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Saturday, August 19, 2023

 
अक्षय ऊर्जा दिवस 20 अगस्त
अक्षय ऊर्जा स्रोत जगत में सबसे बेहतर स्रोत-सुनील कुमार
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कनीना की आवाज। 20 अगस्त को अक्षय ऊर्जा दिवस जो वर्ष 2004 से हर वर्ष मनाया जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह द्वारा यह दिवस मनाने की शुरुआत की थी।  इसके पीछे नवीकरण ऊर्जा स्रोत के बारे में जागरूकता फैलाना है। कोयला और पेट्रोलियम कम होते जा रहे हैं। दिनोंदिन इनके घटने के कारण भविष्य में इनके समाप्त होने का खतरा मंडरा रहा है। वहीं अक्षय ऊर्जा स्रोत ऐसे स्रोत है जो निकट भविष्य में समाप्त होते नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में क्षेत्र के प्रमुख जनों से बात की गई उनके विचार इस प्रकार हैं-
कनीना के शिक्षाविद सुनील कुमार ने बताया कि सूर्य की ऊर्जा, पवन ऊर्जा और जल ऊर्जा अक्षय ऊर्जा के बेहतर स्रोत है। इनसे प्राप्त ऊर्जा पर आधारित कई युक्तियां वैज्ञानिकों ने भी खोजी हैं जिनका उपयोग अधिक से अधिक किया जाना चाहिए। आजकल तो सूर्य से चलने वाली सोलर कूकर, सोलर ड्रायर, सोलर हीटर सोलर वाटर हीटर आदि प्रयोग में लाये जाते हैं। पवन चक्की एवं पवन से बिजली भी बनाई जा रही है। उन्होंने ऐसे में अक्षय ऊर्जा स्रोतों को अधिक से अधिक उपयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जब तक इंसान धरती पर जीवित है तब तक इनका उपयोग किया जा सकता है।
 संदीप कुमार कनीना ने बताया कि वह लंबे समय से पेट्रोल-डीजल के वो वाहन चला रहा है किंतु अब उन्हें पता चला है कि इन स्रोतों की बजाए अक्षय ऊर्जा स्रोत अपनाने चाहिए जो समाप्त होते नजर नहीं आते हैं। ऐसे में उनका उपयोग करना ज्यादा लाभप्रद होगा कि भविष्य में इस प्रकार के स्रोत ही प्रयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि भविष्य में प्रदूषण से भी हमें बचाते हैं। ऐसे में उपयोग करना चाहिए।
 रविंद्र कुमार का कहना है कि अक्षय ऊर्जा स्रोतों से भविष्य उज्ज्वल बन सकता है क्योंकि कोयला और पेट्रोलियम से प्रदूषण इतना बढ़ता है कि विश्व ऊष्मण की समस्या पैदा होती है। अमलीय वर्षा बनती है जो भविष्य के लिए खतरा है। ऐसे में उन्होंने इस प्रकार के स्रोतों का अधिक से अधिक उपयोग करने की बात कही।
 नीरज का कहना है कि कोयला और पेट्रोलियम प्रदूषण करते हैं और भविष्य में बहुत अधिक प्रदूषण करेंगे। ये अम्लीय वर्षा का कारण बनते हैं जो संगमरमर की भव्य इमारतों को भी नुकसान पहुंचाती हैं। धरती का ताप भी बढ़ेगा और बर्फ पानी में बदलकर समुद्रों का तल भी बढ़ाएगा। उन्होंने इस प्रकार के स्रोतों की बजाय अक्षय ऊर्जा स्रोत प्रयोग करने की बात कही।
फोटो कैप्शन: सुनील कुमार, रविंद्र कुमार, संदीप कनीना, नीरज कुमार।






विश्व मच्छर दिवस -20 अगस्त
घटते ही जा रहे हैं जिला में मलेरिया के केस
-रोनाल्ड रोस ने दी थी एनाफ्लीज मच्छर की जानकारी
-2018 से कनीना में मलेरिया का कोई केस नहीं  
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कनीना की आवाज। मच्छर से होने वाली बीमारी की प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है। मच्छर जानलेवा बीमारी डेंगू, चिकनगुनिया एवं मलेरिया आदि फैलाते हैं। 20 अगस्त 1897 को रोनाल्डो रोस मादा एनाफ्लीज मच्छर की खोज की और मलेरिया का कारण बताया था।  इसीलिए इस दिन को विश्व मच्छर दिवस के रूप में मनाया जाता है।
कनीना के एमपीएचडब्ल्यू सुनील कुमार ने बताया कि मलेरिया फैलाकर लोगों की जान लेने में एनाफ्लीज मच्छर का योगदान होता है। एनाफिलीज मच्छर से मलेरिया नहीं होता बल्कि परजीवी इसका कारण होता है। यद्यपि मलेरिया के उपचार की दवा कुनीन पहले से ही खोज ली थी। सुनील कुमार का कहना है कि मच्छरों के काटने से अपने आपको बचाना चाहिए। अक्सर पानी में मच्छर अंडे देता हैं जिससे लारवा पैदा होता है इसलिए आस पास पानी नहीं खड़े होने देना चाहिए। एनाफ्लीज मच्छर की 40 प्रजातियां मिलती हैं और यह मच्छर अक्सर सुबह काटते हैं। चौकी मादा एनाफिलीज मच्छर को अंडे देने के लिए खून की जरूरत इसलिए खून पीती है जबकि नर मच्छर अक्षर फूल अन्य स्रोतों पर मिलते हैं।
 मलेरिया इंस्पेक्टर शीशराम ने बताया कि  
जिला महेंद्रगढ़ में 2021 में 5, वर्ष 2022 में 3 केस मलेरिया के थे। कनीना में वर्ष  2015 में 6 केस मलेरिया के थे जो 2016 में घटकर तीन रह गए, 2017 में फिर से 2 केस रह गए 2018 में 3 केस मलेरिया के आए। 2019 में कोई मलेरिया का केस नहीं आया जिसके पीछे लोगों की जागरूकता बताई जा रही है।
उन्होंने बताया कि मलेरिया प्लाजमोडियम परजीवी से फैलता है जिसे मादा एनाफिलीज खून पीते वक्त शरीर में छोड़  जाती है। मच्छर काटने के 10 से 15 दिनों में बार बार बुखार सिरदर्द आदि आता है। यदि जल्द उपचार नहीं किया जाए तो यह बहुत घातक भी साबित बन सकता है।
 ऐसे में मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी, क्रीम, तेल, लगाकर बचना चाहिए।  मलेरिया का इलाज करवाना बहुत जरूरी है वरना भविष्य में घातक परिणाम निकल सकते हैं।
 फोटो कैप्शन: शीशराम एचआई एवं सुनील कुमार।






घटती जा रही ग्वार की खेती
- विभिन्न उद्योगों में तथा प्रसाधन में आता है काम
-40 एकड़ में उगाया गया है ग्वार
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कनीना की आवाज। किसी वक्त कनीना क्षेत्र में अच्छी पैदावार ग्वार की ली जाती थी किंतु वर्तमान में ग्वार की खेती घटती जा रही है।
 ग्वार का अर्थ है गऊ का आहार अर्थात गाय का बेहतरीन चारा माना जाता है किंतु अब यह बहुत कम क्षेत्रफल पर उगाया जाता है। इसको अधिक पानी की जरूरत नहीं होती। पशुओं के लिए  ग्वार की चूरी उपयोगी है इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक पाई जाती है। ग्वार का गोंद कपड़ा, खाद्य पदार्थ शृंगार का सामान बनाने, विस्फोट, तेल उद्योगों में किया जाता है।
अपनी उपयोगिता के कारण यह लोकप्रिय है। डा देवराज पूर्व कृषि अधिकारी बताते हैं कि ग्वार की गिरी में 35 फीसदी तक गम पाया जाता है। इसका उपयोग खाद्य प्रसंस्करण ,वस्त्र उद्योग सौंदर्य प्रसाधन, विस्फोटक उद्योग, कागज उद्योग में किया जाता है। बेकरी बनाने, आइसक्रीम ,पनीर के रखरखाव, चटनी बनाने में उपयोगी है। ग्वार पौष्टिक जा रहा है इसलिए विभिन्न पशुओं को खिलाने के काम आता है, इसके चूरी पशुओं को खिलाते हैं वहीं ग्वार की फलियां सब्जी के काम आती है। यह फलीदार दलहनी कम होने के कारण वायुमंडल की नाइट्रोजन को अवशोषित करता है। परंतु फसल में जड़ गलन रोग एवं बीएलबी रोग के कारण पैदावार घटती जा रही है। किसान इसे उगाने से घबराने लगे हैं। प्रति एकड़ 6 क्विंटल पैदा होना चाहिए किंतु होता है एक क्विंटल साथ में भाव अच्छे नहीं है जिसके चलते किसान रुझान घटा है।
फोटो कैप्शन 04: ग्वार की खेती।







अटेली हलके के बेरोजगारों को मिले नौकरियां
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कनीना की आवाज। सरकार नहरी पानी, विकास कार्यों और नौकरियों में अटेली हलके को अपना हक नहीं मिल रहा है।
  ठाकुर अतरलाल ने अटेली हलके के गांव पड़तल में नुक्कड़ सभा को सम्बोधित करते हुए लगाया। उन्होंने कहा कि अटेली हलके का गांव पड़तल, मोड़ी, उच्चत तथा हसनपुर प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना में शामिल होने की सभी शर्तें पूरी करते हैं और बहुजन समाज पार्टी पिछले काफी समय से इन गांवों को प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना में शामिल करवाने की मांग को लेकर आंदोलनरत है परन्तु सरकार ने अभी तक इन गांवों को प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना में शामिल करने तथा यहाँ विकास कार्यों की शुरूआत करने की कार्यवाही शुरू नहीं की है। इसी तरह कनीना तथा अटेली रेलवे स्टेशनों को समृद्ध भारत स्टेशन योजना में शामिल न किए जाने से इलाके के लोगों में भारी रोष व्याप्त है। स्वर्ण खंड विकास योजना में भी अटेली तथा कनीना खंड की अनदेखी की गई है। सरकार ने पिछले 9 सालों से यहाँ कोई बड़ा भारी उद्योग या आइएमटी भी स्थापित नहीं की है, जिससे युवाओं को रोजगार मिलता। उन्होंने कहा कि सरकार की भेदभावपूर्ण नितियों के कारण अटेली विकास की दौड़ में पिछड़ता जा रहा है। उन्होंने सरकार से तत्काल अटेली को उपमंडल बनाने, दौंगड़ा अहीर गांव को उपतहसील बनाने, कनीना में लेबर आफिस खोलने तथा ग्रामीण सम्पर्क सड़कों का नवीनीकरण करने की मांग की। शेर सिंह यादव, रोहताश सिंह, भागसिंह चेयरमैन ने बिजली कटौती पर रोश प्रकट करते हुए बिजली विभाग से अघोषित रूप से की जा रही बिजली कटौती तत्काल बंद करने की मांग की।
फोटो कैप्शन:  पड़तल में नुक्कड़ सभा को सम्बोधित करते बसपा नेता अतरलाल।





स्कूल में विद्यार्थियों ने हर्षोंल्लास से मनाया तीज का त्यौहार
-यूरो स्कूल में हुआ कार्यक्रम
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कनीना की आवाज।  यूरो स्कूल कनीना के प्रांगण में हर्षोल्लास की भावना से विद्यार्थियों ने तीज का पर्व मनाया। स्कूल परिसर में आयोजित इस उत्सव में विद्यार्थियों  ने रंग-बिरंगे परिधान, गीत-नृत्य और परंपरागत खाने-पीने की व्यवस्था के साथ तीज का आनंद उठाया। इस पावन पर्व पर प्राचार्य सुनील यादव ने विद्यार्थियों को पर्व के महत्व को समझाने का महत्वपूर्ण काम किया। विद्यार्थियों ने तीज के त्यौहार के पीछे छिपी सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक महत्वपूर्णताओं को जानने का अवसर प्राप्त किया। इस महोत्सव की शोभायात्रा में, विद्यार्थियों ने अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन करते हुए तीज के पर्व के रूपों की अनुकरणीयता को दर्शाया। स्कूल में कला और संस्कृति के क्षेत्र में विद्यार्थियों की प्रतिभागिता का स्तर देखने लायक था। विद्यार्थियों ने तीज के त्यौहार को एक एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म के रूप में मनाया, जो समाज में एकता और सांमजस्य की भावना को प्रकट करता है। उन्होंने इस अवसर पर धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से समाज को संबोधित किया और तीज के महत्व को बताने का प्रयास किया। यूरो ग्रुप्स ऑफ स्कूल के निर्देशक नितिन यादव एवं शैक्षणिक निर्देशक ड़ा. राजेन्द्र यादव व ने बताया कि विद्यार्थियों के द्वारा तीज के त्यौहार का यह आयोजन शिक्षा के साथ-साथ संस्कृति की महत्वपूर्ण बातों को सीखने और समझने का एक नया तरीका है। इस अवसर पर समस्त अध्यापकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
फोटो साथ है।






एसडी विद्यालय में धूम-धाम से मनाई हरियाली तीज।
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कनीना की आवाज। हरियाली तीज के अवसर पर एस डी विद्यालय ककराला में बच्चों ने बड़े हर्षोल्लास से विभिन्न गतिविधियों में अपनी भागीदारी निभाते हुए इस उत्सव को मनाया विद््यार्थियों ने मधुर गीतों द्वारा श्रावण के महत्व व प्रकृति का अद्भुत सौंदर्य एवं महिलाओं द्वारा की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों पर भी प्रकाश डाला। बच्चों ने झूलों पर एवं पतंग बाजी में बड़ा उत्साह दिखाया एवं भरपूर मनोरंजन किया। विद्यालय के झूलों केा बड़े सुन्दर तरीके से सजाया गया था। बच्चों ने नृत्य कला के माध्यम से अपने विचारों एवं भावों की प्रस्तूति दी। नन्हें विद्यार्थियों ने तीज के अवसर पर मनमोहक पौशाक पहनी हुई थी जिससे दृश्य देखते ही बनता था।
विद्यालय निदेशक जगदेव यादव ने विद्यार्थियों, स्टॉफ एवं अभिभावकों को हार्दिक बधाई दी व बताया कि हरियाली तीज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है जो चारों तरफ हरियाली, खुशहाली का प्रतीक होता है। यह त्योहार विभिन्न त्योहार के आगमन का भी प्रतीक है। प्रकृति का नजारा अद्भुत होता है जो अत्साह प्रतीक होता है। इस समय वर्षा का अधिक प्रभाव होता है सम्पूर्ण प्रकृति में हरियाली की चादर सी बिछी होती है। इस त्योहार को हरियाली तीज भी कहा जाता है। सुखी दांपत्य जीवन की कामना से स्त्रियां इस दिन वृत भी रखती है।।
इस अवसर पर उपप्राचार्य पूर्ण सिंह, सीएओ. नरेन्द्र यादव, सीईओ आर एस यादव, सुरेन्द्र कुमार चैहान, देवव्रत यादव, सनेह यादव, भावना, पिंकी, मनीष, रेनू व समस्त स्टॉफ सदस्य उपस्थित रहे।






19 से 22 अगस्त तक हो सकती है हल्की बारिश
-मानसून पड़ा कमजोर
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कनीना की आवाज। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मानसून गतिविधियां कमजोर पड़  हुई है और बीच बीच में कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से  उत्तरी हरियाणा के कुछ हिस्सों पर हल्की से मध्यम बारिश और  शेष हरियाणा में सिमित स्थानों पर बिखराव वाली हल्की बूंदाबांदी दर्ज हुई है।सम्पूर्ण इलाके में तापमान में बढ़ोतरी उमस भरी गर्मी अपने रंग दिखा रही है। मौसम विशेषज्ञ डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में मॉनसून ट्रफ  अपनी सामान्य स्थिति से उत्तर में मानसून टर्फ का पश्चिमी छोर हिमालय की तलहटी के करीब चलता है और इसका पूर्वी छोर बाराबंकी, डेहरी, रांची, दीघा से होकर गुजरता है और वहां से दक्षिण-पूर्व की ओर उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी तक जाता है। मानसून ब्रेक की स्थिति बनी हुई है हरियाणा में 1 जून से आज 17  अगस्त के दौरान कुल 350.1 मिलीमीटर बारिश की गतिविधियों को दर्ज किया गया है जबकि हरियाणा में इस दौरान सामान्य  290.9 मिलीमीटर बारिश की गतिविधियां होती है जो सामान्य बारिश से 20.0 प्रतिशत अधिक दर्ज हुई है  फतेहाबाद हिसार जींद में इस दौरान सबसे कम बारिश हुई है  जबकि शेष 19 जिलों में सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश दर्ज हुई है। साथ ही हरियाणा एनसीआर दिल्ली पर लगातार उष्ण आर्द्र गर्म पश्चिमी हवाएं चलने की वजह से सम्पूर्ण इलाके में तापमान में बढ़ोतरी और उमसभरी गर्मी से आमजन को सामना करना पड़ रहा है केवल  सिमित स्थानों पर संजीवनी स्वरुप पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से हल्की बारिश बूंदाबांदी की गतिविधियों को दर्ज किया जा रहा है सम्पूर्ण इलाके पर आंशिक बादलवाही देखने को मिल रही है। उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी में मध्य क्षोभ मंडल पर एक चक्रवातीय सरकुलेशन बना हुआ है जो कल तक एक कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होकर भारत के मध्य हिस्से पर पहुंचने की संभावना है जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश मध्यप्रदेश बिहार में हल्की से मध्यम बारिश की गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा। कल साथ ही एक ताजा  कमजोर पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर भी  सक्रिय होने से  मानसून गतिविधियों में हल्की बढ़त होने की संभावना है जिसकी वजह से हरियाणा एनसीआर दिल्ली के के केवल उत्तरी पूर्वी और दक्षिणोत्तर पंचकूला अंबाला यमुनानगर कुरुक्षेत्र करनाल पानीपत रोहतक झज्जर रेवाड़ी गुडग़ांव सोनीपत फरीदाबाद पलवल सोहना तावडू नूंह मेवात होडल  और दिल्ली एनसीआर आदि हिस्सों में ही 19-22 अगस्त के दौरान हल्की से मध्यम बारिश की गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा। जबकि शेष हरियाणा में केवल सिमित स्थानों पर बिखराव वाली हल्की बारिश/ बूंदाबांदी की संभावना बन रही है।लगातार कमजोर मानसून गतिविधियां और पश्चिमी उष्ण आर्द्र गर्म हवाएं चलने से तापमान में बढ़ोतरी और उमसभरी पसीने वाली गर्मी से आमजन को सामना करना पड़ रहा है।






दैनिक व्यवहार व व्यापार गणित पर आधारित -कुसुमलता
अवंति आनलाइन क्लास में  स्टार स्टुडेंट के लिए 10 बच्चों का चयन
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कनीना की आवाज। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के सहयोग से अवंति समूह द्वारा संचालित गणित ऑनलाइन क्लास में अधिकतम उपस्थिति हेतु पीएम श्री राजकीय कन्या स्कूल से 10 बच्चों को चयनित कर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में प्रधानाचार्य कुसुम लता यादव ने कहा कि 'विज्ञान के इस युग में हमारा प्रतिदिन का व्यवहार पग-पग पर गणित से भरा पड़ा है। किसी भी बात के समझने तथा समझाने हेतु हमें गणित के ज्ञान का सहारा लेना पड़ता है। विशिष्ट वक्ता डॉ सी एस वर्मा ने कहा कि गणित को व्यापार का मूल तथा विज्ञान को  जन्मदाता भी कहा गया है। दैनिक जीवन में, क्रय-विक्रय, आय-व्यय, घर का हिसाब, भवन निर्माण तथा इंजीनियरिंग का पूरा काम गणित पर ही आधारित रहता है। इसलिए जीवन में गणित का ज्ञान अर्जित करना जरूरी है । कार्यक्रम प्रभारी प्रवक्ता रंजन कौर तथा उमलेश कुमारी ने बताया कि अवंति समूह के तत्वावधान में  पिछले चार साल से संकल्प कार्यक्रम चल रहा है जिस में विज्ञान और गणित की पढ़ाई को बेहतर बनाने का कार्य किया जा रहा है  । अवंति टीम  द्वारा समय समय पर स्कूलों का दौरा कर फीड बैक लिया जा रहा है । नींव कार्यक्रम के अंतर्गत चलाई जा रही गणित की ऑनलाइन फाऊंडेशन क्लास से बच्चों  को बहुत फायदा हुआ है । अवंति टीम प्रतिनिधि हिमांशु शर्मा ने बताया कि विषय की जानकारी उपरांत बच्चों का सतत मूल्यांकन भी किया जा रहा है और बच्चे सीख भी रहे हैं । अवंति द्वारा यह कार्यक्रम भविष्य में भी जारी रहेगा ।  इस अवसर पर स्कूल का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।




तीज का पर्व मनाया एसडीएम स्कूल में
-आयोजित हुई कई प्रतियोगिताएं
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कनीना की आवाज। एसडीएम वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय छिथरोली में तीज पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया जिसमें पर्यावरण संरक्षण पर भाषण प्रतियोगिता वह चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसके मुख्य अतिथि प्रोफेसर सुनील फोगाट यूनिवर्सिटी आफ ब्रिस्टल (इंग्लैंड) थे। अध्यक्षता अजमेर सिंह दांगी ने की मुख्य अतिथि प्रोफेसर सुनील फौगाट ने वर्तमान समय की भारतीय संस्कृति व इंग्लैंड की संस्कृति की तुलनात्मक स्थिति को विस्तार से वर्णित किया। उन्होंने बताया कि भारत की शिक्षा पद्धति इंग्लैंड की शिक्षा पद्धति से बेहतर है। इंग्लैंड के लोग भारतीय संस्कृति को महत्व देते हैं उनका मानना है कि भारतीय संस्कृति सभी देशों की संस्कृति से बेहतर है उन्होंने कहा है कि भारत देश की विद्यार्थियों में जो अनुशासन देखने को मिलता है बाकी किसी देश के विद्यार्थियों में देखने को नहीं मिलता।
स्कूल के प्रधानाचार्य रेखा दांगी ने पतंग प्रतियोगिता और चित्रकला प्रतियोगिता में विजेता विद्यार्थियों को सम्मानित किया। पतंग प्रतियोगिता में सत्यम हाउस में मानवी ष्ठ/ह्र अमित और शगुन ष्ठ/ह्र लाल सिंह , शिवम हाउस में प्रीतेश स्/ह्र रविंद्र और शिखा ष्ठ/ह्र जितेंद्र ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। चित्रकला प्रतियोगिता में सुंदरम हाउस में निखिल स्/ह्र परमवीर, महक ष्ठ/ह्र विजेंदर और शुभम हाउस में प्रिया ष्ठ/ह्र अतर सिंह और तनीश स्/ह्र राजेश ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
संस्था के डायरेक्टर अजमेर सिंह दांगी ने आज हरियाली तीज के पावन अवसर पर पर्यावरण के बारे में बताते हुए कहा कि हमारा सारा जीवन पर्यावरण पर निर्भर करता है। जीवन का उचित विकास व वृद्धि को निर्धारित करता है। सामाजिक जीवन के अच्छे और बुरे गुण हमारे प्राकृतिक वातावरण के गुणवत्ता पर निर्भर करता है। पर्यावरण वह प्राकृतिक आवरण होता है जो हमें प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करता है। इस मौके पर प्रधानाचार्य रेखा दांगी, उप प्रधानाचार्य सत्यपाल यादव, रामकिशन सिवाच, इंद्रदेव शर्मा, सूरत सिंह, गजराज सिंह, मेजर सुखबीर सिंह एवं समस्त विद्यार्थी गण एवं स्टाफ सदस्य मौजूद थे।






सद्भावना दिवस 20 अगस्त
आज भी युवा पीढ़ी  भारत निर्माता के रूप में जानती है राजीव गांधी को
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कनीना की आवाज। 20 अगस्त पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जन्मदिन सद्भावना दिवस के रूप में मनाया जाता है। राजीव गांधी को आज भी युवा सोच वाले लोग भारत का निर्माता बताते हैं। 40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले राजीव गांधी ने आधुनिक भारत की नीव रखने की दिशा में कारगर कदम उठाया था। 1984 से 1991 तक राजीव गांधी देश के युवा प्रधानमंत्री रहे।  5 वर्षों में अपनी छाप छोड़ी, उनके कार्यों की प्रशंसा करने वालों की आज भी कमी नहीं है। क्या कहते हैं नेता व अन्य नेता-
 अनीता यादव पूर्व सीपीएस का कहना है कि दूरसंचार क्रांति में और नई तकनीक लाने में राजीव गांधी का कोई सानी नहीं है। भविष्य की सोच लकर चलते थे। जिसके चलते कंप्यूटर लाने वालों में उन्हीं का नाम एक है। चाहे कंप्यूटर का प्रारंभ विरोध हुआ परंतु बाद में लोग जागरूक हुये तो पता लगा कि वास्तव में आधुनिक युग में कंप्यूटर क्रांति का अहम रोला होताहै। ऐसे महान मुख्यमंत्री को बार-बार नमन। उन्हें सूचना और तकनीक दूरसंचार क्रांति के जनक भी कहा जाता है। दूरसंचार की स्थापना की देश और दुनिया आपस में जुड़े। 1986 में राजीव राजीव गांधी की पहल से ही एमटीएनएल की स्थापना हुई चाहे उस वक्त राजीव गांधी नहीं रहे थे।
कांग्रेसी नेता राजकुमार का कहना है कंप्यूटर क्रांति के जनक राजीव गांधी को माना जाता है। वैज्ञानिक पित्रोदा के साथ मिलकर देश में कंप्यूटर क्रांति लाये। उन्होंने कंप्यूटर उपकरणों पर आयात शुल्क घटाने की पहल की। भारत रेलवे में टिकट जारी होने की कंप्यूटरीकृत व्यवस्था भी उन्हीं की देन थी।  पंचायतों को सशक्त करने का सपना भी उनके दिल में था। और पंचायतों को सशक्त भी किया।
 उधर मानपुरा के सुनील कुमार कहते हैं कि उनके चलते हली 1992 में 73वां संसोधन हुआ। उल्लेखनीय कि 1991 उनकी हत्या हो गई जिसक  एक साल बाद राजीव गांधी की सोच को साकार किया गया। 1992 में 73वें एवं 74वें संशोधन में पंचायती राज व्यवस्था का उदय हुआ। 73वां संशोधन नरसिंह राव सरकार के वक्त विधेयक पारित कराया गया था। इसका उद्देश्य पंचायती राज व्यवस्था पैदा करना था। उधर उनका कहना है कि नवोदय विद्यालय उन्हीं की देन है। इस समय 551 नवोदय विद्यालय से भी अधिक विद्यालय खुले हुए हैं जिनमें एक लाख 80 हजार विद्यार्थी शिक्षा का रहे हैं। शिक्षा पार मुफ्त 12वीं तक की शिक्षा दी जाती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा 1986 में की गई थी वह भी उसका श्रेय राजीव गांधी को दिया जाता है यदि पीयूष मिश्रा राजीव गांधी जीवित नहीं थे।
 उधर रविंद्र कुमार कनीना का कहना है कि का कहना है कि पहले देश में वोट देने की उम्र सीमा इक्कीस वर्ष थी युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी की नजर में यह उम्र सीमा गलत थी जिसके चलते उन्होंने 18 वर्ष की उम्र में मताधिकार देकर उनकी जिम्मेदारी और देश को सशक्त बनाने की पहल की गई। 1989 में संविधान के किस संशोधन के जरिए वोट डालने की सीमा 21 से घटकर 18 वर्ष कर दी गई हो जिसका श्रेय राजीव गांधी को जाता है।
 फोटो कैप्शन- पूर्व विधायक अनीता यादव, राजकुमार सुनील मानपुर और रविंद्र कुमार


तीज उत्सव पर मेले लगे एवं पतंगबाजी की गई
-वो मारा वो काटा का शोर सुनाई पड़ा
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कनीना की आवाज। कनीना में तीज का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर मेले का आयोजन किया गया और पतंगबाजी का हुल्लड़ चला। कनीना के कई गांवों में तीज के पर्व पर मेले लगे।
 कनीना में शनिवार को हरियाली तीज का पर्व मनाया गया। इन दिनों घेवर की मिठाई खाने की रिवाज है। उधर हरियाली तीज के दिन पूरा दिन पतंगबाजी का शोर सुनाई पड़ता रहा। छतों पर युवा, बच्चे एवं बुजुर्ग वो मारा, वो काटा करते रहे। जहां पतंगबाजी के लिए बहुत से लोग पतंग उड़ाने व पतंग की डोर को काटने का मजा ले रहे थे तो कुछ कट कर जाने वाले पतंग का लुत्फ उसे दूर से पकड़कर लाने में उठा रहे थे।
  हरियाली तीज के पर्व पर मेले का आयोजन किया गया। इस पर्व को तीज मेला नाम से जाना जाता है। नगरपालिका के पास इस मेले का आयोजन लंबे समय से होता आ रहा है।
  यह पर्व किसान भी मनाते है क्योंकि फसल लहलहा रही है। लहलहाती फसल को देखकर किसान प्रसन्न हो रहे हैं।  किसानों की फसल खेतों में खड़ी है। अब तो किसान लावणी को लग गये हैं।
महिलाओं को समर्पित हरियाली तीज -
जहां अच्छी फसल होने की खुशी में हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है वही यह पर्व महिलाओं को समर्पित है। हरियाली तीज से 1 दिन पहले सिंधारा पर्व आता है वही तीज का पर्व आता है। दोनों ही पर्व पर जहां महिलाओं को याद किया जाता है, विशेषकर विवाहित लड़कियों को उनके घर भाई या पिता पहुंचकर दान देकर आता है। विशेषकर घेवर की मिठाई दी जाती है। जिन्हें आसपास घरों में बांटकर खाया जाता है। वास्तव में इस दिन पींग पर झूलने की प्रथा है। वैसे तो पूरे सावन माह में ही पींग पर झूला जाता है किंतु इस दिन विशेष आकर्षण का केंद्र पींग होती है।
जंगलों में नृत्य करते मोर, बारिश का शोर तथा पतंग उड़ाने वालों की ध्वनि स्पष्ट सुनाई पड़ती है।
  पतंगों के लड़े पेच--
 अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में दो प्रकार की पतंग हवा में उड़ाई जाती है। एक पतंग के पूंछ होती है दूसरी बगैर पूंछ की होती है। बगैर पूंछ की पतंग को पतंगबाजी के एक्सपर्ट जन ही लुत्फ उठा सकते हैं किंतु पूंछ वाली पतंग को छोटे बच्चे तक हवा में उड़ाकर लुत्फ लेते हैं। इन पतंगों के पेच लड़ाए जाते हैं।    हरियाली तीज के दिन तो दिनभर डेक पर संगीत चलता रहा और छतों पर कई कई बच्चे इक_े होकर पतंगबाजी करते देखे गये।
फोटो कैप्शन 1: कनीना में छतों पर पतंग उड़ाते बच्चे। जागरण






कट की मांग को लेकर 160वें दिन जारी रहा धरना
-ग्रामीण बैठे हैं अनिश्चितकालीन धरने पर
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का धरना 160वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता पहलवान रणधीर सिंह बाघोत ने की और उन्होंने बताया कि कट बनेगा लेकिन थोड़ा समय लग सकता है।
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष  विजय सिंह चेयरमैन  ने बताया कि गर्मी और उमस के साथ आसमान में बादल छाए हुए हैं। धरने पर बैठे हुए 160 दिन हो गए हैं और सभी लोग खुश हैं, उस समय के इंतजार में हैं  कि कब राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू होता है।
 संघर्ष समिति के सदस्य नरेंद्र कुमार शास्त्री-छिथरौली और बाबू लाल सेहलंग ने बताया कि चंडीगढ़ और नारनौल आने -जाने वाले यात्रियों  को बहुत परेशानी हो रही है। भारत सरकार यात्रियों की पीड़ा को समझे और जितना जल्दी हो सके कट का काम शुरू करवाया जाए।
इस मौके पर  डॉ लक्ष्मण सिंह,मास्टर विजयपाल , पहलवान धर्मपाल, ठेकेदार शेर सिंह, विजय सिंह, मास्टर धर्मपाल,
,मुंशी राम, सूबे सिंह पंच, सीताराम ,मास्टर रमेश कुमार, मास्टर विजय सिंह,  सूबेदार हेमराज, मास्टर विजय सिंह, वीरेंद्र सिंह, सूबे सिंह, रामकुमार, दाताराम, रामभक्त,मनोज कुमार कऱीरा ,  सुरेंद्र सिंह, धर्मवीर सिंह, मनोज,ओम,  प्यारेलाल , मास्टर विजय सिंह, सत्यनारायण साहब,  शेर सिंह  व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 03: धरने पर बैठे ग्रामीण।






 प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए फिर से खुला पोर्टल, आवेदन की तिथि 25 अगस्त
-26 अगस्त तक कर सकते हैं फिजिकल काउंसलिंग
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कनीना की आवाज। हरियाणा के विभिन्न कालेजों में जहां ग्रेजुएशन प्रथम वर्ष के लिए प्रवेश की अंतिम तिथि 25 अगस्त तक कर दी गई है। विस्तृत जानकारी देते हुए डॉ हरिओम भारद्वाज रजिस्ट्रार राजकीय महाविद्यालय कनीना ने बताया नये रजिस्ट्रेशन 19 अगस्त से 25 अगस्त तक किए जा सकेंगे और फिजिकल काउंसलिंग 19 अगस्त से 26 अगस्त तक जारी रहेगी। विद्यार्थी प्रवेश लेना चाहे वह आवेदन आनलाइन करके कॉलेज में फिजिकल काउंसलिंग के लिए पहुंचे।




 कनीना क्षेत्र में हुई हल्की बूंदाबांदी
-वर्षा ने डाला तीज पर्व में खलल
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कनीना की आवाज। शनिवार को सुबह सवेरे क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी हुई जिससे किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई। इस वक्त बाजरे की फसल की लावणी चल रही है। ऐसे में हल्की बारिश भी बेहतर नहीं है। किसानों कृष्ण कुमार, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह आदि का कहना है कि जब बारिश की जरूरत थी तब नहीं हुई और अब फसल कटाई का कार्य शुरू हो गया अब बारिश का का कोई फायदा नहीं है। क्षेत्र में एक एमएम वर्षा हुई।






 उपमंडल कनीना में एक दर्जन गांवों में नहीं हुई वर्षा
-फसल सूखी, बाजरे के भुट्टे टूट कर खेतों में गिरे
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कनीना की आवाज।  बेशक कुछ गांवों में अच्छी बारिश हुई है जिससे बाजरे की फसल को अधिक बारिश से नुकसान हुआ है किंतु जब फसल पकने पर पहुंच गई तब बारिश न होने से करीब एक दर्जन गांवों में फसल सूख गई है। किसानों ने बताया की फसल सूख जाने से बाजरे के भुट्टे स्वयं टूट कर गिर गए हैं। किसान मायूस हैं तथा चारा जरूर प्राप्त होगा किंतु पैदावार प्राप्त नहीं होगी।
 किसानों को विश्वास था कि यह फसल पकने लगेगी उस समय बारिश हो जाएगी किंतु बारिश नहीं हुई जिसकी चलते कुछ किसानों ने अपनी फसल की सिंचाई करके बचा लिया है। वहीं एक दर्जन भर गांवों में किसानों की फसल सूख गई है और वे मायूस है, उनके बाजरे के भुट्टेे भी खेतों में टूट कर गिर गए हैं।
कृष्ण कुमार, महिपाल सिंह, निरंजन सिंह, दिनेश, सुरेश आदि ने बताया कि फसल पकान के अंतिम समय बारिश न होना उनके लिए दुखदाई साबित हुआ है। फसलों में भारी नुकसान हुआ है। किसान अब बाजरे की फसल की कटाई में लग गये हैं।
फोटो कैप्शन 01: बाजरे की सूखने जा रही फसल।



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