Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Saturday, September 24, 2022

 
नौ-सेना प्रतियोगिता में यूरो पहुंचा क्वार्टर फाइनल में
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कनीना की आवाज। भारतीय नौ सेना द्वारा आयोजित क्विज प्रतियोगिता थिंक में यूरो स्कूल ने क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया है। आजादी  अमृत महोत्सव में यूरो स्कूल धारूहेड़ा की छात्राएं परी पांडेय एवं खुशी ने भाग लिया तथा यूरो इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 45 एवं 51 के छात्र-छात्राओं ने भी क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। यूरो इंटरनेशल स्कूल गुरुग्राम सेक्टर 51 के विद्यार्थी अखिल शर्मा, रिद्धिमा गर्ग, यूरो सेक्टर 45 के यश प्रताप सिंह् एवं चेतन्या सहरावत ने भाग लिया। यूरो इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 84 के छात्र यश तथा पियूष ने  तथा यूरो इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 37-डी की छात्रा संचिता व अंशिका ने भी थिंक क्वीज के प्रथम राउंड के बाद दूसरे राउंड में रनर अप रहे। यूरो स्कूल की डायरेक्टर स्वाति यादव ने बताया कि इस क्वीज में पूरे देश से लगभग 7500 स्कूलों ने भागीदारी की जिसमें यूरो ग्रुप के 5 स्कूलों ने जीत दर्ज की है। इसके लिए यूरो ग्रुप के चेयरमैन सत्यवीर यादव, निदेशक नितिन यादव, डॉ. राजेन्द्र सिंह, प्राचार्य अनिल यादव, मीनू दूबे, रेखा यादव, रुचि सबरवाल, सुनील यादव, प्रियंका श्री वास्तव तथा नन्दिता कथुरिया ने विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं अध्यापकों को बधाई दी।
फोटो कैप्शन 1: यूरो स्कूल के अव्वल रहे विद्यार्थियों को सम्मानित करते प्राचार्य।




दीपक चौधरी ने की राज्य सभा सांसद पंडित कार्तिकेय शर्मा से मुलाकात
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कनीना की आवाज। बार एसोसिएशन कनीना के प्रधान दीपक चौधरी ने गुरुग्राम के सिविल लाइंस में राज्य सभा सांसद पंडित कार्तिकेय शर्मा से मुलाकात की और उनके अभिनंदन समारोह में शामिल हुए। समारोह का आयोजन प्रदेश उपाध्यक्ष महिला मोर्चा एडवोकेट सुमन दहिया ने किया।
इस आयोजन में सांसद का पगड़ी व फूल माला पहनाकर जोरदार अभिनंदन किया। इस कार्यक्रम में सुमित्रा चौहान,अजय जैन ,अजय गुलिया, नीना राठी,नरेश कनीनवाल, सतेंद्र चौधरी,राकेश मानपुरा आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे। इस मौके पर दीपक चौधरी प्रधान ने उन्हें कनीना आने का निमंत्रण दिया और सांसद महोदय पंडित कार्तिकेय शर्मा ने आश्वासन दिलाया की माननीय मुख्य मंत्री  के आह्वान एक हरियाणा एक हरियाणवी कार्यक्रम के तहत जल्द ही कनीना क्षेत्र के लोगों से रूबरू होंगे।
फोटो कैप्शन 02: सांसद से मुलाकात करते हुए कनीना बार एसोसिएशन प्रधान दीपक चौधरी एवं अन्य।





यूनियन बैंक द्वारा आयोजित किया ग्राहक सम्मान कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की कनीना शाखा द्वारा जुगलबंदी ग्राहक सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समारोह का आयोजन शाखा प्रबंधक विवेक यादव एवं बैंक स्टाफ तथा इंडिया फस्र्ट बीमा कंपनी द्वारा किया गया।
 इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर राकेश सिंहमार, प्राचार्य राजकीय कॉलेज कनीना, राजीव कुमार सक्सेना प्राचार्य जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा,जगदेव चेयरमैन एसडी स्कूल ककराला, गुलशन छाबड़ा चेयरमैन कृष्णा स्कूल तथा बैंक के पुराने ग्राहक उपस्थित रहे।
 पुराने बैंक ग्राहकों को ओमप्रकाश लिसानिया, मदनलाल, कर्मवीर, अजय कुमार, विनय यादव, संतोष देवी, सीनू गोयल, अनिल कुमार, रामधारी सिंह, सुरेश शर्मा, जगदीश प्रसाद, गुलशन छाबड़ा आदि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर ओमप्रकाश लिसानिया द्वारा बैंक की सेवाओं की भूरि भूरि प्रशंसा की। बीमा कंपनी के प्रतिनिधि अनिल कुमार ,दिनेश कुमार, रवि कुमार द्वारा विभिन्न स्कीमों की जानकारी दी। विवेक यादव ने बैंक द्वारा घोषित योजनाओं जैसे गृह ऋण, किसान क्रेडिट कार्ड बारे तथा सस्ती दरों के ऋण बारे में बताया गया। सस्ती दरों पर गोल्ड लोन एवं लाकर सुविधा शुरू की जाएंगी। इस अवसर पर अभिमन्यु, विनोद पवार, अरविंद यादव, सुरेश कुमार और नितेश आदि मौजूद थे।
 फोटो कैप्शन 03: ग्राहकों को सम्मानित करते यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पदाधिकारी।






सिट्टों में ही बाजरे के दाने हुए अंकुरित
-मंगलवार से लगातार हो रही बारिश का है परिणाम, शनिवार को हुई 42 एमएम बारिश
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कनीना की आवाज। मंगलवार से कनीना क्षेत्र में जहां सावन जैसी बारिश हो रही है तथा  अकेले शनिवार को 42 एमएम बारिश हुई जबकि मंगलवार से शुक्रवार तक 28 एमएम बारिश हुई है। कुल मिलाकर कनीना क्षेत्र में मंगलवार से शनिवार तक 70 एमएम बारिश हो चुकी है। परिणाम स्वरूप किसानों के सिट्टों में ही बाजरा अंकुरित हो गया है। कपास की फसल तबाह हो गई है। अब तो किसानों ने सरकार से मुआवजा देने की मांग की है।
 जमकर बरस रहे बादल-
 कनीना क्षेत्र में सावन जैसी झड़ी लगी रही है जिसके चलते रुक-रुक कर बारिश हो रही है। मंगलवार से शनिवार तक महज 5 दिनों में 70 एमएम बारिश हो चुकी है। यहां उल्लेखनीय है कि सावन माह में इतनी अच्छी बारिश नहीं होती जितनी अब हुई है। बेशक कृषि विशेषज्ञ भावी फसल रबी के लिए बारिश को बेहतर मान रहे किंतु वर्तमान फसल कपास और बाजरा तबाह होने के कगार पर चला गया है।
खेतों में खड़ा है पानी-
बाजरा और कपास की फसल के खेतों में पानी खड़ा हो गया है जिसके चलते किसानों की चिंता बढ़ती ही जा रही है। किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि यदि बारिश यूं ही होती रही तो पशुओं के लिए कडबी रूपी चारा भी समाप्त होने के कगार पर है। अभी तक कड़बी का चारा आधा खराब हो चुका है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के पशुपालक अब परेशान होने लगे हैं क्योंकि बाजरे की फसल चारे के लिए अधिक उगाई जाती है जबकि अन्न के लिए कम उगाई जाती है। एक और जहां किसानों की बाजरे की फसल की सरकारी खरीद भी नहीं हो पाई है वही अब रहे सहे किसानों की बाजरे की फसल तबाह होने के कगार पर चली गई है।
 दो प्रकार की उगाई थी बाजरे की फसलें -
कनीना क्षेत्र में अगैती तथा पछैती दो प्रकार की फसलें उगाई हैं। अगेती फसल उगाने वाले अधिकांश किसानों ने अपनी फसल पैदावार लेकर कर औने पौने दामों पर बेच दी है जबकि पछैती फसल पैदावार लेने वाले पछता रहे हैं कि अब बारिश ने उनकी काट कर डाली गई फसल बर्बाद कर दी है। जहां एक और दूसरे राज्यों से आए हुए मजदूर भी बेघर हो गए हैं वहीं किसान भी अब मुह लटकाए नजर आ रहे हैं। जिनकी अब तक की हुई सारी मेहनत पर पानी फेर दिया है।
अंकुरित हो गया है बाजरा -
किसानों द्वारा काट कर डाली गई बाजरे की फसल तथा खेतों में पड़ी हुई बाजरे की फसल से करीब तीन दर्जन से अधिक गांवों की फसल तबाह हो गई है।
किसान परेशान-
कैनीना क्षेत्र के गांव झीगावन,भोजावास एवं सुंदराह के किसान चौधरी भूप सिंह ढिल्लों, महेंद्र सिंह, मुकेश सिंह, पवन यादव, संदीप, धर्मेंद्र राजवीर, करतार सिंह, सुरेंद्र आदि ने अपने खेतों के सिट्टों को दिखाया जो अंकुरित होकर अब खराब हो गए हैं। ऐसा लगता है कि सारे ही खेत में पड़े हुए बाजरे के सिट्टे अब यूं ही बर्बाद हो जाएंगे। जब तक बारिश नहीं रुकती तब तक किसान
काटकर डाली गई फसल इकट्ठा भी नहीं कर सकते। यही कारण है कि अब किसानों की चिंता की रेखाएं बढ़ गई है।
 मुआवजे की मांग-
 खेतों में बाजरा एवं कपास फसल बर्बाद होने पर और किसानों ने मुआवजे की मांग की है। किसानों का कहना है कि उनकी फसल खेतों में बर्बाद हो गई है। बे-मौसमी बारिश के चलते जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई की जाए तथा उचित मुआवजा दिया जाए। उन्होंने इस संबंध में उच्च अधिकारियों से गिरदावरी करवाने की भी मांग की है।
यूं तो हर वर्ष भी मौसमी बारिश होती है किंतु इस बार पूरे ही जिला महेंद्रगढ़ में बे-मौसमी बारिश ने किसानों को परेशान करके रख दिया है। बहुत से किसानों की बाजरे की फसल तो पानी पर तैर रही है। ऐसे में अब उनकी कड़वी भी बचने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है।
 परेशान है पशुपालक-
 पशुपालक तूड़ी और बाजरे की फसल से पशुओं का पेट भरते हैं। इस बार रबी फसल बतौर तूड़ी महंगी रही जिसके चलते किसानों को आशा थी कि कड़वी की फसल खरीद कर उससे पशुओं का पेट भरा जाएगा किंतु कड़वी 20 भी गल सड़ गई है। ऐसे में किसान एवं पशुपालक परेशान नजर आ रहे हैं।
पानी ही पानी-
कनीना में जहां अटेली टी-प्वांइट से रेवाड़ी टी-प्वांइट तक सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे बन गये हैं जिनमें पानी भरा हुआ है। वहीं कनीना के मोलडऩाथ आश्रम के पास तथा कालरवाली जोहड़ के पास पानी जमा हो जाता है। अधिक पानी जमा होने से एक कार मोलडऩाथ आश्रम के पास गड्ढे में गिर गई जिसे लोगों ने निकाला। कई गांवों एवं खेतों में पानी जमा हो गया है और परेशानी बढ़ी है।
 फोटो कैप्शन 4: खेतों में पानी में पड़ी काटी गई बाजरे की फसल
फोटो कैप्शन 5: सिट्टों में उगा हुआ बाजरा दिखाते किसान
फोटो कैप्शन 6 व 7: घरों में भरा पानी तथा किसान द्वारा काटकर डाले गये पानी में डूबे सिट्टे।







शारदीय नवरात्रे 26 से---
नौ रूपों में पूजा होती है दुर्गा की
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कनीना की आवाज। 26 सितंबर से शारदीय नवरात्रे प्रारंभ हो रहे हैं। वर्ष में दो बार आने वाले नवरात्रों में माता के मंदिरों को सजाया जाता है वहीं दिनभर व्रत आदि करके नौ दिनों तक माता की पूजा की जाती है।  
 इन नवरात्रों का सौभाग्यवती महिलाओं के लिए विशेष महत्व होता है। प्राचीन ग्रंथों में दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती आ रही है। ये नौ रूप महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, योगमाया, रक्तदंतिका, शाकुंभरी देवी, दुर्गा, भ्रामरी देवी तथा चंडिका प्रमुख हैं। इन नौ रूपों को शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री नामों से जाना जाता है। इन नौ रूपों के दर्शनों के लिए मंदिरों में जाकर पूजा की जाती है।
  वासंतीय नवरात्र चैत्र माह में आते हैं। इन नवरात्रों में वसंत ऋतु आती हैं और सर्दी से गर्मी के मौसम में प्रवेश होता है वहीं शारदीय नवरात्रों में गर्मी से सर्दी में प्रवेश किया जाता है। साथ में फसल पैदावार लेने के बाद ये पर्व दो बार मनाए जाते हैं। खरीफ एवं रबी की फसल पैदावार के बाद उन्हें शरीर में ग्रहण करने से पूर्व पुराने अन्न को पूर्णरूप से शरीर से निकाला जाता है इसलिए व्रत किए जाते हैं। नौ दिनों में पुराना अन्न शरीर से निकल जाता है और नया अन्न ग्रहण किया जाता है जो एलर्जी आदि रोग नहीं करेगा।
वैसे भी नवरात्रों में रातों में परिवर्तन आ जाता है। शारदीय नवरात्रों में गर्मी से सर्दी के मौसम में प्रवेश होना माना जाता है। नवरात्रों में जहां नौ रूपों में मां दुर्गा ने राक्षसों का संहार किया था उन नौ रूपों में नौ कन्याओं को नवरात्रे पूर्ण होने पर भोजन कराया जाता है। साथ में नवरात्रों में जौ उगाए जाते हैं जो समृद्धि के प्रतीक होते हैं। गंगा में जौ उगाना एक कहावत भी है। वैसे भी नौ दिनों में उगे हुए जौ को ऊपर से काटकर ज्वारे रस का पान किया जाए तो घातक रोगों में भी लाभकारी माना जाता है।
  ग्रामीण क्षेत्रों में इस पर्व को लेकर अति प्रसन्नता होती है वहीं दुकानदार सामान बेचने को लालायित रहते हैं। छह माह के बाद नवरात्रे आने से उनके सामान की बिक्री छह माह बाद ही नवरात्रों के सामान की हो पाती है। मंदिरों को ग्रामीण क्षेत्रों में सजाकर पूजा अर्चना करने का विशेष प्रावधान होता है। नवरात्रों में शुभ काम करने की प्रथा भी चली आ रही है। इसी के साथ ही शुरू हो जाती है सांझी पूजा। बच्चियां दीवार पर सांझी बनाकर उसकी नौ दिनों तक पूजा करती हैं। दशहरे के दिन सांझी को पानी में बहाया जाता है।
सुरेंद्र शर्मा कनीनावासी का कहना है कि नवरात्रेे विधि विधान से करने से वांछित फल मिलता है। ऐसे में इन दिनों मां के नौ रूपों की पूजा करनी चाहिए।








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