Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Tuesday, August 8, 2023

 

संत मोलडऩाथ ग्राउंड में आयोजित हुई कनीना महापंचायत
- लिये गए अनेक समस्याओं के फैसले, बनेगा संगठन
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कनीना की आवाज। कनीना के संत शिरोमणि मोलडऩाथ मैदान में महापंचायत आयोजित की गई जिसमें कनीना की समस्याओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इससे पूर्व भी कनीना वासियों ने दो महत्वपूर्ण बैठक आयोजित कर ली है। विशेष रूप से इन समस्याओं में बाहर से आए हुए व्यक्तियों की रही है जिनके पास किसी प्रकार का कोई आईडी प्रूफ नहीं है किंतु कनीना में रह रहे हैं और किसी भी घटना को अंजाम दे सकते हैं, इनको कनीना से बाहर भेजने के लिए कैसे प्रशासन की मदद ली जाए आदि पर विस्तार से चर्चा हुई।
 महापंचायत में कम से कम एक दर्जन व्यक्तियों ने अपने-अपने विचार रखें जिसमें विशेष रूप से कनीना की विभिन्न समस्याओं पर बातचीत हुई। जहां जिनके पास कोई आईडी नहीं और कनीना में रहे हैं, उनका क्या किया जाए तथा कुछ अन्य मुद्दों पर विचार विमर्श हुआ। जहां इस समस्याओं से निजात पाने के लिए संगठन गठित करने पर विचार किया गया। बाद में जिसमें एक संगठन का गठन किया गया। यह संगठन अब पदाधिकारी नियुक्त करेगा और पदाधिकारियों को नियुक्त करने के बाद ही आगे की कार्रवाई करेगा। इस मौके पर संगठन के लिए कम से कम 100 कार्यकर्ताओं ने नाम लिखवाये। भविष्य में सभी सामाजिक कार्यों एवं अन्य कार्यों में अइपवनी भूमिका निभाएंगा। अगली बैठक में सभी कार्यकर्ताओं की बैठक में संगठन का नाम, पदाधिकारियों तथा सामाजिक कार्यों  की लिस्ट बनाकर उनपर काम करेगी। इस मौके पर समाजसेवी भगत सिंह ने कहा कि यह संगठन भविष्य में कनीना के विभिन्न समस्यात्मक मुद्दों को हल करने में मील का पत्थर सिद्ध होगा।
पंचायत में महेश बोहरा, समाजसेवी भगत सिंह, समाजसेवी दीपचंद, अशोक ठेकेदार, सुरेंद्र कुमार प्राध्यापक, अभय सिंह साहब, कृष्ण गुरुजी, सुमेर मैनेजर, धर्मवीर फौजी, रतनलाल शर्मा, राहुल, नरेंद्र, हरेंद्र शर्मा, डॉ अजीत शर्मा, रवि कुमार, लेखूराम,अजीत कुमार, प्रवेश पंडित ,डॉ विनोद कुमार सहित विभिन्न जन मौजूद थे।
 आदि अनेक लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए और  बिना आईडी के लोगों को कनीना से किस प्रकार प्रशासन की मदद लेकर बाहर किया जाए इस पर विचार प्रस्तुत किये। इस अवसर पर प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार सहित विभिन्न जन मौजूद थे।
 फोटो कैप्शन 9 और 10: कनीना की समस्याओं को लेकर आहूत बैठक का नजारा।








वीर चक्र सूबेदार रामकुमार को उनकी शहादत के दिन याद किया
- पुष्प अर्पित किये तथा गौशाला में लगाई सवामणी
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कनीना की आवाज। कनीना के वीरचक्र प्राप्त सूबेदार रामकुमार को उनकी 58वीं शहादत पर उन्हें याद किया गया। दूर दराज से आये लोगों ने उन्हें पुष्प अर्पित किये गये।
कौन थे शहीद रामकुमार--
  कनीना में गुगनराम नामक एक साधारण व्यक्ति के घर रामकुमार नामक बच्चे का प्रथम जुलाई 1937 को जन्म हुआ। मां का नाम दाना देवी था। घर के हालातों के चलते कोई शिक्षा प्राप्त नहीं की किन्तु आर्मी शिक्षा आठवीं तक पाई थी। परिवार में 6 भाई थे। उस वक्त वे चार भाई रामसिंह, नित्यानन्द, अमर सिंह व रामकुमार फौज में नौकरी करते थे। यही वजह है कि उनके पिता गुगनराम भुवालखा को वारजागिर के रूप में पेंशन मिलती थी।  छोटी उम्र में ही जब रामकुमार की उम्र 16 वर्ष थी, उनसे दो वर्ष छोटी सारली देवी से उनकी शादी कर दी गई। आखिरकार 19 वर्ष की उम्र में 6 सितम्बर 1957 को कुमाऊं रेजिमेंट में नायक पद भर्ती हो गए। नौकरी पूूर्व उनके घर एक बालिका ने जन्म लिया।  अब तो उन की खुशी का ठिकाना नही रहा क्योंकि वे देश सेवा करना चाहते थे। जब कभी वे घर लौटते तो देश और दुश्मनों पर घंटों साथियों से चर्चा करते थे। मां-बाप भी उनसे अति प्रसन्न थे। परन्तु भाग्य में कुछ और ही लिखा था। 1965 में पाक ने भारत पर धावा बोल दिया। पाकिस्तानी पीओके से गोलाबारी करने लगे। पाक को सबक सिखाने के लिए कुमाऊं रेजिमेंट को भेजा जिसमें यह वीर भी साथ था।
भारत का का अमर सपूत रामकुमार 4 कुमाऊं टुकड़ी के कमांडर के साथ कारलपुर पुल की सुरक्षा के लिए 7 अगस्त 1965 को तैनात किया। दुश्मन की नजर पुल को उड़ाने की थी क्योंकि आवागमन का यही रास्ता था। पुल की दिन भर कड़ी सुरक्षा की गई धीरे-धीरे काली रात आने लगी। रात करीब 11 बजे दुश्मनों की सेना ने मौका देख गोली बारी शुरू कर दी और राकेटों से हमला बोल दिया। भारी संख्या में सैनिक मारे गए। टुकड़ी का कमांडर भी बुरी तरह से घायल हो गया और वह चलने में असहाय नजर आता था। उधर रामकुमार भी खुद गोलीबारी में घायल हो चुका था परन्तु हिम्मत जुटाकर रामकुमार ने कमांडर को कन्धे पर डाल लिया और धीरे-धीरे घसीटते हुए उन्हें दूर ले गया जहां पर दुश्मन का प्रभाव कम था। दुश्मनी सेना ने जमकर गोलीबारी व राकेटों से हमला बोल दिया। नायक रामकुमार के सिने पर गोलियां लगी और शरीर छलनी हो चुका था। वे मातृभूमि के काम आये।
भारत के इस वीर सपूत के अदम्य साहस को देख 7 अगस्त 1965 को ही उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र देने की घोषणा कर दी गई। उन्हें रक्षा मैडल, सैन्य सेवा मैडल, वीर सेवा मैडल तथा वीर चक्र से सम्मानित किया गया। उनकी पत्नी सारली को इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री तथा डा एस राधाकृष्णन् द्वारा दिल्ली में वीर चक्र प्रदान किया। वर्तमान में वीर का भरा परिवार है। उनको याद करते हुये थानेदार अतर सिंह ने कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में सवामणी लगाई।
  इस मौके पर शहीद के छोटे भाई नित्यानंद, अमर सिंह, थानेदार अतर सिंह, सत्यवीर सिंह, सुनील कुमार, विजय पाल, होशियार सिंह,राज सिंह, कर्ण सिंह,प्रकाश, राकेश, अमित,हरिश, विनय एडवोकेट, सूबे सिंह, इअभय सिंह, दिनेश कुमार सहित विभिन्न गणमान्य जन मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 08: शहीद रामकुमार की बरसी पर उन्हें पुष्प अर्पित करते हुए।
             07: गौशाला में सवामणी लगाते हुए शहीद के परिजन।




महेन्द्रगढ़ के 12 स्कूलों में होगी 'हरियाणा को जानोÓ प्रतियोगिता
हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं में संपन्न होगी प्रतियोगिता, महज 40 मिनट में हल करने होंगे 50 प्रश्न
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कनीना की आवाज।  सामाजिक संस्था राह गु्रप फाउंडेशन के तत्वावधान में विद्यार्थियों को हरियाणा प्रदेश की संस्कृति एवं सामान्य ज्ञान के प्रत्येक पहलू से अवगत करवाने के लिए अगस्त माह के दूसरे एवं तीसरे सप्ताह में 'हरियाणा को जानोÓ नामक प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। जिसमें जिले के 12 स्कूलों के विद्यार्थी हिस्सा लेंगे। यह जानकारी देते हुए 'हरियाणा को जानोÓ प्रतियोगिता प्रभारी संदीप शर्मा ने बताया कि यह प्रतियोगिता हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं में संपन्न होगी। श्री शर्मा के अनुसार स्कूल अपनी सुविधा अनुसार अपनी सुविधा के अनुसार यह परीक्षा करवा सकेंगे। इसके लिए सभी स्कूलों को उनकी विद्यार्थियों की संख्या एवं पेपर देने के इच्छुक विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार प्रश्न पत्र राह संस्था की तरफ से उपलब्ध करवाए जाएंगे। उनके अनुसार यह प्रतियोगिता ओएमआर आन्सवर पैटर्न पर होगी। जिसमें विद्यार्थियों को ओ.एम.आर. सीट भरने के लिए अलग से दस मिनट का समय दिया जाएगा। 'हरियाणा को जानो प्रतियोगिताÓ में विद्यार्थियों को 50 बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर 40 मिनट में हल करने होंगे। इसके अलावा ओ.एम.आर. भरने लिए विद्यार्थियों को अलग से दस मिनट का समय दिया जाएगा। 'हरियाणा को जानोÓ प्रतियोगिता प्रभारी संदीप शर्मा के अनुसार 'हरियाणा को जानोÓ प्रतियोगिता में कक्षा तीन से लेकर 12वीं तक के सभी प्राइवेट एवं सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी भाग ले सकते हैं। उनके अनुसार 'हरियाणा को जानोÓ प्रतियोगिता में रुप से जिलों की बेसिक एवं सक्षिप्त जानकारी, राज्य के प्रतीक चिन्ह, वर्तमान शहरों के प्राचीन नाम, प्रदेश के शहरों के उपनाम, भौगोलिक क्षेत्रों के उपनाम, हरियाणा के पड़ोसी राज्य (बेसिक/संक्षिप्त), हरियाणा के जिलों का नामकरण, बदले गए शहरों एवं गांवों के नाम, हरियाणवी शब्दों के अर्थ, प्रदेश के प्रमुख लोकगीत, हरियाणा के लोक नृत्य, लोक वाद्य यंत्र, हरियाणवी फैशन शो, वेशभूषा, पुरुषों का पहनावा एवं आभूषण, महिलाओं का पहनावा एवं आभूषण एवं पहनावा, पारंपरिक आभूषण, प्रदेश के रीति-रिवाज, विधानसभा और विधायक, प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं उप-मुख्यमंत्री (बेसिक/संक्षिप्त), प्रशासनिक व्यवस्था (बेसिक/संक्षिप्त), प्रदेश के प्रमुख मंदिर, प्रदेश के प्रमुख गुरुदारे, पंचायती व्यवस्था, कृषि एवं पशुपालन (बेसिक/संक्षिप्त), कृषि यंत्र (बेसिक), खेल एवं इससे संबंधित सम्मान राशि, व्यक्तियों के उपनाम को शामिल किया गया।
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कक्षावार विषय:- कक्षा 3-4-5
जिलों की बेसिक एवं संक्षिप्त जानकारी, राज्य के प्रतीक चिन्ह, वर्तमान शहरों के प्राचीन नाम, प्रदेश के शहरों के उपनाम, भौगोलिक क्षेत्रों के उपनाम, हरियाणा के पड़ोसी राज्य (बेसिक/संक्षिप्त), हरियाणा के जिलों का नामकरण, बदले गए शहरों एवं गांवों के नाम, हरियाणवी शब्दों के अर्थ, प्रदेश के प्रमुख लोकगीत, हरियाणा के लोक नृत्य, लोक वाद्य यंत्र, हरियाणवी फैशन शो, वेशभूषा, पुरुषों का पहनावा एवं आभूषण, महिलाओं का पहनावा एवं आभूषण एवं पहनावा, पारंपरिक आभूषण, प्रदेश के रीति-रिवाज, विधानसभा और विधायक, प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं उप-मुख्यमंत्री (बेसिक/संक्षिप्त), प्रशासनिक व्यवस्था (बेसिक/संक्षिप्त), प्रदेश के प्रमुख मंदिर, प्रदेश के प्रमुख गुरुदारे, पंचायती व्यवस्था (बेसिक/संक्षिप्त), कृषि एवं पशुपालन (बेसिक/संक्षिप्त), कृषि यंत्र (बेसिक), खेल एवं इससे संबंधित सम्मान राशि (बेसिक/संक्षिप्त), व्यक्तियों के उपनाम एवं लेखक परिचय।
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विषय:- कक्षा 6-7-8
जिलों की बेसिक एवं सक्षिप्त जानकारी, राज्य के प्रतीक चिन्ह, हरियाणा एक नजर में, वर्तमान शहरों के प्राचीन नाम, प्रदेश के शहरों के उपनाम, भौगोलिक क्षेत्रों के उपनाम, हरियाणा के पड़ौसी राज्य (बेसिक/संक्षिप्त), हरियाणवीं श्ब्दों के अर्थ, हरियाणवी मुहावरों के अर्थ, हरियाणवी लोकोक्तियों के अर्थ, प्रदेश के प्रमुख लोकगीत, लोक वाद्य यंत्र, हरियाणा के लोक नृत्य, हरियाणवी फैशन शो, वेशभूषा, पुरुषों का पहनावा एवं आभूषण, महिलाओंं का पहनावा एवं आभूषण एवं पहनावा, पारम्परिक आभूषण, प्रदेश के रीति-रिवाज, सडक़ एवं राज्य परिवहन (बेसिक/संक्षिप्त), विधानसभा और विधायक, विधानसभा का प्रारुप, प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं उप-मुख्यमंत्री (बेसिक/संक्षिप्त), प्रशासनिक व्यवस्था (बेसिक/संक्षिप्त), पंचायती व्यवस्था (बेसिक/संक्षिप्त), कृषि एवं पशुपालन (बेसिक/संक्षिप्त), कृषि यंत्र (बेसिक),जिलेवार संक्षिप्त परिचय, राजधानी: चण्डीगढ़ का ब्यौरा, प्रदेश के प्रमुख मंदिर, प्रदेश के प्रमुख गुरुदारे, खेल एवं इससे संबंधित सम्मान राशि (बेसिक/संक्षिप्त), हरियाणा के ब्रांड एम्बेसडर, पर्वतारोहण में हरियाणा का योगदान, व्यक्तियों के उपनाम एवं लेखक परिचय।
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विषय:- कक्षा 9-10
राज्य के प्रतीक चिन्ह, एक नजर में हरियाणा, हरियाणा जिला के वर्तमान एवं पूर्व मानचित्र, वर्तमान शहरों के प्राचीन नाम, शहरों के उपनाम, भौगोलिक क्षेत्रों के उपनाम, हरियाणा के पड़ौसी राज्य, प्राचीन सभ्यताएं, हरियाणा के ऐतिहासिक टीले, हरियाणा के जिलों का नामकरण, बदले गए शहरों एवं गांवों के नाम, हरियाणवी मुहावरों के अर्थ, हरियाणवी लोकोक्तियों के अर्थ, प्रदेश के प्रमुख लोकगीत, लोक वाद्य यंत्र, हरियाणा के लोक नृत्य, हरियाणवी फैशन शो, वेशभूषा, पुरुषों का पहनावा एवं आभूषण, महिलाओं का पहनावा एवं आभूषण एवं पहनावा, पारम्परिक आभूषण, प्रदेश के रीति-रिवाज, प्रदेश की जलवायु, औसत वार्षिक वर्षा, औसत तापमान,सिंचाई व्यवस्था, प्रमुख नहरें, भूकंप संभावित क्षेत्र, सडक़ एवं राज्य परिवहन (बेसिक/संक्षिप्त), हरियाणा में रेल परिवहन, हरियाणा में मेट्रो, विधानसभा और विधायक, संसद के सदनों में प्रदेश का प्रतिनिधित्व, हरियाणा के राज्यपाल,, प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं उप-मुख्यमंत्री (बेसिक/संक्षिप्त), प्रशासनिक व्यवस्था (बेसिक/संक्षिप्त), नगरीय स्व-शासन, पंचायती राज संस्थाएं एवं प्रतिनिधि (बेसिक/संक्षिप्त), कृषि एवं पशुपालन (बेसिक/संक्षिप्त), कृषि यंत्र (बेसिक), जिलेवार संक्षिप्त परिचय, राजधानी: चण्डीगढ़ का ब्यौरा, प्रदेश के प्रमुख मंदिर, प्रदेश के प्रमुख गुरुदारे, प्रमुख मस्जिद एवं मकबरे, हरियाणा के प्रमुख पर्यटन स्थल, ऋषि मुनियों से संबंधित स्थल, हरियाणा के संग्रहालय, खेल एवं इससे संबंधित सम्मान राशि (बेसिक/संक्षिप्त), हरियाणा के ब्रांड एम्बेसडर, पर्वतारोहण में हरियाणा का योगदान, व्यक्तियों के उपनाम एवं लेखक परिचय।
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विषय:- कक्षा 11-12
प्रदेश के जिलावार मानचित्र, राज्य के प्रतीक चिन्ह, एक नजर में हरियाणा, हरियाणा जिला के वर्तमान एवं पूर्व मानचित्र, वर्तमान शहरों के प्राचीन नाम, शहरों के उपनाम, भौगोलिक क्षेत्रों के उपनाम, हरियाणा के पड़ौसी राज्य, प्राचीन सभ्यताएं, हरियाणा के ऐतिहासिक टीले, हरियाणा के जिलों का नामकरण, बदले गए शहरों एवं गांवों के नाम, हरियाणवी शब्दों के अर्थ, हरियाणवी मुहावरों के अर्थ, हरियाणवी लोकोक्तियों के अर्थ, प्रदेश के प्रमुख लोकगीत, लोक वाद्य यंत्र, हरियाणा के लोक नृत्य, हरियाणवी फैशन शो, वेशभूषा, पुरुषों का पहनावा एवं आभूषण, महिलाओंं का पहनावा एवं आभूषण एवं पहनावा, पारम्परिक आभूषण, सांग, सांगी एवं उनके गुरु, वास्तुकला, मूर्तिकला, चित्रकला, प्रदेश के रीति-रिवाज, प्रदेश की जलवायु, औसत वार्षिक जलवायु, औसत तापमान, औसत वार्षिक वर्षा, मिट्टी के प्रकार, सिंचाई व्यवस्था, प्रमुख नहरें, बसडक़ एवं राज्य परिवहन (बेसिक/संक्षिप्त), हरियाणा में रेल परिवहन, हरियाणा में मेट्रो, विधानसभा और विधायक, विधानसभा का प्रारुप, संसद के सदनों में प्रदेश का प्रतिनिधित्व, हरियाणा के राज्यपाल, प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं उप-मुख्यमंत्री (बेसिक/संक्षिप्त), प्रशासनिक व्यवस्था (बेसिक/संक्षिप्त), नगरीय स्व-शासन, पंचायती राज संस्थाएं एवं प्रतिनिधि (बेसिक/संक्षिप्त), कृषि एवं पशुपालन (बेसिक/संक्षिप्त), कृषि यंत्र (बेसिक), जिलेवार संक्षिप्त परिचय, राजधानी: चण्डीगढ़ का ब्यौरा, प्रदेश के प्रमुख मंदिर, प्रदेश के प्रमुख गुरुदारे, प्रमुख मस्जिद एवं मकबरे, हरियाणा के प्रमुख पर्यटन स्थल, ऋषि मुनियों से संबंधित स्थल, हरियाणा के संग्रहालय, प्रमुख उद्योग एवं उत्पादक क्षेत्र (संक्षिप्त), हरियाणा में चीनी मिल, खेल एवं इससे संबंधित सम्मान राशि (संक्षिप्त), सैन्य एवं अन्य महत्वपूर्ण पुरस्कारों की सम्मान राशि, देश के संदर्भ में हरियाणा, प्रदेश में प्रथम महिलाएं, प्रदेश में प्रथम पुरुष, हरियाणा के ब्रांड एम्बेसडर, पर्वतारोहण में हरियाणा का योगदान, व्यक्तियों के उपनाम एवं लेखक परिचय।  







बाजरा फसल में कीड़ा लगने से किसानों ने दिया ज्ञापन
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कनीना की आवाज। क्षेत्र के सैकड़ों गांवों में बाजरा की फसल में कीड़ा लगने से किसान परेशान तथा चिंतित हैं। बाजरा की जड़ तथा भुट्टों पर कीड़ा लगने से फसल खराब होने लग गई है। इस सम्बन्ध में किसानों की परेशानी को लेकर अतरलाल के नेतृत्व में  उपमंडल अधिकारी (ना.) कनीना के कार्यालय में पहुंचकर अधिकारियों से मिलकर उन्हें बाजरा की फसल में कीड़ा लगने से फसलों में हो रहे नुकसान के बारे में बताया। शिष्टमंडल ने उपमंडल अधिकारी (ना.) कार्यालय के अधीक्षक सुरेन्द्र कुमार को हरियाणा के मुख्यमंत्री, जिला उपायुक्त व उपमंडल अधिकारी (ना.) के नाम प्रेषित ज्ञापन सौंपकर राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन से पूरे विधानसभा क्षेत्र में उगाई गई बाजरा की फसल पर हैलीकॉपटर व ड्रोनों से दवाईयों का छिड़काव कर किसानों की फसल को बचाने की मांग की।
  उन्होंने कहा कि विस क्षेत्र के गांव स्याणा, नौताना, कोटिया, करीरा से लेकर कांटी खेड़ी, नावदी, बजाड़, गणियार, चंदपुरा, सुजापुर, तिगरा, ताजपुर, फतनी, भीलवाड़ा, कुंजपुरा, छापड़ा सलीमपुर तक सैंकड़ों गांवों में बाजरा की फसल में कीड़ा लगने की शिकायत मिली है। बाजरा की फसल के भुट्टों में कीड़ा लगने से हो रहे नुकसान को लेकर किसान बेहद चिंतित तथा परेशान हैं। अब की बार बाजरा की बढ़वार ज्यादा ऊंची होने के कारण किसान अपने स्तर पर भी छिड़काव वगैरह नहीं कर सकते। दवाई छिड़काव करते हैं तो दवाई छिड़काव करने वाले के ऊपर ही आकर पड़ती है। इसलिए हेलीकाप्टर या ड्रोनों द्वारा दवाईयों का छिड़काव करने की राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन से मांग की है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन तथा राज्य सरकार को तुंरत कार्यवाही करके किसानों की फसल को बचाना चाहिए वरना सारी फसल खराब हो जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि तीन दिन के अंदर सरकार ने हेलीकाप्टर तथा ड्रोनों द्वारा दवाईयों का छिड़काव शुरू नहीं किया तो किसानों के साथ सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होगी।
फोटो कैप्शन04: अधीक्षक सुरेन्द्र कुमार को ज्ञापन सौंपते किसान।







मां का दूध बच्चों के लिए सबसे उत्तम आहार-यादव
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कनीना की आवाज। मां का दूध बच्चे के लिए आवश्यक आहार होता है इसलिए बच्चे के जन्म से लेकर और एक वर्ष तक बच्चे को मां का दूध पिलाना चाहिए क्योंकि मां का दूध उनके लिए सभी रोगों की एक दवाई है। ये विचार महिला एवं बाल विकास विभाग की वरिष्ठ सुपरवाइजर मनीषा यादव ने मंगलवार को कनीना खंड के विभिन्न गांवों में स्तनपान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
 इस अवसर पर श्रीमती यादव ने कहा कि मां का दूध बच्चे के लिए अति आवश्यक आहार है। इसलिए बच्चे के जन्म होते ही मां का दूध पिलाना चाहिए ताकि बच्चा विभिन्न प्रकार की होने वाली बीमारियों से बचा रहे। उन्होंने कार्यक्रम में आई महिलाओं को से कहा कि गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य को लेकर उचित आहार लेना चाहिए क्योंकि जब माता स्वस्थ होगी तब ही गर्भ में पल रहा बच्चा स्वस्थ होगा। इसलिए गर्भवती महिलाओं को हरी सब्जी, दूध व आयरन की गोलियां समय-समय पर लेती रहनी चाहिए। अपने नजदीक के चिकित्सा केंद्रों में समय-समय पर जांच करवाते रहना चाहिए ताकि इस दौरान इसी प्रकार की शरीर में कमी ना रहे और मां बच्चा दोनों स्वस्थ रहें।
फोटो कैप्शन 05: स्तनपान सप्ताह पर महिलाओं को संबोधित करते हुए  मनीषा यादव







शिवानी का माडल रहा प्रथम
-बीआरसी दिलबाग सिंह पहुंचे स्कूल केमला
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कनीना की आवाज। राजकीय माध्यमिक विद्यालय केमला में दिलबाग सिंह बीआरसी कनीना ने विद्यालय का निरीक्षण किया और प्रार्थना सभा में विज्ञान विषय पर आधारित विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए माडल और चार्ट का अवलोकन किया। जिसमें शिवानी प्रथम, दीपिका द्वितीय और प्रीति तृतीय स्थान पर रही। सभी को प्रेरित किया और पुरस्कृत किया।
 इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय में पौधारोपण कर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया बच्चों को प्रेरित करते हुए प्रतिदिन नियमित रूप से गृहकार्य करने नियमित रूप से स्कूल आने और पाठ्यक्रम संबंधित गतिविधियों में बढ़- चढ़कर भाग लेने के लिए प्रेरित किया। मौलिक मुख्याध्यापक वीरेंद्र सिंह जांगिड़ विद्यालय की ओर से अधिकारी को आश्वस्त किया कि सभी शिक्षक बच्चों को नवीनतम तकनीकी व रुचि के अनुसार आधुनिक शिक्षा ग्रहण करने का हमारा बेहतर प्रयास रहेगा। इस मौके पर स्कूल प्रांगण में एक पौधा भी लगाया।
 इस अवसर पर होशियार सिंह वरिष्ठ अध्यापक, सुनील कुमार डीपीई  मनवीर सिंह विज्ञान अध्यापक, सुनील कुमार,भगत सिंह, राजेश कुमार आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन: केमला स्कूल प्रांगण में पौधारोपण बीआरसी दिलबाग सिंह।








आश्वासन के बाद,संभावनाओं के सहारे 149वें दिन जारी रहा धरना
-अनिश्चितकालीन धरने पर अडिग हैं ग्रामीण
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना 149वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता प्रधान  तेज नोसवा ने की और उन्होंने कहा जब तक सरकार कट का काम शुरू नहीं करती है, तब तक  हम धरने पर बैठे रहेंगे।
धरना कमेटी के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि आज धरने को 149 दिन हो गए हैं। सरकार की तरफ से केवल आश्वासन मिला हुआ है इसलिए हम हर दिन इस इंतजार में हैं कि कब राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू होता है। अब तक धरातल पर कोई काम शुरू नहीं हुआ है। हम शांतिपूर्वक तरीके से धरना स्थल पर  बैठे हुए हैं।
 संघर्ष समिति के सदस्य पहलवान रणधीर सिंह और  नरेंद्र शास्त्री ने आश्वस्त होकर कहा कि हमारा कट जरूर बनेगा, समय लग सकता है ।
 मास्टर विजय पाल और मास्टर विजय सिंह ने बताया कि हमारा धरना बाघेश्वर धाम में चल रहा है। यहां पर सालों पुराना शिव मंदिर है। लाखों की संख्या में यहां पर शिवभक्त आते हैं और उनकी मन्नत पूरी होती है। हमें विश्वास है की बाबा शिव भोले कट के लिए हमारी प्रार्थना जरूर स्वीकार करेंगे।
 संघर्ष समिति के सदस्य चेयरमैन सतपाल और पहलवान धर्मपाल ने बताया  कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनना  इस इलाके के विकास के लिए बहुत जरूरी है। सरकार को जल्द से जल्द  कट के काम को शुरू कर देना चाहिए।
इस मौके पर डा सुरेंद्र सिंह, सूबेदार हेमराज, राष्ट्रपाल , प्रधान कृष्ण कुमार,   सतपाल , कृष्ण कुमार पंच,  हंस कुमार,   राम भक्त, रामकुमार, रोशन लाल, बाजे  विजय, मास्टर धर्मपाल, सीताराम, सुरेंद्र, धर्मवीर, वेद प्रकाश,  सूबे सिंह  व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 03: बाघोत-सेहलंग कट के लिए धरने पर बैठे लोग।








गांव के सरपंच ने मार पीट के मामले में एक दर्जन लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया
- मार पिटाई में एक व्यक्ति घायल अभी तक चल रहा है इलाज
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव कपूरी के सरपंच हिम्मत सिंह ने करीब एक दर्जन लोगों के विरुद्ध मार पिटाई करने का मामला दर्ज करवाया है। मार पिटाई से एक व्यक्ति घायल हो गया जिसका इलाज अभी अस्पताल में जारी है।
 सरपंच ने पुलिस में कहा है कि 5 अगस्त को शाम के करीब 6 बजे 2 जवान लड़के पंकज और दीपक ककराला निवासी अपनी मोटरसाइकिल पर सवार होकर गांव कपूरी की ढाणी की गलियों में हार्न बजाते हुए दो-तीन चक्कर लगाए। जिस पर गांव का सरपंच होने के नाते हिम्मत सिंह ने दोनों लड़कों को रुकवाया और समझाया कि गांव में इस तरह हुुड़दंगबाजी नहीं करनी चाहिए। जिस पर उन्होंने कहा हम तो ऐसे ही हुड़दंग करेंगे, अभी रुक तेरे को सरपंच बनाते हैं। यह कहकर अपनी बाइक को लेकर भाग गए किंतु कुछ समय पश्चात वे दोनों लड़के अपने 15-16 साथियों के साथ मोटरसाइकिलों पर सवार होकर हाथों में डंडा लिए आए। आते ही सरपंच को गाली गलौज करने लगे, झगड़ा करने पर उतारू हो गए। तभी सरपंच के छोटे भाई अजीत के साथ हाथापाई करने लगे, कहने लगे कि आगे से बाइक रुकवाई तो जान से मार देंगे। ऊंची ऊंची आवाज में झगड़े का सुनकर ढाणी के आदमी हमारी तरफ आए ,उन्हें आता देखकर बाइक छोड़कर भाग खड़े हुए परंतु रास्ते में रामनिवास के घर के पास सत्यवीर अपनी गाड़ी पर सवार होकर आ रहा था। लड़कों ने उसे रुकवा लिया। सत्यवीर के साथ मारपीट की और मौके पर ईश्वर नामक व्यक्ति के पहुंचने पर कहां की गाड़ी को आग लगाएंगे। तभी ईश्वर ने पुलिस को 112 पर डायल कर संदेश पहुंचाया। पुलिस मौके पर पहुंचने से पहले लड़के वहां से फरार हो गए। सत्यवीर नामक व्यक्ति को ज्यादा चोट आने से कनीना सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया जहां से उन्हें हायर सेंटर रोहतक रेफर कर दिया। जहां उनका इलाज चल रहा है।
 ऐसे में सरपंच ने पंकज, दीपक, कालिया, मोहित, मोनू, पंकज का भाई, आशीष, दीपक, चांद सिंह का लड़का, रुणिया का लड़का, कृष्ण तथा 5-6 अन्य लोग जिन्हें वो नहीं जानता जिनमें दो कनीना तथा एक ढाणा या मानपुरा से भी हैं, अपनी बाइक पर सवार होकर भाग खड़े हुए। पुलिस ने उनके बयान पर करीब एक दर्जन लोगों के विरुद्ध मारपीट का मामला विभिन्न धाराओं के दर्ज कर लिया है जांच जारी है।








बाजरे की फसल कटाई के समय मजदूरों के आने को लेकर संशय की स्थिति
- बढ़ते आपसी तनाव से कहीं करनी न पड़ जाए स्वयं लावणी
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कनीना की आवाज। इस वक्त यूं तो सावन माह चल रहा है और सावन में ही बाजरे की फसल पककर तैयार हो गई है जिसकी कटाई भी सावन माह में शुरू होने को जा रही है। बाजरे की 90 दिन की फसल होती है और फसल अब पकान के पूरे यौवन पर है। अगस्त के अंतिम सप्ताह में फसल कटाई शुरू हो सकती है जिसको लेकर के किसान चिंतित हैं। किसानों को इस बार संशय है कि कहीं आपसी तनाव के चलते मजदूर उनके क्षेत्र में नहीं आ सके तो उन्हें स्वयं लावणी करनी पड़ेगी। वैसे भी कस्बा कनीना में ऐसे व्यक्ति जिनके पास कोई आईडी नहीं है कनीना में घुसने को लेकर के शक्ति बढऩे की संभावना है। जिसके चलते अब ये मजदूर आएंगे या नहीं कहना कठिन है।
किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार, अजीत, महावीर सिंह, कांता, गजराज मोड़ी,अजय आदि ने बताया कि हर वर्ष रबी और खरीफ फसल की कटाई के दौरान भारी संख्या में मजदूर उनके गांव में आकर लावणी करते हैं क्योंकि किसान अब आलसी होते जा रहे हैं। खेत की कटाई स्वयं नहीं करते अपितु मजदूरों पर निर्भर करते हैं। अब जहां बाहर से आए हुए लोगों के प्रति शक्ति बढ़ती जा रही है वहीं कई गांवों में और शहरों में तनाव देखने को मिल रहा है जिसके चलते उन्हें शंका है कि कहीं ये मजदूर उनके क्षेत्र में न आ सके तो कटाई का कार्य उन्हें खुद ही करना पड़ेगा।
उन्होंने बताया इस बार खरीफ फसल को अनेक समस्याएं झेलनी पड़ी है। जहां अधिक बारिश के कारण बहुत से किसानों की फसल नष्ट हो गई वही बार-बार वर्षा होने से पकी हुई फसल भी धरती पर लेट गई। अब जैसे तैसे फसल पकने लगी तो सुंडी/ कीड़ों का प्रकोप शुरू हो गया है। अब जैसे भी अगेती फसल बच पाएगी उसकी कटाई अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में की जानी है। अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में मजदूरों की भारी जरूरत होती है। प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में मजदूर कनीना क्षेत्र और मंडी में आते हैं जिनके कारण किसानों का गुजारा चलता है। अब कहीं यह मजदूर आपसी तनाव के चलते नहीं पहुंचे तो उस समय किसानों की हालत पतली हो जाएगी क्योंकि किसान खुद का काम स्वयं करने में सक्षम नजर नहीं आते हैं।
फोटो कैप्शन 02: बाजरे की खड़ी पकी हुई फसल दिखाते किसान।





1.75 करोड़ की लागत से बनना शुरू हुआ सड़क मार्ग
-उप-नागरिक अस्पताल को अटेली सड़क मार्ग को मिलाता है यह मार्ग
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कनीना की आवाज। बहुत चर्चित और हजारों लोगों को परेशान करने वाला कनीना थाने के पास से गुजरने वाला अटेली सड़क मार्ग को जोडऩे वाला मार्ग का निर्माण कार्य की शुरुआत हो गई है। कस्बा कनीना के लिए बेहतर दिन है।
 मौके पर एसडीएम कनीना सुरेंद्र सिंह पहुंचे और जेसीबी द्वारा जर्जर सड़क को हटाना शुरू कर दिया है ताकि इस पर आरसीसी का सड़क मार्ग बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि करीब 1 करोड़ 75 लख रुपये की लागत से यह आरसीसी का रोड बनने जा रहा है जिसे जल्द ही काम को पूरा कर दिया जाएगा। तत्पश्चात बहु- चर्चित कनीना मंडी सड़क मार्ग की शुद्ध ली जाएगी। कनीना कस्बा के अंदरूनी मार्गों की हालत अति जर्जर हो गई है जिसे लेकर लोग बेहद परेशान हैं। अब इन्हीं सड़कों की शुद्ध लेने की कार्रवाई कनीना प्रशासक एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने शुरू कर दी है। उन्होंने जर्जर सड़क मार्ग को जेसीबी से हटाते हुए देखा और आवश्यक दिशा निर्देश दिये ताकि सड़क मार्ग जल्द ही बनकर तैयार हो जाए और लोगों के आवागमन के लिए खोल दिया जाए। इसके बाद कनीना के दूसरे सड़क मार्ग का निर्माण कार्य होगा।
 फोटो कैप्शन 01:  जर्जर सड़क मार्ग को जेसीबी से हटाते हुए
साथ में एसडीएम कनीना निरीक्षण करते हुए।









भारत छोड़ो आंदो



























लन दिवस-09 अगस्त
करो या मरो का आह्वान किया था महात्मा गांधी ने -प्रो कर्मवीर

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कनीना की आवाज। आज के दिन आजादी की हवा में सांस ले रहे हैं किंतु आजादी की नींव में भारत छोड़ो आंदोलन जिस अगस्त आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है का अहं योगदान है। यह कहना है प्रसिद्ध इतिहासकार प्रो कर्मवीर का।
उन्होंने कहा कि 09 अगस्त 1942 को, भारत छोड़ो आंदोलन या भारत छोड़ो आंदोलन बापू गांधी ने शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि जब अप्रैल 1942 में क्रिप्स मिशन विफल हो गया। उसके बाद आज़ादी के लिए भारतीय जनता का तीसरा महान जनसंघर्ष शुरू हो गया। इस संघर्ष को भारत छोड़ो आन्दोलन के नाम से जाना जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान महात्मा गांधी द्वारा 8 अगस्त, 1942 को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बंबई सत्र में भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव पारित किया गया और 9 अगस्त से आंदोलन की शुरुआत की गई। प्रोफेसर बताते हैं कि इस प्रस्ताव में घोषित किया गया कि भारत में अंग्रेजों का तत्काल अंत भारत की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के उद्देश्य की सफलता के लिए एक तत्काल आवश्यकता थी।
प्रस्ताव में देश की आजादी के लिए यथासंभव व्यापक पैमाने पर अहिंसक आधार पर जन संघर्ष शुरू करने की मंजूरी दी गई। प्रस्ताव पारित होने के बाद, गांधी ने अपने भाषण में कहा था- करो या मरो. हम या तो आज़ाद होंगे या इस प्रयास में मर जायेंगे। यह आंदोलन भारतीय लोगों का युद्ध घोष बन गया।
 उधर प्रो राजेश कुमार बताते हैं कि 9 अगस्त 1942 को सुबह-सुबह कांग्रेस के अधिकांश नेता गिरफ्तार कर लिये गये। उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों की जेलों में बंद कर दिया गया। कांग्रेस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। देश के हर हिस्से में हड़तालें और जुलूस हुए। सरकार ने आतंक का राज कायम कर दिया और पूरे देश में गोलीबारी, लाठी चार्ज और गिरफ्तारियां हुईं। लोग गुस्से में हिंसक गतिविधियों पर भी उतर आये. लोगों ने सरकारी संपत्ति पर हमला किया, रेलवे लाइनों को क्षतिग्रस्त कर दिया और डाक और तार को बाधित कर दिया।1942 के अंत तक, लगभग 60,000 लोगों को जेल में डाल दिया गया था और सैकड़ों लोग मारे गए थे। मारे गए लोगों में कई छोटे बच्चे और बूढ़ी औरतें भी शामिल थीं। अंग्रेजों का दमनकारी चक्र चला। लोगों ने अपनी सरकारें बनाईं। जय प्रकाश नारायण, अरुणा आसफ अली, एसएम जोशी, राम मनोहर लोहिया और अन्य द्वारा आयोजित क्रांतिकारी गतिविधियां युद्ध की लगभग पूरी अवधि के दौरान जारी रहीं। आज भी उन लोगों को याद किया जाता है।
फोटो कैप्शन: प्रो कर्मवीर एवं प्रो राजेश कुमार



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