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Tuesday, June 24, 2025


 





किसानों को नई तकनीक व आधुनिक मशीनों से जोड़ रही हरियाणा सरकार
-अब मोबाइल ऐप से मिलेगी कीट और बीमारी की पूरी जानकारी
-केंद्र व राज्य के अधिकारियों ने किया जिला महेंद्रगढ़ की फसलों का सर्वेक्षण
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कनीना की आवाज।
भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की एक टीम ने आज महेंद्रगढ़ जिले में कपास और अन्य फसलों का सर्वेक्षण किया। इस दौरान किसानों को फसलों को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं। सबसे खास बात यह रही कि किसानों को राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली मोबाइल ऐप के इस्तेमाल के बारे में विस्तार से बताया गया। हरियाणा सरकार का भी मकसद है कि इस नई तकनीक व आधुनिक मशीनों का प्रयोग करें। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के क्षेत्रीय एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन केंद्र, फरीदाबाद की उपनिदेशक डा. वंदना पांडेय के नेतृत्व में आई टीम ने जिला कृषि विभाग के डॉ. देवेंद्र सिंह और डा. हरपाल यादव के सहयोग से यह सर्वेक्षण किया।
क्या है राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली मोबाइल ऐप--
डीडीए देवेंद्र सिंह ने बताया कि यह एक बेहद काम का एप है जिसे किसान अपने मोबाइल फोन पर इस्तेमाल कर सकते हैं?। इस एप की मदद से किसान अपनी फसल में लगने वाले किसी भी कीट या बीमारी की जानकारी तुरंत पा सकते हैं। उन्हें एप के माध्यम से ही विशेषज्ञ सलाह भी मिलेगी कि कैसे इन समस्याओं से निपटा जाए।
इस एप का सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसान अनावश्यक रूप से केमिकल वाले कीटनाशकों का इस्तेमाल करने से बच सकेंगे। यह एप किसानों को सही समय पर सही जानकारी देकर उनकी फसलों को सुरक्षित रखने में मदद करेगा।
कीट और बीमारियों से बचाव के लिए अन्य अहम सुझाव-
सर्वेक्षण के दौरान टीम ने किसानों को कीट और बीमारियों से निपटने के लिए कई यांत्रिक और बायो-पेस्टीसाइड (जैविक कीटनाशक) उपायों की जानकारी दी।
 फेरोमन ट्रैप का इस्तेमाल-
फसल की शुरुआत में कीटों की निगरानी और रोकथाम के लिए प्रति खेत में 4 फेरोमन ट्रैप लगाने की सलाह दी गई। कपास के लिए अलग तरह का एलयूआरई (आकर्षक) और अन्य फसलों के लिए अलग तरह का एलयूआरई इस्तेमाल करने को कहा गया।
 पुरानी फसल के अवशेषों का प्रबंधन-
 किसानों को यह भी सलाह दी गई कि कपास के खेत के पास पुरानी फसल के अवशेषों को पॉलीथिन से ढक दें या मिट्टी में दबा दें। इससे कीटों के पनपने का खतरा कम होगा।
इस सर्वेक्षण में भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के क्षेत्रीय एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन केंद्र, फरीदाबाद से सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी लक्ष्मीकांत, वैज्ञानिक सहायक रूबी, तकनीकी अधिकारी मिस आस्था हुडा और हरियाणा राज्य सरकार के जिला कृषि विभाग से डा. सुधीर यादव सहित कई गणमान्य किसान मौजूद रहे।



गांवों में अवैध मकानों को वैध करने का सुनहरा मौका
-कुछ शर्तों के साथ 31 मार्च 2004 से पहले बने घरों में रहने वालों को मिलेगा मालिकाना हक
-संबंधित बीडीपीओ कार्यालय में करें आवेदन
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कनीना की आवाज।
हरियाणा सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में दो दशक से अधिक समय से ग्राम पंचायतों में अनधिकृत रूप से निर्मित मकानों को कुछ शर्तों के साथ विनियमित करने का फैसला लिया है। इच्छुक लाभार्थी भूमि के स्वामित्व का दावा करने के लिए संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी के कार्यालय में आकर आवेदन कर सकते हैं।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त डॉ विवेक भारती ने बताया कि विकास एवं पंचायत विभाग की ओर से 17 जनवरी 2025 को जारी अधिसूचना के तहत ग्राम पंचायतों में अनधिकृत रूप से निर्मित मकानों को विनियमित करने का अधिकार देने के लिए प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान के तहत संबंधित नागरिक गांव के निवासी होने चाहिए। लाभार्थी के मकान का निर्माण 31 मार्च, 2004 को या उससे पहले हुआ होना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उस मकान से किसी सार्वजनिक उपयोगिता के यातायात में कोई बाधा उत्पत्र नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा यह तालाब या किसी जल निकाय या राजस्व रास्ते के लिए आरक्षित भूमि पर भी नहीं होनी चाहिए।
शर्तों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि केवल ढका हुआ क्षेत्र तथा ढके हुए क्षेत्र का 25 प्रतिशत खुला स्थान होना चाहिए। कुल मिलाकर 500 वर्ग गज से अधिक नहीं होना चाहिए। भूमि क्रय के लिए आवेदन नियमावली के प्रकाशन की तिथि अर्थात 17 जनवरी 2025 से 12 माह की अवधि के भीतर प्रस्तुत किया जा सकेगा। यदि पर्याप्त कारण उपलब्ध हो तो अनाधिकृत कब्जे वाली भूमि के क्रय के लिए आवेदन 12 माह की उक्त अवधि की समाप्ति के पश्चात भी स्वीकार किया जा सकेगा।
भूमि की दर 31 मार्च 2024 को प्रचलित कलेक्टर दर के 1.5 गुना के बराबर होगी तथा यदि यह उपलब्ध न हो तो अगले वर्ष की कलेक्टर दर पर विचार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जो भी नागरिक इन शर्तो के दायरे में भूमि के स्वामित्व का दावा करने के हकदार हैं, वे अपना आवेदन संबंधित खण्ड कार्यालय में किसी भी कार्यदिवस पर जमा करवा सकते हैं।





बिना टिकट यात्रा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा-युद्धवीर सिंह
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कनीना की आवाज।
रोडवेज में बिना टिकट  यात्रा करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। यह कहना है रेवाड़ी डिपो के रोडवेज बस इंस्पेक्टर युद्धवीर सिंह तथा इंस्पेक्टर दलबीर सिंह की टीम ने बिना टिकट यात्रा करने वाले विभिन्न लोगों पर शिकंजा कसते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारे डिपो के जनरल मैनेजर द्वारा हमारी ड्यूटी रोडवेज की बस चेक करने में लगाई हुई है जिसको लेकर आज हमने कई बसों को चेक किया। जिसमें बिना टिकट यात्रा करने वालों पर लगभग 2000 रुपये का जुर्माना भी किया तथा उनका भविष्य में बिना टिकट यात्रा नहीं करने की सलाह दी। इस अवसर पर उनके साथ रोडवेज के अन्य चार सहायक पदाधिकारी उपस्थित थे।
 फोटो कैप्शन 02: बिना टिकट यात्रा करने वाले पर जुर्माना करते हुए





लोन लिया नहीं किंतु



लोन की किस्त जमा करने के आये नोटिस
- उच्च अधिकारियों को पत्र भेज विजिलेंस जांच करवाने की,की मांग
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कनीना की आवाज।
 कनीना उप-मंडल के गांव भडफ़ में एक अनपढ़ व्यक्ति ने कभी लोन लिया ही नहीं किंतु लोन की किस्त भरने का नोटिस भी आ गया जिसको देखकर पूरा परिवार परेशान है। विजिलेंस जांच करने की मुख्यमंत्री, जिला उपायुक्त सहित उच्च अधिकारियों को शिकायत भेजी है।
उप-मंडल कनीना के गांव भडफ़ में मांगेराम ने उच्च अधिकारियों को भेजी शिकायत में कहा है कि वह अनपढ़ व्यक्ति है। मेहनत मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण करता है। गांव का लड़का प्रवीन अप्रैल 2024 में उनके पास आया और कहा कि वो भैंसों का लोन बैंक से करवा देंगे। क्योंकि मांगेराम की पत्नी भैंस रखती है, पैसों की आवश्यकता भी थी। दो माह पहले फरवरी 2024 में उन्होंने दो लड़कियों की शादी की थी।
ऐसे में उनको लोन की जरूरत थी। गांव का लड़का प्रवीन उनसे पैन कार्ड और आधार कार्ड की फोटो प्रतियां ले गया और कहा कि बैंक से पता करेंगे कि लोन पास होगा या नहीं? कुछ दिनों पश्चात लड़का आधार कार्ड और पैन कार्ड वापस लौटा गया और कहा कि बैंक लोन नहीं देगा। अब जब मांगेराम घर पर नहीं था तो मई 2025 में उनके घर पर एचडीएफसी बैंक कर्मचारी आया और उन्होंने मांगेराम पुत्र सोहनलाल का पता पूछा। घर पर मांगेराम नहीं थे। इसलिए मांगेराम के पुत्र को उन्होंने कहा कि तीन किस्तें 31 हजार रुपये के करीब भैंसों के लोन की अभी तक बकाया है, जो अभी तक नहीं भरी है। अपने पिता को कहना किस्त भर दे। जब इसकी भनक मांगेराम की पत्नी और बच्चों को हुई तो पूरा परिवार हक्का-बक्का रह गया क्योंकि मांगेराम कनीना मंडी में पलदारी करते हैं। ऐसे में उनके लिए एक नई मुसीबत खड़ी हो गई। तत्पश्चात डाक द्वारा 20 जून 2025 को चेन्नई तमिलनाडु से नोटिस भी आया। ऐसे में उनका कहना कि लोन लिया ही नहीं था नोटिस कैसा? उन्होंने उच्च अधिकारियों की संबंध में शिकायत भेज कर विजिलेंस जांच करवाने की मांग की है ताकि इसमें शामिल जितने लोग हैं उनके विरुद्ध कार्रवाई हो सके और भोलेभाले लोग इस प्रकार की ठगी का शिकार नहीं बन सके।
फोटो कैप्शन 01: चेन्नई से आया नोटिस।


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