Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Sunday, December 31, 2023



 


पंचायती लाइट की बैटरी चुराने का आरोपित गिरफ्तार, नकदी बरामद
--4 दिसंबर की रात को हुई थी चोरी
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कनीना की आवाज। महेंद्रगढ़ पुलिस ने चोरी की मामले में कार्रवाई करते हुए एक आरोपित को गिरफ्तार किया है। पंचायती लाइट की बैटरी चोरी करने के मामले में पुलिस ने आरोपित सतीश वासी चेलावास को गिरफ्तार किया, जिससे पूछताछ में पुलिस ने वारदात में प्रयोग की गई बाइक और नकदी बरामद की है। पुलिस ने पता लगाया कि आरोपित नशे का आदी है और उस पर पहले से एनडीपीएस एक्ट के तहत एक मामला दर्ज है। आरोपित को न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
ग्राम चेलावास के सरपंच विकास कुमार ने थाना शहर कनीना में बैटरी चोरी की शिकायत दर्ज कराई, उसने बताया कि राजेश के मकान के पास पंचायत की लाइट लगी हुई थी जो दिनांक 4 दिसंबर की रात को पंचायती लाइट की बैटरी चोरी हो गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। मामले में कार्रवाई करते हुए बैटरी चोरी करने वाले आरोपित को पकडऩे के पुलिस द्वारा सीसीटीवी फुटेज चैक की गई। सीसीटीवी फुटेज और खुफिया तंत्र की मदद से आरोपित का पता लगाकर उसे पकड़ लिया। जिससे पूछताछ में नकदी बरामद हुई।








 वैश्विक परिवार दिवस -एक जनवरी
 बिखराव की ओर हैं विभिन्न संयुक्त परिवार, एकल परिवार बढ़े
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कनीना की आवाज। एक वक्त था जब सभी परिवार संयुक्त परिवार के रूप में जाने जाते थे। बड़े परिवार के रूप में सभी के अपनी जिम्मेदारियां होती थी और देखरेख बेहतर ढंग से होती थी। किंतु संयुक्त परिवार धीरे-धीरे एकल परिवार में तब्दील होते जा रहे हैं। आने वाले समय में यह समस्या और भी विकराल हो सकती है। परिवार में शांति, एकता, भाईचारा आदि स्थापना के लिए संयुक्त परिवार बहुत महत्वपूर्ण रहा है। आज के दिन कहीं किसी क्षेत्र में कोई परिवार ही संयुक्त परिवार के रूप में दिखाई दे सकता है। इस संबंध में कुछ लोगों से चर्चा की गई जिन्होंने परिवारों के बारे में जानकारी दी-
 संयुक्त परिवार बहुत बेहतर माने जाते थे। जब सभी परिवार के सदस्य बड़े बुजुर्ग की देखरेख में कार्य करते थे। सभी सदस्यों को छोटी-छोटी जिम्मेदारियां सौंप दी जाती थी और सभी अपने कार्य को दक्षता से करते थे। दूरदराज तक परिवार का नाम होता था। एकता और भाईचारे मिसाल संयुक्त परिवार होते थे।
--- कंवरसेन वशिष्ठ पूर्व मुख्य शिक्षक
 जब से भौतिकवाद बढ़ा है तब से एकल परिवार अधिक बढ़ गए हैं। महिला और पुरुष दोनों नौकरी करते हैं, बुजुर्गों को छोड़कर बच्चे विदेश तक सेवा करने जाते हैं जिसके कारण संयुक्त परिवार चलाना कठिन हो गया है और एकल परिवार में तब्दील होते जा रहे हैं। एकल परिवार में अनेकों खामियां और समस्याएं नजर आती हैं किंतु वक्त के अनुसार एकल परिवार बनाना एक मजबूरी बन गई है। एकल परिवार समाज में बेहतर साबित नहीं हो सकते।
--- सुनील कुमार शिक्षाविद
 परिवारों की बात चले तो संयुक्त परिवार बहुत बेहतर होते हैं जिसमें एक ही मुखिया कई सदस्यों को आदेश देता है और सभी सदस्य उनके आदेशों का पालन करते हैं। एकता और भाईचारा भी व्यापक रूप से देखने को मिलता है जबकि एकल परिवार में गिने चुने व्यक्ति होते हैं जो विभिन्न जिम्मेदारियां को पूर्ण करते हैं। काम का बोझ एक या दो सदस्य ही निष्पादित करते हैं। एकल परिवार जटिल समस्या बन रहे हैं।
--- शिवचरण समाजसेवी,कनीना
 आज के दिन बहुत से बच्चे तो अपने दादा दादी के बारे में भी नहीं जानते परदादा आदि को जानना बहुत कठिन है। जिसके पीछे परिवारों में विघटन की समस्या पैदा होना है। छोटे-छोटे परिवार एकल परिवार के रूप में जाने जाते हैं। संयुक्त परिवारों में आज बिखराव अधिक देखा गया है। शांति, एकता, भाईचारा आदि तत्व बहुत कम देखने को मिलते हैं।
--- निर्मल कुमार शास्त्री
फोटो कैप्शन: कंवरसेन वशिष्ठ, निर्मल कुमार शास्त्री ,शिवचरण कनीना और सुनील कुमार






कनीना उप-नागरिक अस्पताल को मिले प्रथम परामर्श इकाई का दर्जा
-सेवा भारती हरियाणा ने भेजा मुख्यमंत्री को पत्र, सीताराम विधायक ने पत्र को किया अनुमोदित
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कनीना की आवाज। कनीना एवं आस पास के करीब 50 हजार लोगों के लिए चिकित्सा सुविधा हेतु कनीना में बनाई गई उप- नागरिक अस्पताल चाहे मूलभूत सुविधाओं से वंचित है किंतु इसे प्रथम परामर्श इकाई/एफआरयू का दर्जा देने की मांग की गई है। इस संबंध में कनीना की सेवा भारती हरियाणा प्रदेश, शाखा कनीना ने मुख्यमंत्री सहित स्वास्थ्य मंत्री हरियाणा सरकार को भी पत्र भेजा है। इस पत्र को सीताराम विधायक अटेली ने भी अनुमोदित कर दिया है।
 भेजे गए पत्र में कहा गया है कि 28 जुलाई 2023 को रामलीला मैदान कनीना मंडी में जन संवाद कार्यक्रम का सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगा है। उस मौके पर क्षेत्रवासियों द्वारा प्रस्तुत विभिन्न समस्याओं का समाधान और विकास कार्य आदि गति पकड़ रहे हैं। परंतु इसी कड़ी में कनीना की मूलभूत आवश्यक चिकित्सा सुविधा, स्वास्थ्य संबंधी समस्या आपके संज्ञान में भी लाई गई थी किंतु कनीना अप नागरिक अस्पताल में कोई सुविधा नहीं है। ना कोई मशीन है ना कोई एमडी/एमएस या गाइनी डॉक्टर उपलब्ध है। अस्पताल में सुविधा होने के कारण क्षेत्र वासियों को समय रहते इलाज न मिलने कारण अप्रिय घटना घट रही हैं। ऐसे में इसे प्रथम परामर्श इकाई / फस्र्ट रेफरल यूनिट घोषित करने की मांग की गई है। क्या कहते हैं पदाधिकारी सेवा कनीना मंडी-
 जिला महेंद्रगढ़ की सबसे पुरानी प्रमुख मंडी कनीना है जो एक प्रमुख व्यापार का केंद्र बना हुआ है। जिसके तहत 53 गांव शामिल किए गए हैं। लोगों का प्रतिदिन आवागमन रहता है। वर्तमान में कनीना अस्पताल में 400 मरीजों की प्रतिदिन ओपीडी लगती है परंतु चिकित्सा सुविधा नहीं होने कारण उचित इलाज नहीं मिलता और लोगों को मजबूरन रेवाड़ी या नारनौल जाना पड़ता है। सचिवालय बनने के बाद यह संख्या और भी अधिक बढऩे की संभावना है। ऐसे में स्वास्थ्य संबंधित समस्या का सही निदान तभी संभव हो पाएगा जब इस प्रथम परामर्श इकाई का दर्जा मिल जाएगा।
-- जगदीश आचार्य जिला अध्यक्ष,सेवा भारती हरियाणा
कनीना क्षेत्र विशेष कर चिकित्सा सुविधा में सदा पिछड़ता रहा है जबकि गरीब, मजदूर, किसान एवं पिछड़ा समाज से यह क्षेत्र भरा हुआ है जो इलाज के लिए दूर दराज जाने में सक्षम नजर नहीं आते। मजबूरीवश वे कनीना के अस्पताल आते जाते है किंतु यहां किसी प्रकार की कोई चिकित्सा संबंधित सुविधा नहीं मिल पाती जिसके कारण मरीजों के साथ अप्रिय घटना स्वाभाविक है। कनीना के उप नागरिक अस्पताल में भवन की कोई कमी नहीं है, बेहतरीन भवन बना हुआ है किंतु कमी है तो डॉक्टरों की। ऐसे में इसे एफआरयू घोषित कर दिया जाए तो क्षेत्र का के लोगों को लाभ मिल सकेगा। ---सुरेश शर्मा अध्यक्ष, सेवा भारतीय हरियाणा प्रदेश शाखा कनीना
फोटो कैप्शन 07: कनीना का उप-नागरिक अस्पताल साथ में जगदीश आचार्य और सुरेश शर्मा







ठंड के साथ शीत लहर के बीच, कट के लिए डटे किसान, 294वें दिन जारी रहा धरना
--अनिश्चितकालीन धरने पर हैं ग्रामीण
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कनीना की आवाज।  राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनश्चितकालीन धरना 294वें दिन जारी रहा। रविवार को धरने की अध्यक्षता पूर्व सरपंच सत्यवीर सिंह नौसवा ने की और उन्होंने बताया कि शीत लहर चलने से ठंड और बढ़ गई है। धरना स्थल पर बैठे किसान सर्दी की चपेट में आने से बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन कट को लेकर किसान हिम्मत नहीं हार रहे है। उनका कहना है कि जब तक जिंदा है,हम राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट के लिए संघर्ष करते रहेंगे। केंद्र सरकार को हम बार-बार याद दिलाना चाह रहे हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर उतरने और चढऩे के लिए रास्ता होना बहुत जरूरी है। लोगों की मांग जायज है और केंद्र सरकार को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। नई पीढ़ी को इस कट की सख्त जरूरत है। केंद्र सरकार को स्वयं सोचना होगा, यदि युवा वर्ग की अनदेखी हुई, उनकी भावनाओं की कदर नहीं की गई, उसके परिणाम बुरे निकलेंगे। यहां पर पहुंचने वाले प्रत्येक आदमी के मुंह से एक ही बात निकलती है कि केंद्र सरकार को राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट जरूर बनाना चाहिए। यदि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग पर उतरने चढऩे का मार्ग नहीं बना रही है, तो  इसका मतलब है, इन 50 गांवों के किसानों के साथ जमकर अन्याय हो रहा है।
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष  विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि ध्केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर  बाघोत -सेहलंग के बीच कट की घोषणा की हुई है, उसके बाद कट के लिए आश्वासन भी दिया गया कि कट का काम जल्द शुरू हो जाएगा। धरने को चलते 10 महीने होने जा रहे हैं, कट का काम शुरू न होने के कारण लोगों में आक्रोश है। जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच  कट का काम शुरू नहीं करती है, धरना स्थल पर डटे रहेंगे।
 इस मौके पर  पहलवान रणधीर सिंह, डा लक्ष्मण सिंह,पूर्व सरपंच हंस कुमार, नरेंद्र कुमार शास्त्री, पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह, रामभज, पंडित नंदकुमार, प्यारेलाल, पहलवान धर्मपाल,वेद प्रकाश, प्रधान तेज सिंह, अशोक चौहान,  दाताराम, नथाराम, डॉ राम भक्त, रामकुमार, सूबेदार भोले राम, सब इंस्पेक्टर रामकुमार,  मास्टर विजय सिंह, पंडित संजय कुमार, सूबेदार हेमराज अत्रि, रोशन लाल आर्य, बाबूलाल,  पंडित मनीराम व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 05: कट की मांग को लेकर धरना स्थल पर बैठे किसान।










अक्षत,पत्रक एवं श्रीराम मंदिर सहित 22 जनवरी के निमंत्रण के लिए बांटी जिम्मेदारी
-सभी वार्डों होगा अक्षत का वितरण
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कनीना की आवाज। श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह समिति प्रखंड कनीना के संयोजक लखनलाल जांगड़ा ने कनीना नगर के लोगों की बैठक ली। बैठक में शहर के वार्डों की कमेटियां बनाकर उन्हें जिम्मेदारियां देकर अक्षत, चित्र व पत्रक सौंपे। सह-संयोजक मोहन सिंह पूर्व पार्षद ने बताया कि यह 500 वर्षों का वनवास राम का नहीं था यह वनवास तो हमारा था, एक-एक सनातनी का था, राम बिन हमारा भटकाव अब समाप्त हो रहा है। श्री राम आ रहे हैं, हमारे अराध्य प्रभु राम आ रहे हैं। इसलिए वार्ड अनुसार अलग-अलग जिम्मेवारी देकर अक्षत, मंदिर के चित्र, पत्रक बांटे गए, जिसमें वार्ड एक की पालाराम, वार्ड दो में श्यामसुंदर, वार्ड चार में धनुष शर्मा, वार्ड पांच में रामप्रताप मास्टर, वार्ड छह में दिलावर सिंह, वार्ड सात में मनीष, वार्ड आठ में जगदीश आचार्य, वार्ड नौ में नित्यानंद, वार्ड दस में मोहन सिंह पूर्व पार्षद, वार्ड 11 में अनिल कुमार, वार्ड 12 में कंवरसैन वशिष्ठ, वार्ड 13 में मा. सुरेन्द्र सिंह सभी ने शहर में घर घर जाकर ये निमंत्रण पत्र देने हैं।
     सभी शहर के तमाम मंदिरों जाकर ये सुनिश्चित करें कि आने वाली 22 जनवरी को हर घर व मंदिरों में दीपक जलाकर दीपावली कि तरह उत्सव मनाया जाये, सभी अयोध्या नहीं पहुंच सकते लेकिन सभी अपने-अपने घर मंदिर में अयोध्या जैसे खुशी मनाई जाएगी। हमारा वर्षों पुराना सपना पूरा हो रहा है। सभी जय श्रीराम के नारों की जयघोष के साथ प्रचार प्रसार के लिए चल पड़े। इस मौके पर प्रखंड संयोजक सुनील कुमार ने जिम्मेदारियां सौंपी।
इस मौके पर शिव कुमार अग्रवाल, देशराज, कुलदीप बोहरा, मदनलाल गेरा, सवाई सिंह, डाक्टर विनोद, अमित, मनीष, गोविंंद, हिमांशु आदि रामभक्त मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 06: अक्ष्त एवं पत्रक सहित निमंत्रण देने के लिए तैयार कनीना की श्रीराम टीम।







समारोह स्थल के पानी से उगाएगा किसान फसल
- जल संरक्षण के बनाया है 60 हजार लीटर का स्टोर
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कनीना की आवाज। सरकार घटते जल स्तर को लेकर चिंतित है तथा जल संरक्षण पर ध्यान देने की बात कह रही है। सरकार की नीतियों पर चलते हुए कनीना का किसान हनुमान सिंह अपने खेत में जल संरक्षण कर, संरक्षित जल से सिंचाई करेगा। परिवार में मैरिज पैलेस बनाया हुआ है। मैरिज प्लेस में हजारों लीटर पानी खराब हो जाता है किसान हनुमान सिंह ने अपनी सोच को विस्तृत करते हुए मैरिज प्लेस से निकलने वाले खराब जल को अलग-अलग हौदियों से गुजर कर छलने लगाकर पानी को साफ करेगा और साफ पानी को एक स्टोर टैंक में जमा करेगा स्टोर टैंक 60 हजार लीटर पानी तक स्टोर कर सकेगा। इसी पानी से अपने खेत की सिंचाई करेगा। हनुमान सिंह ने बताया कि सरकार जल संरक्षण पर ध्यान दे रही है। ऐसे में जो जल मैरिज प्लेस में व्यर्थ बहता है उसका सदुपयोग करने के लिए उन्होंने यह एक योजना बनाई है। योजना ही नहीं बनाई अपितु इसको अमल में ला दिया है। तीन अलग-अलग हौद बनाए गए हैं इनमें गंदा जल आकर गिरेगा जिसे छाना जाएगा, अंदर जालियां लगा दी है। इन जालियों से गंदा पानी गुजरेगा जो छनकर आगे जाएगा। इस प्रकार एक के बाद एक हौद से होता हुआ, कूड़े कचरे रहित जल स्टोर टैंक में जमा होगा। स्टोर टैंक से भूमिगत पाइप दबाई जा रही हैं ताकि इस जल को समीप के अपने खेतों में सिंचाई के काम में लिया जा सके। इस प्रकार आम के आम और गुठली के दाम वाली कहावत लागू होगी। एक और जहां मैरिज प्लेस में पानी प्रयोग होगा वही खराब पानी से यह किसान अपने खेत की सिंचाई करेगा।
फोटो कैप्शन 4: अपने खेत में दिखाता हुआ हौद जहां पानी मैरिज प्लेस से आएगा।








दो किसान कनीना की शान, बनाई पहचान
एक ने ईख तो दूसरे ने ड्रैगन फ्रूट उगाया, कमाया लाभ
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कनीना की आवाज। कनीना में यूं तो अनेक प्रगतिशील किसान है जिन्होंने न केवल अपने कृषि कार्यों से क्षेत्र में नाम कमाया है अपितु हरियाणा सरकार द्वारा सम्मान भी मिला हुआ है। किंतु कनीना के दो किसान हैं जिन्होंने अपनी नई पहचान बनाई है।
इन किसानों में रामप्रताप एवं विजयपाल प्रमुख है। दोनों ने अपनी अपनी पहचान बनाकर नाम कमाया है।
 राम प्रताप पूर्व में शिक्षक रह चुके हैं और इन्होंने अपने पुत्र की मदद से ने केवल करीब एक एकड़ जमीन पर अलग-अलग पौधे उगाकर नाम कमाया है वहीं वर्तमान में उन्होंने चार-चार फीट की सर्दी वाली घिया उगा रखी है। हर वर्ष लंबी घिया पैदा होती है। जिससे इन्होंने नाम कमाया है। राम प्रताप ने बताया ये घिया सर्दियों में अच्छी पैदावार देती है गर्मियों में नहीं। उन्होंने अपने खेत में जहां हरी पत्तेदार सब्जियां ,अमरूद, बेरी, चंदन, अनार आदि कितने ही पौधे उगा रखे हैं वहीं बेहतर दर्जे के अमरूद एवं बेर फल भी प्राप्त किए हैं। उन्होंने विभिन्न हरी पत्तेदार सब्जियों से अपने बाग को चमकाया है वहीं गेंदा, हल्दी, प्याज, लहसुन, नेपियर घास, गन्ना, चने का साग एवं विभिन्न सब्जियां उगाकर नाम कमाया है। श्री कृष्ण गौशाला से गोबर का खाद अपने खेत में पैदावार में डालता है। परंतु वर्तमान में उनका 1000 ड्रैगन फ्रूट उगा रखे हैं जो अभी से पैदावार देने नहीं लगे हैं किंतु उन्हें विश्वास है कि अगले वर्ष हर हाल में ड्रैगन फ्रूट से फल प्राप्त होंगे जिसकी बाजार में अच्छी कीमत आंकी गई है। पहले भी किसान ने बेर एवं हल्दी उगाकर नाम कमाया है वहीं कोरोना काल में लोगों की सेवा की। कोरोना काल में अच्छी मांग रही है। वही लंबी घिया की पैदावार लेकर भी इन्होंने नाम कमाया है। उनके खेत को देखने के लिए विभिन्न किसान और सब्जी एवं फल उत्पादक लोग पहुंच रहे हैं।
उधर विजयपाल ने परंपरागत खेती की बजाय ईख उगाकर नाम काम रखा है। विगत 3 सालों से विजयपाल अपने खेत में ईख उगाता आ रहा है। इस बार उन्होंने तीन एकड़ में ईख पैदा की है। विजयपाल ने बताया कि हर वर्ष 5 लाख रुपये की आय हो जाती है जबकि खर्चा 50 हजार के करीब आता है। उन्होंने बताया कि झज्जर क्षेत्र से गन्ने की प्योद लाकर लगाई थी और आज भी वो चल रही हैं। जहां उनके खेत से गन्ने ले जाने वाले गन्ने लाते हैं वही जूस के समय विजयपाल गन्नों की सप्लाई बाजार में करते हैं। उन्होंने बताया कि 5 लाख रुपये तक की आय हो जाती है। वह खुश है, उनका पूरा परिवार इस काम में जुटा रहता है और खेत में आज के दिन ईख देखने से बनती है। खरीददार उनके खेत में जाकर गन्ने लेकर जाते हैं यहां तक की गन्ने बेचने वाले भी उनके यहां से गनन लेकर जाते हैं। उनका कहना है कि मार्च महीने में यह ईख लगाई गई थी अब यह पैदावार दे रही है। प्रारंभ में ,पहले साल उन्हें कुछ लाभ कम मिला किंतु लगातार लाभ अधिक प्राप्त होता जा रहा है। दक्षिण हरियाणा में उन्होंने रेतीले क्षेत्र में ईख लगाकर अपना नाम कमा रखा है।
 फोटो कैप्शन 2 व 3: किसान राम प्रताप लंबी घिया एवं डै्रगन फ्रूट दिखाते हुए
फोटो कैप्शन 01: किसान विजयपाल ईख की कटाई करते हुए।








बादल छाए रहे और बाद में खिली धूप
--चार दिनों से पड़ रही थी धुंध
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में चार दिनों के बाद सुबह सवेरे रविवार को बादल छाए रहे जिसके कारण ठंड का प्रभाव कम महसूस हुआ वहीं। दोपहर पश्चात बादल छट गए और धूप खिली। धूप देखकर किसानों के चेहरे खिल उठे क्योंकि चार दिनों से सूर्य देव के दर्शन न होने से फसल पर कुप्रभाव होने की संभावना बन गई थी। ऐसे में अचानक बादल छाए रहे और ठंड घट गई किंतु दोपहर आते आते बादल भी छट गए और धूप खिल गई।
  उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में लगातार मौसम बदल रहा है। कभी धुंध कभी बादल, कभी शीत लहर तो कभी धूप खिल रही है। किसानों के खेतों में इस समय अच्छी फसल खड़ी हुई है। अगर मौसम सही चला तो किसानों का अंदेशा है कि भविष्य में अच्छी पैदावार होगी। बहरहाल किसान टकटकी लगाए फसलों को निहार रहे हैं वहीं पल पल बदलने वाले मौसम पर भी नजर जमी हुई है।





16 जनवरी को खुलेंगे स्कूल
1 जनवरी से होंगे 15 दिनों के शीतकालीन अवकाश
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कनीना की आवाज। जहां विगत दिनों से शीत लहर धुंध का प्रकोप चल रहा था वहीं विद्यार्थी स्कूलों में कठिनाई से पहुंच रहे थे वहीं अब रविवार को धूप खिल गई है। हरियाणा सरकार ने सरकारी स्कूलों में 1 जनवरी से 15 जनवरी तक के अवकाश घोषित कर दिए हैं। 16 जनवरी को फिर से स्कूल खुलेंगे। मुख्याध्यापक नरेश कुमार ने बताया कि हर वर्ष सरकार शीतकालीन अवकाश घोषित करती है। ये 15 दिनों के होते हैं, 15 दिनों के बाद फिर से स्कूल खुल जाएंगे। क्योंकि ठंड अधिक होने के कारण स्कूलों में पढ़ाई बाधित होती है और घर बैठकर विद्यार्थी अच्छी प्रकार तैयारी कर सकेंगे।








अलविदा 2023
वर्ष 2024 के लिये, लिये जा रहे संकल्प
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कनीना की आवाज। नव वर्ष 2024 का आगाज होने जा रहा है और नए साल के आगमन पर लोग कई बुराइयां त्यागने को कटिबद्ध हैं वहीं क्षेत्र में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वर्ष 2023 कई कड़वे एवं मीठे अनुभव छोड़कर जा रहा है।
  कनीना क्षेत्र के कुछ युवा जनसेवा में तो कुछ बेटी बचाने के लिए कटिबद्ध हैं। युवाओं में नए वर्ष को लेकर तैयारियां चल रही हैं। क्या कहना है लोगों का--
नए साल से गायों की सेवा करने का संकल्प ले चुके हैं। गायों की दुर्गति से वे परेशान हैं। उनका कहना है कि वे गायों के लिए भोजन कराने तथा गौशालाओं में सेवा करने का काम करते रहेंगे। उनका मानना है कि गाय को माता का दर्जा दिया गया है और गायों की सेवा से सभी प्रकार के कष्ट एवं दरिद्रता मिट जाती है। ऐसे में वे वर्ष 2024 में गायों की सेवा करते रहेंगे।
  ---समाजसेवी सुरेश कुमार
मेरे परिवार में महज दो लड़कियां हैं और लड़का नहीं हैं। ऐसे में वे बेटी बचाने तथा बेटियों को पढ़ाने के लिए अनवरत प्रयास करते रहेंगे। वे दूसरों को भी बेटी बचाने की प्रेरणा देंगे तथा अपनी कलम से बनाए जाने वाले भजन एवं गीत भी लड़कियों को बचाने एवं उनकी शिक्षा दीक्षा को अर्पित किए जाएंगे। वे वर्ष 2024 को बेटियों के रूप में मनाना चाहते हैं।
  --- महेंद्र कुमार झाड़ली
 गाय एवं बेटी दोनों के लिए अपना नया वर्ष लगाएंगे। उनका कहना है कि घमते हुए गौवंश को गौशालाओं तक पहुंचाने तथा बेटियों को बेहतर शिक्षा दिलवाकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने की प्रेरणा देते रहेंगे। वे लोगों से मिलकर बेटा हो या बेटी एक समान होने की बात समझाएंगे तथा उन्हें बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करते रहेंगे। वे वर्ष 2024 के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
---  समाजसेवी अजीत कुमार
 मैं आर्य समाज की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए पूरा प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि वह गायों की सेवा और आर्य समाज के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने में अपना अमूल्य योगदान देंगे और दूसरे लोगों को भी इस अभियान में जुडऩे की अपील करेंगे। उनका कहना है कि यह दोनों ही कार्य समाज के लिए बहुत जरूरी है।
  --राव मोहर सिंह आर्य समाज प्रधान
 नये साल में देशभक्ति की बयार बहाना चाहते हैं। समाजसेवा से लंबे समय से जुड़े हुये हैं। वे नेताजी सुभाषचंद्र बोस एवं विभिन्न शहीदों के लिए कटिबद्ध रहेंगे तथा उनकी शिक्षाएं जन जन तक पहुंचाने का काम करते रहेंगे। समाजसेवा में अहं योगदान दूंगा।
-- विनय कुमार एडवोकेट
 फोटो कैप्शन: अजीत कुमार, विनय कुमार एडवोकेट, पेंटर सुरेश कुमार,राव मोहर सिंह,  महेंद्र झाड़ली।



















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