चन्द्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग पर लड्डू बांटकर खुशी मनाई
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कनीना की आवाज। यूरो स्कूल कनीना में चन्द्रयान-3 के सफलतापूर्वक चन्द्रमा के दक्षिण ध्रुव पर उतरने पर लड्डू बांटकर खुशी जताई। स्कूल प्रांगण में इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। यूरो ग्रुप ऑफ स्कूल के चेयरमैन सत्यवीर यादव ने अध्यापकगण व विद्यार्थियों के साथ मिलकर अपनी खुशी का इजहार किया। उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों, स्कूल प्रांगण में आए हुए अभिभावकों, अध्यापकों और विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई दी एवं इस उपलब्धि के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारत ने चन्द्रमा की सतह पर चन्द्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारकर एक नया इतिहास रचा है। इस सफल मिशन के पीछे इसरो के महान् वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत और उनकी प्रतिभा का ही परिणाम है कि आज सारा विश्व हमारे भारतवर्ष की सराहना कर रहा है। हम अपने आप को बड़ा गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि हमारे वैज्ञानिकों ने चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चन्द्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारकर विश्व में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। इस कार्यक्रम में उपस्थित यूरो ग्रुप ऑफ स्कूल के शैक्षणिक निदेशक डॉ. राजेन्द्र यादव एवं स्कूल प्रार्चाय सुनील यादव ने इस शुभावसर पर सभी को हार्दिक बधाई दी।
फोटो साथ है।
शहीद स्मारक पर गंदगी होने परेशानद्ध
-गंदगी साफ करने की मांग
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कनीना की आवाज। कनीना के अशोक च्रक सम्मानित शहीद सज्जन सिंह पार्क में गंदगी के चलते लोग परेशान हैं। इधर-उधर कूड़ा कचरा पड़ा है जिसको लेकर लोग प्रशासनिक अधिकारी के पास भी पहुंचे हैं किंतु अभी तक इस कूड़े कचरे को ठीक नहीं किया है।
दिनेश कुमार, सुनील कुमार, सुरेश कुमार आदि ने बताया कि कूड़ा कचरा अधिक होने के कारण शहीद स्मारक तक पहुंचना भी कठिन हो जाता है। आसपास यदि कोई पार्क में घूमना चाहे तो गंदगी के साम्राज्य के चलते परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि अविलंब स्मारक की सफाई करवाई जाए। स्मारकों को साफ सुथरा बनाया जाए ताकि वहां आवागमन हो सके।
फोटो कैप्शन 11: स्मारक पर गंदगी दिखाते कनीना के लोग।
रात के रात के वक्त न तो बसों की सुविधा और न हीं ट्रेन
- रात्रिकालीन कोई बस सेवा नहीं
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल होते हुए भी यहां न तो रात्रिकालीन कोई बस सेवा उपलब्ध है और न हीं कोई ट्रेन उपलब्ध है। ऐसे में यदि कोई रात के समय कनीना में फंस जाता है तो उसे सुबह का इंतजार करना पड़ेगा।
कनीना खास रेलवे स्टेशन 1939 में निर्मित किया गया था किंतु यहां फास्ट एवं सुपरफास्ट ट्रेन नहीं रुकती, महज एक फास्ट तथा पैसेंजर ट्रेन से ही गुजारा करना पड़ता है। रेवाड़ी से कनीना की ओर 8:55 पर रेवाड़ी से ट्रेन चलती है वहीं कनीना से रेवाड़ी की ओर 9:48 पर चलती है। तत्पश्चात कोई ट्रेन सुबह होने तक नहीं है जिसके चलते अगर कोई चरखी दादरी, रोहतक ,अटेली एवं नारनौल आदि की ओर जाना चाहे तो नहीं जा सकता क्योंकि यह ट्रेन केवल महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी की और देर शाम तक ही चलती हैं। तत्पश्चात सुबह होने का इंतजार करना पड़ता है।
कनीना के रेलयात्री रविंद्र बंसल, सुरेश कुमार, दिनेश कुमार, महेंद्र शर्मा, महेश कुमार आदि ने बताया कि ट्रेन की कोई बेहतर सुविधा नहीं है। बार-बार आंदोलन किए गए ज्ञापन भी उच्च अधिकारियों को भेजे लेकिन का नीना खास रेलवे स्टेशन जो अहीरवाल एवं सैनिकों को गढ़ है किंतु यहां कोई ट्रेन सुविधा उपलब्ध नहीं है। फास्ट और सुपरफास्ट ट्रेन यहां ठहराव किए बगैर आगे निकल जाती है। यदि यहां एक मिनट का ठहराव कर लिए दिया जाए तो न केवल रेलवे को लाभ मिलेगा अपितु सैनिकों और यात्रियों को भारी लाभ मिल सकता है। वैसे भी कनीना उपमंडल हैं जहां से ट्रेन उपलब्ध होनी चाहिए, हर फासट ट्रेन रुकनी चाहिए ताकि लोगों को लाभ मिल सके।
कुछ इसी प्रकार की हालत बस स्टैंड की है। कनीना बस स्टैंड से नारनौल, रेवाड़ी, कोसली आदि के लिए रात्रिकालीन कोई सेवा नहीं है जहां विभिन्न मार्गों पर आठ बजे तक बस या निजी साधन उपलब्ध हो सकते हैं तत्पश्चात कोई साधन उपलब्ध नहीं होता। यदि कोई व्यक्ति कनीना में फस जाए तो उसे न तो बस उपलब्ध हो पाएगी और न ही ट्रेन अपितु सुबह होने पर ही बस एवं ट्रेन ट्रेन उपलब्ध हो पाएंगी। ऐसे में सबसे बड़ी विकट समस्या यात्रियों के लिए है।
उल्लेखनीय की कनीना एक और जहां रेवाड़ी, रोहतक ,चरखी दादरी, नारनौल, अटेली एवं महेंद्रगढ़ आदि शहरों से जुड़ा हुआ है और उनके बीच में स्थित है किंतु यहां कोई ट्रेन और बस सेवा उपलब्ध नहीं है। जिसके चलते कनीना वाचक बेहद परेशान हैं। कनीनावासी बार-बार मांग कर रहे हैं कि अलवर से चरखी दादरी वाया कनीना जो रेल मार्ग प्रस्तावित है उसे अभिलंब बनाया जाए यही नहीं कोसली से कनीना भी रेलवे लाइन प्रस्तावित है उसको बनाया जाए ताकि कनीना एक जंक्शन बन सके और यहां ट्रेनों का ठहरा हो सके। सभी की नजरें जंक्शन बनने पर टिकी हुई है। उधर कनीना के बस स्टैंड से रात्रि कालीन सेवाएं चलती थी किंतु आपके सभी सेवाएं बंद है। कभी चंडीगढ़, दिल्ली एवं बीकानेर आदि के लिए रात्रि कालीन सेवाएं उपलब्ध थी। अब कोई सेवा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में लोगों की मांग है की रात्रिकालीन बस सेवाएं शुरू की जाए और कनीना में सभी ट्रेनों का ठहराव किया जाए।
क्या कहते हैं यहां के लोग-
कनीना खास रेलवे स्टेशन 1939 से पहले का बना हुआ है और उपमंडल का दर्जा होते हुए भी ट्रेन की सुविधाओं से महरूम है। विभिन्न अधिकारी, व्यापारी, दैनिक यात्री, भारी संख्या में दिल्ली चंडीगढ़, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर आदि स्थानों पर जाते हैं किंतु उनके लिए कोई ट्रेन सुविधा नहीं है। उन्हें ट्रेन पकडऩे के लिए भी कम से कम 35 किलोमीटर दूर रेवाड़ी जाना पड़ता है। ऐसे में कनीना खास रेलवे स्टेशन पर ट्रेन ठहराव की सुविधा दी जाए।
---मुकेश नंबरदार
कनीना कस्बे के भारी संख्या में दैनिक यात्री, नौकरी, रोजगार के लिए तथा अधिकारियों को दिल्ली तथा दूरदराज जाना पड़ता है। किंतु उनके लिए ट्रेन की सुविधा नहीं है। ट्रेन पकडऩे के लिए भी उन्हें 35 किलोमीटर दूर रेवाड़ी जाना पड़ता है। नौकरी,साक्षात्कार वगैरह के लिए उन्हें रात को भी जाना पड़ता है। ऐसे में उनको बड़ी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सभी ट्रेनों का ठहराव होना चाहिए। रात्रिकालीन बस सेवा उपलब्ध कराई जाए।
---सुनील कुमार
कनीना में कम से कम 1000 दुकाने है जिनसे सैकड़ों दुकानदार प्रतिदिन सामान लेने के लिए भी दूरदराज आने को मजबूर है। कनीना खास रेलवे स्टेशन से उनको कोई सुविधा नहीं मिल रही है। ऐसे में उनकी मांग है कि कनीना की हर प्रकार से जायज मांगे, सभी फास्ट ट्रेन, सुपरफास्ट ट्रेनों का ठहराव तुरंत पूरी की जाए। उन्होंने उनका कहना है कि बार-बार आंदोलन कर चुके हैं और उनके आंदोलन को इसलिए रुकवा दिया जाता है कि जल्दी ट्रेन का जल्द ही ठहराव करेंगे किंतु ट्रेनों का ठहराव नहीं किया जा रहा है। रात्रि सेवा बस लगाई जाएं।
---रविंद्र बंसल
फोटो कैप्शन 12 व 13: कनीना खास रेलवे स्टेशन
14: कनीना का बस स्टैंड साथ में रविंद्र बंसल, सुनील कुमार एवं मुकेश नंबरदार
अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन 25 से
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कनीना की आवाज। उपमंडल अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी उपमंडल कनीना से संगठन शिष्ट मंडल कर्मचारियों से संबंधित मांगों व समस्याओं को लेकर बैठक हुई जिसमें उपमंडल अभियंता ने मांगों व समस्याओं का समाधान करने से इनकार कर दिया।
समस्याओं का उपमंडल अभियंता द्वारा समाधान न करने पर संगठन शिष्ट मंडल ने दिनांक 25 अगस्त 2023 से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। यह जानकारी प्रमोद कुमार शर्मा, प्रधान ने दी।
दो दिवसीय सांग उत्सव संपन्न
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव स्याणा में कवि सुखीराम की जयंती पर हरियाणा कला परिषद हिसार मंडल द्वारा आयोजित सांग उत्सव संपन्न हुआ। 23 अगस्त को सांगी धर्मवीर तथा 24 अगस्त को जींद से आए सांगी वेदू अत्रि ने लख्मीचंद द्वारा रचित सांग नौटंकी दिखाया। लोगों ने भुलाई जा रही सांग परंपरा के प्रति लगाव देखने को मिला। इस अवसर पर हरियाणा कला परिषद के निदेशक महावीर गुड्डू ,राजेंद्र, शिवराम, सरपंच वीरपाल तथा आसपास के ग्रामीण मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 07: सांग दिखाते हुए कलाकार।
सीताराम यादव को बनाया चुरू विधानसभा का विस्तारक
-हो रहा है बेहतर स्वागत
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कनीना की आवाज। राजस्थान में आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर केंद्रीय विधायक विस्तारक प्रवास के तहत अटेली विधायक सीताराम यादव को चुरू जिले के तारानगर विधानसभा को में विस्तारक लगाया गया है।
विधायक सीताराम लगातार तारानगर विधानसभा में सक्रिय है। उन्होंने मंडल स्तरीय बैठकों में शिरकत की। अब वे लगातार बूथ स्तर की बैठकर कर रहे हैं तथा सभी कार्यकर्ताओं से अपने-अपने बूथ मजबूत करने की बात कह रहे हैं। विधायक सभी कार्यकर्ता आमजन से आत्मीयता एवं अपनापन से मुलाकात कर रहे हैं। उनका जगह-जगह पगड़ी पहनकर एवं फूलमालाओं से स्वागत किया जा रहा है।
फोटो कैप्शन 10: सीताराम यादव विधायक आमजन एवं कार्यकर्ताओं से मिलते हुए।
कट के लिए ग्रामीणों का धरना 165वें दिन रहा जारी
-अनिश्चितकालीन धरने पर हैं ग्रामीण
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरने पर अडिग हैं। ध 165वें दिन की अध्यक्षता पहलवान रणधीर सिंह -बाघोत ने की।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 165 दिन हो गए हैं किंतु सरकार ने अभी तक ककाम शुरू हीं करवाया है। शांतभाव से धरने पर हैं। मौसम के बदलाव से धरना स्थल पर बैठे लोगों को गर्मी से राहत मिली है। बादल छाए हुए हैं, बरसात होने की संभावना है। भारत सरकार के आश्वासन के बाद हर रोज यही सोच कर धरना स्थल पर बैठते हैं कि आज राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत-सेहलंग के बीच कट का काम शुरू हो जाएगा। जब तक काम शुरू नहीं होता है,तब तक हम धरना स्थल पर बैठे रहेंगे। उन्होंने धरना स्थल पर 40 गांवों के बुजुर्ग लोग बैठे हैं । वे जानते हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनना बहुत जरूरी है। कट बनने के बाद ही इस इलाके का विकास संभव है। धरने पर ग्रामीण सरकार के सकारात्मक रुख से प्रसन्न हैं। उन्हें विश्वास है कि भारत सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम जल्द शुरू करेगी।
इस मौके पर संघर्ष समिति के सदस्य डाक्टर लक्ष्मण सिंह,नरेंद्र शास्त्री- छिथरोली, संघर्ष समिति के सदस्य प्रधान कृष्ण कुमार,पूर्व उप सरपंच हंस कुमार सेहलंग, भारतजानी उर्फ अमरजीत व आशीष नौताना, मास्टर विजयपाल, जिला पार्षद लीलाराम, मास्टर धर्मपाल, बाबूलाल, दाताराम, डॉ राम सिंह, रघुवीर पंच,सतवीर, पहलवान धर्मपाल,मास्टर ओम यादव, राम भक्त, रामकुमार, सीताराम, मास्टर रमेश कुमार, प्यारेलाल, मुंशी राम, भोले राम साहब, ओम प्रकाश, डॉ राम सिंह, धर्मवीर, वेद प्रकाश, सूबेदार हेमराज,पीटीआई महिपाल, रोशन लाल, मनोज कुमार करीरा व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 08: कट के लिए धरने पर बैठे लोग।
अब मिड डे मील में भी दिया जाएगा श्रीअन्न
- सरकार ने जारी किया नया रेसिपी कैलेंडर
-हरियाणवी रसगुल्ले भी दिये जाएंगे
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कनीना की आवाज। पूरे देश में चल रहे दोपहर भोजन योजना के तहत अब हरियाणा सरकार ने विभिन्न स्कूलों में श्रीअन्न को मिड डे मील में शामिल कर लिया है। यही नहीं अब सरकार ने रेसिपी का कैलेंडर जारी करते हुए 3 सप्ताह अलग-अलग मिड डे मील देने की योजना बनाई है तथा तीन सप्ताह बाद फिर से यह रोटेशन जारी रहेगा।
जहां पहले सप्ताह में सोमवार को सब्जियों का पुलाव और काला चना, मंगलवार रोटी,घियाऔर चना दाल, बुधवार राजमा और चावल बृहस्पतिवार कढ़ी पकोड़ा और चावल, शुक्रवार हलवा और काला चना तथा शनिवार को श्रीअन्न के पराठा एवं दही। इसी प्रकार दूसरे सप्ताह सोमवार पौष्टिक खिचड़ी, मंगलवार को मीठा दलिया, बुधवार सोया पूड़ी और सब्जी या सफेद चना ,आलू सब्जी, गुरुवार रागी की खिचड़ी शक्रवार बेसन का पूड़़ा, दूसरे शनिवार को अवकाश रहेगा। तीसरे सप्ताह सोमवार चावल व दाल, मंगलवार रोटी व मूंग या मसूर की दाल बुधवार मेसी रोटी तथा सब्जी गुरुवार को चावल तथा मूंगफली, शुक्रवार पौष्टिक नमकीन दलिया और शनिवार श्रीअन्न के गुलगुले दिए जाएंगे। इसी प्रकार चौथे सप्ताह फिर से पहले सप्ताह वाला कार्यक्रम लागू होगा।
एक जैसा मिड डे मिल दिया जाएगा-
अब कक्षा एक से पांच तथा छह से आठ में एक जैसा दोपहर का भोजन दिया जाएगा परंतु इसकी मात्रा अलग अलग होगी।
कितना मिलता है खर्चा -
बच्चों के दोपहर भोजन योजना पर 1 से 5 तक 6.17 रुपये प्रतिदिन जबकि कक्षा 6 से 8 को 8.17 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से खर्च मिलता है। जिसमें ईंधन भी खरीदना पड़ता है। स्कूलों में चावल, गेहूं और सूखे दूध के पैकेट सरकार पहुंचती है बाकी सामान स्कूल को खुद खरीदना पड़ता है। वर्तमान समय में सोया चुरा, मौसमी सब्जी, काला चना, तेल, नमक, राजमा प्याज, टमाटर, धनिया, दही, बेसन, चीनी, रागी, सूजी, रिफाइंड तेल या घी, मसाला, मूंग दाल, मसूर दाल, मूंगफली, गुड़, रागी आदि स्कूलों को खरीदने पड़ते हैं। ईंधन का प्रबंध भी करना पड़ता है। परंतु अब विद्यार्थी गुलगुलों का आनंद भी लेंगे जिन्हें हरियाणवी रसगुल्ला कहा जाता है। वहीं पर विद्यार्थियों को नया-नया खाने में आहार मिल पाएगा। प्रत्येक विद्यार्थी को 150 ग्राम चावल तो 100 ग्राम गेहूं भोजन के रूप में मिलना चाहिए।
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों
को भेजा बधाई संदेश
-चंद्रयान-3 की सफलता ने दिलाया विश्व में नाम
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कनीना की आवाज। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत की अप्रतिम सफलता तथा चंद्रयान-3 की कामयाबी के उपलक्ष्य में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अगिहार में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें इसरो के वैज्ञानिकों को इस उपलब्धि पर बधाई दी गई।
विद्यालय में अंग्रेजी के प्रवक्ता मदन मोहन कौशिक ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि इसरो के वैज्ञानिकों ने पूरे देश को गौरवान्वित किया है तथा इससे पूरे देश में जश्न का माहौल है। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं तथा देश की उन्नति में अपना योगदान दें। विद्यालय में गणित के प्रवक्ता अजय बंसल ने इसरो की स्थापना से लेकर आज तक के सारे अभियानों पर प्रकाश डालते हुए इसरो के इस कार्यक्रम की सराहना की तथा इसे विश्व के इतिहास में मील का पत्थर बताया। विद्यार्थियों ने तिरंगे झंडों के साथ तथा देशभक्ति के नारों के साथ वातावरण को सजीव व मनोरम बनाने में अपना योगदान दिया । इस अवसर पर विद्यालय के प्रवक्ता राजेंद्र कटारिया, निशा, पूनम कुमारी, रतनलाल, चंद्रशेखर, मुकेश कुमार, प्रमोद कुमार, धर्मेंद्र डीपी, पवन कुमार तथा निशा कुमारी सहित विद्यालय के समस्त स्टाफ एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 09: अगिहार में तिरंगे के साथ अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए विद्यार्थी।
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