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Monday, July 8, 2024
आ गया वक्त फोटो खिंचवाने का, पौधे लगाकर दर्शन हो जाते हैं दुर्लभ
-लगाये जाते हैं लाखों पौधे बचते हैं कितने?
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कनीना की आवाज। लो आ गया है मुफ्त में अखबार में फोटो छपवाने का। पौधे लगाओं , अखबार में फोटो छपवाओ और पौधों को भूल जाओ। विभिन्न लोग पौधारोपण के नाम पर टूटे-फूटे पौधे लगाकर नाम कमाना चाहते हैं। हकीकत यह है कि हर वर्ष लाखों पौधे लगाए जाते हैं किंतु कितने बच पाते हैं और कितने लोग उनकी देखरेख करने आते हैं? क्या कभी दोबारा पानी डालने के लिए कोई आया है? हजारों में एक आध इन पौधों की सुध लेने के लिए आता है। ऐसे में मुफ्त में अखबारों में नाम कमाने के लिए लोग फोटो खिंचवा लेते हैं और नाम बड़े-बड़े अक्षरों में छपवाने की चाहत रखते हैं। ऐसे में लोगों से अपील है कि पौधारोपण करें, एक पौधे से पौधारोपण नहीं कम से कम एक जगह 5 से 10 पौधे तो जरूर लगाए और उनकी सेवा भी करें। यह नहीं की एक बार पौधे लगा दिए और फिर दोबारा मुड़कर ही नहीं देखे। यह दुर्भाग्य होगा। लोग हल्दी लगे ना फिटकरी और रंगा आए चौखा वाली कहावत पर चलते हुए मुफ्त में नाम कमाना चाहते हैं। ऐसे लोगों को पहचान करनी चाहिए।
फिर तुम्हारी याद आई.......
-याद आने लगे सरकारी स्कूल और बीएसएनएल की सिम
-बीता हुआ जमाना फिर लौट कर आएगा
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कनीना की आवाज। इतिहास अपने आप को दोहराता है। यह कहावत पुरानी चीजों पर लागू होती है। बीएसएनएल की बजाय अन्य कई कंपनियों ने रिचार्ज की राशि बढ़ा दी है तब बीएसएनएल की याद आ गई है। कहावत है 12 बरस में कुरड़ी की भी बावड़ती है।
एक जमाना था जब बीएसएनएल की सिम लंबी कतार लगाकर, घंटों इंतजार करके मिल पाती थी और फिर वह दौर आया कि लो मुफ्त के चक्कर और सस्ते के चक्कर में ऐसे फंसे कि अपनी बीएसएनएल की सिम ही बदल डाली। परिणाम यह निकला कि आज वो कंपनियां ठेंगा दिखा रही है, दिखाना भी चाहिए ताकि लोगों को सबक मिले। जब लोगों को ठोकर लगेगी तभी सबक मिलती है। ऐसे में अब बीएसएनएल का भविष्य उज्ज्वल नजर आता है और होना भी चाहिए। सभी को एक साथ बीएसएनएल की सिम लेनी चाहिए और दूसरी कंपनियों को टाटा-टाटा बाय बाय कर देना चाहिए ताकि उनकी भी अकल दुरुस्त हो जाए। वरना यूं ही लूटने पीटते रहे तो आने वाले समय बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इतिहास अपने आप को दोहराता यह कहावत शत प्रतिशत सत्य है। यह बात सरकारी स्कूलों पर भी लागू होगी। लोग दिनों दिन निजी स्कूलों में लुटते पीटते रहते हैं, आने वाले समय में फिर से सरकारी स्कूलों की मांग बढ़ेगी क्योंकि इंसान कितनी सहन करें। चाहे किताब, ड्रेस, कापी या कोई अन्य वस्तु खरीदनी हो निजी स्कूलों से मिलती है। जो किताब सरकारी तौर पर 50 रुपये की मिलती है वहीं निजी प्रकाशक की मोहर लगाकर 500 रुपये में बेची जाती है। भारी कमीशन लिया जाता है, ड्रेस पर भी कमीशन, बच्चों से भी कमीशन और फिर भी अपने बच्चों को ट्यूशन करवाना पड़ता है। घर पर पढ़ाना पड़ता है, जमकर पढऩा पड़ता है, जल्दी उठकर बच्चों को भेजने, उनके टिफिन पैक करके देने पड़ते हैं। उधर सरकारी स्कूलों में कितनी ही सुविधाएं दी जा रही है। ऐसे में सरकारी स्कूलों की ओर रुझान निश्चित रूप से बढ़ेगा और बढ़ाना भी चाहिए। बुजुर्ग सभी सरकारी स्कूलों में पढ़े हैं क्योंकि यह सत्य है कि उस जमाने में आधुनिक सुविधाएं नहीं थी। यह कह देते हैं कि निजी स्कूलों की वजह से ज्ञानवान बने हैं। आधुनिक युग बहुत आगे पहुंच चुका है, हर सुख सुविधा, हर प्रकार की तकनीकी आने से लोगों में काफी सुधार आया जिसका परिणाम यह है कि लोग जागरूक हो गए हैं। आज सरकारी स्कूलों में अच्छे विद्यार्थियों को तो किसी हाल में नहीं छोड़ा जाता है, फिर भी फिर भी सरकारी स्कूलों की मांग इतनी अच्छी है क्योंकि सरकारी स्कूलों के बच्चे हर क्षेत्र में अग्रणी होते हैं। तो यह खुशी का अवसर है कि बीएसएनएल और सरकारी स्कूलों की मांग धीरे-धीरे पढऩे लगी है। अगर सरकार चाहे तो यह वक्त है साथ में जब लोग चाहे तो यह वक्त है कि दोनों की मांग आसमान तक पहुंचाई जा सकती है ताकि सरकारी स्कूलों में नौकरियां भी उपलब्ध हो पाए और वहीं भविष्य भी उज्ज्वल बन सके।
गाय प्रशंसा दिवस -9 जुलाई
-गाय के प्रति फिर से लगाव बढ़ा है लोगों का-हुकुमचंद
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कनीना की आवाज। जहां बुजुर्गों ने लंबे समय तक गायों को पालकर माता का दर्जा दिया। उनका दूध, घी, मक्खन, दही प्रयोग करके यहां तक की अपना भी पेट पाला और दूसरों के लिए भी खाद्य वस्तुएं उपलब्ध करवाई गई। बीच का एक दौर एक ऐसा भी रहा है जब गाय के प्रति लोगों का रुझान घट गया था लेकिन कोरोना काल जैसी आपदा ने बहुत सी चीजों के प्रति लगाव बढ़ा दिया। जिला महेंद्रगढ़ के बाबा रामदेव ने गायों के संवर्धन में अहम भूमिका निभाई है। कभी हर घर में गाय होती थी फिर ऐसा दौर आया की बैल की मांग घट गई जिससे गायों की भी कद्र घट गई। एक बार फिर से 30 से 40 प्रतिशत लोगों के घरों में गाय बंधी हुई है, वो भी देसी गाय। बुजुर्ग बताते हैं कि जिस घर में गाय होती है उस घर में निर्धनता कभी नहीं आती। यही कारण है कि अब लोग देसी गाय का घी, दूध, मक्खन आदि प्रयोग करने लगे हैं ताकि रोगों से छुटकारा मिल सके। लोगों से संबंध में चर्चा हुई जो गोपालक हैं।
**गाय केप्रति एक बार फिर से लगाव बढ़ा है। लोग गौशाला में से दूध ले जाने के लिए आतुर रहते हैं परंतु दूध पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पाता। अधिकांश दूध खरीद कर ले जाने वालों का यही कहना है कि बच्चों को बीमारी से बचाना है अर्थात लोगों की सोच बदल गई है। विभिन्न प्रकार के रोगों से बचाने के लिए अब गाय का दूध और घी प्रयोग करने लग गए हैं। यह गौ माता का बेहतर सम्मान है।
प्रधान कनीना गौशाला हुकुमचंद आर्य
लंबे समय से गाय पाल रहे परिवार का कहना है कि गाय का घी, दूध प्रयोग करने से सारा परिवार खुश है, रोगों से बचा हुआ है। गाय को जो माता का दर्जा दिया गया है तो हमें गाय की सेवा भी करनी चाहिए। यूं तो हर घर में एक रोटी गाय के लिए जरूर बनाई जाने लगी है परंतु गायों के प्रति अभी जो लगाव होना चाहिए था वह नहीं बन पाया है। अभी और लगाव की जरूरत है ताकि गायों की सेवा की जा सके।
-- बलवान सिंह आर्य, कनीना
परिवार में गाय पालने का परिणाम यह निकला है कि घर में खुशहाली आ गई है। गाय के कारण पर्याप्त दूध और मक्खन उपलब्ध है। अब आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ बाहर से दूध लाने से बच रहे हैं तथा और रोगों से भी बचाव हो रहा है। मैं यह चाहता हूं कि हर घर में गाय हो जिसे माता का दर्जा दिया गया है। इसलिए गाय की सेवा भी की जाए, तभी जाकर गायों के प्रति सेवा भाव अग्रसर होगा।
-- योगेश कुमार गोपालक,कनीना
फोटो कैप्शन 08: गाय की सेवा करती महिला साथ में बलवान सिंह आर्य, हुकुम चांद ,योगेश यादव
पर्यावरण विषय पर चला जागरूकता अभियान
- शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने मिलकर लगाए पौधे
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सीहोर में पर्यावरण जन चेतना समिति द्वारा पर्यावरण बचाओ, देश बचाओ, पानी बचाओ ,देश बचाओ पालीथिन मुक्त भारत आदि विषयों पर भावी पीढ़ी को जागरूक किया।
प्राचार्य हरीश यादव ने समिति ने कहा कि जल प्रकृति के अनमोल धरोहर है। वृक्ष एवं जल संरक्षण, पालीथिन मुक्त भारत निर्माण यही हर जन का सपना होना चाहिए।
समिति के अध्यक्ष इंद्र शर्मा ने जमीन एवं जल संरक्षण पर बल दिया। जल है तो कल है जल की बूंद बूंद बचाओ के विषय में बच्चों को बताया कि अनावश्यक जल न बहाओ तथा परिवार को जागरूक करें। समिति के उपाध्यक्ष गजराज सिंह ने अपने में बताया कि जंगल, जन, जमीन, जल और जीवों का संरक्षण करना जरूरी है ताकि आने वाली पीढिय़ां आपको याद करें। सूरत सिंह समिति के सचिव ने पर्यावरण पर विस्तार से बताया और कहा कि मनुष्य में को जीवन में अधिक से अधिक पेड़ लगाकर कम से कम 3 वर्ष तक उसकी देखरेख करनी चाहिए ताकि पौधा पेड़ बनाकर पर्यावरण में आक्सीजन प्रदान कर सके। अभियान को सफल बनाने के लिए भी शपथ दिलाई गई। स्टाफ एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 09:स्कूल परिसर में पौधारोपण करते हुए।
फैशन दिवस- 9 जुलाई
फैशन के संक्रमण काल से गुजर रही है युवा पीढ़ी
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कनीना की आवाज। हर 10 वर्ष के करीब फैशन बदलता रहता है। कभी फिल्मी हीरो- हीरोइन के कपड़े देखकर फैशन बदल जाता था किंतु अचानक तेजी से फैशन में बदलाव किया जाने लगा है। विगत कुछ अर्से से फैशन की सारी हदें पार कर दी हैं। यहां तक की फैशन का प्रचलन बहुत बढ़ा था। सिले सिलाये कपड़े मंगवाकर पहनना, कटे-फटे कपड़े पहनना, एक बहुत बड़ा फैशन चला। लड़कियां भी फैशन में किसी से कम नहीं रही किंतु वर्तमान समय फैशन के संक्रमण काल से गुजर रहे हैं।
वर्तमान में एक बार फिर से सिले सिलाये कपड़ों की अपेक्षा अपनी मनपसंद के कपड़े सिलवाने में विश्वास करने लगे हैं।। क्षेत्र के कुछ कपड़े सिलने वाले तथा अन्य लोगों से इस संबंध में चर्चा की गई।
***वर्तमान दौर फैशन के संक्रमण काल से गुजर रहा है। प्रतिदिन 50-60 युवा आते हैं जो पुराने समय के फैशन को भूलकर वर्तमान समय में ऐंकल/टखनों तक की पेंट आदि पहनने तथा टाइट कपड़े अधिक पहनना पसंद करते हैं। एक वक्त था जब लोग ढीले ढाले कपड़ों को पसंद करते थे। यहां तक की कटे-फटे कपड़ों का दौर आया। अब तो उनको भूलकर सादे कपड़े सिलवाने पर उतर आये हैं।
-- मनोज कुमार, फैशन का दौर देखने वाला
युवा पीढ़ी अधिक फैशन करती है, यहां तक की बालों की स्टाइल कपड़ों का बदलना और रंग आदि कितनी बातों पर गौर करते हैं। जब चलते है तो अपने कपड़ों पर कई बार नजर दौड़ आते हैं परंतु वह दौर अब धीरे-धीरे बीत चुका है। अब तो सिले सिलाये कपड़ों को कम पसंद करने लगे हैं। क्योंकि यह महंगे होते हैं और सिकुडऩे की संभावना अधिक महंगे होते हैं। ऐसे मनपसंद कपड़े अधिक सिलवाने लगे हैं।
-- राहुल कुमार कनीनावासी
लंबे समय से कपड़े सिलने का काम करते हुए अनेक दौरों से गुजरते देखा है। कभी फैशन बदला है, कभी लोग बदले हैं। कभी फैशन अच्छा रहा है तो कभी फैशन बिगड़ गया है। फैशन के कारण कपड़ों की सिलाई जो कम हो गई थी एक बार फिर से बढऩे लगी है क्योंकि पुराने सिले सिलाये कपड़े अधिक महंगे होते हैं और मनपसंद भी नहीं होते। बार-बार उनको टाइट करवाते फिरते हैं। ऐसे में अब फिर से कपड़े सिलवाने का काम शुरू हो गया है।
-सतीश कुमार, कपड़े सिलनेवाला
फोटो कैप्शन: मनोज कुमार, राहुल कुमार
सतीश कुमार
दूरदराज तक फैल रहा है सीवरेज का गंदा जल
--ओवरफ्लो चल रही है सीवरेज
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कनीना की आवाज। विभिन्न गलियों में सीवरेज का गंदा जल बह रहा है। लोगों का आवागमन भी गंदे जल से हो रहा है। बार-बार शिकायत करने के बाद भी कर्मचारी आते हैं और यह कह कर चले जाते हैं कि पानी का आगे खिंचाव नहीं है। परिणाम यह निकलता है कि बहुत से सीवरेज ओवरफ्लों चल रहे है और गंदा पानी गलियों में फैल रहा है। गंदे पानी के कारण लोगों ने कुछ गलियों में आना जाना भी छोड़ दिया है, क्योंकि गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है और जाते ही घर पर फिर से पानी बहा बहाकर अपने पैरों को धोते हैं। यही कारण है कि वह बेहद परेशान है और बार-बार प्रशासन से शिकायत भी कर रहे हैं कि सीवरेज ठीक की जाए। कनीना में जय नारायण की दुकान के पास एक सीवरेज लंबे समय से ओवरफ्लो हो रहा है जिसका पानी दूरदराज गलियों में बहकर नालियों में जा रहा है। इस संबंध में एसडीओ जनस्वास्थ्य महेंद्रगढ़ नरेंद्र सिंह से चर्चा हुई। उन्होंने इसे ठीक करवाने का आश्वासन दिया किंतु कर्मचारी आए समस्या ठीक करने में असमर्थ रहे। अब कनीना की सीवरेज व्यवस्था का क्या हाल होगा यह भविष्य में पता लग पाएगा।
फोटो कैप्शन 07: गलियों में फैला हुआ शिवराज का गंदा चल
पाथेड़ा स्कूल प्रांगण में लगाये गये 195 पौधे
-छांया,फल एवं फूलदार पौधे लगाये
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ट माध्यमिक विद्यालय पाथेड़ा में पौधगिरी कार्यक्रम के तहत पौधारोपण किया गया। प्राचार्य ओमकुमार यादव के मागदर्शन में झगड़ोली नर्सरी से 195 पौधे लाकर विद्यालय प्रांगण में लगाए गए।
प्राचार्य ने बताया कि लगाये गये पौधों में चम्मा, गुडहल, आंवला, शहतूत, तुलसी, गुलमोहर, कचनार, इमली , मोगरा, अमरूद जैसे फूलदार, फलदार एवं छांयादार पेड़ पौधे लगाए गए । पौधारोपण में विद्यालय के सभी विद्यार्थियों व अध्यापकों ने अपना -अपना योगदान दिया । इनमें मोनू, जोगेन्द्र, अरुण, निशान्त, जितेश, हर्ष, छवि, रवि, नीरज, मुश्ताक, शुभम, साहिल, सोमबीर, शौर्य , प्रवेश, हिमांशु आदि छात्रों का विशेष योगदान रहा।
फोटो कैप्शन 05: पाथेड़ा स्कूल में पौधारोपण करते हुए।
साहित्यकार समशेर कोसलिया को प्रदेश महासचिव नियुक्त करने पर बधाई
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कनीना की आवाज। साहित्यकार समशेर कोसलिया को प्रदेश महासचिव नियुक्त करने पर बधाइयां मिल रही हैं। मानवाधिकार कानून एवं सुरक्षात्मक भ्रष्टाचार निवारण संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह नियुक्ति की है।
कनीना उपमंडल के गांव स्याणा निवासी समशेर कोसलिया को मानवाधिकार कानून एवं सुरक्षात्मक भ्रष्टाचार निवारण संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष पटेल ने प्रदेश महासचिव हरियाणा की नियुक्ति दी जाने पर सुरेन्द्र सिंह यादव, देवेन्द्र डागर,पूर्व प्राचार्य सत्यवीर डागर, प्राचार्य हिम्मत सिंह यादव, सेवानिवृत्त फोरेस्टर राजेन्द्र सिंह पूर्व सरपंच सुमेर सिंह सभी गांव स्याणा, सांस्कृतिक अहीरवाल के प्रधान निदेशक सत्यव्रत शास्त्री, सूबेदार हेमराज अत्रि इत्यादि गणमान्य लोगों ने बधाई दी है और भविष्य में संगठन के सभी कामों को लग्न व मेहनत से करने की कामना की है।
फोटो कैप्शन: समशेर कोसलिया
जल क्षमता संवर्धन कार्यक्रम आयोजित
-जल की बचत करने की अपील की
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव झीगावन में अटल भूजल योजना ,जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन महेंद्रगढ़ द्वारा एक दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यक्रम आयोजित किया गया कार्यक्रम में विभाग की ओर से खंड संसाधन संयोजक मोहित कुमार, अटल भूजल ट्रेनर पूजा कुमारी ने शिरकत की।
पूजा कुमारी ने ग्रामीणों को स्मार्ट कृषि एवं शुक्ष्म सिंचाई प्रणाली से अवगत कराया। कार्यक्रम का उद्देश्य जल प्रबंधन, उर्वरक एवं कीटनाशकों के प्रयोग संबंधी पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना तथा फसल लागत में कमी लाना मुख्य रूप से शामिल रहा।
पूजा कुमारी ने मौसम पूर्वानुमान के लिए सैटेलाइट आधारित सिंचाई और सूचना एप के बारे में बताया जो कि किसानों को 15 दिन का मौसम पूर्वानुमान प्रदान करता है फसल विविधीकरण विधि के बारे में उन्होंने बताया कि किसानों को कम पानी लागत वाली फसलों का प्रयोग करना चाहिए। इससे किसानों की आय में वृद्धि भी होती है।
इसके साथ ही खंड संसाधन संयोजक मोहित कुमार ने ग्रामीणों को पेयजल के हो रहे दुरुपयोग के बारे में लोगों को जागरूक किया। साथ उन्होंने बताया कि हमें दैनिक जीवन में जल का संरक्षण करना चाहिए।
हर नल पर टोंटी लगी होनी चाहिए। हमें पानी के पुन: प्रयोग के बारे में भी विचार करना चाहिए।
इस अवसर पर धर्मेंद्र , मोटर चालक मुखत्यार सिंह, नरेश कुमार, आज़ाद सिंह,राहुल, हेमंत,भागमल सिंह,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संतोष देवी, कांता,पूनम,रोशनी,रेखा,सुमन सत्यदेव,सहित अनेकों ग्रामीण उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 06: भू जल संवर्धन की जानकारी देते हुए।
स्कूल को भेंट किया वाटर कूलर
-बच्चों को मिलेगा पीने को ठंडा पानी
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुंदरह में सुरेश कुमार प्राचार्य की अध्यक्षता में देशराज यादव पूर्व सरपंच सुन्दरह ने विद्यालय परिसर में बच्चों के लिए ठंडा पेयजल हेतु वाटर कूलर भेंट किया।
प्राचार्य महोदय ने उनकी इस बहुमूल्य भेंट के लिए उनका आभार व्यक्त किया तथा कहा कि गर्मी के दिनों में ठंडा पानी प्यास बूझाने में कारगर होता है। अब बच्चे ठंडा जल पी सकेंगे तथा पढ़ाई में पूरा ध्यान लगा सकेंगे।
इस अवसर पर एसए सी प्रधान अशोक कुमार, राजेश कुमार ,रोहतास पंच ,राज सिंह ,अनिल शर्मा चेतन शर्मा ,कुलदीप सिंह ,प्रदीप छिल्लर, सुनील कुमार, जसवंत सिंह, रेनू यादव ,किस्मती देवी, श्रीभगवान, भीम सिंह ,छोटेलाल सहित समस्त स्टाफ मौजूद था।
फोटो कैप्शन 02: स्कूल को वाटर कूल भेंट करते पूर्व सरपंच।
रामबास में युवाओं ने लगाए एक एकड़ में फल एवं फूलदार पौधे लगाए
--युवकों की एक नई पहल
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव रामबास में युवाओं ने चलाया विशेष पौधारोपण अभियान एक एकड़ में फलदार व छायादार पेड़ लगाकर पानी व सुरक्षा की व्यवस्था की गयी।
आज लगभग हर जगह पर्यावरण संरक्षण की चर्चा जोरों पर है लगातार हो रहे जलवायु परिवर्तन के लेकर सभी चिंतित हैं लेकिन इन सब विषयों का समाधान कैसे किया जाए ,यह सभी प्रयास हमारे देश के युवा कर रहे हैं। इन्हीं युवाओं में से कुछ युवा है गाव रामबास के जो कि पिछले 4-5 सालो से लगातार जल ,जंगल और जमीन संरक्षण के अभियान में लगे हुए हैं , इसी मुहिम के तहत गाव के युवा मनोज कुमार रामबास व उनकी टीम जो कि पूरे साल पौधारोपण करते रहते हैं। इस वर्ष इन युवाओं ने 500 पेड़ लगाने की योजना तैयार की है जो कि पूरी सुरक्षा व पानी की व्यवस्था के साथ तैयार है , इस मुहिम में युवाओं ने पूरे गांव के सामूहिक प्रयास से 100 फलदार व छायादार पेड गाव की जंगलात में रोपित किये है जिसमें नीम ,जामुन ,बेलपत्र , बेर ,शहतूत लगाये है। मनोज कुमार का कहना है कि पेड़ हमें आक्सीजन तो देते ही हैं साथ साथ पशु पक्षियों के लिए प्राकृतिक आवास व भोजन भी उपलब्ध करवाता है , पेड़ों के आसा पास तापमान में बहुत अधिक अंतर होता है।
इस पौधारोपण अभियान मे गाव के युवाओं अमित , हितेश, सचिन दहिया , अंकित व सचिन निंबल ने मिलकर कम से कम पैसे खर्च हो इसके लिए गड्ढों की खुदाई खुद से की , तार बाड़ फैंसिंग व पानी का कनेक्शन भी खुद ही किया, पानी की व्यवस्था के लिए ड्रिप सिस्टम लगाया गया ताकि पानी अधिक ना लगे इस मुहिम में यह संदेश दिया गया है कि कम खर्च व कम पानी में भी अधिक से अधिक पेड़ तैयार हो सकते हैं।
इस मौके पर गाव के सरपंच प्रतिनिधि कुलदीप यादव अधिवक्ता, रमन शास्त्री , बलजीत मास्टर , रामनिवास शर्मा, हंसराज , कृष्ण साहब , मोहित इसराना , निर्मल जी निमोठ, ओमप्रकाश जी व राजपाल बीबीएसडी ककराला व प्रतिक शर्मा कनीना की टीम के साथ ग्रामवासी मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 03: रामबास के चुवा पौधारोपण करते हुए।
डाक्टर की बगैर सलाह के एस्प्रीन या डिस्प्रीन गोली न ले
-दस जगहों पर मिले 30 लार्वा, दिया मौखिक नोटिस
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कनीना की आवाज। डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए डाक्टर सुंदर लाल एसएमओ की देखरेख में एचआई शीशराम एवं सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू ने कनीना के विभिन्न स्थानों पर दौरा किया और वहां पर जल से भरे बर्तनों को चेक किया, जहां मच्छर के लार्वा पनपते हैं। दस विभिन्न स्थानों पर 30 विभिन्न प्रकार के लार्वा पाए गए। कोसली सड़क मार्ग पर नौ मौखिक नोटिस दिये तथा एक नोटिस कनीना में दिया गया।
उन्होंने विभिन्न लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि सप्ताह में एक बार कूलर एवं अन्य किसी बर्तन के पानी की बदली कर देना चाहिए। जहां पानी खड़ा रहता है उस में मिट्टी डाल दे अथवा काला तेल, डीजल या मिट्टी का तेल या कोई भी तेल डाल दे। ऐसे 15 दिनों में एक बार तेल डाल दे ताकि मच्छर पैदा न हो सके। उन्होंने सुबह और शाम पूरी बाजू के कपड़े पहनने, मच्छरदानी प्रयोग करने मच्छर भगाने का तेल लगाने तथा बुखार होने पर रक्त की जांच करवाने, बिना डाक्टर की सलाह के डिस्प्रीन एवं एस्प्रीन की गोली न लेने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों की भागीदारी से डेंगू और मलेरिया को भगाया जा सकता है।
फोटो कैप्शन 04: नोटिस देते हुए सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू
मार पिटाई का मामला दर्ज
-दो लोगों पर मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कोका निवासी विक्रम सिंह ने दो लोगों पर जान से मारने एवं मारपीट करने का मामला दर्ज करवाया है। विक्रम सिंह ने पुलिस में कहा कि घटना 2 जुलाई की है मैं अपने ट्रैक्टर से खेत जोतने के लिए जा रहा था। खेत में राजकुमार और हेमंत अपनी कुल्हाड़ी एवं जेली आदि लेकर आ गए और उन्होंने वार शुरू कर दिये। ट्रैक्टर पर भी कुल्हाड़ी के वार पड़े। उन्होंने जान से मारने की धमकी दी। अधिक चोटों ने कारण मैं अपने घर लौट आया, परिवार वाले कनीना अस्पताल लेकर गया जहां से नारनौल तत्पश्चात पीजीआईएमएस रोहतक रेफर कर दिया। अब तक वह इलाज करवाते रहे। इलाज करवाकर अब मामला दर्ज करवा दिया है। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
छीथरोली गांव में लाखों रुपये की चोरी
-अज्ञात चोर नकदी व आभूषण ले उड़े
- पुलिस ने किया मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव छितरोली में बलबीर सिंह नामक को व्यक्ति के घर से अजात चोर नकदी और आभूषण चोरी कर ले गए। जिनकी कीमत लाखों रुपये आंकी गई है। गत दिवस बलबीर सिंह की शिकायत पर अज्ञात चोरों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
बलवीर सिंह ने कनीना पुलिस में दी शिकायत में कहा कि मेरा पैतृक मकान गांव छीथरोली में है तथा रेवाड़ी में रह रहा हूं। 30 जून को घर पर आया था तब सब कुछ सही सलामत था। 4 जुलाई को जब मकान पर आया तो दरवाजे पर लगे ताले टूटे मिले। पुलिस को सूचित किया, पुलिस मौके पर पहुंची घर में रखा सामान चेक किया तो अलमारी में रखे सोने की अंगूठी, सोने की चेन, झुमका, दो जोड़ी चांदी के पाजेब, चांदी की तगड़ी तथा 42000 की नकदी ले गए।
उन्होंने कहा कि करीब 5 लाख के गहने तथा 42000 की नकदी की चोरी हो गई है। अंदर की तीन तले टूटे पाये वहीं लाइट बंद थी। उन्होंने कहा कि मैं अपने भतीजे के साथ मकान की कैमरे चेक किया तो पाया कि कोई अज्ञात चोर घर में घुसा है जिसने चोरी कर ली है। उन्होंने कैमरे की फुटेज पेन ड्राइव में डालकर गत दिवस कनीना पुलिस में दे दी है। कनीना पुलिस ने अज्ञात चोरों के विरुद्ध चोरी का मामला दर्ज कर लिया है। उन्होंने फिंगरप्रिंट भी लेने की गुहार लगाई है।
फोटो कैप्शन 01: अज्ञात चोर द्वारा अलमारी का तोड़ा हुआ ताला।
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