अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त खिलाड़ी डा राजेंद्र सिंह का कोरोना के चलते हुआ निधन
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-बाघोत में गमगीन माहौल में किया अंतिम संस्कार
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-कुछ दिनों पहले उनकी मां का कोरोना से निधन हुआ था
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संवाद सहयोगी, कनीना। कोरोना ने पहले मां को लील लिया और फिर उनके पुत्र को लील लिया। कनीना मंडल के सचिव वरिष्ठ एडवोकेट वेद प्रकाश गुर्जर बाघोत के बड़े भाई डाक्टर राजेंद्र सिंह गुर्जर का कोरोना के चलते देहांत हो गया। वे 55 वर्ष के थे तथा बतौर डीजीएम हैफेड चंडीगढ़ कार्यरत थे।
विस्तृत जानकारी देते हुए डा राजेंद्र सिंह के भाई वेद प्रकाश गुर्जर ने बताया कि 20 मई को उनकी माताजी का कोरोना के चलते देहांत हो गया था। जब 2 मई को सेहलंग अस्पताल से डा राजेंद्र की जांच करवाने पर वे कोरोना संक्रमित मिले थे। तत्पश्चात उनका इलाज विराट अस्पताल रेवाड़ी में 27 मई तक चलता रहा। 27 मई के को उन्हें अमर अस्पताल जयपुर भर्ती करवाया गया जहां 9 जून की रात को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार बाघोत में किया गया। वे एक साधारण परिवार से संबंध रखते थे तथा बेहद ईमानदार व्यक्ति थे। जहां बीएससी एग्रीकल्चर हिसार से पास किया तथा एमएससी और पीएचडी भी हिसार से की थी। उन्होंने सभी कक्षाओं में दसवीं से पीएचडी तक गोल्ड मेडल एवं छात्रवृत्ति प्रज्ञपत की जिसके बल पर उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योगा में ख्याति अर्जित की। 8 बार गोल्ड मेडल हासिल किया था
उन्होंने आठ बार गोल्ड मेडल योगा में जीता। टोक्यो में भी उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया था। योगा के क्षेत्र में उन्होंने महारत हासिल की थी वही वे ईमानदार इंसान के रूप में जाने जाते रहेंगे। उन्होंने 200 पेड़ पौधे भी क्षेत्र में लगाए। एक उनके अंतिम संस्कार में रणवीर पहलवान, महावीर पहलवान सहित कई अन्य जन पहुंचे।
फोटो कैप्शन: डा राजेंद्र सिंह।
कनीना में लगाई 235 जबकि भोजावास में लगी 238 कोरोना वायरस रोधी वैक्सीन
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संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना क्षेत्र में कोरोना वायरस रोधी वैक्सीन गुरुवार को भोजावास एवं कनीना में लगाई गई। भोजावास में 18 प्लस को 217 वैक्सीन 45 प्लस को नौ तथा 60 प्लस को 12 कोरोना रोधी वैक्सीन लगाई।
विस्तृत जानकारी देते हुए एचआई राजकुमार चौहान ने बताया कि पीएचसी सेंटर भोजावास टीके लगाने का सिलसिला सरकार की हिदायतों के अनुसार जारी है। उधर कनीना में 45 प्लस को 17 तथा 18 प्लस को 218 वैक्सीन दी गई। विस्तृत जानकारी देते हुए एसएमओ धर्मेंद्र यादव तथा कंप्यूटर आपरेटर पवन कुमार ने बताया की कुल 235 कोरोना रोधी वैक्सीन दी गई हैं। अब आनलाइन रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं है, सीधे ही डोज ली जा सकती हैं।
फोटो कैप्शन 14: पीएचसी भोजावास में वैक्सीन देते हुए।
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लोगों को किया कोरोना के प्रति जागरूक
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कनीना। भारतीय रेड क्रास सोसाइटी एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त कार्यक्रम चलें गांव की ओर के अंतर्गत जेआरसी काउंसलर डा रणपाल सिंह चौहान, सत्यवीर सिंह खन्ना तथा राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में गांव कारिया व महासर में सार्वजनिक स्थानों पर कोविड-19 के प्रति लोगों को जागरूक किया।
जेआरसी काउंसलर्स ने लोगों को बताया कि सामाजिक दूरी बनाए रखें, मास्क का प्रयोग करें तथा भीड़भाड़ वाले स्थानों पर न जाए। मास्टर सत्यवीर सिंह व राजेंद्र सिंह ने बिना मास्क वाले लोगों को मास्क वितरित किए तथा नियमित रूप से सेनिटाइजर का इस्तेमाल करने की सलाह दी कार्यक्रम में मा. शुभराम व मा. राम सिंह का विशेष योगदान रहा। गांव कारिया में सरपंच प्रतिनिधि प्रदीप कुमार ,डा मुंशी सिंह ,विशाल सिंह ,जगदेव ,ललित ,अरविंद, उमेद सिंह, गोपी राम व साहिल आदि लोगों को की उपस्थिति रही जबकि गांव महासर में सुंदरलाल, रोहतास, देशराज ,अतर सिंह ,प्रभाती लाल ,तेजराम ,संजय ,विनोद महेंद्र सिंह ,रिंकू , राजबाला आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 15: महासर में लोगों को जागरूक करते जेआरसी काउंसलर एवं अन्य।
बिजली करंट से भैंस की मौत
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कनीना। बिजली का करंट लगने से भैंस की मौत हो गई। मालिक ने मुआवजा मांगा है। जानकारी के अनुसार खंड कनीना के निकटवर्ती ग्राम खेड़ी तलवाना के इसेफ खान की भैंस बिजली के खंभे के पास से गुजरी तो भैंस को बिजली ने करंट लग गया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वही इसकी सूचना मालिकों ने कनीना थाने को देकर अवगत कराया जिस पर पुलिस ने रपट लिख कार्रवाई। आरंभ कर दी है वही ग्रामीणों ने बताएगी। मलिक ने मुआवजा देने की मांग की है ताकि वह अपना गुजर.बसर कर सके।
4 दिनों से सफाई कर्मियों का चला रहा धरना समाप्त लौटे काम पर
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कनीना। विगत 4 दिनों से धरने पर बैठे तथा 5 माह की अपनी तनख्वाह मांग रहे सफाई कर्मियों का धरना गुरुवार को विधिवत रूप से संपन्न हो गया। उन्हें 3 माह का वेतन दे दिया गया और 2 माह का वेतन जल्द ही दिया जाएगा। इस बात से प्रसन्न होकर सभी कर्मी अपने काम पर लौट गए हैं।
इस बार करीब 54 कर्मी धरने पर बैठे थे जिनमें से कुछ कर्मी ठेके पर काम करने वाल भी शामिल थे। यह उनका दूसरी बार धरना चला है। पहली बार धरना करीब 15 दिन पहले चला था। एक पखवाड़े पहले चले धरने में जहां एसडीएम दिनेश कुमार ने उनका वेतन 19 दिनों में निकलवाने का आश्वासन दिया था जिसके चलते उन्होंने धरना समाप्त कर दिया तो किंतु 10 दिन पूरे होने के बाद भी उनका वेतन नहीं निकाले जाने के चलते रोष पूर्ण सभी कर्मियों ने एक बार फिर से धरना शुरू किया था जो 4 दिनों से चला आ रहा था। सोमवार को धरने पर बैठे थे किंतु गुरुवार शाम को उन्होंने अपना धरना समाप्त कर दिया।
विस्तृत जानकारी देते हुए पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि उनके वेतन की अनुमति जिला नगर उपायुक्त ने बुधवार को दे दी थी जिसके चलते कुछ हिदायतें सचिव को दी गई और गुरुवार उनको वेतन निकाल दिया गया है। उन्होंने बताया कि उनकी बात लगातार जिला नगर उपायुक्त से चल रही है। उनका पूरा वेतन उन्हें दे दिया जाएगा। कुछ समय बाद शेष 2 महीने का वेतन भी दे दिया जाएगा।
धरना समाप्त करवाने से पहले मौके पर पहुंचे सतीश जैलदार पालिका प्रधान, उपप्रधान अशोक ठेकेदार, पार्षद मास्टर दिलीप सिंह, पार्षद मुकेश राकी, संदीप धोलिया, रवि कौशिक, विक्की पार्षद आदि सभी मौजूद थे। जिन्होंने धरने पर बैठे कर्मियों को समझाया कि उनकी तीन माह का वेतन निकाल दिया गया है। उन्होंने खुशी का इजहार करते हुये अपने काम पर लौटना स्वीकार कर लिया।
धरने पर बैठे कर्मियों ने बताया कि उनका 3 महीने का वेतन मिल गया है और शेष वेतन जल्दी देने का आश्वासन है इसलिए तो धरने को समाप्त कर दिया है और काम पर चले गये हैं। विगत 4 दिनों से काम न होने से कूड़े के ढेर लग गये थे। फोटो कैप्शन 12: धरने समाप्त करते वक्त खुशी जताते हुए।
2 मिनट बचाने के चक्कर में अपना अनमोल जीवन बर्बाद ना करें -कंवरलाल शर्मा
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कनीना। कुछ मिनट का समय बचाने के चक्कर में कहीं आपका जीवन तो खत्म नहीं हो जाएगा। इसलिए रेलवे फाटक को पार करते वक्त थोड़ी शांति रखें और गाड़ी निकल जाने के बाद ही फाटक पार करें। ये विचार कनीना रेलवे स्टेशन मास्टर कवर लाल शर्मा ने गुरुवार को रेलवे फाटक सप्ताह के कार्यक्रम पर फाटक पार करने वाले लोगों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जीवन बड़ा ही अनमोल है इसे कभी भी व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए क्योंकि सब चीज संसार में दोबारा मिल सकती है लेकिन भगवान का दिया हुआ यह अनमोल जीवन एक बार चले जाने के बाद दोबारा कभी वापस नहीं मिलता। इसलिए इस जीवन को तबाह करने की चेष्टा कभी ना करें। उन्होंने यह भी कहा कि जब आप कहीं भी फाटक पार कर रहे होते हैं तो सबसे पहले फाटक बंद होने के बाद कभी भी अपनी बाइक साइकिल या अपने आप को फाटक के नीचे से घुसाकर पार न करें क्योंकि आप अपने जीवन में 2 मिनट बचाने के चक्कर में सदा सदा के लिए अपने जीवन को खत्म कर सकते हैं। इसलिए आज हमारा फाटक सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम आप लोगों को रेलवे की जानकारी देने के लिए है ताकि आपका जीवन बर्बाद होने से बच सकें। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार उन्होंने यह भी कहा कि जो फाटक पर रेलवे के नियमों का उल्लंघन करते हैं उनके खिलाफ धारा 160 के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान भी बनाया हुआ है जिसके तहत रेलवे 1000 रुपये जुर्माना या 6 माह तक की सजा भी कर सकती। वही लोगों ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह उनके द्वारा कहे गए शब्दों का तथा रेलवे विभाग द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करेंगे। इस अवसर पर स्टेशन अधीक्षक कवर लाल शर्मा स्टेशन मास्टर जत्ती राम मीणा, निहाल सिंह स्टेशन मास्टर, राम सिंह कांटे वाला, ललित सैनी कांटे वाला, वेदपाल कांटे वाला के अलावा अन्य स्टाफ मौजूद था।
फोटो कैप्शन 10: फाटक सप्ताह कनीना में मनाते हुए स्टेशन मास्टर कंवरपाल।
कोरोना महामारी से बचने के लिए वैक्सीन ही एक आखरी उपाय
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कनीना। कोरोना वैक्सीन लगवाना ही कोरोना से बचाव करना है क्योंकि कोरोना वैक्सीन ही मानव जीवन लिए उसका सुरक्षा चक्र है। ये विचार वरिष्ठ समाजसेवी गीरेंद्र सिंह शेखावत ने 18-44 ग्रुप में वैक्सीन की पहली डोज लेने के उपरांत व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों के जीवन को बचाने के लिए सार्थक प्रयास किए हैं जिसके चलते कोरोना महामारी से हमारे लोगों का जीवन बच पाया है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना वायरस अभी पूर्ण रूप से खत्म नहीं हुआ है इसलिए हमें मास्क लगाकर और 2 गज की दूरी का पालन करना चाहिए ताकि यह कुछ समय का बुरा टाइम जल्दी से खत्म हो जाएगा और एक बार फिर भारत देश में सुख शांति हो जाएगी।
फोटो कैप्शन 11: समाजसेवी गीगेंद्र सिंह डोज लेते हुए।
आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी से बैटरी इनवर्टर व बैटरी चोरी
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कनीना। आयुर्वेदिक मेडिकल आफिसर खेड़ी के डाक्टर रमेश कुमार ने कनीना पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है कि उनके राजकीय आयुर्वेदिक सेंटर खेड़ी पर रखे सुकम कंपनी के इनवर्टर बैटरी चोरी हो गई। उन्होंने पुलिस में बताया कि 27 मई 2021 को रात के समय यह बैटरी और इनवर्टर चोरी हुए थे जिसकी सूचना सौ नंबर पर शिकायत दे दी थी। अब लिखित शिकायत देने पर मामला दर्ज किया गया है।
कुलदीप यादव को मिला योद्धा रतन अवार्ड
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कनीना। कोरोना महामरी में जरूरतमंदों की समय मदद करने वाले कुलदीप यादव पाथेड़ा को योद्धा रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह अवार्ड ने आईसीटीएम सोशल ग्रुप द्वारा उनके महत्वपूर्ण कार्यों के लिए दिया गया है। पवन कुमार राठौर आईसीटीएम ग्रुप फाउंडर द्वारा दिए गए कोरोना योद्धा सम्मान में कहा गया है कि कुलदीप यादव हमेशा से जरूरतमंदों की सेवा में लगे रहते हैं।
कोरोना महामारी के समय कुलदीप ने जरूरतमंदों की समय पर मदद की है। जिसके चलते उन्होंने कोरोना काल में योद्धा के रूप में कार्य किया है। ऐसे में उन्हें यह सम्मान दिया जाता है।
पक्षियों के लिए रखे सिकोरे
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कनीना। राजकीय माडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल कनीना में प्राचार्य सतपाल के निर्देशानुसार गर्मी के मौसम को देखते हुए विद्यालय के प्रांगण में पक्षियों के लिए सिकोरे की व्यवस्था की गई ताकि गर्मियों के मौसम में पक्षियों को पानी उपलब्ध हो सके। जहां ताप 44 डिग्री पहुंच गया है वहीं पानी की जीवों के लिए कमी चल रही है।
स्पेशल शिक्षक अमृतलाल ने कहा कि पानी ही जीवन जीने का सबसे महत्वपूर्ण है गर्मियों में अगर पक्षियों को समय पर पानी मिल जाता है तो उनका जीवन बचाया जा सकता है। पानी पक्षियों के लिए गर्मियों में बहुत ही अत्यंत आवश्यक है। प्राचार्य के निर्देशानुसार अमृत सिंह विशेष शिक्षक व राजेश चतुर्वेदी ने जमीन में गड्ढा खोदकर सिकोरे लगाए।
फोटो कैप्शन 9: सिकोरे लगाते हुए स्कूली शिक्षक।
माडल स्कूल में की जा रही शहीदों की चित्रकारी
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कनीना। राजकीय माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल कनीना में कला शिक्षक सोमनाथ के के द्वारा भगत सिंह का चित्र दीवार पर अंकित किया जा रहा है तत्पश्चात विद्यालय में देशभक्तों के चित्र भी अंकित किए जाएंगे। अपने समय के बेहतर कला शिक्षक रहे सोमनाथ बेहतर गायक भी हैं तथा रामलीलाओं का मंचन भी किया है। वे जहां भी कहीं शिक्षण करते हैं देशभक्तों के चित्र जरूर बनाते हैं। वर्तमान में वे माडल स्कूल कनीना में कार्यरत हैं और अपनी कला से मन मोह रहे हैं।
फोटो कैप्शन 8: सोमनाथ शिक्षक बेहतर कलाकारी करते।
मोटरसाइकिल की टक्कर में एक घायल, मामला दर्ज
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कनीना। राजकुमार मालड़ाबास ने कनीना थाने में एक मोटरसाइकिल सवार के विरुद्ध टक्कर मारकर घायल करने का मामला दर्ज करवाया है।
उन्होंने कहा है कि वे 6 जून को अपनी मोटरसाइकिल से मालड़ाबास से घर से निकला था, ज्यों ही धर्म कांटा के करीब पहुंचा तो सामने से आ रही रहे मोटरसाइकिल सवार ने सीधी टक्कर मार दी जिससे उन्हें चोटें आई। मोटरसाइकिल भी क्षतिग्रस्त हो गई। उन्होंने शिकायत में कहा है कि जब उन्होंने खड़े होकर देखा तो राजकुमार बवाना नामक व्यक्ति नेे टक्कर मारी थी उसको भी चोटें आई है। राहगीरों ने राजकुमार मालड़ाबास को महेंदद्रगढ़ के निजी अस्पताल पहुंचाया। राजकुमार मालड़ाबास की शिकायत पर राजकुमार बवाना के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
पदाड़ी को बेचा जाता है ईंट उद्योगों को
-पेड़ों को कटने व कोयला की मांग घटाने में कारगर
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कनीना। एक जमाने में चंद रुपयों में बिकने वाली तूड़ी तथा मुफ्त में मिलने वाली पदाड़ी एवं धांसे अब कीमती बन गए हैं। किसानों के लिए ये अतिरिक्त आय का साधन बन गए हैं। इन्हीं के दम पर हजारों रुपये किसान कमा लेते हैं। अब किसान न तो धांसों को नष्ट करते हैं और न पदाड़ी को बिखेरते हैं। अब तो प्रत्येक गांव में एक या दो लोग इनका स्टाक करके ईंट उद्योगों को पहुंचा रहे हैं जिससे कोयला एवं लकड़ी की मांग घटी है। कुछ लोगों ने गांव गांव में पदाड़ी का स्टाक किया हुआ है जो व्यापार का जरिया बन गया है।
अब दूर दराज से लोग पदाड़ी को अपने गन्ने से गुड़ बनाने या ईंट भ_ा मालिक इसे ईंट पकाने में काम में लेने लगे हैं। वर्तमान युग में पदाड़ी को भारी दामों पर बेचा जाता हैं। कुछ लोग तो पदाड़ी का धंधा ही करने लग गए हैं। पदाड़ी को भारी मात्रा में इकट्ठा कर लिया जाता है और भ_ा मालिकों को बेचा जाता है। जब जब सरसों की कटाई होती है कुछ लोग सक्रिय हो जाते हैं और बेहतर आय पदाड़ी से कमा लेते हैं।
पदाड़ी की मांग भी दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। किसान धांसों के बदले सरसों की कटाई करवाने के अलावा पदाड़ी को महंगे दामों पर बेचते आ रहे हैं। किसान राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, अजीत कुमार, कृष्ण कुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पदाड़ी को उनसे मोल ले जाते हैं और एक जगह स्टाक कर लेते हैं जो ईंट भट्ठा उद्योगों को बेच दिया जाता है। इस प्रकार किसान एवं पदाड़ी का व्यापार करने वाले खुश हैं।
फोटो कैप्शन 6: पदाड़ी का स्टाक करते लोग।
चंदन से महक रही है रामप्रताप का बाग
-आर्गेनिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं रामप्रताप किसान
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कनीना। कनीना के पूर्व शिक्षक रामप्रताप ने जहां विगत दिनों पांच फुट लंबी घिया पैदा की थी वहीं उनके पार्क में चंदन और बांस के पेड़ भी खड़े हैं मन मोह रहे हैं। वर्षा जल संरक्षण के साथ साथ आर्गेनिक खेती कर रहे हैं।
रामप्रताप पूर्व शिक्षक ने अपनी आधा एकड़ भूमि पर दो वर्षों से आर्गेनिक खेती कर रहे है। क्योंकि गौशाला, गायों, गायों के मल एवं मूत्र से बहुत अधिक प्रभावित है इसलिए गायों के मल मूत्र से खाद बनाते हैं जिसका छिड़काव करके बेहतर पैदावार ले रहे हैं। उन्होंने 20 पौधे सफेद चंदन, बांस, अमरुद, जामुन के भी लगाए घिया, तोरई, ककड़ी, अंजीर, पपीता, पुदीना भी महकाकर अपना खेत आकर्षण का केंद्र बना रखा है। वर्तमान में वे इस अवस्था में है कि अपने परिवार के लिए फल सब्जियां पैदा कर रहे हैं वही आस पड़ोस के लोगों को भी मुफ्त में प्रदान कर रहे हैं। वर्षा जल का संरक्षण कर रहे हैं वहीं जीवामृत तैयार करते हैं। उनके पुत्र देवेंद्र अल्ट्रा टेक कंपनी जोधपुर में कार्यरत हैं जिन्होंने बेरी की बेहतर प्योद लाकर दी जो आज पर्याप्त बेर दे रही हैं।
उन्होंने बताया कि वह गाय का गोबर, गोमूत्र बेसन,खल आदि से खुद आर्गेनिक खाद तैयार करते हैं। सभी पदार्थ मिलकर एक ड्रम में डाले जाते हैं और 15 दिनों तक ड्रम में सडऩे के बाद तैयार हो जाता है जिसे ड्रिप सिंचाई द्वारा पौधों की जड़ों तक पहुंचा देते हैं। अमरूद के पौधे फलों से लदे हैं वहीं पालक के पौधे के पत्ते एक एक चौड़े लगे हुये हैं। बेहतर चने, मटर अलसी, अरहर के पौधे फलों से लदे हैं। जगह कम हैं किंतु पौधों की बहार आई हुई है। अब वे अंजीर के एक सौ पौधे लगा रहे हैं। प्योद तैयार कर ली है। 20 पौधे चंदन के लगे हुये हैं। उनकी फल सब्जियों आर्गेनिक खेती को देखने के लिए अन्य किसान आ रहे हैं तथा उनके नक्शे कदमों पर चलने का प्रयास कर रहे हैं।
क्या कहते हैं कृषि अधिकारी-
पूर्व खंड कृषि अधिकारी डा देवराज एवं वर्तमान कृषि विशेषज्ञ मनोज कुमार का कहना है कि दिनोंदिन खाद और उर्वरक खेतों में डालने से जहां खेती में पैदावार बढ़ गई है किंतु रोग बढ़ते ही जा रहे जिसके चलते अब किसानों का रुझान आर्गेनिक खेती की ओर जाने लगा है। आर्गेनिक खेती जहां सेहत के लिए लाभकारी एवं पर्यावरण भूमि के लिए भी बेहद लाभकारी है। अब आर्गेनिक खेती का भविष्य नजर आ रहा है।
फोटो कैप्शन 5: पार्क का एक नजारा।
7: चंदन के साथ रामप्रसाद
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