Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Sunday, July 21, 2024


 
सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत
-खाटू श्याम के दर्शन करके लौट रहे थे
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कनीना की आवाज। उपमंडल के गांव खेड़ी  के पास 152-डी पर हुए सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत होने का मामला प्रकाश में आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार किया कंपनी की गाड़ी में सवार लोग बाबा खाटू श्याम के दर्शन करके वापस अपने घर को लौट रहे थे। जब वे लोग रात्रि करीब सवा दो बजे के आस-पास 152-डी पर खरकड़ाबास की सीम में पहुंचे तो रोड पर रोंग साइड व गफलत बाजी में चल रहे ट्राले की वजह से हादसा हो गया। जिसमें 30 वर्षीय पानीपत के गांव जोरासी समालखा निवासी अनुराग रोहिल्ला, रोहतक प्रेम नगर कालोनी से 55 वर्षीय बिजेन्द्र सिंह रोहिल्ला व राजेश रोहिल्ला की मौके पर ही मौत हो गई है। पुलिस ने सत्येन्द्र रोहिल्ला की शिकायत के आधार पर ट्राला चालक के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।  सत्येन्द्र ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उक्त हादसा ट्राला चालक द्वारा लापरवाही से ट्राला चलाने व बिना को संकेत दिए गलत दिशा में चलने के साथ-साथ एकदम से ब्रेक लगाने की वजह से हुआ है। परिजनों की शिकायत पर ट्राला चालक के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है जबकि शवों का पोस्टमार्टम कनीना के उपनागरिक अस्पताल से कराकर उनके परिजनों को सौंप दिये है। मृतकों के परिजनों को सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे और तसल्ली की।
फोटो कैप्शन दुर्घटनाग्रस्त किया कंपनी की गाड़ी।









बीजेपी मीडिया प्रभारी सुदेश कटारिया ने किया कनीना का दौरा
---फैमिली आइडी की वजह से लोगों को हो रही परेशानी से कराया अवगत
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कनीना की आवाज। बीजेपी के मीडिया प्रभारी सुदेश कटारिया ने कल कनीना मंडी का दौरा किया जहां  ककराला रोड़ पर लोगों से बात की। कटारिया ने कहा की प्रदेश की जनता को बीजेपी पर फिर से एक बार विश्वास करके सत्ता में लाना होगा ताकि जो विकास कार्य बचें हुए है उनको पूरा किया जा सके उन्होंने राव दान सिंह पर जो रेड पड़ी थी उसको जायज बताते हुए कहा की जो जनता का पैसा है उसको इसी माध्यम से जनता के सामने लाया जाएगा । इस मौके पर वार्ड नंबर 06 के पार्षद प्रहलाद राय,  मुकेश नंबरदार ,विजयपाल , संजय, पूर्व पार्षद मेहर चंद आदि मौजूद थे। इस मौके पर स्थानीय लोगों ने फैमिली आइडी की वजह से लोगों को हो रही परेशानी से भी अवगत कराया ।









ढालोड मंदिर में बाबा भैया सेवा दल ने चलाया पौधारोपण अभियान
-अब तक 12 हरित साइट बन चुकी संस्था
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव ककराला स्थित बाबा भैया सेवा दल द्वारा ग्राम पंचायत और ग्राम विकास कमेटी के सहयोग से पौधारोपण अभियान 2024 चलाया गया। इस दौरान गांव के बाबा ढालोड़ मंदिर में बने नए व्यायामशाला पर अशोका, जामुन, अल्स्टोनिया इंडिका आदि के करीब 200 पौधे लगाए गए। सरपंच नीलम देवी ने साइट पर पहुंचकर सभी सेवकों का उत्साह बढ़ाते हुए धन्यवाद किया।
संस्था के प्रधान मदनपाल बाबी ने बताया कि संस्था पिछले 8 वर्षों से पर्यावरण व शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रही है और अब तक 11 हरित साइड तैयार कर चुकी है। जिसके अंदर तकरीबन 2200 पौधे लगाए गए हैं। अबकी बार पेड़ो के बिना मेरे यार, जीवन में होगा अंधकार, थीम के साथ यह संस्था की 12वीं हरित साइट होगी। इसके साथ ही गांव को साफ सुथरा कचरा मुक्त बनाने के लिए गांव में पिछले साल चार कचरा डंपिंग जोन बनाए थे, जिससे गांव का कूड़ा कचरा वहां पर डाला जाता है।
साथ ही संस्था के पर्यावरण समन्वयक ओमप्रकाश फौजी ने बताया कि पिछले 15 दिन से संस्था इस साइट की तैयारी में लगी हुई थी और गड्ढे पहले से खुदाई कर लिए थे।
अभियान में अन्य सामाजिक संस्थाओं से अपने साथियों के साथ आए रामबास से मनोज, हितेश, अमित, मेघनवास से मनोज, हिमांशु, बीएमडी संस्था से लक्की सिगड़ा, चेलावास से सरपंच विकास, भडफ़ से प्रोफेसर कृष्ण सहयोग के लिए पहुंचे। संस्था ने सभी को एक एक पौधा देकर आभार व्यक्त किया।
इस दौरान ग्राम पंचायत सदस्य धर्मेंद्र, संदीप, श्रवण, सूबे सिंह, शांतिलाल नंबरदार और कंवरसिंह नंबरदार, ग्राम विकास कमेटी से प्यारेलाल जी, संस्था के  सदस्य राजपाल सिंह यादव, मास्टर गुलशन, दिनेश सोनी, सुनील शर्मा, राकेश, नवीन, डॉ राजीव, रामपाल, मास्टर मदन पाल, कुलदीप, सुनील काला, आनन्द, सुंदरलाल, मास्टर सुनील, जितेंद्र, अमित आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 06: ककराला में पौधारोपण करते हुए।






गुरु पूर्णिमा पर आयोजित हुए विभिन्न कार्यक्रम
-कई जगह लगे भंडारे
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कनीना की आवाज। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर कनीना उपमंडल के गांव भोजावास एवं मुंडिया खेड़ा में विशाल भंडारा तथा गुरु पूजन कार्यक्रम आयोजित किए गए। भोजावास में ठाकुर  मंदिर, मुंडिया खेड़ा में श्री गीता भवन में सुबह यज्ञ हवन में पूर्णाहुति प्रदान कर भंडारों का शुभारंभ किया गया। मुंडिया खेड़ा में मेला भी आयोजित किया गया। इस दौरान भक्तों ने मेलों तथा भंडारों में पहुंचकर प्रसन्नता व्यक्त की।
भक्तों ने कहा कि मंदिर और धार्मिक स्थलों के महंत और संत समाज के प्रकाश स्तंभ हैं। संत महात्माओं से समाज को प्रेरणा मिलती है। संतों का जीवन परहित, सामाजिक कार्यों और गौ सेवा के लिए होता है। इसलिए इनका सम्मान करना समाज का कत्र्तव्य है।  इस अवसर पर शेर सिंह यादव, भाग सिंह चेयरमैन, कैलाश सेठ, सहीराम, सुरेश मुनि, अजय, रामचंद्र, जिले सिंह, सुनील कुमार, बाबूलाल सरपंच, मुंशी बाबूजी, बलबीर, राजेंद्र, सूरजभान, श्याम मनोहर, सुबे सिंह सेठ, नंदराम मिस्त्री, रणवीर, हनुमान हलवाई, जगदीश शर्मा, राजवीर, सुरेंद्र, प्रदीप, दिलीप सरपंच, रितेश, परवीन, हनुमान, प्रेम, गजानंद, संदीप, मुनीलाल, ताराचंद सहित अनेक ग्रामीण एवं श्रद्धालु उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 05: गुरु पूर्णिमा पर आयोजित भंडारे








कावड़ लाना धर्म का कार्य- हनुमान सिंह
-400 किमी दूरी पैदल तय करना तप का कार्य-कंवरसेन वशिष्ठ
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कनीना की आवाज। कावड़ लाना पुनीत कार्य है। यह कार्य न केवल तन एवं मन को पवित्र करता है अपितु पैरों की उत्तम एक्सरसाइज भी होती हे। ये विचार बलराम समारोह स्थल कनीना में होशियार सिंह पूर्व शिक्षक एवं उसके साथियों को हरिद्वार से कावड़ लाने के लिए सम्मान सहित भेजते हुए समाजसेवी हनुमान सिंह ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि होशियार सिंह एक अच्छे शिक्षक रहे हैं वहीं शिक्षक के साथ-साथ धर्म से भी जुड़े हुए हैं,वर्ष 2011 से लगातार कावड़ ला रहे हैं। यही नहीं खाटू श्याम मंदिर खाटू धाम तथा हुडिय़ा जैतपुर राजस्थान में श्याम को ध्वज अर्पित करते आ रहे हैं। यह उनकी बहुत बड़ी आस्था है। इंसान उम्र ढलने के साथ-साथ अगर धर्म के कार्य में लगा रहे तो निश्चित रूप से समाज हित होता है। इस अवसर पर फूलमाला और पगड़ी से सम्मानित करते हुए कहा कि यह उनकी हरिद्वार के लिए विदाई है। वे नीलकंठ तथा मनसा देवी,ऋषिकेश आदि सभी स्थानों के धार्मिक यात्रा करने जा रहे हैं और इस महीने के अंत में अपनी यात्रा करके लौटेंगे। उन्होंने यात्रा की मंगल कामना की और उन्हें अग्रिम बधाई दी। इस अवसर पर भारत विकास परिषद के पूर्व प्रधान एवं कई संस्थानों से जुड़े कंवरसेन वशिष्ठ ने कहा कि वैसे तो तप  अनेक साधु संत और इंसान करते आए हैं किंतु कावड़ लाकर शिव भोले को अर्पित करना न केवल शिव के प्रति आस्था को दर्शाता है अपितु शरीर की एक कठोर तपस्या है। जिसको वे बेहतर ढंग से पूरी करके लौटेंगे। ऐसी कामना की तथा कहा कि हिंदू धर्म में शिव का सर्वोच्च स्थान है। उनके भक्तों की संख्या अपार है। सावन माह में अपार जनसमूह में भक्तों द्वारा नीलकंठ ,ऋषिकेश, गंगोत्री आदि स्थानों पर जाते हैं और पदयात्रा करते हुए अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाते हैं। उनकी यात्रा बहुत कष्टदायी होती है किंतु भगवान भोलेनाथ को याद करते हुए तथा रास्तों में भक्तों द्वारा उनकी सेवा करने के कारण वे अपने मंजिल तक आसानी से पहुंच जाते हैं।
उन्होंने कहा कि होशियार सिंह जहां अपने समय में बेहतरीन शिक्षक रहे हैं तथा पढ़ाते वक्त कभी कुर्सी का उपयोग न करके कठोर तपस्या कर शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमाया है वही अब कांवड़ लाकर नाम कमा रहे हैं। यूं तो भारी संख्या में  भक्त कावड़ लाने जा रहे हैं किंतु यह एक बड़ी बात है कि विज्ञान के अध्यापक रहे तथा भक्ति भाव में लीन रहने वाले होशियार सिंह इस कार्य को बखूबी पूर्ण करते हैं।
इस मौके पर होशियार सिंह ने कहा कि उसके शुभचिंतकों के कारण उनकी यात्रा भली भांति संपन्न हो जाती है। शिव भोले के प्रति अगाध आस्था है। वे कई वर्षों से शिव भोले के नाम पर सोमवार का व्रत रखते आ रहे हैं तथा अपने घर में भी छोटा सा इष्ट देव स्थापित करवा रखा है ताकि विभिन्न शिव भोले के अवसरों पर पूजा अर्चना की जा सके। उन्होंने बतायाकि करीब 350 किलोमीटर की दूरी तय कर पाना बहुत कठिन होता है किंतु शिव भोले को मन में याद करते हुए उनका सफर आसानी से पूरा हो जाता है। सारी कठिनाइयां दूर हो जाती है। हर वर्ष करीब 6 दिनों में हरिद्वार से बाघेश्वरी धाम पहुंचते हैं। प्रतिदिन 50 किलोमीटर दूरी तय करते हैं और यह दूरी कड़ी धूप, बारिश तथा विषम परिस्थितियों को झेलते हुए पूर्ण की जाती है। भक्तों के कई बार तो पैरों में छाले भी पड़ जाते हैं, चलने में भी दिक्कत आती है किंतु जो कोई शिव का नाम लेते हैं उनको कभी कोई दिक्कत नहीं आती। इस अवसर पर महेश बोहरा, दिनेश कुमार, अजीत सिंह, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह ,मोहन पार्षद हनुमान सिंह तथा अनेक जन उपस्थित रहे।
 फोटो कैप्शन 07: होशियार सिंह को कावड़ के लिए रवाना करते हुए विभिन्न भक्त।





गोचर भूमि को हरा भरा बनाने का जुनून
 - एक साथ लगाये 51 पीपल बरगद व नीम
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कनीना की आवाज। जीवन में  सफलता प्राप्ति के लिए  लक्ष्य का निर्धारण व लक्ष्य प्राप्ति के लिए जोश व जुनून का होना जरूरी है। कठोर मेहनत व जुनून के साथ किया गया कार्य के परिणाम भी सकारात्मक होते हैं। ऐसा ही कर दिखाया गांव रामबास के पर्यावरण प्रेमी युवाओं ने।
धरती को हरा भरा बनाने व भविष्य को सुरक्षित बनाना ही ,इनके जीवन का ध्येय बना हुआ है। ये न केवल पौधारोपण करते हैं बल्कि उनकी देखभाल की भी जिम्मेदारी लेते हैं। इनके लगाये हुए पौधे अब पेड़ का रूप ले रहे हैं।
मनोज कुमार रामबास और युवा पर्यावरण प्रेमियों की टीम का लक्ष्य है कि गोचर भूमि को हरा भरा बनाया जाए। गांव में करीब 20 एकड़ पर गोचर भूमि है, यह जमीन हरित रहे पशु पक्षियों को प्राकृतिक आवास व भोजन मिले। इसके लिए गाव के युवाओं ने एक रिकार्ड के साथ एक साथ 17 त्रिवेणी 51 बरगद पीपल व नीम के बड़े पेड़ लगाये हैं। ये पेड़ आक्सीजन की फैक्टरी है।
साथ ही बताया कि युवा अमित ,हितेश , सचिन दहिया , अंकित व सचिन निंबल की टीम मिलकर इन पौधों का संरक्षण करती है। इस वर्ष टीम का लक्ष्य 25 त्रिवेणी लगाने का है। इससे पहले इस वर्ष एक एकड़ गोचर भूमि पर नीम , बेलपत्र व बेर के पौधे लगाए गए हैं जिसकी पूरी सुरक्षा व पानी की व्यवस्था की गई है।
फोटो कैप्शन 03: युवाओं का ग्रुप जो पौधारोपण करता आ रहा है।







नहर के साथ साथ मार्ग को अविलंब किया जाये निर्मित
-जल्द ही छोड़े जा रहे हैं टेंडर-विधायक
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कनीना की आवाज। अटेली व रेवाड़ी सड़क मार्गों से मिलाने वाला नहर के साथ-साथ मार्ग को अविलंब निर्मित किये जाने की मांग कनीनावासियों ने की है। कनीना के विभिन्न मार्गों को पक्का करने या पुन: निर्मित किये जाने की कार्रवाई जारी है किंतु वर्षों से कनीनावासियों की प्रमुख मांग अधर में अटकी है। रेवाड़ी-अटेली मार्गों को नहर के साथ साथ जोडऩे वाला मार्ग आधा अधूरा करीब आठ साल पहले निर्मित हुआ था। पूर्व प्रधान सतीश जेलदार ने इसे सिरे चढ़ाने का प्रयास किया था जिसके चलते नहर को भूमिगत कर दिया गया था किंतु पेड़ों को हटाने तथा बिजली की लाइनों को हटाने की कार्रवाई नहीं हो पाई थी। वर्तमान में कनीना प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम कनीना हैं जिनसे कनीनावासी यह मार्ग पूरी किये जाने की आश टिकाये हैं।
  उल्लेखनीय है कि मार्ग के साथ साथ गुजरने वाली नहर को भूमिगत कर दिया है। अब सड़क निर्माण कर दोनों तरफ से आवागमन बाइपास के रूप में किया जा सकता है। इसके लिए लंबे समय से कार्रवाई चल रही है किंतु अभी तक सिरे नहीं चढ़ पाई है। यह करीब 3 किलोमीटर का रास्ता है जिसमें से आधा मार्ग करीब 8 वर्षों पहले नगर पालिका द्वारा पक्का किया हुआ है। जो अति जर्जर हो गया है। अगर यह मार्ग पुन: निर्मित हो जाये तो रेवाड़ी से अटेली अटेली से रेवाड़ी जाने वाली लोगों को भारी लाभ होगा। नगर पालिका के पूर्व प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि उनकी दिली इच्छा थी कि मिनी बाईपास उनके कार्यकाल में बन जाए किंतु उनके कार्यकाल में नहीं बन पाया। अब एसडीएम कनीना प्रशासनिक अधिकारी हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि एसडीएम की देखरेख में यह मिनी बाईपास बन जाएगा। मिनी बाईपास बनता है तो हर इंसान को ही लाभ होगा। इस संबंध में विधायक सीताराम से चर्चा हुई--
**नहर के साथ साथ एक तरफ की सड़क बनाने के लिए टेंडर या तो छोड़ दिये गये हैं या फिर अविलंब छोड़ दिये जाएंगे। इस प्रकार सड़क की समस्या का समाधान हो जाएगा। नहर के दूसरी तरफ सड़क मार्ग का भविष्य में समाधान हो जाएगा।
--सीताराम विधायक अटेली
फोटो कैप्शन 04: नहर के साथ का कच्चा मार्ग
साथ में विधायक सीताराम अटेली।






गुरु वंदन के बाद ,कावड़ यात्रा प्रारंभ -पंडित ऋषिराज शर्मा
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कनीना की आवाज। भगवान भोलेनाथ की आराधना के पवित्र श्रावण मास  मास का प्रारंभ सोमवार 22 जुलाई से हो जाएगा। श्रावण का समापन श्रावण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा 19 अगस्त को होगा, इस दिन भी सोमवार रहेगा।  पूर्णिमा तिथि के दिन श्रावण नक्षत्र होने से इस माह का नाम श्रावण मास पड़ता है. यह हिंदू कैलेंडर का पांचवां महीना है. देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु योग निद्रा में हैं, इस वजह से भगवान शिव सृष्टि के पालनहार की भूमिका में है। 22 जुलाई से ही कावड़ यात्रा शुरू हो जाएगी। सावन में रुद्राभिषेक कराने का भी महत्व है, रुद्राभिषेक के माध्यम से लोग अपनी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
श्रावण के महीने में सावन सोमवार, मंगला गौरी व्रत, चतुर्थी, प्रदोष, सावन शिवरात्रि का महत्व बढ़ जाता है. इसके अलावा हरियाली अमावस्या, हरियाली तीज, रक्षाबंधन, नाग पंचमी, कामिका एकादशी,  पुत्रदा एकादशी, श्रावण पूर्णिमा जैसे व्रत, त्योहार और पर्व आते है। भगवान शंकर के स्वरूप की व्याख्या करते हुए पंडित ऋषिराज शर्मा ने बताया कि शिवजी के तीनों नेत्र अलग-अलग गुणों के प्रतीक हैं जिसमें दांए नेत्र सत्वगुण और बांए नेत्र रजोगुण और तीसरे नेत्र में तमोगुण का वास है। भगवान शिव ही एक ऐसे देव हैं जिनकी तीसरी आंख उनके ललाट पर दिखाई देती है, जिसके कारण इन्हें त्रिनेत्रधारी भी कहा जाता है। इनके तीन नेत्र जहां अल्फा बीटा और गामा किरणों का प्रतीक है तो वहीं इन का त्रिशूल प्रोटान, इलेक्ट्रान और न्यूट्रान की ऊर्जा से भरा हुआ है जिससे पलक झपकते ही वे संपूर्ण सृष्टि का संहार कर सकते हैं। इनके तेज से  निकलने वाली किरणें संपूर्ण विश्व को जीवन देती है तो जब क्रोध में इनकी तीसरी आंख खुलती है तो उससे लेजर और क्वाजर किरणों के साथ गामा की महाप्रलयंकारी किरणें निकल कर सामने पडऩे वाले सभी प्राणियों ग्रह नक्षत्र आकाशगंगा को भस्मीभूत कर देती हैं। भगवान शिव अर्धनारीश्वर हैं,पशुपतिनाथ हैं, त्रिपुरारी हैं नंदीश्वर हैं महाकाल हैं रूद्र हैं बसु हैं और भैरव तथा वीरभद्र के अवतार हैं और संपूर्ण सृष्टि में सबसे भयंकर हलाहल कालकूट विष को पान करने के बाद भी जीवित रहने वाले हैं जिस कालकूट विष की कुछ बूंदे गिरने से ही संपूर्ण संसार के विष और विषैले प्राणी उत्पन्न हुए हैं । उनके मस्तक पर विराजमान अमृत वर्षा करने वाला चंद्रमा उनके कालकूट महा विष को और उस के दुष्प्रभाव को निरंतर पीता रहता है जटाओं में समाहित गंगा प्रत्येक अहंकारी अभिमानी का मान मर्दन कर देती हैं और त्रिशूल में बंधा हुआ डमरू ध्वनि अर्थात नाद शब्द की महत्ता दिखाता है जिससे संपूर्ण सृष्टि उत्पन्न हुई है। सारे ब्रह्मांड की ध्वनि भगवान शिव के डमरू शेर उत्पन्न हुए हैं इतना ही नहीं बल्कि उसी डमरू से सारे ध्वनि ओंकार और पाणिनि के 14 सूत्र भी निकले हैं, जिससे सारे संसार की भाषाओं का व्याकरण और लिपियों का निर्माण हुआ। और आज का विज्ञान है यह मान चुका है कि ध्वनि और नाद सृष्टि का मूल है जिसकी ऊर्जा अनंत होती है। इस संपूर्ण तीनों लोक के सभी सूर्य और आकाशगंगा निरंतर ओम शब्द से गूंजती रहती हैं। आराध्य भगवान शंकर सभी धर्म सभी सभ्यताओं में पूजे जाते हैं।
फोटो कैप्शन: पंडित ऋषिराज शर्मा






























जवाहर नवोदय विद्यालय कक्षा 6 में चयन के लिए आनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू
-अंतिम तिथि 16 सितंबर
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कनीना की आवाज। जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य राजीव कुमार सक्सेना ने बताया कि कक्षा-6 में प्रवेश के लिए आनलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित किए जा रहे हैं जिसकी अंतिम तिथि 16 सितंबर 2024 है।
 उपरोक्त विषय पर जानकारी देते हुए विद्यालय प्राचार्य राजीव सक्सेना ने बताया कि महेंद्रगढ़ जिले के कक्षा 5वीं में अध्ययनरत विद्यार्थी जो सत्र 2024-25 में कक्षा 5 में अध्ययन कर रहे हैं तथा महेंद्रगढ़ जिले के निवासी हैं वह विद्यार्थी कक्षा 6 में प्रवेश के लिए आनलाइन आवेदन पत्र नवोदय विद्यालय की वेबसाइट पर जाकर भर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रवेश परीक्षा 18 जनवरी 2025 को होगी। विद्यार्थी एक मई 2025 से 31 जुलाई 2015 के बीच जन्मा हो जिनमें दोनों तिथियां शामिल हैं। 75 फीसदी सीटें ग्रामीण स्कूल से पढऩे वाले विद्यार्थी के लिए होंगी वहीं छात्राओं, एससी, ओबीसी, एसटी के लिए भी रिजर्वेशन है।




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