Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Friday, December 29, 2023



 

अलविदा 2023
वर्ष 2024 के लिये, लिये जा रहे संकल्प
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कनीना की आवाज। नव वर्ष 2024 का आगाज होने जा रहा है और नए साल के आगमन पर लोग कई बुराइयां त्यागने को कटिबद्ध हैं वहीं क्षेत्र में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वर्ष 2023 कई कड़वे एवं मीठे अनुभव छोड़कर जा रहा है।
  कनीना क्षेत्र के कुछ युवा जनसेवा में तो कुछ बेटी बचाने के लिए कटिबद्ध हैं। युवाओं में नए वर्ष को लेकर तैयारियां चल रही हैं। क्या कहना है लोगों का--
नए साल से गायों की सेवा करने का संकल्प ले चुके हैं। गायों की दुर्गति से वे परेशान हैं। उनका कहना है कि वे गायों के लिए भोजन कराने तथा गौशालाओं में सेवा करने का काम करते रहेंगे। उनका मानना है कि गाय को माता का दर्जा दिया गया है और गायों की सेवा से सभी प्रकार के कष्ट एवं दरिद्रता मिट जाती है। ऐसे में वे वर्ष 2024 में गायों की सेवा करते रहेंगे।
  ---समाजसेवी सुरेश कुमार
मेरे परिवार में महज दो लड़कियां हैं और लड़का नहीं हैं। ऐसे में वे बेटी बचाने तथा बेटियों को पढ़ाने के लिए अनवरत प्रयास करते रहेंगे। वे दूसरों को भी बेटी बचाने की प्रेरणा देंगे तथा अपनी कलम से बनाए जाने वाले भजन एवं गीत भी लड़कियों को बचाने एवं उनकी शिक्षा दीक्षा को अर्पित किए जाएंगे। वे वर्ष 2024 को बेटियों के रूप में मनाना चाहते हैं।
  --- महेंद्र कुमार झाड़ली
 गाय एवं बेटी दोनों के लिए अपना नया वर्ष लगाएंगे। उनका कहना है कि घमते हुए गौवंश को गौशालाओं तक पहुंचाने तथा बेटियों को बेहतर शिक्षा दिलवाकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने की प्रेरणा देते रहेंगे। वे लोगों से मिलकर बेटा हो या बेटी एक समान होने की बात समझाएंगे तथा उन्हें बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करते रहेंगे। वे वर्ष 2024 के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
---  समाजसेवी अजीत कुमार
 मैं आर्य समाज की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए पूरा प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि वह गायों की सेवा और आर्य समाज के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने में अपना अमूल्य योगदान देंगे और दूसरे लोगों को भी इस अभियान में जुडऩे की अपील करेंगे। उनका कहना है कि यह दोनों ही कार्य समाज के लिए बहुत जरूरी है।
  --राव मोहर सिंह आर्य समाज प्रधान
 नये साल में देशभक्ति की बयार बहाना चाहते हैं। समाजसेवा से लंबे समय से जुड़े हुये हैं। वे नेताजी सुभाषचंद्र बोस एवं विभिन्न शहीदों के लिए कटिबद्ध रहेंगे तथा उनकी शिक्षाएं जन जन तक पहुंचाने का काम करते रहेंगे। समाजसेवा में अहं योगदान दूंगा।
-- विनय कुमार एडवोकेट
 फोटो कैप्शन: अजीत कुमार, विनय कुमार एडवोकेट, पेंटर सुरेश कुमार,राव मोहर सिंह,  महेंद्र झाड़ली।








ककराला में होगा सैंबो/मार्शल आर्ट चैम्पियनशिप का आयोजन
-31 दिसंबर तक करवा सकते हें पंजीकरण
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कनीना की आवाज। एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला में 31 दिसम्बर 2023 को 14वीं जिला स्तरीय सैंबो/मार्शल आर्ट चैम्पियनशिप का आयोजन होगा।  इस चैम्पियनशिप का आयोजन जिला महेन्द्रगढ़ संबो सगठन द्वारा किया जाएगा। प्रतिभागी के लिए पंजीकरण करवाना अति आवश्यक है। पंजीकरण 31 दिसम्बर 2023 को 9.30 तक करवाया जा सकता है।
  विस्तृत जानकारी देते हुए जगदेव ककराला ने बताया कि प्रतियोगिताओं में बालिकाएं-अंडर 14 से 16 वर्ष भारवर्ग 41 किग्रा, 44 किग्रा, 47 किग्रा, 50 किग्रा, 54 किग्रा, 65 किग्रा, 72 किग्रा,।  यूथ-अंडर 16 से 18 वर्ष भारवर्ग 47 किग्रा, 50 किग्रा, 54 किग्रा, 59 किग्रा, 65 किग्रा, 72 किग्रा, 80 किग्रा,। जूनियर-अंडर 20 वर्ष भारवर्ग 50 किग्रा, 54 किग्रा, 59 किग्रा, 65 किग्रा,72 किग्रा, 80 किलो ग्राम। जूनियर-अंडर 23 वर्ष भारवर्ग 50 किग्रा, 54 किग्रा, 59 किग्रा, 65 किग्रा, 72 किग्रा, 80 किग्रा। सीनियर-अंडर 23 वर्ष से अधिक भारवर्ग 50 किग्रा, 54 किग्रा, 59 किग्रा, 65 किग्रा, 72 किग्रा, 80 किग्रा।
बालक-अंडर 14 से 16 वर्ष भारवर्ग 45 किग्रा, 49 किग्रा, 53 किग्रा, 58 किग्रा, 64 किलो ग्राम, 71 किग्रा, 79किग्रा, $88 किग्रा,। यूथ-अंडर 16 से 18 वर्ष भारवर्ग 53 किग्रा, 58 किग्रा, 64 किलो ग्राम, 71 किग्रा, 79 किग्रा, 98 किग्रा, $98 किलोग्राम। जूनियर-अंडर 20 वर्ष भारवर्ग 58 किलोग्राम, 64 किलोग्राम 71 किलो ग्राम, 79 किलो ग्राम, 88 किलो ग्राम $98 किलो ग्राम। जूनियर-अंडर 23 वर्ष भारवर्ग 58 किलो ग्राम, 64 किलो ग्राम, 71 किलो ग्राम, 79किग्रा, 88किलोग्राम 98 किग्रा। सीनियर-अंडर 23 वर्ष से अधिक भारवर्ग 58 किग्रा, 64 किग्रा, 71 किलो ग्राम, 79 किलोग्राम 88 किलो ग्राम$ 98 किलो ग्राम रखे गये हैं। इस प्रतियोगित के लिए सभी टीमों व प्रतिभागियों को निर्धारित स्थल पर प्रात: 9:30 बजे अपना आधार कार्ड, जन्मप्रमाण पत्र, एक फोटो दस्तावेजों के साथ पहुंचना है।






विकसित भारत जन संवाद संकल्प यात्रा पहुंची रामबास व पड़तल गांव
-विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत गरीब आदमी को लाभ देने की अनूठी पहल
-प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 7 गैस कनेक्शन वितरित किए
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कनीना की आवाज। विकसित भारत जन संवाद संकल्प यात्रा के तहत गांव रामबास व पड़तल में मुख्य अतिथि अटेली के विधायक सीताराम यादव ने शपथ ग्रहण करवाने के बाद अपने संबोधन में कहा केंद्र राज्य सरकार ने अपने लगभग साढ़े  नो साल के कार्यकाल में समाज के अंतिम व्यक्ति को सरकारी  सेवाएं प्रदान करने की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए समाज के मुख्य धारा से जोड़ा है ।
अगले 25 वर्ष के दौरान  हम सबको मिलकर   देश को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में खड़ा करना है। इसी उद्देश्य? से सरकार हर गांव हर व्यक्ति तक पहुंच कर जन कल्याणकारी नीतियों से जोड़ा जा रहा है।
 उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समावेशी विकास की अवधारणा को आगे बढ़ते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शिक्षा स्वास्थ्य कानून व्यवस्था महिला सशक्तिकरण युवाओं के उत्थान और अंत्योदय को हासिल करने के लिए कई अनूठी स्कीमें  शुरू की और ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गांव पड़तल में रेखा विमला देवी, श्वेता देवी ,पूनम ,करिश्मा, रामबास की सुनीता बाई जयंता को गैस कनेक्शन देकर लाभान्वित किया।
समाज कल्याण विभाग ने रामबास की रेवती पत्नी, उदमीराम, की बुढ़ापा पेंशन बनाकर लाभ दिया।
महिला बाल विकास विभाग ने रामबास की सरोज, रंजीत ,आशा देवी, की गोद भराई व टीना, का अन्नप्राशन पड़ताल गांव की सुप्रिया, बाला ,ममता की गोद भराई व मोहित का अन्नप्राशन अवनी का जन्मदिन मना कर आशीर्वाद दिया।
इस अवसर पर ब्लॉक समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश, एडवोकेट दिलीप सिंह, प्रिंसिपल ओमपाल सिंह, सरपंच प्रतिनिधि कुलदीप एडवोकेट, सरपंच रामबास की सरोज देवी, सरपंच रोशन लाल इंदौरा पड़तल , डॉ निशा, डॉ रोहित कुमार, डॉक्टर संतोष, एसडीओ डॉक्टर अजय कुमार यादव, एस ई पी ओ कृष्णपाल, ध्यान सिंह खाद्य आपूर्ति अधिकारी, ज्योति सुपरवाइजर, समाज कल्याण विभाग से विनोद कुमार, जिला कल्याण विभाग से कृष्ण कुमार,अभिमन्यु, विकास गोमला, मत्स्य पालन विभाग से सतीश कुमार एफएम, कल्याण बोर्ड से रोशन लाल,संदीप यादव ,मोहित शर्मा, नीलम गैस एजेंसी भोजावास से राजेश कुमार गौतम व सभी अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
फोटो: शपथ ग्रहण करवाते अटेली के विधायक सीताराम यादव ।
फोटो: गैस कनेक्शन वितरित करते अटेली के विधायक सीताराम यादव।
फोटो: गोद भराई अन्नप्राशन जन्मदिन पर आशीर्वाद देते हुए।








खंड स्तरीय रीडिंग प्रमोशन प्रतियोगिता आयोजित
-विभिन्न विद्यालयों ने पाया नाम
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कनीना की आवाज। राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में खंड स्तरीय रीडिंग प्रमोशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।  शुभारंभ खंड शिक्षा अधिकारी विश्वेश्वर कौशिक ने करते हुए कहा कि आज के प्रतिस्पर्धा के युग में उन्हें पठन-पाठन में ज्यादा रुचि दिखानी होगी तभी वह पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में भी शामिल हो सकेंगे तथा सफलता प्राप्त कर सकेंगे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी दिलबाग सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम में कलस्टर स्तर पर विजेता विद्यार्थी भाग ले रहे हैं तथा यह विद्यार्थी खंड स्तर पर विजेता होकर जिला स्तरीय प्रतिस्पर्धा में खंड का प्रतिनिधित्व करेंगे। मुख्य अध्यापक नरेश कुमार कौशिक ने आह्वान किया कि वह अपनी पूरी क्षमता पर अपनी पूरी शक्ति के साथ अपना प्रदर्शन करें तथा बेहतरीन देने का प्रयास करें जिससे वे जीवन में सफलता के नए आयाम हासिल कर सके।
   संपन्न हुई प्रतिस्पर्धा में वर्तनी प्रतियोगिता छठी वर्ग मेंहिमांशी ने नांगल मोहनपुर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय प्रथम, प्रिया राजकीय माध्यमिक विद्यालय खरकड़ावास द्वितीय तथा छात्रा अनुज ने तृतीय स्थानप्राप्त किया। सातवीं वर्ग में प्रिया सीहोर प्रथम, प्रियंका द्वितीय तथा खरखड़ा बास तीसरे स्थान पर रही। आठवीं कक्षा वर्ग शालू पथेड़ा प्रथम, काजल सुंदरह द्वितीय तथा रूबी कुमारी पड़तल तृतीय रही।
कहानी लेखन प्रतियोगिता में खुशी सुंदरह प्रथम, जूली मॉडल संस्कृति स्कूल कनीना द्वितीय तथा मिनाक्षी बाघोत तृतीय स्थान पर रही। वाद विवाद प्रतियोगिता में 6 से 8 आयु वर्ग में कक्षा वर्ग में तमन्ना सुंदरह प्रथम, जूली मॉडल संस्कृति स्कूल द्वितीय तथा दिशा राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना तृतीय स्थान पर रही। वाद विवाद प्रतियोगिता के 9 से 12 कक्षा वर्ग में साक्षी सुंदरह प्रथम, को तनीषा मॉडल संस्कृति स्कूल कनीना द्वितीय तथा माडल स्कूल का नसीब तृतीय स्थान पर रहा। ककराला की सरिता को सांत्वना पुरुस्कार मिला। कविता पाठ में अंकिता नांगल मोहनपुर प्रथम,आशु सुंदरह दूसरा तथा कुमकुम सीहारे तृतीय स्थान पर रही। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में पंकज बाघोत प्रथम, अनुज बाघोत द्वितीय तथा यशिका कनीना मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तृतीय रही।
स्पेल बी प्रतियोगिता में 6 से 8 कक्षा वर्ग में नीतिका कनीना, नीरू नांगल मोहनपुर एवं रोहित बाघोत ने प्रथम तीन स्थान पाये।
निर्णायक मंडल में दीपक कुमार ,रवि कुमार तथा धर्मेंद्र सिंह, प्रवीन शास्त्री, प्रवक्ता मदन मोहन कौशिक,मुरारी लाल यादव, नीना यादव, सुनीता देवी आदि रहे वहीं लेखाकार प्रियंका शर्मा एबीआरसी श्रुति आर्य एबीआरसी मनोज कुमार बीआरपी  सोमवीर सिंह, एसएमसी प्रधान सावित्री देवी, बाघोत से नित्यानंद यादव बीआरपी अनुराधा ,रोशनी देवी ,एवीआरसी ज्योति, मोनिका ,रिंकू वर्मा सहित अनेक विद्यालयों के अध्यापक व प्रवक्ता उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 02: विभिन्न प्रतियोगिता आयोजित करते हुए राजकीय कन्या उच्च विद्यालय स्टाफ।











ठंड से विचलित नहीं हो रहे धरना देने वाले
- 292वे दिन जारी रहा धरना
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना 292वें दिन जारी रहा। शुक्रवार को धरने की अध्यक्षता पहलवान रणधीर सिंह बाघोत ने की और उन्होंने बताया कि कड़ाके की सर्दी और कोहरे की कहर के कारण धरना स्थल पर बैठे बीमार बुजुर्ग किसानों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन हिम्मत हारने वाले नहीं है। उन्होंने सोच रखा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट होना बहुत जरूरी है, यह कट, इस इलाके का भविष्य है ढ्ढइसका फायदा केवल 40 -50 गांवों को ही नहीं है बल्कि देश के हर एक आदमी को इसका लाभ मिलेगा। आज के दिन बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या है, यह कट बनने से इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, रोजगार मिलने पर लोगों की आर्थिक स्थिति अच्छी होगी और क्षेत्र का विकास होगा।  केंद्र सरकार किसानों की परेशानियों को समझे और जितना जल्दी हो सके राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर कट का काम शुरू करवाया जाए।
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष  विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि कड़ाके की सर्दी और कोहरा पडऩे के बावजूद भी कट के प्रति किसानों का जोश बढ़ता जा रहा है। उनका एक ही जुनून है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर  बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनना चाहिए। धरना स्थल पर पहुंचने वाला प्रत्येक आदमी यही कहता है कि यहां पर कट बनना बहुत जरूरी है, केंद्र सरकार इस पर जल्द कार्रवाई करके, कट का काम शुरू करवाया जाए। जब तक राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं होता है, हमारा धरना जारी रहेगा।
 इस मौके पर  डॉ लक्ष्मण सिंह,पूर्व सरपंच हंस कुमार, नरेंद्र कुमार शास्त्री,करतार सिंह, प्रधान तेज सिंह, प्यारेलाल, डॉ राम भक्त, रामकुमार,  वीरेंद्र,  सब इंस्पेक्टर रामकुमार, पूर्व सरपंच सतवीर, डॉ ओम प्रकाश, रामकुमार, मास्टर विजय सिंह, पंडित संजय कुमार, सूबेदार हेमराज अत्रि, रोशन लाल आर्य, संजय, राजेंद्र, बाबूलाल, प्रधान कृष्ण कुमार, पंडित मनीराम व गणमान्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 03: कट के लिए धरने पर बैठे ग्रामीण।






तीन दिनों से छाई हुई कनीना में धुंध
- शुक्रवार को दुर्लभ हो गये सूर्यदेव के दर्शन
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में विगत तीन दिनों से जमकर धुंध हो रही है। धुंध के चलते जहां आवागमन में परेशानी हो रही है वही ठंड का माहौल बढऩे से लोग गम कपड़ों में लिपटे नजर आये। कहीं भी देखें कम भीड़ नजर आने लगी है। कनीना के मुख्य बाजार में हमेशा भीड़ होती है वहां भी लोग बहुत कम नजर आ रहे हैं। जहां स्कूलों एवं विभिन्न शिक्षण संस्थानों में भी ठंड का बुरा प्रभाव पड़ रहा है। ठंड के कारण लोग आग सेकते नजर आये वहीं  चाय की चुसकियां लेकर गर्म कपड़ों में नजर आये।
नवंबर माह में महज 2 दिन धुंध पड़ी थी जबकि दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में अब धुंध पडऩे लगी है। लोगों का कहना है कि अब यह धुंध लंबे समय तक चल सकती है। एक और जहां छोटे बच्चे भी ठंड में पढऩे के लिए जा रहे हैं वहीं किसान दिन-रात खेतों में काम कर रहे हैं। कर्मचारी भी अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।
 चालक सुनील कुमार, सुरेंद्र, महेश कुमार आदि ने बताया कि उन्हें एक जगह से दूसरी जगह अपने वाहन में जाने में भारी परेशानी होती है। सुबह सवेरे और रात भर कोहरा पड़ता है। कोहरे में कुछ भी नहीं दिखाई देता, कोई भी दुर्घटना घटने की संभावना बनी रहती है। उधर किसानों का कहना है कि अगर लगातार कोहरा पड़ता रहेगा और सूरज के दर्शन नहीं होंगे तो फसल के लिए नुकसान हो सकता है वरना फसल बेहतर पैदावार देगी। किसान अपनी फसलों पर नजर जमाए हुए हैं। एक और जहां किसानों को दिन रात अपने खेतों में काम करना पड़ रहा है वही आवारा जानवर उनकी फसलों को तबाह कर जाते।
 कर्मचारियों पर नजर डाले तो सरकार ने सभी स्कूलों की एक जनवरी से 15 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित कर रखा है जिसको लेकर के विद्यार्थी वर्ग खुश नजर आ रहा है। अब आने वाले समय में पता लग पाएगा कोहरा पड़ता है या नहीं। बहरहाल दिनों दिन कोहरा बढऩा भी शुभ संकेत नहीं है। ऐसे में किसने की चिंता भी बढऩा स्वाभाविक है।
पूर्व कृषि वैज्ञानिक डा. देवराज ने बताया की फसल एक निश्चित सीमा तक ठंड सहन कर सकती है। तत्पश्चात अधिक ठंड और पाला पडऩे से फसल को नुकसान होगा। अभी तक फसलों में नुकसान जैसी संभावना नहीं है।
फोटो कैप्शन 01: कनीना क्षेत्र में कोहरे का नजारा।







ग्रीटिंग बना बीते ज











































माने की बात
-व्हाटसअप और आधुनिक तरीकों से भेज रहे हैं ग्रीटिंग
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कनीना की आवाज।  अब नए साल की ग्रीटिंग देने का तौर तरीका ही बदल गया है। अब एसएमएस, व्हाट्सअप,मेल भेजकर ही ग्रीटिंग देते हैं। पत्र की शुभकामनाएं एवं ग्रीटिंग कार्ड भेजने की काम लगभग बंद हो गया है। इस संबंध में कुछ डाक बांटने का काम करने वालों से बात हुई जिनके विचार अलग अलग थे--
** कभी मोबाइल का प्रचलन इतनी उन्नति पर नहीं था और ग्रामीण लोगों को नए साल पर या फिर किसी पर्व पर ग्रीटिंग भेजने के लिए डाकघर का सहारा लेना पड़ता था। ग्रीटिंग को लिफाफे में बंद करके पर्व या नए वर्ष से एक दो दिन पूर्व ही भेजते थे और पाने वाले को भी ये ग्रीटिंग अक्सर देर से मिलने की शिकायत होती थी। नए साल पूर्व डाकघरों में केवल ग्रीटिंग ही दिखाई पड़ते थे और पोस्टमैन को सबसे अधिक व्यस्त इन्हीं में रहते थे। रंगीन ग्रीटिंग कार्ड भेजने के लिए कई तैयारियां करनी होती थी किंतु बाद में समय बदला ओर ग्रीटिंग की ओर कम ध्यान दिया जाने लगा।
   ---नंदलाल सेन कोटिया
  आज के दिन गांव-गांव में मोबाइल की टावर लगी हुई हैं और उपभोक्ता भी ग्रीटिंग पर काफी पैसे खर्च करने की बजाए मोबाइल से बधाई संदेश भेजकर खुश हो जाते हैं। इस प्रकार न केवल समय की बचत होती है अपितु तुरंत संदेश पहुंचाया जाता है। ग्रीटिंग कार्ड बेचने वाले सुरेंद्र कुमार एवं कृष्ण कुमार का कहना है कि अब तो कोई बच्चा ही बेशक ग्रीटिंग कार्ड लेने उनके पास आता हो। अब तो ग्रीटिंग महज एक बीते जमाने की बात बन गई है।
  ---सुरेंद्र कुमार छीथरोली
    उधर डाकघर में काम कर चुके पोस्टमैन एवं वर्तमान में काम कर रहे ताराचंद से बात की जाए तो दोनों के विचार एकदम विपरीत होते हैं। वर्तमान में काम करने वाले तारांचद का कहना है कि अब तो कोई दस-बीस ही ग्रीटिंग कार्ड नए वर्ष या किसी पर्व के मौके पर मिलते हैं जबकि पूर्व पोस्टमैन रामकिशन का कहना है कि उनके वक्त तो नए वर्ष के शुरू होने से दस दिनों पूर्व से लेकर दस दिन बाद तक केवल ग्रीटिंग कार्डों की ही धूम मची रहती थी।
  --ताराचंद  भडफ़
 अस्सी के दशक में डाक पत्र तो शायद ही कोई मिलता था किंतु ग्रीटिंग कार्ड दिनभर बांटते-बांटते थक जाते थे। एक एसएमएस कुछ ही समय में एसएमएस मिल जाता है वहीं ग्रीटिंग कार्ड पर कुल मिलाकर 20-25 रुपये का खर्चा आता था वहीं उसके समय पर मिलने की संभावना कम होती थी वहीं एक सप्ताह का समय लगता था। अब तो मेल एवं व्हाट्स अप के जरिये भी संदेश त्वरित गति से भेजे जाते हैं।
--कुशलपाल सिंह बाघोत
कभी कनीना के पोस्ट आफिस में नव वर्ष से पांच दिन पहले तथा नव वर्ष के पांच दिन बाद तक केवल ग्रीटिंग नजर आते थे। हजारों की संख्या में ग्रीटिंग मिलते थे वो अब सिमटकर 50 के आंकड़े पर आ गये हैं। नई तकनीकों ने यह हालात कर दी है। संदेश भेजने का नजरिया ही बदल गया है।
  --विशाल, सब पोस्ट मास्टकर कनीना
फोटो कैप्शन: विशाल, कुशलपाल, ताराचंद, सुरेश नंदलाल।

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