Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Wednesday, June 18, 2025


 


अब फिर से लोगों को पानी सूखने का करना होगा इंतजार
-आवागमन हो रहा है गंदे पानी से
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कनीना की आवाज।
 होलीवाला जोहड़ का पानी सड़कों पर फैल गया है। लंबे समय से यह समस्या चली आ रही है। जब भी वर्षा होती है गंदा पानी दूर दराज तक सड़क मार्ग पर फैल जाता है जिससे आवागमन गंदे पानी सोकर पूर्ण होता है। इस जोहड़ की अभी तक न  तो पैमाइश हुई है और न ही इसकी गाद निकली गई है। हर इंसान इधर से गुजरने वाला परिणाम भुगत रहा है। कनीना पालिका ने लंबे समय के बाद कुछ गंदा जल ट्रैक्टर की सहायता से इंजन लगाकर निकला था किंतु ज्यों ही पानी साफ हुआ तुरंत वर्षा हो गई और एक बार फिर से वही पुराना हाल हो गया है। अब लोगों को इस गंदे पानी के सूखने का करीब  एक सप्ताह इंतजार करना होगा तब जाकर यह मार्ग सूख पाएगा। इसके बाद फिर से वर्षा हो जाएगी तो फिर से यह मार्ग अवरुद्ध के समान हो जाएगा।
 फोटो कैप्शन दो: गंदा पानी सड़क मार्ग पर फैला हुआ



चोर साहब के कारनामे- 03
एक के बाद एक गमले की,की चोरी
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कनीना की आवाज।
 कनीना के लेखक होशियार सिंह के द्वार और अंदर रखे हुए गमले एक के बाद एक चोरी होते रहे हैं। अच्छे-अच्छे दर्जे के गमले ले कर बेहतरीन दर्जे के बेशकीमती पौधे में लगाए गए और चोर साहब एक के बाद एक चोरी करते रहे। आखिरकार लेखक कितने गमले लगाता। धीरे-धीरे लोहे के पुराने पीपों को काटकर उनको उनमें पौधे उगाने शुरू किया और उनको भी धीरे-धीरे चोर साहब एक के बाद एक चोरी कर ले  गया। यह कड़ी लगातार चलती रही। कभी प्लास्टिक के बर्तनों में पौधे लगाकर द्वार पर रखे तो वो भी चोरी हो गए। आखिरकार प्लास्टिक के कट्टों में पौधे लगाकर रखना शुरू कर दिए तो वो भी चोरी हो गए। अब एक बार फिर से अच्छे दर्जे के गमले रखे हैं। देखना यह है कि ये कितने दिन चोर साहब बख्शते हैं। यह निश्चित है कि चोर साहब के बारे में आसपास लोगों से पता किया जा सकता है हर इंसान की जुबान पर डर है। यह चोर साहब न जाने कब किसकी कौन सी चीज उठा ले जाएंगे, कुछ कहा नहीं जा सकता।




 रोचक जानकारी
अब गायब हो गई झोपड़पट्टी
- एक वक्त था जब हर घर में झोपड़पट्टी होती थी
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कनीना की आवाज।
 एक वक्त था जब हर घर में झोपड़पट्टी होती थी। झोपड़पट्टी में पक्षी कलरव करते रहते थे। यहां तक की सांप आदि भी इन झोपड़पट्टियों में देखे जा सकते थे। उस जमाने में सुंदर से सुंदर झोपड़ी बनाने का रिवाज था। दूर दराज से झोपड़ी बनाने वालों को बुलाया जाता था। झोपड़ी बनाने वाला न केवल झोपड़ी का निर्माण दो-तीन दिनों में कर पाता था, यह भी साइज के अनुसार समय लेता था। इस दौरान चाहे घर में खाने के लिए आटा नहीं हो किंतु उस झोपड़पट्टी बनाने वालों को घी शक्कर और बेहतरीन खाना देना जरूरी होता था। यदि उनको घी-शक्कर और बेहतरीन खाना नहीं दिया जाता तो यह नाराज हो जाते और कभी कभी नाराज होकर काम का अधूरा छोड़ जाते थे। इसलिए उनकी चाय पानी एवं खाने से अच्छी सेवा करनी पड़ती थी और जब झोपड़पट्टी तैयार हो जाती तो उसे उठाना पड़ता था। आम भाषा में जिस छांद बोलते थे। इस झोपड़पट्टी को उठाकर लकडिय़ों के बने ढांचे पर रखना पड़ता था और इसके लिए आसपास के कई लोग बुलाने पड़ते थे। यह सभी लोग झोपड़ी को सहारा देते और लकडिय़ों की बनाये हुये ढांचे पर रखते थे। यह सत्य है कि बाद में तो कुछ ऐसे कारीगर आ गए जिन्होंने जिन्होंने धरती की बजाय अधिकांश काम लकडिय़ों के ढांचे पर ही बनाना शुरू कर दिया। उस जमाने में झुंडा/पुला की देखरेख की जाती थी। यहां तक की बेचे जाते थे, काटकर सुखाकर उन्हीं से जहां कहीं उपयोग का उपयोग में लाया जाता था। किसी बुजुर्ग आदि के मरने पर भी पुला पर लेटाया जाता था किंतु अब तो पुला अभाव में बाजरे की पुली पर मृतक को लिटाने लग गयेे हैं।  वहीं पुले से झोपड़ी बनाई जाती थी यह झोपडिय़ां आजकल लुप्त हो गई है। पहले जीव जंतु बहुत अधिक होते थे क्योंकि झोपडिय़ां अधिक थी जिनकी वजह से जीव जंतु आश्रय पाए थे। आज उनके आश्रम स्थल कम हो गए हैं, इसलिए जीव जंतु भी कम होते जा रहे हैं। इन झोपडिय़ां की विशेषता होती थी कि जब बारिश का मौसम होता तो एसी का काम करती थी। चारों ओर झोपड़ी से टपकता हुआ वर्षा का जल, उसके नीचे बैठकर हवा के ठंडे ठंडे झोंके एसी का अहसास करवाते थे। जो मजा इन झोपडिय़ा में बैठकर आता था वह आजकल अटारी में नहीं मिलता। यह सत्य है कि झोपडिय़ों में कुछ कपड़े जरूर गीले हो जाते थे परंतु उनसे जैसा बेहतर वातावरण, स्वास्थ्यवर्धक घर और कोई हो ही नहीं सकता। आजकल झोपड़ी को फाइव स्टार होटल में कहीं-कहीं देखा जा सकता है परंतु यह एक वक्त था जब भी झोपडिय़ां को हर घर में देखा जा सकता था। अब वह जमाना बीत गया है अब तो आलीशान कोठियां बन गई हैं।
इन झोपडिय़ा में जहां सुबह सवेरे पक्षी चहचहाहट करते थे और सोए हुए लोगों को जगाने का काम करते थे। जब पक्षी कलरव करते तो  लोग समझ जाते कि अब सवेरा हो गया और वे अपने चारपाई से उठ खड़े होते थे। यूं तो मुर्गे का बांग देना सुबह सवेरे का प्रतीक था किंतु पक्षियों को शिकारियों ने मार डाला, आश्रय स्थल कम हो गए वहीं मुर्गों की गर्दन सरेआम काटी जाती है। इसलिए मुर्गे बेचारे डर के मारे बांग देना भूल गए हैं।



साढ़े छह घंटे रहेगा शटडाउन
-टी-2 ट्रांसफार्मर की होगी वार्षिक मरम्मत
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कनीना की आवाज।
19 जून को प्रात: 8:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक 132केवी सब स्टेशन कनीना पर वार्षिक रखरखाव हेतु पावर ट्रांसफार्मर टी-2 पर शटडाउन किया जाएगा। सभी एपी फीडर दिन के बजाय रात्रि के समय चलेंगे। शहरी फीडरों का लोड शिफ्ट किया जाएगा। यह जानकारी रामरतन गोमली जेई ने दी।


 नरवाना में कल से होगी 5 दिवसीय राज्यस्तरीय सब जूनियर हाकी प्रतियोगिता
- कनीना से 19 खिलाडिय़ों का दल रवाना
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कनीना की आवाज।
जींद जिले के नरवाना में राज्य स्तरीय सब जूनियर हाकी प्रतियोगिता के लिए कनीना से 19 सदस्य खिलाडिय़ों का दल कोच के साथ आज रवाना हुआ। खिलाडिय़ों के दल को समाजसेवी एडवोकेट मनीष यादव ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। कोच कपिल गॉड ने बताया की नरवाना में होने वाली राज्य स्तरीय सब जूनियर हाकी प्रतियोगिता में कनीना से 19 खिलाडिय़ों का दल आज जा रहा है। यह प्रतियोगिता 19 जून से 23 जून तक चलेगी। उन्होंने बताया कि वह कनीना नर्सरी में पिछले दो माह से खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। खिलाड़ी भी जी जान से मेहनत कर रहे हैं। वहीं कनीना निवासी श्रीभगवान यादव का उन्हें पूरा सहयोग मिल रहा है। बता दें कि श्रीभगवान यादव वरिष्ठ खिलाड़ी हैं। कोच कपिल ने उम्मीद जताई है की खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करेंगे तथा उन्हें सफलता मिलेगी। प्रतियोगिता में जाने से पहले खिलाडिय़ों में काफी उत्साह था उन्होंने जाते समय विक्ट्री साइन भी बनाया।
 पूर्व चेयरमैन राजकुमार, रामेश्वर साहब सहित नगर के अन्य गणमान्य लोग भी खिलाडिय़ों का उत्साहवर्धन करते रहते है।
फोटो कैप्शन 01: खिलाडिय़ों का दल नरवाना के लिए जाने को तैयार




अब 15 दिन में पहुंचेगा एपिक कार्ड
-प्रत्येक चरण की हो सकेगी रियल टाइम ट्रैकिंग
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कनीना की आवाज।
  भारत निर्वाचन आयोग ने इलेक्टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड  की मतदाताओं तक तेज़ डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए एक नई मानक संचालन प्रक्रिया शुरू की है। इस नई प्रक्रिया के तहत, चुनावी रोल में किसी भी अपडेट के 15 दिनों के भीतर मतदाताओं को उनके ऐपिक प्राप्त हो जाएंगे। इसमें एक नए मतदाता का नामांकन या मौजूदा मतदाता के किसी भी विवरण में बदलाव शामिल है।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डा. विवेक भारती ने बताया कि यह पहल मतदाताओं की सुविधा के लिए चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे विभिन्न उपायों के अनुरूप है।
नई प्रणाली ऐपिक के जनरेशन से लेकर इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन आफिसर द्वारा मतदाता को डाक विभाग के माध्यम से ऐपिक की डिलीवरी तक प्रत्येक चरण की वास्तविक समय पर ट्रेकिंग सुनिश्चित करेगी।
उन्होंने बताया कि मतदाताओं को प्रत्येक चरण में एसएमएस के माध्यम से भी सूचनाएं प्राप्त होंगी, जिससे उन्हें अपने ऐपिक की स्थिति के बारे में सूचित रखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस उद्देश्य के लिए आयोग ने अपने हाल ही में लांच किए गए ईसीनेट प्लेटफार्म पर एक समर्पित आईटी मांड्यूल पेश किया है। यह नया आईटी प्लेटफार्म मौजूदा प्रक्रिया को बदल देगा। वर्तमान प्रणाली को फिर से इंजीनियर करके और वर्कफ़्लो को सुव्यवस्थित करके। निर्बाध डिलीवरी के लिए डीओपी का एप्लीकेशन प्रोग्राम इंटरफ़ेस (के साथ एकीकृत किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य डेटा सुरक्षा बनाए रखते हुए सेवा वितरण को बढ़ाना है।
अपने सभी मतदाताओं को त्वरित और कुशल चुनावी सेवाएं प्रदान करना भारत निर्वाचन आयोग के लिए एक प्रमुख फोकस क्षेत्र है।




किसान युवा क्लब ने शुरू की आर्गेनिक मॉडल गांव विकसित करने की कवायद
-आर्गेनिक माडल गांव विकसित करने के लिए तीन चरणों में पूरा होगा अभियान
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कनीना की आवाज।
आर्गेनिक खेती के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत बनाने के साथ लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर बनाने की दिशा में किसान युवा क्लब द्वारा आर्गेनिक खेती को लेकर विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे है, जिसका उद्देश्य आर्गेनिक उत्पादों को बढ़ावा देना है। इसी कड़ी में अब किसान युवा क्लब ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए आर्गेनिक माडल गांव बनाने की योजना बनाई है, जिसके तहत विभिन्न जिलों से चार-गांवा गांवों को गोद लेकर वहां पर आर्गेनिक खेती करने के लिए किसानों को जागरूक किया जाएगा।
      इस बारे में जानकारी देते हुए किसान युवा क्लब के संस्थापक राकेश बेनिवाल, सुधीर तंवर, विनीत पिलानिया व अधिवक्ता बबीता यादव ने बताया कि आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए पांच जिलों भिवानी, महेंद्रगढ़, दादरी, हिसार, रेवाड़ी से चार-चार गांवों को गोद लेकर आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों व उपभोक्ताओं को जागरूक किया जाएगा, ताकि आर्गेनिक माडल गांव के स्वप्र को पूरा किया जा सकें। उन्होंने बताया कि यह अभियान तीन चरणों में पूरा होगा, जिसके प्रथम चरण में गांवों का चयन किया जाएगा, दूसरे चरण में ट्रेनिंग व जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें मिट्टी की गुणवत्ता, आर्गेनिक खाद तैयार करना, प्राकृतिक कीट नियंत्रण उपायों और बाजार तक पहुंच जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा मॉडल फार्म की भी स्थापना की जाएगी ताकि अन्य किसान व्यावहारिक रूप से आर्गेनिक खेती की विधियों को देख और समझ सकें तथा तीसरे चरण में आर्गेनिक खेती के माध्यम से आर्गेनिक मॉडल गांव विकसित किए जाएंगे।
      उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान किसानों को आर्गेनिक खेती करने व उपभोक्ताओं को आर्गेनिक उत्पादों को अपनाने के बीच की कड़ी किसान युवा क्लब करेगा तथा किसान युवा क्लब सरकार की मदद से आर्गेनिक खेती करने वाले किसानों को हर जरूरत मुहैया करवाई जाएगी। जिसमें ब्रांडिंग, मार्केटिंग सहित अन्य आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा, ताकि गोद लिए गए प्रत्येक गांव के खेत को आर्गेनिक फॉर्म बनाकर उन गांवों को आर्गेनिक मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जा सकें।
     किसान युवा क्लब के संस्थापक राकेश बेनिवाल, सुधीर तंवर, विनीत पिलानिया व अधिवक्ता बबीता यादव ने बतया कि केवाईसी का उद्देश्य रासायनिक खाद और कीटनाशकों पर निर्भरता को कम कर किसानों को स्वावलंबी व प्रकृति के अनुकूल खेती के लिए प्रेरित करने का है, ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के साथ ही लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर बनाया जा सकें।
     गौरतलब होगा कि किसान युवा क्लब की इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि अन्य किसान भी प्रेरित होकर आर्गेनिक खेती की ओर बढ़ेंगे और हरियाणा को एक ग्रीन एग्रीकल्चर स्टेट के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।



कनीना के उप-प्रधान पद के लिए चुनाव 20 को
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कनीना की आवाज।
नगरपालिका कनीना के  उप-प्रधान पद के चुनाव के लिए 20 जून की तिथि निर्धारित की गई है।
यह जानकारी देते हुए एसडीएम कनीना डा. जितेंद्र सिंह ने बताया कि नगर पालिका कनीना के नवनियुक्त प्रतिनिधियों को 25 मार्च को पंचकूला में शपथ दिलाई गई थी लेकिन किसी प्रतिनिधि ने इस दौरान शपथ ना ली हो तो उनको 20 जून को नगर पालिका कार्यालय कनीना में शपथ दिलाई जाएगी। चुनाव में भाग लेने के लिए उम्मीदवार एक प्रस्तावक तथा एक समर्थक सहित अपना नामांकन भर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि 20 जून को दोपहर 1 बजे नगर पालिका कनीना में उप प्रधान पद के चुनाव के संबंध में बैठक का आयोजन किया जाएगा।
नगरपालिका कनीना के उप-प्रधान पद के चुनाव के लिए 20 जून को दोपहर 2 से 2:30 बजे तक नामांकन पत्र लिए जाएंगे तथा 2:30 बजे से 2:40 बजे तक नामांकन पत्रों की जांच होगी। दोपहर 2:40 बजे से 3 बजे तक नाम वापसी होगी। इसके बाद 3 बजे यदि आवश्यक हुआ तो मतदान होगा। मतदान के तुरंत बाद परिणाम की घोषणा कर दी जाएगी।


 क्षत्रिय युवक संघ का सात दिवसीय राष्ट्रीय शिविर 22 से
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कनीना की आवाज।
क्षत्रिय युवक संघ का सात दिवसीय राष्ट्रीय शिविर आगामी 22 जून से 28 जून तक भिवानी जिला के कलिंगा गांव में आयोजित किया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए अखिल भारतीय राजपूत महासभा हरियाणा प्रदेश के महासचिव मदन तंवर ने कहा कि शिविर का शुभारम्भ 22 जून को सायं 3 बजे किया जाएगा। प्रमुख समाजसेवी बसपा नेता अतरलाल एडवोकेट इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह शिविर ऐतिहासिक तथ्यों, मूल्यों, अनुभवों की समीक्षा नई चुनौतियों पर चर्चा और क्षत्रिय समाज को आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक रूप से मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा क्षत्रिय समाज के लिए यह समय आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक रूप से सक्षम तथा सबल बनने का है। उन्होंने क्षत्रिय युवाओं, महिलाओं, पुरुषों, सैनिक, अर्धसैनिक बल व नागरिक सेवाओं के पूर्व अधिकारी व कर्मचारियों से बढ़-चढ़ का शिविर में भाग लेने की अपील की।









पौधारोपण अभियान चलाया
-30 पौधे लगाए गए
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कनीना की आवाज।
गांव धनौन्दा में कर्णचित्रा एजूकेशन एंड चेरीटेबल ट्रस्ट द्वारा पौधारोपण अभियान चलाया गया। एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत युवा प्रशांत, अमित, सोनू, विक्रम, ललित, जोनी, बीर सिंह, मदन, पवन, दिनेश की टीम ने बड़, पीपल, नीम के तीस पेड़ लगाए। पौधारोपण अभियान का नेतृत्व अतरलाल ने किया। उन्होंने युवाओं का इस सराहनीय कार्य के लिए धन्यवाद किया और इस अभियान में अधिक से अधिक युवाओं को जोड़कर गांव में पौधारोपण करने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान युवाओं ने अपने हाथों से गड्ढ़े खोदे बड़, पीपल, नीम के पौधे लगाए। पानी देकर और बाड़ लगाकर पौधों की देखभाल करने की शपथ ली।

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