करीरा के राजपाल को मिला महेंद्रगढ़ का पहला कृषि ड्रोन
-विभिन्न कृषि कार्यों में सहायक होगा यह ड्रोन
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कनीना की आवाज। सीजीएल एग्री मीडिया लिमिटेड करीरा के संचालक राजपाल यादव को रेवाड़ी में इफको द्वारा आयोजित ड्रोन वितरण कार्यक्रम में रेवाड़ी-महेंद्रगढ़ के क्षेत्रीय अधिकारी अशीष पवार द्वारा महेंद्रगढ़ का पहला कृषि ड्रोन प्रदान किया गया। इस संपूर्ण कार्यक्रम में इसको द्वारा मुफ्त ट्रेनिंग करवाई गई, कृषि ड्रोन पायलट का कोर्स/ट्रेनिंग संपूर्ण होने के बाद 16,50,000 रुपये मूल्य के इलेक्ट्रानिक व्हीकल और कृषि ड्रोन की उपलब्ध करवाए गये। यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों को समर्पित है।
राजपाल ने बताया कि ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया, नैनो डीएपी उर्वरकों का छिड़काव आसानी से किया जा सकेगा वहीं समय भी कम और लागत भी कम लगेगी। इससे किसानों को आधुनिक खेती में सीधा लाभ होगा तथा पर्यावरण सुरक्षा के लिए आवश्यक जल एवं मृदा को होने से बचाएगा। मृदा में कैंसर कारक नाइट्रेट की मात्रा भी घटेगी।
फोटो कैप्शन 09: राजपाल को ड्रोन प्रदान करते हुए इफको अधिकारी।
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस- 14 दिसंबर
-ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत अपनाने चाहिए-देवेंद्र
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कनीना की आवाज। ऊर्जा संरक्षण का महत्व बताने तथा ऊर्जा संरक्षण के लाभों के विषय में जानकारी देने के लिए 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है। ऊर्जा संरक्षण से संबंधित विशेष नाम कमाने वाले लोगों को सम्मानित किया जाता है। इस दिन से संबंधित कुछ लोगों से चर्चा की गई जो लंबे समय से ऊर्जा संरक्षण में योगदान दे रहे हैं, जिनके विचार निम्र हैं--
27 सालों पहले जब मैं सेना से सेवानिवृत्त होकर जब घर आया था तब से एक ही उद्देश्य बना लिया था कि ऊर्जा संरक्षित करूंगा। यही कारण है कि दिन रात जहां भी जाना पड़ता है, विगत 27 सालों से साइकिल पर जा रहा हूं। इसने केवल सेहत बनती है अपितु ऊर्जा की भी बचत होती है। ऊर्जा संरक्षण सरकार का उद्देश्य है। हर इंसान का यही उद्देश्य होना चाहिए तभी देश में ऊर्जा की बचत होगी और भविष्य के लिए ऊर्जा उपलब्ध हो सकेगी। इसी बात को बात को ध्यान में रखते हुए लगातार साइकिल प्रयोग कर रहा हूं। आज उम्र 72 वर्ष पहुंच गई है फिर भी साइकिल का साथ नहीं छोड़ा है।
--- राव मोहर सिंह प्रधान
ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूक करने पर केंद्रित, ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है। ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में देश की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला जाता है। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के तहत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के अंतर्गत संचालित यह दिन मनाया जाता है। इस दिन ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले उद्योगों, संस्थाओं ,थर्मल पावर स्टेशन, रेलवे स्टेशन, नगर पालिका, होटल, अस्पताल तथा अन्य संस्थानों को पुरस्कृत किया जाता है। जिसका उद्देश्य की ऊर्जा को बचाया जाए और इसी उद्देश्य को आगे बढ़कर ऊर्जा बचत करने का प्रयास किया जाता है।
--- महेंद्र शर्मा, ऊर्जा संरक्षक
ऊर्जा संरक्षण का अर्थ है इसका अनावश्यक उपयोग न करना, कम से कम ऊर्जा का उपयोग करके किसी कार्य को करना। अनावश्यक रूप से बिजली का बल्ब, लाइट, पंखे, एसी ,विद्युत यंत्र प्रयोग न करने चाहिए। छोटी दूरियों में जहां पैदल चलकर जाना चाहिए। वहीं निजी वाहन की जगह सार्वजनिक वाहन प्रयोग करने चाहिए। ऊर्जा का संरक्षण होगा जो देश के भविष्य के लिए काम में लाई जा सकेगी।
--देवेंद्र शिक्षाविद
ऊर्जा के नवीनीकरण स्रोतों का उपयोग करना चाहिए जो भविष्य में समाप्त होते नजर नहीं आते। जिनमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा जल ऊर्जा और विद्युत तापीय ऊर्जा प्रमुख रूप से शामिल किए गए हैं। जीवाश्म ईंधन जैसे कोयला, पेट्रोलियम, सीएनजी, एलपीजी निकट भविष्य में समाप्त होने के कगार पर हैं। इसलिए गह इनका कम से कम प्रयोग होना चाहिए और उनकी जगह अन्य साधन जो नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर आधारित है, का प्रयोग करना उचित होगा। ऐसी तकनीकी खोजना चाहिए वही ऊर्जा संरक्षण कर सके।
---राकेश कुमार विज्ञान के जानकार
फोटो कैप्श: देवेंद्र कुमार, राकेश कुमार, राव मोहर सिंह, महेंद्र्र शर्मा।
विकसित भारत जन संवाद संकल्प यात्रा गांव गागडवास व बचीनी पहुंची
-लगाये गये विभिन्न विभागों के स्टाल
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कनीना की आवाज। विकसित भारत जन संवाद संकल्प यात्रा आज गांव गागडवास व बचीनी पहुंची। इस मौके पर विभिन्न विभागों ने स्टॉल लगाकर योजनाओं के लिए पंजीकृत किया।
कृषि विभाग से एसडीओ अजय कुमार यादव बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की व गांव गागडवास व बचीनी के नागरिकों को विकसित भारत की शपथ दिलाई। उन्होंने अपने संबोधन में कहा संकल्प यात्रा अपने आप में एक अलग पहचान बना रही है जिससे अंतिम व्यक्ति को लाभ मिल रहा है। मेरी फसल मेरा ब्योरा, फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना, से किसानों को लाभ मिल रहा है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 7 महिलाओं को गैस सिलेंडर वितरित किए गए। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दो महिलाओं की गोद भराई रस्म करवाई गई।
पशुपालन विभाग ने 22 लोगों को भेड़ ,बकरी, देसी गाय व भैंस का लोन देकर लाभान्वित किया। स्वास्थ्य विभाग ने 294 लोगों का स्वास्थ्य चेक किया और निशुल्क दवाइयां दी। आयुष विभाग ने 112 लोगों को आयुर्वेदिक दवा देकर लाभान्वित किया।
इस अवसर पर एसईपीओ कृष्णपाल, गागड़वास के सरपंच अजय कुमार, बचीणी गांव की सरपंच संजिता देवी, हेड मास्टर बाबूलाल, मास्टर सभा चंद्र, डॉक्टर नेहा यादव,डॉक्टर नथूराम, सुपरवाइजर मंजू देवी, डॉक्टर दीपांशु व मत्स्य विभाग से सतीश के अलावा अन्य विभागों से अधिकारी व गांव से लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 08:विकसित भारत की शपथ दिलाते डॉक्टर अजय कुमार यादव।
एसडीएम ने किया औचक निरीक्षण, फूड सप्लाई विभाग पर लटका मिला ताला
-8 कर्मचारी मिले अनुपस्थित, एक कार्यालसय पर लगा मिला ताला
-अनुपस्थित अधिकारियों कर्मचारियों पर की जाएगी विभागीय कार्यवाई
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कनीना की आवाज। उप मण्डल के एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने बुधवार को विभिन्न विभागों के कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान फूड सप्लाई विभाग पर ताला लटका हुआ मिला। वहीं सिविल अस्पताल में तो सफाई व्यवस्था का बुरा हाल मिला। इसके साथ-साथ 10 से अधिक अधिकारी व कर्मचारी नदारद मिले। नदारद कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के आदेश दिए गए है।
एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने बताया कि कुछ कार्यालयों में कर्मचारी लेट-लतीफ आने की लगातार सूचनाएं मिल रही थी। इसी के चलते बुधवार को नौ बजे से लेकर साढ़े नौ बजे तक कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण की शुरूआत खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कनीना के कार्यालय से शुरू किया गया। इसके बाद बिजली निगम कार्यालय, अस्पताल, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, माडल स्कूल का भी औचक निरीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान फूड सप्लाई कार्यालय में तो ताला लटका हुआ मिला।
इन विभागों में किया औचक निरीक्षण
बिजली निगम, अस्पताल, डीईओ, मार्डन स्कूल, राजकीय महाविद्यालय, बीडीपीओ व सीडीपीओ कार्यालय सहित, बीडीपीओ कार्यालय का भी औचक निरीक्षण किया गया।
आदत में सुधार करे अधिकारी/कर्मचारी
एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने कहा कि लेट-लतीफ आने वाले कर्मचारियों पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी। लेट आने वाले कर्मचारी अपनी आदत में सुधार करे। उन्होंने कहा कि कार्यालय में आमजन को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना नही करना पड़े। इसके साथ कर्मचारी अपने व्यवहार में भी नरमी बनाए रखे।
इस मौके पर सिविल अस्पताल 3,बीडीपीओ कार्यालय से दो,सीडीपीओ कार्यालय से 3 कर्मी अनुपस्थित मिले वहीं फूड सप्लाई विभाग को ताला लटका हुआ मिला।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि अस्पताल में सफाई कर्मचारियों की भरमार है। लेकिन अस्पताल में सफाई व्यस्था का बुरा हाल है। डस्टबीन कचरे से भरे हुए थे व पास में भी गंदगी बिखरी पड़ी थी। इसके साथ डस्टबीन में लगाई जाने वाली पालिथिन भी नहीं लगी मिली। शौचालयों को तो उससे भी बुरा हाल मिला। दूर से ही शौचालयों में दुर्गंध आती हुई मिली। अस्पताल में सफाई व्यवस्था को लेकर एसडीएम ने अधिकारियों को फटकार लगाई। इसके साथ निर्देश दिये की अगर सफाई व्यवस्था में सुधार नही हुआ तो उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
बुधवार को विभिन्न कार्यालय का औचक निरीक्षण किया गया। जिसमें अधिकारी/कर्मचारी अनुपस्थित मिले है। अनुपस्थित मिले कर्मचारियों को नोटिस दिए गए। नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
फोटो कैप्शन 07 : एसडीएम कनीना जांच करते हुए।
कनीना में 500 नलों पर नहीं है टोंटियां
-भारी मात्रा में पेयजल बह रहा है व्यर्थ
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कनीना की आवाज। एक और जहां जल की बूंद बूंद कीमती होता है वहीं कनीना कस्बे में करीब 500 उपभोक्ताओं के ऐसे नल हैं जिन पर जिन पर कोई टोंटी नहीं लगी है। इन नलों को खुला छोड़ा हुआ है या किसी बर्तन में छोड़ रखा है जो भर जाने के बाद पेयजल सड़कों पर बहता रहता है। अनावश्यक बहता हुआ जल जहां सड़कों पर जमा होकर भारी नुकसान पहुंचाता है। उपभोकता सड़के धोने, पशुओं को नहलाने, अपने वाहन धोने के बाद नालियों में ही नल को छोड़ देते हैं। एक और जहां पानी खराब होता है वहीं यह पानी आवागमन में बाधक बनता है।
जब कभी नल आते हैं तो नालों की स्थिति देखने लायक बन जाती है। अनाप शनाप पानी बहता दिखाई पड़ता है। विभाग से मिली सूचना के अनुसार कनीना में 2322 नल कनेक्शन दिए हुए हैं जिनमें से 1330 पर मीटर लगा हुआ है जबकि 992 ऐसे नल है जिन पर कोई मीटर नहीं लगा हुआ है। 1300 ऐसे नल है जिनके बिल नहीं भरे जा रहे हैं परिणाम स्वरूप एक करोड़ 57 लाख रुपये जन स्वास्थ्य विभाग का उपभोक्ताओं की ओर बकाया है।
कस्बा कनीना में दो पेयजल सप्लाई केंद्र है जहां एक रेवाड़ी रोड पर स्थित है जो सबसे पुराना है वही दूसरा बड़ी बणी में नहर पर आधारित वाटर सप्लाई केंद्र है। वहीं कुछ नलकूपों से भी वाटर सप्लाई की व्यवस्था की गई है। कनीना अनाज मंडी में पेयजल की अलग व्यवस्था की गई है, इसी प्रकार खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय से भी कुछ जगह पर जल सप्लाई की होती है परंतु इतना होते हुए भी भारी मात्रा में पेयजल को व्यर्थ बहाया जा रहा है। व्यर्थ बहता हुआ जल जोहड़ों में जमा हो जाता है। होली वाला जोहड़ सड़क मार्ग की हालत जर्जर हो गई है, सदा यहां गंदा पानी खड़ा रहता है।
कस्बा कनीना में 2000 से भी अधिक लोग दूसरे प्रदेशों से आए हुए हैं। वैसे भी वे खंडहरनुमा घरों में रह रहे हैं, जहां नल तो लगे हैं लेकिन टोटियां नहीं लगी हुई है। जब कभी नलों में पानी आता है तो उन्हें पता चलता है कि नल आ गए हैं। परंतु इनका जल अनावश्यक रूप से नालियों से होता हुआ जोहड़ों में जा रहा है।
विभाग के जयपाल सिंह ने बताया कि 6 महीने में बिल भेजा जाता ह।ै जिन्होंने मीटर लगवा रखा है उन्हें 60 रुपये प्रति महीना जबकि बिना मीटर वाले लोग उपभोक्ताओं को 120 रुपये प्रति महीना भुगतान करना पड़ता है। 60 रुपये में से 12 रुपये सीवर चार्ज देना पड़ता है। इसी प्रकार 120 रुपए में से 25 प्रतिशत भाग सीवर के देने पड़ रहे हैं।
भारी मात्रा में अनावश्यक रूप से बहाया हुआ पेयजल कनीना के सभी जोहड़ों में जाता है जिससे जोहड़ों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। होलीवाला जोहड़ में तो इतना पानी भर जाता है कि सड़कों पर पानी फैल जाता है बहरहाल सड़क मार्ग भी लबालब गंदे पानी से भरने से आवागमन प्रभावित होता है।
इस संबंध में कनिष्ठ अभियंता जन स्वास्थ्य विभाग सुरेंद्र सिंह से बात हुई नलों पर टोंटी न होने के बाबत उन्होंने बताया कि जब कभी बिल देने कर्मचारी घर घर जाते हैं तो नलों पर टोटी लगाने की बात कहते हैं। बार-बार उन्हें समझाया जाता है परंतु नहीं समझते हैं तो यह उनकी भूल है। नल धारकों से बार-बार निवेदन किया जाता है कि वे बिल भरें किंतु बिल नहीं भरते तो आखिरकार नोटिस दिया जाता है। फिर भी बिल नहीं भरेंगे तो उनका कनेक्शन काटा जाएगा। हर 6 महीने पर डिफाल्टरों को नोटिस दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जल को खराब होने से बचाने के लिए भी हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उपभोक्ता अगर फिर भी नहीं समझते तो कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है जिसका मजबूरन सहारा लेना पड़ेगा।
फोटो कैप्शन 2 व 3: गंदे नालों भारी मात्ररा में बहता जल
4: सड़क पर जमा नलों का पानी
5: बिना टोंटी के नल जो बर्तनों में छोड़ रखे हैं।
केंद्र सरकार पर कट के लिए आस लगाए धरने पर बैठे हैं किसान
-276वे दिन जारी रहा धरना
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। धरनेकी अध्यक्षता पूर्व सरपंच हंस कुमार सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि हमें केंद्र सरकार का इंतजार करते हुए धरना स्थल पर बैठे हुए दसवां महीना शुरू हो गया है। बुजुर्ग किसानों में उदासी का माहौल छाया हुआ है क्योंकि केंद्र सरकार किसानों की पीड़ा को नहीं समझ रही। जितना जल्दी हो सके राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू किया जाए। जब तक कट का काम शुरू नहीं होगा हम धरना स्थल पर बैठे रहेंगे।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि 13 मार्च 2023 से लगातार धरना चला आ रहा है। किसानों की उदासी और नाराजगी जायज है। हमारा एक ही उद्देश्य है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनना चाहिए और हम बनवा कर ही रहेंगे, चाहे हमें कितनी भी यातनाएं सहनी पड़े। हमने कट बनवाने के लिए कदम आगे बढ़ा लिए हैं, जब तक कट का काम शुरू नहीं होगा, हम धरना स्थल पर डटे रहेंगे।
इस मौके पर पहलवान रणधीर सिंह, डा लक्ष्मण सिंह, नरेंद्र शास्त्री छिथरोली, पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह, पूर्व सरपंच सत्यवीर सिंह, करण सिंह, दाताराम, डॉक्टर राम भक्त, मास्टर विजयपाल सिंह, मुंशीराम,भागमल, बाबूलाल, शेर सिंह, सूबेदार हेमराज, रोशन लाल आर्य, थानेदार रामकुमार,सीताराम, सुरेंद्र सिंह ,ओम प्रकाश, इंस्पेक्टर सतनारायण, वेद प्रकाश, करतार सिंह, पंडित संजय कुमार ,प्यारेलाल, सूबे सिंह पंच, रामभज, मनोज व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 06: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण।
नवोदय विद्यालय छात्र मिलन समारोह 17 दिसंबर को
--आमंत्रित किया है विभिन्न विद्यार्थियों को
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कनीना की आवाज। जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा, जिला महेंद्रगढ़ का छात्र मिल समारोह 17 दिसंबर को आयोजित किया गया है। जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा के सभी अल्युमिनी छात्र-छात्राएं, पूर्व में कार्यरत, अवकाश प्राप्त वरिष्ठगण इस समारोह में आमंत्रित किए गए हैं। राजीव कुमार सक्सेना प्राचार्य ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ के एकमात्र जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में विगत वर्षों भी पूर्व छात्र मिलन समारोह आयोजित किया जाता रहा है, इस बार भी यह समारोह आयोजित होगा।
कोहरे में लिपटी आई बुधवार की सुबह
--दो घंटों में मौसम हो गया
साफ
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में लंबे समय से मौसम साफ रहने के बाद बुधवार को अचानक सुबह धुंध पड़ी और सुबह सवेरे लोग अपने वाहनों के हेडलाइट जलाकर इधर-उधर जाते नजर आये। नवंबर माह में महज दो दिनों तक धुंध पड़ी थी। जिसके बाद दिसंबर माह में भी करीब दो दिनों तक कोहरा पड़ा था। तत्पश्चात लगातार मौसम साफ रहा और बुधवार को पुन: धुंध पड़ी जिससे फसलों को लाभ माना जा रहा है क्यों कि धुंध के कारण नमी उपलब्ध रहती है।
कोहरे के कारण जहां वाहन धीमी गति से चलाए गए तथा हेडलाइट जलाकर वाहन चलते नजर आये। भारीमात्रा में कोहरा पड़ा जिसके चलते लोग परेशान नजर आए। किसान रवि कुमार, दिनेश कुमार ,महेश, सूबे सिंह आदि ने बताया कि कोहरा फसलों के लिए लाभप्रद होता है।
जहां दोपहर तक कोहरा पड़ा तत्पश्चात मौसम खुल गया। उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में करीब 20 हजार एकड़ सरसों तो दस हजार एकड़ गेहूं की फसल खड़ी हुई है जिसे लाभ का अंदेशा है।
फोटो कैप्शन 01: कनीना क्षेत्र में कोहरे का नजारा।
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