
वे लंबे समय से सब्जियां उगाते है किंतु इस मौसम में अक्सर बीमारियां प्रवेश कर जाती हुई जो पैदावार घट जाती है। सब्जी पर लगातार पानी लगने से भी खराब हो जाती हैं। फंगस का रोग लग जाता है।
--अजीत कुमार,कनीना
लंबे समय से सब्जी उत्पादन करती आ रही हूं। मेरा कहना है कि इस मौसम में सब्जी रोग का शिकार हो जाती है। उसे हरा तेला लग जाता है तथा कई बीमारियां घर कर जाती है। ऐसे में सब्जी उत्पादन बहुत कठिन हो जाता है। पैदावार घटती चली जाती है। सब्जी बड़ी नहीं हो पाती। उन्होंने कहा कि सब्जी महंगी होने के पीछे उत्पादन में कमी माना गया है। इस मौसम में सब्जी उत्पादन कम हो जाता है
---कांता, किसान
इस वर्षा के मौसम में सब्जी उत्पादन में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है क्योंकि सब्जी गल सड़ जाती है। बारिश के मौसम में सब्जियों को बचाने के लिए कोई विशेष तरीका उन्हें नजर नहीं आता। रासायनिक पदार्थ डालकर ही बचाया जा सकता है।
--गजराज मोड़ी
डा. मंदीप कुमार डीएचओ/जिला होर्टिकल्चर अधिकारी रेवाड़ी ने बताया कि इस मौसम में सब्जी पर मार पडऩा आम बात है। सब्जी पैदावार पैदावार घट जाती है जिसके कारण भाव भी बाजार में बढ़ जाते और बेहतर सब्जी भी नहीं मिल पाती। उन्होंने कहा कि बताया कि फंगस की मार पड़ती है। वर्षा के मौसम के बाद फिर से सब्जी पैदावार बढ़ जाता है। बेल वाली सब्जियां को लगातार पानी से टच न होने दे।
फोटो कैप्शन 05: कनीना क्षेत्र में सब्जी की पैदावार
साथ में कांता, गजराज, अजीत कुमार, महाबीर करीरा।
करीरा के कई घर खड़े हैं वर्षा के पानी में
--जोहड़ बना दी यह समस्या
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव करीरा में जोहड़ के कारण कई घरों में पानी घुस गया है। यह केवल इस साल की समस्या नहीं, हर वर्ष ऐसी घटना देखने को मिलती है। मास्टर चिरंजीलाल पूर्व सरपंच करीरा के घरों के आसपास गंदा पानी खड़ा हो गया है।
मिली जानकारी अनुसार गांव के एक गुहलीवाला नामक जोहड़ ओवरफ्लो हो गया है। इसके पीछे अवैध कब्जे बताए जाते हैं साथ में नालियों और नालो को सफाई न करने के कारण यह बदहालात बन गई है। मास्टर स्व.चिरंजीलाल के मकान और इसके आसपास के सूबेदार रामकिशन, गजराज सिंह, रोहित कुमार, सुरेंद्र, संदीप, रामपाल, प्रीतम, सुभाष, विजयपाल, सतपाल, महावीर सिंह, राजेंद्र कुमार एडवोकेट, ओमप्रकाश आदि ने बताया कि लगातार पानी उनके घरों के आसपास खड़ा है जिससे घरों में सीलन आ गई और दीवारें खराब होकर गिरने का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने इस संबंध में बताया कि उनके नालियों में आज भी घास फूस खड़े हैं तथा अवरुद्ध हुई खड़ी है। इस संबंध में कुछ लोगों से चर्चा हुई-
**घरों के आसपास गुहली जोहड़ पर अवैध कब्जे हो गए हैं जिसके चलते पानी का दबाव घरों की ओर बढ़ गया है। धीरे-धीरे घरों के आसपास भारी मात्रा में पानी खड़ा होता जा रहा है। यदि यही हालत रही तो मकान को भारी खतरा बन जाएगा। जब जब वर्षा होती है यही हालत देखने को मिलती है। अभी तो सावन में आया भी नहीं है उससे पहले ही यही हालत हो गई है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि अविलंब पानी को निकाला जाए और गंदे नाले नालियों को साफ करवाया जाए।
-- गजेंद्र सिंह,करीरा निवासी
जोहड़ के आसपास वर्षा का जल खड़ा होने के पीछे नाले और नाले साफ न होना है। नाले और नालियां अवरुद्ध पड़े हैं। नालियों में घास खड़ी हुई है। यदि यही समस्या जारी रही तो भविष्य में बड़ी समस्या बंद कर उभरेगी। पंचायत इस कोई ध्यान नहीं दे रही है। पंचायत को चाहिए कि सभी नालियों की सफाई करवा कर जोहड़ पको छटवाए ताकि घरों में पानी खड़ा होने का खतरा कम हो जाए।
-- सत्यवीर सिंह,करीरा
करीरा गांव की लंबे समय से यही हालत चली आ रही है। वर्षों से यहां जोहड़ का पानी जमा होता है। इस जोहड़ को साफ नहीं करवाया जाता। उस पर नाले और नालियों को साफ न करवाने के कारण भी पानी इधर-उधर फैल कर समस्या बन जाता है। मानसून से पहले ही नाले,नालियां एवं जोहड़ की सफाई करवाई जाती तो समस्या नहीं आती।
-- सुरेंद्र कुमार,करीरा
गलियों में पानी भरा होने के कारण आवागमन कठिन हो जाता है। विशेष कर महिला भी घरेलू कार्यों के लिए इसी गंदे जल से होकर गुजर रही हैं। बच्चे भी स्कूल में जाते वक्त इसी गंदे पानी से होकर गुजर रहे हैं। भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
- रोहित कुमार,करीरा
इस संबंध में अजय सरपंच कारीरा से बात हुई। उनका कहना है कि विगत पंचायतों के समय जो नालियां बनाई गई थी वो सही प्रारूप में नहीं बनाई गई, ऊंची नीची रह गई है। यही नहीं जोहड़ में पानी भर गया है जो बरसात का पानी है। वर्षा खत्म होने के बाद इस जोहड़ की सफाई करवाई जाएगी तथा नये सिरे से नाले और नालियां बनवाई जाएंगी ताकि करीना गांव में कोई पानी खड़ा नहीं हो सके।
** अजय कुमार सरपंच करीरा
फोटो कैप्शन 01 व 02: गांव करीरा में खड़ा गंदा जल
साथ में सुरेंद्र, सत्यवीर, गजेंद्र एवं रोहित
छीथरोली स्कूल में लगाए गए पौधे
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कनीना की आवाज। पौधे लगाओ, जन-जीवन को बचाओ की मुहिम के साथ राजकीय उच्च विद्यालय छिथरोली में सरपंच बलवान सिंह आर्य के मार्गदर्शन में मुख्याध्यापक सुमेर सिंह के सहयोग से समस्त स्टाफ और बच्चों ने मिलकर विद्यालय प्रांगण में विभिन्न प्रकार के फलदार और फूल वाले पौधे लगाए। सरपंच ने बच्चों को पौधे के लाभ बताए तथा हरेक को एक एक पौधा लगाने की अपील की।
इस मौके पर मास्टर रामपत सिंह, मास्टर राकेश कुमार, मास्टर कमल सिंह, कृष्ण पंच, कप्तान सिंह, नरेंद्र शास्त्री आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 03: स्कूल में पेड़ पौधे लगाते हुए सरपंच एवं विद्यार्थी।
























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