पूर्व मार्केट कमेटी चेयरमैन राजकुमार कनीनवाल को मातृ शोक
-दैनिक जागरण के हैं एजेंट
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कनीना की आवाज। मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन राजकुमार कनीनवाल की 86 वर्षीय माता रिशाल देवी का मंगलवार को बीमारी के चलते निधन हो गया। इस विषय में जानकारी देते हुए राजकुमार कनीनवाल ने बताया कि उसकी माता पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थी। जिनका जयपुर में इलाज चल रहा था। जिन्होंने मंगलवार को जयपुर में उपचार के दौरान अपनी अंतिम सांस ली। बता दे कि रिसाल देवी सामाजिक महिला थी। जो धार्मिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर भाग लेती थी। रिसाल देवी के पति धन सिंह ने सेना में रह कर देश सेवा की। रिसाल देवी अपने पीछे दो पुत्र राजकुमार कनीनवाल, राजेन्द्र सिंह, दो बेटियों तीन पौतों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गई है। मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार कनीना में ही किया गया। जिसकी सूचना के बाद क्षेत्र गणमान्य लोगों ने उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होकर उन्हें विदाई दी।
फोटो कैप्शन: रिशाल देवी फाइल फोटो
बाइक से ड्यूटी जाते समय सामने नीलगाय आने से हुए हादसे में होमगार्ड की मौत
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कनीना की आवाज। थाने में ड्यूटी पर जा रहे बाइक सवार होमगार्ड के सामने अचानक से नीलगाय आने से हुए हादसे में उसकी मौत होने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस को दी शिकायत में कपूरी निवासी शेर सिंह ने बताया कि उसका भाई हेमंत कुमार कनीना थाने में होमगार्ड लगा हुआ था। जो मंगलवार सुबह 9 बजे अपने गांव कपूरी से अपनी ड्यूटी पर थाना शहर कनीना में जा रहा था। जब वह कपूरी और ककराला के बीच हनुमान मंदिर के पास पहुंचा तो बाइक के सामने अचानक नीलगाय आ गई। नीलगाय को बचाते समय उसकी बाइक का संतुलन बिगड़ गया और बाइक पेड़ से जा टकराई। जिसे एंबुलेंस की मदद से उपचार के लिए उप-नागरिक अस्पताल कनीना लाया गया जहां पर चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मृतक के भाई की शिकायत पर इत्तफाकिया कार्रवाई करते हुए शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है।
संतुलित आहार जरूर ले-बिशन
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कनीना की आवाज। राजकीय उच्च विद्यालय नावदी में मुख्याध्यापक दामोदर मोहन की अध्यक्षता में बाल-पोषण पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । छात्रों को संबोधित करते हुए विज्ञान अध्यापक बिशन शर्मा ने कहा कि शरीर की आवश्यकता अनुसार खाद्य पदार्थ लेना ही पोषण है । शारीरिक गतिविधियों के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है और वह ऊर्जा हमें भोजन से ही मिलती है। इसलिए हमें संतुलित आहार लेना चाहिए जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन वसा, विटामिन इत्यादि भरपूर मात्रा में उपलब्ध हो। बच्चों को चीनी कम से कम तथा फाइबर युक्त भोजन का प्रयोग करना चाहिए। इस अवसर पर राम सिंह शास्त्री, सुबेसिंह, राजपाल, सतवीर देवेंद्र पंघाल, गोपाल यादव व सरला रानी सहित स्टाफ भी मौजूद रहा।
फोटो कैप्शन 03: नाउदी स्कूल में संतुलित आहार की जानकारी देते बिशन शर्मा।
बार एसोसिएशन ने रखा दो मिनट का मौन
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कनीना की आवाज। कनीना बार एसोसिएशन के अधिवक्ता सुधीर यादव अगियार के ताऊ कप्तान लालचंद यादव का निधन हो गया । जिसकी सूचना सुधीर यादव एडवोकेट ने दी । बार एसोसिएशन कनीना के प्रधान दीपक चौधरी ने बताया कि कप्तान लालचंद यादव ने सेना में अपनी सेवाएं दी। उनकी उम्र 72 साल थी। वो अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ कर गए है इस पर बार एसोसिएशन ने शोक जाहिर किया । उनकी आत्मा की शांति के लिए मौन धारण किया। इस मौके पर प्रधान दीपक चौधरी, अधिवक्ता केसी गुप्ता, कुलदीप कनीनवाल, रमेश कौशिक,बिजेंद्र यादव ,किशन यादव, ओपी रामबास, दिनेश जासावास, अनिल शर्मा हरीश गाहड़ा, सतीश करीरा, सचिव सुनील राव, मंजीत कोटिया, राकेश मानपुरा, मीनाक्षी यादव, खुशबू बंसल, सुषमा तंवर वीरेंद्र दीक्षित,आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।
हिन्दी भाषा के पिछड़ेपन का कारण है हमारा दोहरा चरित्र - मा.राजेश
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कनीना की आवाज। आज हमारी मातृभाषा विश्व स्तर पर पिछड़ रही है इसका कारण हिंंदी भाषा के प्रति हमारा दोहरा चरित्र है। ये विचार शिक्षक व सामाजिक कार्यकर्ता राजेश उन्हाणी ने हिंदी दिवस के उपलक्ष्य पर व्यक्त किए।
आगे उनका मानना है कि कहने को हमें हिन्दी से बहुत प्यार है क्योंकि वह हमारी मातृभाषा है लेकिन मातृभाषा का अपमान खुल्लमखुल्ला हम सब कर रहे हैं। चौबीसों घंटे हम हिन्दी में बात करते हैं। अपने बच्चों की जब शिक्षा का समय आता है तो हमारे सारे वसूल धरे रह जाते हैं। वहाँ हम अंग्रेजी भाषा को महत्व देते हैं। इसे मैं गलत नहीं मानता क्योंकि इतने वर्षों अंग्रेजों की गुलामी के बाद हमारी मानसिकता वैसी ही बन चुकी है। हिन्दी के पिछडऩे का प्रमुख कारण राजनैतिक इच्छाशक्ति है। जब तक राजकाज की भाषा हिन्दी नहीं बनेगी तब तक इसे अपना सम्मान का स्थान नहीं प्राप्त होगा।
राजेश उन्हाणी ने आगे कहा कि हमारी मातृभाषा के पिछडऩे का अन्य एक अन्य कारण है हिन्दी पढ़े लोगों की मानसिकता। उनकी सोच है कि यदि वे अंग्रेजी में बोलेंगे तो उन्हें सम्मान मिलेगा और वे पिछड़े नहीं कहलाएंगे। अपनी भाषा का जब वे ही आदर नहीं करेंगे तो अन्यों से उम्मीद रखना व्यर्थ है। दूूसरी तरफ टीवी सिनेमा के कलाकार जो हिन्दी से रोटी खाते हैं वे पूछे गए प्रश्नों के उत्तर अंग्रेजी में देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं।
इसके अतिरिक्त रचनाकार भी हिन्दी भाषा के प्रति संवेदनशील नहीं हैं। वर्तनी, लिंग, वचन आदि की उनकी अशुद्धियां भाषा को कमजोर बनाती हैं। इससे भी बढ़कर कुछ लोग रोमन भाषा में अपनी हिन्दी की रचना लिखकर हिन्दी के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शित करते हैं। इसका उदाहरण फेसबुक पर देख सकते हैं।
इसके साथ-साथ विश्व के अन्य देशों की भाँति हमारे भारत में भी शिक्षा का माध्यम अपनी मातृभाषा हिन्दी होना चाहिए। तरक्की हम अपनी भाषा में पढ़कर भी कर सकते हैं। इसीलिए महाकवि कहते हैं- निज भाषा उन्नति है सब भाषा का मूल।
यदि वास्तव में हम अपनी भाषा के प्रति संवेदनशील हैं तो ईमानदारी से इसके लिए प्रयास करना चाहिए। हिन्दी के नाम पर केवल गोष्ठियाँ करने या हिन्दी दिवस पर भाषण देकर हम अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकते। सरकार के साथ-साथ हम सभी हिन्दी प्रेमियों को एकजुट होकर ठोस कदम उठाने होंगे।
पोषण माह के तहत रामबास के विद्यार्थियों को किया जागरूक
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कनीना की आवाज। उपमंडल के गांव रामबास स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में नेहरू युवा केंद्र नारनौल एवं जल स्वच्छता एवं सहायक संगठन की तरफ से पोषण माह के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में खंड संसाधन संयोजक मोहित कुमार ने छात्रों को संबोधित किया।
उन्होंने बताया कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छे भोजन का होना अति आवश्यक है। इसके लिए हमें अपने दैनिक जीवन में आहार में संतुलित एवं पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए।
इसके लिए हमें मौसम के अनुसार उगाई जाने वाली सब्जियों फलों का अधिकाधिक प्रयोग करना चाहिए। अपने जीवन में अंकुरित अनाजों को महत्व देना चाहिए।
इसके साथ साथ ही उन्होंने जल संरक्षण एवं स्वच्छता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बगैर शुद्ध जल के उत्तम भोजन तैयार नहीं किया जा सकता इसलिए जल स्वच्छता बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। इस अवसर पर नेहरू युवा केंद्र नारनौल से एनवाईवी कार्तिक ,गीता प्राचार्य कजेंद्र सिंह, प्रवक्ता सतीश कुमार मंजू ,सत्यदेव ,हीरालाल आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: रामबास स्कूल में पोषण माह के तहत जागरूक करते हुए मोहित।
कनीना क्षेत्र में 6 एमएम बारिश
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कनीना की आवाज। मंगलवार की प्रात: करीब चार बजे 6 एमएम बारिश हुई। उस वक्त अधिकांश लोग सोए हुए थे। यह बारिश होने से जहां बहुत से किसानों को खुशी हुई है वहीं कुछ किसानों को परेशानी बढ़ी है।
कनीना क्षेत्र में दो प्रकार की फसल उगाई हुई है एक अगेती तथा दूसरे पछैती। अगेती फसल की कटाई जारी है जिसके चलते उनकी परेशानी बढ़ी है वही पछेती फसल उगाने वाले किसानों की बाजरे की फसल में लाभ हुआ है। इस वक्त कपास, बाजरा एवं चारा देने वाली फसलें उगाई गई हैं। किसान अपनी फसलों की सिंचाई कर रहे थे। अब बारिश होने से उनको राहत मिली है।
11 हजार वोल्ट की
लाइन टूट कर बिस्तर पर गिरी, बाल-बाल बचा शिक्षक दंपति
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कनीना की आवाज। कनीना मंडल के गांव करीरा में महिपाल सिंह के घर में मंगलवार सुबह करीब 4.55 बजे अचानक 11 हजार वोल्ट की एक तार टूटकर ठीक विस्तर के बीचोंबीच गिर गई। उस वक्त बिस्तर पर कोई नहीं था। इससे थोड़ी पहले बिस्तर पर महिपाल शिक्षक सो रहे थे। पास में उनकी पत्नी भी अन्य चारपाई पर सो रही थी। परंतु बारिश का अंदेशा होने से उन्हें खड़ा होना पड़ा और अपने बाजरे की निकाली गई पैदावार को ढकने के लिए ज्योंही वे उठे उधर से 11000 वोल्ट का तार टूट कर गिर गई। भाग्यवश दोनों की जान बच गई। उन्होंने तुरंत बिजली विभाग को सूचित कर बिजली आपूर्ति बंद करवाई। महिपाल करीरा ने बताया कि मंगलवार की सुबह करीब चार बजे बारिश होने वाली थी। उनके पिता ने उन्हें खड़ा करके कहा कि जल्द से जल्द बाजरे की पैदावार को ढक दो वरना भीग जाएगी। बाजरे की पैदावार को ढकने लगे तभी यह हादसा हुआ। उनके घर के बीचों-बीच पर के ऊपर से 11 हजार वोल्ट की लाइन गुजर रही है। जो अचानक बिस्तर पर आ गिरी।
फोटो कैप्शन 2: बिस्तर पर पड़ी हुई बिजली की तार।
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