Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Thursday, July 11, 2024


 
कब मिटेगी यह रिश्वतखोरी
--एसीपी, एलटीसी के लिए देनी पड़ती है रिश्वत
****************************************************
***********************************************************
************************************
*****************
कनीना की आवाज। शिक्षा विभाग में एलटीसी का बजट, एचटीसी पास करवाने, एसीपी लगवाने के नाम पर भारी रिश्वतखोरी चल रही है। दूर दराज तक गांव में भी एजेंट बैठे हैं। रिश्वत लेने पर भी नखरे दिखाते हैं, बार बार एडवांस रिश्वत देने पर ही एसीपी एलटीसी का बजट पास करवाने का काम करते हैं। रिश्वत न देने पर न तो कई सालों तक एसीपी मिलती और न ही एलटीसी मिल पाएगी। यहां तक की शिक्षक का शिक्षक ही दुश्मन बना हुआ है। बहुत से ऐसे शिक्षक भी है जो एजेंट का काम कर रहे हैं, पूरे स्टाफ के पैसे इक_े करके तब एलटीसी का बजट पास करवाते हैं, एलटीसी पास करवाने में मदद करवाते हैं। अफसोस एलटीसी का बजट डलवाने के नाम पर 800 से 1000 रुपये प्रति शिक्षक लिए जाते और उसमें भी सैकड़ों चक्कर लगाने पड़ते हैं, भागदौड़ करनी पड़ती है तब जाकर एलटीसी जो कर्मी का हक है वो मिल पाता है। दुर्भाग्य है कि लोगों का पेट अपने वेतन से नहीं भरता ,जब तक की दूसरे का रींट न चाट ले तब तक उनका पेट नहीं भरता है, इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा। एसीपी का तो नाम लेते ही आम इंसान चक्कर खाकर गिर सकता है क्योंकि एसीपी लगवाने के के लिए चक्कर लगाते लगाते कर्मी थककर बैठ जाता है और फिर सेवानिवृत्त हो जाता है। एलटीसी के नाम पर भारी रिश्वत ली जाती है।
10 हजार  से 15000 रुपये प्रति कर्मी रिश्वत ली जाती है। जितना पुराना एसीपी है का केेस है उतने ही रिश्वत के पैसे बढ़ा दिए जाते हैं। अफसोस है कि दूर-दराज तक लोग इसमें भागीदारी निभा रहे हैं। सरकार, शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री यहां तक कि प्रधानमंत्री को शिकायत करने का कोई असर नहीं होता, शिकायत करने पर कोई एक्शन नहीं लिया जाता है। सीएम विंडो जीरो बन गई है, सीएम विंडो पर शिकायत करने का अर्थ है अपना समय बर्बाद करना। इससे बेहतर तो अपनी शिकायत लिखकर कुरड़ी में डाल दी जाए तो हो सकता है कोई उसको पढ़ ले। इतनी घोर अंधेरगर्दी कहीं नहीं देखने को मिलती। एसीपी के नाम पर फाइल एक कर्मचारी/अधिकारी तक नहीं पहुंचती जहां पहले सीधा प्राचार्य, मुख्य अध्यापक या खंड शिक्षा अधिकारी एसीपी लगा सकते थे, अब उसको रिश्वत खाने के चक्कर में दर्जनों टेबलों से होकर गुजारा जाता है। परिणाम यह निकलता है कि हर टेबल से फाइल को आगे सरकने के लिए रिश्वत की जरूरत पड़ती है। दुर्भाग्य है कि भरत के देश भारत और उसमें भगवान ने जहां कदम रखा उस हरियाणा जैसे प्रदेश में और मोदी जैसी सरकार में भी इस प्रकार की घटना देखने को मिल रही है।
करीब एक दर्जन पूर्व कर्मी या कर्मी मिले हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री तक शिकायत की परिणाम निकला कि उनकी र्एलटीसी और एसीपी मिलने में और देरी कर दी गई। ऊपर से यह भी कहा कि शिकायत करता है तो इसकी एलटीसी और एसीपी न निकाली जाए और इसे यूं ही घूमने जाए। अफसोस की सबसे पवित्र पेशा शिक्षा का होता है और उसमें भी रिश्वतखोरी। इससे बड़ा अफसोस क्या हो सकता है? रिश्वत लेने वाले व्यक्ति के विषय में शास्त्रों में कहा गया है कि वह निकृष्ट, गिरा हुआ,इअधम, घोर पापी राक्षस योनी का व्यक्ति होता है उसका कभी भला नहीं हो सकता। उसके परिवार में आपदाएं आती है वह पूरी उम्र सम्मान से नहीं जी पाता, बीच उम्र में ही रोग पीडि़त होकर मरता है और इस काम में भूमिका निभाने वालों का तो और भी बुरा हाल होता है। जो उच्च अधिकारियों तक रिश्वत देने की बात करते हैं उनमें से बहुत से तो अपनी जेब भी भर लेते हैं। रिश्वत जितनी कडिय़ों से होकर एक हाथ से दूसरे हाथ जाती है उतनी ही बढ़ जाती है।  सबसे नीचे वाला व्यक्ति दस हजार रुपये रिश्वत लेकर काम करवाने की बात करता है तो इसका अर्थ है कि उच्च अधिकारियों तक महज दो हजार रुपये ही रिश्वत पहुंचती है।  इस देश का कैसे भला होगा। जिस देश में इस प्रकार के रिश्वत चलती है। अब तो उन नीच लोगों के विचार सुनिये जो कहते हैं कि चलो रिश्वत देकर काम तो बन गया? यह कहना कितनी दुर्भाग्य की बात है। खुद यह लेखक शिक्षक रह चुका है किंतु रिश्वत न देने के कारण उन ऊंचाइयों तक नहीं पहुंच पाया जहां उनका हक रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कठिनाई झेलनी पड़ी। कम से कम शिक्षा विभाग से रिश्वतखोरी खत्म कर दो। पंचकुला शिक्षा विभाग में विभिन्न अधिकारियों के पास पड़ी विभिन्न कर्मियों की फाइले एक सप्ताह में पूरी करने का आदेश जारी कर दिया जाए और न करता तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाए फिर देखे हालात उन अधिकारियों की जो रिश्वत लेते हैं, वे सांप की रस्सी बन जाएंगे।







बदलने लगे हैं बीएसएनएल के दिन
- फिर लौटकर आएंगे पुराने दिन
****************************************************
***********************************************************
************************************
*****************
कनीना की आवाज। एक बार फिर से बीएसएनएल के दिन बदलने लगे हैं। पुराने दिन फिर से लौटने लगे हैं। कभी बीएसएनएल की इतनी अधिक मांग होती थी कि सिम पाना कठिन हो जाता था। सिम पाने के लिए घंटों लाइन में खड़े रहते थे, अप्रोच लगाई जाती थी और फिर भी सिम नहीं मिलती थी परंतु अब कुछ ही दिनों बाद फिर से वही हालत बनने वाले हैं। बहुत अच्छी खबर है। ऐसे ही सरकारी स्कूलों के दिन भी बदलेंगे। निश्चित रूप से बदलेंगे बीएसएनल के दिन। परंतु अब बीएसएनएल को कुछ और काम करने की जरूरत पड़ेगी ताकि उपभोक्ताओं का जुड़ाव बना रहे क्योंकि अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में 2जी काम करती है, 3जी काम नहीं करती। यदि 4 जी और 5जी ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने लगे तो निश्चित रूप से बीएसएनएल के दिन बदल जाएंगे। एक और जहां सरकार को लाभ होगा वहीं कितने सरकारी कर्मचारियों पर नौकरी हटाई जाने की तलवार लटक रही है वो हट जाएगी। ऐसे में सरकार को चाहिए कि बीएसएनएल को बढ़ावा दे, अधिक सुविधाएं उपभोक्ताओं को जुटाएं ताकि बीएसएनएल के पुराने दिन फिर से लौट आए। बहुत तेजी से सिम की मांग बढ़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में बीएसएनएल सिम अभी से ही नहीं मिल पा रही ,इससे साफ जाहिर है कि अब अन्य कंपनियों /प्राइवेट कंपनियों ने रेट क्या बढ़ाये बीएसएनएल की तरफ लगाव बढ़ा है, होना भी चाहिए ताकि जो लोगों को लूटने वाली कंपनियां है उनको सही सबक मिले, अकल ठिकाने आ जाए।







बीएसएनएल की नई फाइबर एक्सचेंज का उद्घाटन आज
-बीएसएनएल टावर परिसर में लगेगा बीएसएनल सेवाओं के लिए मेला
****************************************************
***********************************************************
***************************************
**************
कनीना की आवाज।। भारत संचार निगम लिमिटेड, कनीना उप-मंडल के गांव करीरा में  आधुनिक सुविधाओं से युक्त नई फाइबर एक्सचेंज (ओएलटीई) का शुभारंभ 12 जुलाई को होगा एवं बीएसएनल सेवाएं जैसे एफटीटीएच, सिम,रिचार्ज इत्यादि का भी आयोजन बीएसएनएल के मोबाइल टावर परिसर में किया जाएगा।
विस्तृत जानकारी देते हुए बीएसएनल रेवाड़ी जिला दूरसंचार के महाप्रबंधक पूर्णचंद ने बताया की नई  एक्सचेंज स्थापित होने के बाद करीरा और उसके आसपास के गांवों में उच्च स्पीड  इंटरनेट (एफटीटीएच) की सुविधा उपलब्ध  कराई जाएगी। जिसके फलस्वरूप, गांववासियों को भी शहर की तरह आनलाइन क्लासेस, वर्क फ्राम होम एवं अन्य सुविधाएं मिल सकेगी।
एक्सचेंज का उद्घाटन करीरा की महिला सरपंच सपना यादव द्वारा किया जाएगा। इस मौके पर बीएसएनएल  के महाप्रबंधक पूर्ण चंद भी  मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट के तहत हर गांव में हाई स्पीड इंटरनेट  एफटीटीएच तकनीक द्वारा प्रदान करने के लिए भारत संचार निगम लिमिटेड प्रतिबद्ध है एवं इसी क्रम में बीएसएनल  मोबाइल टावर करीरा के प्रांगण में नई भारत फाइबर एक्सचेंज (ओएलटीई) लगाई गई है जिसका उद्घाटन एवं सिम मेला 12 जुलाई को आयोजित किया जा रहा है।
उन्होंने ग्रामवासियों को अगाह किया है कि हाई स्पीड एफटीटीएच सेवा या मोबाइल सिम लेना हो वो अपना आधार कार्ड जरूर ले कर आये।



-




विश्व मलाला दिवस -12 जुलाई
शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है मलाला दिवस
****************************************************
***********************************************************
*************************************
****************
कनीना की आवाज। मलाला दिवस की यूं तो शुरुआत तालिबान से हुई जब  2012 में स्कूली बस में बंदूक धारी घुस गए और 15 वर्षीय लड़की के सिर में गोली मार दी। लड़की बचने के लिए बाद इन्होंने पूरे ही विश्व में महिला और बच्चियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आवाज उठाई जो आज भी मलाला दिवस के रूप में मनाई जाती है। सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला बनी। इस संबंध में डा. रामानंद यादव पूर्व उप-जिला शिक्षा अधिकारी रेवाड़ी से बात हुई।
 उन्होंने बताया कि मलाला दिवस दुनिया भर में शिक्षा के अधिकारों की वकालत को मान्यता देता है। कितने ही लोग मलाला संगठन से जुड़े हुए हैं ताकि बच्चियों और महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया जाए क्योंकि शिक्षा एकमात्र ऐसा साधन है जो इंसान के को अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाता है। यहां तक की शिक्षित व्यक्ति की हर जगह कद्र होती है। पुराने समय में लोग कम पढ़े लिखे होते थे उस समय भी किसी पढ़े-लिखे की कद्र होती थी क्योंकि पुराने समय से लड़कियों की शिक्षा पर कम बल दिया जाता है रहा है। लड़की के अक्सर 12 से 17 वर्ष की उम्र में स्कूल छोडऩे की अधिक घटनाएं देखने को मिलती है। ऐसे में लड़कियों की शिक्षा पर बल देने के लिए मनाया जाता है। हर देश में विद्यालय छोडऩे की घटनाएं मिलती जिनमें बच्चियों आगे होती है। ऐसे में बच्चियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। यह सत्य है कि कोविड-19 ने बहुत अधिक कुप्रभाव बच्चों की शिक्षा पर डाला। आज के दिन शिक्षा महंगी होने के कारण भी बच्चे स्कूल छोड़ जाते हैं। राजनीतिक अस्थिरता ,संघर्ष और प्राकृतिक आपदाएं भी बच्चों की शिक्षा को सीमित करती है, प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी, खराब शिक्षा का बुनियादी ढांचा अपर्याप्त सामग्री और बच्चों के घरेलू जीवन से भी शिक्षा की गुणवत्ता का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अगर बच्चों को पर्याप्त भोजन नहीं मिल रहा है तो स्कूल छोड़ जाएंगे। स्कूल जाते समय भी काम  कर रहे हैं तो वो शिक्षा पर उतना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे। आज के दिन रोटी रोजी की समस्या होने के कारण भी बच्चे काम पर लगा दिए जाते हैं। जिसके कारण शिक्षा पर ध्यान नहीं दे पाते। बच्चियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
   एक और सरकार ने जहां बच्चियों की शिक्षा मुफ्त की हुई है किंतु निजी स्कूलों में जहां बच्चियों का कुछ रुझान देखने को मिलता है भारी फीस देखकर पढ़ाना मुश्किल हो जाता है। सरकार को चाहिए कि अधिक सुविधाएं दें और बच्चियों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करें।
 फोटो कैप्शन: डा. रामानंद यादव







तीज उत्सव की तैयारी शुरू, हो रही है पतंगबाजी
-छतों पर वो मारा वो काटा का शोर सुनाई पड़ा
****************************************************
***********************************************************
************************************
*****************
कनीना की आवाज। कनीना में 7 अगस्त तीज उत्सव की शुरूआत हो गई है। इस मौके पर मेले का आयोजन भी किया जाता है।
 कनीना में हरियाली तीज के पर्व के दृष्टिगत घेवर की मिठाई खाने की रिवाज है। उधर हरियाली तीज के दिन पूरा दिन पतंगबाजी का शोर सुनाई पड़ता है। छतों पर युवा, बच्चे एवं बुजुर्ग वो मारा, वो काटा करते रहे। जहां पतंगबाजी के लिए बहुत से लोग पतंग उड़ाने व पतंग की डोर को काटने का मजा लेते है तो कुछ कट कर जाने वाले पतंग का लुत्फ उसे दूर से पकड़कर लाने में उठाने में खुश हैं।
  हरियाली तीज के पर्व पर तीज मेला लगता है। नगरपालिका के पास इस मेले का आयोजन लंबे समय से होता आ रहा है।
  यह पर्व किसान भी मनाते है क्योंकि फसल लहलहाने लग जाती है। लहलहाती फसल को देखकर किसान प्रसन्न होते हैं। इस बार फसल में देरी हो गई है। अधिकांश किसानों ने बीजाई कर रखी है।
 हरियाली तीज से 1 दिन पहले सिंधारा पर्व आता है वही तीज का पर्व आता है। दोनों ही पर्व पर जहां महिलाओं को याद किया जाता है, विशेषकर विवाहित लड़कियों को उनके घर भाई या पिता पहुंचकर दान देकर आता है। विशेषकर घेवर की मिठाई दी जाती है। जिन्हें आसपास घरों में बांटकर खाया जाता है। वास्तव में इस दिन पींग पर झूलने की प्रथा है। वैसे तो पूरे सावन माह में ही पींग पर झूला जाता है किंतु इस दिन विशेष आकर्षण का केंद्र पींग होती है।
  पतंगों के लड़ते हैं पेच--
 अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में दो प्रकार की पतंग हवा में उड़ाई जाती है। एक पतंग के पूंछ होती है दूसरी बगैर पूंछ की होती है। बगैर पूंछ की पतंग को पतंगबाजी के एक्सपर्ट जन ही लुत्फ उठा सकते हैं किंतु पूंछ वाली पतंग को छोटे बच्चे तक हवा में उड़ाकर लुत्फ लेते हैं। इन पतंगों के पेच लड़ाए जाते हैं। हरियाली तीज के दिन तो दिनभर डेक पर संगीत चलता रहा और छतों पर कई कई बच्चे इक_े होकर पतंगबाजी करते देखे गये। अभी से ही पतंग उड़ाने का शोर होने लगा है जो दिनोंदिन बढ़ता जाएगा।
फोटो कैप्शन 05: कनीना में छतों पर पतंग उड़ाते बच्चे।






 माडल संस्कृति स्कूल कनीना के विद्यार्थियों ने लहराया परचम
****************************************************
***********************************************************
*************************************
****************
कनीना की आवाज। राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में खंड स्तरीय लीगल लिटरेसी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत नारा लेखन, निबंध लेखन, क्विज कंपटीशन, भाषण प्रतियोगिता, कविता गायन, पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन, डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाना तथा नाटक आदि प्रतियोगिताएं शामिल थी।
विस्तृत जानकारी देते हुए प्राचार्य सुनील कुमार ने बताया कि प्रतियोगिताओं में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना के विद्यार्थियों द्वारा नाटक में प्रथम स्थान यशिका और नसीब द्वारा डिबेट कंपटीशन में प्रथम स्थान  और कक्षा 12वीं की छात्रा खुशी द्वारा पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि  खंड स्तर पर होने वाले इस कार्यक्रम में कनीना खंड के लगभग 15 स्कूलों ने भाग लिया जिसमें सरकारी तथा गैर सरकारी स्कूल शामिल रहे। इस अवसर पर प्राचार्य सुनील खुडानिया जी ने विजेता छात्र-छात्राओं को बधाई दी तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने बताया कि सरकारी विद्यालयों में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। सरकारी विद्यालयों से आजकल बच्चे विभिन्न क्षेत्रों में एक नया मुकाम हासिल कर रहे हैं।
फोटो कैप्शन 04: कनीना स्कूल के विद्यार्थी नाटक प्रस्तुत करते हुए।






गांव करीरा में पूर्व सैनिकों ने करवाया पार्क के लिए भूमि पूजन
****************************************************
***********************************************************
*************************************
****************
कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव करीरा में  भूतपूर्व सैनिक व अर्धसैनिक कल्याण संगठन द्वारा गांव  में एक पार्क बनाया जाएगा। आज उस जमीन पर  भूमि पूजन करवाया गया है। यह पार्क हनुमान मंदिर के रास्ते पर बनाया जा रहा है।
  संगठन के अध्यक्ष कैप्टन सुमेर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया की पंचायत गांव करीरा ने पार्क के लिए भूमि आवंटन किया है और इस जमीन पर भूतपूर्व सैनिक व अर्ध सैनिक कल्याण संगठन करीरा द्वारा पार्क का निर्माण करवाया जा रहा है। जिसका  भूमि पूजन पंडित दिनेश शर्मा द्वारा करवाया गया।
इस मौके पर गांव के सभी पूर्व सैनिक और अर्ध सैनिक, समस्त गांव के सदस्य, महिलाओं और बच्चों ने भूमि पूजन पर बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और पूर्व सैनिकों की तरफ से सभी को प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर शिवलाल प्रधान, कैप्टन राम सिंह,राम अवतार, सुबह सिंह,हंसराज ,रोशन लाल, हवलदार हरिराम, गिरधारी लाल गांव के सरपंच अजय कुमार यादव और पंचों सहित ग्रामीण भी मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 01: भूमि पूजन करते हुए पूर्व सैनिक



एनएसएस यूनिट ने किया स्कूल प्रांगण में पौधारोपण
--डाक्टर मुंशीराम ने बताई पौधों की महता   
****************************************************
***********************************************************
************************************
*****************
कनीना की आवाज। कनीना और आसपास विभिन्न स्थानों पर पौधारोपण किया गया। जुलाई माह में लगातार पौधारोपण की गति विधियां बढ़ रही है। राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना की एनएसएस यूनिट ने स्कूल प्रांगण 108 विभिन्न छायादार और फलदर पौधे लगाए। यह पौधारोपण एनएसएस प्रभारी डा.मुंशी राम की देखरेख में किया गया। इन पौधों में नीम,पापड़ी, जामुन, बरगद आदि प्रमुख हैं। इस अवसर पर एनएसएस प्रभारी डा. मुंशी राम ने कहा कि पौधों का ऋण कभी पूरा नहीं किया जा सकता। वे लगातार हमें फल फूल और आक्सीजन प्रदान कर रहे हैं। हर इंसान को एक पौधा लगाना चाहिए और उसकी देखरेख करनी चाहिए। इस मौके पर प्रधानाचार्य सुनील खुडानिया एवं समस्त सटाफ उपस्थित रहा।
उधर एक पौधा मां के नाम पर आईसीटीएम ग्रुप ने लगाये 2100 पौधे-
पौधे लगा कर छोड़ दिए जाए तो गलत होगा और पाप लगता है। इसलिए कम लगाओ लेकिन पौधो को जीवित रखो, आने वाले समय में आपको बहुत कुछ देंगे। ये कहना है पवन राठौड़ मोड़ी का।
इसी श्रेणी को ध्यान में रखते हुए आईसीटीएम ने पौधे जरूरतमंद लोगों को वितरित किए ताकि उनकी देखभाल सही हो। संस्थापक ने कहा की संस्था के द्वारा विभिन्न क्षेत्र, गांवो में पौधारोपण किया जा रहा है। जहां पर पौधारोपण किया रहा है वहा उनकी देखभाल और पानी समय पर संस्था की सदस्यों द्वारा अच्छी से देखभाल किया जाएगा । इस साल संस्था 2100 पौधे लगा रही है। संस्था 2016 से विभिन्न क्षेत्रों, गांवों में निशुल्क पौधे वितरण कर रही है और लगा रही है। आज उनमें ज्यादातर पौधे जीवित भी है और उम्र में बढ़ रहे हैं। संस्था लगातार पौधे लगा कर अभी तक कई हजारों पौधे लगा चुकी है। संस्था के सेवक लगातार प्रकृति, मानव सेवा में लग रहे है। संस्था के सदस्य देशराज पंच ने कहा कि हम उन साथियों को सदस्य आमंत्रित करते है जो सामाजिक सेवा करने के लिए आगे बढऩे की इच्छा रखते है, संस्था उनको सदस्यता के साथ सामाजिक कार्यों को बढ़ावा देने की दिशा निर्देश देती है जिसमें समाज और देश की सेवा करना ही मुख्य उद्देश्य रहेगा।  उन्होंने बताया की आने वाले समय में पर्यावरण के बेहतरीन कदम संस्था द्वारा उठाए जाएंगे।
फोटो कैप्शन 02: कनीना एनएसएस यूनिट पौधारोपण करते हुए।
             03: आइसीटीएम ग्रुप पौधारोपण करते हुए।






123 अवैध बोतल देशी शराब की बरामद मामला दर्ज
****************************************************
***********************************************************
**********************************
*******************
कनीना की आवाज। पुलिस को सूचना मिली कि कनीना उपमंडल के गांव नांगल हरनाथ से एक व्यक्ति गाड़ी में शराब भरकर कहीं ले जाएगा। कनीना पुलिस ने अविलंब छापेमारी की तो गांव नांगल हरनाथ में एसेंट गाड़ी खड़ी दिखाई दी। पुलिस ने व्यक्ति को गाड़ी सहित काबू किया, नाम पूछा तो उसने अपना नाम योगेश नांगल हरनाथ बताया। गाड़ी चेक की तो उसमें विभिन्न प्रकार की देसी शराब पकड़ी जिनकी गिनती करने पर 123 बोतल मिली। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।



 व्यक्ति गुम, गुमशुदगी का मामला दर्ज
****************************************************
***********************************************************
******************






***********************************
कनीना की आवाज। दौंगड़ा अहीर पुलिस चौकी के तहत एक व्यक्ति घर से बिना बताए 7-8 जुलाई की रात गुम हो गया। उसकी पत्नी ने गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया है। दौंगड़ा अहीर पुलिस चौकी में मामला दर्ज करवाते हुए कहा है कि उसका पति विकेश कुमार 7-8 जुलाई की रात को परिवार सोने के बाद घर से बिना बताए कहीं चला गया। फोन पर संपर्क करना चाहा किंतु फोन नहीं मिल पा रहा है, बंद है। उसके बयान पर दौंगड़ा अहीर पुलिस चौकी में विकेश कुमार की गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।










No comments: