कृषि मेला कनीना में 21 दिसंबर को
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कनीना की आवाज। कनीना के संत मोलडऩाथ आश्रम परिसर स्थित ग्राउंड में 21 दिसंबर को कृषि मेला आयोजित किया गया है जिसमें पूरे ही प्रदेश से विभिन्न अधिकारी पहुंच रहे हैं। विस्तृत जानकारी देते हुए डा देवेंद्र यादव ने बताया कि इस मौके पर मुख्य अतिथि सीताराम विधायक अटेली तथा उप निदेशक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग डा. देवेंद्र सिंह रहेंगे। मेले में एसडीएम कनीना सुरेंद्र सिंह भी हाजिर रहेंगे। यह मेला जिला स्तरीय है। इस मेले में 800 सबसे अधिक किसानों के भाग लेने की संभावना है तथा 20 प्रकार के विभिन्न स्टाल भी लगाए जाएंगे।
हरियाणा कर्मयोगी ट्रेनिंग जारी
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कनीना की आवाज। कनीना के राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हरियाणा कर्मयोगी प्रशिक्षण जारी है। जहां प्रतिदिन कर्मयोगी के बैच बनाकर उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है। 22, 23 एवं 26 दिसंबर 2023 को भी इसी प्रकार की ट्रेनिंग दी जाएगी। पहले यह ट्रेनिंग कनीना मंडी स्कूल में आयोजित हुई थी किंतु अब उसका स्थान बदलकर कनीना मॉडल संस्कृति स्कूल रख दिया गया है।
फोटो कैप्शन 13: इससे संबंधित है
साहित्यकार का फोन गिरा रास्ते में भरे गंदे पानी में
- 20 मिनट बाद लोगों द्वारा ढुुंढवाया गया
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कनीना की आवाज। कनीना के वरिष्ठ साहित्यकार एवं लेखक डॉ होशियार सिंह यादव का विवो कंपनी स्मार्ट फोन होली वाला सड़क मार्ग पर भरे हुए गंदे पानी की भेंट चढ़ गया। हुआ यूं कि डा यादव अपनी साइकिल पर फोन को जेब में रखकर चले आ रहे थे। लंबे समय से यहां वेदप्रकाश बाबूजी के मकान के पास गंदा पानी सड़क मार्ग पर भरा रहता है। इस मार्ग से जब साइकिल से गुजर रहे थे तो पानी में अदृश्य गड्ढे में साइकिल का झटका लगा जिसके चलते फोन गंदे पानी में गिर गया। खूब पैरों से तलाश की गई किंतु नहीं मिला। अंतत: उधर से गुजरने वाले विक्रम सिंह तथा अन्य लोगों ने सहायता से फोन बड़ी मुश्किल से मिला किंतु फोन तब तक खराब हो गया था। यही नहीं इस गंदे पानी की वजह से कई दुर्घटनाएं घट चुकी हैं। एक बार तो सब्जी ले जाने वाले की सारी सब्जी ही इस पानी में गिर गई। दूध से भरी बाल्टी ले जाने वाली महिला का दूध पानी में गिर गया। मोटरसाइकिल सवार बीच में धड़ाधड़ गिर रहे हैं। शायद सड़क के बारे में जितने उच्च अधिकारियों से सुधार की बात चली उतनी शायद कभी किसी अन्य मुद्दे पर नहीं किंतु प्रशासन ने पूर्णता अपनी आंखें बंद कर रखी है जिसके चलते यहां दुर्घटनाएं और भी बढऩे की संभावना बनी हुई हैं। विगत दिनों इस पानी को पाटने के लिए प्रशासन द्वारा मिट्टी डलवा दी फिर तो लोग फिसल फिसलकर कीचड़ में गिरने लगे। बाद में जेसीबी से कीचड़ हटवाया गया। यह गंदा पानी किसी भी प्रकार समाप्त होता नजर नहीं आ रहा है। सड़क मार्ग को ऊंचा उठाकर ही एकमात्र समाधान संभव है। सड़क मार्ग को लेकर निकट भविष्य में कनीना के लोग सांकेतिक धरना भी देंगे।
फोटो कैप्शन 12: गंदा पानी का सड़क मार्ग जहां लेखक का फोन गिरा।
ट्यूबवेलों से केबल तथा पानी की मोटर चोरी
-हजारों रुपये की हुई है चोरी
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कनीना की आवाज। दौंगड़ा अहीर पुलिस चौकी में दौंगड़ा जाट के रहने वाले लोगों ने उनकी पानी की मोटर, केबल आदि चोरी करने का अज्ञात चोरों के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस में अशोक कुमार दौंगड़ा जाट निवासी ने कहा है कि उसकी बोरिंग नहर के पास दौंगड़ा जाट में खेत में बनी हुई है। जहां एक कमरा बना हुआ है, जहां 2 हार्स पावर की मोनोब्लाक मोटर रखी हुई थी जिसको ट्यूबवेल के कमरे में 10 दिसंबर को रखा था। मंगलवार को सुबह जाकर देखा तो मोटर गायब मिली। इसी के साथ दौंगड़ा जाट के मोनू के ट्यूबवेल से आटोमेटिक सिस्टम और 70 फीट केबल चोरी हो गई जिसको ढूंढने का प्रयास किया किंतु कुछ भी पता नहीं चल पाया है। उन्होंने पुलिस में शक जाहिर किया कि ये चोरियां अज्ञात चोर द्वारा 13 दिसंबर को हुई हैं। दौंगड़ा अहीर पुलिस चौकी में अज्ञात चोरों के विरुद्ध चोरी का मामला दर्ज कर लिया है।
विकसित भारत जन संवाद संकल्प यात्रा पहुंची भालखी व बेवल
-प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 14 महिलाओं को गैस कनेक्शन दिए
-स्वास्थ्य व आयुष विभाग ने 388 लोगों की जांच की व निशुल्क दवाई देकर लाभ दिया
-109 परिवार पहचान पत्र ठीक किए व आयुष्मान भारत कार्ड -100 लोगों के नए बनाए गए
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कनीना की आवाज। विकसित भारत जनसभा संकल्प यात्रा के तहत गांव बेवल में विधायक सीताराम ने भारत विकसित शपथ ग्रहण करवाई। इस अवसर पर विधायक ने कहा कि विकसित भारत यात्रा के तहत अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का स्वप्न साकार करने के लिए हम सब कंधे से कंधा मिलाकर देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जन कल्याणकारी नीति बनाकर लाभ दिया है। असामाजिक तत्वों के लिए 112 नंबर गाड़ी आपकी सेवा के लिए तैयार रहती है। ग्राम दर्शन पोर्टल से गांव का विकास हो रहा है। अंत्योदय मेले से गरीबों को लाभ दिया गया है।
इसी प्रकार से प्रत्येक मंत्री व विधायक ने जन संवाद के तहत गांव में लोगों की शिकायतों का समाधान किया। आज भारत विकसित जन संवाद संकल्प यात्रा तहत गरीब से गरीब अंतिम आदमी तक लाभ पहुंचाया जा रहा है।
भालखी गांव में मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर नसीब सिंह डिप्टी डायरेक्टर पशुपालन विभाग ने शिरकत की व शपथ ग्रहण करवाई। गांव भालखी में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत ललिता देवी, सुषमा देवी, मनीषा देवी, फूला देवी, सावित्री देवी, सरोज देवी ,लाली देवी ,निर्मला देवी,व बेवल गांव में प्रिया ,सुशीला आशा ,मधु देवी, ललिता ,व पवित्र, को विधायक ने गैस कनेक्शन दिए। महिला बाल विकास की तरफ से बेवल गांव की ज्योति ,अनीता, की गोद भराई रस्म अदा की व रिया का जन्मदिन व देव को अन्नप्राशन के तहत आशीर्वाद दिया।
भालखी गांव की सुनीता, चिडिय़ा, सोमा, की गोद भराई व अवनी राव, का जन्मदिन व पूर्वी, प्रियांशी, का अन्नप्राशन के तहत विधायक ने आशीर्वाद दिया। समाज कल्याण विभाग ने शारदा देवी बेवल व चेतराम भालखी पेपर पेंसिल बनाकर लाभ दिया। पशुपालन विभाग ने भालखी गांव के रामनिवास ,करण सिंह, सुनील यादव प्रदीप को भैंसों का लोन दिया।
इस अवसर पर भारत विकसित संकल्प यात्रा के संयोजक अरुण जांगिड़, प्रदेश कार्यकारिणी बीसी मोर्चा के सदस्य ,सहसंयोजक प्रदीप यादव,प्रदेश कार्यकारिणी बीसी मोर्चा के सदस्य, प्रदेश कार्यकारिणी एससी मोर्चा के सदस्य बाबूलाल मुडिय़ा खेड़ा, मंडल प्रभारी मुनीलाल शर्मा, पवन कुमार एसडीओ, नरेंद्र एसडीओ ,एसडीओ डॉक्टर बलजीत, एसडीओ वीरेंद्र, डॉक्टर तनुज, डॉ सुधीर, डॉक्टर नाथूराम,डॉक्टर योगेश, डॉक्टर महेश, सीईपीओ कृष्णपाल, मन्नू रोशन लाल संजय सिवाच सुपरवाइजर पूजा पंकज सैनी बिजेंदर कल्याण विभाग व सरपंच योगेश भालखी, सरपंच योगेंद्र बेवल, सभी अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
फोटो :गैस कनेक्शन वितरित करते विधायक सीताराम यादव।
फोटो :जन्मदिन मनाते हुए विधायक सीताराम यादव।
फोटो कैप्शन 11: शपथ ग्रहण करवाते हुए विधायक सीताराम यादव व डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर नसीब पशुपालन।
विश्व साड़ी दिवस--21 दिसंबर
साड़ी की सुंदरता का जश्न मनाने की एक पहल है साड़ी दिवस
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कनीना की आवाज। विशेषकर दक्षिण हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में लहंगा-चुन्नी का प्रचलन सिर चढ़कर बोलता है किंतु धीरे-धीरे महिलाओं के पहनावे में बदलाव आता जा रहा है। वर्तमान में महिलाएं साड़ी अधिक पसंद करती हैं। साडिय़ों ने भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। फैशन के मामले में साड़ी हमेशा अपने समय में काफी आगे रही है। सुविधाजनक एवं तन को अधिक ढकती है। जहां लहंगा चुन्नी भारी भरकम और बहुत महंगी आने लगी है जिसको शादियों में पंजाब राज्य में तो प्रतिबंध भी लगा दिया है। इस संबंध में कुछ प्रमुख महिलाओं से साड़ी पर चर्चा की गई जिन्होंने अपने विचार व्यक्त किये--
**यह महिलाओं द्वारा पहने जाने वाला पारंपरिक परिधान है। साड़ी कपड़े का लंबा टुकड़ा है जिससे शरीर के चारों ओर लपेटा जाता है। कई डिजाइनों की साडिय़ां मिलती हैं जिनका इतिहास हजारों साल पुराना है। यह शरीर को लपेटकर स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति देती हैं। यह कपास, रेशम, जार्जेट, शिफान एवं क्रेप आदि के रूप में आती है। इसे कढ़ाई आदि से सजाया जाता है। महिलाओं की पहली पसंद साड़ी है।
---नीलम यादव पूर्व पार्षद कनीना
साड़ी को भारत में अघोषित राष्ट्रीय परिधान भी कह सकते हैं। जब कोई खास अवसर होता है तो अधिकांश लड़कियां और महिलाएं साडिय़ां पहनना पसंद करती है। सालों साल परदादी, दादी, मां की साड़ी अगली पीढिय़ों को ट्रांसफर होती रही है। और इसे हमेशा सहेजा गया है। यह सौंदर्य को निखारने का काम भी करती है। इसलिए लड़की की सबसे पहली पसंद खास साडिय़ां होती है। ---रचना शर्मा अग्रणी महिला
साड़ी एक खूबसूरत परिधान है। ऐसे बहुत कम वस्त्र होते हैं जो बिना सिले सुंदर और गरिमामय लगते हो। कपड़ों के चुनाव पर भी जीवन शैली में परिवर्तन हुआ है। साड़ी पहनना कुछ ज्यादा वक्त लगता है, रखरखाव भी थोड़ा कठिन है, संभालने में भी वक्त लगता है इसलिए नई पीढ़ी के लिए प्रतिदिन के परिधान की जगह उत्सव में पहनी जाने वाली चीज साड़ी बन गई है। फिर भी उसकी भव्यता कम नहीं है। परंपरागत कपड़ों की जब बात आती तो साड़ी सबसे अव्वल नंबर पर होती है।
--- अंजू रानी सिलाई शिक्षिका
देश में अनेकों प्रकार की साडिय़ां उपलब्ध हैं। कपड़ों के प्रकार के बाद प्रिंट डिजाइन आदि का खास ध्यान रखा जाता है। इन आधार पर लाखों प्रकार की साडिय़ां बाजार में उपलब्ध हैं। मनपसंद कपड़े, रंग प्रिंट आदि कुछ सौ रुपयों से लेकर लाखों रुपये तक की मिल जाएंगी। जहां लहंगा चुन्नी साड़ी के मुकाबले अधिक महंगे होते जा रहे हैं। विदेश में भी साड़ी की काफी डिजाइनों की मांग रही है। पूरे देश में आज के दिन महिलाओं की प्रमुख मनपसंद चीज साड़ी बन गई है। नृत्य आदि करते समय साडिय़ां सुंदरता में निखार लाती हैं।
--- मोनिका शर्मा नृत्य शिक्षिका
साड़ी भारतीय महिलाओं का प्रमुख परिधान है भारतीय महिलाओं का अलग-अलग पहचान देने में साड़ी का अहं योगदान रहा है। फिल्म अभिनेत्रियां महिला अफसर, महिला नेत्री अलग-अलग साड़ी के लिए काफी लोकप्रिय हैं। त्योहार या खास मौके महिलाएं साड़ी पहनना पसंद करती है। साडिय़ां सैकड़ों लोगों का रोजगार का साधन भी बन गई हैं। साड़ी पहनने में सुविधाजनक है और तन को भी अच्छी प्रकार ढक लेती है जबकि लहंगा चुन्नी तन को कम ढकते हैं। इसलिए साड़ी अधिक लोगों के दिलों में स्थान बनती जा रही है।
--- प्रियंका प्रजापति
फोटो कैप्शन: प्रियंका प्रजापति,मोनिका शर्मा, नीलम , रचना शर्मा, अंजू रानी।
किसानों का एक ही नारा कट बने हमारा, 283वें दिन जारी रहा धरना
-अनिश्चिवतकालीन धरने पर हैं ग्रामीण
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए धरना 283वें दिन जारी रहा। धरने की अध्यक्षता चेयरमैन होशियार सिंह सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि हमारा एक ही उद्देश्य है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनना चाहिए। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी के साथ लगने वाले 40- 50 गांवों के लोगों के लिए नारनौल और चंडीगढ़ जाने के लिए बूचावास -महेंद्रगढ़ और दादरी- संसपुर पहुंचने के बाद ही राष्ट्रीय राजमार्ग पर चढ़ा जा सकता है, दूरी ज्यादा हो जाती है और समय भी अधिक लगता है। केंद्र सरकार इस क्षेत्र के लोगों की पीड़ा को समझे और जल्दी से जल्दी राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू करवाया जाए। किसानों में सरकार के प्रति आक्रोश है, जब तक कट का काम शुरू नहीं होता है, हमारा धरना जारी रहेगा।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया की धरने को चलते 283 दिन हो गए हैं। धरना स्थल पर बैठे बुजुर्ग किसान केंद्र सरकार से नाराज है, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट की मंजूरी दी हुई है लेकिन धरातल पर सरकार के द्वारा कट का काम शुरू नहीं किया गया है। किसानों में गुस्सा चढ़ा हुआ है, लेकिन उन्हें समझाया गया है कि आपकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी, कट बनेगा और बनने के बाद ही हम चैन की सांस लेंगे।
इस मौके पर चेयरमैन सतपाल पोता, नरेंद्र शास्त्री छिथरोली, पहलवान रणधीर, कृष्ण कुमार पंच, पहलवान धर्मपाल,जिला पार्षद लीलाराम, डॉ लक्ष्मण सिंह, पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह, ओम प्रकाश, ठेकेदार शेर सिंह, मास्टर विजय सिंह, मुंशीराम, प्रधान कृष्ण कुमार, पूर्व सरपंच सतवीर सिंह, प्रधान तेज सिंह,मुख्तार सिंह, बाबूलाल,वेद प्रकाश, एसआई रामकुमार, रोशन लाल आर्य, पूर्व सरपंच हंस कुमार, सीताराम,सूबे सिंह पंच, करतार, राम भक्त, पंडित मनीराम, रामकुमार, प्यारेलाल, नाथूराम, पंडित संजय कुमार व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 10: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण।
क्रास कंट्री चैंपियनशिप में पाया गोल्ड मेडल
--कपूरी के हैं परमजीत रहे
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कनीना की आवाज। जिला रेवाड़ी के काराोली में आयोजित एथलेटिक फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा क्रास कंट्री चैंपियनशिप, जिला स्तरीय प्रतियोगिता में कनीना उप-मंडल के गांव कपूरी के परमजीत ने प्रथम स्थान हासिल कर सवर्ण पदक जीता है। गांव में पहुंचने पर उनका स्वागत किया गया। क्षेत्र के लोगों ने परमजीत को बधाई दी है। कनीना के मुकेश शर्मा, दिनेश, सुरेश आदि ने बताया की कारोली में आयोजित प्रतियोगिता में परमजीत ने सराहनीय कार्य किया है। इसके लिए वह बधाई का पात्र है।
फोटो कैप्शन 09: क्रास कंट्री में प्रथम स्थान पाने पर परमजीत को सम्मानित करते हुए अधिकारी।
कनीना की सब्जी मंडी रही बंद
- आढ़तियों पर टैक्स लगाए जाने का मुद्दा
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कनीना की आवाज। कनीना की सब्जी मंडी पूर्ण रूप से बंद रही। किसी प्रकार की कोई सब्जी उपलब्ध नहीं हो पाई। विस्तृत जानकारी देते सब्जी विके्रता इंद्रजीत शर्मा ने बताया की आढ़तियों पर मार्केट कमेटी की फीस के मुद्दे को चलते आढ़तियों ने सब्जी नहीं खरीदी और न ही बंची जिसके चलते उन्होंने भी उनका साथ देते हुए सब्जी मंडी को बंद रखा है। कनीना क्षेत्र में करीब दो दर्जन सब्जी की दुकानें है और कहीं भी सब्जी की दुकानों पर सब्जी उपलब्ध नहीं हुई। फल विक्रेता जरूर फल बेचने नजर आए।
धूप खिलने के बावजूद भी ठंड जारी
---धुंध एवं कोहरा हुआ गायब
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में बीते दिनों से जहां लगातार धूप खिल रही है फिर भी ठंड का प्रकोप जारी है।
जहां मौसम भी साफ रहता है वहीं ठंड बढ़ती जा रही है। कोहरा एवं धुंध ढूंढे
भी नहीं मिल रहे है। उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में जहां नवंबर और दिसंबर में कुछ दिनों तक ही धुंध पड़ी है, बाकी मौसम साफ रहा है किंतु अब ठंड का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। ठंड बढऩे के कारण फसलों को लाभ होने का अंदेशा है। दूसरी ओर सरसों की फसल दूर दराज तक पीले पीले फूलों से नजर आ रही है। भारी मात्रा में फूल और कच्ची फलियां लगी हुई हैं। जहां बसंत के पर्व तक पीले फूल वाली सरसों 14 फरवरी तक पक जाने के आसार हैं या बसंत पंचमी पर इस बार भारी मात्रा में फूल होंगे इस बार ऐसा नहीं लग रहा है। किसान अपनी फसल को देखकर खुश है क्योंकि अभी फसलों के लिए मौसम अनुकूल है। भविष्य में बेहतर पैदावार होने के आसार हैं।
कनीना के सुरेश कुमार, कृष्ण कुमार, रवि कुमार, दिनेश कुमार, सूबे सिंह आदि ने बताया कि इस सरसों की फसल पर अधिक ध्यान दिया गया है जिसके पीछे सरसों के अच्छे भाव मिलना एक कारण है। सरसों 20,000 एकड़ पर उगाई गई है वहीं गेहूं की पैदावार दूसरे नंबर पर दस हजार एकड़ के करीब है।
व्यापार मंडल प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष रविंद्र बंसल ने बताया कि इस बार गेहूं का एमएसपी 2275 रुपये तो सरसों प्रति 5650 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है। सरसों के प्रति किसानों में अच्छा रुझान देखने को मिल रहा है। कृषि वैज्ञानिक भी मानते कि इस बार अच्छी पैदावार होने के आसार हैं।
फोटो कैप्शन 8:कनीना क्षेत्र में सरसों की फसल और बढ़ती ठंड।
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