Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**: July 2024

Wednesday, July 31, 2024


 


कनीना क्षेत्र में हुई 62 एमएम वर्षा
-अभी मौसम बारिशमय
-सावन माह की है बेहतरीन वर्षा
-किसान खुश, सड़कों पर जमा दो-दो फीट पानी
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कनीना की आवाज। कनीना में बुधवार शाम को बादल जमकर बरसे। रात 8:30 बजे तक 62 एमएम वर्षा हो चुकी थी। मौसम बारिशमय बना हुआ है। गलियों में तीन-तीन फीट तो सड़कों पर दो-दो फीट पानी जमा हो गया है। पहली बार सावन में इतनी अच्छी बारिश हुई है। जून एवं जुलाई माह में अब तक करीब 152 एमएम बारिश हो चुकी है। किसान खुश नजर आए क्योंकि अब तक इतनी अधिक बारिश कनीना क्षेत्र में नहीं हुई थी। अभी और बारिश की है संभावना।







हरिद्वार से बाघेश्वर धाम तक लगी है भक्तों की कतार
-उत्तराखंड में पूरी लूट वहीं यूपी में मुजफ्फरनगर तक शिविर नहीं
-लूट पर भारी पड़ रही है आस्था
--95 प्रतिशत कावडिय़े भांग, धतुरा, बीड़ी, सिगरेट, पान मसाला एवं अन्य विषेले पदार्थ खाते एवं चबाते देखे गये।
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कनीना की आवाज। देवनगरी हरिद्वार से बाघेश्वर धाम तक शिव भक्तों की लंबी कतार लगी हुई है। एक ओर जहां शिवालयों में कावड़ अर्पित करने का सिलसिला विभिन्न गांवों में दो दिनों पूर्व से शुरू हो गया है वहीं प्राचीन शिवालयों पर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है।  विभिन्न शिवालयों में कावड़ अर्पित की जाती है किंतु किलोई, इंछापुरी, किरमारा, बाघोत आदि स्थानों पर भारी संख्या में कावड़ चढ़ाई जाती है। इस बार जहां पूरे रास्ते में वर्षा का अभाव रहा है वही कहीं-कहीं उमस देखने को मिली है। भक्तजन खड़ी, बैकुंठी, टोकना झूला, थैला तथा डाक कावड़ लेकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो रहे हैं। जहां उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश में पुलिस का व्यापक प्रबंध है वहीं हरियाणा के विभिन्न शिविरों में भी व्यापक पुलिस प्रबंध किया गया है। जहां भी देखे जयकारे, बम बम की जयघोष सुनाई पड़ रही है। भक्त आगे बढ़ते जा रहे हैं। इस बार जहां भक्तों में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, देश भक्ति कूट-कूट कर भरी देखने को मिली वहीं अपंग व्यक्ति भी कावड़ लाने में पीछे नहीं हट रहे हैं। जहां महिलाएं भी कावड़ लेकर गंतव्य मार्ग की ओर जा रही है वही बच्चे बुड्ढे और जवान भी कांवड़ ला रहे हैं। विभिन्न शिविरों में जहां युवा वर्ग का जोर है वही कावड़ लाने वालों में बुजुर्ग कम तथा अधेड़ आयु के अधिक देखने को मिल रहे हैं।
 हरिद्वार से जहां हर की पौड़ी से कांवड़ उठा कर भक्तजन चलते हैं तो उन्हें उत्तराखंड में कोई भी शिविर नहीं मिलता है, उत्तर प्रदेश में इक्का-दुक्का शिविर मिल रहे हैं वहीं हरियाणा में शिविरों की भरमार है जहां भक्तों की सेवा के लिए भक्तजन तैयार खड़े हैं। रास्ते में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे लिखित का महाकावड़, टोकना कावड़ वालों का भी तांता लगा हुआ है। कांवड़ लाने वाले भक्तजन विभिन्न नियमों को पालन कर रहे हैं। कई शिवभक्त बुराइयों में जकड़े देखे गए।
इस बार जहां महाकावड़ पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिखाई दिया वही कावड़ पर तिरंगों की भरमार देखने को मिली जो देशभक्ति को इंगित करती है।
उत्तराखंड जिसे देवभूमि कहा जाता है किंतु यहां पूरे रास्ते में पीने के लिए जल भी नसीब नहीं होता है। हैंड पंप तोड़े हुए हैं वहीं 20 रुपये की पानी की बोतल 30 रुपये में वो भी घटिया कंपनी की मिलती है। धरती पर सोने के नाम पर भी 500 रुपये तक ले लिये जाते हैं। खाने में एक सौ रुपये की थाली में चार रोटी, मामूली सी दाल, मामूली सी सब्जी तथा 50 ग्राम चावल मिलते हैं। बेहतर ब्रांड की खाने की वस्तु भी नसीब नहीं होती। घटिया चीजें बासी खाना दिया जाता है। भक्त लुटते पिटते वहां से गुजरते हैं। लूट पर आस्था भारी पड़ रही है। सरकार का कोई कंट्रोल नहीं है। इसी प्रकार की हालात मुजफ्फरनगर तक मिलती है बाद में यूपी में कैंप भी मिलने लग जाते हैं। हरियाणा सचमुच भगवान एवं देवों की भूमि है जहां हर प्रकार की चीज कैंप में मिल जाती हैं। 95 प्रतिशत कावडिय़े भांग, धतुरा, बीड़ी, सिगरेट, पान मसाला एवं अन्य विषेले पदार्थ खाते एवं चबाते देखे गये।







कई प्रकार की कांवड़ अर्पित की जाती हैं बाघेश्वरधाम पर
-सबसे अधिक आती हैं झूला कांवड़
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कनीना की आवाज। श्रद्धालु कई प्रकार की कांवड़ शिवालयों पर चढ़ाते हैं जिनको खड़ी, बैठी, झूला, डाक, टोकणा, विशाल कांवड़, बैग कांवड़ प्रमुख हैं। न केवल युवा अपितु बच्चे व बूढ़े भी कांवड़ लाने में गर्व महसूस करते हैं। खड़ी कावड़ को सदा एक भक्त कावड़ को दिनरात कंधे पर रखे रखता है। दो या तीन जन मिलकर प्राय: खड़ी कांवड़ लाते हैं। बैठी जिसे बैकुंठी भी कहते हैं व झूला कांवड़ को प्राय एक ही व्यक्ति लाता है और उसे रात के समय किसी पेड़ या तने के सहार या निर्धारित कांवड़ स्टैंड पर टांग दिया जाता है। डाक कांवड़ को तेजी से लाया जाता है। 24 से 36 घंटों में डाक कांवड़ को शिवालयों पर लाकर चढ़ा दिया जाता है। डाक कांवड़ में 5-7 व्यक्तियों की जरूरत होती है। एक वाहन में खाने पीने का सामान लादकर हरिद्वार ले जाया जाता है जहां से कांवड़ उठाकर बारी-बारी से दौड़कर आगे बढ़ते हुए शिवालय तक पहुंचाया जाता है। जो व्यक्ति थक जाता है वह कांवड़ को अगले व्यक्ति से दे देता है और इस प्रकार कांवड़ गंतव्य स्थल तक पहुंच जाती है।
  आजकल सुविधा के लिए बैग कांवड़ भी प्रचलित हो गई हैं। गंगाजल को भरकर शिक्षा पाने जाने वाले विद्यार्थी की भांति बैग में पीठ पर लादकर कांवड़ को लाया जाता है जो अति सुविधाजनक होती है। कांवड़ का एक अति दुष्कर रूप टोकना कांवड़ है जिसमें एक भक्त पानी के दो स्टील के घड़ों को अर्थात टोकनों को गंगा जल से भरकर उनका मुंह सील करवाकर धीमी गति से चलकर गंतव्य स्थान तक ले जाता है।
  वर्तमान में कांवड़ के रूप भी बदल गए हैं। विशाल कांवड़ की ओर ध्यान जाने लगा है जिसमें एक विशाल कांवड़ को दस बारह व्यक्ति उठाकर लाते हैं। कई बार तो कांवड़ इतनी विशाल बनवा दी जाती है कि उसे पहिये लगवाकर लाया जाता है। इस कांवड़ में पूर्णरूप से म्यूजिक लगा होता है। कांवड़ के कई अन्य रूप भी देखने को मिल रहे हैं।
  आजकल तो डाक कांवड़ जिसमें सौ-सौ लोग जाने लगे हैं वहीं टोकना दौड़ कांवड़ तथा द्रुतगामी कांवड़ लेकर आने लगे हैं। जिसमें 5 से 7 व्यक्ति एक वैन के जरये कांवड़ लाते हैं जिसमें एक के थकने के बाद दूसरा कांवड़ ले लेता है और थकने वाला गाड़ी में बैठ जाता है। नीलकंठ, हरिद्वार एवं गंगोत्री से कांवड़ लाने वालों की संख्या बढ़ रही है। इस वर्ष विगत वर्षों की तुलना में अधिक कांवड़ लेने भक्त गये हैं।
फोटो कैप्शन 11: विभिन्न प्रकार की कांवड़ ले जाते भक्त।





लेखक होशियार सिंह ने अपनी कावड़ अर्पित की
-6 दिनों में लाए हरिद्वार से बाघोत तक कावड़
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कनीना की आवाज।  वर्ष 2010 से लगातार कांवड़ ला रहे तथा खाटू श्याम पर हर वर्ष 2010 से ध्वज अर्पित करते आ रहे डा होशियार सिंह लेखक ने अपनी कांवड़ बाघेश्वर धाम पर अर्पित कर दी है। वे लगातार कांवड़ ला रहे हैं।
 इस वर्ष सुमेर सिंह चेयरमैन, वेद प्रकाश, भरत सिंह,  विनोद कुमार आदि का ग्रुप कांवड़ लेकर पदयात्रा करते हुए बाघेश्वर धाम पहुंचा और वहां पर अपनी अपनी कांवड़ अर्पित कर दी।
 उल्लेखनीय है कि होशियार सिंह के कांवड़ लाने चले जाने के कारण कनीना की आवाज ब्लाग पर कोई समाचार नहीं डाला जा सका जिसके चलते पाठकों को निराशा हाथ लगी है किंतु श्री सिंह का कहना है कि भगवान भोलेनाथ सभी की मनोकामना पूर्ण करें, चूंकि घर से दूर होने के कारण एवं भगवान भोलनाथ को याद करने में समय बीता जिसके कारण ब्लाग पर समाचार नहीं डाले जा सके हैं किंतु अब विधिवत रूप से समाचार डाले जाते रहेंगे।
 फोटो कैप्शन 10: डा होशियार सिंह कांवड़ लाते हुए।



राव नरेंद्र ने शिवलिंग पर चढ़ाया गंगाजल
-सुमेर चेयरमैन कनीना लेकर आये 44वीं कांवड़, जमकर चढ़ रही हैं कांवड़
-शिवरात्रि मेला दो अगस्त को
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कनीना की आवाज।। बुधवार को हरियाणा के पूर्व मंत्री राव नरेंद्र सिंह ने परिवार के साथ बागेश्वर धाम बाघोत पहुंच कर शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ा कर भोले बाबा का आशीर्वाद लिया क्षेत्र की खुशहाली की प्रार्थना की। इस अवसर पर उनके साथ चेयरमैन सुमेर सिंह कनीना 44वीं कांवड़ लेकर आये।
पूर्व मंत्री राव नरेंद्र सिंह ने क्षेत्रवासियों को श्रावण मास की शुभकामनाएं दी व शिव भक्त सुमेर चेयरमैन कनीना को 44वीं कांवड़ लाने पर परिवार सहित बधाई दी। ्रराव नरेंद्र सिंह ने कहा कि कांवड़ यात्रा हिन्दू धर्म के धार्मिक मान्यताओं में से एक है , जो ना केवल हमारा क्षेत्र बल्कि पूरे देश इसे एक त्योहार की तरह मनाता है। कांवड़ यात्रा हिन्दू परंपरा का एक हिस्सा भी है जिससे हिन्दुओं की धार्मिक आस्था जुड़ी हुई है।
इस अवसर पर उन्होंने ना केवल कांवड़ यात्रियों को बल्कि उन तमाम शिवभक्तों को भी बधाई व शुभकामनाएं दीं जिन्होंने जगह जगह पर कांवड़ यात्रियों के लिए विश्राम, भोजन, चिकित्सा आदि सेवाओं के लिए उचित व्यवस्था की हुई है।
अनेक जन लेकर आये कांवड़-
कनीना क्षेत्र के लेखक डा एचएस यादव ने अपनी 14वीं कांवड़ अर्पित की वहीं भरत सिंह, वेदप्रकाश, रमेश कुमार, विभिन पत्रकारों एवं समाजसेवियों ने भी अपनी अपनी कांवड़ अर्पित की हैं। सावन कृष्ण एकादशी की वजह से कांवड़ अर्पित करने वालों की कतार लग गई है।
मेला लगेगा दो अगस्त को-
दो अगस्त को बाघोत स्थित बाघेश्वर धाम पर अपार जनसमूह उमड़ पड़ता है। यहां स्वयंभू/प्राकृतिक शिवलिंग होंने के कारण एवं ऐतिहासिक स्थल होने के कारण भीड़ उमड़ती है। निसंतानों के लिए भी यह स्थल प्रसिद्ध है। पुलिस एवं प्रशासन ने व्यापक प्रबंध किये हुए हैं। कनीना-छीथरोली मार्ग पर सड़क के किनारे खड़े पेड़ों पर रेडियम लाइट लगा दी गई हैं। इस मार्ग से सबसे अधिक वाहन एवं कांवडिय़े जाते हैं।
फोटो कैप्शन 08: राव नरेंद्र सिंह, सुमेर सिंह चेयरमैन बाघोत में शिवलिंग का अभिषेक करते हुए।







 संतान प्राप्ति की मन्नत के लिए भी जाना जाता है बाघेश्वर धाम        
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के बाघोत शिवालय पर प्राचीन पीपल का वृक्ष उन भक्तों के लिए सदा ही प्रसिद्ध रहा है जिनके कोई संतान नहीं है। कांवर लेकर आने वाले कुछ भक्त भी संतान की इच्छा रखते हैं वे भी इस पीपल के पेड़ के तने या टहनियों पर कच्चा धागा बांधते हैं।
  यूं तो किवदंति के अनुसार राजा दलीप ने ही संतान प्राप्ति के लिए यहां तप किया था और व्रत एवं उपवास के बाद ही संतान प्राप्त हुई थी। तत्पश्चात तो माना जाता है कि उन भक्तों का तांता लगा रहता है जिनके कोई संतान नहीं होती है। पुराने पीपल के पेड़ के तने पर कच्चा धागा बांधकर संतान प्राप्ति की मन्नत मांगी जाती हे। माना जाता है कि उनकी मन्नतें यहां पूर्ण होती है।
  उल्लेखनीय है कि इस पीपल की टहनियों को कच्चा धागा बांधने के लिए एक सीढ़ी की व्यवस्था भी की गई है। भक्तजन इस सीढ़ी के जरिए पेड़ की शाखा पर कच्चे धागे बांधकर भगवान भोलेनाथ को गंगाजल अर्पित करते हैं। जब उनकी यह मन्नत पूर्ण हो जाती है तो वे इस धागे को खेलकर जाते हैं। आज मेले से पूर्व ही तने व टहनियों पर भारी संख्या में धागे बंधे हुए हैं। संतान प्राप्ति की मन्नत मांगने तो दूसरे राज्यों से भी भक्तजन यहां आते हैं। सचमुच अपार श्रद्धा एवं भक्ति की बयार यहां पर बहती है। इस बार तो मेले के दिन सोमवार होना भक्तजन अपने को सौभाग्यशाली मान रहे हैं। इस दिन व्रत करने वाले, शिवभोले की आराधना करने वाले तथा मेले में गंगाजल चढ़ाने वालों की संख्या अधिक होगी वहीं कांवर भी इस दिन अधिक चढ़ेंगी।
फोटो कैप्शन 09: पीपल के पेड़ को बांधे गए कच्चे धागों का दृश्य देखे।








अब राधेश्याम गोमला ने अपने कार्यो के बल पर टिकट मांगा
-चंडीगढ़ में कार्यालय सचिव को पत्र सौंपते हुए
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कनीना की आवाज। सामाजिक कार्यकर्ता व कांग्रेसी नेता राधेश्याम गोमला ने अटेली विधानसभा क्षेत्र से पार्टी की टिकट के लिए हरियाणा कांग्रेस कमेटी कार्यालय चंडीगढ़ में आवेदन किया। आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों में गोमला ने अपने द्वारा अब तक किए गए कार्यों का विवरण संलग्न किये ।
 उन्होंने बताया कि संलग्न दस्तावेजों में राष्ट्रपति अवार्ड सहित भारत श्रीअवार्ड , हिंदुस्तान गौरव अवार्ड , द लीजेंड आफ सुभाषचंद्र बास अवार्ड के अतिरिक्त अपने लंबा संघर्ष से हरियाणा प्रदेश के सभी पूर्व सरपंचों पंचायत समिति अध्यक्षों जिला प्रमुखों को पेंशन दिलाने व साहित्यकार शामिल किये।
गोमला के सरपंच बतौर बेहद राशि में उत्कृष्ट कार्य करने के चलते उन्हें राष्ट्रपति अवार्ड मिला । गांव को देश में दूसरे नंबर पर पहुंचाया व विश्वस्तरीय पहचान दिलवाई। जिसके परिणामस्वरूप आधा दर्जन देशों के शीर्ष प्रतिनिधि गांव का बेहतरीन कार्य देखने आए । विश्व की बड़ी यूनिवर्सिटी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी सहित कई विश्वविद्यालयों के शोध छात्र यहां काम की जानकारी लेने आए। संयुक्त राष्ट्र संघ की भारत और भूटान शाखा प्रमुख ने गांव में आकर पंचायत को प्रशस्त किया। प्रदेश की तात्कालिक मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी स्पेशल रूप से पूरे प्रशासनिक अमले के साथ गांव का काम देखने आई और प्रदेश के प्रतिनिधियों को गोमला से सीखने को कहा । गांव की सुंदरता पर एक बालीवुड फिल्म की शूटिंग भी हुई ।
 अपने अनुभवों का अन्य प्रतिनिधियों को लाभ देने के लिए प्रशिक्षक बनकर पंचायती राज संस्थाओं को प्रदेश भर में प्रशिक्षित किया ।
राष्ट्रीय स्तर पर ग्राम गौरव अभियान चलाकर उत्तर प्रदेश , बिहार , उत्तराखंड , छत्तीसगढ़ , महाराष्ट्र व राजस्थान में कुछ गांवों को गोद लेकर उन्हें जागरूक किया । महाराष्ट्र में प्रख्यात अभिनेता नाना पाटेकर के साथ मिलकर एक गांव गोद लिया । वहां अद्भुत रिकॉर्ड बनाते हुए उन्होंने 1250 घरों की आबादी और ऊबड़ खाबड़ बसासत वाले गांव धोंधल गांव को मात्र मात्र 39 दिनों में सवा चार लाख के खर्चे में नए प्रारूप में तैयार कर दिया ।
2012 से पूर्व जर्जर हो चुके 1857 की क्रांति के प्रतीक नसीबपुर शहीदी स्मारक का पुनर्निर्माण कर उसे वर्तमान रूप दिया ।
जिला महेंद्रगढ़ को उसके हक का समान नहरी पानी दिलवाने हेतु 2016 में संघर्ष किया जिसके परिणाम स्वरूप सरकार के प्रतिनिधियों ने उस पर अमल किया। भूजल स्तर को ऊंचा उठाने हेतु जिला की नदियों को नहरों से जोड़कर उनमें पानी छोडऩे के लिए चलाए अभियान का नतीजा रहा कि आज जिला की नदियों की खुदाई करवाके उनमें पानी छोड़ा जा रहा है जिससे कुछ क्षेत्रों में जलस्तर बढ़ा है।
उन्होंने पटीकरा के मेडिकल कालेज में क्लासें चालू करवाई । कनीना से उन्हानी महिला कालेज तक छात्राओं के लिए विशेष बसें चलवाईं । कांटी गांव में पुलिस चौकी की मांग की जिसके कारण वहां पुलिस चौकी बनी। जब अटेली नगर पालिका के चुनाव नही करवाए जा रहे थे तो उन्होंने कानूनी बातों को आधार बना विरोध किया जिसके परिणाम स्वरूप अटेली नगरपालिका के चुनाव हुए । वर्तमान सरपंचों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। जिला महेंद्रगढ़ को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से अलग किए जाने पर विरोध किया। दादरी से अलवर तक रेलवे लाइन चलाने हेतु संघर्ष किया ।
पिछले कई सालों से राधेश्याम गोमला अपनी सामाजिक संस्था राधेश्याम गोमला सर्व समाज मंच के जरिए मांग उठाते आ रहे हैं कि अटेली को उपमंडल का दर्जा मिले। दौंगडा में उप-तहसील व एक कृषि विश्वविद्यालय बने । रेवाड़ी जिला के सहारनवास तक मंजूर हो चुकी मेट्रो रेल को भोजावास होते हुए दौंगडा अहीर तक बनाया जाए । सरकार वेदकालीन गांव बाघोत और स्याना को धार्मिक पर्यटन स्थल का दर्जा दे। अटेली विधानसभा क्षेत्र में कम से कम दस बड़े औद्योगिक संस्थान लगाए जाएं ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके । उनकी मांग है कि पंचायती राज संस्थाओं के पूर्व पंचों , पंचायत समिति सदस्यों पार्षदों व नगरपालिका के पूर्व प्रतिनिधियों को भी पेंशन दे सरकार। अहीर रेजिमेंट के लिए हर गतिविधि में उनकी भागीदारी रही है। राधेश्याम गोमला के निजी संघर्ष पर एक फिल्म भी बनने जा रही है। उन्होंने दावा किया कि उनके द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर पार्टी उन्हें टिकट देगी।
फोटो कैप्शन 05: चंडीगढ़ सिथत कांग्रेस सचिव से टिकट की मांग करते राधेश्याम गोमला।



तीज उत्सव की तैयारियां शुरू, बढ़ गई है पतंगबाजी
-सात अगस्त को है हरियाली तीज का पर्व
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कनीना की आवाज। कनीना में 7 अगस्त तीज उत्सव की तैयारियां शुरू हो गई है। इस मौके पर मेले का आयोजन भी किया जाता है।
 कनीना में हरियाली तीज के पर्व के दृष्टिगत घेवर की मिठाई खाने की रिवाज है। उधर हरियाली तीज के दिन पूरा दिन पतंगबाजी का शोर सुनाई पड़ता है। छतों पर सुबह एवं शाम को  युवा, बच्चे एवं बुजुर्ग वो मारा, वो काटा करते मिलते हैं।     हरियाली तीज से एक दिन पहले सिंधारा पर्व आता है वही तीज का पर्व आता है।
 ग्रामीण क्षेत्रों में दो प्रकार की पतंग हवा में उड़ाई जाती है। एक पतंग के पूंछ होती है दूसरी बगैर पूंछ की होती है। बगैर पूंछ की पतंग को पतंगबाजी के एक्सपर्ट जन ही लुत्फ उठा सकते हैं किंतु पूंछ वाली पतंग को छोटे बच्चे तक हवा में उड़ाकर लुत्फ लेते हैं। इन पतंगों के पेच लड़ाए जाते हैं। हरियाली तीज के दिन तो दिनभर डेक पर संगीत चलता है और छतों पर कई कई बच्चे इक_े होकर पतंगबाजी करते हैं। अभी से ही पतंग उड़ाने का शोर होने लगा है जो दिनोंदिन बढ़ता जाएगा।
फोटो कैप्शन 06: कनीना में छतों पर पतंग उड़ाते बच्चे।


 




 बाजार में घेवर की भरमार
-तीज पर्व पर होती है अधिक मांग
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कनीना की आवाज। कनीना की विभिन्न दुकानों पर घेवर की मिठाई की भरमार है। विभिन्न प्रकार की ये मिठाइयां उपलब्ध हैं जो तीज एवं सिंधारा पर्व पर उपभोग की जाती है।
 मैदा से निर्मित ऐसी मिठाई का लेन-देन तीज पर्व पर किया जाता है। महेंद्र शर्मा, सुरेश कुमार, रवि कुमार ने बताया कि मावा युक्त घेवर सबसे अधिक प्रचलित है वहीं उनकी मांग अधिक होने कारण महंगे हैं जबकि सामान्य घेवर कुछ सस्ते हैं। तीज एवं सिंधारा पर्व पर ससुराल में रह रही लड़की के परिजन उनसे मिलने आते हैं और घेवर, बताशा पेठा, आदि मिठाई उपहार स्वरूप देकर जाते हैं। बाजार में फल और सब्जियां बेशक कम नजर आए किंतु घेवर की मिठाई अधिक नजर आती है। गत कई दिनों से हलवाई घेवर की मिठाई बनाने में लगे हुए हैं ताकि लोगों की मांग पूरी हो सके।
फोटो कैप्शन 07: बाजार में उपलब्ध घेवर की मिठाई।




दुर्गा मंदिर में लगाये गये 101 पौधे
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कनीना की आवाज। कनीना में  वार्ड तीन स्थित दुर्गा माता मंदिर के पास जनशक्ति विकास  संगठन और एचडीएफसी बैंक गुरुग्राम द्वारा गो ग्रीन अभियान के तहत नींबू, जंगली जलेबी, जामुन, बेलपत्र,  साराका असोका, जामुन आदि के 101 पौधा का रोपण किया गया।  
 इस मौके पर डा देवेंद्र यादव एडीओ ने कहा कि पेड़ हमें आक्सीजन, फल, छाया और जीवन के अन्य अनेक आवश्यक तत्व प्रदान करते हैं। पेड़ लगाने से हमारा आस-पास का वातावरण हरा-भरा रहता हैं। पर्यावरण संरक्षण के बगैर जीवन की परिकल्पना नहीं की जा सकती है पर्यावरण पर हर व्यक्ति को चिन्तन करने की जरूरत है।  
उधर जनशक्ति विकास संगठन के अध्यक्ष दीपक कुमार वशिष्ठ ने कहा कि मानवीय स्वार्थ और गलत जीवनशैली की वजह से दिनों दिन ग्लोबबार्निंग बढ़ रही है। आने वाली पीढ़ी को बचाने के लिए जितने ज्यादा हम पेड़ लगाएंगे उतना ही पर्यावरण संरक्षण में योगदान मिलेगा। जिससे आने वाली पीढ़ी पौधों के महत्व से अच्छी तरह रूबरू हो सकेगी। उन्होंने कहा कि पौधारोपण करके ही आपकी जिम्मेदारी खत्म नहीं होती, बल्कि उसकों संरक्षित करने की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण होती है। इस मौके पर एचडीएफसी बैंक के अरुणवा साहा,सर्वेंद्र कुमार, अशोक, कृष्णपाल, बलवान आर्य, अशोक वर्मा,ब्लॉक समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश, पूर्व वाइस चेयरमैन विकास यादव, राहुल सरपंच खैराना, सूबेदार हीरालाल, कैप्टन पूरन सिंह, महंत बाबा राजेश,व भगत कुलदीप, सुमेर सिंह, इंद्र शर्मा आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 04: कनीना में पौधारोपण करते हुए विभिन्न पदाधिकारी।


विद्यार्थियों को वीडियो के माध्यम से समझाए यातायात के नियम
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कनीना की आवाज। पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा के निर्देशानुसार थाना यातायात प्रभारी निरीक्षक नरेश कुमार और उनकी टीम ने  कनीना के विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के नियम बताए। टीम ने बताया कि सड़क पर चलते समय किसी भी अप्रिय घटना से खुद को बचाने के लिए सड़क सुरक्षा नियमों की जानकारी होना आवश्यक है। ट्रैफिक थाना प्रभारी ने वीडियो के माध्यम से आसान तरीकों से विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के नियम बताए। ट्रैफिक पुलिस ने छात्रों को यातायात नियमों की पालना करने हेतु प्रेरित किया और कहा कि अन्य लोगों को भी प्रेरित करें।
उन्होंने छात्रों को बताया कि सड़क पर चलते समय हमें सतर्क रहना चाहिए। नियमों का पालन नहीं करने वाला अपने ही नहीं दूसरों के जीवन को भी खतरा बन सकता है। थाना प्रभारी ने विद्यार्थियों से कहा कि 18 वर्ष से कम आयु में वाहन नहीं चलाएं। बाइक पर प्रेशर हार्न का प्रयोग नहीं करना चाहिए, तेज रफ्तार से वाहन नहीं चलाना चाहिए। वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। दोपहिया वाहन पर हेलमेट और चौपहिया वाहन पर सीट बेल्ट लगाना चाहिए। उन्होंने रोड पार करने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी अवगत करवाया।
यातायात नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई मोटर वाहन एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। इसलिए 18 वर्ष से पहले बगैर लाइसेंस वाहन न चलाएं। लर्निंग लाइसेंस केवल वाहन सीखने के लिए होता है। इस दौरान भी कोई एक्सपर्ट साथ होना जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के प्रति प्रेरित करते हुए कहा कि नियमों की जानकारी होने से हादसे से बचा जा सकता है।
फोटो कैप्शन 02: वीडियो के माध्यम से यातायात के नियम समझते हुए अधिकारी





महिपाल सिंह संस्कृत शिक्षक हुये सेवानिवृत्त
-29 वर्षों की सेवा की पूर्ण
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कनीना की आवाज। राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा में कार्यरत संस्कृत शिक्षक महिपाल सिंह करीरा सेवानिवृत्त हो गए हैं।  महिपाल सिंह ने  करीब 29 सालों की विभिन्न स्कूलों में सेवा दी है। उन्होंने करीरा, ककराला ,चेलावास, धनौंदा, खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय कनीना में एबीआरसी बतौर सेवा दी है।
उनके सेवानिवृत्ति का एक सादा समारोह आयोजित किया गया। उन्होंने स्वयं इच्छा जाहिर की थी कि बिना किसी दिखावे के वह अपने सेवानिवृत्ति लेंगे। उनकी इच्छा के अनुसार उन्हें सादे समारोह में सेवानिवृत्ति दी गई। मिली जानकारी के अनुसार वे करीब 7 सालों से धनौंदा में रहे हैं। वे मिलनसार तथा गंभीर प्रकृति के व्यक्ति रहे हैं। हस्तरेखा की जानकारी तथा आधुनिक कृषि में उनका गहन अध्ययन व  रुचि रही है। इसलिए अब हस्त रेखा तथा कृषि कार्यों के जरिये जन सेवा करेंगे।
महिपाल सिंह ने बताया कि अब हुए चाहते हैं कि शेष जीवन लोगों की सेवा करें, चाहे किसान के रूप में ही सेवा दी जाए। जग में किसान को दूसरा भगवान मानते है और अच्छी पैदावार करके लोगों की सेवा करना भी धर्म का काम है। महिपाल सिंह विद्यालयों के मुखियाओं के बायें हाथ माने जाते रहे हैं। हर विद्यालय का मुखिया उनकी बात को सर्वोपरि मानकर करता रहा है। इस मौके पर विद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
 फोटो कैप्शन 03: सेवानिवत्त हो रहे महिपाल सिंह







नेशनल व इंटरनेशनल खेल प्रतियोगिताओं में मेडल प्राप्त किये
-अब सरकारी नौकरी का इंतजार
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव बाघोत में पैदा होने वाले लड़के ने विभिन्न राज्यों में ही नहीं बल्कि देश में अपने नाम का झंडा फहरा दिया किंंतु सरकार ने उन्हें कोई नौकरी तक नहीं दी है।
 राजवीर के परिजनों ने बताया कि 1991 में जागेराम गुर्जर के घर रेशमा देवी की कोख से पैदा हुए राजवीर के जन्म को 9 महीने भी पूरे नहीं हुए थे जब उसको एक दिन बुखार हो गया था जिसको लेकर परिजनों ने राजवीर को गांव के निजी चिकित्सक को दिखाया तो उन्होंने उसे दवाइयां देते हुए एक इंजेक्शन भी लगा दिया ताकि बुखार जल्दी उतर जाए लेकिन बुखार तो  उतर गया साथ में राजवीर का एक पैर गलत इंजेक्शन की वजह से अपाहिज हो गया जिसको लेकर परिजनों में उसे कई अस्पतालों में भी दिखाया लेकिन वहां रिजल्ट शून्य ही रहा वहीं परिजनों ने बताया जैसे-जैसे  राजवीर बड़ा होता चला गया तो उन्होंने ने अपने गांव के स्कूल से ही शिक्षा दीक्षा ली और 2008 में करनाल में हुए पहले स्टेट कंपटीशन में राजवीर ने स्विमिंग खेल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल प्राप्त कर अपने गांव का ही नहीं बल्कि जिले और प्रदेश का नाम रोशन किया। वही इसके बाद राजवीर की खेलों में रुचि बढ़ती ही चली गई और  2008 में नेशनल खेल प्रतियोगिता कोलकोता में आयोजित की गई जिसमें उन्होंने एक पैर से अपाहिज होने के बाद भी एक गोल्ड एक सिल्वर तथा एक कास्य मेडल प्राप्त किया वहीं परिजनों ने यह भी बताया 2009 में भिवानी तथा मधुबन पुलिस लाइन में शुरू हुई स्विमिंग स्टेट खेल प्रतियोगिता में तीन गोल्ड मेडल प्राप्त किये वही 2010 में एक प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसने राजवीर ने चार  गोल्ड प्राप्त किये तथा इसी वर्ष महाराष्ट्र में वेलपर पोलो में राजगीर ने अपनी ताकत दिखाते हुए गोल्ड झटका। 2011 में मधुबन पुलिस लाइन में होने वाले स्टेट के खेलों में राजवीर द्वारा  हिस्सा लिया जिसमें उन्होंने एक गोल्ड एक सिल्वर एक  ब्रोंज मेडल प्राप्त किये। राजस्थान के जयपुर शहर में नेशनल वाटर स्विमिंग में सिल्वर मेडल तथा रिले में गोल्ड मेडल प्राप्त कर हरियाणा का नाम रोशन किया वही महाराष्ट्र के सतारा में होने नेशनल  तीरंदाजी की  प्रतियोगिता में राजवीर ने फिर कड़ी मेहनत कर तीन गोल्ड प्राप्त किये। वही प्रदेश की भिवानी में होने वाली प्रतियोगिता में डाबर डिग्गी में खेलो ट्राई ली गई जिसमें राजवीर का नेशनल में सिलेक्शन हुआ। परिजनों का यह भी कहना है 2013-14 में इलाहाबाद में होने वाली नेशनल खेल प्रतियोगिता में राजवीर में तीन गोल्ड दो सिल्वर और एक ब्रांच मेडल प्राप्त कर अपने जिले का ही नहीं बल्कि प्रदेश का का भी नाम रोशन किया है।
 वही राजवीर के परिजनों ने बताया कि 4 मई 2024 को दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में एक ट्रायल कराया गया जिसमें राजवीर ने ट्रायल सिलेक्शन प्राप्त करते हुए 2025 में लंदन शहर में होने वाले 40 किलोमीटर की स्स्विमिंग खेल प्रतियोगिता के लिए चुना गया है जिसको लेकर क्षेत्र में खुशी की लहर है। वही वही बाघेश्वर धाम के अजीत गुर्जर द्वारा एक लाख रुपये की राशि देकर राजवीर को सम्मानित किया गया है।
एक गांव से निकाल कर स्टेट नेशनल तथा इंटरनेशनल तक अपने खेलों की धाक जमाने वाले खिलाड़ी को आज तक सरकार द्वारा कोई सरकारी नौकरी नहीं दी गई है। क्षेत्र के सैकड़ो लोगों ने खेल मंत्री कवर संजय सिंह मुख्यमंत्री  नायब सैनी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग कर राजवीर को प्रदेश में बड़े से बड़ी नौकरी दिलाने की गुहार लगाई है ताकि इस क्षेत्र के खिलाडिय़ों का और मनोबल बढ़ सके ।
फोटो कैप्शन 01:राजवीर अपने मैडल दिखाते हुए फोटो



Sunday, July 21, 2024


 
सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत
-खाटू श्याम के दर्शन करके लौट रहे थे
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कनीना की आवाज। उपमंडल के गांव खेड़ी  के पास 152-डी पर हुए सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत होने का मामला प्रकाश में आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार किया कंपनी की गाड़ी में सवार लोग बाबा खाटू श्याम के दर्शन करके वापस अपने घर को लौट रहे थे। जब वे लोग रात्रि करीब सवा दो बजे के आस-पास 152-डी पर खरकड़ाबास की सीम में पहुंचे तो रोड पर रोंग साइड व गफलत बाजी में चल रहे ट्राले की वजह से हादसा हो गया। जिसमें 30 वर्षीय पानीपत के गांव जोरासी समालखा निवासी अनुराग रोहिल्ला, रोहतक प्रेम नगर कालोनी से 55 वर्षीय बिजेन्द्र सिंह रोहिल्ला व राजेश रोहिल्ला की मौके पर ही मौत हो गई है। पुलिस ने सत्येन्द्र रोहिल्ला की शिकायत के आधार पर ट्राला चालक के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।  सत्येन्द्र ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उक्त हादसा ट्राला चालक द्वारा लापरवाही से ट्राला चलाने व बिना को संकेत दिए गलत दिशा में चलने के साथ-साथ एकदम से ब्रेक लगाने की वजह से हुआ है। परिजनों की शिकायत पर ट्राला चालक के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है जबकि शवों का पोस्टमार्टम कनीना के उपनागरिक अस्पताल से कराकर उनके परिजनों को सौंप दिये है। मृतकों के परिजनों को सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे और तसल्ली की।
फोटो कैप्शन दुर्घटनाग्रस्त किया कंपनी की गाड़ी।









बीजेपी मीडिया प्रभारी सुदेश कटारिया ने किया कनीना का दौरा
---फैमिली आइडी की वजह से लोगों को हो रही परेशानी से कराया अवगत
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कनीना की आवाज। बीजेपी के मीडिया प्रभारी सुदेश कटारिया ने कल कनीना मंडी का दौरा किया जहां  ककराला रोड़ पर लोगों से बात की। कटारिया ने कहा की प्रदेश की जनता को बीजेपी पर फिर से एक बार विश्वास करके सत्ता में लाना होगा ताकि जो विकास कार्य बचें हुए है उनको पूरा किया जा सके उन्होंने राव दान सिंह पर जो रेड पड़ी थी उसको जायज बताते हुए कहा की जो जनता का पैसा है उसको इसी माध्यम से जनता के सामने लाया जाएगा । इस मौके पर वार्ड नंबर 06 के पार्षद प्रहलाद राय,  मुकेश नंबरदार ,विजयपाल , संजय, पूर्व पार्षद मेहर चंद आदि मौजूद थे। इस मौके पर स्थानीय लोगों ने फैमिली आइडी की वजह से लोगों को हो रही परेशानी से भी अवगत कराया ।









ढालोड मंदिर में बाबा भैया सेवा दल ने चलाया पौधारोपण अभियान
-अब तक 12 हरित साइट बन चुकी संस्था
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव ककराला स्थित बाबा भैया सेवा दल द्वारा ग्राम पंचायत और ग्राम विकास कमेटी के सहयोग से पौधारोपण अभियान 2024 चलाया गया। इस दौरान गांव के बाबा ढालोड़ मंदिर में बने नए व्यायामशाला पर अशोका, जामुन, अल्स्टोनिया इंडिका आदि के करीब 200 पौधे लगाए गए। सरपंच नीलम देवी ने साइट पर पहुंचकर सभी सेवकों का उत्साह बढ़ाते हुए धन्यवाद किया।
संस्था के प्रधान मदनपाल बाबी ने बताया कि संस्था पिछले 8 वर्षों से पर्यावरण व शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रही है और अब तक 11 हरित साइड तैयार कर चुकी है। जिसके अंदर तकरीबन 2200 पौधे लगाए गए हैं। अबकी बार पेड़ो के बिना मेरे यार, जीवन में होगा अंधकार, थीम के साथ यह संस्था की 12वीं हरित साइट होगी। इसके साथ ही गांव को साफ सुथरा कचरा मुक्त बनाने के लिए गांव में पिछले साल चार कचरा डंपिंग जोन बनाए थे, जिससे गांव का कूड़ा कचरा वहां पर डाला जाता है।
साथ ही संस्था के पर्यावरण समन्वयक ओमप्रकाश फौजी ने बताया कि पिछले 15 दिन से संस्था इस साइट की तैयारी में लगी हुई थी और गड्ढे पहले से खुदाई कर लिए थे।
अभियान में अन्य सामाजिक संस्थाओं से अपने साथियों के साथ आए रामबास से मनोज, हितेश, अमित, मेघनवास से मनोज, हिमांशु, बीएमडी संस्था से लक्की सिगड़ा, चेलावास से सरपंच विकास, भडफ़ से प्रोफेसर कृष्ण सहयोग के लिए पहुंचे। संस्था ने सभी को एक एक पौधा देकर आभार व्यक्त किया।
इस दौरान ग्राम पंचायत सदस्य धर्मेंद्र, संदीप, श्रवण, सूबे सिंह, शांतिलाल नंबरदार और कंवरसिंह नंबरदार, ग्राम विकास कमेटी से प्यारेलाल जी, संस्था के  सदस्य राजपाल सिंह यादव, मास्टर गुलशन, दिनेश सोनी, सुनील शर्मा, राकेश, नवीन, डॉ राजीव, रामपाल, मास्टर मदन पाल, कुलदीप, सुनील काला, आनन्द, सुंदरलाल, मास्टर सुनील, जितेंद्र, अमित आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 06: ककराला में पौधारोपण करते हुए।






गुरु पूर्णिमा पर आयोजित हुए विभिन्न कार्यक्रम
-कई जगह लगे भंडारे
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कनीना की आवाज। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर कनीना उपमंडल के गांव भोजावास एवं मुंडिया खेड़ा में विशाल भंडारा तथा गुरु पूजन कार्यक्रम आयोजित किए गए। भोजावास में ठाकुर  मंदिर, मुंडिया खेड़ा में श्री गीता भवन में सुबह यज्ञ हवन में पूर्णाहुति प्रदान कर भंडारों का शुभारंभ किया गया। मुंडिया खेड़ा में मेला भी आयोजित किया गया। इस दौरान भक्तों ने मेलों तथा भंडारों में पहुंचकर प्रसन्नता व्यक्त की।
भक्तों ने कहा कि मंदिर और धार्मिक स्थलों के महंत और संत समाज के प्रकाश स्तंभ हैं। संत महात्माओं से समाज को प्रेरणा मिलती है। संतों का जीवन परहित, सामाजिक कार्यों और गौ सेवा के लिए होता है। इसलिए इनका सम्मान करना समाज का कत्र्तव्य है।  इस अवसर पर शेर सिंह यादव, भाग सिंह चेयरमैन, कैलाश सेठ, सहीराम, सुरेश मुनि, अजय, रामचंद्र, जिले सिंह, सुनील कुमार, बाबूलाल सरपंच, मुंशी बाबूजी, बलबीर, राजेंद्र, सूरजभान, श्याम मनोहर, सुबे सिंह सेठ, नंदराम मिस्त्री, रणवीर, हनुमान हलवाई, जगदीश शर्मा, राजवीर, सुरेंद्र, प्रदीप, दिलीप सरपंच, रितेश, परवीन, हनुमान, प्रेम, गजानंद, संदीप, मुनीलाल, ताराचंद सहित अनेक ग्रामीण एवं श्रद्धालु उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 05: गुरु पूर्णिमा पर आयोजित भंडारे








कावड़ लाना धर्म का कार्य- हनुमान सिंह
-400 किमी दूरी पैदल तय करना तप का कार्य-कंवरसेन वशिष्ठ
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कनीना की आवाज। कावड़ लाना पुनीत कार्य है। यह कार्य न केवल तन एवं मन को पवित्र करता है अपितु पैरों की उत्तम एक्सरसाइज भी होती हे। ये विचार बलराम समारोह स्थल कनीना में होशियार सिंह पूर्व शिक्षक एवं उसके साथियों को हरिद्वार से कावड़ लाने के लिए सम्मान सहित भेजते हुए समाजसेवी हनुमान सिंह ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि होशियार सिंह एक अच्छे शिक्षक रहे हैं वहीं शिक्षक के साथ-साथ धर्म से भी जुड़े हुए हैं,वर्ष 2011 से लगातार कावड़ ला रहे हैं। यही नहीं खाटू श्याम मंदिर खाटू धाम तथा हुडिय़ा जैतपुर राजस्थान में श्याम को ध्वज अर्पित करते आ रहे हैं। यह उनकी बहुत बड़ी आस्था है। इंसान उम्र ढलने के साथ-साथ अगर धर्म के कार्य में लगा रहे तो निश्चित रूप से समाज हित होता है। इस अवसर पर फूलमाला और पगड़ी से सम्मानित करते हुए कहा कि यह उनकी हरिद्वार के लिए विदाई है। वे नीलकंठ तथा मनसा देवी,ऋषिकेश आदि सभी स्थानों के धार्मिक यात्रा करने जा रहे हैं और इस महीने के अंत में अपनी यात्रा करके लौटेंगे। उन्होंने यात्रा की मंगल कामना की और उन्हें अग्रिम बधाई दी। इस अवसर पर भारत विकास परिषद के पूर्व प्रधान एवं कई संस्थानों से जुड़े कंवरसेन वशिष्ठ ने कहा कि वैसे तो तप  अनेक साधु संत और इंसान करते आए हैं किंतु कावड़ लाकर शिव भोले को अर्पित करना न केवल शिव के प्रति आस्था को दर्शाता है अपितु शरीर की एक कठोर तपस्या है। जिसको वे बेहतर ढंग से पूरी करके लौटेंगे। ऐसी कामना की तथा कहा कि हिंदू धर्म में शिव का सर्वोच्च स्थान है। उनके भक्तों की संख्या अपार है। सावन माह में अपार जनसमूह में भक्तों द्वारा नीलकंठ ,ऋषिकेश, गंगोत्री आदि स्थानों पर जाते हैं और पदयात्रा करते हुए अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाते हैं। उनकी यात्रा बहुत कष्टदायी होती है किंतु भगवान भोलेनाथ को याद करते हुए तथा रास्तों में भक्तों द्वारा उनकी सेवा करने के कारण वे अपने मंजिल तक आसानी से पहुंच जाते हैं।
उन्होंने कहा कि होशियार सिंह जहां अपने समय में बेहतरीन शिक्षक रहे हैं तथा पढ़ाते वक्त कभी कुर्सी का उपयोग न करके कठोर तपस्या कर शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमाया है वही अब कांवड़ लाकर नाम कमा रहे हैं। यूं तो भारी संख्या में  भक्त कावड़ लाने जा रहे हैं किंतु यह एक बड़ी बात है कि विज्ञान के अध्यापक रहे तथा भक्ति भाव में लीन रहने वाले होशियार सिंह इस कार्य को बखूबी पूर्ण करते हैं।
इस मौके पर होशियार सिंह ने कहा कि उसके शुभचिंतकों के कारण उनकी यात्रा भली भांति संपन्न हो जाती है। शिव भोले के प्रति अगाध आस्था है। वे कई वर्षों से शिव भोले के नाम पर सोमवार का व्रत रखते आ रहे हैं तथा अपने घर में भी छोटा सा इष्ट देव स्थापित करवा रखा है ताकि विभिन्न शिव भोले के अवसरों पर पूजा अर्चना की जा सके। उन्होंने बतायाकि करीब 350 किलोमीटर की दूरी तय कर पाना बहुत कठिन होता है किंतु शिव भोले को मन में याद करते हुए उनका सफर आसानी से पूरा हो जाता है। सारी कठिनाइयां दूर हो जाती है। हर वर्ष करीब 6 दिनों में हरिद्वार से बाघेश्वरी धाम पहुंचते हैं। प्रतिदिन 50 किलोमीटर दूरी तय करते हैं और यह दूरी कड़ी धूप, बारिश तथा विषम परिस्थितियों को झेलते हुए पूर्ण की जाती है। भक्तों के कई बार तो पैरों में छाले भी पड़ जाते हैं, चलने में भी दिक्कत आती है किंतु जो कोई शिव का नाम लेते हैं उनको कभी कोई दिक्कत नहीं आती। इस अवसर पर महेश बोहरा, दिनेश कुमार, अजीत सिंह, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह ,मोहन पार्षद हनुमान सिंह तथा अनेक जन उपस्थित रहे।
 फोटो कैप्शन 07: होशियार सिंह को कावड़ के लिए रवाना करते हुए विभिन्न भक्त।





गोचर भूमि को हरा भरा बनाने का जुनून
 - एक साथ लगाये 51 पीपल बरगद व नीम
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कनीना की आवाज। जीवन में  सफलता प्राप्ति के लिए  लक्ष्य का निर्धारण व लक्ष्य प्राप्ति के लिए जोश व जुनून का होना जरूरी है। कठोर मेहनत व जुनून के साथ किया गया कार्य के परिणाम भी सकारात्मक होते हैं। ऐसा ही कर दिखाया गांव रामबास के पर्यावरण प्रेमी युवाओं ने।
धरती को हरा भरा बनाने व भविष्य को सुरक्षित बनाना ही ,इनके जीवन का ध्येय बना हुआ है। ये न केवल पौधारोपण करते हैं बल्कि उनकी देखभाल की भी जिम्मेदारी लेते हैं। इनके लगाये हुए पौधे अब पेड़ का रूप ले रहे हैं।
मनोज कुमार रामबास और युवा पर्यावरण प्रेमियों की टीम का लक्ष्य है कि गोचर भूमि को हरा भरा बनाया जाए। गांव में करीब 20 एकड़ पर गोचर भूमि है, यह जमीन हरित रहे पशु पक्षियों को प्राकृतिक आवास व भोजन मिले। इसके लिए गाव के युवाओं ने एक रिकार्ड के साथ एक साथ 17 त्रिवेणी 51 बरगद पीपल व नीम के बड़े पेड़ लगाये हैं। ये पेड़ आक्सीजन की फैक्टरी है।
साथ ही बताया कि युवा अमित ,हितेश , सचिन दहिया , अंकित व सचिन निंबल की टीम मिलकर इन पौधों का संरक्षण करती है। इस वर्ष टीम का लक्ष्य 25 त्रिवेणी लगाने का है। इससे पहले इस वर्ष एक एकड़ गोचर भूमि पर नीम , बेलपत्र व बेर के पौधे लगाए गए हैं जिसकी पूरी सुरक्षा व पानी की व्यवस्था की गई है।
फोटो कैप्शन 03: युवाओं का ग्रुप जो पौधारोपण करता आ रहा है।







नहर के साथ साथ मार्ग को अविलंब किया जाये निर्मित
-जल्द ही छोड़े जा रहे हैं टेंडर-विधायक
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कनीना की आवाज। अटेली व रेवाड़ी सड़क मार्गों से मिलाने वाला नहर के साथ-साथ मार्ग को अविलंब निर्मित किये जाने की मांग कनीनावासियों ने की है। कनीना के विभिन्न मार्गों को पक्का करने या पुन: निर्मित किये जाने की कार्रवाई जारी है किंतु वर्षों से कनीनावासियों की प्रमुख मांग अधर में अटकी है। रेवाड़ी-अटेली मार्गों को नहर के साथ साथ जोडऩे वाला मार्ग आधा अधूरा करीब आठ साल पहले निर्मित हुआ था। पूर्व प्रधान सतीश जेलदार ने इसे सिरे चढ़ाने का प्रयास किया था जिसके चलते नहर को भूमिगत कर दिया गया था किंतु पेड़ों को हटाने तथा बिजली की लाइनों को हटाने की कार्रवाई नहीं हो पाई थी। वर्तमान में कनीना प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम कनीना हैं जिनसे कनीनावासी यह मार्ग पूरी किये जाने की आश टिकाये हैं।
  उल्लेखनीय है कि मार्ग के साथ साथ गुजरने वाली नहर को भूमिगत कर दिया है। अब सड़क निर्माण कर दोनों तरफ से आवागमन बाइपास के रूप में किया जा सकता है। इसके लिए लंबे समय से कार्रवाई चल रही है किंतु अभी तक सिरे नहीं चढ़ पाई है। यह करीब 3 किलोमीटर का रास्ता है जिसमें से आधा मार्ग करीब 8 वर्षों पहले नगर पालिका द्वारा पक्का किया हुआ है। जो अति जर्जर हो गया है। अगर यह मार्ग पुन: निर्मित हो जाये तो रेवाड़ी से अटेली अटेली से रेवाड़ी जाने वाली लोगों को भारी लाभ होगा। नगर पालिका के पूर्व प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि उनकी दिली इच्छा थी कि मिनी बाईपास उनके कार्यकाल में बन जाए किंतु उनके कार्यकाल में नहीं बन पाया। अब एसडीएम कनीना प्रशासनिक अधिकारी हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि एसडीएम की देखरेख में यह मिनी बाईपास बन जाएगा। मिनी बाईपास बनता है तो हर इंसान को ही लाभ होगा। इस संबंध में विधायक सीताराम से चर्चा हुई--
**नहर के साथ साथ एक तरफ की सड़क बनाने के लिए टेंडर या तो छोड़ दिये गये हैं या फिर अविलंब छोड़ दिये जाएंगे। इस प्रकार सड़क की समस्या का समाधान हो जाएगा। नहर के दूसरी तरफ सड़क मार्ग का भविष्य में समाधान हो जाएगा।
--सीताराम विधायक अटेली
फोटो कैप्शन 04: नहर के साथ का कच्चा मार्ग
साथ में विधायक सीताराम अटेली।






गुरु वंदन के बाद ,कावड़ यात्रा प्रारंभ -पंडित ऋषिराज शर्मा
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कनीना की आवाज। भगवान भोलेनाथ की आराधना के पवित्र श्रावण मास  मास का प्रारंभ सोमवार 22 जुलाई से हो जाएगा। श्रावण का समापन श्रावण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा 19 अगस्त को होगा, इस दिन भी सोमवार रहेगा।  पूर्णिमा तिथि के दिन श्रावण नक्षत्र होने से इस माह का नाम श्रावण मास पड़ता है. यह हिंदू कैलेंडर का पांचवां महीना है. देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु योग निद्रा में हैं, इस वजह से भगवान शिव सृष्टि के पालनहार की भूमिका में है। 22 जुलाई से ही कावड़ यात्रा शुरू हो जाएगी। सावन में रुद्राभिषेक कराने का भी महत्व है, रुद्राभिषेक के माध्यम से लोग अपनी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
श्रावण के महीने में सावन सोमवार, मंगला गौरी व्रत, चतुर्थी, प्रदोष, सावन शिवरात्रि का महत्व बढ़ जाता है. इसके अलावा हरियाली अमावस्या, हरियाली तीज, रक्षाबंधन, नाग पंचमी, कामिका एकादशी,  पुत्रदा एकादशी, श्रावण पूर्णिमा जैसे व्रत, त्योहार और पर्व आते है। भगवान शंकर के स्वरूप की व्याख्या करते हुए पंडित ऋषिराज शर्मा ने बताया कि शिवजी के तीनों नेत्र अलग-अलग गुणों के प्रतीक हैं जिसमें दांए नेत्र सत्वगुण और बांए नेत्र रजोगुण और तीसरे नेत्र में तमोगुण का वास है। भगवान शिव ही एक ऐसे देव हैं जिनकी तीसरी आंख उनके ललाट पर दिखाई देती है, जिसके कारण इन्हें त्रिनेत्रधारी भी कहा जाता है। इनके तीन नेत्र जहां अल्फा बीटा और गामा किरणों का प्रतीक है तो वहीं इन का त्रिशूल प्रोटान, इलेक्ट्रान और न्यूट्रान की ऊर्जा से भरा हुआ है जिससे पलक झपकते ही वे संपूर्ण सृष्टि का संहार कर सकते हैं। इनके तेज से  निकलने वाली किरणें संपूर्ण विश्व को जीवन देती है तो जब क्रोध में इनकी तीसरी आंख खुलती है तो उससे लेजर और क्वाजर किरणों के साथ गामा की महाप्रलयंकारी किरणें निकल कर सामने पडऩे वाले सभी प्राणियों ग्रह नक्षत्र आकाशगंगा को भस्मीभूत कर देती हैं। भगवान शिव अर्धनारीश्वर हैं,पशुपतिनाथ हैं, त्रिपुरारी हैं नंदीश्वर हैं महाकाल हैं रूद्र हैं बसु हैं और भैरव तथा वीरभद्र के अवतार हैं और संपूर्ण सृष्टि में सबसे भयंकर हलाहल कालकूट विष को पान करने के बाद भी जीवित रहने वाले हैं जिस कालकूट विष की कुछ बूंदे गिरने से ही संपूर्ण संसार के विष और विषैले प्राणी उत्पन्न हुए हैं । उनके मस्तक पर विराजमान अमृत वर्षा करने वाला चंद्रमा उनके कालकूट महा विष को और उस के दुष्प्रभाव को निरंतर पीता रहता है जटाओं में समाहित गंगा प्रत्येक अहंकारी अभिमानी का मान मर्दन कर देती हैं और त्रिशूल में बंधा हुआ डमरू ध्वनि अर्थात नाद शब्द की महत्ता दिखाता है जिससे संपूर्ण सृष्टि उत्पन्न हुई है। सारे ब्रह्मांड की ध्वनि भगवान शिव के डमरू शेर उत्पन्न हुए हैं इतना ही नहीं बल्कि उसी डमरू से सारे ध्वनि ओंकार और पाणिनि के 14 सूत्र भी निकले हैं, जिससे सारे संसार की भाषाओं का व्याकरण और लिपियों का निर्माण हुआ। और आज का विज्ञान है यह मान चुका है कि ध्वनि और नाद सृष्टि का मूल है जिसकी ऊर्जा अनंत होती है। इस संपूर्ण तीनों लोक के सभी सूर्य और आकाशगंगा निरंतर ओम शब्द से गूंजती रहती हैं। आराध्य भगवान शंकर सभी धर्म सभी सभ्यताओं में पूजे जाते हैं।
फोटो कैप्शन: पंडित ऋषिराज शर्मा






























जवाहर नवोदय विद्यालय कक्षा 6 में चयन के लिए आनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू
-अंतिम तिथि 16 सितंबर
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कनीना की आवाज। जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य राजीव कुमार सक्सेना ने बताया कि कक्षा-6 में प्रवेश के लिए आनलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित किए जा रहे हैं जिसकी अंतिम तिथि 16 सितंबर 2024 है।
 उपरोक्त विषय पर जानकारी देते हुए विद्यालय प्राचार्य राजीव सक्सेना ने बताया कि महेंद्रगढ़ जिले के कक्षा 5वीं में अध्ययनरत विद्यार्थी जो सत्र 2024-25 में कक्षा 5 में अध्ययन कर रहे हैं तथा महेंद्रगढ़ जिले के निवासी हैं वह विद्यार्थी कक्षा 6 में प्रवेश के लिए आनलाइन आवेदन पत्र नवोदय विद्यालय की वेबसाइट पर जाकर भर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रवेश परीक्षा 18 जनवरी 2025 को होगी। विद्यार्थी एक मई 2025 से 31 जुलाई 2015 के बीच जन्मा हो जिनमें दोनों तिथियां शामिल हैं। 75 फीसदी सीटें ग्रामीण स्कूल से पढऩे वाले विद्यार्थी के लिए होंगी वहीं छात्राओं, एससी, ओबीसी, एसटी के लिए भी रिजर्वेशन है।




Saturday, July 20, 2024


 














चुनाव नजदीक आते है तो सरकार राजनीतिक द्वेष भावना के चलते ईडी दुरुपयोग करती है-राव नरेंद्र
-राव नरेंद्र सिंह ने की प्रेस वार्ता
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कनीना की आवाज। हरियाणा के पूर्व मंत्री राव नरेंद्र सिंह ने कनीना के बलराम समारोह में एक पत्रकार वार्ता में कहा कि अटेली मांगे हिसाब के तहत कहा कि चुनाव नजदीक आते है तो सरकार राजनीतिक द्वेष भावना के चलते ईडी दुरुपयोग करती है।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश के सभी 90 विधानसभाओं में में डोर टू डोर के माध्यम से जनसम्पर्क किया जाएगा व साथ ही इस अभियान के दौरान कांग्रेस पार्टी के संकल्प बताने के साथ साथ लोगों की उम्मीदों व आकांक्षाओं से जुड़े सुझाव एकत्रित करके पार्टी द्वारा तैयार किये जा रहे जनता के घोषणा पत्र में शामिल करवाने का काम किया जाएगा।
इस अवसर पर राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से 2014 में चौ भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस समय के दौरान जो हरियाणा प्रदेश प्रति व्यक्ति आय व प्रति व्यक्ति निवेश में प्रथम स्थान पर था आज वही हरियाणा प्रदेश बेरोजगारी , महंगाई , अपराध जैसे मुद्दों में प्रथम स्थान पर पहुंच गया है , जिसका नतीजा यह है कि आज हरियाणा प्रदेश देश का सबसे असुरक्षित राज्य बन गया है ।
राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में जिस प्रकार से कांग्रेस के पक्ष में मतों का 20 प्रतिशत से अधिक इजाफा हुआ है और प्रदेश की जनता ने इस चुनाव में भाजपा को हाफ करने का काम किया व अब पूरा मन बना लिया है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को साफ करने का काम करेगी ।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराध बढ़ गये हैं। विपक्ष सरकार से हिसाब मांगती है किंतु सरकार उल्टे कांगे्रस से ही हिसाब की बात कह रही है। कांग्रेस हिसाब देने को तैयार है किंतु सरकार भी तो हिसाब दे। इस मौके पर सुमेर सिंह चेयरमैन, कृष्ण प्रकाश, विजेंद्र सिंह, रतनलाल शर्मा सहित विभिन्न जन मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 04: राव नरेंद्र सिंह पोता गांव में संपर्क करते हुए।










भारतीय किसान संघ का पौधारोपण एवं आश्रम का निरीक्षण
--पदाधिकारियों ने पूछा हालचाल
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कनीना की आवाज। शांति कुंज अनाथ बेसहारा आश्रम मोड़ी में भारतीय किसान संघ के प्रांतीय सदस्य आए और एक पौधा मां के नाम पौधारोपण अभियान में आश्रम मोड़ी में पौधे लगाए। संघ पदाधिकारी आश्रम में रह रहे आश्रित लोगों से मिले एवं उनका हाल चाल पूछा। आए हुए सदस्य कुछ पल के लिए आश्रित लोगों के दु:ख में भाव विभोर हो गए और इनके साथ में काफी समय बिताया।
देवेंद्र यादव एडीओ ने कहा की ऐसी स्थिति भगवान किसी को भी न दे, इनमें अधिकतर लोग बिलकुल की दिमाग से कमजोर हालत में हैं जिनका दिमाग काम ही नहीं करता। सरपंच बिजेंद्र सिंह चौहान ने कहा की जैसे हमने कुछ लोगों से सुना यहां उसके विपरीत देखने को मिला है। सच में यह मानवता धर्म को अपनाते हुए मानव सेवा की जा रही है। समाज में विभिन्न प्रकार की भ्रांति फैलाई जाति है लेकिन यह सचाई का धर्म है। मेरा मन को शांति मिली है। अशोक कनीना ने बताया की यह वाकई में बहुत बड़ा कार्य है इसको करने में बहुत बड़ा दिल चाहिए। उन्होंने कहा की मैं पवन राठौड़ और उसकी टीम का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने इस काम को किया। इस अवसर पर संस्था के काफी लोग मौजूद थे। आए हुए सदस्यों को पौधे वितरण किए। संघ में अभी तक 500 से ज्यादा पौधे लगा दिए है और आगे भी पौधारोपण का सिलसिला जारी रहेगा। संघ के सदस्यों ने जन को संदेश दिया की ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए और उनकी देखभाल भी करे। उन्होंने बताया की पौधे है तो मानव, जीव जंतुओं का जीवन है अन्यथा जीवन यापन करना बहुत मुश्किल होगा।
  इस दौरान संघ का समूह में देवेंद्र यादव भूतपूर्व कृषि अधिकारी, बिजेंद्र सिंह चौहान  भूतपूर्व सरपंच इसराना, अशोक  कनीना मास्टर रामबास आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 03: संघ के पदाधिकारी पौधारोपण करते हुए।








हजारों वृक्ष लगाये हैं सुरेश कुमार
वृक्षों की सेवा में जुटे रहते हैं
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कनीना की आवाज। करीरा के सुरेश कुमार वहीं वे वर्षों से पेड़ों की सुरक्षा में लीन है। उनकी एक वाटिका पंचवटी वाटिका नाम से प्रसिद्ध है। इसमें लगाए गए पेड़ अब बड़े हो गए हैं और उनकी देखभाल में अभी से जुटे हुए हैं।
करीरा के प्रसिद्ध राजा वाली बणी नाम से जानी जाती है जहां तक पहुंचने के लिए पक्का मार्ग वर्तमान सरपंच ने निर्मित करवा दिया है। इसी सड़क मार्ग पर जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा के पीछे उनकी एक छोटी सी वाटिका है जिसका नाम पंचवटी वाटिका है। इस वाटिका में जहां उन्होंने कनेर, बेलपत्र, सेमल, नीम, कीकर आदि उगा रखे हैं वहीं गुजरने रोड के साथ-साथ भी अब उन्होंने पेड़ पौधे लगाने शुरू कर दिए हैं। जहां भी वो जाते हैं लोगों से विवाह शादी, किसी उत्सव या किसी बुजुर्ग की मृत्यु पर उनके परिजनों, सरकारी सेवा में लगने पर उनके हाथों से एक एक पेड़ लगाते हैं और उसकी देखभाल करते हैं। उन्हें नियमित पानी देना तथा उनकी कटाई छटाई करने जिम्मेदारी उन्हीं पर है। सुरेश कुमार के पिता निहाल सिंह भी उनकी मदद करते हैं। उनका एक ही सपना विगत 15 वर्षों से चला आ रहा है कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए और उन्हें भी वृक्ष मित्र नाम से जाना जाए। इसलिए दिन रात जुटे हुए हैं। कई बार अपनी इस सेवा के बल पर सम्मानित हो चुके हैं।
हर वर्ष राजावाली बणी में लगने वाले हनुमान मेले के समय तक इस मार्ग को हरा-भरा बना देते हैं। उनका कहना है कि इस बार जहां सर्दी अधिक पडऩे से अधिकांश पेड़ों की पत्तियां खत्म हो गई थी किंतु देखरेख के कारण जल्दी इन पर पत्तियां लौट आई। जहां पंचायत भी उनका पूरा सहयोग कर रही है वहीं वे पानी डालकर पेड़ों की देखरेख कर रहे हैं। उनके दोस्त भी इस काम में हाथ बंटा रहे हैं। उनका कहना है कि पेड़ की देखभाल एक बच्चे के समान करनी पड़ती है। पंचायतों तथा विभिन्न लोगों से उनको सहयोग मिल रहा है और उनके काम को की प्रेरणा दूरदराज तक पहुंच रही है।
 सुरेश कुमार का कहना है कि आने वाले समय में यदि कोई वस्तु संसार को सुरक्षित रख सकती है तो पेड़ पौधे हैं। इसलिए पेड़ पौधों की अधिक से अधिक लगाए जाने की मांग कर रहे हैं और स्वयं भी पेड़ पौधे लगा रहे हैं। उनके साथ ही सहयोगी भी उसके इस काम में मदद कर रहे हैं। उनकी पंचवटी पार्क में हजारों पेड़ पौधे लगे हुए हैं तथा विभिन्न कर्मी, समाजसेवी, अधिकारी जुड़े हुए हैं।
फोटो कैप्शन 02:सुरेश कुमार की पंचवटी पार्क एवं सुरेश कुमार।








सावन के सोमवार व्रत के लिए होते हैं बेहतर
-सावन सोमवार 22 जुलाई से शुरू
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कनीना की आवाज। सावन के सोमवार व्रत के लिए बेहतर माने जाते हैं। किसी भी भक्त को 15 सोमवार के व्रत करने चाहिए। ये विचार पंडित दिनेश जोशी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि 22 जुलाई से सावन शुरू होगा और उसी दिन सोमवार है। सावन का आगाज सोमवार से हो रहा है। सावन में माह मदमाने वाला होता है।
 सोमवार को शिवभोले की विधि विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए। शिवभोले कम से प्रसन्न हो जाते हैं और जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि भक्त अपने घरों में भी इष्टदेव को विधि विधान से याद कर सकता है। उन्होंने कहा कि जहां सावन माह में अधिक बारिश होती है, भगवान भोले को विशेष रूप से याद किया जाता है। इसलिए भगवान भोले की प्रार्थना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सोमवार का व्रत शुरू करने वालों के लिए सावन मास ही सबसे बेहतर होता है। उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा अर्चना की जाती तत्पश्चात सावन शुरू हो जाता है। इस बार सावन माह में पांच सोमवार आएंगे तो सबसे बड़ी खुशी की बात है। यूं तो पूरे सावन माह में शिव भोले को याद करना चाहिए लेकिन समय रहते हुए सावन में व्रत जरूर करना चाहिए और सावन माह में आने वाली माह शिवरात्रि के दिन व्रत रखा जा सकता है।
  उन्होंने बताया कि 22 जुलाई के बाद 29 जुलाई, 5 अगस्त, 12 अगस्त और 19 अगस्त को सोमवार रहेगा। इस बार सावन माह सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही समाप्त होगा। ऐसे में सावन माह की महिमा बढ़ गई है। सावन माह में जयकारे लगते रहते हैं और शिव को याद किया जाता है। उन्होंने बताया कि चार माह तक श्री हरि शयन के लिए चले जाते हैं और पूरे ब्रह्मांड में शिव का राज शुरू हो जाता है। ऐसे में भी शिव आराधना सबसे बेहतर होती है। यूं तो पूरे ही विश्व में सबसे अधिक पूजे जाने वाले देव शिव भोले हैं। ऐसे में शिव की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। इससे तन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
फोटो केप्शन: पंडित दिनेश जोशी







सिहोर में आयोजित हुई जल चौपाल
-जल संरक्षण पर दिया बल
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल  के गांव सिहोर में सरपंच हरीश कुमार जी की अध्यक्षता में जल चौपाल का आयोजन  किया गया। मुख्य रूप से ग्राम जल एवं सीवरेज समिति प्रशिक्षण विषय पर जोर दिया गया।
इस अवसर पर विभाग से खंड संसाधन संयोजक मोहित कुमार ने पेयजल सप्लाई को सुचारु रूप से चलाने के लिए विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। बीआरसी मोहित कुमार ने पानी समिति के कार्य एवं दायित्व के बारे बताया।
पानी की शुद्धता व गुणवत्ता की एफटीके के माध्यम से  उपभोक्ता घर बैठे जांच कैसे करें, गन्दे पानी से होने वाली बीमारियों के बचाव ,जल संरक्षण, जल जीवन मिशन, खुले चल रहे नलों पर टोंटी लगवाने,पानी की बर्बादी को रोकने,पीने के पानी के उचित रखरखाव व टेक मैटीरियल वितरित किये गये। डायरिया रोग की रोकथाम के लिए स्वच्छता पर जोर दिया।
कार्यक्रम के अंत में ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्यों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर अटल भूजल योजना मास्टर ट्रेनर्स  विनय कुमार ने अटल भूजल योजना के तहत चल रही है  स्कीमों के बारे में उपस्थित ग्रामीणों को बताया जिससे किसान कम लागत और कम समय में अधिक उत्पादन कर सकते हैं
साथ-साथ भूजल संरक्षण भी हो सकेगा
 कार्यक्रम में  ,सहायक ट्रेनर सीमा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता राजबाला,मोटर चालक कुलदीप , सुबे सिंह, अशोक, दयानंद , सुनील, रघुवीर सिंह, नरेश कुमार, शांति देवी, आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: भूजल संरक्षण की जानकारी देते हुए जल एवं सीवरेज समिति सदस्य








विगत वर्ष की तुलना में हुई है कनीना क्षेत्र में कम वर्षा
-किसान अच्छी वर्षा का कर रहे हैं इंतजार
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कनीना की आवाज। कनीना एवं आस पास इस वर्ष अल्प वर्षा हुई है जो कि विगत वर्ष अच्छी वर्षा हुई थी। सावन माह 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। अकेले सावन माह में 152 एमएम वर्षा हुई थी जो जबकि विगत वर्ष जून और जुलाई में वर्षा 320 एमएम वर्षा दर्ज की गई थी।
यहां उल्लेखनीय है कि इस वर्ष बाजरा फसल की बिजाई भी देरी से हो पाई है। विगत वर्ष की तुलना में करीब दो सप्ताह देरी से हो पाई है। यही कारण है कि किसान इस वर्ष कुछ परेशान नजर आ रहे हैं। एक तो देरी से फसल बिजाई हुई है वही अगली फसल के लिए कम समय बचेगा वहीं वर्षा भी कम हुई है। विगत वर्ष जहां बादल जमकर बरसे थे, सावन में अच्छी वर्षा हुई थी किंतु इस वर्ष अभी तक अल्प वर्षा हुई है।
 क्योंकि कनीना और आसपास डार्क जोन को घोषित किया हुआ हैं। भूमिगत जल गहरा होता जा रहा है, यदि अच्छी वर्षा हो जाए तो भूमिगत जल में बढ़ोतरी हो सकती है। पूरे वर्ष में महज सावन माह के आसपास अच्छी वर्षा होती आई है जो भूमिगत जलस्तर को बढ़ावा देता है। वर्ष 1995 में सबसे अधिक वर्षा हुई थी, जब चारों ओर बाढ़  आ गई थी किंतु तब से लेकर आज तक करीब 29 साल बीत गए हैं अच्छी वर्षा नहीं हो पाई है। किसान कृष्ण कुमार, रवि कुमार, दिनेश कुमार, महेंद्र आदि ने बताया कि वो अच्छी वर्षा का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि कनीना और आसपास रेतीली मिट्टी है जो पानी को आसानी से सोख लेती है। अगर अच्छी वर्षा हो जाए तो भूमिगत जल में बढ़ोतरी तो होगी ही साथ में बाजरे की भी अच्छी पैदावार होगी। इस वक्त बाजरा उगाया गया है जिसकी अच्छी पैदावार होने की संभावना है। किसानों ने बताया कि एक अक्टूबर से रबी फसल की बिजाई शुरू हो जाती है। यदि वर्षा अच्छी होती है तो रबी फसल भी बेहतर बन पाएगी। चाहे बाजरे की फसल चारे के रूप में उगाई जाती है और क्षेत्र के किसान पशुपालक हैं।पशुपालकों के लिए चारा भी जरूरी है। यही कारण है कि किसान अब अच्छी बारिश होने का विशेष कर सावन माह की और नजर दौड़ा रहे हैं। सावन माह में अच्छी वर्षा होती है तो निश्चित रूप से किसानों को खुशी का एहसास होगा।
  इस संबंध में पूर्व एडीओ देवेंद्र यादव का कहना है कि हो सकता है कि सावन माह में बेहतर वर्षा हो जाए और विगत वर्ष की तुलना में बेहतर वर्षा हो जाए। अब सावन माह का इंतजार कर लो।
फोटो कैप्शन: पूर्व एडीओ डा देवेंद्र यादव







गुरु पूर्णिमा -21 जुलाई को
गुरुओं से लिया जाएगा आशीर्वाद, इसके बाद शुरू हो जाती है कावड़ यात्रा
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कनीना की आवाज। 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। तत्पश्चात 22 जुलाई से सावन माह लग जायेगा।
 गुरु पूर्णिमा के पर्व पर जहां पुराने समय से विधान है कि गुरु करीब 4 महीने एक ही जगह बैठकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं और सभी अंधकार दूर कर देते हैं इसलिए गुरु की पूजा की जाती है।
विस्तृत जानकारी देते हुए अरविंद जोशी ने बताया की महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास जिन्हें वेदव्यास भी कहा जाता है, का जन्मदिन इसी दिन हुआ था उन्होंने चारों वेदों की रचना की थी। उन्हें आदिगुरु कहा जाता है इसलिए गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है और इस दिन को व्यास वेद व्यास पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है। भक्ति काल के समय संत घीसा राम जो कबीर दास के शिष्य थे का भी जन्म इसी दिन हुआ था।
 गुरु पूर्णिमा के दिन जहां हरिद्वार के गंगा में डुबकी लगाने लाखों लोग पहुंचते हैं। हजारों की संख्या में भक्त हरिद्वार रवाना हो चुके हैं।
विधि विधान से पूर्ण करें गुरु पूर्णिमा पर्व-
मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के ही दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, यही वजह है कि इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार संसार के प्रथम गुरु भगवान शिव को माना जाता है जिनके सप्तऋषि गण शिष्य थे। उसके बाद गुरुओं की परंपरा में भगवान दत्तात्रेय का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।
 गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के आशीर्वाद से धन संपत्ति, सुख शांति और वैभव का वरदान पाया जा सकता है. हिन्दू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है. माना जाता है कि गुरु का स्थान सर्वश्रेष्ठ होता है। गुरु भगवान से भी ऊपर होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वो गुरु ही होता है जो व्यक्ति को अज्ञानता के अंधकार से उबारकर सही रास्ता दिखाता है।
  भक्त निजी साधनों से हरिद्वार रचवाना हो चुके हैं। 21 जुलाई को गंगा में डुबकी लगाकर वापस चलेंगे। उधर कांवड़ लाने के लिए भी भक्त रवाना हो रहे हैं। रानी, राधा, कमला, सुनीता आदि ने बताया कि वे भी गंगा में स्नान करके अपने आपको धन्य समझेंगी।