चुनाव नजदीक आते है तो सरकार राजनीतिक द्वेष भावना के चलते ईडी दुरुपयोग करती है-राव नरेंद्र
-राव नरेंद्र सिंह ने की प्रेस वार्ता
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कनीना की आवाज। हरियाणा के पूर्व मंत्री राव नरेंद्र सिंह ने कनीना के बलराम समारोह में एक पत्रकार वार्ता में कहा कि अटेली मांगे हिसाब के तहत कहा कि चुनाव नजदीक आते है तो सरकार राजनीतिक द्वेष भावना के चलते ईडी दुरुपयोग करती है।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश के सभी 90 विधानसभाओं में में डोर टू डोर के माध्यम से जनसम्पर्क किया जाएगा व साथ ही इस अभियान के दौरान कांग्रेस पार्टी के संकल्प बताने के साथ साथ लोगों की उम्मीदों व आकांक्षाओं से जुड़े सुझाव एकत्रित करके पार्टी द्वारा तैयार किये जा रहे जनता के घोषणा पत्र में शामिल करवाने का काम किया जाएगा।
इस अवसर पर राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से 2014 में चौ भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस समय के दौरान जो हरियाणा प्रदेश प्रति व्यक्ति आय व प्रति व्यक्ति निवेश में प्रथम स्थान पर था आज वही हरियाणा प्रदेश बेरोजगारी , महंगाई , अपराध जैसे मुद्दों में प्रथम स्थान पर पहुंच गया है , जिसका नतीजा यह है कि आज हरियाणा प्रदेश देश का सबसे असुरक्षित राज्य बन गया है ।
राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में जिस प्रकार से कांग्रेस के पक्ष में मतों का 20 प्रतिशत से अधिक इजाफा हुआ है और प्रदेश की जनता ने इस चुनाव में भाजपा को हाफ करने का काम किया व अब पूरा मन बना लिया है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को साफ करने का काम करेगी ।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराध बढ़ गये हैं। विपक्ष सरकार से हिसाब मांगती है किंतु सरकार उल्टे कांगे्रस से ही हिसाब की बात कह रही है। कांग्रेस हिसाब देने को तैयार है किंतु सरकार भी तो हिसाब दे। इस मौके पर सुमेर सिंह चेयरमैन, कृष्ण प्रकाश, विजेंद्र सिंह, रतनलाल शर्मा सहित विभिन्न जन मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 04: राव नरेंद्र सिंह पोता गांव में संपर्क करते हुए।
भारतीय किसान संघ का पौधारोपण एवं आश्रम का निरीक्षण
--पदाधिकारियों ने पूछा हालचाल
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कनीना की आवाज। शांति कुंज अनाथ बेसहारा आश्रम मोड़ी में भारतीय किसान संघ के प्रांतीय सदस्य आए और एक पौधा मां के नाम पौधारोपण अभियान में आश्रम मोड़ी में पौधे लगाए। संघ पदाधिकारी आश्रम में रह रहे आश्रित लोगों से मिले एवं उनका हाल चाल पूछा। आए हुए सदस्य कुछ पल के लिए आश्रित लोगों के दु:ख में भाव विभोर हो गए और इनके साथ में काफी समय बिताया।
देवेंद्र यादव एडीओ ने कहा की ऐसी स्थिति भगवान किसी को भी न दे, इनमें अधिकतर लोग बिलकुल की दिमाग से कमजोर हालत में हैं जिनका दिमाग काम ही नहीं करता। सरपंच बिजेंद्र सिंह चौहान ने कहा की जैसे हमने कुछ लोगों से सुना यहां उसके विपरीत देखने को मिला है। सच में यह मानवता धर्म को अपनाते हुए मानव सेवा की जा रही है। समाज में विभिन्न प्रकार की भ्रांति फैलाई जाति है लेकिन यह सचाई का धर्म है। मेरा मन को शांति मिली है। अशोक कनीना ने बताया की यह वाकई में बहुत बड़ा कार्य है इसको करने में बहुत बड़ा दिल चाहिए। उन्होंने कहा की मैं पवन राठौड़ और उसकी टीम का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने इस काम को किया। इस अवसर पर संस्था के काफी लोग मौजूद थे। आए हुए सदस्यों को पौधे वितरण किए। संघ में अभी तक 500 से ज्यादा पौधे लगा दिए है और आगे भी पौधारोपण का सिलसिला जारी रहेगा। संघ के सदस्यों ने जन को संदेश दिया की ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए और उनकी देखभाल भी करे। उन्होंने बताया की पौधे है तो मानव, जीव जंतुओं का जीवन है अन्यथा जीवन यापन करना बहुत मुश्किल होगा।
इस दौरान संघ का समूह में देवेंद्र यादव भूतपूर्व कृषि अधिकारी, बिजेंद्र सिंह चौहान भूतपूर्व सरपंच इसराना, अशोक कनीना मास्टर रामबास आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 03: संघ के पदाधिकारी पौधारोपण करते हुए।
हजारों वृक्ष लगाये हैं सुरेश कुमार
वृक्षों की सेवा में जुटे रहते हैं
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कनीना की आवाज। करीरा के सुरेश कुमार वहीं वे वर्षों से पेड़ों की सुरक्षा में लीन है। उनकी एक वाटिका पंचवटी वाटिका नाम से प्रसिद्ध है। इसमें लगाए गए पेड़ अब बड़े हो गए हैं और उनकी देखभाल में अभी से जुटे हुए हैं।
करीरा के प्रसिद्ध राजा वाली बणी नाम से जानी जाती है जहां तक पहुंचने के लिए पक्का मार्ग वर्तमान सरपंच ने निर्मित करवा दिया है। इसी सड़क मार्ग पर जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा के पीछे उनकी एक छोटी सी वाटिका है जिसका नाम पंचवटी वाटिका है। इस वाटिका में जहां उन्होंने कनेर, बेलपत्र, सेमल, नीम, कीकर आदि उगा रखे हैं वहीं गुजरने रोड के साथ-साथ भी अब उन्होंने पेड़ पौधे लगाने शुरू कर दिए हैं। जहां भी वो जाते हैं लोगों से विवाह शादी, किसी उत्सव या किसी बुजुर्ग की मृत्यु पर उनके परिजनों, सरकारी सेवा में लगने पर उनके हाथों से एक एक पेड़ लगाते हैं और उसकी देखभाल करते हैं। उन्हें नियमित पानी देना तथा उनकी कटाई छटाई करने जिम्मेदारी उन्हीं पर है। सुरेश कुमार के पिता निहाल सिंह भी उनकी मदद करते हैं। उनका एक ही सपना विगत 15 वर्षों से चला आ रहा है कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए और उन्हें भी वृक्ष मित्र नाम से जाना जाए। इसलिए दिन रात जुटे हुए हैं। कई बार अपनी इस सेवा के बल पर सम्मानित हो चुके हैं।
हर वर्ष राजावाली बणी में लगने वाले हनुमान मेले के समय तक इस मार्ग को हरा-भरा बना देते हैं। उनका कहना है कि इस बार जहां सर्दी अधिक पडऩे से अधिकांश पेड़ों की पत्तियां खत्म हो गई थी किंतु देखरेख के कारण जल्दी इन पर पत्तियां लौट आई। जहां पंचायत भी उनका पूरा सहयोग कर रही है वहीं वे पानी डालकर पेड़ों की देखरेख कर रहे हैं। उनके दोस्त भी इस काम में हाथ बंटा रहे हैं। उनका कहना है कि पेड़ की देखभाल एक बच्चे के समान करनी पड़ती है। पंचायतों तथा विभिन्न लोगों से उनको सहयोग मिल रहा है और उनके काम को की प्रेरणा दूरदराज तक पहुंच रही है।
सुरेश कुमार का कहना है कि आने वाले समय में यदि कोई वस्तु संसार को सुरक्षित रख सकती है तो पेड़ पौधे हैं। इसलिए पेड़ पौधों की अधिक से अधिक लगाए जाने की मांग कर रहे हैं और स्वयं भी पेड़ पौधे लगा रहे हैं। उनके साथ ही सहयोगी भी उसके इस काम में मदद कर रहे हैं। उनकी पंचवटी पार्क में हजारों पेड़ पौधे लगे हुए हैं तथा विभिन्न कर्मी, समाजसेवी, अधिकारी जुड़े हुए हैं।
फोटो कैप्शन 02:सुरेश कुमार की पंचवटी पार्क एवं सुरेश कुमार।
सावन के सोमवार व्रत के लिए होते हैं बेहतर
-सावन सोमवार 22 जुलाई से शुरू
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कनीना की आवाज। सावन के सोमवार व्रत के लिए बेहतर माने जाते हैं। किसी भी भक्त को 15 सोमवार के व्रत करने चाहिए। ये विचार पंडित दिनेश जोशी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि 22 जुलाई से सावन शुरू होगा और उसी दिन सोमवार है। सावन का आगाज सोमवार से हो रहा है। सावन में माह मदमाने वाला होता है।
सोमवार को शिवभोले की विधि विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए। शिवभोले कम से प्रसन्न हो जाते हैं और जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि भक्त अपने घरों में भी इष्टदेव को विधि विधान से याद कर सकता है। उन्होंने कहा कि जहां सावन माह में अधिक बारिश होती है, भगवान भोले को विशेष रूप से याद किया जाता है। इसलिए भगवान भोले की प्रार्थना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सोमवार का व्रत शुरू करने वालों के लिए सावन मास ही सबसे बेहतर होता है। उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा अर्चना की जाती तत्पश्चात सावन शुरू हो जाता है। इस बार सावन माह में पांच सोमवार आएंगे तो सबसे बड़ी खुशी की बात है। यूं तो पूरे सावन माह में शिव भोले को याद करना चाहिए लेकिन समय रहते हुए सावन में व्रत जरूर करना चाहिए और सावन माह में आने वाली माह शिवरात्रि के दिन व्रत रखा जा सकता है।
उन्होंने बताया कि 22 जुलाई के बाद 29 जुलाई, 5 अगस्त, 12 अगस्त और 19 अगस्त को सोमवार रहेगा। इस बार सावन माह सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही समाप्त होगा। ऐसे में सावन माह की महिमा बढ़ गई है। सावन माह में जयकारे लगते रहते हैं और शिव को याद किया जाता है। उन्होंने बताया कि चार माह तक श्री हरि शयन के लिए चले जाते हैं और पूरे ब्रह्मांड में शिव का राज शुरू हो जाता है। ऐसे में भी शिव आराधना सबसे बेहतर होती है। यूं तो पूरे ही विश्व में सबसे अधिक पूजे जाने वाले देव शिव भोले हैं। ऐसे में शिव की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। इससे तन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
फोटो केप्शन: पंडित दिनेश जोशी
सिहोर में आयोजित हुई जल चौपाल
-जल संरक्षण पर दिया बल
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव सिहोर में सरपंच हरीश कुमार जी की अध्यक्षता में जल चौपाल का आयोजन किया गया। मुख्य रूप से ग्राम जल एवं सीवरेज समिति प्रशिक्षण विषय पर जोर दिया गया।
इस अवसर पर विभाग से खंड संसाधन संयोजक मोहित कुमार ने पेयजल सप्लाई को सुचारु रूप से चलाने के लिए विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। बीआरसी मोहित कुमार ने पानी समिति के कार्य एवं दायित्व के बारे बताया।
पानी की शुद्धता व गुणवत्ता की एफटीके के माध्यम से उपभोक्ता घर बैठे जांच कैसे करें, गन्दे पानी से होने वाली बीमारियों के बचाव ,जल संरक्षण, जल जीवन मिशन, खुले चल रहे नलों पर टोंटी लगवाने,पानी की बर्बादी को रोकने,पीने के पानी के उचित रखरखाव व टेक मैटीरियल वितरित किये गये। डायरिया रोग की रोकथाम के लिए स्वच्छता पर जोर दिया।
कार्यक्रम के अंत में ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्यों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर अटल भूजल योजना मास्टर ट्रेनर्स विनय कुमार ने अटल भूजल योजना के तहत चल रही है स्कीमों के बारे में उपस्थित ग्रामीणों को बताया जिससे किसान कम लागत और कम समय में अधिक उत्पादन कर सकते हैं
साथ-साथ भूजल संरक्षण भी हो सकेगा
कार्यक्रम में ,सहायक ट्रेनर सीमा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता राजबाला,मोटर चालक कुलदीप , सुबे सिंह, अशोक, दयानंद , सुनील, रघुवीर सिंह, नरेश कुमार, शांति देवी, आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: भूजल संरक्षण की जानकारी देते हुए जल एवं सीवरेज समिति सदस्य
विगत वर्ष की तुलना में हुई है कनीना क्षेत्र में कम वर्षा
-किसान अच्छी वर्षा का कर रहे हैं इंतजार
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कनीना की आवाज। कनीना एवं आस पास इस वर्ष अल्प वर्षा हुई है जो कि विगत वर्ष अच्छी वर्षा हुई थी। सावन माह 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। अकेले सावन माह में 152 एमएम वर्षा हुई थी जो जबकि विगत वर्ष जून और जुलाई में वर्षा 320 एमएम वर्षा दर्ज की गई थी।
यहां उल्लेखनीय है कि इस वर्ष बाजरा फसल की बिजाई भी देरी से हो पाई है। विगत वर्ष की तुलना में करीब दो सप्ताह देरी से हो पाई है। यही कारण है कि किसान इस वर्ष कुछ परेशान नजर आ रहे हैं। एक तो देरी से फसल बिजाई हुई है वही अगली फसल के लिए कम समय बचेगा वहीं वर्षा भी कम हुई है। विगत वर्ष जहां बादल जमकर बरसे थे, सावन में अच्छी वर्षा हुई थी किंतु इस वर्ष अभी तक अल्प वर्षा हुई है।
क्योंकि कनीना और आसपास डार्क जोन को घोषित किया हुआ हैं। भूमिगत जल गहरा होता जा रहा है, यदि अच्छी वर्षा हो जाए तो भूमिगत जल में बढ़ोतरी हो सकती है। पूरे वर्ष में महज सावन माह के आसपास अच्छी वर्षा होती आई है जो भूमिगत जलस्तर को बढ़ावा देता है। वर्ष 1995 में सबसे अधिक वर्षा हुई थी, जब चारों ओर बाढ़ आ गई थी किंतु तब से लेकर आज तक करीब 29 साल बीत गए हैं अच्छी वर्षा नहीं हो पाई है। किसान कृष्ण कुमार, रवि कुमार, दिनेश कुमार, महेंद्र आदि ने बताया कि वो अच्छी वर्षा का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि कनीना और आसपास रेतीली मिट्टी है जो पानी को आसानी से सोख लेती है। अगर अच्छी वर्षा हो जाए तो भूमिगत जल में बढ़ोतरी तो होगी ही साथ में बाजरे की भी अच्छी पैदावार होगी। इस वक्त बाजरा उगाया गया है जिसकी अच्छी पैदावार होने की संभावना है। किसानों ने बताया कि एक अक्टूबर से रबी फसल की बिजाई शुरू हो जाती है। यदि वर्षा अच्छी होती है तो रबी फसल भी बेहतर बन पाएगी। चाहे बाजरे की फसल चारे के रूप में उगाई जाती है और क्षेत्र के किसान पशुपालक हैं।पशुपालकों के लिए चारा भी जरूरी है। यही कारण है कि किसान अब अच्छी बारिश होने का विशेष कर सावन माह की और नजर दौड़ा रहे हैं। सावन माह में अच्छी वर्षा होती है तो निश्चित रूप से किसानों को खुशी का एहसास होगा।
इस संबंध में पूर्व एडीओ देवेंद्र यादव का कहना है कि हो सकता है कि सावन माह में बेहतर वर्षा हो जाए और विगत वर्ष की तुलना में बेहतर वर्षा हो जाए। अब सावन माह का इंतजार कर लो।
फोटो कैप्शन: पूर्व एडीओ डा देवेंद्र यादव
गुरु पूर्णिमा -21 जुलाई को
गुरुओं से लिया जाएगा आशीर्वाद, इसके बाद शुरू हो जाती है कावड़ यात्रा
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कनीना की आवाज। 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। तत्पश्चात 22 जुलाई से सावन माह लग जायेगा।
गुरु पूर्णिमा के पर्व पर जहां पुराने समय से विधान है कि गुरु करीब 4 महीने एक ही जगह बैठकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं और सभी अंधकार दूर कर देते हैं इसलिए गुरु की पूजा की जाती है।
विस्तृत जानकारी देते हुए अरविंद जोशी ने बताया की महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास जिन्हें वेदव्यास भी कहा जाता है, का जन्मदिन इसी दिन हुआ था उन्होंने चारों वेदों की रचना की थी। उन्हें आदिगुरु कहा जाता है इसलिए गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है और इस दिन को व्यास वेद व्यास पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है। भक्ति काल के समय संत घीसा राम जो कबीर दास के शिष्य थे का भी जन्म इसी दिन हुआ था।
गुरु पूर्णिमा के दिन जहां हरिद्वार के गंगा में डुबकी लगाने लाखों लोग पहुंचते हैं। हजारों की संख्या में भक्त हरिद्वार रवाना हो चुके हैं।
विधि विधान से पूर्ण करें गुरु पूर्णिमा पर्व-
मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के ही दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, यही वजह है कि इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार संसार के प्रथम गुरु भगवान शिव को माना जाता है जिनके सप्तऋषि गण शिष्य थे। उसके बाद गुरुओं की परंपरा में भगवान दत्तात्रेय का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के आशीर्वाद से धन संपत्ति, सुख शांति और वैभव का वरदान पाया जा सकता है. हिन्दू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है. माना जाता है कि गुरु का स्थान सर्वश्रेष्ठ होता है। गुरु भगवान से भी ऊपर होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वो गुरु ही होता है जो व्यक्ति को अज्ञानता के अंधकार से उबारकर सही रास्ता दिखाता है।
भक्त निजी साधनों से हरिद्वार रचवाना हो चुके हैं। 21 जुलाई को गंगा में डुबकी लगाकर वापस चलेंगे। उधर कांवड़ लाने के लिए भी भक्त रवाना हो रहे हैं। रानी, राधा, कमला, सुनीता आदि ने बताया कि वे भी गंगा में स्नान करके अपने आपको धन्य समझेंगी।
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