सरकार स्याना में उद्दालक ऋषि के आश्रम ढाब और पिपलाद ऋषि की तपस्थली बाघौत गांव के बाघेश्वर धाम को धार्मिक पर्यटन स्थल घोषित करे
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कनीना की आवाज। सरकार स्याना में उद्दालक ऋषि के आश्रम ढाब और पिपलाद ऋषि की तपस्थली बाघौत गांव के बाघेश्वर धाम को धार्मिक पर्यटन स्थल घोषित करे ।
सर्व समाज मंच के अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम गोमला ने स्याना गांव में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उक्त बात कही ।
उन्होंने कहा कि स्याना गांव में स्थित तालाब वेदकालीन है जहां उद्दालक ऋषि का गुरुकुल आश्रम था । इसी स्थल पर अथर्ववेद के मंत्रवेता ऋषि कहोड़ व उनकी पत्नी और ऋषि उद्दालक की पुत्री वेदविदुषी सुजाता ने शिक्षा ग्रहण की।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इसी आश्रम स्थल पर महान विद्वान ऋषि अष्टावक्र का जन्म हुआ व जिन्होंने अपने मामा श्वेतकेतु के साथ शिक्षा ग्रहण की । यहीं से शिक्षित होने के बाद अष्टावक्र ने जनक के दरबार में महाविद्वान बंदी को हराया ।
उन्होंने बताया कि महान आशुकवि गुणी सुखीराम की जन्म स्थली गांव स्याना को धार्मिक पर्यटन स्थल का दर्जा देकर सरकार को चाहिए पूरे जिला महेंद्रगढ़ और सम्पूर्ण अहीरवाल के गौरव को सम्मान देने का काम करे । इसलिए इस स्थल को शीघ्र धार्मिक पर्यटन स्थल घोषित करे ।
ग्राम पंचायत व ढाब समिति की ओर से राधेश्याम गोमला को सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित भी किया ।
आज हर वर्ष की भांति दो दिन से हो रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम की कड़ी में दूसरे दिन समापन अवसर पर रहीस यादव ने सांग प्रस्तुत किया ।
इस अवसर पर ग्राम सरपंच वीरपाल यादव , थानेदार हवासिंह , मास्टर विजयपाल , सतपाल सिंह , सुबेसिंह नंबरदार , वासुदेव, ओमप्रकाश , गोपीचंद पंच , आनंद पंच , हवासिंह सेहलंग और श्रीभगवान पंच सहित सैंकड़ों लोग उपस्थित थे ।
विभिन्न पदाधिकारियों का हुआ मनोनयन
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कनीना की आवाज। हरियाणा पावर कॉरपोरेशनअनुसूचित जातिजनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कर्मचारी यूनियन का35 वां द्विवार्षिक सम्मेलन सफीदों रोड स्थित संत शिरोमणि गुरु रविदास धर्मशाला जींद मेंआयोजित किया गयाद्य सम्मेलन की अध्यक्षता अनुसूचित जाति फेडरेशन हरियाणा के पूर्व प्रधान रामकुमार रंगा ने की, जिसमे सर्वसम्मति से चुनाव संम्पन करवाया गया। इसमे विजेंद्र सिंह बराड़ को राज्य प्रधान,राजपाल सोलरा को राज्य वरिष्ठ उपप्रधान,ब्रह्मानंद रंगा को महासचिव , श्री राजेंद्र नौताना को मुख्य संगठनकर्ता सज्जन सिंह गाहडा को प्रदेश अतिरिक्त महासचिव,शधर्मपालकनीना को सहसचिव,नरेश एलडीसी नारनौल को सर्कल सचिव ऑर्गेनाइजर सत्यवीर पड़तल को चुना गया। राजेंद्र नौताना जी संगठन के प्रति बड़े कर्मठ और जुझारू नेता है कर्मचारियों की आवाज हमेशा उठाते रहते हैं
सज्जन सिंह ने बताया की संगठन ने जो जिम्मेवारी दी है उसे पूरी ईमानदारी और निष्ठा से पूरे प्रदेश में कर्मचारियों के हित के लिए काम करेंगे और पूरे प्रदेश के कर्मचारियों के द्वारा विश्वास जताया हैद्य हम उनका तह दिल से दिल की गहराइयों से धन्यवाद करते हैं व सब यूनिट सचिव नरेश जीएसओ के द्वारा नारनौल सर्किल के सभी कर्मचारी साथियों का जींद पहुंचने पर तह दिल से धन्यवाद किया गया।
फोटो साथ है
श्री कृष्णानंद ट्रस्ट कार्यकारिणी का हुआ गठन
-धनौंदा के संत कृष्णानंद
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कनीना की आवाज। परमार्थ के कार्य बढ़-चढ़कर करने चाहिए क्योंकि परमार्थ के कार्य करने से ही वास्तविक जीवन का आनंद आता है। ये विचार संत कृष्णानंद महाराज ने कृष्णानंद धाम पर आयोजित एक बैठक के उपरांत व्यक्त किये।
धनौंदा आश्रम में ब्रह्मचारी श्रीकृष्णा नंद आश्रम ट्रस्ट की बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता ट्रस्ट के अध्यक्ष कृष्णानंद महाराज ने की। बैठक में ट्रस्ट की कार्यकारिणी का गठन किया गया। नवनियुक्त महासचिव जसवंत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि कैलाश गोयल को ट्रस्ट का उप-प्रधान बनाया गया है वहीं विजय कुमार आर्य धनौंदा को कार्यकारी अध्यक्ष तथा अनिल यादव को कोषाध्यक्ष तथा जसवंत सिंह को महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई।
वही ट्रस्ट में मुख्य रूप से भूमिका निभाने वाले आचार्य मक्खन लाल, ठाकुर कर्मवीर सिंह, ठाकुर पूर्ण सिंह, डा. फतेहचंद दायमा, सत्येंद्र यादव रेवाड़ी, चौधरी आनंद सिंह दिल्ली, विजेंद्र ढिल्लो, महावीर पहलवान, डॉ प्रमोद शेरावत, डॉ सुरेंद्र सिंह, इंस्पेक्टर हरपाल सिंह दिल्ली, अतर सिंह खारिया कुआं, राव रविंद्र सिंह पटीकरा, चौ. दलवीर सिंह छितरोली, सुरेंद्र कोटिया, शिवकुमार छितरोली, ठाकुर जगरूप सिंह खेड़ी, ठाकुर जगदीश सिंह, ठाकुर जीतपाल सिंह, विनय पाल खेड़ी आदि को मनोनीत सदस्य बनाया गया।
इस मौके पर ट्रस्ट के व्यवस्थापक कैलाश गोयल ने कहा कि गठित कार्यकारिणी का मुख्य उद्देश्य आश्रम के द्वारा समाज के विभिन्न कार्यों को आगे बढ़ाना है वही समाज में फैली कुरीतियों को दूर करना है। देश प्रदेश में भाईचारा कायम करना, प्राकृतिक आपदाओं में बढ़-चढ़कर के भाग लेना हैं।
फोटो कैप्शन 5: नई गठित कार्यकारिणी के पदाधिकारी संत कृष्णानंद समक्ष।
सेवा करना सबसे पुनीत कार्य -डा अभय सिंह
-सेवा भारती कनीना का वार्षिकोत्सव एवं प्रमाण पत्र वितरण समारोह संपन्न
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कनीना की आवाज। सेवा भारती कनीना का वार्षिकोत्सव एवं प्रमाण पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राव मोहर सिंह, अध्यक्ष आर्य समाज कनीना ने की, वहीं मुख्य अतिथि डॉ अभय सिंह विधायक नांगल चौधरी रहे। इस अवसर पर मुख्य वक्ता कमलकांत सर्राफ , उपाध्यक्ष सेवा भारती हरियाणा प्रदेश थे।
कमलकांत सर्राफ ने कहा कि सेवा भारती समाज से वंचित, दलित एवं पिछड़े वर्ग में सेवा कार्य करने वालों को सेवित से सेवक बनाता है। उनको स्वावलंबी बनाकर समाज की मुख्यधारा में लाता है। सामाजिक समरसता व स्वदेशी द्वारा देश को जोडऩे का कार्य सेवा भारती करता है। इस अवसर पर डा अभय सिंह ने कहा कि सेवा कार्य श्रेष्ठ कार्य होता है। उन्होंने कहा यूं तो लोग विभिन्न प्रकार के कार्य करने में सक्षम हैं किंतु यदि वे सेवा भाव में लगे हुए हैं तो निश्चित रूप से महान व्यक्ति बन जाते हैं। ऐसे व्यक्ति जो निस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं वह पुण्य के भागीदार होते हैं। ऐसे व्यक्तियों को समाज के हर क्षेत्र में सम्मान मिलता है। उन्होंने कहा कि इंसान जब पैदा होता है तब से विभिन्न कार्यों में जुट रहता है। इंसान के हाथ है कि वह अच्छे कर्म करें या बुरे कर्म करें। अच्छे कर्म करने वाला पुण्य का भागीदार होता है और धरा पर नाम कमाने के बाद देवलोक में नाम कमाता है। ऐसे व्यक्ति के पद चिन्हों पर चलना हम सभी का फर्ज बनता है। इस मौके पर उन्होंने हर प्रकार से सहयोग करने की बात कही।
इस मौके पर सेवा भारती के आचार्य जगदीश कुमार एवं आर्य समाज प्रधान राव मोहर सिंह ने बताया कि सेवा भारती द्वारा 300 रुपये में 6 महीने का यह महिलाओं के लिए कोर्स करवाया जाता है जिसमें सिलाई कढ़ाई सिखाई जाती है। उनके लिए सीलाई मशीनें आय समाज में उपलब्ध हैं। घर से महिलाओं को मशीन लेकर नहीं आना पड़ता। पहले बैच में 14 महिलाओं ने 6 माह का कोर्स पूर्ण किया है जबकि दूसरे बैच में 16 महिलाओं ने यह कोर्स पूरा किया जिनको डॉ अभय सिंह यादव ने सर्टिफिकेट वितरित किये हैं जबकि तीसरे बैच में 17 महिलाएं सिलाई कढ़ाई सीख रही है। उन्होंने बताइए को यह स्वावलंबी बनाने का एक तरीका है। अब तक जो भी 30 महिलाएं कोर्स पूरा कर चुकी उनमें से 15 ने अपना निजी कार्य शुरू कर दिया है।
इस अवसर पर विभाग सेवा प्रमुख नरेंद्र रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ इकाई अध्यक्ष बिशन सिंह, कनीना के पूर्व प्रधान मास्टर दिलीप सिंह, राजेंद्र लोढ़ा, कैलाश चंद गुप्ता एडवोकेट, कंवरसेन वशिष्ठ, राजेश आर्य, मनफूल, सोमदत्त, वेद प्रकाश शर्मा सहित कनीना इकाई के सभी पदाधिकारी जिनमें सुरेश चंद शर्मा, चंद्रकांत गोलू आदि गणमान्य जन उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन दो:डा अभय सिंह यादव को स्मृति चिन्ह भेंट करते आर्य समाज के सदस्य
03: सिलाई कढ़ाई का कोर्स पूर्ण करने पर महिलाओं को सर्टिफिकेट प्रदान करते हुए आर्य समाज के सदस्य।
कनीना की एकता के एसआई बनने पर विधायक नांगल चौधरी ने दी बधाई
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,कनीना। विधायक नांगल चौधरी डा.अभय सिंह यादव रविवार को कनीना में आयोजित सेवा भारती के कार्यक्रम के बाद सीधे राजकुमार के घर पर पहुंच कर उनकी बेटी एकता यादव दिल्ली पुलिस के एसआई पद पर नियुक्ति पर बधाई दी। उनके घर पर पहुंच कर उन्होंने एकता यादव शाल व गुलदस्ता भेंट कर सम्मानित किया व अपना आशीर्वाद देते हुए कहा कि हमारी बेटी उन्नति कर गांव व इलाके का नाम रोशन करें उन्होंने कहा कि बेटी की कड़ी मेहनत से ही आज यह मुकाम हासिल किया है हमें अपने बेटी पर गर्व है इस मौके पर पूरा परिवार व साथियों ने भी बधाई दी जिसमें एकता के दादाजी शीशराम, राजेंद्र पूर्व पार्षद, मोहन सिंह पूर्व पार्षद, दादी कलावती देवी, पिता राज व माता राजबाला, कृष्ण साहब, कोटिया के पूर्व सरपंच रामकिशन, संजय यादव , सतबीर सिंह वीरेंद्र सिंह ,सुनील ठेकेदार ,पंकज यादव , सुरेंद्र कुमार, रोहित यादव प्रवक्ता नितेश गुप्ता मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 01: एकता को एसआई बनने पर बधाई देते हुए विधायक।
गर्मी और उमस में 161वें दिन अनिश्चितकालीन धरना रहा जारी
-कट की मांग पर अड़े हुये हैं ग्रामीण
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कनीना। राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए अनिश्चितकालीन धरना रविवार को 161वें दिन में प्रवेश कर गया। धरने की अध्यक्षता मास्टर विजयपाल -सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि लोगों की उत्सुकता को देखते हुए भारत सरकार को कट के काम को जल्दी शुरू करना चाहिए।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि बरसात न होने के कारण गर्मी और उमस बढ़ रही है। लोगों को पीड़ा अवश्य हो रही है,लेकिन जब से उन्हें पता चला है की राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर कट बनने का काम जल्द शुरू होने वाला है, इसलिए उन्हें अपनी पीड़ा महसूस नहीं होती, धरने पर बैठे हुए 161 दिन हो गए हैं। जब तक कट का काम शुरू नहीं होता है तब तक हमारा धरना जारी रहेगा।
संघर्ष समिति के संयोजक पहलवान रणधीर सिंह बाघोत ने बताया कि धरना स्थल के पास से गुजरने वाले प्रत्येक आदमी की मांग है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर कट बनना बहुत जरूरी है। उनकी मांग जायज है। भारत सरकार को इस पर जल्द कार्यवाही करनी चाहिए।
संघर्ष समिति के सदस्य नरेंद्र कुमार शास्त्री-छिथरोली और सूबेदार हेमराज बाघोत ने बताया कि 40 गांवों के विकास के रास्ते कट बनने के बाद ही खुलेंगे। संघर्ष समिति के सदस्य डॉक्टर लक्ष्मण सिंह और पहलवान धर्मपाल सिंह ने बताया की रेवाड़ी - गांव माजरा भालखी में एम्स की चारदीवारी का काम शुरू हो गया है। भारत सरकार से हमारी भी यही मांग है कि एम्स की तरह राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर कट का काम शुरू करवाया जाए।
इस मौके पर ईश्वर सिंह, ठेकेदार शेर सिंह, विजय सिंह, वेद सिंह, नंबरदार नत्थू राम, प्रधान कृष्ण कुमार, मास्टर धर्मपाल,
मुंशी राम, सूबे सिंह पंच, सीताराम , मास्टर रमेश कुमार, मा. विजय सिंह, वीरेंद्र सिंह, सूबे सिंह, रामकुमार, दाताराम, रामभक्त,मनोज कुमार कऱीरा , सुरेंद्र सिंह, धर्मवीर सिंह, मनोज,ओम, प्यारेलाल , सत्यनारायण साहब, शेर सिंह व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 04: कट के लिए धरने पर बैठे ग्रामीण
विश्व सीनियर सिटीजन दिवस -21अगस्त
सरकार दे रही वृद्धावस्था सम्मान राशि, इलाज की करवाये पूरी व्यवस्था
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कनीना की आवाज। आधुनिक युग में इंसान की उम्र घटती जा रही है। पूरे सौ साल जीने की तमन्ना अधर में ही लटक जाती है। 90 वर्ष से अधिक केवल 5 प्रतिशत ही मिल सकते हैं।
सीनियर सिटीजन सरकार और प्रशासन के प्रयासों के चलते अच्छी हालात में है। एक वक्त था जब बुजुर्गों का बहुत आदर सत्कार होता था तत्पश्चात ऐसा वक्त आया जब बुजुर्गों को वृद्धाश्रम में छोडऩे लग गए परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में कभी भी वृद्धाश्रम में लोग नहीं पहुंचते। सोशल मीडिया के चलते अनेकों बुराइयां मिलती हैं किंतु एक प्रमुख लाभ माता-पिता और बुजुर्गों की कदर का है। बुजुर्गों की अच्छी खासी सेवा की जाती है। अब तो वरिष्ठ नागरिक चाहते हैं कि उनके इलाज का भी पूरा प्रबंध सरकार कर दे तो बेहतर होगा।
कनीना की भीम सिंह सीनियर सिटीजन का कहना है कि बहुत अच्छी हैं, अच्छा जीवन जी रही है। उनकी 62 वर्ष आयु हो चुकी है किंतु परिवार इनको बहुत बेहतर ढंग से देख रेख करता है। जहां सरकार द्वारा भी बुजुर्गों को वृद्धावस्था सम्मान भत्ता दिया जाता है। भत्ता मिलने से बुजुर्गों की सेवा और अच्छे से होती हैं। और कुछ नहीं तो कम से कम अपने छोटे बड़े आवश्यकताओं को इस राशि से पूरा कर लिया जाता है।
सूबे सिंह कनीना निवासी का कहना है कि वे बहुत खुश है सीनियर सिटीजन है किंतु उनका परिवार उनकी देखरेख करता है। सुबह शाम घूमने फिरने पेड़ पौधे लगाने तथा खेत में छोटे-मोटे काम करने के अलावा घर पर ही रहते हैं तथा उनका परिवार उन्हें सही ढंग से रखता है।
गजराज सिंह सीनियर सिटीजन होते हुये भी स्वयं काम करते हैं। उनका कहना है कि किस सभी बुजुर्गों के लिए अस्पताल में मुफ्त सेवा उपलब्ध हो ताकि किसी प्रकार के रोग आदि का निदान मुक्त हुए करवा सके। वे परिवार से खुश हैं।
दुलीचंद कनीना निवासी सीनियर सिटीजन का कहना है कि वे अपनी दैनिक दिनचर्या को जारी रखे हुए हैं और उन्हें विश्वास है कि वे लंबी उम्र जिएंगे। उनका कहना है कि वे अपने दैनिक कार्यों को आसानी से कर लेते और परिवार उनकी पूरी देखरेख करता है।
फोटो कैप्शन: गजराज सिंह, भीम सिंह, दुलीचंद, सूबे सिंह।
किसानों को बाजरा बेचने के लिए करना पड़ेगा इंतजार
इस बार बाजरे की पैदावार ली है जल्दी
- सरकारी तौर पर खरीदा जाता है एक अक्टूबर से
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में किसानों ने अपने बाजरे की पैदावार लेना शुरू कर दिया परंतु अब वे सरकारी तौर पर बाजरे की खरीद की जाने का इंतजार करेंगे क्योंकि बाजरे का समर्थन मूल्य 2500 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है जो गेहूं से भी अधिक है। गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 रुपये प्रति क्विंटल रहा है। ऐसे में बाजरे को बेचने के लिए किसान अक्टूबर माह का इंतजार करेंगे।
उल्लेखनीय है कि हर वर्ष बाजरे की पैदावार देरी से होती है। सितंबर माह में बाजरा निकाला जाता रहा है। इस बार जल्दी बारिश के चलते अगैती बिजाई की थी जिसके चलते किसान पैदावार लेने लग गए हैं। किसान जोर शोर खेतों में बाजरे की कटाई में व्यस्त हैं। क्या कहते कनीना मंडी के उप-प्रधान
कनीना मंडी व्यापार मंडल उपप्रधान रविंद्र बंसल ने बताया कनीना मंडी में अभी तो बाजरे की आवक शुरू नहीं हुई है। खुली मंडी में बाजरे को बेचने के लिए कोई नहीं आ रहा है। उन्होंने बताया कि एक अक्टूबर से बाजरे की सरकारी तौर पर खरीद होती है। अभी अगस्त में चल रहा है, पूरे सितंबर माह इंतजार करके अक्टूबर आएगा। यह पहला अवसर है जब अगस्त माह में बाजरे की लावणी करके पैदावार घर में डाल ली है। हरियाली तीज का उत्सव बीता है जिस पर बाजरे की फसल लहलहाती मिलती है किंतु इस वर्ष हरियाली तीज पर लावणी पर्व चल चुका है।
सरकार भी दे रही श्री अन्न पर जोर-
वैसे तो भारत सरकार भी श्री अन्न के प्रयोग करने पर जोर दे रही है जिसमें बाजरा, रागी, कुट्टू ,ज्वार आदि प्रमुख रूप से आते हैं। बाजरा दक्षिण हरियाणा प्रमुख रूप से खरीफ फसल बतौर उगाया जाता है। बाजरा खाने के लिए कम और मुर्गी दाना एवं पशु चारा, बिक्री आदि के लिए अधिक प्रयोग करते हैं। बाजरे का पौधा कड़वी पशुओं के लिए उत्तम कर माना गया है।
नाग पंचमी 21 अगस्त
-आज भी ग्रामीण क्षेत्
रों में की जाती है नागों की पूजा
-बनाये हुये नाग देवता मंदिर
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कनीना की आवाज। नाग पंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है जो सावन माह की शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। नागों की पूजा की जाती है। इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है। लेकिन कहीं-कहीं दूध पिलाने की परम्परा चल पड़ी है। सांप को दूध पिलाने से पच नहीं पाता जिससे उनकी मृत्यु हो जाती है। शास्त्रों में नागों को दूध पिलाने को नहीं बल्कि दूध से स्नान कराने को कहा गया है। खेलकूद का आयोजन कर मेले भी लगते हैं। गाय, बैल आदि पशुओं को इस दिन नदी, तालाब में ले जाकर नहलाया जाता है।
वास्तव में हिन्दू संस्कृति ने पशु-पक्षी, वृक्ष-वनस्पति सबके साथ आत्मीय संबंध जोडऩे का प्रयत्न किया है। परन्तु नाग पंचमी जैसे दिन नाग का पूजन जब हम करते हैं, तब तो हमारी संस्कृति की विशिष्टता पराकाष्ठा पर पहुंच जाती है।
नाग बड़े उपयोगी हैं। नाग को देव के रूप में स्वीकार करते आये हैं।
भारत जैसे कृषिप्रधान देश में सांप खेतों का रक्षण करता है, इसलिए उसे खेत का रक्षक कहते हैं। जीव-जंतु, चूहे आदि जो फसल को नुकसान करने वाले तत्व हैं, उनका नाश करके सांप हमारे खेतों को हराभरा रखता है। सांप सामान्यतया किसी को अकारण नहीं काटता। उसे परेशान करने वाले को या छेडऩे वालों को ही वह डंसता है। चंपा के पौधे को लिपटकर वह रहता है या तो चंदन के वृक्ष पर वह निवास करता है। केवड़े के वन में भी वह फिरता रहता है। उसे सुगंध प्रिय लगती है। पुराणों में वर्णन आता है कि देव-दानवों द्वारा किए गए समुद्र मंथन में साधन रूप बनकर वासुकी नाग का प्रयोग किया गया था।यहां तक कि साल में एक बार सांपों की पूजा की जाती है। कुछ जगह मंदिर भी नाग देवता के बने हुए हैं जहां नागों की पूजा की जाती है।
कुछ लोगों ने नागों को को दूध पिलाने के लिए सपेरों के यहां जाना पड़ा। दिनभर नागों को याद किया गया। महाभारत काल में जहां नागों और पांडवों का बैर चला किंतु बाद में यह बैर दोस्ती में बदल गया और गांडीवधारी अर्जुन का विवाह नाग कन्या उलूपी से हुआ। बताया जाता है तब से इंसान एवं सांपों की दोस्ती चली आ रही है। आज भी यह दोस्ती कायम है। ऐसे में नाग पूजा के अधिकारी हैं।

















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