Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Wednesday, July 31, 2024


 


कनीना क्षेत्र में हुई 62 एमएम वर्षा
-अभी मौसम बारिशमय
-सावन माह की है बेहतरीन वर्षा
-किसान खुश, सड़कों पर जमा दो-दो फीट पानी
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कनीना की आवाज। कनीना में बुधवार शाम को बादल जमकर बरसे। रात 8:30 बजे तक 62 एमएम वर्षा हो चुकी थी। मौसम बारिशमय बना हुआ है। गलियों में तीन-तीन फीट तो सड़कों पर दो-दो फीट पानी जमा हो गया है। पहली बार सावन में इतनी अच्छी बारिश हुई है। जून एवं जुलाई माह में अब तक करीब 152 एमएम बारिश हो चुकी है। किसान खुश नजर आए क्योंकि अब तक इतनी अधिक बारिश कनीना क्षेत्र में नहीं हुई थी। अभी और बारिश की है संभावना।







हरिद्वार से बाघेश्वर धाम तक लगी है भक्तों की कतार
-उत्तराखंड में पूरी लूट वहीं यूपी में मुजफ्फरनगर तक शिविर नहीं
-लूट पर भारी पड़ रही है आस्था
--95 प्रतिशत कावडिय़े भांग, धतुरा, बीड़ी, सिगरेट, पान मसाला एवं अन्य विषेले पदार्थ खाते एवं चबाते देखे गये।
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कनीना की आवाज। देवनगरी हरिद्वार से बाघेश्वर धाम तक शिव भक्तों की लंबी कतार लगी हुई है। एक ओर जहां शिवालयों में कावड़ अर्पित करने का सिलसिला विभिन्न गांवों में दो दिनों पूर्व से शुरू हो गया है वहीं प्राचीन शिवालयों पर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है।  विभिन्न शिवालयों में कावड़ अर्पित की जाती है किंतु किलोई, इंछापुरी, किरमारा, बाघोत आदि स्थानों पर भारी संख्या में कावड़ चढ़ाई जाती है। इस बार जहां पूरे रास्ते में वर्षा का अभाव रहा है वही कहीं-कहीं उमस देखने को मिली है। भक्तजन खड़ी, बैकुंठी, टोकना झूला, थैला तथा डाक कावड़ लेकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो रहे हैं। जहां उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश में पुलिस का व्यापक प्रबंध है वहीं हरियाणा के विभिन्न शिविरों में भी व्यापक पुलिस प्रबंध किया गया है। जहां भी देखे जयकारे, बम बम की जयघोष सुनाई पड़ रही है। भक्त आगे बढ़ते जा रहे हैं। इस बार जहां भक्तों में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, देश भक्ति कूट-कूट कर भरी देखने को मिली वहीं अपंग व्यक्ति भी कावड़ लाने में पीछे नहीं हट रहे हैं। जहां महिलाएं भी कावड़ लेकर गंतव्य मार्ग की ओर जा रही है वही बच्चे बुड्ढे और जवान भी कांवड़ ला रहे हैं। विभिन्न शिविरों में जहां युवा वर्ग का जोर है वही कावड़ लाने वालों में बुजुर्ग कम तथा अधेड़ आयु के अधिक देखने को मिल रहे हैं।
 हरिद्वार से जहां हर की पौड़ी से कांवड़ उठा कर भक्तजन चलते हैं तो उन्हें उत्तराखंड में कोई भी शिविर नहीं मिलता है, उत्तर प्रदेश में इक्का-दुक्का शिविर मिल रहे हैं वहीं हरियाणा में शिविरों की भरमार है जहां भक्तों की सेवा के लिए भक्तजन तैयार खड़े हैं। रास्ते में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे लिखित का महाकावड़, टोकना कावड़ वालों का भी तांता लगा हुआ है। कांवड़ लाने वाले भक्तजन विभिन्न नियमों को पालन कर रहे हैं। कई शिवभक्त बुराइयों में जकड़े देखे गए।
इस बार जहां महाकावड़ पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिखाई दिया वही कावड़ पर तिरंगों की भरमार देखने को मिली जो देशभक्ति को इंगित करती है।
उत्तराखंड जिसे देवभूमि कहा जाता है किंतु यहां पूरे रास्ते में पीने के लिए जल भी नसीब नहीं होता है। हैंड पंप तोड़े हुए हैं वहीं 20 रुपये की पानी की बोतल 30 रुपये में वो भी घटिया कंपनी की मिलती है। धरती पर सोने के नाम पर भी 500 रुपये तक ले लिये जाते हैं। खाने में एक सौ रुपये की थाली में चार रोटी, मामूली सी दाल, मामूली सी सब्जी तथा 50 ग्राम चावल मिलते हैं। बेहतर ब्रांड की खाने की वस्तु भी नसीब नहीं होती। घटिया चीजें बासी खाना दिया जाता है। भक्त लुटते पिटते वहां से गुजरते हैं। लूट पर आस्था भारी पड़ रही है। सरकार का कोई कंट्रोल नहीं है। इसी प्रकार की हालात मुजफ्फरनगर तक मिलती है बाद में यूपी में कैंप भी मिलने लग जाते हैं। हरियाणा सचमुच भगवान एवं देवों की भूमि है जहां हर प्रकार की चीज कैंप में मिल जाती हैं। 95 प्रतिशत कावडिय़े भांग, धतुरा, बीड़ी, सिगरेट, पान मसाला एवं अन्य विषेले पदार्थ खाते एवं चबाते देखे गये।







कई प्रकार की कांवड़ अर्पित की जाती हैं बाघेश्वरधाम पर
-सबसे अधिक आती हैं झूला कांवड़
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कनीना की आवाज। श्रद्धालु कई प्रकार की कांवड़ शिवालयों पर चढ़ाते हैं जिनको खड़ी, बैठी, झूला, डाक, टोकणा, विशाल कांवड़, बैग कांवड़ प्रमुख हैं। न केवल युवा अपितु बच्चे व बूढ़े भी कांवड़ लाने में गर्व महसूस करते हैं। खड़ी कावड़ को सदा एक भक्त कावड़ को दिनरात कंधे पर रखे रखता है। दो या तीन जन मिलकर प्राय: खड़ी कांवड़ लाते हैं। बैठी जिसे बैकुंठी भी कहते हैं व झूला कांवड़ को प्राय एक ही व्यक्ति लाता है और उसे रात के समय किसी पेड़ या तने के सहार या निर्धारित कांवड़ स्टैंड पर टांग दिया जाता है। डाक कांवड़ को तेजी से लाया जाता है। 24 से 36 घंटों में डाक कांवड़ को शिवालयों पर लाकर चढ़ा दिया जाता है। डाक कांवड़ में 5-7 व्यक्तियों की जरूरत होती है। एक वाहन में खाने पीने का सामान लादकर हरिद्वार ले जाया जाता है जहां से कांवड़ उठाकर बारी-बारी से दौड़कर आगे बढ़ते हुए शिवालय तक पहुंचाया जाता है। जो व्यक्ति थक जाता है वह कांवड़ को अगले व्यक्ति से दे देता है और इस प्रकार कांवड़ गंतव्य स्थल तक पहुंच जाती है।
  आजकल सुविधा के लिए बैग कांवड़ भी प्रचलित हो गई हैं। गंगाजल को भरकर शिक्षा पाने जाने वाले विद्यार्थी की भांति बैग में पीठ पर लादकर कांवड़ को लाया जाता है जो अति सुविधाजनक होती है। कांवड़ का एक अति दुष्कर रूप टोकना कांवड़ है जिसमें एक भक्त पानी के दो स्टील के घड़ों को अर्थात टोकनों को गंगा जल से भरकर उनका मुंह सील करवाकर धीमी गति से चलकर गंतव्य स्थान तक ले जाता है।
  वर्तमान में कांवड़ के रूप भी बदल गए हैं। विशाल कांवड़ की ओर ध्यान जाने लगा है जिसमें एक विशाल कांवड़ को दस बारह व्यक्ति उठाकर लाते हैं। कई बार तो कांवड़ इतनी विशाल बनवा दी जाती है कि उसे पहिये लगवाकर लाया जाता है। इस कांवड़ में पूर्णरूप से म्यूजिक लगा होता है। कांवड़ के कई अन्य रूप भी देखने को मिल रहे हैं।
  आजकल तो डाक कांवड़ जिसमें सौ-सौ लोग जाने लगे हैं वहीं टोकना दौड़ कांवड़ तथा द्रुतगामी कांवड़ लेकर आने लगे हैं। जिसमें 5 से 7 व्यक्ति एक वैन के जरये कांवड़ लाते हैं जिसमें एक के थकने के बाद दूसरा कांवड़ ले लेता है और थकने वाला गाड़ी में बैठ जाता है। नीलकंठ, हरिद्वार एवं गंगोत्री से कांवड़ लाने वालों की संख्या बढ़ रही है। इस वर्ष विगत वर्षों की तुलना में अधिक कांवड़ लेने भक्त गये हैं।
फोटो कैप्शन 11: विभिन्न प्रकार की कांवड़ ले जाते भक्त।





लेखक होशियार सिंह ने अपनी कावड़ अर्पित की
-6 दिनों में लाए हरिद्वार से बाघोत तक कावड़
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कनीना की आवाज।  वर्ष 2010 से लगातार कांवड़ ला रहे तथा खाटू श्याम पर हर वर्ष 2010 से ध्वज अर्पित करते आ रहे डा होशियार सिंह लेखक ने अपनी कांवड़ बाघेश्वर धाम पर अर्पित कर दी है। वे लगातार कांवड़ ला रहे हैं।
 इस वर्ष सुमेर सिंह चेयरमैन, वेद प्रकाश, भरत सिंह,  विनोद कुमार आदि का ग्रुप कांवड़ लेकर पदयात्रा करते हुए बाघेश्वर धाम पहुंचा और वहां पर अपनी अपनी कांवड़ अर्पित कर दी।
 उल्लेखनीय है कि होशियार सिंह के कांवड़ लाने चले जाने के कारण कनीना की आवाज ब्लाग पर कोई समाचार नहीं डाला जा सका जिसके चलते पाठकों को निराशा हाथ लगी है किंतु श्री सिंह का कहना है कि भगवान भोलेनाथ सभी की मनोकामना पूर्ण करें, चूंकि घर से दूर होने के कारण एवं भगवान भोलनाथ को याद करने में समय बीता जिसके कारण ब्लाग पर समाचार नहीं डाले जा सके हैं किंतु अब विधिवत रूप से समाचार डाले जाते रहेंगे।
 फोटो कैप्शन 10: डा होशियार सिंह कांवड़ लाते हुए।



राव नरेंद्र ने शिवलिंग पर चढ़ाया गंगाजल
-सुमेर चेयरमैन कनीना लेकर आये 44वीं कांवड़, जमकर चढ़ रही हैं कांवड़
-शिवरात्रि मेला दो अगस्त को
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कनीना की आवाज।। बुधवार को हरियाणा के पूर्व मंत्री राव नरेंद्र सिंह ने परिवार के साथ बागेश्वर धाम बाघोत पहुंच कर शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ा कर भोले बाबा का आशीर्वाद लिया क्षेत्र की खुशहाली की प्रार्थना की। इस अवसर पर उनके साथ चेयरमैन सुमेर सिंह कनीना 44वीं कांवड़ लेकर आये।
पूर्व मंत्री राव नरेंद्र सिंह ने क्षेत्रवासियों को श्रावण मास की शुभकामनाएं दी व शिव भक्त सुमेर चेयरमैन कनीना को 44वीं कांवड़ लाने पर परिवार सहित बधाई दी। ्रराव नरेंद्र सिंह ने कहा कि कांवड़ यात्रा हिन्दू धर्म के धार्मिक मान्यताओं में से एक है , जो ना केवल हमारा क्षेत्र बल्कि पूरे देश इसे एक त्योहार की तरह मनाता है। कांवड़ यात्रा हिन्दू परंपरा का एक हिस्सा भी है जिससे हिन्दुओं की धार्मिक आस्था जुड़ी हुई है।
इस अवसर पर उन्होंने ना केवल कांवड़ यात्रियों को बल्कि उन तमाम शिवभक्तों को भी बधाई व शुभकामनाएं दीं जिन्होंने जगह जगह पर कांवड़ यात्रियों के लिए विश्राम, भोजन, चिकित्सा आदि सेवाओं के लिए उचित व्यवस्था की हुई है।
अनेक जन लेकर आये कांवड़-
कनीना क्षेत्र के लेखक डा एचएस यादव ने अपनी 14वीं कांवड़ अर्पित की वहीं भरत सिंह, वेदप्रकाश, रमेश कुमार, विभिन पत्रकारों एवं समाजसेवियों ने भी अपनी अपनी कांवड़ अर्पित की हैं। सावन कृष्ण एकादशी की वजह से कांवड़ अर्पित करने वालों की कतार लग गई है।
मेला लगेगा दो अगस्त को-
दो अगस्त को बाघोत स्थित बाघेश्वर धाम पर अपार जनसमूह उमड़ पड़ता है। यहां स्वयंभू/प्राकृतिक शिवलिंग होंने के कारण एवं ऐतिहासिक स्थल होने के कारण भीड़ उमड़ती है। निसंतानों के लिए भी यह स्थल प्रसिद्ध है। पुलिस एवं प्रशासन ने व्यापक प्रबंध किये हुए हैं। कनीना-छीथरोली मार्ग पर सड़क के किनारे खड़े पेड़ों पर रेडियम लाइट लगा दी गई हैं। इस मार्ग से सबसे अधिक वाहन एवं कांवडिय़े जाते हैं।
फोटो कैप्शन 08: राव नरेंद्र सिंह, सुमेर सिंह चेयरमैन बाघोत में शिवलिंग का अभिषेक करते हुए।







 संतान प्राप्ति की मन्नत के लिए भी जाना जाता है बाघेश्वर धाम        
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के बाघोत शिवालय पर प्राचीन पीपल का वृक्ष उन भक्तों के लिए सदा ही प्रसिद्ध रहा है जिनके कोई संतान नहीं है। कांवर लेकर आने वाले कुछ भक्त भी संतान की इच्छा रखते हैं वे भी इस पीपल के पेड़ के तने या टहनियों पर कच्चा धागा बांधते हैं।
  यूं तो किवदंति के अनुसार राजा दलीप ने ही संतान प्राप्ति के लिए यहां तप किया था और व्रत एवं उपवास के बाद ही संतान प्राप्त हुई थी। तत्पश्चात तो माना जाता है कि उन भक्तों का तांता लगा रहता है जिनके कोई संतान नहीं होती है। पुराने पीपल के पेड़ के तने पर कच्चा धागा बांधकर संतान प्राप्ति की मन्नत मांगी जाती हे। माना जाता है कि उनकी मन्नतें यहां पूर्ण होती है।
  उल्लेखनीय है कि इस पीपल की टहनियों को कच्चा धागा बांधने के लिए एक सीढ़ी की व्यवस्था भी की गई है। भक्तजन इस सीढ़ी के जरिए पेड़ की शाखा पर कच्चे धागे बांधकर भगवान भोलेनाथ को गंगाजल अर्पित करते हैं। जब उनकी यह मन्नत पूर्ण हो जाती है तो वे इस धागे को खेलकर जाते हैं। आज मेले से पूर्व ही तने व टहनियों पर भारी संख्या में धागे बंधे हुए हैं। संतान प्राप्ति की मन्नत मांगने तो दूसरे राज्यों से भी भक्तजन यहां आते हैं। सचमुच अपार श्रद्धा एवं भक्ति की बयार यहां पर बहती है। इस बार तो मेले के दिन सोमवार होना भक्तजन अपने को सौभाग्यशाली मान रहे हैं। इस दिन व्रत करने वाले, शिवभोले की आराधना करने वाले तथा मेले में गंगाजल चढ़ाने वालों की संख्या अधिक होगी वहीं कांवर भी इस दिन अधिक चढ़ेंगी।
फोटो कैप्शन 09: पीपल के पेड़ को बांधे गए कच्चे धागों का दृश्य देखे।








अब राधेश्याम गोमला ने अपने कार्यो के बल पर टिकट मांगा
-चंडीगढ़ में कार्यालय सचिव को पत्र सौंपते हुए
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कनीना की आवाज। सामाजिक कार्यकर्ता व कांग्रेसी नेता राधेश्याम गोमला ने अटेली विधानसभा क्षेत्र से पार्टी की टिकट के लिए हरियाणा कांग्रेस कमेटी कार्यालय चंडीगढ़ में आवेदन किया। आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों में गोमला ने अपने द्वारा अब तक किए गए कार्यों का विवरण संलग्न किये ।
 उन्होंने बताया कि संलग्न दस्तावेजों में राष्ट्रपति अवार्ड सहित भारत श्रीअवार्ड , हिंदुस्तान गौरव अवार्ड , द लीजेंड आफ सुभाषचंद्र बास अवार्ड के अतिरिक्त अपने लंबा संघर्ष से हरियाणा प्रदेश के सभी पूर्व सरपंचों पंचायत समिति अध्यक्षों जिला प्रमुखों को पेंशन दिलाने व साहित्यकार शामिल किये।
गोमला के सरपंच बतौर बेहद राशि में उत्कृष्ट कार्य करने के चलते उन्हें राष्ट्रपति अवार्ड मिला । गांव को देश में दूसरे नंबर पर पहुंचाया व विश्वस्तरीय पहचान दिलवाई। जिसके परिणामस्वरूप आधा दर्जन देशों के शीर्ष प्रतिनिधि गांव का बेहतरीन कार्य देखने आए । विश्व की बड़ी यूनिवर्सिटी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी सहित कई विश्वविद्यालयों के शोध छात्र यहां काम की जानकारी लेने आए। संयुक्त राष्ट्र संघ की भारत और भूटान शाखा प्रमुख ने गांव में आकर पंचायत को प्रशस्त किया। प्रदेश की तात्कालिक मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी स्पेशल रूप से पूरे प्रशासनिक अमले के साथ गांव का काम देखने आई और प्रदेश के प्रतिनिधियों को गोमला से सीखने को कहा । गांव की सुंदरता पर एक बालीवुड फिल्म की शूटिंग भी हुई ।
 अपने अनुभवों का अन्य प्रतिनिधियों को लाभ देने के लिए प्रशिक्षक बनकर पंचायती राज संस्थाओं को प्रदेश भर में प्रशिक्षित किया ।
राष्ट्रीय स्तर पर ग्राम गौरव अभियान चलाकर उत्तर प्रदेश , बिहार , उत्तराखंड , छत्तीसगढ़ , महाराष्ट्र व राजस्थान में कुछ गांवों को गोद लेकर उन्हें जागरूक किया । महाराष्ट्र में प्रख्यात अभिनेता नाना पाटेकर के साथ मिलकर एक गांव गोद लिया । वहां अद्भुत रिकॉर्ड बनाते हुए उन्होंने 1250 घरों की आबादी और ऊबड़ खाबड़ बसासत वाले गांव धोंधल गांव को मात्र मात्र 39 दिनों में सवा चार लाख के खर्चे में नए प्रारूप में तैयार कर दिया ।
2012 से पूर्व जर्जर हो चुके 1857 की क्रांति के प्रतीक नसीबपुर शहीदी स्मारक का पुनर्निर्माण कर उसे वर्तमान रूप दिया ।
जिला महेंद्रगढ़ को उसके हक का समान नहरी पानी दिलवाने हेतु 2016 में संघर्ष किया जिसके परिणाम स्वरूप सरकार के प्रतिनिधियों ने उस पर अमल किया। भूजल स्तर को ऊंचा उठाने हेतु जिला की नदियों को नहरों से जोड़कर उनमें पानी छोडऩे के लिए चलाए अभियान का नतीजा रहा कि आज जिला की नदियों की खुदाई करवाके उनमें पानी छोड़ा जा रहा है जिससे कुछ क्षेत्रों में जलस्तर बढ़ा है।
उन्होंने पटीकरा के मेडिकल कालेज में क्लासें चालू करवाई । कनीना से उन्हानी महिला कालेज तक छात्राओं के लिए विशेष बसें चलवाईं । कांटी गांव में पुलिस चौकी की मांग की जिसके कारण वहां पुलिस चौकी बनी। जब अटेली नगर पालिका के चुनाव नही करवाए जा रहे थे तो उन्होंने कानूनी बातों को आधार बना विरोध किया जिसके परिणाम स्वरूप अटेली नगरपालिका के चुनाव हुए । वर्तमान सरपंचों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। जिला महेंद्रगढ़ को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से अलग किए जाने पर विरोध किया। दादरी से अलवर तक रेलवे लाइन चलाने हेतु संघर्ष किया ।
पिछले कई सालों से राधेश्याम गोमला अपनी सामाजिक संस्था राधेश्याम गोमला सर्व समाज मंच के जरिए मांग उठाते आ रहे हैं कि अटेली को उपमंडल का दर्जा मिले। दौंगडा में उप-तहसील व एक कृषि विश्वविद्यालय बने । रेवाड़ी जिला के सहारनवास तक मंजूर हो चुकी मेट्रो रेल को भोजावास होते हुए दौंगडा अहीर तक बनाया जाए । सरकार वेदकालीन गांव बाघोत और स्याना को धार्मिक पर्यटन स्थल का दर्जा दे। अटेली विधानसभा क्षेत्र में कम से कम दस बड़े औद्योगिक संस्थान लगाए जाएं ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके । उनकी मांग है कि पंचायती राज संस्थाओं के पूर्व पंचों , पंचायत समिति सदस्यों पार्षदों व नगरपालिका के पूर्व प्रतिनिधियों को भी पेंशन दे सरकार। अहीर रेजिमेंट के लिए हर गतिविधि में उनकी भागीदारी रही है। राधेश्याम गोमला के निजी संघर्ष पर एक फिल्म भी बनने जा रही है। उन्होंने दावा किया कि उनके द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर पार्टी उन्हें टिकट देगी।
फोटो कैप्शन 05: चंडीगढ़ सिथत कांग्रेस सचिव से टिकट की मांग करते राधेश्याम गोमला।



तीज उत्सव की तैयारियां शुरू, बढ़ गई है पतंगबाजी
-सात अगस्त को है हरियाली तीज का पर्व
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कनीना की आवाज। कनीना में 7 अगस्त तीज उत्सव की तैयारियां शुरू हो गई है। इस मौके पर मेले का आयोजन भी किया जाता है।
 कनीना में हरियाली तीज के पर्व के दृष्टिगत घेवर की मिठाई खाने की रिवाज है। उधर हरियाली तीज के दिन पूरा दिन पतंगबाजी का शोर सुनाई पड़ता है। छतों पर सुबह एवं शाम को  युवा, बच्चे एवं बुजुर्ग वो मारा, वो काटा करते मिलते हैं।     हरियाली तीज से एक दिन पहले सिंधारा पर्व आता है वही तीज का पर्व आता है।
 ग्रामीण क्षेत्रों में दो प्रकार की पतंग हवा में उड़ाई जाती है। एक पतंग के पूंछ होती है दूसरी बगैर पूंछ की होती है। बगैर पूंछ की पतंग को पतंगबाजी के एक्सपर्ट जन ही लुत्फ उठा सकते हैं किंतु पूंछ वाली पतंग को छोटे बच्चे तक हवा में उड़ाकर लुत्फ लेते हैं। इन पतंगों के पेच लड़ाए जाते हैं। हरियाली तीज के दिन तो दिनभर डेक पर संगीत चलता है और छतों पर कई कई बच्चे इक_े होकर पतंगबाजी करते हैं। अभी से ही पतंग उड़ाने का शोर होने लगा है जो दिनोंदिन बढ़ता जाएगा।
फोटो कैप्शन 06: कनीना में छतों पर पतंग उड़ाते बच्चे।


 




 बाजार में घेवर की भरमार
-तीज पर्व पर होती है अधिक मांग
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कनीना की आवाज। कनीना की विभिन्न दुकानों पर घेवर की मिठाई की भरमार है। विभिन्न प्रकार की ये मिठाइयां उपलब्ध हैं जो तीज एवं सिंधारा पर्व पर उपभोग की जाती है।
 मैदा से निर्मित ऐसी मिठाई का लेन-देन तीज पर्व पर किया जाता है। महेंद्र शर्मा, सुरेश कुमार, रवि कुमार ने बताया कि मावा युक्त घेवर सबसे अधिक प्रचलित है वहीं उनकी मांग अधिक होने कारण महंगे हैं जबकि सामान्य घेवर कुछ सस्ते हैं। तीज एवं सिंधारा पर्व पर ससुराल में रह रही लड़की के परिजन उनसे मिलने आते हैं और घेवर, बताशा पेठा, आदि मिठाई उपहार स्वरूप देकर जाते हैं। बाजार में फल और सब्जियां बेशक कम नजर आए किंतु घेवर की मिठाई अधिक नजर आती है। गत कई दिनों से हलवाई घेवर की मिठाई बनाने में लगे हुए हैं ताकि लोगों की मांग पूरी हो सके।
फोटो कैप्शन 07: बाजार में उपलब्ध घेवर की मिठाई।




दुर्गा मंदिर में लगाये गये 101 पौधे
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कनीना की आवाज। कनीना में  वार्ड तीन स्थित दुर्गा माता मंदिर के पास जनशक्ति विकास  संगठन और एचडीएफसी बैंक गुरुग्राम द्वारा गो ग्रीन अभियान के तहत नींबू, जंगली जलेबी, जामुन, बेलपत्र,  साराका असोका, जामुन आदि के 101 पौधा का रोपण किया गया।  
 इस मौके पर डा देवेंद्र यादव एडीओ ने कहा कि पेड़ हमें आक्सीजन, फल, छाया और जीवन के अन्य अनेक आवश्यक तत्व प्रदान करते हैं। पेड़ लगाने से हमारा आस-पास का वातावरण हरा-भरा रहता हैं। पर्यावरण संरक्षण के बगैर जीवन की परिकल्पना नहीं की जा सकती है पर्यावरण पर हर व्यक्ति को चिन्तन करने की जरूरत है।  
उधर जनशक्ति विकास संगठन के अध्यक्ष दीपक कुमार वशिष्ठ ने कहा कि मानवीय स्वार्थ और गलत जीवनशैली की वजह से दिनों दिन ग्लोबबार्निंग बढ़ रही है। आने वाली पीढ़ी को बचाने के लिए जितने ज्यादा हम पेड़ लगाएंगे उतना ही पर्यावरण संरक्षण में योगदान मिलेगा। जिससे आने वाली पीढ़ी पौधों के महत्व से अच्छी तरह रूबरू हो सकेगी। उन्होंने कहा कि पौधारोपण करके ही आपकी जिम्मेदारी खत्म नहीं होती, बल्कि उसकों संरक्षित करने की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण होती है। इस मौके पर एचडीएफसी बैंक के अरुणवा साहा,सर्वेंद्र कुमार, अशोक, कृष्णपाल, बलवान आर्य, अशोक वर्मा,ब्लॉक समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश, पूर्व वाइस चेयरमैन विकास यादव, राहुल सरपंच खैराना, सूबेदार हीरालाल, कैप्टन पूरन सिंह, महंत बाबा राजेश,व भगत कुलदीप, सुमेर सिंह, इंद्र शर्मा आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 04: कनीना में पौधारोपण करते हुए विभिन्न पदाधिकारी।


विद्यार्थियों को वीडियो के माध्यम से समझाए यातायात के नियम
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कनीना की आवाज। पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा के निर्देशानुसार थाना यातायात प्रभारी निरीक्षक नरेश कुमार और उनकी टीम ने  कनीना के विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के नियम बताए। टीम ने बताया कि सड़क पर चलते समय किसी भी अप्रिय घटना से खुद को बचाने के लिए सड़क सुरक्षा नियमों की जानकारी होना आवश्यक है। ट्रैफिक थाना प्रभारी ने वीडियो के माध्यम से आसान तरीकों से विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के नियम बताए। ट्रैफिक पुलिस ने छात्रों को यातायात नियमों की पालना करने हेतु प्रेरित किया और कहा कि अन्य लोगों को भी प्रेरित करें।
उन्होंने छात्रों को बताया कि सड़क पर चलते समय हमें सतर्क रहना चाहिए। नियमों का पालन नहीं करने वाला अपने ही नहीं दूसरों के जीवन को भी खतरा बन सकता है। थाना प्रभारी ने विद्यार्थियों से कहा कि 18 वर्ष से कम आयु में वाहन नहीं चलाएं। बाइक पर प्रेशर हार्न का प्रयोग नहीं करना चाहिए, तेज रफ्तार से वाहन नहीं चलाना चाहिए। वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। दोपहिया वाहन पर हेलमेट और चौपहिया वाहन पर सीट बेल्ट लगाना चाहिए। उन्होंने रोड पार करने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी अवगत करवाया।
यातायात नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई मोटर वाहन एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। इसलिए 18 वर्ष से पहले बगैर लाइसेंस वाहन न चलाएं। लर्निंग लाइसेंस केवल वाहन सीखने के लिए होता है। इस दौरान भी कोई एक्सपर्ट साथ होना जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के प्रति प्रेरित करते हुए कहा कि नियमों की जानकारी होने से हादसे से बचा जा सकता है।
फोटो कैप्शन 02: वीडियो के माध्यम से यातायात के नियम समझते हुए अधिकारी





महिपाल सिंह संस्कृत शिक्षक हुये सेवानिवृत्त
-29 वर्षों की सेवा की पूर्ण
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कनीना की आवाज। राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा में कार्यरत संस्कृत शिक्षक महिपाल सिंह करीरा सेवानिवृत्त हो गए हैं।  महिपाल सिंह ने  करीब 29 सालों की विभिन्न स्कूलों में सेवा दी है। उन्होंने करीरा, ककराला ,चेलावास, धनौंदा, खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय कनीना में एबीआरसी बतौर सेवा दी है।
उनके सेवानिवृत्ति का एक सादा समारोह आयोजित किया गया। उन्होंने स्वयं इच्छा जाहिर की थी कि बिना किसी दिखावे के वह अपने सेवानिवृत्ति लेंगे। उनकी इच्छा के अनुसार उन्हें सादे समारोह में सेवानिवृत्ति दी गई। मिली जानकारी के अनुसार वे करीब 7 सालों से धनौंदा में रहे हैं। वे मिलनसार तथा गंभीर प्रकृति के व्यक्ति रहे हैं। हस्तरेखा की जानकारी तथा आधुनिक कृषि में उनका गहन अध्ययन व  रुचि रही है। इसलिए अब हस्त रेखा तथा कृषि कार्यों के जरिये जन सेवा करेंगे।
महिपाल सिंह ने बताया कि अब हुए चाहते हैं कि शेष जीवन लोगों की सेवा करें, चाहे किसान के रूप में ही सेवा दी जाए। जग में किसान को दूसरा भगवान मानते है और अच्छी पैदावार करके लोगों की सेवा करना भी धर्म का काम है। महिपाल सिंह विद्यालयों के मुखियाओं के बायें हाथ माने जाते रहे हैं। हर विद्यालय का मुखिया उनकी बात को सर्वोपरि मानकर करता रहा है। इस मौके पर विद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
 फोटो कैप्शन 03: सेवानिवत्त हो रहे महिपाल सिंह







नेशनल व इंटरनेशनल खेल प्रतियोगिताओं में मेडल प्राप्त किये
-अब सरकारी नौकरी का इंतजार
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव बाघोत में पैदा होने वाले लड़के ने विभिन्न राज्यों में ही नहीं बल्कि देश में अपने नाम का झंडा फहरा दिया किंंतु सरकार ने उन्हें कोई नौकरी तक नहीं दी है।
 राजवीर के परिजनों ने बताया कि 1991 में जागेराम गुर्जर के घर रेशमा देवी की कोख से पैदा हुए राजवीर के जन्म को 9 महीने भी पूरे नहीं हुए थे जब उसको एक दिन बुखार हो गया था जिसको लेकर परिजनों ने राजवीर को गांव के निजी चिकित्सक को दिखाया तो उन्होंने उसे दवाइयां देते हुए एक इंजेक्शन भी लगा दिया ताकि बुखार जल्दी उतर जाए लेकिन बुखार तो  उतर गया साथ में राजवीर का एक पैर गलत इंजेक्शन की वजह से अपाहिज हो गया जिसको लेकर परिजनों में उसे कई अस्पतालों में भी दिखाया लेकिन वहां रिजल्ट शून्य ही रहा वहीं परिजनों ने बताया जैसे-जैसे  राजवीर बड़ा होता चला गया तो उन्होंने ने अपने गांव के स्कूल से ही शिक्षा दीक्षा ली और 2008 में करनाल में हुए पहले स्टेट कंपटीशन में राजवीर ने स्विमिंग खेल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल प्राप्त कर अपने गांव का ही नहीं बल्कि जिले और प्रदेश का नाम रोशन किया। वही इसके बाद राजवीर की खेलों में रुचि बढ़ती ही चली गई और  2008 में नेशनल खेल प्रतियोगिता कोलकोता में आयोजित की गई जिसमें उन्होंने एक पैर से अपाहिज होने के बाद भी एक गोल्ड एक सिल्वर तथा एक कास्य मेडल प्राप्त किया वहीं परिजनों ने यह भी बताया 2009 में भिवानी तथा मधुबन पुलिस लाइन में शुरू हुई स्विमिंग स्टेट खेल प्रतियोगिता में तीन गोल्ड मेडल प्राप्त किये वही 2010 में एक प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसने राजवीर ने चार  गोल्ड प्राप्त किये तथा इसी वर्ष महाराष्ट्र में वेलपर पोलो में राजगीर ने अपनी ताकत दिखाते हुए गोल्ड झटका। 2011 में मधुबन पुलिस लाइन में होने वाले स्टेट के खेलों में राजवीर द्वारा  हिस्सा लिया जिसमें उन्होंने एक गोल्ड एक सिल्वर एक  ब्रोंज मेडल प्राप्त किये। राजस्थान के जयपुर शहर में नेशनल वाटर स्विमिंग में सिल्वर मेडल तथा रिले में गोल्ड मेडल प्राप्त कर हरियाणा का नाम रोशन किया वही महाराष्ट्र के सतारा में होने नेशनल  तीरंदाजी की  प्रतियोगिता में राजवीर ने फिर कड़ी मेहनत कर तीन गोल्ड प्राप्त किये। वही प्रदेश की भिवानी में होने वाली प्रतियोगिता में डाबर डिग्गी में खेलो ट्राई ली गई जिसमें राजवीर का नेशनल में सिलेक्शन हुआ। परिजनों का यह भी कहना है 2013-14 में इलाहाबाद में होने वाली नेशनल खेल प्रतियोगिता में राजवीर में तीन गोल्ड दो सिल्वर और एक ब्रांच मेडल प्राप्त कर अपने जिले का ही नहीं बल्कि प्रदेश का का भी नाम रोशन किया है।
 वही राजवीर के परिजनों ने बताया कि 4 मई 2024 को दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में एक ट्रायल कराया गया जिसमें राजवीर ने ट्रायल सिलेक्शन प्राप्त करते हुए 2025 में लंदन शहर में होने वाले 40 किलोमीटर की स्स्विमिंग खेल प्रतियोगिता के लिए चुना गया है जिसको लेकर क्षेत्र में खुशी की लहर है। वही वही बाघेश्वर धाम के अजीत गुर्जर द्वारा एक लाख रुपये की राशि देकर राजवीर को सम्मानित किया गया है।
एक गांव से निकाल कर स्टेट नेशनल तथा इंटरनेशनल तक अपने खेलों की धाक जमाने वाले खिलाड़ी को आज तक सरकार द्वारा कोई सरकारी नौकरी नहीं दी गई है। क्षेत्र के सैकड़ो लोगों ने खेल मंत्री कवर संजय सिंह मुख्यमंत्री  नायब सैनी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग कर राजवीर को प्रदेश में बड़े से बड़ी नौकरी दिलाने की गुहार लगाई है ताकि इस क्षेत्र के खिलाडिय़ों का और मनोबल बढ़ सके ।
फोटो कैप्शन 01:राजवीर अपने मैडल दिखाते हुए फोटो



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