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Friday, June 20, 2025


 

संगीत गहन साधना का परिणाम है-शिव कुमार
--विश्व संगीत दिवस- 21 जून
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कनीना की आवाज।
संगीत एक साधना भी है और संगीत टूटे दिलों का सहारा भी है। संगीत रोगों के ठीक होने में भी अहम भूमिका निभाता है, वही संगीत सुनकर इंसान का मन शांत हो जाता है। संगीत की शिक्षा दी जाती है वही डाक्टर भी संगीत की थेरेपी देते हैं। संगीत पर अनेकों शोध चल रहे हैं जो सिद्ध करते हैं कि संगीत एक बड़ी साधना, कला और योग है। योग के साथ-साथ संगीत भी सुनाया जाता है ताकि ध्यान इधर-उधर ध्यान इधर उधर भंग न हो और योग पर पूरा ध्यान दिया जाए। योग संगीत के क्षेत्र में जहां कितने ही गायक गायिकाओं ने नाम कमाया है। जहां संगीत के क्षेत्र में बड़े-बड़े कलाकार हुए हैं जिनका नाम आज भी लिया जाता है और आगे भी लिया जाता रहेगा संगीत बिना दुनिया अधूरी लगती है।। आजकल तो चाहे किसान ट्रैक्टर चला रहा है या कोई गाड़ी चल रही हो सभी में संगीत चलता रहता है। युवा पीढ़ी तो संगीत के प्रति बहुत अधिक लगाव रखती है। जब भी युवा पीढ़ी कहीं घूमने जाती है बस व ट्रेन में सफर करती है तो संगीत कानों में सुनते जाते हैं।
क्या कहते हैं संगीत के जानने वाले -
संगीत के जाने वाले शिवकुमार जिन्होंने सैकड़ों विद्यार्थियों को संगीत की शिक्षा दी। जिनका पुत्र आकाश पूरे ही देश में संगीत के क्षेत्र में नाम कमा रहे हैं, का कहना है कि संगीत से बड़ी कोई कला और साधन नहीं है। वे संगीत के प्रति गहन रुचि रखते हैं, इसलिए उन्होंने स्टूडियो भी बनाया तथा संगीत की शिक्षा स्कूलों में जाकर भी देते रहे हैं। कई एलबमों का निर्माण करके भी संगीत व भजन लोगों के समक्ष प्रस्तुत किए। शिवकुमार बताते हैं कि देश में जहां ओपी नैयर,  मदन मोहन, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, शंकर जय किशन ,कल्याण जी आनंद जी जैसे कितने ही संगीतकार हुए हैं। उनके संगीत को सुनकर मन खुश हो जाता है। संगीत के कारण किसी छोटी-मोटी बीमारी परेशानी, हृदय से संबंधित रोग आदि बहुत आसानी से ठीक किये जा सकते हैं। यदि संगीत पर ध्यान दिया जाए तो दिनचर्या भी अच्छी बीतती है और इंसान का मन इधर-उधर भटकने से भी बच जाता है। संगीत सुनकर मन में एक गहरा प्रभाव पड़ता है इस प्रभाव के चलते शरीर की कोशिका और ऊतक तेजी से वृद्धि करते हैं और व्यक्ति खुश मिलता है। उन्होंने कहा कि संगीत को जिसने अपना लिया है उसे किसी अन्य चीज की जरूरत नहीं। सारंगा जैसे संगीत वादन करके हिरण को भी मोहित किया जा सकता है, इंसान को तो आकर्षित करना बहुत आसान है। संगीत साधना है और इस पर उच्च कोटि के शोध की जरूरत है।
-- शिवकुमार संगीत के जानकार
क्या करते हैं डाक्टर--
 उधर कनीना के एसएमओ डाक्टर जितेंद्र मोरवाल बताते हैं कि संगीत के आधार पर संगीत थेरेपी भी बनाई हुई है जिससे मरीज का इलाज किया जाता है। उनका कहना है कि कुछ लेख जरूर प्रकाशित हुये जिसमें कहा गया है कि संगीत सुनने के साथ-साथ दवा लेते हैं तो जल्दी ठीक होते हैं। ऐसे में संगीत मरीजों को ठीक करने में भी अहम भूमिका निभाता है और संगीत के जरिए इंसान की सभी सोये हुये अंग ताजा हो जाते है और संगीत इंसान को कई रोगों से बचाने में सहायक सिद्ध हो सकता है। ऐसे में संगीत जरूर सुनना चाहिए और मधुर संगीत विशेष कर राग आदि का सुनने से सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। संगीत के बिना यह दुनिया अधूरी और सुनी सुनी सी लगती है।
-डा. जितेंद्र मोरवाल
 फोटो कैप्शन :डा. जितेंद्र मोरवाल एवं शिवकुमार म्यूजिशियन  रियाज करते हुए।


चोर साहब के कारनामे- 04
चोर साहब उतरे पोस्टर के अनुसार खरे
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कनीना की आवाज।
 कनीना के लेखक होशियार सिंह के प्लाट के बाहर अपनी जगह पर डाले गए तीन ट्राली पत्थर जो भवन निर्माण के काम आते हैं, समय-समय पर चोरी कर लिए गए। हुआ यूं कि अपनी जमीन पर प्लाट पर पहले पत्थरों की दीवार बनी हुई थी, इस दीवार को तोड़कर नई दीवार बनाने का निर्णय लिया। परिणामस्वरूप जो पत्थर निकले उन्हें अपनी जगह में दीवार के साथ-साथ डाल दिया गया क्योंकि हमारे द्वारा छोड़ी हुई अपनी जगह है इसलिए वहां डालने पर भी चोर साहब को कुछ तकलीफ हुई और उनको एक-एक करके सारे पत्थर चोरी कर लिये। तत्पश्चात सूबे सिंह पुत्र श्री हरि सिंह से मैंने निवेदन किया कि एक ट्राली पत्थर और लाई जाए। उन्होंने पत्थर लाकर दीवार के साथ-साथ डाल दिए। तत्पश्चात मैंने एक पोस्टर चोर साहब के नाम लिखा और दरवाजे पर टांग दिया कि चोर साहब, यह दूसरी ट्रोली पत्थरों की है। कृपया इसे जल्दी करके उठा ले तो मैं तीसरी ट्राली भी डलवा दूंगा। चोर साहब उस पर खरे उतरे और दूसरी ट्राली के धीरे-धीरे सभी पत्थर गायब कर दिये। इसके बाद पूर्व प्रधान से निवेदन किया कि कुछ पत्थर पहुंचाई जाए, परिणाम यह पत्थर ट्राली के रूप में डलवाए जो धीरे-धीरे गायब हो गए। इसी प्रकार एक-एक करके गमले चोरी होते रहे, वैसे ही पत्थर भी गायब हो गए। सबसे बड़ी बात है कि चोर साहब इन पत्थरों को उठाकर पास में पडऩे वाली नहर के दूसरी और भी डाल दिए। कुछ पत्थर बड़ी बुद्धिमत्ता दर्शाते हुए लोगों के खेतों में डाल दिए ताकि उस खेत से अपने पत्थर वापस उठाते हैं तो खेत के मालिक के साथ तू-तू, मैं-मैं करनी पड़ेगी क्योंकि खेत का मालिक समझेगाकि ये पत्थर तो मेरे है। चोर साहब ने मेरे पत्थर चोरी करके वहां डाल दिये। इस प्रकार समस्या विकराल बन गई है। पत्थर एक -एक करके चोरी कर लेना साथ में पक्षियों के लिए एक मंढ़ी का निर्माण अपनी जमीन में दीवार के साथ बनाने का इरादे किया। जिसके चारों ओर ईंटें लगवाई गई। चोर साहब एक-एक करके सभी ईंटे उखाड़ ले गए। बड़ी खुशी हुई कि चोर साहब अपने वादे पर खरा उतरा और पत्थर तक भी चोरी कर ले गया। अभी भी ये पत्थर नहर के दूसरी ओर तथा लोगों के खेतों में पड़े हैं जबकि साफ साफ पत्थर चोर साहब कहीं ओर ले गया।




स्वास्थ्य जांच के लिए सिगड़ी पहुंची स्वास्थ्य विभाग की  मोबाइल वैन
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कनीना की आवाज।
गांव सिगड़ी ( गांधी नगर) में ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच करने के लिए स्वास्थ्य विभाग नारनौल से डा. ज्योत्सना के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम मोबाइल वैन के साथ सिगड़ी पहुंची। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र    सेहलंग की वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा. प्रभा  के दिशा  निर्देश स्वास्थ्यकर्मी ऋषिराज आर्य ने बताया कि स्वास्थ्य जांच टीम में रेडियोलाजी आफिसर अजय कुमार, रतन लाल, बलवंत एल टी, राहुल फार्मेसी आफिसर, योगेश ने स्वास्थ्य कैंप में आये हुए  ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच की। टी बी यूनिट कनीना से टी बी इंचार्ज  पवन कुमार, टी बी एच वी युद्धवीर , देवेन्द्र कुमार ने टीबी के मरीजों के सम्पर्क वाले सदस्यों के बलगम की जांच के लिए सैंपल लिए। रेडियोलाजी आफिसर अजय कुमार ने 18 मरीजों के एक्स-रे किए जिनमें से 7 मरीजों के एक्स-रे अबनार्मल पाये और  22 मरीजों बलगम की जांच के सैंपल लिए, एचआईवी जांच की गईं, स्वास्थ्य जांच कैंप में सभी 55 मरीजों की शुगर की जांच की गई जिनमें से 14 मरीजों को शुगर पाई गई उनको शुगर की दवाई दी गई। इस अवसर पर  सीएचओ डा.अरुण चौधरी, स्वास्थ्यकर्मी ऋषिराज आर्य, सुशीला व हेमलता एएनएम विशेष रूप से उपस्थित रहे और स्वास्थ्य जांच कैंप में आये हुए सभी मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया, एएनसी जांच की। सुमन आशा वर्कर  ने मरीजों को बुलाने एवं उनके स्वास्थ्य की जांच करवाने में अपना पूर्ण सहयोग दिया।
फोटो कैप्शन 05: मोबाइल स्वास्थ्य टीम सिगड़ी में जांच करते हुए।





तीसरी बार भी उप प्रधान पद के चुनाव स्थगित होने से रोष
अब फिर से चुनाव की तिथि घोषित करने का इंतजार
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कनीना की आवाज। 
कनीना नगर पालिका के उप प्रधान के बनाए जाने की तीसरी बार तिथि घोषित की और फिर चुनाव स्थगित कर दिये जिसका रोष पनप रहा है। इससे पहले जहां 18 अप्रैल को पहली बार, 26 अप्रैल को दूसरी बार अब 20 जून को तीसरी बार उप प्रधान पद के लिए तिथि घोषित हुई थी जो स्थगित कर दी गई है। कनीना के 14 वार्डों से चुने हुए प्रतिनिधि तथा प्रधान पद का प्रतिनिधि  सहित 8 पार्षदों से कोरम पूरा होना है तथा उप-प्रधान पद को बहुत अधिक जरूरत समझी जा रहा है क्योंकि अभी तक प्रधान पद पर महिला काबिज है जो यादव समाज से है। ऐेसे में उप-प्रधान पुरुष के लिए अधिक उचित समझा जा रहा है। कनीना में उप प्रधान वही बनेगा जिसके सिर पर राव इंद्रजीत सिंह और आरती सिंह राव का हाथ होगा। अभी तक उप-प्रधान पद पूरा होने के बाद ही कनीना के अनेकों कार्य जो अधर में पड़े हैं को पंख मिलेंगे। अब देखा जाना है कि कब फिर से चुनावों की तिथि घोषित की जाएगी।



योग दिवस 21 जून
योग से बढ़कर कोई साधना नहीं-निलेश
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कनीना की आवाज।
योग हमारे राष्ट्र की धरोहर है, और समस्त विश्व के लिए वर्तमान में सबसे बड़ा उपहार है। शारीरिक स्वास्थ्य से लेकर मानसिक शांति तक, बल से लेकर बुद्धि तक और संस्कारों से लेकर समृद्धि तक, योग से प्राप्त किया जा सकता है। विश्व योग दिवस दुनिया के लिए एक बड़ा त्यौहार है।
चित्त की वृत्तियों का निरुद्ध हो जाना योग कहलाता है। महर्षि पतंजलि ने योगदर्शन में योगश्चित्तवृत्तिनिरोध सूत्र कहकर यही भाव व्यक्त किए हैं। किन्तु वर्तमान समय में भयावह शारीरिक-मानसिक बीमारियों से मुक्ति के लिए भी योग एक प्रमुख साधन बन गया है। जिसे हम योग चिकित्सा के रूप में जानते हैं। योगेश्वर श्रीकृष्ण भी जीवन में समत्व की भावना और कार्यों को नित्य बेहतर तरीके से करने की एप्रोच को योग परिभाषित करते हैं। यह योग की व्यापक परिभाषा है। वे (योगेश्वर श्रीकृष्ण) साथ ही बताते हैं कि युक्त अर्थात संतुलित आहार -विहार वाले, युक्त कर्मों की युक्त चेष्टाओं वाले तथा युक्त निद्रा वाले साधक के लिए यह योग दुखों को हरने वाला होता है।
2015 से दुनियाभर में मनाया जा रहा योग दिवस उत्सव वर्तमान में योग के महत्व को प्रतिबिम्बित करता है।
केंद्र एवं राज्य सरकारों के सहयोग से हर वर्ष योगदिवस विशेष उल्लास के साथ मनाया जाता है।
 2015 में पहली बार मनाए गए विश्व योग दिवस समारोह से लेकर इस वर्ष 11वीं बार मनाए जा रहे योग दिवस कार्यक्रम में प्रत्येक में आम जनमानस का उत्साह देखते ही बन रहा है। पतंजलि योगपीठ सहित अनेकों योग संगठनों के लाखों कार्यकर्ता वर्षों से निशुल्क प्रशिक्षण देते आ रहे हैं। वे निस्वार्थ रूप से व्यवस्थाओं में अपना सहयोग करते हैं। योगऋषि स्वामी रामदेव महाराज ने आधुनिक युग में योग को गुफाओं-कंदराओं और हिमालय की चोटी से निकालकर गली-मोहल्ले, मैदान-पार्क, कार्यालय -विद्यालय और घर -घर तक पहुंचा दिया है।
योग विषय से पीएचडी और यूजीसी नेट परीक्षा में पूरे भारतवर्ष में 5वां स्थान प्राप्त करने वाले निलेश मुदगल कहते है कि हमारा सपना है कि भारत सहित पूरा विश्व योगमय होकर हर प्रकार की दरिद्रता से मुक्त हो। हमारा महान भारतवर्ष ना केवल आर्थिक समृद्धि को प्राप्त करें, बल्कि साथ ही साथ शारीरिक, मानसिक,  वैचारिक, आध्यात्मिक और सामाजिक समृद्धि को भी योग द्वारा प्राप्त करके विश्व का पुन: नेतृत्व करे।
फोटो कैप्शन: निलेश मुदगल




4 जुलाई को दिया







जाएगा धरना, रेल रोको आंदोलन
-दिया स्टेशन मास्टर को ज्ञापन
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कनीना की आवाज। 
कनीना खास रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस गाडिय़ों का ठहराव करने, एक नई पैसेंजर/डीएमयू गाड़ी सुबह 5 बजे सादुलपुर से वाया कनीना, रेवाड़ी, दिल्ली से पानीपत चलाने आदि मांगों को लेकर आगामी 4 जुलाई को कनीना स्टेशन पर धरना व रेल रोको आंदोलन किया जाएगा।
      यह घोषणा प्रजा भलाई संगठन के सुप्रीमो प्रमुख समाजसेवी अतरलाल एडवोकेट ने शुक्रवार को उक्त मांगों को लेकर कनीना रेलवे स्टेशन पर किए प्रदर्शन के दौरान लोगों को सम्बोधित करते हुए किए। उन्होंने कहा कि सरकार तथा रेल प्रशासन कनीना रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस गाडिय़ों का ठहराव न करके यहाँ के लोगों के साथ भेदभाव कर रहा है। उन्होंने कहा इस रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस गाडिय़ों का ठहराव क्षेत्र का हक है और जब तक सरकार एक्सप्रेस गाडिय़ों का ठहराव की अधिसूचना जारी नहीं करती तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। बाद में प्रदर्शनकारियों ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव तथा बीकानेर डिवीजन के डीआरएम आशीष कुमार के नाम प्रेषित तीन अलग-अलग ज्ञापन स्टेशन मास्टर सुमित कुमार को सौंपें। जिसे उन्होंने सरकार तथा रेल प्रशासन को तत्काल भेजने का आश्वासन दिया। ज्ञापन में कनीना रेलवे स्टेशन पर दिन में आने वाली दिल्ली जोधपुर एक्सप्रेस गाड़ी नम्बर 22421-22422 दिल्ली से बीकानेर एक्सप्रेस गाड़ी नम्बर 22471-22472 दिल्ली से सीकर एक्सप्रेस गाड़ी नम्बर 14713-14714 तथा रात को आने वाली दिल्ली बीकानेर एक्सप्रेस गाड़ी नम्बर 12457-12458 दिल्ली जोधपुर एक्सप्रेस गाड़ी नम्बर 22481-22482 का ठहराव कनीना खास रेलवे स्टेशन पर तत्काल शुरू करने, एक नई डी.एम.यू. पेंसजर गाड़ी सुबह 5 बजे सादुरपुर से वाया कनीना, रेवाड़ी, दिल्ली से पानीपत तक चलाने और पानीपत में एक घंटे का ठहराव करने के बाद वापसी पानीपत से 1 बजे इसी रूट से सादुलपुर तक चलाने और कनीना खास रेलवे स्टेशन को आदर्श भारत स्टेशन योजना में शामिल करने की मांगें की गई। इस अवसर पर कर्णसिंह यादव, पदमेन्द्र जांगड़ा, राजसिंह प्रधान, श्यामलाल सारसवत, राजेन्द्र नम्बरदार, धनुष शर्मा, जगदीश प्रसाद मिस्त्री, किशनपाल तंवर, मुकेश पंच, मीर सिंह वैद्य, रामबीर पंच, कैलाश सेठ, नायब सुबेेदार नत्थू सिंह, नवीन, नीटू जांगड़ा, सतीश, प्रितम, प्रशांत, देशराज, होशियार सिंह, मनोज आदि अनेक गणमान्य उपस्थित थे।
फोटो कैप्सन 01: स्टेशन मास्टर को ज्ञापन सौंपते हुए प्रदर्शनकारी।
2. प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए प्रमुख समाजसेवी अतरलाल।

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