Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**: June 2021

Wednesday, June 30, 2021

 
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भोजावास पर दी गई 261 कोरोना रोधी वैक्सीन
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 कनीना। कनीना उपमंडल के गांव भोजावास स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कोविशील्ड 261 वैक्सीन विभिन्न आयु वर्ग को दी गई। एचआई राजकुमार चौहान ने बताया कि विभिन्न आयु वर्ग के लोगों को कोरोनारोधी वैक्सीन दी गई हैं। जिनमें 45 प्लस को 42 तो 60 प्लस को 44 तथा 18 प्लस को 175 कोरोना रोधी वैक्सीन दी गई हैं।




कनीना निवासी फोरमैन सत्यवान सिंह की सेवानिवृत्ति पर कार्यक्रम आयोजित कर दी उन्हें विदाई
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कनीना। कनीना के 132 केवी पावर ग्रिड सब स्टेशन एचवीबीएनएल कार्यालय में कार्यरत कनीना निवासी फोरमैन सत्यवान सिंह की सेवानिवृत्ति पर कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें विदाई दी गई। निगम के जेई रामरतन शर्मा ने बताया कि फोरमैन सत्यवान 1982 में अस्थाई रूप से बुड़ौली से भर्ती हुए थे। उसके बाद 1993 में स्थायी हुए ओर रेवाड़ी में तबादला हुआ। उन्होंने 38 वर्ष के सेवाकाल में गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, नारनौल, रेवाड़ी व कनीना के बिजली घर में सेवाएं दी। वर्ष 2000 से पूर्व उनकी डयूटी सामान्यता बिजली के बड़े टावर लगाने व नए बिजली घर बनाने में रही है। कार्यक्रम के दौरान एचएसईबी वर्कर यूनियन के प्रदेश मुख्य संगठन कर्ता महावीर पहलवान, एसएसई वीर सिंह कनीना,एसएसई गौतम शर्मा, एसएसई राकेश महेंद्रगढ़, जेई विकास, जेई सतीश, जेई दिनेश, जेई पवन सहित निगम के अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी मौके पर उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 8: फोरमैन सत्यवान सिंह की सेवानिवृत्ति पर आयोजित कायक्रम में  उन्हें विदाई देते हुए विभाग के कर्मचारी।




शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए वैक्सीन लेना अति आवश्यक- मनोज रोहिल्ला
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कनीना। वैक्सीनेशन हमारे शरीर के लिए अति महत्वपूर्ण जब भी नंबर आए वैक्सीन अवश्य लगवाएं उक्त विचार कनीना क्षेत्र के वरिष्ठ समाजसेवी मनोज रोहिल्ला ने आज को वैक्सीन की पहली डोज लेने के उपरांत लोगों से अपील करते हुए व्यक्त किए इस अवसर पर उन्होंने लोगों से अपील की है कि कोरोना अभी पूर्ण रुप से खत्म नहीं हुआ है इसलिए हमें पूरी सावधानी के साथ अपना जीवन यापन करना चाहिए तथा टाइम पर अपनी वैक्सीन लेकर अपने शरीर को स्वस्थ बनाना चाहिए ताकि आने वाले समय में कोरोना की तीसरी लहर से भी हम आसानी से बच सकें वहीं उन्होंने लोगों से यह भी कहा कि हमें सरकार व प्रशासन द्वारा बनाई गई गाइडलाइन का भी पालन करते हुए अपने कार्य करने चाहिए ताकि हम वह हमारा परिवार सुरक्षित रह सके।



प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भोजावास पर दी गई 261 कोरोना रोधी वैक्सीन
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 कनीना। कनीना उपमंडल के गांव भोजावास स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कोविशील्ड 261 वैक्सीन चिभिन्न आयु वर्ग को दी गई। एचआई राजकुमार चौहान ने बताया कि विभिन्न आयु वर्ग के लोगों को कोरोनारोधी वैक्सीन दी गई हैं। जिनमें 45 प्लस को 42 तो 60 प्लस को 44 तथा 18 प्लस को 175 कोरोना रोधी वैक्सीन दी गई हैं।




कनीना निवासी फोरमैन सत्यवान सिंह की सेवानिवृत्ति पर कार्यक्रम आयोजित कर दी उन्हें विदाई
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कनीना। कनीना के 132 केवी पावर ग्रिड सब स्टेशन एचवीबीएनएल कार्यालय में कार्यरत कनीना निवासी फोरमैन सत्यवान सिंह की सेवानिवृत्ति पर कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें विदाई दी गई। निगम के जेई रामरतन शर्मा ने बताया कि फोरमैन सत्यवान 1982 में अस्थाई रूप से बुड़ौली से भर्ती हुए थे। उसके बाद 1993 में स्थायी हुए ओर रेवाड़ी में तबादला हुआ। उन्होंने 38 वर्ष के सेवाकाल में गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, नारनौल, रेवाड़ी व कनीना के बिजली घर में सेवाएं दी। वर्ष 2000 से पूर्व उनकी डयूटी सामान्यता बिजली के बड़े टावर लगाने व नए बिजली घर बनाने में रही है। कार्यक्रम के दौरान निगम के अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी मौके पर उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 8: फोरमैन सत्यवान सिंह की सेवानिवृत्ति पर आयोजित
कार्यक्रम में  उन्हें विदाई देते हुए विभाग के कर्मचारी।


दिनोंदिन भूमिगत जल गिरता ही जा रहा है
-अब रामगढ़ डिस्ट्रीब्यूट्री को सीमेंटेड करने की योजना
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में दिनोंदिन जल स्तर गिरता जा रहा है।वर्ष 2000 तक 10 से 15 मीटर गहराई पर पानी होता था वर्ष 2000 के बाद दिनोंदिन गिरता चला गया है। वर्तमान में 30 से 35 मीटर गहराई पर पानी पहुंच गया है। वर्ष 1995 में बाढ़ आने से 4 से 5 वर्ष तक इसका प्रभाव पड़ा और जलस्तर ठीक ठाक रहा किंतु तत्पश्चात लगातार गिरावट आ रही है। कस्बे के पास से दो नहर गुजर रही है जिनको रामपुरी और रामगढ़ डिस्ट्रीब्यूटर नाम से जाना जाता है। एक नहर कनीना मंडी से तो दूसरी गाहड़ा रोड़ से होकर गुजरती हैं। राामगढ़ डिस्ट्रीब्यूट्री जो गाहड़ा रोड़ को क्रास करते हुए गुजरती है को सीमेंटेड  बनाए जाने की योजना शुरू हो गई है ।जिसके चलते चिंता की रेखा किसानों के चेहरे पर नजर आने लगी है। यदि इस नहर को सीमेंटेड नहर बना दी गई तो जल का रिसाव नहीं हो पाएगा और फिर से पानी का स्तर और भी गहराई पर चला जाएगा। आज कल जो व्यक्ति नहर के आसपास जमीन को महंगा मानते हैं वह जमीन भी बंजर होती चली जाएगी। यदि इस योजना को सिरे चढ़ा दिया तो आने वाले समय में परिणाम गंभीर हो सकता है। ऐसे में अभी से ही सीमेंटेड नहर बनाए जाने का विरोध स्वर मुखरित होने लगा है। लोगों का कहना है कि भविष्य को देखते हुए इस नहर को सीमेंटेड नहीं किया जाना चाहिए। यहां ईंटों की बनी हुई नहर ही इस क्षेत्र के लिए कामयाब है ताकि कम से कम गिरता जलस्तर तो रुक सके । उधर  रामपुरी डिस्ट्रीब्यूट्री जो कनीना मंडी से होकर गुजरती है को कनीना मंडी क्षेत्र में करीब 1 किलोमीटर दूरी तक भूमिगत करने की योजना है लेकिन लोगों की मांग है कि इस नहर को पाइप द्वारा भूमिगत न करके भूमिगत नहर बनाकर काम लिया जाए जिससे कनीना मंडी के लोगों को पानी का लाभ मिल सके। लोगों का कहना है कि कनीना मंडी में वर्तमान में बेहतर पानी है जिसका कारण नहर का होना है। यदि नहर को भूमिगत  पाइपों द्वारा भूमिगत कर दिया जाएगा तो जल का रिसाव नहीं होगा और कनीना मंडी का पानी भी गहराई पर चला जाएगा। ऐसे में ऐसे में लोगों की मांग है कि पाइपों से भूमिगत नहीं करके भूमिगत नहर बनाई जाए ताकि पानी का रिसाव होता रहे और क्षेत्र के लोगों को भविष्य में पानी की समस्या न आए।



246 कोरोना रोधी वैक्सीन दी गई
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 कनीना। कनीना के उप-नागरिक अस्पताल में विभिन्न आयु वर्ग के लोगों को 246 वैक्सीन दी गई।
 विस्तृत जानकारी देते हुए धर्मेंद्र यादव एसएमओ तथा कंप्यूटर आपरेटर पवन कुमार ने बताया कि 230 कोविशील्ड तथा 16 को-वैक्सीन कोरोना रोधी वैक्सीन विभिन्न आयु वर्ग के लोगों को दी गई हैं।
कनीना क्षेत्र के रमेश कुमार, दिनेश कुमार ,महेश कुमार, सुखबीर सिंह आदि ने मांग की है कि कनीना में प्रतिदिन 200 को कोरोना रोधी वैक्सीन की बजाय 500 कोरोना रोधी वैक्सीन दी जाए क्योंकि क्षेत्र के लोगों की मांग अधिक है। उन्होंने खेद जताया कि भोजावास प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 300 तक कोरोना रोधी वैक्सीन दी जाती है जबकि कनीना जैसे उप नागरिक अस्पताल में महज 200 वैक्सीन दी जाती हैं।




कभी कोरोना रोधी वैक्सीन से डरते थे अब लगवाने के लिए लगती हैं लंबी लंबी कतारें
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 कनीना। कनीना के उप नागरिक अस्पताल में कभी कोरोना रोधी वैक्सीन लगाने के लिए निवेदन किया जाता था ताकि कोई व्यक्ति कोरोना रोधी वैक्सीन लें किंतु अब वैक्सीन लेने के लिए लंबी-लंबी कतारें जुटती है। प्रतिदिन करीब दो सौ के आसपास कोरोना रोधी वैक्सीन दी जाती है लेकिन कतार को देखकर लगता है कि पूरा ही कस्बा कनीना वैक्सीन लेने के लिए टूट पड़ा है।  वर्तमान में आनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करवाना पड़ता सीधे वैक्सीन दी जाती है। ऐसे में लोगों का रुझान बढ़ा है। हकीकत है कि कोरोना की दूसरी लहर में जितने लोगों की मौत हुई तत्पश्चात लोगों के समझ आया और आजकल हर व्यक्ति कोरोना वैक्सीन लेने के लिए दौड़ पड़ता है।
वैक्सीन लेना हुआ कठिन कार्य-
प्रमुख समाज सेवी एवं व्यापार मंडल बस स्टैंड के प्रधान महेश बोहरा ने कनीना अस्पताल में वैक्सीन ली। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का अंत वैक्सीन ही है लेकिन अब वैक्सीन मिल नहीं पा रही। अस्पताल में ज्यादा भीड़ रहती है लंबी-लंबी लाइनें लगती हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन कम मात्रा में आती है और कुछ ही देर में खत्म हो जाती है काफी लोगों को बार बार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। लाइन में लगे हुए कई लोगों ने बताया कि लगातार तीन दिन से आ रहे हैं और वैक्सीन नहीं लग पा रही है। कई बार तो ऐसा होता है कि जब वैक्सीन लेने का नंबर आता है तो वैक्सीन खत्म हो जाती है। श्री बोरा ने सरकार से मांग की है कि वैक्सीन की संख्या बढ़ाई जाए और लोगों से अपील की वैक्सीन लगवाने के लिए ज्यादा भाग दौड़  ना करें ।
फोटो कैप्शन 5: महेश बोहरा वैक्सीन लेते हुए।
           6: वैक्सीन के लिए कनीना उप नागरिक अस्पताल में कतार।


कोरोना जांच के लिए  लिये गये 55 सैंपल
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कनीना। कनीना उप नागरिक अस्पताल के डा जितेंद्र मोरवाल में बताया कि प्रतिदिन कोरोना जांच के लिए लिए जाने वाले सैंपलों की शृंखला में बुधवार को 55 सैंपल लिए गये।  55 सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे जिनकी रिपोर्ट 2 से 3 दिन में प्राप्त हो जाएगी।




पेयजल आपूर्ति बढ़ाने की मांग
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां ताप 45 डिग्री के आसपास पहुंच चुका है वही पर पेयजल की मांग बढ़ती ही जा रही है। क्षेत्र में जहां सुबह के वक्त पेयजल आपूर्ति की जाती है वह कम पड़ रही है। दोनों वक्त पेयजल आपूर्ति की मांग भी उठने लगी है। उल्लेखनीय है कि गर्मी के कारण उपभोक्ता पेयजल की मांग बढऩे के कारण जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा दो बार सुबह तथा पेयजल आपूर्ति की मांग कर रहे । वहीं पेयजल की मांग बढऩे से आरओ का जल सप्लाई करने वाले लोगों के वारे न्यारे हो गए हैं। पहले बस स्टैंड और अनाज मंडी में ही आरओ का जल सप्लाई होता था किंतु अब कनीना कस्बे में भी आरओ का जल सप्लाई हो रहा है वहीं कनीना के करीब आधा दर्जन पुराने नलकूपों का जल पीकर प्यास बुझाई जा रही है।
कनीना क्षेत्र में जहां अवैध नलों की भरमार होने के कारण तथा रातोंरात अपने स्तर पर नल कनेक्शन किए जाने के कारण भी जलापूर्ति कम पड़ रही है। जगह-जगह जल पाइप रिसाव कर रही है क्योंकि प्रशिक्षित व्यक्तियों द्वारा नल कनेक्शन नहीं दिए गए हैं। आलम यह है कि बिल भरने वाले लोग कम जल पीते हैं किंतु अवैध नल धारक अधिक जल को पी जाते हैं। कनीना कस्बे में अवैध नल धारकों की पहचान करके उनके विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की मांग उठ रही है।








सेवानिवृत्ति कार्यक्रम में गाए हुए थे हजारों रुपए की चोरी अज्ञात चोर कर ले गया
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 कनीना। कनीना के  रेलवे क्वार्टर में रह रहे जितेंद्र कुमार के घर से अज्ञात चोर आभूषण चोरी कर ले गया। कनीना पुलिस ने चोरी अज्ञात चोर के रूप चोरी का मामला दर्ज कर लिया है।
 जितेंद्र कुमार महेंद्रगढ़ निवासी ने कनीना पुलिस में शिकायत दी है कि वह 5 साल से अपने पिताजी के साथ रेलवे क्वार्टर में रह रहा है। 27 जून को उनके पिता की सेवानिवृत्ति का कार्यक्रम महेंद्रगढ़ किया हुआ था, परिवार के सभी सदस्य महेंद्रगढ़ गए हुए थे। 29 जून को जब क्वाटर कनीना में देखा तो गेट का ताला टूटा मिला। अंदर सामान चेक किया तो बेड के सिरहाने का ताला, अलमारी का ताला सब टूटे हुए थे। चार सोने की लोंग, दो सोने की अंगूठी,2 जोड़ी सोने के टापस, दो सोने की बाली, दो चांदी की अंगूठी, 3 जोड़ी चांदी पाजेब, एक चांदी का पेंडल चैन समेत, दो चांदी की चेन, 2 जोड़ी चांदी के कड़े बच्चे के, 2 जोड़ी हाथ के कड़े, दर्जनभर चांदी की चुटकियां, चांदी का रुपया आदि सब चोरी कर ले गया। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।



ईट भट्ठों  पर झुग्गियों में पहुंच कर चलाया दाखिला अभियान
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कनीना। हरियाणा सरकार द्वारा चलाए जा रहे सरकारी विद्यालयों में दाखिला अभियान के तहत राजकीय प्राथमिक पाठशाला खेडी ईट भट्ठाके शिक्षकों ने मुख्य शिक्षक चंदन सिंह यादव के नेतृत्व में दाखिला अभियान चलाया।  खेड़ी ईट भट्ठों  पर स्थित पाठशाला के शिक्षकों करतार सिंह ,मा. राजेश उन्हाणी ने झुग्गियों में जाकर दाखिला अभियान चलाकर विभिन्न प्रदेशों से मजदूरी के लिए आए हुए कामगारों के बच्चों का नामांकन किया और लोगों को जागरूक किया।
इस दौरान राजेश उन्हाणी ने बताया कि कोऱोना जैसी महामारी के कारण विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई आनलाइन ही हो रही है, इसलिए प्राइवेट स्कूलों में भारी भरकम फीस देना उचित नहीं है
मुख्य शिक्षक चंदन सिंह ने अभिभावकों से अपील की है कि कृपया अपने बच्चों के दाखिले  सरकारी विद्यालयों में कराए, और आर्थिक बोझ  व शोषण से बचें। इसके अलावा सभी अध्यापकों ने विद्यालय  समय के अतिरिक्त समय देकर गांव गांव में दाखिला अभियान चलाकर अपना सहयोग दिया है व विद्यालय में बच्चों की संख्या बढ़ाई है।
फोटो कैप्शन 9: ईट भट्ठों पर दाखिला अभियान चलाते शिक्षक।



हरियाणा में शि






क्षकों के खुले तबादले, खुशी
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 कनीना। हरियाणा में शिक्षकों के आनलाइन तबादले करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अभी तो तबादला चाहने वाले शिक्षकों से उनकी इच्छा मांगी गई है, तत्पश्चात आप्शन खोले जाएंगे।
विस्तृत जानकारी देते हुए शिक्षक नेता धर्मपाल ने बताया कि विगत 2 वर्षों के बाद ही तबादले खुले हैं। शिक्षक लंबे समय से तबादले खोले जाने का इंतजार कर रहे थे। अभी अपनी मनचाही स्थान पर जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि जल्दी शिक्षक अपने आप्शन भर पाएंगे और उनके तबादले जुलाई माह में होने की पूरी संभावना है।

Tuesday, June 29, 2021

 अब 1 दिन छोड़ 1 दिन मिलेगा पेयजल
-कनीना के वाटर टैंक में नहीं है पानी
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 कनीना। अब तो कनीनावासी  पेयजल के लिए भी तरस सकते हैं क्योंकि करीब एक महीने पहले नहर में पानी आया था जिसके चलते कनीना के बड़ी बणी में बने दो वाटर टैंक खाली होने को हैं। एक टैंक पूर्ण रूप से खाली हो चुका है तथा दूसरे में 4 से 5 फुट पानी बचा है। नहर में पानी न आने के चलते एक दिन छोड़ एक दिन पेयजल सप्लाई होगा। जेई
सुरेंद्र कुमार तथा पवन कुमार एसडीओ जन स्वास्थ्य विभाग ने बताया की पेयजल के लिए समस्या आई हुई है, पानी का अभाव है जिसके चलते एक दिन छोड़ 1 दिन पानी दिया जाएगा। उन्होंने कहा पानी को सावधानी से प्रयोग करें खराब न करें।





भोजावास में लगाई 15 को-वैक्सीन
-कनीना में बुधवार को सभी आयु वर्ग को लगेंगी डोज
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कनीना। कन्या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भोजावास पर मंगलवार को 15 को-वैक्सीन सभी आयु वर्ग के लोगों को दी गई। विस्तृत जानकारी देते हुए एचआई राजकुमार चौहान ने बताया कि 18 से 44 तथा 45 से 60 वर्ग के लोगों को ये 15 कोरोना रोधी डोज दी गई है। उधर कनीना में बुधवार को सभी आयु वर्ग को डोज लगेंगी।





सेवानिवृत्ति कार्यक्रम में गाए हुए थे हजारों रुपए की चोरी अज्ञात चोर कर ले गया
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कनीनाI कनीना के  रेलवे क्वार्टर में रह रहे जितेंद्र कुमार के घर से अज्ञात चोर आभूषण चोरी कर ले गया। कनीना पुलिस ने चोरी अज्ञात चोर के रूप चोरी का मामला दर्ज कर लिया है।
 जितेंद्र कुमार महेंद्रगढ़ निवासी ने कनीना पुलिस में शिकायत दी है कि वह 5 साल से अपने पिताजी के साथ रेलवे क्वार्टर में रह रहा है। 27 जून को उनके पिता की सेवानिवृत्ति का कार्यक्रम महेंद्रगढ़ किया हुआ था, परिवार के सभी सदस्य महेंद्रगढ़ गए हुए थे। 29 जून को जब क्वाटर कनीना में देखा तो गेट का ताला टूटा मिला। अंदर सामान चेक किया तो बेड के सिरहाने का ताला, अलमारी का ताला सब टूटे हुए थे। चार सोने की लोंग, दो सोने की अंगूठी,2 जोड़ी सोने के टापस, दो सोने की बाली, दो चांदी की अंगूठी, 3 जोड़ी चांदी पाजेब, एक चांदी का पेंडल चैन समेत, दो चांदी की चेन, 2 जोड़ी चांदी के कड़े बच्चे के, 2 जोड़ी हाथ के कड़े, दर्जनभर चांदी की चुटकियां, चांदी का रुपया आदि सब चोरी कर ले गया। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।




ईट भट्ठों  पर झुग्गियों में पहुंच कर चलाया दाखिला अभियान
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कनीना। हरियाणा सरकार द्वारा चलाए जा रहे सरकारी विद्यालयों में दाखिला अभियान के तहत राजकीय प्राथमिक पाठशाला खेडी ईट भट्ठाके शिक्षकों ने मुख्य शिक्षक चंदन सिंह यादव के नेतृत्व में दाखिला अभियान चलाया।  खेड़ी ईट भट्ठों  पर स्थित पाठशाला के शिक्षकों करतार सिंह ,मा. राजेश उन्हाणी ने झुग्गियों में जाकर दाखिला अभियान चलाकर विभिन्न प्रदेशों से मजदूरी के लिए आए हुए कामगारों के बच्चों का नामांकन किया और लोगों को जागरूक किया।
इस दौरान राजेश उन्हाणी ने बताया कि कोऱोना जैसी महामारी के कारण विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई आनलाइन ही हो रही है, इसलिए प्राइवेट स्कूलों में भारी भरकम फीस देना उचित नहीं है
मुख्य शिक्षक चंदन सिंह ने अभिभावकों से अपील की है कि कृपया अपने बच्चों के दाखिले  सरकारी विद्यालयों में कराए, और आर्थिक बोझ  व शोषण से बचें। इसके अलावा सभी अध्यापकों ने विद्यालय  समय के अतिरिक्त समय देकर गांव गांव में दाखिला अभियान चलाकर अपना सहयोग दिया है व विद्यालय में बच्चों की संख्या बढ़ाई है।
फोटो कैप्शन 9: ईट भट्ठों पर दाखिला अभियान चलाते शिक्षक।




हरियाणा में शिक्षकों के खुले तबादले, खुशी
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 कनीना। हरियाणा में शिक्षकों के आनलाइन तबादले करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अभी तो तबादला चाहने वाले शिक्षकों से उनकी इच्छा मांगी गई है, तत्पश्चात आप्शन खोले जाएंगे।
विस्तृत जानकारी देते हुए शिक्षक नेता धर्मपाल ने बताया कि विगत 2 वर्षों के बाद ही तबादले खुले हैं। शिक्षक लंबे समय से तबादले खोले जाने का इंतजार कर रहे थे। अभी अपनी मनचाही स्थान पर जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि जल्दी शिक्षक अपने आप्शन भर पाएंगे और उनके तबादले जुलाई माह में होने की पूरी संभावना है।



भीषण गर्मी पडऩे से पशु पालक परेशान
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कनीना। भीषण गर्मी पडऩे के साथ साथ अब लू चल रही हैं। दिन के समय घर से बाहर निकल पाना कठिन हो गया है। गर्मी में पेयजल एवं पशुओं के लिए जल की समस्या बढ़ रही है। पशु पालक बेहद परेशान हैं। दूध देने वाले पशु गर्मी के चलते कम दूध दे रहे हैं।
   पशुओं को भी गर्मी से बचाना जरूरी है ताकि पशुओं के दूध  में गिरावट न आए। पशुओं में गर्मी भी बढ़ रही है जिसे दूर करने के लिए देशी औषधियां अधिक कारगर होती हैं।
हरियाणा में भीषण गर्मी का दौर चल रहा है तापमान अधिक हो चुका है। जिसके चलते इंसान और पशु काफी तकलीफ में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
   पशु चिकित्सकों के अनुसार गर्मी की वजह से पशुओं का दूध उत्पादन काफी कम हो गया है साथ ही पशुओं में गर्मी से होने वाले रोगों का काफी इजाफा हुआ है जिसके चलते किसान अपने पशुओं को दिन में कई कई बार नहला रहे हैं।  जिससे पानी का दुरुपयोग हो रहा है।अच्छा दाना चारा कैल्शियम विटामिन मिनरल मिक्चर खिला रहे हैं। सूखा चारा और फीड के भाव में काफी इजाफा हुआ है साथ ही इन भारी-भरकम दवाइयों के खर्चे से किसान की पशुओं  से आमदनी कम होती जा रही है।
ऐसे बचाएं रोगों से एवं गर्मी से-
 इस बारे में कनीना के पशु वैद्य विक्की पंसारी का कहना है कि गर्मी से बचाने वाले पेड़ पौधे और फल बेल फल लेसवा आंवला, कैरी गुलाब सौंफ जो लोध गोखरू वाली घास,पोदीना, छुईमुई, दूधी धनिया,पालक मेहंदी गोंदिया, निंबू, तरबूज इसबगोल मुल्तानी मिट्टी शीशम पेड़ पौधों का प्रयोग करना चाहिए। उनका कहना है कि सोहजना पेड़ की पत्तियों से पशुओं को चारे के रूप में खिलाने से दूध की मात्रा में काफी इजाफा होता है। अगर किसान इस तरह के प्रयोग अपने पशुओं पर प्रयोग करें।


57 सेकेंड डोज दी गई तथा 46 सैंपल लिए गये
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संवाद सहयोगी,कनीना। कनीना उप नागरिक अस्पताल में मंगलवार को केवल सेकेंड डोज को-वैक्सीन की दी गई। विस्तृत जानकारी देते हुए डा धर्मेंद्र यादव एसएमओ तथा कंप्यूटर आपरेटर पवन कुमार ने बताया की मंगलवार को सभी आयु वर्ग के लोगों को 57 डोज दी गई है
46 सैंपल लिए -
उधर जितेंद्र मोरवाल में बताया कि प्रतिदिन कोरोना जांच के लिए लिए जाने वाले सैंपलों की शृंखला में मंगलवार को 46 सैंपल लिए गये जिनमें से 38 सैंपल आरटीपीसीआर के तथा 8 सैंपल रैपिड लिए गए। रेपिड सैंपल की रिपोर्ट तुरंत आ गई है जबकि 38 सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे जिनकी रिपोर्ट 2 से 3 दिन में प्राप्त हो जाएगी।




जून माह में हुई कम बारिश, नहीं हो पाई बिजाई
-बारिश का है इंतजार
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 कनीना। जून माह में कनीना क्षेत्र में अब तक 25 एमएम बारिश ही हो पाई है जिसके चलते अभी तक बिजाई का कार्य रुका हुआ है। किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं।
वर्ष 2019 जून माह में 70 एमएम बारिश हुई थी। इस बार जून माह में बारिश कम होने से किसान परेशान नजर आ रहे हैं। किसानों को बेसब्री से बारिश होने का इंतजार है।
 उल्लेखनीय है कि कनीना खंड के कुछ गांवों में अच्छी बारिश हुई है जिसके चलते किसानों ने खरीफ फसल बाजरे की बिजाई कर दी है। कनीना खंड के किसान भी बारिश का इंतजार कर रहे हैं। कनीना की बावनी भूमि अर्थात 52000 हेक्टेयर के रूप में जानी जाती है। यहां किसान बारिश के समय में खरीफ फसल की बिजाई करता है। यद्यपि खरीफ फसल अनाज के लिए कम तथा फोडर के लिए अधिक उगाई जाती है। विगत वर्ष से बाजरे की सरकारी खरीद होने से किसान बाजरे की बिक्री करने के लिए उत्साहित नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि बेहतर बाजरे का बीज तथा खाद किसानों ने पहले से ही घरों में रखा हुआ है ताकि बारिश होते ही बिजाई की जा सके। अभी तक भीषण गर्मी पड़ रही है, तापमान 40 डिग्री से अधिक रहता है। पेड़ पौधे भी सूख चले हैं, कभी कभार इक्का-दुक्का बूंद आती है और बादल बिना बरसे गुजर जाते हैं। ऐसे में जब तक अच्छी बारिश नहीं होती किसान परेशान नजर आएंगे। मजबूरन किसान अपने खेतों में फव्वारों से सिंचाईकर रहे हैं ताकि फसल को सूखने से बचाया जा सके।
फोटो कैप्शन 8:खेतों की सिंचाई करते किसान।



विफल हो गए हैं कूलर व एसी
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 कनीना। एक बार फिर से आसमान से आग बरसने लगी है। कूलर एवं एसी भी फेल हो गए हैं।  अभी तक जून माह में कुल 25 एमएम बारिश हुई है।
  क्षेत्र में भीषण गर्मी पड़ रही है। पंखे तो गर्मी में और गर्मी बढ़ा रहे हैं वहीं कूलर एवं एसी लगते हैं कि फेल हो गए हैं। कहावत है-मरता क्या न करता। गर्मी में मरते हुए जन आखिरकार कूलरों की ओर दौड़ रहे हैं। कूलर विक्रेता भीम सिंह ने बताया कि जब तक गर्मी पड़ती रहेगी तब कलरों की बिक्री जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन कूलर खरीदने वाले आ रहे हैं और कूलर खरीद रहे हैं। उधर दुकानों में लगे हुए एसी भी निष्काम हो गए हैं। पता ही नहीं चलता कि कूलर या एसी चल रहे हैं।
  किसान गर्मी से राहत पाने के लिए तथा आगामी फसल को बचाने के लिए बारिश का इंतजार कर रहे हैं। गर्मी इतनी अधिक पड़ रही है कि गमलों के पौधे भी सूख गए हैं।




नहर में डाल रहे हैं गंदा पानी
- नहरी पानी पर आश्रित हैं कनीनावासी
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 कनीना। रामपुरी नहर में लोग नालियों का गंदा जल डाल रहे हैं वहीं सीवर का गंदा जल भी मिल रहा है। इस जल को साफ करके कनीनावसी पी रह हैं। नहर में गंदा पानी डालने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
कस्बा कनीना में पेयजल के लिए जहां वाटर सप्लाई केंद्र से जलापूर्ति हो रहा है वही विभिन्न नलकूपों से जल सप्लाई किया जा रहा है। साथ में नहर के पानी को साफ करके करीब आधे कनीना को सप्लाई किया जा रहा है। नहरी पानी जब आता है उससे पहले नहर में गंदा पानी भरा खड़ा मिलता है। यह गंदा पानी आसपास के घरों से नालियों द्वारा डाला जा रहा है।
 कनीना अनाज मंडी से गुजरने वाली रामपुरी नहर में कम से कम 20 घरों की नालियां सीधे गंदा पानी डाल रही हैं। यही नहीं घरों का गंदा पानी निकासी के लिए सिविल लाइन बिछाई गई है किंतु इसे नहर के पास आधा अधूरा छोड़ दिया है। नहर के दूसरी ओर तक नहीं पहुंचाया गया है जिसके चलते नहर में गंदा पानी जमा हो जाता है। वैसे भी इस नहर में भारी मात्रा में गंदगी भरी होती है। पेड़-पौधे, कूड़ा कचरा, मल मूत्र सब कुछ इसी नहर में डाल दिया जाता है। जब नहर में पानी आता है तो यह पानी सारे कूड़े कचरे को बहाकर स्टोर में ले जाता है। स्टोर गौशाला के पास स्थित है जहां से इस पानी को साफ करके सप्लाई किया जाता है किंतु इस प्रकार में गंदगी बहाना उपभोक्ताओं के गले से नहीं उतर रहा है।
 समाजसेवी मुकेश नंबरदार, दिनेश कुमार, राम सिंह, भीम सिंह, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कनीना अनाज मंडी शहर से रामपुरी नहर गुजरती है। नहर के पास घरों का गंदा जल नालियों से नहर में आकर गिरता है। वहीं पास में कुरडिय़ां डाली हुई है जिसकी गंदगी भी नहर में गिरती है। वैसे भी पेड़ पौधों से अटी रहती है। जब नहर में पानी आता है तो पानी सारी गंदगी को बहाकर वाटर टैंक में जमा कर देता है। टैंक से पानी को साफ करके सप्लाई किया जाता है। लोगों की मांग है कि नहर में गिरने वाली घरों की नालियां बंद करवाई जाए तथा उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए, कूड़े के ढेर नहर से दूर करवाए जाए तथा नहर के अंदर खड़े पेड़ पौधों को साफ करके
बेहतर जल लोगों को सप्लाई किया जाए।
 फोटो कैप्शन 1: नहर में गिरा हुआ नालियों का गंदा जल।


      समस्या बन रहा है पोलीथिन
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 कनीना। पोलीथिन समस्या बनता जा रहा है। वर्षों तक भी पोलीथिन धरती से नष्ट नहीं होती हैं और जोहड़, तालाब, नहर एवं पानी के अन्य स्रोतों को तो खराब करती ही हैं वहीं गायों की मौत एवं वायु प्रदूषण में इनका अहं योगदान रहा है।
  एक अनुमान के अनुसार पूरे देश में प्रति व्यक्ति पोलीथिन प्रयोग करने की क्षमता बढ़कर करीब 3.5 किग्रा पहुंच चुकी है। विगत दो दशकों में तो इसका प्रयोग बढ़ता ही जा रहा है। सूक्ष्म जीव खाकर इनको मिट्टी का अवयव नहीं बना सकते हैं और ऐसे में समस्या बनकर उभर रही हैं। सरकार ने जन जागरूकता का अभियान छेड़ा गांवों और शहरों में दुकानदारों पर जुर्माना किया गया किंतु आंशिक सफलता से अधिक कुछ नहीं हुआ।
सामान्यत: एक दुकानदार से चलकर यह घर के कूड़े कचरे से होता हुआ पानी तक चला जाता है। यहां तक की नहरों एवं बारिश के द्वारा बहकर समुद्रों तक चला जाता है। समुद्री जीवों के लिए तथा धरती पर पड़ा होने पर मुख्यत: गायों के पेट में जाकर उनके पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाता है। मौत का कारण भी बनता है। गांवों के जोहड़, खेतों में पुराने घरों में, कुरडी में तथा घरों के आस पास बस बहुरंगी पोलीथिन ही दिखाई पड़ती है। प्रशासन कभी कभार पोलीथिन रोकने के लिए अभियान चलाता है किंतु फिर चुप्पी साध लेता है।
पोलीथिन प्रयोग करने के पीछे सामान खरीद कर लाने वालों का आलस्य प्रमुख रूप से काम करता है। आसानी से उपलब्ध एवं वजन में सबसे हल्की होने के कारण इसका प्रयोग बढ़ता ही जा रहा है। सब्जी हो या घरेलू सामान, पानी हो या भोजन के पैकेट, मिठाई हो या अन्य सामान बस पोलीथिन ही प्रयोग किया जाता है। शौच को जाने वाले बोतल की बजाय इसे ही प्रयोग करने लग गए।
पर्यावरण को बचाने के लिए मुहिम छेडऩे वाले रवींद्र कुमार का कहना है कि ये पोलीथिन जलाने से वायु बहुत अधिक दूषित होती है और कार्बन डाइआक्साइड बढ़ जाती है वहीं धरती पर सैकड़ों वर्षों तक पड़ी रहकर भी नही गल पाती वहीं पानी में सैकड़ों वर्षों तक भी नहीं गल पाती है। प्रतिवर्ष हजारों गाए भारत में इनको खाने से मर जाती हैं। । एकमात्र सूझबूझ से काम लेने व जागरूकता से ही इनका प्रयोग धीरे-धीरे कम किया जा सकता है। उपभोक्ताओं का कहना है कि सरकार ने कोई ठोस कदम इस क्षेत्र में नहीं उठाए हैं। अगर पोलीथिन की फैक्ट्रियों पर ही प्रतिबंध लगा दिया जाए तो कैसे इनका प्रचलन होगा।




गर्मियों में बेहतर पेय बन रहा है राबड़ी
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 कनीना। क्षेत्र में जहां भीषण गर्मी पड़ रही है वहीं ताप 40 डिग्री पर पहुंच गया है। ऐसे में जहां ग्रामीण क्षेत्र के लोग पेयजल के अतिरिक्त सबसे अधिक राबड़ी का प्रयोग कर रहे हैं। उन्हें गर्मी से ही नहीं बचाती बल्कि शरीर को ठंडक पहुंचाती है। पुराने समय से बुजुर्ग घर पर राबड़ी तैयार करते थे और उसका दिनभर सेवन करते थे ताकि गर्मी और लू से बचा जा सके।
राबड़ी जौ का आटा, प्याज, बेशन, लस्सी से बनने वाला गर्मियों का ग्रामीण क्षेत्र का बेहतर टानिक है जिसे लस्सी में घोल कर ग्रामीण क्षेत्र के लोग पीते हैं। अब तो राबड़ी दुकानों पर बिक्री के लिए भी उपलब्ध हो गई है।
आरएस दहिया (62) धनौंदा का कहना है कि उन्हें राबड़ी बहुत पसंद है। वह मोची का कार्य करते हैं किंतु अपने साथ दोपहर में प्रयोग करने के लिए राबड़ी लेकर आते हैं। राबड़ी गर्मी से उन्हें बचाती है अपितु पेयजल की पूर्ति करती है। उनका कहना है कि उनके पूर्वज भी प्रयोग करते थे जिसके जिनसे सीखकर वे भी इसका उपयोग कर रहे हैं।
राजेंद्र सिंह (65) वर्ष का कहना है सुबह खाने में तथा दोपहर के खाने में राबड़ी का जरूर उपयोग करते हैं। राबड़ी उनके लिए टॉनिक का कार्य कर रही है। उनका कहना है कि बेशक उन्हें कोई चीज खाने पीने के लिए मिले या न मिले किंतु राबड़ी पीकर उनको प्रसन्नता होती है। गर्मी एवं लू ये बचाती है वहीं नींद अच्छी आती है ताकि वे 2 घंटे  विश्राम कर सके। उनका कहना है कि वे किसान है दिनभर खेतों में काम करना पड़ता है या अन्य कोई कार्य करना पड़ता है तो उन्हें दोपहर के बेहतर नींद पाने के लिए राबड़ी प्रयोग करनी पड़ती है। लोग अक्सर डॉक्टर नाम से जानते हैं और लोगों की सेवा करते आ रहे हैं।
भडफ़ के सुरेश कुमार(57) साइकिल स्टोर चलाते हैं। उनका कहना है कि उन्हें राबड़ी बेहद पसंद है। पूर्वज भी बताते थे कि राबड़ी से बेहतर कोई टॉनिक नहीं है। ठंडा, चाय आदि की जगह राबड़ी पीनी चाहिए जो सेहत के लिए लाभकारी है वहीं गर्मी से बचाती है। राबड़ी पीने से जहां भूख शांत हो जाती है वही गर्मी में शरीर के लिए ठंडक प्रदान करती है और वे दिनभर प्रसन्न रहते हैं।   
        महेश बोहरा(42)का कहना है कि वे सुबह राबड़ी पीते हैं। । वे बीज भंडार का कार्य कर रहे हैं और उनका कहना है कि जब तक राबड़ी नहीं पी लेते तब तक उनके मन को तसल्ली नहीं होती। प्याज, बेसन, जौ का आटा लस्सी आदि से  बनी राबड़ी दूसरे साथियों को भी पिलाते हैं। उनका कहना है कि पूर्वजों ने जिस चीज का सबसे अधिक उपयोग गर्मी भगाने के लिए किया था वे भी उसका उपयोग कर रहे हैं।
वैद्य बालकिशन एवं श्रीकिशन का कहना है कि राबड़ी पीने से बीपी,शुगर,हृदयघात रोगों में लाभ होता है वहीं लू, गर्मी से बचाती है तथा नींद लाने में शुद्ध शाकाहार पेय है।  
फोटो कैप्शन : राजेंद्र सिंह, आरएस दहिया, सुरेश कुमार, महेश कुमार।


आर्गेनिक खेती में निभा रहे हैं अहम भूमिका
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में कई ऐसे किसान हंै जिन्होंने आर्गेनिक खेती की जोत जला रखी है जथा पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए अहम भूमिका निभाई है। वे अपने मिशन में निरंतर अग्रसर है। वे आर्गेनिक सब्जियां, फल एवं अन्न उपजा रहे हैं।
 अजीत कुमार कनीना अपने ट्यूबवेल पर रहने वाले अजीत कुमार पेड़ पौधों के मित्र कहलाते हैं। उन्होंने फलदार, फूलदार तथा छायादार पौधे लगाकर क्षेत्र हरा-भरा बना रखा है। उनका ट्यूबवेल पेड़ पौधों के कारण आकर्षण का केंद्र है। गजराज सिंह मोड़ी को हरियाणा सरकार ने सम्मानित किया हुआ है। उन्होंने किन्नू का बाग भी लगाया है वही विभिन्न फलदार पौधे ट्यूबवेल पर लगाकर लोगों को प्रेरणा दे रहे हैं। कृषि क्षेत्र में भी वे आर्गेनिक खेती कर रहे हैं। वर्षा का जल संरक्षित कर रहे हैं।
 किसान महावीर करीरा नेे आर्गेनिक नींबू, बेरी, लेहसवा आदि के बाग लगा रखे हैं। वे केंचुआ खाद बनाने में अग्रणी है और सरकार द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। पर्यावरण को बचाने में पेड़ पौधे, फलदार, फूलदार पौधे लगाने के अतिरिक्त उर्वरकों से भूमि को बचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
राजेंद्र सिंह जिन्हें लोग डाक्टर नाम से पुकारते हैं, केंचुआ खाद बनाने में, आम, नींबू, अमरूद, अंगूर आदि के पौधे लगाने में अहम योगदान दिया है। वे  आर्गेनिक सब्जियां एवं फल उगाने में माहिर हैं। जंगली जीवों को बचाने के लिए कार्यक्रम चलाते हैं। अपने ट्यूबवेल पर आर्गेनिक खेती करते हैं। अभ्यारण्य खोलना चाहते हैं। राजेंद्र सिंह के भाई सूबे सिंह है। दोनों भाइयों की जोड़ी पर्यावरण बचाने की मिसाल है। वे भी देसी फल सब्जियां उगाकर लोगों को प्रेरणा दे रहे हैं।  रविंद्र कुमार पूर्व शिक्षक कनीना सभी पर्वों पर खर्च की जाने वाली राशि पेड़ों पर खर्च करके महकता हुआ किचन गार्डन बना रखा है। वे केंचुआ खाद प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने 300 चीकू के पेड़, मौसमी, नींबू, आंवला जामुन आदि उगाकर क्षेत्र में नाम कमाया है। सेवानिवृत्ति के बाद पेड़ पौधों की रक्षा का एक ही ध्येय लेकर चल रहे हैं।
 मोड़ी की कांता एवं अजय ने अपने खेत में आर्गेनिक बैंगन, लौकी तथा कुछ अन्य सब्जियां उगा रखी हैं। वे दिन रात दूसरों को प्रेरणा दे रहे हैं कि आर्गेनिक फल, सब्जियां एवं अन्न खाने से रोगों से बचा जा सकता है। विगत वर्ष उन्होंने आर्गेनिक गेहूं उगाकर नाम कमाया था।
फोटो कैप्शन 2 : आर्गेनिक लौकी दिखाते हुए कांता।



विश्वशांति के लिए धनौंदा में आयोजित हुआ यज्ञ
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कनीना। जिला के गांव धनौन्दा स्थित संत चंदन गिरी आश्रम में लोक कल्याण और विश्व शांति के लिए यज्ञ व भंडारा आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि समाजसेवी ठाकुर अतरलाल एडवोकेट के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं एवं ग्रामीणों ने यज्ञ में आहुति भेंट कर समाज में समरसता, लोक कल्याण व भाईचारा संवर्धन की कामना की। यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य घनश्याम शास्त्री थे।
  यज्ञोपरांत श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए अतरलाल ने कहा यज्ञ और भंडारा भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। इनके आयोजन से मनोकामनाएं सिद्ध होती हैं और व्यक्ति, समाज तथा राष्ट्र खुशहाल बनता है। यज्ञ से पर्यावरण शुद्ध होता है। भंडारा से भाईचारा बढ़ता है। समाज में समरसता आती है। संत चंदन गिरी ने आश्रम में यज्ञ व भंडारा आयोजित करने के लिए सभी श्रद्धालुओं का धन्यवाद करते हुए यज्ञ रूप प्रभु से समाज में समृद्धि, खुशहाली तथा शांति देने की प्रार्थना की। युवाओं ने पौधों में पानी डालकर भंडारे का शुभारंभ किया। हजारों लोगों ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर घनश्याम शास्त्री, जगत सिंह, सुजान नम्बरदार, कमल सिंह, डी.पी. यादव, बाबूलाल, अजीत सिंह, नत्थूराम, सुभाष, लालाराम, बंटी, मोहित, दीपक, छोटू, पंकज, राजबीर गौड़, कैलाश सेठ, करण, अमित, लखन, मोनू, कपिल, रविदत, रोहित, नीरज, नीतिन, रविन, सुनील, उधम सिंह, आदि सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 5:  श्रद्धालुओं के साथ यज्ञ में आहुति प्रदान करते मुख्य अतिथि ठाकुर अतरलाल एडवोकेट।
 
हुकूमत की नाका












मी या ठेकेदार की मनमानी
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कनीना। ग्रीन कॉरिडोर के नाम से बन रहे एन-एच 152-डी नेशनल हाई -वे के निर्माण कार्य के बदौलत अनेक गांवों से निकलने वाले छोटे-छोटे सड़क पूरी तरह से क्षत-विक्षत हो गए हैं। इस हाई-वे के निर्माण कार्य के दौरान प्रखंड कनीना के गांव मुडायन से महेंद्रगढ़ को जाने वाले सड़क को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। इस मार्ग पर जाने से  ऐसा प्रतीत होता है कि यहाँ कभी सड़क का नामोनिशान ही नहीं रहा हो। सड़क पूरी तरह टूटकर कच्चे रास्ते में तब्दील हो चुका है। मुडायन से सुरजनवास तक गाड़ी निकालना तो दूर पैदल चलना भी दुष्कर हो रहा है, यह सड़क पूर्णतया गड्ढों में बदल चुका है। बरसात के मौसम में इस रास्ते से गुजरना न केवल मुश्किल होगा बल्कि खतरों को आमंत्रण देना भी होगा। विवेक सिंह चेयरमैन, जितेंद्र सरपंच, सुमेर सिंह, प्रवीण कुमार व राम कुमार आदि ग्रामीणों का कहना है कि सड़क को तोडऩे की जिम्मेदारी प्रत्यक्ष रूप से ठेकेदार की है क्योंकि हाई-वे निर्माण के दौरान बड़ी संख्या में डंफर और ट्रैक्टरों से रेत उठाया गया है जिसके चलते यह सड़क पूरी तरह से टूट कर कच्चे रास्ते में तब्दील हो चुका है। इस तरफ या तो प्रशासन का ध्यान नहीं है या फिर शासन की नाकामी है। मुडायन और सुरजनवास के नवीन कुमार, दिनेश कुमार, प्रमोद कुमार तथा देवेंद्र आदि ग्रामीणों का संयुक्त रूप से कहना है कि ठेकेदार द्वारा हाई-वे का निर्माण कार्य पूरा होते ही इस सड़क को नये सिरे से बनाया जाए अन्यथा हमें आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा।
फोटो कैप्शन 6: मुडायन के पास जर्जर सड़क मार्ग।

Monday, June 28, 2021

 गली के पानी निकासी को लेकर लिखा पत्र
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कनीना। खेड़ी के पूर्व सरपंच एवं  गुरु रविदास विश्व महापीठ के हरियाणा प्रदेश मंत्री  चौधरी रामनिवास खेड़ी ने गांव खेड़ी में पिछले कई दिनों से खेड़ी बस स्टैंड  बजरंग की दुकान से मनोज  के मकान के बीच में गांव में जाने वाली दोनों मुख्य गलियों व पीडब्ल्यूडी रोड़ पर खड़े गंदे पानी खाली कराने व गांव की गलियों की नालियों के गंदे पानी की व वर्षांत के पानी निकासी के लिए सुचारु रूप से व्यवस्था कराने के लिए जिला प्रशासन एवं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनेाहरलाल खट्टर, अटेली हलका के विधायक सीताराम यादव एवं  भिवानी-महेंद्रगढ़  लोकसभा क्षेत्र के सांसद चौ धर्मवीर से इस समस्याका निदान करवाने की मांग की है।  इस समस्या का तत्काल का निदान कराने के लिए पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा है कि लंबे समय से यह समस्या चली आ रही है।
फोटो कैप्शन 8: खेड़ी में गली में भरा गंदा पानी।




234 कोवि शील्ड तथा 37 को-वैक्सीन दी गई
 मंगलवार को केवल दूसरी डोज/वैक्सीन की दी जाएगी
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कनीना कनीना के उप नागरिक अस्पताल में 234 कोवि शील्ड तथा 37 को-वैक्सीन 18 से 44 तक सभी आयु वर्ग के लोगों को दी गई विस्तृत जानकारी देते हुए ऐसे में डॉ धर्मेंद्र यादव तथा कंप्यूटर ऑपरेटर पवन कुमार ने बताया मंगलवार को केवल दूसरी डोज/वैक्सीन की दी जाएगी
भोजावास में लगाई 246 कवि सिंह तथा 15 को वैक्सीन संवाद उधर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भोजावास के एच आई राजकुमार ने बताया कि सोमवार को 146 कोरोनावायरस कवि शील्ड की सभी आयु वर्ग को दी गई जबकि सभी आयु वर्ग को 15 को वैक्सीन की दवा दी गई
146 कोरोनावायरस कवि शील्ड की सभी आयु वर्ग को दी गई जबकि सभी आयु वर्ग को 15 को वैक्सीन की दवा दी गई दोस्ती गई



अचानक वाहनों से भरी सड़क पर गिरा कीकर का पेड़
-पूर्व शिक्षक वीरेंद्र सिंह हादसे में बाल बाल बचा
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 कनीना। कनीना से रेवाड़ी मोड़ से थोड़ा आगे मुकेश नंबरदार की दुकान के पास मुख्य सड़क मार्ग पर अचानक दिन के समय एक बड़ा कीकर का पेड़ सड़क के बीचो बीच गिर गया। कुछ पल पहले वीरेंद्र सिंह पूर्व शिक्षक जैनाबाद डहीना इसकी छाया में अपने परिचित से फोन पर बातें कर रहा था, जब कुछ पेड़ से आवाज सुनाई दी तो उसने अपनी बाइक को थोड़ा सा आगे किया और तुरंत पेड़ गिर गया। घबराते हुए वीरेंद्र सिंह ने बताया कि सौभाग्य था इस हादसे में बच गया। उधर इसी पेड़ का आधा भाग विगत दिनों अंधड़ के अंदर के कारण गिर गया था जिसने टाइल तथा पत्थर बेचने वाले पास के दुकानदार को भारी क्षति पहुंचाई थी। उसके अनेको पत्थर और टाइल आदि टूट गए थे।
 पेड़ के गिरने से जहां करीब 2 घंटों
 तक वाहनों को इधर उधर से घुमाकर रेवाड़ी या कनीना बस स्टैंड तक पहुंचाया गया। तत्पश्चात क्षेत्र के कुछ युवाओं ने कुछ
हनियां पड़े हुए पेड़ की काटकर आवागमन सुचारू किया परंतु समाचार लिखे जाने तक पेड़ सड़क के बीचो-बीच पड़ा हुआ था। कोई अधिकारी इसको हटाने के लिए मौके पर नहीं पहुंचा। क्षेत्र के लोगों ने रोष जताया कि जो पेड़ जर्जर हो रहे हैं उनको सड़क किनारे से हटवा आना चाहिए नहीं तो बड़ा हादसा
हो सकता है।
 फोटो कैप्शन 6: रेवाड़ी सड़क मार्ग पर पड़ा हुआ बड़ा कीकर का पेड़।


कनीना से दिल्ली के लिए जल्दी सुबह बस चलाने की मांग
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कनीना। कनीना से दिल्ली एवं गुडग़ांव जाने के लिए यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है चूंकि वर्तमान में जल्दी सुबह कोई बस कनीना से रवाना नहीं होती। कोरोना काल से पहले सुबह करीब 4:30 बजे एक बार गुरुग्राम एवं दिल्ली के लिए चलती थी जो मार्च 2020 से लाकडाउन चलने के कारण बंद है। वर्तमान में करीब पांच बजे के पश्चात ही रेवाड़ी के लिए बस उपलब्ध हो पाती है। यात्रियों विशेषकर कर्मियों दिल्ली ,गुरुग्राम बावल तथा अन्य दूरदराज क्षेत्रों में जाना पड़ता है। इन कर्मचारियों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। कनीना क्षेत्र के नवीन कुमार, पंकज एडवोकेट ,अजीत सिंह, प्रदीप यादव जितेंद्र भारद्वाज 30 जांगड़ा कहां सिंह संदीप यादव विजय यादव सुमेर सिंह रामचंद्र यादव, हंसराज यादव मांग की है कि कनीना से हरियाणा रोडवेज की बस रेवाड़ी, गुडगांव ,दिल्ली आदि के लिए जल्दी सुबह चलाई जाये। उन्होंने कहा कि जल्दी सुबह बस की जरूरत होती है और यात्री परेशान रहते हैं।
 फोटो कैप्शन 7: हरियाणा रोडवेज की बस जो रेवाडी जाती है।



धनौंदा के पास एक व्यक्ति गांजा बेचता गिरफ्तार किया
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संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना पुलिस को सूचना मिली कि भगवान सिंह उर्फ जयभगवान धनौंदाअपने मकान के सामने छितरौली रोड पर आने जाने वाले राहगीरों को गांजा बेच रहा है। पालिथीन में गांजा लिए हुए हैं, यदि तुरंत कार्रवाई की जाए तो काबू किया जा सकता है। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची, एक व्यक्ति खड़ा मिला जिनके हाथ में पालीथिन थी। उन्हें उनकी तलाशी का नोटिस देकर तहसीलदार  नवजीत कौर बराड़ की उपस्थिति में झाड़ा लिया जिसके चलते उनके हाथ से प्राप्त पालीथिन से करीब 900 ग्राम गांजा बरामद किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।



कंपनी ने स्कूल कैंपस में लगाये फलदार पौधे
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कनीना। राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल कनीना में यूपीएल एडवांटा सीड्स कंपनी के द्वारा फलदार पौधे लगाए गए जिसमें अमरूद,किन्नू, नींबू के पौधे लगाए गए इस कंपनी का कार्य क्षेत्र जिला रेवाड़ी तथा जिला महेंद्रगढ़ है। कंपनी बीज तैयार करवाने का कार्य करती है। इस अवसर पर कंपनी की तरफ से नवीन कुमार सीहोर तथा मुकेश कुमार सीहोर उपस्थित रहे। विद्यालय परिवार की तरफ से प्राचार्य सत्यपाल, रमन शास्त्री, मदन लाल शास्त्री, सुनील कुमार, श्रीराम, ताराचंद, श्रीभगवान, सोमनाथ, अमृत सिंह विशेष शिक्षक एवं  ईश्वर सिंह आदि मौजूद रहे।
इस मौके पर शिक्षकों ने न केवल पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी ली अपितु कैंपस में पौधे लगाकर हरा भरा बनाने का संकल्प लिया।
फोटो कैप्शन 5: कनीना स्कूल कैंपस में पौधारोपण करते हुए प्राचार्य एवं शिक्षक।



बस थोड़ा सा और दम - कोरोना से जीत रहे हैं हम-सूर्यकांत
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कनीना। कोरोना का कहर अब थमता जा रहा है। पुरुषार्थी मनुष्य की संयमित लड़ाई इस विपदा पर विजय हासिल कर रही है। शहर एवं गांवों की स्थिति में उत्तरोत्तर सुधार हो रहा है। निश्चित रूप से इस बुरी परिस्थिति से निपटने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग की सक्रिय भागीदारी रही है। ये विचार मनोवैज्ञानिक सूर्यकान्त यादव प्राध्यापक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान महेंद्रगढ़ ने व्यक्त किये।
  उन्होंने कहा कि बस अब आवश्यकता है अपने मनोबल को सुदृढ़ बनाएं रखने की,सयंम बनाएं रखने की और जागरूकता एवं जानकारी के साथ अनुशासित रहने की। मौजूदा परिस्थिति में विद्यार्थियों एवं युवाओं के समक्ष उनके करियर व शिक्षण से जुड़ी समस्याएं महसूस की जा सकती हैं। ऐसे में माता-पिता और अध्यापकों के लिए यह अनिवार्य जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों व विद्यार्थियों के साथ एक मजबूत स्तम्भ की भांति खड़े रहें तथा उन्हें भावनात्मक सहारा देते रहें। जो युवा विगत समय में कोरोना से पीडि़त हो चुके हैं उन सभी के सोये हुए आत्मविश्वास व इच्छाशक्ति को पुन: जागृत करें। साथ ही लंबे समय के बाद विद्यालय व कार्यालय खुले हैं। व्यापार से लेकर अन्य सभी तरह के दफ्तर अब अपनी-अपनी गति से कार्यों का निष्पादन कर रहे हैं। ऐसे हालात में प्रशासन को भी चाहिए कि वे अपने कर्मचारी के मनोबल को बढ़ाकर ही कार्य लें। क्योंकि जब -जब भी राज्य या राष्ट्र पर कोई संकट आया है तब-तब ही कर्मचारियों ने अपने सम्पूर्ण मनोयोग से अग्रणी भूमिका निभाई है। इतिहास साक्षी है कि बहुत ही सीमित संसाधनों के बावजूद भारत के हर हिस्से में कर्मचारियों ने सच्चे राष्ट्रवाद व परस्पर प्रेम भरे विश्वास के साथ न केवल राष्ट्र को विकराल परिस्थितियों से बचाया है अपितु राष्ट्रको उन्नति के शिखर पर भी पहुँचाया है। एक मनोवैज्ञानिक होने के नाते मैं यह कहना चाहूंगा कि कोरोना की तीसरी वेव आए या ना आए इस संशय को लेकर आपको पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है, आवश्यकता यह है कि आप अपने मनोबल,शारीरिक बल व इच्छाशक्ति को इतना दृढ़ व मजबूत कर लें ताकि शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं जाने के साथ-साथ एक कर्मठ व मजबूत व्यक्तित्व का निर्माण किया जा सके।
फोटो कैप्शन: सूर्यकांत मनोवैज्ञानिक



कनीना की अधिकांश बणियों का अस्तित्व खतरे में
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कनीना। कनीना क्षेत्र में विभिन्न सरकारी जंगलों(बणियों) में अवैध कब्जा बढ़ता ही जा रहा है। चारों ओर से किसानों ने पेड़ काट काट कर जंगलों का विनाश कर दिया है। कनीना की बड़ी बणी, छोटी बणी,  मानका वाली बणी, रनास वाली बणी सभी लगभग समाप्त होने के कगार पर हैं। सरकार को पैमाइश करवा कर समस्त सरकारी जमीन अपने कब्जे में लेनी चाहिए। पेड़ों की कटाई करने वालों पर भी कार्रवाई की जाए। कुछ जन अवैध पक्के मकान बनाकर बिजली कनेक्शन, पानी आदि सभी सुविधाएं लेकर के सरकार को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
  मिली जानकारी अनुसार कनीना पालिका के करीब 335 कनाल 16 मरला जमीन कृषि योग्य है वहीं कोटिया गांव के पास रणास की बणी 32 कनाल पांच मरला है जहां सीवर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लग चुका है वहीं बड़ी बणी करीब 800 कनाल की है जिसमें से 58 एकड़ डीएवी को 99 सालों के पट्टे पर, पांच एकड़ गौशाला के लिए तथा दस एकड़ वन विभाग एवं वाटर सप्लाई हेतु दिया हुआ है, 115 प्लाट भी बने हुए हैं। करोड़ों की लागत से कान्ह सिंह पार्क भी बना है। पीपलावाली बणी 125 कनाल, मानका वाली बणी एक एकड़ आठ मरला  82 कनाल, दस मरला है।
  सभी बणियां चारों ओर से पेड़ काटकर संकीर्ण बना डाली हैं वहीं अवैध निर्माण करके बिजली पानी कनेक्षन भी ले रखे हैं। जंगली जीव लुप्त हो गए हैं वहीं जंगलों के एक सिरे से दूसरे सिरे तक आर पार देखा जा सकता है। इनकी पैमाइश करवाकर पौधारोपण करवाने की मांग बढऩे लगी है। लोगों का कहना है कि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो वो दिन दूर नहीं जब एक इंच जगह भी बणियों की नहीं बच पाएगी।
  आलम यह है कि जब भी कोई कार्यालय इन बणियोंं की जगह बनाये जाने की सोची जाती है तो वहां मौके पर जमीन उपलब्ध नहीं हो पाती है या जोहड़ बने दिखाये जाते हैं। वोट की खातिर भी कुछ नेता एवं कनीना के लोग बणियों की पैमाइश नहीं करवा रहे हैं।


युवा पीढ़ी भी हुक्के की शौकीन
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 कनीना। युवा पीढ़ी जहां फास्ट फूड के प्रति अति शौकीन है वही हुक्के की शौकीन भी नजर आने लगी है। स्कूल एवं कालेज के विद्यार्थी भी हुक्का पीते हुए देखे गए हैं। मां-बाप के सख्ती न बरतने के कारण इस प्रकार की घटनाएं घट रही हैं।
 अक्सर कालेज और स्कूल में जाने वाले विद्यार्थी फास्ट फूड एवं कोल्ड ड्रिंक आदि का सेवन जमकर करते ही है वही अब सिगरेट और हुक्का पीते हुए भी देखे जा सकते हैं। हुक्के के प्रति तो विशेष आकर्षण बढ़ता जा रहा है। कनीना के नरेश कुमार ने बताया कि जब किसी जगह हुक्का चल रहा होता है बुजुर्ग तथा अधेड़ उम्र के लोग हुक्का पी रहे होते हैं तो कालेज एवं स्कूल के विद्यार्थी भी उनके पास आकर बैठ जाते हैं और हुक्का गुडग़ड़ाने लग जाते हैं। यही नहीं सिगरेट के शौकीन तो अधिक संख्या में कालेज विद्यार्थी देखे जा सकते हैं।
शिक्षक दिनेश कुमार ने बताया कि अब सरकार ने विद्यार्थियों के प्रति कुछ नियम भी बदल दिए हैं। अब शिक्षक विद्यार्थियों को पीटना तो दूर डरा धमका भी नहीं सकते। यही कारण है कि विद्यार्थी शिक्षकों से भी नहीं डरते वही मां बाप से भी नहीं डर रहे हैं। मां-बाप अगर बच्चों को डराते धमकाते तो किसी अनहोनी घटना का शिकार भी हो सकते हैं। उधर आर्य समाज के राव मोहर सिंह ने बताया कि कुछ संस्कार और सभ्यता में परिवर्तन आ गया है जिसके चलते युवा पीढ़ी अब गुरु मां-बाप आदि को के प्रति कम ध्यान देती है और कुछ घटिया आदतों में संलिप्त देखी जा सकती है।

Sunday, June 27, 2021



प्रथम व द्वितीय श्रेणी में आरक्षण की मांग को अनदेखा कर रही है सरकार
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हरियाणा पावर कारपोरेशन एससी बीसी यूनियन ने बातचीत के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मांगा
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कनीना। हरियाणा पावर कारपोरेशन अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कर्मचारी यूनियन की केन्द्रीय कार्यकारिणी ने पत्र भेज कर अपनी मांगों के समाधान के लिए मुख्यमंत्री से बैठक करने के लिए समय की मांग की। यूनियन के राज्य प्रधान रमेश तंवर ने बताया कि प्रदेश में हरियाणा पावर कारपोरेशन के 6 हजार से अधिक कर्मचारी अनुसूचित जाति के हैं और पूरे हरियाणा में सभी विभागों में अनुसूचित जाति के कर्मचारी लगभग 30 हजार के करीब है। राज्य प्रधान ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि प्रथम व द्वितीय श्रेणी में आरक्षण की मांग को उठाते हुए उन्हें काफी साल हो गए हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव हरियाणा सरकार के आदेशानुसार अनुसूचित जाति के कर्मचारियों का बैकलॉग चतुर्थ श्रेणी से प्रथम श्रेणी तक भर्ती व प्रमोशन में 17 जून 1995 से नहीं भरा गया, उसे 17 जून 1995 से भरा जाये। उन्होंने अपने मांग पत्र के माध्यम से हरियाणा सरकार से मांग करते हुए कहा कि सीडब्ल्यूपी 12530 व सीडब्ल्यूपी(सीविल पैटिसन नं 764) जिसका 30 जुलाई 2020 को उच्चतम न्यायालय में जो फैसला हुआ है, उसकी मूल भावनाओं के अनुरूप अनुछेद 141 के अनुसार लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा पावर कारपोरेशन अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कर्मचारी यूनियन व समस्त हरियाणा अनुसूचित जाति कर्मचारी फेडरेशन मिलकर अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए प्रयासरत हैं। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रमेश तंवर ने बताया कि सभी कर्मचारी कोविड 19 को ध्यान को रखते हुए अपनी डयूटी को  नियमानुशार पूरा कर रहे हैं और जनता की सेवा में दिन-रात लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उनकी मांग को पूरा करने के लिए शीघ्र से शीघ्र प्रतिनिधि मण्डल से उपरोक्त समस्याओं के समाधान हेतु बैठक का आयोजन करें। इस मौके पर कनीना 132 केवी उप केद्र पर एक बैठक आयोजित  की गई जिसमें मुख्य रूप से सर्कल सचिव  राजेंद्र कपूरी,  यूनिट प्रधान सज्जन सिंह, सभी यूनिट प्रधान, धर्मपाल सचिव, नरेश कुमार,  सचिव राजेश लाइनमैन, बाबूलाल, सत्यवीर आदि कर्मचारी उपस्थित रहे। इन्होंने प्रधान की बात को सही ठहराया और सरकार तक भेजने का अनुरोध किया।




20 फीसदी आरक्षण लागू करने पर आभार जताया
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कनीना। अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए विभागों में 20 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है। इसके लिए चौधरी रामनिवास खेड़ी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा ने आभार जताया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महोदय जी ने हर जिले को 50 लाख रुपये जारी किए जाने आदेश जारी करते हुए जो अनुसूचित जाति के लोगों के साथ किसी तरह की उत्पीडऩ संबंधी घटना होने पर पीडि़त परिवार को समय पर आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाने के लिए आदेश जारी किए हैं वहीं विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग पालिसी के तहत की  जाने वाली भर्ती में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए  20 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का आदेश जारी किया है। साथ में अधिकारियों को हिदायत देते हैं विजिलेंस एवं माउंटिंग कमेटी की बैठक 6 महीने में किए  जाने  व अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ होने वाले उत्पीडऩ के मामले को कानूनी सहायता राशि बिना देरी के जारी किये हैं, इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आभार जताया है।





कांग्रेस का राज आने पर किसान व बेरोजगारों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा
- 36 बिरादरी का रखा जाएगा मान सम्मान  -राव बहादुर सिंह
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कनीना। कांग्रेस की सरकार आने पर किसी भी किसान वह बेरोजगार युवाओं को परेशान नहीं होने दिया जाएगा। वर्तमान सरकार की कथनी और करनी में फर्क है। यह लोगों को गुमराह कर रही है जबकि हमारी सरकार आने पर सभी 36 बिरादरियों का ध्यान रखा जाएगा और उनको मान सम्मान दिया जाएगा। ये विचार नांगल चौधरी से विधायक रहे राव बहादुर सिंह ने  खंड के गांव धनौंदा में एक भेंटवार्ता में व्यक्त किए।
 इस अवसर पर राव बहादुर सिंह ने कहा कि वर्तमान की संयुक्त सरकार हर मोर्चे पर फेल है और इसका लोगों को अच्छे से पता चल गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने देश में कोहराम मचाया है लेकिन वर्तमान सरकार ने इससे कोई सबक नहीं लिया जिसके कारण देश के लाखों लोगों को मौत की नींद सोना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार के राज में कोरोना की तीसरी लहर आने की दहलीज पर खड़ी है लेकिन केंद्र व प्रदेश सरकार खाली ढिंढोरा पीट रही हैं और करने के लिए इनके पास कुछ नहीं है। जिस देश का किसान पिछले लंबे समय से अपनी जायज मांग के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है लेकिन उसके बावजूद भी सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है जिसके कारण एक बार फिर से वर्तमान जेजेपी और बीजेपी की सरकारों ने अंग्रेजों के जमाने की याद  ताजा कर दी क्योंकि अंग्रेजों की सरकार भी तानाशाह थी और वर्तमान सरकार भी तानाशाह है। इन दोनों में कोई फर्क नहीं है।  राव बहादुर सिंह नेकहा कि जो विधायक अपने हलके की बात सरकार में नहीं रख सकता जिसके कारण आज अटेली हलके के लोग विधायक से खफा नजर आ रहे हैं। राव बहादुर सिंह ने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार में चंद नेता व मंत्रियों को छोड़ कर बाकी सभी लोग अपना टाइम काट रहे हैं और उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास कोरोना का एक अच्छा बहाना है और इस बहाने के पीछे वह गांव में कोई काम नहीं करा रही जिसके कारण गांव की हालत दयनीय होती जा रही है और वहां उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने दावा किया है कि आने वाला समय कांग्रेस का होगा ।  बहादुर सिंह ने भारत के राष्ट्रपति से मांग करते हुए कहा है कि किसान आंदोलन में जिन किसान अन्य लोगों की मृत्यु हुई है उनके परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए तथा मृतक को शहीद की श्रेणी में रखा जाए। इस अवसर पर इनके साथ कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 7: राव बहादुर सिंह पूर्व विधायक धनौंदा में संबोधित करते हुए।


देश सेवा करके आ चुके हैं महंत और अब कर रहे आधुनिक खेती
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 कनीना। कनीना उपमंडल के गांव करीरा में जसवंत सिंह एक वो शख्सियत है जिन्हें आज भी महंत नाम से लोग जानते हैं। महंत का अर्थ होता है संत। इस संत ने  न केवल देश सेवा की अपितु वर्तमान में बेहतरीन खेती कर रहे हैं। उन्होंने प्याज का अपना स्टोर बनाया है। वे अपने खेतों में रहता है और पशु पालन भी कर रहा है।
 क्यों कहते हैं महंत -
वास्तव में जसवंत सिंह को आज भी महंत(गांवों में महत) नाम से जानते हैं। उनके पिता श्योकरण की कोई संतान जीवित नहीं बच रही थी। ऐसे में जसवंत के दादा मुरली नंबरदार ने रेवाड़ी के बलवाड़ी महंत प्रेमानंद से अरदास की कि अगर उनकी संतान बच गई तो वे उनको सेवा के लिए अर्पित करेंगे। ऐसे में जसवंत पैदा हुए और वे बच निकले। तत्पश्चात मुरली नंबरदार अपने पोते को प्रेमानंद बलवाड़ी महंत के पास ले गए और उन्हें सौंपते हुए कहा कि यह आपकी कृपा से बचा है। अब यह आपका शिष्य होगा। एक इंसान के इतने  बड़े त्याग को देखकर प्रेमानंद बलवाड़ी ने जसवंत को मुरली नंबरदार के हवाले ही कर दिया और कहा कि आज से देख रेख तुम ही करना। यह मेरे शिष्य रूप में जाना जाएगा। तत्पश्चात मुरली नंबरदार उन्हें घर पर ले आए, पढ़ाया लिखाया। यद्यपि जसवंतके और भी भाई हुए किंतु उन्होंने देश सेवा का निर्णय लिया। देश सेवा करने के पश्चात अब वे अपने घर पर आधुनिक जमीदारा कर रहे हैं। क्योंकि बलवाड़ी के महंत को उन्हें अर्पित किया जाना था इसलिए आज भी उन्हें महंत नाम से जानते हैं। जहां  बलवाड़ी के प्रेमानंद संत का त्याग देखने को मिला वही मुरली नंबरदार का भी त्याग देखने को मिला था।
 जसवंत सिंह अपने खेतों में आधुनिक दर्जे की खेती कर रहे हैं । प्याज का बेहतरीन स्टाक किया हुआ है। उन्होंने बताया कि पहली बार प्याज उगाकर लाभ कमाने की सोची है। प्याज महंगी होगी तब वे इसको बेचेंगे। इसलिए उन्होंने छोटे स्तर पर प्याज बचाने का स्टोर केंद्र भी बनाया है।
फोटो कैप्शन: जसवंंत सिंह उर्फ महंत।




घर में घुसकर मार पिटाई करने का मामला दर्ज
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव स्याणा में एक व्यक्ति ने उनके घर में घुसकर मार पिटाई करने और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज करवाया है। कनीना पुलिस ने 7 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
स्याणा निवासी नवीन कुमार ने शिकायत दर्ज करवाई है की उनके घर में 22 जून की शाम करीब पांच बजे आकाश, रिंकू, हरीश, अंकित, नवीन मोहित एवं सुरेंद्र लाठी-डंडे लेकर आए ।आते ही जहां अंकित नवीन, मोहित और सुरेंद्र ने उन्हें पकड़ लिया आकाश, रिंकू और हरीश ने डंडों, थप्पड़ लाता आदि से धुनाई कर दी। जब शोर मचाया तो नवीन के पिता धर्मवीर और उनके चाचा आ पहुंचे। इन लोगों ने उनसे भी गाली गलौज ककिया घर से भागने लगे। जाते-जाते जान से मारने की धमकी दे गए। नवीन तथा आकाश मोटरसाइकिल पर सवार होकर चले गए। उधर पीडि़त नवीन कुमार को अस्पताल पहुंचाया जहां उन्हें 23 जून को छुट्टी मिली। अब उन्होंने मामला दर्ज करवाया है। विभिन्न धाराओं के तहत कनीना पुलिस ने सात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।



कनीना के गाहड़ा मोड़ से गांजा समेत एक गिरफ्तार
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 कनीना। कनीना पुलिस को मुखबिरी  के आधार पर सूचना मिली कि गाहड़ा मोड़ पर एक व्यक्ति नशीला पदार्थ बेच रहा है। कनीना पुलिस ने छापा मारकर एक व्यक्ति करीब डेढ़ सौ ग्राम गांजा बरामद किया है। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है।
 मिली जानकारी अनुसार पुलिस को मुखबिर के आधार पर सूचना मिली कि लोकेश कनीना नशीला पदार्थ लिए हुए हैं। कनीना पुलिस ने राजपत्रित अधिकारी नवजीत कौर बराड़ की उपस्थिति में झाड़ा लेकर करीब डेढ़ सौ ग्राम गांजा बरामद किया है । कनीना पुलिस ने नशीला पदार्थ बेचने के जुर्म में मामला दर्ज कर व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है।





कनीना पुलिस ने बरामद की 10 बोतल देशी शराब
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 कनीना । कनीना पुलिस के मुखबिरी के आधार पर सूचना मिली कि मुंडिया खेड़ा के पुराने पंचायत घर के पास एक व्यक्ति प्लास्टिक के बैग में शराब रखकर बेच रहा है। कनीना पुलिस ने छापा मारकर दयानंद धोलेड़ा को गिरफ्तार किया जिसे 10 बोतल देसी शराब बरामद की। आबकारी अधिनियम के तहत व्यक्ति के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।


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धनौंदा के पास एक व्यक्ति गांजा बेचता गिरफ्तार किया
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 कनीना। कनीना पुलिस को सूचना मिली कि भगवान सिंह उर्फ जयभगवान धनौंदाअपने मकान के सामने छितरौली रोड पर आने जाने वाले राहगीरों को गांजा बेच रहा है। पालिथीन में गांजा लिए हुए हैं, यदि तुरंत कार्रवाई की जाए तो काबू किया जा सकता है। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची, एक व्यक्ति खड़ा मिला जिनके हाथ में पालीथिन थी। उन्हें उनकी तलाशी का नोटिस देकर तहसीलदार  नवजीत कौर बराड़ की उपस्थिति में झाड़ा लिया जिसके चलते उनके हाथ से प्राप्त पालीथिन से करीब 900 ग्राम गांजा बरामद किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।



घटती जा रही ग्वार की खेती
- विभिन्न उद्योगों में तथा प्रसाधन में आता है काम
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 कनीना। किसी वक्त कनीना क्षेत्र में अच्छी पैदावार ग्वार की ली जाती थी किंतु वर्तमान में ग्वार की खेती घटती जा रही है।
 ग्वार का अर्थ है गऊ का आहार अर्थात गाय का बेहतरीन चारा माना जाता है किंतु अब यह बहुत कम क्षेत्रफल पर उगाया जाता है। इसको अधिक पानी की जरूरत नहीं होती। पशुओं के लिए  ग्वार की चूरी उपयोगी है इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक पाई जाती है। ग्वार का गोंद कपड़ा, खाद्य पदार्थ शृंगार का सामान बनाने, विस्फोट, तेल उद्योगों में किया जाता है।
अपनी उपयोगिता के कारण यह लोकप्रिय है। डा देवराज कृषि विस्तार अधिकारी बताते हैं कि ग्वार की गिरी में 35 फीसदी तक गम पाया जाता है। इसका उपयोग खाद्य प्रसंस्करण ,वस्त्र उद्योग सौंदर्य प्रसाधन, विस्फोटक उद्योग, कागज उद्योग में किया जाता है। बेकरी बनाने, आइसक्रीम ,पनीर के रखरखाव, चटनी बनाने में उपयोगी है। ग्वार पोस्टिक जा रहा है इसलिए विभिन्न पशुओं को खिलाने के काम आता है, इसके चूरी पशुओं को खिलाते हैं वहीं ग्वार की फलियां सब्जी के काम आती है। यह फलीदार दलहनी कम होने के कारण वायुमंडल की नाइट्रोजन को अवशोषित करता है।
फोटो कैप्शन 2 एवं 3: ग्वार की खेती।








पाथेड़ा में गंदगी का आजम,सुध लेने वाला कोई नहीं
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कनीना। जहां प्रशासन व सरकार द्वारा गांवों में सफाई कर्मी लगाकर सफाई का जिम्मा सौंपा हुआ है वही खंड कनीना में ऐसे कई गांव हैं जिनमें सफाई कर्मी होते हुए भी गंदगी का आलम है जिसको लेकर ग्रामीण परेशान है और उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
 खंड के गांव पाथेड़ा इसका एक उदाहरण है जिसमें सड़क के ऊपर ही लगभग एक 1 फुट पानी वह कीचड़ भरा हुआ है जिससे गाड़ी निकालना तो दूर की बात पैदल चलना मुश्किल हो रहा है। गांव के लोगों का कहना है कि यह गंदे पानी की सही ढंग से निकासी ना होने के कारण मुख्य सड़क वह इसके पास बसने वाले घरों में यह गंदा पानी घुसने जा रहा है। उनका यह भी कहना है कि जिन जोहड़ों में गांव का गंदा पानी जाता था वो अब फुल हो गए हैं जिसके कारण अब उनमें पानी जाने की जगह नहीं है और गांव का पानी सड़कों पर फैल रहा है। उनका यह भी कहना है कि अभी तो बारिश की शुरुआत भी नहीं हुई है जिसके पहले गांव की हालत बाढ़ जैसी हो रही है और अगर 2 इंच बारिश हो जाती है तो शायद पाथेड़ा गांव गंदे पानी से डूब सकता है। जिसको लेकर पंचायत सचिव, खंड विकास अधिकारी को कई बार लिखित व मौखिक में देकर अवगत कराया जा चुका है लेकिन इसके बावजूद भी उक्त अधिकारियों पर कोई ध्यान नहीं दिया है। और गांववासी इस गंदगी के माहौल में जीने पर मजबूर है। एक तरफ तो देश को महामारी ने घेरा हुआ है वहीं दूसरी तरफ इस प्रकार की गंदगी से गाव पाथेड़ा में गंदगी भरी है। पहले गांव में इस तरह की घटना होती थी तो प्रशासन कहता था कि पंचायत काम नहीं करती है तो हमें बताइए हम उसको दंड देंगे और आपके काम को पूरा कर आएंगे लेकिन अब पंचायत का रोल लगभग 6 माह पहले खत्म हो चुका है और इसके बाद गांव की बागडोर ग्राम सचिव व बीडीपीओ के हाथ में है लेकिन अब गांव की हालत ग्राम पंचायत से भी ज्यादा दयनीय होने के कारण गांव वाले परेशान हैं और खंड प्रशासन को कोस रहे हैं।
फोटो कैप्शन 4: गांव पाथेड़ा में गलियों में खड़ा गंदा पानी।




Saturday, June 26, 2021


दौंगड़ा अहीर का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन निर्माण शुरू
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कनीना। दौंगड़ा अहीर में पीएचसी भवन बनाने की नीव रखी गई। शनिवार को भवन निर्माण का काम भी शुरू कर दिया गया है। दौंगड़ा अहीर के इंजीनियर अशोक यादव,मामन सिंह प्रधान, महेंद्र सिंह ठेकेदार,महेश कुमार चेयरमैन,राजपाल चेयरमैन,दिनेश पंच,डाक्टर दमन,अशोक पंच,नरेश पंडित, शिक्षाविद वीर सिंह सहित अनेक ग्रामीणों और ठेकेदार राजकुमार की मौजूदगी में पूजा-अर्चना कर लड्डू बांटकर काम की शुरुआत करवाई। दौंगड़ा अहीर पीएचसी बनने क्षेत्र के लोगों को अब अपने आस-पास ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेगी तथा आसपास के बहुत बड़ी आबादी को बेहतर चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी वहीं भविष्य में महिलाओं की डिलीवरी की व्यवस्था भी शुरू हो सकती है, क्योंकि वर्तमान में जिले की कई पीएचसी में पर्याप्त संसाधन व स्टाफ की उपलब्धता के आधार पर डिलीवरी करवाई जा रही है।
  गौरतलब है कि तत्कालीन डिप्टी स्पीकर संतोष यादव ने मुख्यमंत्री के समक्ष दौंगड़ा अहीर के उप स्वास्थ्य केंद्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने की मांग रखी थी तथा 16 फरवरी 2020 दौंगड़ा अहीर रैली में पीएचसी की मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने नींव रखी थी।   
फोटो कैप्शन 10: पीएचसी दौंगड़ा अहीर का निर्माण करते इंजीनियर एवं कारीगर।





धनौंदा से दादरी मार्ग अति जर्जर, परेशानी
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कनीना। धनौदा से चरखी दादरी मार्ग अति जर्जर होने से परेशानी बढ़ गई है। धनौंदा से झाड़ली, छितरौली,उच्चत होते हुए बाघोत तत्पश्चात वहां से चरखी दादरी जाने वाली सड़क की हालत काफी दयनीय होने के कारण लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।  कुमार    राहगीर महेश कुमार, रमेश, दिनेश कुमार, धर्मेंद्र आदि लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि धनौंदा से झाड़ली एवं छितरोली होते हुए दादरी जाने वाली सड़क की हालत अति दयनीय होने के कारण इस मार्ग पर गाड़ी लेकर जाना तो दूर की बात पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा है।  प्रशासन द्वारा कुछ गड्ढे भर कर कार्य बीच में छोड़ दिया जो लोगों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। लोगों ने जिला उपायुक्त अजय कुमार से मांग कर इस मार्ग को प्रेस का बनवाने की गुहार लगाई है ताकि इस मार्ग से होते हुए दादरी जाने वाले लोगों को दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर ना होना पड़े।
फोटो कैप्शन 8: धनौंदा चरखी दादरी मार्ग की खराब हालात।


जागरूकता-
नशा स्वास्थ्य के साथ सामाजिक और आर्थिक दोनों लिहाज से ठीक नहीं-लक्की
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,कनीना। समाज से नशे को दूर करने के लिए सामाजिक संस्था बीएमडी क्लब व लाइफ विवा वेलनेस ने संयुक्त रूप से शनिवार को  अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ विरोधी दिवस पर हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब के लोगों को आनलाइन वेबीनार के माध्यम से जागरूक किया। वेबीनार में सभी को नशा मुक्त करने की शपथ भी दिलाई गई। इस ऑनलाइन वैबीनार में मुख्य अतिथि जयवीर कुमार व विशिष्ट अतिथि बीएमडी क्लब के चेयरमैन लक्की सीगड़ा रहे।
मुख्य अतिथि जयवीर कुमार ने वेबीनार में युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि
नशा एक ऐसी बुराई है जो हमारे समूल जीवन को नष्ट कर देती है। नशे की लत से पीडि़त व्यक्ति परिवार के साथ समाज पर बोझ बन जाता है। युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा नशे की लत से पीडि़त है। सरकार इन पीडि़तों को नशे के चुंगल से छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति अभियान चलाती है, शराब और गुटखे पर रोक लगाने के प्रयास करती है। नशे के रूप में लोग शराब, गांजा, जर्दा, ब्राउन शुगर, कोकीन, स्मैक आदि मादक पदार्थों का प्रयोग करते हैं। जो स्वास्थ्य के साथ सामाजिक और आर्थिक दोनों लिहाज से ठीक नहीं है। नशे का आदी व्यक्ति समाज की दृष्टि से हेय हो जाता है और उसकी सामाजिक क्रियाशीलता शून्य हो जाती है। फिर भी वह व्यसन को नहीं छोड़ता है। धूम्रपान से फेफड़े में कैंसर होता हैं। वहीं कोकीन, चरस, अफीम लोगों में उत्तेजना बढ़ाने का काम करती हैं। जिससे समाज में अपराध और गैरकानूनी हरकतों को बढ़ावा मिलता है। इन नशीली वस्तुओं के उपयोग से व्यक्ति पागल और सुप्तावस्था में चला जाता है।
 लक्की सिगड़ा ने वेबीनार को संबोधित करते हुए कहा कि तम्बाकू के सेवन से तपेदकि, निमोनिया और साँस की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इसके सेवन से जन और धन दोनों की हानि होती है। हिंसा, बलात्कार, चोरी, आत्महत्या आदि अनेक अपराधों के पीछे नशा एक बहुत बड़ी वजह है। शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए एक्सीडेंट करना, शादीशुदा व्यक्तियों द्वारा नशे में अपनी पत्नी से मारपीट करना आम बात है। मुँह, गले व फेफड़ों का कैंसर, ब्लड प्रैशर, अल्सर, यकृत रोग, अवसाद एवं अन्य अनेक रोगों का मुख्य कारण विभिन्न प्रकार का नशा है। भारत में केवल एक दिन में 11 करोड़ सिगरेट फूंके जाते हैं। इस तरह देखा जाय तो एक वर्ष में 50 अरब का धुआं उड़ाया जाता है। आज के दौर में नशा फैशन बन गया है। आनलाइन वेबीनार में जुड़े सभी युवाओं को शपथ दिलाई कि वह अपने आसपास रहने वाले युवाओं को नशे से दूर रहने का संकल्प दिलाएंगे। इस दौरान वेबीनार में नवीन यादव, प्रवीण कुमार, मंजीत यादव, राजेश पालीवाल, दशरथ लाल, ललित कुमार राजपूत, अर्जुन कश्यप, रोहित कुमार, विशाल राणा, बाबूलाल, दिलीप कुमार, शंकरलाल, रोहित, नीर ढिल्लो, जसबीर ढिल्लो, पुष्कर शर्मा, राजेंद्र प्रसाद, नीरज डोगरा, रमेश स्वामी, नरदेव, कुमार रमेश, मनोज सैनी जयपुरीया, अरविन्द सैनी बांदीकुई सहित अन्य लोगों ने भाग लिया।
फोटो कैप्शन 9: कनीना में आयोजित वेबीनार का नजारा।





 उप नागरिक अस्पताल समाचार.............
तीसरी लहर के दृष्टिगत आक्सीजन प्वाइंट बढ़ाकर 52 किये-डा धर्मेंद्र
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 कनीना। कनीना उप-नागरिक अस्पताल में कोरोना की तीसरी लहर के दृष्टिगत सभी सावधानियां बरती जा रही है। अभी तक आक्सीजन युक्त बेड 25 होते थे 27 और शुरू होने जा रहे हैं। कुल मिलाकर 52 आक्सीजन प्वाइंट होंगे। 50 बेड के अस्पताल में वर्तमान में 28 बेड हैं और शुरू होने जा रहे हैं।
 विस्तृत जानकारी देते हुये एसएमओ डा धर्मेंद्र यादव ने बताया कि तीसरी लहर के दृष्टिगत सभी सावधानियां बरती जा रही है, सभी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 50 बेड के अस्पताल को सभी सुविधाओं युक्त किया जा रहा है। उल्लेखनीय की विगत दिनों कनीनावासियों ने आक्सीजन प्वाइंट बढ़ाने की मांग मंत्री ओमप्रकाश एडीओ, सीताराम विधायक अटेली तथा चौधरी धर्मवीर सांसद समक्ष उठाई थी। कनीना की गौशाला में उठाई गई इस मांग पर अमल किया गया है और त्वरित कार्रवाई शुरू हो गई है। अभी कुछ मशीनें आनी शेष हैं।
62 सैंपल लिए गए-
 कनीना नागरिक अस्पताल में प्रतिदिन कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए जाते हैं। इसी कड़ी में शनिवार को सात रैपिड तथा 55 आरटीपीसीआर सैंपल लिए गए। विस्तृत जानकारी देते हुए डा धर्मेंद्र जितेंद्र मोरवाल ने बताया की 55 आरटीपीसीआर और सात रैपिड सैंपल लिए हैं जिनमें रैपिड की रिपोर्ट तुरंत आ चुकी है किंतु आरटीपीसीआर सैंपल की रिपोर्ट दो से तीन दिन में आ जाएगी।
लिफ्ट का काम पूरा होने को -
उधर डा धर्मेंद्र यादव ने बताया कि कनीना उप नागरिक अस्पताल जहां 3 मंजिल का है लिफ्ट का काम अधूरा था वह लगभग पूर्ण होने को जा रहा है। आगामी 4 दिन में लिफ्ट पूर्ण रूप से कार्य करने लग जाएगी। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के लिए यह एक परेशानी बनी हुई थी कि उन्हें दूसरी और तीसरी मंजिल पर जाने के लिए सीढिय़ों का सहारा लेना पड़ रहा था।
283 वैक्सीन लगाई गई -
 उधर कनीना नागरिक अस्पताल के तहत पडऩे वाले गांव भडफ़ में 107 तो जबकि कनीना में 178  कोरोना रोधी वैक्सीन 18 प्लस युवाओं को दी गई। प्रतिदिन कोरोना रोधी वैक्सीन दी जाती है। विस्तृत जानकारी कंप्यूटर आपरेटर पवन कुमार तथा एसएमओ डा धर्मेंद्र यादव ने दी।
भोजावास पीएचसी में दी गई 240 डोज-
एचआई राजकुमार चौहान ने बताया की भोजावास प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 240 कोरोना रोधी वैक्सीन विभिन्न लोगों को दी गई हैं। इनमें 18 प्लस के लोगों को 158 तथा बाकी 45 प्लस के लोगों को दी गई हैं।
फोटो कैप्शन: उप नागरिक अस्पताल कनीना। तथा डा धर्मेंद्र एसएमओ।





 गायों बचाना हम सब की जिम्मेदारी
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कनीना। भारत विकास परिषद हरियाणा दक्षिण प्रांत की एक वर्चुअल मीटिंग हुई जिसमे कनीना से प्रांतीय गौ सेवा प्रमुख कंवरसैन वशिष्ठ ने भाग लिया। बैठक का संचालन सुरेंद्र  जग्गा ने किया और प्रधान महेंद्र सिंह शर्मा ने अध्यक्षता की।
 बैठक में प्रांतीय प्रकल्प संयोजक संतोष जैन ने पर्यावरण पर विचार रखे व प्रदीप जैन ने  दिव्यांग सहायता एवं पुनर्वास पर विचार रखें। विवेकानंद तिवारी ने कोविड-19  राहत  कार्य पर विचार रखे, गौ सेवा आयोग प्रमुख ने गौ पर विचार रखते हुए कहा कि पूर्व में भारत की रीढ़ की हड्डी थी।  गौ माता के दूध से विभिन्न प्रकार की मिठाइयां बनती है। दूध दही खाकर शरीर ह्रट पुष्ट रहता था। बछड़े खेती का काम करते थे और व्यापार में भी देश की समृद्धि देते थे और गो मूत्र से अनेक प्रकार की औषधि बनती थी। इसलिए हरियाणा सरकार व भारत सरकार से भारत विकास परिषद दक्षिण हरियाणा प्रांत के माध्यम से अनुरोध करते हैं कि गौ माता के लिए अच्छा चारा तैयार किया जाए जिससे हमारी देसी गाय अधिक से अधिक दूध दे और खेती ऐसे माध्यम से करवाई जाए।  जिसमें बैलों की अधिक से अधिक हिस्सेदारी रहे। इस मौके पर मोहन सिंह अध्यक्ष भारत विकास परिषद कनीना ने भी अपनी शाखा के कार्यों का ब्यौरा दिया। इस लाइव मीटिंग में तरुण त्यागी ,आरबी यादव ,महासचिव हितेन्द्र बोरा,  उप प्रधान संजय शर्मा और सभी 15 प्रकल्प संयोजक और सभी शाखा सेवा प्रमुख ने भाग लिया।
फोटो कैप्शन 7: गौ रक्षा पर वचूर्वल बैठक में भाग लेते कनीना के पदाधिकारी मोहन सिंह एवं कंवरसेन वशिष्ठ।


आपातकाल के वो दिन....
शिवकुमार अग्रवाल ने चौ देवीलाल के संग जेल में बिताए थे छह माह
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 कनीना। कनीना मंडी के शिव कुमार अग्रवाल जिनका लोकतंत्र के प्रहरियों में नाम क्षेत्र में सर्वोपरि है। उनके पूर्वज कनीना खंड के गांव मोहनपुर(नांगल) से कनीना में 1940 में आए थे। चंपा देवी एवं प्रह्लाद राय के घर में 28 जुलाई 1941 में जन्में शिवकुमार अग्रवाल ने पंजाब विश्वविद्यालय से मार्च 1958 में दसवीं की परीक्षा पास की। उन्होंने 7 जुलाई 1975 से 16 दिसंबर 1975 तक जेल की यातनाएं सही।
 1975 में जब वे आरएसएस की शाखा, कनीना मंडी में स्टोर तथा समाचार पत्र के एजेंट भी थे। 5 जुलाई को कनीना थाने से एक पुलिसकर्मी आए और कहा कि थानेदार ने बुलाया हैं। जब शिवकुमार अग्रवाल उनके साथ कनीना पुलिस स्टेशन पहुंचे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके विरुद्ध 7 जुलाई को एफआईआर दर्ज कर दी और महेंद्रगढ़ जेल में भेज दिया गया। न्यायालय ने 5 महीने की सजा और 100 रुपये जुर्माना लगा दिया, अगर जुर्माना नहीं भरता तो 2 माह की अतिरिक्त सजा काटने का प्रावधान रखा। सरकार के विरुद्ध गुप्त मीटिंग करके सरकार के आदेशों का पालन न करने का आरोप भी उन पर लगाया गया।
  वे बताते हैं कि 2 मई 1961 में उनकी शादी हुई थी। उनके चार बच्चे जिनमें दो लड़के और दो लड़कियां थी। जब जेल में गए तो चारों बच्चे गणेश, महेश, लक्ष्मी और कृष्णा तथा उनकी पत्नी कैलाशी देवी पर बुरी बीती। क्योंकि उस समय बच्चों की उम्र 7 साल, पांच साल, तीन तथा एक वर्ष थी। सारा कष्ट उनकी पत्नी कैलाशी देवी पर आ पड़ा। घर में कोई बड़ा व्यक्ति नहीं था जो परिवार की देखरेख कर सके।
 उधर जब जयप्रकाश नारायण द्वारा आपातकाल का विरोध किया उस समय वे संघ चलाते थे। 1955 के संघ का संचालन करते हुए कई पदों पर रहे हैं। आपातकाल के समय संघ ने सरकार का विरोध नहीं किया किंतु सरकार की यातनाएं जरूर सहन करनी पड़ी। 1975 से 1977 तक आपातकाल लागू रहा।
 शिवकुमार बताते हैं कि जब वे महेंद्रगढ़ जेल भेजे गए तो 13 लोग थे जिनमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल, नारनौल के मनोहर लाल सैनी, मुकुट बिहारी संघी, रोहतक से श्याम खोसला, प्रोफेसर तेजा सिंह, बलदेव तायल, कामरेड पृथ्वी सिंह, जगराम, पन्नालाल आदि प्रमुख जेल के साथी थे।
 महेंद्रगढ़ ट्रायल कोर्ट के फैसले के विरुद्ध 16 दिसंबर 1975 को सेशन कोर्ट नारनौल पहुंचे तो 100 रुपये जुर्माना वापस मिल गया, निर्दोष साबित करते हुए जेल की सजा भी माफ कर दी किंतु जब तक वे 6 महीने की जेल की सजा भुगत चुके थे। जब 16 दिसंबर 1975 को शाम के करीब 5:00 बजे पैसेंजर ट्रेन से कनीना खास रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तो कनीना व आसपास गांवों की भारी भीड़ उन्हें देखने के लिए जमा थी। भीड़ तथा यात्रियों ने उनका भव्य स्वागत किया, खुफिया विभाग के लोग भी उनसे मिलने आए। उनके विरुद्ध न्यायालय में किसी ने कोई गवाही नहीं दी गई। महेंद्रगढ़ न्यायालय में रामफल सिपाही ने जब उनके विरुद्ध बयान नहीं दिया तो वकील ने जबरन उनके विरुद्ध गवाही देने की बात कही। उन्होंने बताया जब आपातकाल चली तब उन्होंने आरएसएस की शाखा नहीं चलाई फिर भी उनके विरुद्ध डीआईआर की धारा 33 के तहत मामला दर्ज किया। आठ गवाह जिनमें  4 सरकारी और 4 गैर सरकारी बनाए गए जिन्होंने किसी ने भी उनके विरुद्ध कोई गवाही नहीं दी।
शिवकुमार अग्रवाल जेल की यादें ताजा करते हुए बताते हैं कि जेल के अंदर वे खाना बनाते थे और खाया जाता था। वे अपने साथ एक डायरी भी ले गए थे, जिसका अध्ययन करते रहते थे। अब भी वह डायरी,कनीना थाने का काटा हुआ चालान तथा सेशन जज का फैसला उनके पास सुरक्षित है। उनकी डायरी में 115 पेज हैं जिन पर जेलर की मोहर लगी हुई है। आज भी शाखा चलाते हैं डायरी पढ़कर सुनाते हैं। डायरी में अपने हाथों से लेख, अच्छी अच्छी धार्मिक बातें लिख रखी है। जब वे जेल में थे तो कनीना के लाजपत सेठ और वेद प्रकाश चेलावास के यहां शादी की सूचना भी जेल में गई जिनका उन्होंने जेल से जवाब दिया।
 जेल में शरद पूर्णिमा की खीर अपने हाथों से बनाई थी, जन्माष्टमी का पर्व मनाया था। वे बैडमिंटन चौधरी देवीलाल के साथ भी खेलते थे सैर पर भी जाते थे और उनके साथ बेहतर संबंध बन गए थे। यही कारण है कि जब हरियाणा के मुख्यमंत्री बने तो कई बार उनके पास आए चुनाव लडऩे का आफर दिया परंतु वे राजनीति में नहीं आना चाहते थे। वे बताते हैं कि मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री उनके घर 1989-90 में आए थे जब वे संघ चलाते थे। वर्तमान में वे अपना स्टोर चलाते हैं।
सरकार ने आखिरकार उनके लिए 26 जनवरी 2016 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा ताम्र पत्र दिया गया। दो अक्टूबर 2016 को पहचान पत्र एवं बस पास जारी किया, 1 नवंबर 2017 को  दस हजार रुपये पेंशन घोषित की गई। 79 वर्षीय शिव कुमार प्रसन्न है। वे प्रभु में बड़ा विश्वास रखते हैं। उल्लेखनीय है कि शिव कुमार ने सारे परिवार का नाम ही शिवभोले एवं देवी देवताओं के नाम पर रख रखा है।
फोटो कैप्शन: शिव कुमार तथा  शिव परिवार।




 किसान कर रहे हैं फव्वारों द्वारा सिंचाई
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संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां कम बारिश होने के कारण किसान परेशान है और फव्वारे द्वारा सिंचाई ब 4500 हेक्टेयर पर कपास तो 15 हजार हेक्टेयर पर बाजरा उगा रखा है।
जून के प्रारंभ में जहां कुछ बारिश होते ही किसानों ने बाजरे की बिजाई कर दी थी। वही क्षेत्र में कपास भी उगाया हुआ है। अब लंबे समय से अच्छी बारिश न होने तथा महज बूंदाबांदी होने के कारण खेतों में पानी की जरूरत समझी जा रही है। यही कारण है कि किसान मजबूरन अपनी बाजरे की अगेती फसल तथा सरसों में सवारों द्वारा सिंचाई कर रहे हैं। किसानों की माने तो उनका कहना है कि फसल पानी बिना सूख रही है। बारिश का इंतजार है परंतु हल्की बारिश ही हो पाई है। जिसके चलते उन्हें फसल की सिंचाई करनी पड़ रही है।
क्या कहता है कृषि विभाग- कृषि विभाग के अधिकारी डा देवेंद्र यादव, डा देवराज आदि ने बताया कि इस समय फसल को बारिश की जरूरत है। बारिश नहीं होी है तो हल्की सिंचाई की जा सकती है। बारिश ना होने से के मजबूरन सिंचाई कर रहे हैं।
 फोटो कैप्शन 9: फव्वारों से सिंचाई करते किसान।



किसानों के लिए वरदा












न साबित हो रही है बाजर
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 कनीना। गर्मियों के दिनों में जहां पशुओं के लिए हरा चारा मुश्किल से प्राप्त होता है किंतु किसान बाजर उगाकर पशुचारे का लाभ ले ले रहे हैं। वैसे तो भीषण गर्मी पड़ती है जिसमें बाजर पैदा करना कठिन कार्य होता है।
पशुपालन कृष्ण कुमार, रोहित कुमार, राजेंद्र सिंह, महिपाल सिंह आदि ने बताया कि गर्मियों में पशुओं के लिए हरा चारा बहुत जरूरी होता है जिससे दूध की पैदावार बढ़ती है। यही कारण है कि खेतों में बाजर जरूर उगाते हैं। उधर बाजर बीज विक्रेता महेश बोहरा, कुलदीप सिंह, बिजेंद्र सिंह आदि ने बताया कि बाजर 30 से 35 दिन में तैयार हो जाती है और पांच से छह बार तक काटी जा सकती है। कई बार काटना जमीन की ताकत पर भी निर्भर करता है। कुछ किसान तो बाजर बेचने का काम भी कर रहे हैं।
क्या करते हैं कृषि अधिकारी -
कृषि विस्तार अधिकारी डा देवराज यादव ने बताया की बाजर पौष्टिक हरा चारा होता है। पशुओं को हरा चारा, सांद्र चारा तथा सूखा चारा तीनों की आवश्यकता होती है। गर्मियों में दुधारू पशु से दूध प्राप्त करना है तो उनके लिए पशुओं के लिए हरा चारा होना जरूरी है। तभी पशु खुश होकर चारा चर पाते हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बाजर अच्छी प्रकार विकसित होती है। उन्होंने बताया कि कनीना क्षेत्र में 60 गांवों में करीब एक हजार हेक्टेयर पर हरा चारा उगाया हुआ है।
फोटो कैप्शन 10: किसान जसवंत सिंह बाजर दिखाते हुए।