क्षेत्र में हुई दो एमएम बारिश, आया अंधड़
-लंबे समय से किसान इंतजार कर रहे हैं अच्छी बारिश का
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कनीना। शुक्रवार की शाम तेज अंधड़ के बाद दो एमएम बारिश हुई। किसान बेसब्री से लंबे समय से बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं परंतु अभी तक अच्छी बारिश नहीं हुई है। किसान चाहते हैं कि एक बार बेहतर बारिश हो जाए जो उनकी भावी फसल के लिए भी कारगर सिद्ध हो।
किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार रोहित कुमार आदि ने बताया कि वे लंबे समय से अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं किंतु मानसून आने का नाम ही नहीं ले रही है। क्षेत्र के किसानों ने करीब 4500 हक्टेयर पर कपास करीब 15000 हेक्टेयर पर बाजरे की बिजाई कर रखी है। कुछ किसान अभी भी बाजरे की बिजाई का इंतजार कर रहे हैं और बारिश न होने से परेशान है। इस बार सबसे अधिक बाजरा उगाया गया है।
उधर कृषि विस्तार अधिकारी डॉ देवराज का कहना है कि बारिश इस वक्त अल्प मात्रा में भी खड़ी फसल के लिए बेहद लाभप्रद है। उन्होंने कहा कि अब मानसून का वक्त आने वाला है। दो एमएम बारिश भी फसलों के लिए फसलों के लिए लाभप्रद मानी जाती है।
फोटो कैप्शन 12: कनीना क्षेत्र में बारिश का एक नजारा।
108 साल के जमना सहाय का निधन
-घी के शौकीन रहे हैं
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कनीना। कनीना खंड के गांव गोमली के जमना राम शर्मा का 108 वर्ष की उम्र में शुक्रवार की शाम को निधन हो गया। उनके काम देखकर युवा पीढ़ी भी सोचने को मजबूर हो जाती थी। उनकी उम्र परिजन 108 वर्ष बताते हैं किंतु आधारकार्ड में 107 तथा सृष्टि नामक रिसर्च संस्था द्वारा उनको प्रदत्त सम्मान पत्र में उम्र 106 वर्ष बताई गई है।
अंतिम समय तक वे स्वस्थ रहे। अपने प्रतिदिन के काम स्वयं करते थे किंतु खाने पीने में अभी भी जवानों से कम नहीं थे। वे घर तथा खेत का काम भी कर लेते थे। वे अपनी पांचवीं पीढ़ी को देख रहे थे। मुंह में दांत तो कम थे किंतु दिन में तीन बार खाना खाता है और मृत्यु से पहले आधा किलो शक्कर को देसी घी में मिलाकर खाने की क्षमता रखते थे। चलने में किसी युवा से कम नहीं थे तो खेतों में लावणी आदि करवाते थे वहीं पशुओं के लिए चारा भी लाते थे।
बुजुर्ग जमना राम पूर्णरूप से जमींदार थे। महज 18 वर्ष की उम्र में उनकी शादी चरखी दादरी के गांव चांगरोड़ में हुई थी जिनके चार पुत्र एवं छह पुत्रियां हुई। उनका बड़ा पुत्र रामनिवास सेना से सेवानिवृत्त है। उनके इस समय पोतें एवं पड़ पोते चल रहे हैं। उनका भरा पूरा परिवार है।
जमनाराम के विषय में ग्रामीणों ने बताया कि बचपन से ही खानपान बेहतर रहा है। आज भी उसके मुंह में कुछ दांत बचे हैं किंतु पाचन तंत्र सुदृढ़ होने के कारण दिन में तीन बार खाना खाता था।
बुजुर्ग की दिनचर्या में हुक्का पीना, सुबह घास खोदकर लाना, गंडासे से स्वयं काटना, पशुओं को चारा चराना, लावण के वक्त लावणी का काम करना, निराई गुडाई आदि का काम करना तथा घर की देखभाल करना प्रमुख थे। इसी प्रकार शाम के वक्त घास खोदकर लाना तथा पशुओं को चारा खिलाना शामिल थे। घर में गाय एवं भैंसें रखी जा रही हैं उनकी सेवा की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर थी।
जमनाराम शक्कर के अति शौकीन थे। दैनिक जागरण द्वारा विगत वर्ष पूछे जाने पर बताया था कि वे पहले एक किलो शक्कर खा लेता था किंतु अब भी आधा किलो शक्कर को खा लेते हैं। जमनाराम आज के दिन पूर्णरूप से स्वस्थ थे। उन्हें कोई किसी प्रकार की बीमारी नहीं थी। चलने में तथा काम करने में भी आगे थे। युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत थे और रहेंगे।
शुक्रवार की शाम को उनका निधन हो गया जिस पर रामरतन शर्मा जेई, दयाराम नंबरदार, प्रेम कुमार, रामनिवास फौजी, प्रेमचंद पंच, सुनील पंच, रोहिताश शास्त्री, हरद्वारीलाल, पूर्ण सिंह, कैलाश चंद्र तथा उनके परिजनों ने शोक जताया है।
फोटो कैप्शन 2: जमनाराम शर्मा गोमली
जोहड़ में डूबने से सरपंच प्रतिनिधि निधन पर सांत्वना देने पहुंचे विधायक सीताराम यादव
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कनीना। अटेली विधायक सीताराम यादव अगिहार गांव में सरपंच प्रतिनिधि राज सिंह की जोहड़ में डूबने से निधन होने पर सांत्वना देने उनके घर पहुंचे। उन्हंोने घर पहुंच परिवार के सदस्यों को सांत्वना दी। अटेली विधायक सीताराम यादव ने कहा कि राजसिंह अगिहार मिलन सार व सामाजिक इंसान थे। उनके निधन से इलाके में शोक की लहर है। उनकी कमी कभी पूरी नहीं हो सकती। विधायक सीताराम यादव के साथ उनके घर सांत्वना देने पहुंचे सत्यवीर सिंह यादव सेहलंग पूर्व उपाध्यक्ष भाजपा जिला महेंद्रगढ़, राजेंद्र सिंह उर्फ थान सिह मंडल अध्यक्ष भोजावास, राजेंद्र प्रसाद भारद्वाज पोता पूर्व महामंत्री कनीना मंडल, विनोद कुमार यादव करीरा पूर्व सचिव कनीना मंडल भाजपा, विनीत कुमार यूवा नेता सेहंलग, हनुमान शर्मा अगिहार, कवरसैन वशिष्ठ कनीना, राजकुमार भारद्वाज कनीना, अरूणा कौशिक पार्षद कनीना, देवदत्त जांगड़ा भडफ अध्यक्ष ओ बीसी मोर्चा कनीना आदि गणमान्य लोगों पहुंचे।
फोटो कैप्शन 10: अगियार में शोक जताते सीताराम विधायक अटेली।
दो दिन से दुर्घटनाग्रस्त ट्राला खड़ा रोड के बीच लोगों को हो रही समस्या
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कनीना। कनीना अटेली सड़क मार्ग पर एक ट्राला पड़ताल बस स्टैंड पर दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण 2 दिन से खड़ा है। बुधवार की रात को एक टैंकर और ट्राले की पड़तल बस स्टैंड पर आमने सामने टक्कर हो गई थी। इस दुर्घटना में अटेली की तरफ से आ रहे ट्राले का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। ट्राले में रोडिया भरी हुई है। वही कनीना की तरफ से जा रहे टैंकर को भी इस दुर्घटना में क्षति पहुंची है। टैंकर को तो वीरवार को क्रेन की मदद से रास्ते से हटा दिया गया लेकिन रोडियों से भरा हुआ ट्राला अभी भी सड़क के बीच खड़ा है। ट्राले के सड़क के बीच खड़े होने से यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को समस्या हो रही है।
फोटो कैप्शन 11: दो दिन से रोड के बीच खड़ा दुर्घटनाग्रस्त ट्राला।
317 कोरोना रोधी डोज दी गई
- शनिवार को लगेंगी 200 डोज
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कनीना। कनीना उप-नागरिक अस्पताल में जहां 64 आरटीपीसीआर सैंपल लिए गए वही 317 कोरोना रोधी वैक्सीन विभिन्न आयु वर्ग के लोगों को दी गई।
डा जितेंद्र मोरवाल ने बताया कि प्रतिदिन कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं जिसके तहत 64 आरटीपीसीआर सैंपल लिए गए जिनकी रिपोर्ट दो से 3 दिनों में आने की संभावना है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भोजावास में 345 कोरोना रोधी वैक्सीन दी गई। विस्तृत जानकारी देते राजकुमार चौहान एचआई ने बताया 18 प्लस को 206 डोज दी गई जबकि 139 डोज 45 प्लस के लोगों को दी गई।
उधर कनीना के उप नागरिक अस्पताल में 317 डोज विभिन्न लोगों को दी गई हैं। विस्तृत जानकारी देते हुए कंप्यूटर आपरेटर पवन कुमार तथा एसएमओ डाक्टर धर्मेंद्र यादव ने बताया कि 18 प्लस के युवाओं को $230 वैक्सीन दी गई जबकि 45 प्लस को 87 डोज दी गई हैं जिनमें 150 डोज रसूलपुर में दी गई डोज भी शामिल हैं।
ड्रोन से बने नक्शे को लेकर धनौंदा के लोगों ने की आपत्ति
-एसडीएम ने दिये दुरुस्ती के आदेश
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कनीना। ड्रोन द्वारा तैयार किए गए नक्शे को लेकर धनौंदा गांव के लोगों ने कनीना के एसडीएम दिनेश कुमार से भेंट कर गलत तरीके से नंबर चढ़ाए जाने पर आपत्ति जताई तथा दुरुस्त कराने की मांग की। एसडीएम दिनेश कुमार ने बिना देरी किए धनौंदा के सचिव अनिल कुमार को आदेश दिया कि तुरंत प्रभाव से धनौंदा जाइए और लोगों की ड्रोन से बने हुए नक्शे को लेकर जो समस्या है उसे तुरंत प्रभाव से हल करवा कर आइए। वही दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि ड्रान द्वारा जो नक्शा तैयार किया गया है वह सही नहीं है। कई लोगों के प्लाट अन्य लोगों के नाम पर चढ़ा दिये गये हैं। नक्शे को लेकर गांव में तनाव का माहौल है।
उप मंडल अधिकारी ने खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी सहित कर्मियों को आदेश दिया है कि ड्रोन द्वारा बनाए गए नक्शे में जो गलतियां हैं उसका समाधान हो।
फोटो कैप्शन 6: ड्रोन द्वारा बनाए गये नक्षे पर ऐतराज जताते धनौंदा के लोग।
कनीना पुलिस ने समाजसेवी लोगों के साथ मिलकर लगाई छबील
- लोगों को पिलाई ठंडाई
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कनीना। कौन कहता है कि पुलिस रहम दिल नहीं होती जिसका जीता जागता उदाहरण शुक्रवार को अटेली मोड़ पर पुलिस व पब्लिक द्वारा सामूहिक रूप से एक छबील लगाकर पेश किया। मिली जानकारी के अनुसार जेठ की एकादशी को गए तीन दिन बीत गए हैं लेकिन आज भी कनीना के समाजसेवी व पुलिस प्रशासन ने मिलकर एक छबील लगाई और लोगों को रोक रोक कर गर्मी की इस धूप में ठंडा पानी पिला उनका हालचाल पूछा। जिसके कारण एक बार तो सभी गाड़ी चालक पुलिस द्वारा रुकवाने पर कांप उठे लेकिन जब पुलिस व पब्लिक उनको रोक करके और ठंडा गिलास ठंडाई का उनके हाथ में देती तो उनके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ पड़ती। यह बात का देख बहुत से लोगों के मुंह से बड़ी ही दुआएं निकली भगवान आप लोगों का भला करें हम तो डर गए थे कि कहीं कागज चेक तो नहीं हो रहे हैं लेकिन इस छबील के द्वारा लोगों ने पुलिस पर आस्था जाहिर की है और पुलिस के जिला कप्तान तथा डीएसपी कनीना कनीना का आभार जताया। इसके लिए जिला महेंद्रगढ़ की समूची पुलिस बधाई की पात्र है।
फोटो कैप्शन 7: पुलिस कनीना के अटेली टी-प्वाइंट पर ठंडाई पिलाते हुये।
नैतिक मूल्यों के संवर्धन में कबीर प्रासंगिक - सुबोध
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कनीना। साहित्य-संस्कृति मंच, हरियाणा के तत्वावधान में वर्तमान में कबीर-विचारधारा की प्रासंगिकता विषय पर ऑन लाइन विचार-गोष्ठी का आयोजन किया गया । वरिष्ठ कवि एवं लेखक शैलेन्द्र सिंह शैली'की अध्यक्षता में आयोजित विचार-गोष्ठी में हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, चंडीगढ़ एवं उत्तराखण्ड के 18 विद्वान लेखकों ने उक्त विषय अपने आलेख प्रस्तुत किये ।
कायक्रम-संयोजक कवि-गीतकार डॉ सी एस वर्मा प्रभाकर ने बताया कि कबीर की शिक्षाओं के प्रचार-प्रसार हेतु कबीर-जयंती पर वर्तमान में कबीर-विचारधारा की प्रासंगिकता विषय पर विचार-गोष्ठी का आयोजन किया गया ।
विचार-गोष्ठी का आगाज करते हुए अंबाला की लेखिका डा रेखा शर्मा ने अपने आलेख में कहा कि कबीर की विचार-धारा भारतीय समाज की अमूल्य निधि है जिसे सहेजकर रखा जाना चाहिए । चंडीगढ़ से लेखिका नीरजा शर्मा ने वर्तमान में जाति-धर्म के नाम पर हो रहे मतभेदों को समाप्त करने में वह मत नही जो मनुष्य-मनुष्य के बीच मतभेद पैदा करे कबीर की सोच को प्रासंगिक बताया । अम्बाला की वरिष्ठ साहित्यकार आभा मुकेश साहनी ने धार्मिक वैमनस्य, लूट-खसोट,जमाखोरी व बाह्य आडम्बरों के प्रति कबीर की धार्मिक एवं आध्यात्मिक सोच को प्रासंगिक करार दिया । कबीर-विचारधारा की प्रासंगिकता पर बल देते हुए नैनीताल, उत्तराखण्ड की वरिष्ठ लेखिका बीना भट्ट बडशीलिया ने वर्तमान में राजनीतिक स्वार्थ-सिद्धि के लिए जातिगत समीकरण बनाने वाले लोगों के प्रति कबीर की सामाजिक सद्भावना के आग्रह को प्रासंगिक बताया । दिल्ली के वरिष्ठ साहित्यकार सुधीर सिंह सुधाकर ने वर्तमान में जाति-धर्म के नाम पर समाज के बिखराव को रोकने तथा मनुष्य को अनीति तथा लालच से दूर रहने के प्रति कबीर के नीति उपदेशों को सार्थक बताया वहीं दिल्ली की वरिष्ठ कवयित्री कविता यादव ने समाज मे फैली हिंसा, घृणा व द्वेष भावना को दूर करने में कबीर की सभ्य एवं शांतिपूर्ण समाज की परिकल्पना को प्रासंगिक कहा । अटेली के साहित्यकार एस एल सुबोध ने वर्तमान में नैतिक मूल्यों के ह्रास को रोकने में कबीर की सामाजिक भावना को प्रासंगिक बताया जबकि अम्बाला के विद्वान लेखक राकेश मेहता देही ने वर्तमान में सामाजिक भेद-भाव व आर्थिक शोषण के प्रति कबीर के क्रांतिकारी विचारों को महत्वपूर्ण बताया ।
विचार-गोष्ठी में रेवाड़ी से नेमीचंद शांडिल्य, अटेली से ओमप्रकाश चौहान व सभाचन्द यादव,कनीना से डा एचएस यादव, पटौदी से डॉ जगन्नाथ सोनी, चंडीगढ़ से संगीता शर्मा कुंद्रा, व रेणु अब्बी रेणू, हासी से दर्शना सुभाष पाहवा, बैगेलहोल, कर्नाटक से डा वसुधा कामत छवि तथा अंबाला से मंजीत तुर्का ने भी वर्तमान में कबीर-विचारधारा की प्रासंगिकता विषय पर अपने सारगर्भित आलेख प्रस्तुत किए ।
फोटो कैप्शन 8: विचार गोष्ठी में भाग लेने वाले लेखक एवं साहित्यकार।
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए वैक्सीन लेना अति आवश्यक ठाकुर जसवंत सिंह
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कनीना। जिस प्रकार शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भोजन पानी की आवश्यकता होती है ठीक उसी प्रकार शरीर को स्वस्थ रखने के लिए वैक्सिन भी लेना अति अवश्य है। उक्त विचार वरिष्ठ समाजसेवी ठाकुर जसवंत सिंह ने कोरोना महामारी की दूसरी डाज लेने के उपरांत लोगों से अपील करते हुए व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हमारी जान माल की रक्षा के लिए जो वैक्सीन तैयार की है उसको लेना अति आवश्यक है क्योंकि वही हमारे जीवन का सुरक्षा चक्र है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोनावायरस अभी पूर्ण रूप से खत्म नहीं हुआ है इसलिए हमें अपने समय पर वैक्सीन को अवश्य ही लगवाना चाहिए तथा 2 गज की दूरी को मेंटेन करते रहना चाहिए जिससे हम भी स्वस्थ रहेंगे और हमारा परिवार भी स्वस्थ रहेगा।
एक पखवाड़े में प्याज के भाव हुये तीन गुणे
-40 से 50 रुपये किलो पहुंची प्याज
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कनीना। क्षेत्र में प्याज उगाने वाले किसान अपने प्याज का स्टाक कर रहे हैं। प्याज महंगी होने के आसार है। बारिश होने से भाव बढऩे लगे हैं। एक पखवाड़े में ही भाव तीन गुणा बढ़ गये हैं।
उल्लेखनीय है कनीना क्षेत्र के कई किसान प्याज उगाकर उसका स्टाक करने में लगे हुए हैं। वैसे किसान सूबे सिंह,राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार ने बताया कि प्याज को लंबे समय तक स्टोर करना कठिन होता है। अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में देसी प्याज उगाई जाती है जो कुछ दिनों के बाद सडऩे लग जाती है। विशेषकर जब बारिश में मौसम होता है तो उस समय यह सड़कर बदबू देने लग जाती है किंतु सीकर कि प्याज लंबे समय तक चल सकती है। उन्होंने बताया कि किसानों में होड़ लगी हुई है कि अधिक से अधिक प्याज को स्टोर किया जाए। यहां उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष विगत वर्षों गांव में भी प्याज बेचने के लिए रेहड़ी वाले, ऊंटगाड़ी तथा अपने ट्रैक्टर आदि में प्याज डालकर बेचने के लिए किसान आते थे किंतु इस बार कम किसान प्याज बेचने आ रहे हैं। इस बार यदि प्याज का भाव देखा जाए तो बड़े-बड़े शहरों में भी प्याज 40 से 50 रुपये किलो बिक रही है। थोक मूल्य 30 रुपये किलो पहुंच गया है। किसान बताते हैं कि इस वक्त प्याज जब खोदी जाती है तो काफी सस्ती होती है किंतु इस बार भाव नहीं गिर रहे हैं। किसान अपनी प्याज का स्टाक कर रहे हैं ताकि महंगे दामों पर उसे बेच सके। बारिश न होने से प्याज के भाव बढ़ाये हैं।
उधर प्रोग्रेसिव किसान महावीर सिंह करीरा ने बताया कि प्याज का स्टाक लंबे समय तक नहीं चल सकता। अधिकतम दो ढाई महीने तक प्याज को रखा जा सकता है। किसान जसवंत सिंह करीरा ने बताया कि पहली बार प्याज उत्पादन किया है तथा उसे लंबे समय तक बचाने के प्रबंध किये जा रहे हैं। वे अच्छे भाव लेना चाहते हैं।
क्या कहते हैं जिला उद्यान अधिकारी-
जिला उद्यान अधिकारी डा प्रेम कुमार यादव ने बताया कि अक्सर अप्रैल माह में किसान प्याज उखाड़ते हैं और वे घर में या कमरे में डाल देते हैं तो सडऩे की संभावना होती है। ऐसे में लो कोस्ट ओनियन स्टोर किसान स्थापित कर सकते हैं जिसकी क्षमता करीब 25 टन होती है जिस पर करीब 1लख 75 हजार रुपये खर्च आता है। सरकार 50 फीसदी अनुदान अर्थात 87500 रुपये देती है। कनीना क्षेत्र में करीब 70 किला जमीन पर प्याज उगाई जाती है जबकि जिला महेंद्रगढ़ में 500 किला(200 हेक्टेयर)पर प्याज उगाई जाती है।
फोटो कैप्शन 2: प्याज का स्टोर करता किसान जसवंत एवं उनका पुत्र।
कोरोना की मार झेल फिर से शुरू हो गया करीरा का बाजर उत्पादित खाद्य प्रसंस्करण केंद्र
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कनीना। करीरा गांव में स्थापित हरियाणा का दूसरा बाजरे पर आधारित प्रसंस्करण करने वाला लघु उद्योग कोरोना की मार झेलते हुए कुछ दिनों के लिए बंद हो गया था वह पुन: शुरू हो गया है। बाजरे से दलिया, बिस्कुट, पिज्जा, फैन तथा केक फिर से उत्पादित शुरू हो गए हैं। वास्तव इस प्रकार का उद्योग हरियाणा में दूसरा है तथा राजस्थान में एक केंद्र पर इस प्रकार के उद्योग चल रहे हैं। ललित और ज्योति द्वारा स्थापित करीरा के लघु उद्योग को दिशा निर्देश प्रगतिशील किसान महावीर सिंह दे रहे हैं। जिसके चलते एक बार फिर से लघु उद्योग शुरू हो गया है।
उल्लेखनीय है 24 अक्टूबर 2020 को मंत्री ओम प्रकाश यादव एडीओ ने इस लघु उद्योग का उद्घाटन किया था, तब से बाजरे के प्रति लोगों में रुझान पैदा कर दिया था। बर्गर और पिज़्ज़ा तक भी बनाए जाने लगे थे लोगों की पसंद बाजरा बन गया था। बाजरे के बिस्कुट, केक वगैरा खाने शुरू कर दिए थे किंतु दुर्भाग्यवश कोरोना काल के कारण यह लघु उद्योग कुछ दिनों के लिए काम बंद कर दिया गया था। युवा ज्योति और ललिता ने फिर से काम शुरू कर दिया है। यहां पर 20 मिनट में दो ट्रे अर्थात करीब 1 किलोग्राम बिस्कुट तैयार हो रहे हैं जो 170 से 80 डिग्री पर बनते हैं। ललित कुमार और ज्योति ने बताया कि जो लोग गेहूं को अधिक पसंद करते थे और बाजरा सर्दियों में भी खाने से डरते थे उनके लिए बाजरे के बिस्कुट एक प्रमुख पसंद बन गई थी। चाय के साथ या बिना चाय के साथ लोग बाजरे से बने हुए पदार्थ खा रहे थे ।इस प्रकार का उद्योग कृषि विश्वविद्यालय हिसार में पहले स्थापित है वहीं राजस्थान में भी एक केंद्र पर इस तत्पश्चात बाजरे पर आधारित करीरा में यह केंद्र स्थापित हुआ था। बाजरा अनेक पदार्थों से पौष्टिक तत्व है जिसमें कोलस्ट्राल कम होता है तथा लोहे की मात्रा अधिक पाई जाती है। बाजरा खाने से शरीर स्वस्थ रहता है किंतु बाजरे को लोग कम खाते थे। इसलिए उनका रुझान पैदा करने के लिए यह केंद्र स्थापित किया गया था।
फोटो कैप्शन 6 व 7: बाजरी से पदार्थ बनाते हुये ज्योति तथा ललित कुमार।
संगठन को मजबूत बनाने पर बल दिया गोपालशरण ने
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कनीना। अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन कनीना शाखा की एक बैठक ्रदेश संगठन मंत्री ओमप्रकाश लिसानिया के प्रतिष्ठान पर हुई, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल शरण गर्ग, प्रदेश मंत्री बजरंग लाल अग्रवाल, जिला के अध्यक्ष पीसी गुप्ता, परिचय सम्मेलन के संयोजक संजय गर्ग और जिला के कोषाध्याक्ष कमलेश गोयल ने मार्गदर्शन किया।
गोपाल शरण गर्ग ने संगठन को मजबूत करने के लिए अधिक सदस्य बनने प्रति जोर दिया और अग्रोहा आने का निमंत्रण दिया। 17 जुलाई 2021 को अग्रोहा में कुलदेवी आदि लक्ष्मी के मंदिर की आधारशिला लोक सभा के अध्यक्ष ओम बिरला के करकमलों द्वारा रखी जाएगी, जिसमें कम से कम एक ईंट व 500 रुपये प्रत्येक घर से जरूरी जाए, वही अग्रोहा शक्तिपीठ के रूप में जल्दी ही सामने आएगा। संजय गर्ग ने कहा 18-19 सितंबर को नारनौल में एक अग्रवाल परिचय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, विवाह योग्य बच्चों के बायोडाटा भेजे ताकि सुगमता से रिश्ते मिले। बजरंग लाल अग्रवाल ने अग्र भागवत और मंगलपाठ करवाने प्रति जोर दिया। बैठक में कनीना अग्रवाल सम्मेलन के अध्यक्ष शिव कुमार अग्रवाल, महामंत्री सुरेंद्र बंसल नवीन मित्तल , सचिव मनोज गुप्ता प्रेम सिंगला, कोशाध्यक्ष विजय बुवानिया, उपाध्याक्ष रवींद्र बंसल, महेंद्र कुंचल, भगवान दास लिसानिया, बिजेंद्र गुप्ता, प्रेम गुप्ता, बजरंग लाल, मनोज पीआर, एडवोकेट कैलाश गुप्ता, श्रीभगवान, जगदीश सिंगला, जीवाराम, महेश मेडिकल, भगवानदास गुप्ता, सत्यनारायण बुचावास के अलावा बहुत से अग्रवाल सभा में मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 2: रामशरण गर्ग कनीना मंडी में बोलते हुए।
मूंग प्रदर्शन प्लाट के लिए बैठक आयोजित
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कनीना। खंड कृषि कार्यालय कनीना में उपमंडल कृषि अधिकारी महेंद्रगढ़ डा अजय यादव तथा डा योगेश यादव की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन हुआ जिसमें खंड के कार्यालय में कार्यरत सभी कर्मचारी अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में विभागीय स्कीमों पर चर्चा की गई। इस मौके पर बताया गया कि मूंग पर प्रदर्शन प्लाट सामान्य श्रेणी के 180 एकड़ तथा अनुसूचित जाति के 40 एकड़ का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 3600 रुपये प्रति एकड़ एक किसान को लाभ दिया जाना है जिसमें एक किसान को ढाई एकड़ का अधिकतम लाभ दिया जा सकता है। उसके द्वारा बीज सरकारी या अर्ध सरकारी दुकानों से खरीदा हुआ हो तथा खाद एवं दवाई का बिल भी साथ लगा हो। बैठक में दूसरी स्कीमों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दूसरी स्कीम की बीज किस्म 10 वर्ष पुरानी ना हो इसमें 2000 रुपये प्रति एकड़ लाभ दिया जाना है। बीज की खरीद सरकारी या गैर सरकारी दुकान से की गई हो। एक अन्य स्कीम में बाजरा की जगह मूंग अरहर, अरंड,मूंगफली फसल लगगाने पर बल दिया। उस खेत में पिछले वर्ष बाजरा फसल उगाई हो तथा मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन हो। पीएम किसान स्कीम में दर्ज होना जरूरी है तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड उस खेत का बना हुआ होना चाहिए तभी योजना का लाभ मिलेगा। कनीना के सभी गांव में मिट्टी जांच के लिए नमूने लिए जाने हैं जो किसी सीजन के शुरू होंगे। उन्होंने किसानों से मांग की है कि कृषि विभाग का सहयोग करें।
फोटो कैप्शन 3: कनीना खंड कृषि कायार्सलय में आयोजित किसानों की बैठक।
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Friday, June 25, 2021
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