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Sunday, June 20, 2021


गायब हो गई पक्षियों की कलरव
-झोपड़ी न होने से पक्षी आवास कहां बनाए
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कनीना। झोपड़ी की जगह आलीशान कोठियां बन जाने से पक्षियों की कलरव अब नहीं सुनाई पड़ता है। भीषण गर्मी में उनके लिए जल एवं अन्न न मिलना, खेतों में जहरीली दवाएं एवं खाद डालने ने उनको हाशिए पर ला खड़ा किया है।
  किसी जमाने में घरों में चिडिय़ां एवं रंग बिरंगे जीव कलरव करते, सुबह सवेरे चहचहाहट सुनाई पड़ती थी। उस वक्त कोठियां कम होती थी और कच्चे घर एवं झोपड़ी अधिक होती थी। विभिन्न प्रकार की चिडिय़ों के दर्शन ही नही अपितु उनके गीत भी सुनने को मिलते थे किंतु अब दर्शन ही दुर्लभ हो गए हैं।
 इन पक्षियों को समाप्त करने में जहां उच्च वोल्ट की तारें, किसान द्वारा खेतों में जहरीली दवाएं, खाद डालने एवं उनके लिए गर्मियों में जल का अभाव का अहं योगदान रहा है। इस संबंध में पीपल फार एनिमल्स के राजेंद्र सिंह का कहना है कि किसानों ने अपने हाथों से उनको मार डाला है। उनके लिए उन्होंने गर्मियों में जल की आपूर्ति करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इनको केवल पुस्तकों में ही देखने को मिलेगा। उन्होंने पक्षियों को बचाने की अपील भी की है।
 इस ंबंध में वनस्पति शास्त्री रविंद्र कुमार का कहना है कि पक्षियों की चहचहाहट गुल होने के पीछे कई कारण रहे हैं जिनमें मुख्यत: जीवों के लिए आवास का अभाव, जहरीले अन्न खाना, पानी न मिलना तथा सर्दी एवं गर्मी के चलते मौत हो जाना प्रमुख हैं। उच्च वोल्टेज के तार एवं शिकार आदि भी कुछ हद तक जिम्मेदार हैं। गर्मियों में उनके लिए जल का अभाव उनकी मौत का कारण बन रहा है। उन्होंने कहा कि पक्षियों का मानव से गहरा संबंध रहा है किंतु अब झोपड़ी न होने से पक्षी आवास कहां बनाए?  
फोटो कैप्शन 7:कनीना में शाम समय एक सूखे पेड़ पर पक्षी।




बीजेपी कनीना मंडल के नवनियुक्त ओबीसी मोर्चा के मंडल अध्यक्ष का किया स्वागत
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कनीना। बीजेपी कनीना मंडल के नवनियुक्त ओबीसी मोर्चा के मंडल अध्यक्ष देवदत्त जांगड़ा गांव भडफ निवासी व लखन लाल जांगड़ा गांव कैमला निवासी को जिला मंत्री बनाने  व  समस्त नव नियुक्त ओबीसी मोर्चा जिला महेंद्रगढ़ के पदाधिकारियों का पूर्व महामंत्री राजेंद्र भारद्वाज ने स्वागत किया। राजेंद्र भारद्वाज ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी सभी को साथ लेकर चल रही है। उन्होंने कहा कि नवनियुक्त पदाधिकारी उन्नति के पथ पर अग्रसर रखें। सभी नवनियुक्त पदाधिकारी सामाजिक सेवा में लोगों की भलाई में लगे रहे।

 

 

 

 

 

गाहड़ा गांव में लगा कोरोना डोज देने का सेशन
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 कनीना। कनीना उपमंडल के गांव गाहड़ा में कोरोना वैक्सीन देने का सेशन रविवार को चला। मजिसमें 45 प्लस के 74 लोगों को डोज दी गई।
 विस्तृत जानकारी देते हुए कंप्यूटर आपरेटर पवन कुमार ने बताया कि गाहड़ा के 45 प्लस आयु वर्ग के 71 लोगों को प्रथम तथा 3 को दूसरी डोज दी गई। रविवार होने की वजह से भी कोरोना वैक्सीन देने का कार्यक्रम चला। उन्होंने बताया कि 21 जून योग दिवस पर विशेष कार्यक्रम चलाया जाएगा जिसमें कनीना और इसके तहत पडऩे वाले 16 गांवों में सभी आयु वर्ग के लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी।




दौंगड़ा अहीर की बेटी बनी फ्लाइंग आफिसर
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कनीना। दौंगड़ा अहीर की बेटी बनी फ्लाइंग आफिसर बन गई है। 19 जून को हैदराबाद में एयरफोर्स की कंबाइंड ग्रेजुएशन फ्रेड संपन्न हुई। जिसमें ग्राम दौंगड़ा अहीर  निवासी पूजा यादव पुत्री सत्यवीर सिंह यादव ने फ्लाइंग आफिसर का पद प्राप्त करने में सफलता हासिल की। पूजा यादव के फ्लाइंग आफिसर बनने पर समस्त बोहरा परिवार वह समस्त ग्राम क्षेत्र में खुशी का माहौल है। पूजा यादव ने अपने दादा स्वर्गीय मास्टर परमेश्वर दयाल पर अपने गांव का नाम रोशन किया है। पूजा यादव बचपन से ही बहुत मेहनती व होनहार बच्ची है उसने दिल्ली विश्वविद्यालय से केमिस्ट्री आनर्स की पढ़ाई के दौरान एनसीसी की सी-सर्टिफिकेट हासिल की और गणतंत्र दिवस के कैंप का हिस्सा रहे पूजा यादव जेएनयू दिल्ली से पीएचडी कर रही थी। लेकिन उसकी इच्छा थी कि वो एयरफोर्स में आफिसर बने। उसने अपना सपना पूरा कर दिखाया।
फोटो कैप्शन: पूजा यादव। सौजन्य: पूजा परिवार




विज्ञान शिक्षकों को मिले प्रायोगिक भत्ता
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कनीना। प्रदेश के विज्ञान शिक्षकों ने प्रायोगिक भत्ता देने की मांग की है। वे प्रायोगिक भत्ता देने , पद को तकनीकी का दर्जा देने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं। भजनलाल सरकार ने तो मांग मान ली था परंतु सरकार चली गई वहीं कई राज्यों में यह दर्जा मिल चुका है। अध्यापक नेता भी इस पक्ष में हैं।
  'हरियाणा के सभी विज्ञान शिक्षकों का पद तकनीकी घोषित किया जाए और उनकी मांगों पर अविलंब गौर किया जाए। ये विचार हरियाणा राजकीय अध्यापक परिषद के प्रदेश पूर्व प्रेस सचिव कंवरसेन वशिष्ठ एवं अध्यापक नेता निर्मल शास्त्री ने की।
  श्री वशिष्ठ एवं निर्मल शास्त्री ने कहा कि हरियाणा प्रदेश के विज्ञान शिक्षक लबे समय से विज्ञान के पद को तकनीकी घोषित करके प्रायोगिक भत्ता दिए जाने की मांग करते आ रहे हैं। कर्मी हितैषी सरकार ने विज्ञान शिक्षकों की इस पुरानी मांग को अभी तक पूरा नहीं किया है। विज्ञान के इस युग मेें विज्ञान शिक्षकों की मांग जायज है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विज्ञान शिक्षकों के पद को तकनीकी घोषित करके एक वेतनवृद्धि अलग से की जाए या फिर प्रायोगिक भत्ता अलग से दिया जाए ताकि विज्ञान के इस युग में शिक्षक विज्ञान के पद पर जाकर अपना सम्मान महसूस करे। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के कर्मियों को वर्तमान सरकार पर भरोसा है। ऐसे में उनकी मांगों के अलावा शिक्षकों की अतिरिक्त मांगों पर भी गौर किया जाए।





चालक से गाड़ी रुकवा कर नकदी एवं सामान अज्ञात व्यक्ति छीन ले गए
-पुलिस ने किया मामला दर्ज
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव पड़तल में एक रोड़ी से भरे ट्राला चालक के ट्राले को रुकवा कर एटीएम के छीन कर पैसे निकलवा लिए, पास में जो नकदी थी तथा फोन चांदी की चेन आदि लेकर फरार हो गए। सुबह होने पर किसी का फोन लेकर कनीना पुलिस तक शिकायत की तत्पश्चात पुलिस ने कार्रवाई की।
मिली जानकारी अनुसार मनोज कुमार गघला थाना रोहड़ाई निवासी ने कनीना पुलिस में दी शिकायत में कहा है कि उसकी गाड़ी मेटेरियल में बहादुरगढ़ से धोलड़ा चलती है।
 17 जून की रात को मनोज कुमार अपनी गाड़ी लेकर धोलेड़ा की तरफ जा रहा था। रात्रि के करीब 12 बजे थे। पड़तल बस स्टैंड पर ब्रेकर पर गाड़ी धीमी की तब चार व्यक्तियों ने इशारा कर गाड़ी को रुकवा लिया। चब चालक ने पूछा क्या बात है तो वे कुछ नहीं बोले, गाड़ी में चढ़ गए और मनोज कुमार के साथ हाथापाई कर गाड़ी साइड में लगवा दी। तत्पश्चात उसे पकड़कर नजदीकी बणी में ले गए जहां उन्हें पकड़कर बिठा लिया 20200 रुपये की नकदी और एटीएम छीन लिया। एटीएम का पिन जबरन पूछकर 13500 निकलवा लिए। एमआई कंपनी का एक फोन और चांदी की चेन ले गए।  सुबह हुई तो लोगों का आवागमन हुआ तो मनोज को छोड़कर भाग गए। मनोज कुमार ने किसी का फोन लेकर उन्होंने अपने मालिक को तथा अपने भाई से सारी कहानी बताई। मौके पर वे लोग पहुंचे तथा पुलिस पहुंची। सामान व नकदी छीनने वाले लोगों की तलाश की गई किंतु नहीं मिले। उन्होंने अपने नकदी मोबाइल, चेन आदि बरामद करने की मांग की है। जिस पर कनीना पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अभी तक कोई गिरफ्त में नहीं आया है।





चित्त की वृत्तियों का निरुद्ध हो जाना योग कहलाता है-निलेश
-21 जून को मनेगा योग दिवस
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कनीना। चित्त की वृत्तियों का निरुद्ध हो जाना योग कहलाता है। महर्षि पतंजलि ने योगदर्शन में योगश्चित्तवृत्तिनिरोध सूत्र कहकर यही भाव व्यक्त किए हैं। किन्तु वर्तमान समय में भयावह शारीरिक-मानसिक बीमारीयों से मुक्ति के लिए भी योग एक प्रमुख साधन बन गया है। जिसे हम योग चिकित्सा के रूप में जानते हैं।
2015 से दुनियाभर में मनाया जा रहा योग दिवस उत्सव वर्तमान में योग के महत्व को प्रतिबिम्बित करता है।
केंद्र एवं राज्य सरकारों के सहयोग से हर वर्ष योगदिवस विशेष उल्लास के साथ मनाया जाता है।
इस वर्ष कोरोना महामारी की विपरीत परिस्थितियों के बीच में भी हरियाणा एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने आवश्यक सावधानियों का पालन करते हुए धरातल पर योगदिवस आयोजन कर रहा है।
इस वर्ष हरियाणा में प्रत्येक जिले में 50 स्थानों पर और प्रदेशभर के 22 जिलों में कुल 1100 स्थानों पर योगदिवस का आयोजन किया जा रहा है। पतंजलि योग समिति जिला प्रभारी निलेश मुदगल ने बताया कि योग के क्षेत्र में विश्व के सबसे बड़े संस्थान पतंजलि योगपीठ परिवार के योगशिक्षक एवं कार्यकर्ता पूरे देश भर में इन आयोजनों को सफल बनाने में अपना भरपूर सहयोग करते हैं। 2015 में पहली बार मनाए गए विश्व योग दिवस समारोह से लेकर इस वर्ष 7वी बार मनाए जा रहे योग दिवस कार्यक्रम पतंजलि योगपीठ के कार्यकर्ता निशुल्क रूप से प्रशिक्षण देते हैं। वे निस्वार्थ रूप से व्यवस्थाओं में अपना सहयोग करते हैं। योगऋषि स्वामी रामदेव महाराज ने आधुनिक युग में योग को गुफाओं-कंदराओं और हिमालय की चोटी से निकालकर गली-मोहल्ले, मैदान-पार्क, कार्यालय -विद्यालय और घर -घर तक पहुंचा दिया है।
निलेश मुदगल आगे बताते हैं कि पतंजलि योगपीठ के प्रशिक्षक एवं कार्यकर्ता, जिनमें बड़ी संख्या में मातृशक्ति शामिल है, इस योग को अपना जूनून समझते हुए बिना मेहनताने के निशुल्क- निस्वार्थ और निष्काम रूप से अपनी सेवाएं देते हैं।
योग विषय से पीएचडी कर रहे और यूजीसी नेट परीक्षा द्वद्ग पूरे भारतवर्ष में 5वां स्थान प्राप्त करने वाले निलेश मुदगल कहते हैं कि पतंजलि योगपीठ के कार्यकर्ताओं को इस प्रकार से प्रशिक्षित किया जाता है कि वें ना केवल 21 जून को योग प्रशिक्षण प्रदान करें बल्कि सर्दी-गर्मी -बारिश की बाधाओं के बीच भी पूरे वर्ष भर योगशिक्षण व योगप्रचार का कार्य करते रहें। निलेश ने जानकारी देते हुए बताते हैं कि पतंजलि के कार्यकर्ताओं के द्वारा देश भर के 29 राज्यों व 7 केंद्र शासित प्रदेशों के 600 से अधिक जिलों में कुल 100000 से भी अधिक योग कक्षाएं संचालित की जाती है। जिनके माध्यम से लाखों लोग प्रतिदिन निशुल्क रूप से योग द्वारा स्वास्थ्य और मानसिक शांति प्राप्त कर रहे हैँ।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पूर्व जिला महेंद्रगढ़ में भी पतंजलि योग परिवार द्वारा 137 नियमित और निशुल्क योगकक्षाओं का संचालन किया जा रहा था। जिनमे से 91 योगकक्षाएं महिलाओं द्वारा संचालित थी। इनका नेतृत्व महिला पतंजलि योग समिति जिला प्रभारी सरोज गर्ग करती हैं। लांकडाउन के कारण इन कक्षाओं को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया और इन्हे आंनलाइन शुरू किया गया।
 वर्तमान में जिला महेंद्रगढ़ में आयोजित होने जा रहे विश्व योग दिवस कार्यक्रम के सभी 50 योग केंद्रों पर भी पतंजलि योगपीठ परिवार के योग शिक्षकों द्वारा ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसमें आने-जाने का खर्च भी वे स्वयं ही वहन करते हैँ।
 निलेश कहते हैं कि योगऋषि स्वामी रामदेव महाराज और सभी पदों के लिए कार्यकर्ताओं का एक ही सपना है कि भारत सहित पूरा विश्व योगमय होकर हर प्रकार की दरिद्रता से मुक्त हो। गाली सुनना केवल आर्थिक समृद्धि को प्राप्त करें, बल्कि साथ ही साथ शारीरिक, मानसिक,  वैचारिक, आध्यात्मिक  और सामाजिक समृद्धि को भी योग द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।
फोटो कैप्शन: निलेश मुदगल।






बाबा भैया सेवादल ककराला ने पौधारोपण कर मनाई पांचवीं वर्षगांठ












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कनीना।  एक इच्छा कुछ नहीं बदल पाती, एक संकल्प बहुत कुछ बदल देता है और एक निश्चय सब कुछ ही बदल देता है। खंड के ग्राम ककराला में आदर्श ग्राम का सपना संजोये कुछ युवाओं की टोली ने अपने गांव के कुल देवता के नाम से जोड़कर जिस संस्था की नींव रखीं थी। वह आज लाखों रुपये के अनुदान व दर्जनों स्वयंसेवकों के श्रमदान से निरन्तर नित नए आयाम छू रही है। 19 जून को बाबा ढालोड परिसर में संस्था ने अपनी पांचवीं वर्षगांठ मनाई जिसके मुख्य अतिथि लाइफ वीवा के मैनेजिंग डायरेक्टर जयवीर कुमार व विशिष्ट अतिथि बीएमडी क्लब के अध्यक्ष लक्की सीगड़ा रहे।
 संस्था ने इस अवसर पर सुनील, कुलदीप, अजय, अभिषेक, योगेश, अरुण व रविन्द्र प्रकाश को प्रशस्ति पत्र देकर व सभी आर्थिक सहयोगियों को बाबा भैया की प्रतीकात्मक चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया। सचिव मदनपाल ने संथा के पिछले पांच वर्षों के कार्यों लेखा जोखा प्रस्तुत करते हुये बताया कि पर्यावरण व शिक्षा में मूल फोकस रखते हुये लगभग 2000 पौधों से सुसज्जित 8 हरित ककराला साइट्स, जल बचाओ जागरूकता, स्वच्छता, ककराला गोट टैलेंट, कैरियर गाइडेंस, बहुउद्देश्यीय पुस्तकालय, आपकी अपनी पाठशाला का शुभारंभ, बस शेल्टर का निर्माण व अन्य सामाजिक जागरूकता केरला बाढ़ राहत, रूढि़वादी मृत्युभोज के मौजूदा स्वरूप पर जनमत सर्वे, सड़क सुरक्षा, कोरोना राहत संघ, पंचायत चुनाव को लेकर मतदाता जागरूकता अभियान तथा बीते वर्ष से अन्य राज्य स्तरीय संस्थाओं के साथ मिलकर मेरा वोट मेरा भविष्य अभियान चला रही है। मुख्य अतिथि जयवीर कुमार ने कहा कि गांवों में ऐसी संस्थाओं का खड़ा होना बहुत शुभ संकेत है। ऐसी संस्थाओं से पूरे क्षेत्र में अपने ग्राम को लेकर दृष्टिकोण व जिम्मेदारी का भाव बदलता है। उन्हें ऐसे लोगों से जुडऩे में बहुत आनंद आता है। लक्की सीगड़ा ने कहा कि बीएमडी क्लब लगातार अपने क्षेत्र की संस्थाओं के साथ सम्पर्क में है और ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करने वालों को हर सम्भव सहयोग करने को तैयार हैं। उन्होंने इस अवसर पर पौधों के लिये वन विभाग से जुड़कर मदद करने का आश्वासन दिया। मंच संचालक सुनील शर्मा, माननीय सदस्य घनश्याम मोहनपुर, कायक्रम अध्यक्ष रामनिवास ने भजनों से कार्यक्रम का समां बांधा तो वहीं लाइब्रेरी में नवोदय कोचिंग ले रहे छोटे युवा पाठकों ने सांस्कृतिक नृत्य व गायन से सबका मन मोह लिया। इस अवसर पर इंद्रजीत शर्मा, प्राचार्य सेढूराम, मा. रामचन्द्र, महेश कुमार, अजय कुमार ने साउंड सिस्टम के लिये कोषाध्यक्ष बाबी,  इंद्रपाल शर्मा, मा. गुलशन, मास्टर बिरेन्द्र कुमार, पीटीआई राजेश कुमार, एसडी स्कूल से रामधारी, कंवर सिंह बोहरा, चौकीदार लाल सिंह, डा रमेश कुमार, हेडमास्टर रामेश्वर दयाल, पूर्व प्रधान डा राजीव, राजबीर छोटा, शैक्षणिक समन्वयक नवीन कुमार, रामनिवास, सुमेर, राजबीर, मनोज, सुनील कुमार, प्रोफेसर सन्दीप कुमार, धीरज कुमार, वीर निन्हनिया,सुन्दर लाल मेहरा व अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 5:मुख्य अतिथि जयवीर कुमार संस्था के सदस्यों को सम्मानित करते हुए।

 





निर्जला एकादशी पर पूजे जाते हैं विष्णु भगवान
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 कनीना। 21 जून को क्षेत्र में निर्जला एकादशी का पर्व मनाया जा रहा है जिसको लेकर तैयारियां जारी है। यह पर्व भगवान विष्णु को की पूजा के रूप में जाना जाता है, साथ में जल के महत्व को भी समझाया जाता है । कनीना क ज्योतिषाचार्य सुरेंद्र शर्मा बताते हैं कि इस दिन पूजा का विशेष विधान है। महिलाएं व्रत रखती और दिन भर पूजा करती है। इस दिन का व्रत बिना जल के किया जाता है तथा इसका फल 100 जन्मों के बराबर होता है। उन्होंने कहा कि यह व्रत जरूर करना चाहिए तथा भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए जो इस सृष्टि के पालन कर्ता है।
उन्होंने कहा कि इस दिन भीषण गर्मी पड़ती है और भीषण गर्मी में जहां पानी के बहुत अधिक मांग होती है। पानी के लिए इधर-उधर दौड़ते रहते हैं। पानी के महत्व को समझाया जाता है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक मीठे पानी की छबीले लगाई जाती है ताकि इस दिन पानी की कमी का एहसास नहीं हो। उन्होंने कहा कि सदियों से यह परंपरा चली आ रही है।
उधर परम संत लाल दास महाराज बताते हैं कि यह व्रत सभी पापों को नष्ट करने वाला तथा इंसान को ऊंचाइयों तक ले जाने वाला होता है।  पूरे साल बेशक व्रत नहीं किया जाए किंतु इस दिन व्रत किया जाए तो वह पूरी साल किए जाने व्रतों के बराबर होता है। उन्होंने कहा कि यह भीमसेन एकादशी नाम से भी जाना जाता है। इस दिन का विशेष विधान होने के साथ-साथ जग के पालन करता की पूजा की जाती है। यदि इस दिन पानी की कमी कहीं महसूस नहीं होने दी जाती। पानी का महत्व इसी दिन पता लगता है। गांव गांव जहां मीठे जल की छबील लगाने की व्यवस्था की जाती है वही दिन भर छबीले चलती रहती है।
फोटो कैप्शन: सुरेंद्र शर्मा तथा महाराज लालदास।


पितृ दिवस पर विशेष
माता पिता और गुरु का स्थान होता है विशेष- सुनील कुमार यादव
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,कनीना। कनीना क्षेत्र में पितृ दिवस विशेष रूप से मनाया गया। पिता को याद किया तथा पिता के गुणों पर चर्चा की गई। क्षेत्र के विभिन्न प्रबुद्ध जनों से इस संबंध में चर्चा की तो अलग-अलग विचार रखें।
शिक्षाविद सुनील कुमार यादव ने बताया कि माता पिता और गुरु का विशेष स्थान होता है । पहले मां और फिर पिता तत्पश्चात गुरु को महान माना जाता है। उन्होंने कहा कि पिता एक आसमान के समान होता है, हर दुख दर्द सहता रहता है किंतु किसी को आभास नहीं होने देता। ऐसे महान देवता को कभी नहीं भुलाना चाहिए। सदा पिता की पूजा करनी चाहिए, इसी में बच्चे का हित होता है। बच्चे को पालने वाला माता के बाद  पिता ही होता है। वैसे भी पिता को पालनकर्ता माना गया है।
 डा मुंशीराम शिक्षाविद का कहना है कि भगवान को भी पिता की संज्ञा दी जाती है परंतु जन्म देने वाले पिता का स्थान संतान के लिए विशेष होता है। मां के बाद यदि किसी की कल्पना की जाए तो पिता ही होता है। यदि मां को धरती के समान समझा जाए तो पिता को आसमान के समान समझा जाता है। पिता एक वह शख्सियत होती है जो जीवन भर अपनी संतान की भलाई के लिए कुछ न कुछ करता रहता है, सोचता रहता है और उसे अमलीजामा पहनाता है। यह सत्य है कि अपने दर्द भूल जाता है और संतान के हित पर विशेष ध्यान देता है। दिन रात मेहनत करता है, कमाता है परिवार का पालन पोषण करता है और बच्चे को एहसास नहीं होने देता। जब बच्चा कमाने की उम्र में पहुंचता है, समझदार बनता है तब उसे अपने पिता के गुणों का पता चलता है। ऐसे महान पिता को नमन करना चाहिए।
 विजयपाल शिक्षाविद का कहना है कि पिता और माता का सदा आशीर्वाद पाना चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है कि माता-पिता के आशीर्वाद से इंसान कठिन से कठिन समय को पार कर जाता है। पिता को भूलने वाला बच्चा इस दुनिया में  सफलता नहीं पाता  और न ही स्वर्ग में कहीं स्थान पाता है। ऐसे बच्चे को जीने का अधिकार नहीं होता। पितृ दिवस पर उन्होंने कहा कि पिता अनमोल चीज होती है जिसको सदा सीने में बरसाए रखना चाहिए ।                                    शिक्षक राजेश कुमार उन्हाणी का कहना है रिश्तों के संसार में पिता का रिश्ता सबसे नायाब रिश्ता होता हैं ।यह एक ऐसा रिश्ता होता है, जिसमे पिता न सिर्फ अपने बच्चों की खुशियों के लिए अपनी ढेर सारी इच्छाओं की बलि देता है बल्कि अपने बच्चों के जीवन को सर्वश्रेष्ठ बनाने के प्रयत्न में पूरी जिंदगी लगा रहता है। लेकिन पिता के अंत समय में आजकल के बच्चे कुछ जमीन के टुकड़े या पैसों के लिए अपने मां बाप को अपमानित या प्रताडि़त करते है जो हमारी संस्कृति के अनुकूल नहीं है। हमारी संस्कृति तो भगवान राम व श्रवण कुमार जैसे पितृभक्ति की रही है। हम सबको यह प्रण लेना चाहिए की हम अपने मां बाप का हमेशा सम्मान करेंगे। पिता केवल एक रिश्ता मात्र नहीं हैं बल्कि संतान की ताकत होते हैं।  किसी भी व्यक्ति को उसके बचपन से लेकर आत्मनिर्भर बनाने में पिता का बहुत अहम योगदान होता है।
फोटो कैप्शन: डा मुंशीराम, सुनील कुमार यादव, राजेंश कुमार, विजयपाल यादव।
 

 

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