प्रथम व द्वितीय श्रेणी में आरक्षण की मांग को अनदेखा कर रही है सरकार
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हरियाणा पावर कारपोरेशन एससी बीसी यूनियन ने बातचीत के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मांगा
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कनीना। हरियाणा पावर कारपोरेशन अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कर्मचारी यूनियन की केन्द्रीय कार्यकारिणी ने पत्र भेज कर अपनी मांगों के समाधान के लिए मुख्यमंत्री से बैठक करने के लिए समय की मांग की। यूनियन के राज्य प्रधान रमेश तंवर ने बताया कि प्रदेश में हरियाणा पावर कारपोरेशन के 6 हजार से अधिक कर्मचारी अनुसूचित जाति के हैं और पूरे हरियाणा में सभी विभागों में अनुसूचित जाति के कर्मचारी लगभग 30 हजार के करीब है। राज्य प्रधान ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि प्रथम व द्वितीय श्रेणी में आरक्षण की मांग को उठाते हुए उन्हें काफी साल हो गए हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव हरियाणा सरकार के आदेशानुसार अनुसूचित जाति के कर्मचारियों का बैकलॉग चतुर्थ श्रेणी से प्रथम श्रेणी तक भर्ती व प्रमोशन में 17 जून 1995 से नहीं भरा गया, उसे 17 जून 1995 से भरा जाये। उन्होंने अपने मांग पत्र के माध्यम से हरियाणा सरकार से मांग करते हुए कहा कि सीडब्ल्यूपी 12530 व सीडब्ल्यूपी(सीविल पैटिसन नं 764) जिसका 30 जुलाई 2020 को उच्चतम न्यायालय में जो फैसला हुआ है, उसकी मूल भावनाओं के अनुरूप अनुछेद 141 के अनुसार लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा पावर कारपोरेशन अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कर्मचारी यूनियन व समस्त हरियाणा अनुसूचित जाति कर्मचारी फेडरेशन मिलकर अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए प्रयासरत हैं। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रमेश तंवर ने बताया कि सभी कर्मचारी कोविड 19 को ध्यान को रखते हुए अपनी डयूटी को नियमानुशार पूरा कर रहे हैं और जनता की सेवा में दिन-रात लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उनकी मांग को पूरा करने के लिए शीघ्र से शीघ्र प्रतिनिधि मण्डल से उपरोक्त समस्याओं के समाधान हेतु बैठक का आयोजन करें। इस मौके पर कनीना 132 केवी उप केद्र पर एक बैठक आयोजित की गई जिसमें मुख्य रूप से सर्कल सचिव राजेंद्र कपूरी, यूनिट प्रधान सज्जन सिंह, सभी यूनिट प्रधान, धर्मपाल सचिव, नरेश कुमार, सचिव राजेश लाइनमैन, बाबूलाल, सत्यवीर आदि कर्मचारी उपस्थित रहे। इन्होंने प्रधान की बात को सही ठहराया और सरकार तक भेजने का अनुरोध किया।
20 फीसदी आरक्षण लागू करने पर आभार जताया
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कनीना। अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए विभागों में 20 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है। इसके लिए चौधरी रामनिवास खेड़ी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा ने आभार जताया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महोदय जी ने हर जिले को 50 लाख रुपये जारी किए जाने आदेश जारी करते हुए जो अनुसूचित जाति के लोगों के साथ किसी तरह की उत्पीडऩ संबंधी घटना होने पर पीडि़त परिवार को समय पर आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाने के लिए आदेश जारी किए हैं वहीं विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग पालिसी के तहत की जाने वाली भर्ती में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का आदेश जारी किया है। साथ में अधिकारियों को हिदायत देते हैं विजिलेंस एवं माउंटिंग कमेटी की बैठक 6 महीने में किए जाने व अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ होने वाले उत्पीडऩ के मामले को कानूनी सहायता राशि बिना देरी के जारी किये हैं, इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आभार जताया है।
कांग्रेस का राज आने पर किसान व बेरोजगारों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा
- 36 बिरादरी का रखा जाएगा मान सम्मान -राव बहादुर सिंह
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कनीना। कांग्रेस की सरकार आने पर किसी भी किसान वह बेरोजगार युवाओं को परेशान नहीं होने दिया जाएगा। वर्तमान सरकार की कथनी और करनी में फर्क है। यह लोगों को गुमराह कर रही है जबकि हमारी सरकार आने पर सभी 36 बिरादरियों का ध्यान रखा जाएगा और उनको मान सम्मान दिया जाएगा। ये विचार नांगल चौधरी से विधायक रहे राव बहादुर सिंह ने खंड के गांव धनौंदा में एक भेंटवार्ता में व्यक्त किए।
इस अवसर पर राव बहादुर सिंह ने कहा कि वर्तमान की संयुक्त सरकार हर मोर्चे पर फेल है और इसका लोगों को अच्छे से पता चल गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने देश में कोहराम मचाया है लेकिन वर्तमान सरकार ने इससे कोई सबक नहीं लिया जिसके कारण देश के लाखों लोगों को मौत की नींद सोना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार के राज में कोरोना की तीसरी लहर आने की दहलीज पर खड़ी है लेकिन केंद्र व प्रदेश सरकार खाली ढिंढोरा पीट रही हैं और करने के लिए इनके पास कुछ नहीं है। जिस देश का किसान पिछले लंबे समय से अपनी जायज मांग के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है लेकिन उसके बावजूद भी सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है जिसके कारण एक बार फिर से वर्तमान जेजेपी और बीजेपी की सरकारों ने अंग्रेजों के जमाने की याद ताजा कर दी क्योंकि अंग्रेजों की सरकार भी तानाशाह थी और वर्तमान सरकार भी तानाशाह है। इन दोनों में कोई फर्क नहीं है। राव बहादुर सिंह नेकहा कि जो विधायक अपने हलके की बात सरकार में नहीं रख सकता जिसके कारण आज अटेली हलके के लोग विधायक से खफा नजर आ रहे हैं। राव बहादुर सिंह ने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार में चंद नेता व मंत्रियों को छोड़ कर बाकी सभी लोग अपना टाइम काट रहे हैं और उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास कोरोना का एक अच्छा बहाना है और इस बहाने के पीछे वह गांव में कोई काम नहीं करा रही जिसके कारण गांव की हालत दयनीय होती जा रही है और वहां उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने दावा किया है कि आने वाला समय कांग्रेस का होगा । बहादुर सिंह ने भारत के राष्ट्रपति से मांग करते हुए कहा है कि किसान आंदोलन में जिन किसान अन्य लोगों की मृत्यु हुई है उनके परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए तथा मृतक को शहीद की श्रेणी में रखा जाए। इस अवसर पर इनके साथ कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 7: राव बहादुर सिंह पूर्व विधायक धनौंदा में संबोधित करते हुए।
देश सेवा करके आ चुके हैं महंत और अब कर रहे आधुनिक खेती
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव करीरा में जसवंत सिंह एक वो शख्सियत है जिन्हें आज भी महंत नाम से लोग जानते हैं। महंत का अर्थ होता है संत। इस संत ने न केवल देश सेवा की अपितु वर्तमान में बेहतरीन खेती कर रहे हैं। उन्होंने प्याज का अपना स्टोर बनाया है। वे अपने खेतों में रहता है और पशु पालन भी कर रहा है।
क्यों कहते हैं महंत -
वास्तव में जसवंत सिंह को आज भी महंत(गांवों में महत) नाम से जानते हैं। उनके पिता श्योकरण की कोई संतान जीवित नहीं बच रही थी। ऐसे में जसवंत के दादा मुरली नंबरदार ने रेवाड़ी के बलवाड़ी महंत प्रेमानंद से अरदास की कि अगर उनकी संतान बच गई तो वे उनको सेवा के लिए अर्पित करेंगे। ऐसे में जसवंत पैदा हुए और वे बच निकले। तत्पश्चात मुरली नंबरदार अपने पोते को प्रेमानंद बलवाड़ी महंत के पास ले गए और उन्हें सौंपते हुए कहा कि यह आपकी कृपा से बचा है। अब यह आपका शिष्य होगा। एक इंसान के इतने बड़े त्याग को देखकर प्रेमानंद बलवाड़ी ने जसवंत को मुरली नंबरदार के हवाले ही कर दिया और कहा कि आज से देख रेख तुम ही करना। यह मेरे शिष्य रूप में जाना जाएगा। तत्पश्चात मुरली नंबरदार उन्हें घर पर ले आए, पढ़ाया लिखाया। यद्यपि जसवंतके और भी भाई हुए किंतु उन्होंने देश सेवा का निर्णय लिया। देश सेवा करने के पश्चात अब वे अपने घर पर आधुनिक जमीदारा कर रहे हैं। क्योंकि बलवाड़ी के महंत को उन्हें अर्पित किया जाना था इसलिए आज भी उन्हें महंत नाम से जानते हैं। जहां बलवाड़ी के प्रेमानंद संत का त्याग देखने को मिला वही मुरली नंबरदार का भी त्याग देखने को मिला था।
जसवंत सिंह अपने खेतों में आधुनिक दर्जे की खेती कर रहे हैं । प्याज का बेहतरीन स्टाक किया हुआ है। उन्होंने बताया कि पहली बार प्याज उगाकर लाभ कमाने की सोची है। प्याज महंगी होगी तब वे इसको बेचेंगे। इसलिए उन्होंने छोटे स्तर पर प्याज बचाने का स्टोर केंद्र भी बनाया है।
फोटो कैप्शन: जसवंंत सिंह उर्फ महंत।
घर में घुसकर मार पिटाई करने का मामला दर्ज
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव स्याणा में एक व्यक्ति ने उनके घर में घुसकर मार पिटाई करने और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज करवाया है। कनीना पुलिस ने 7 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
स्याणा निवासी नवीन कुमार ने शिकायत दर्ज करवाई है की उनके घर में 22 जून की शाम करीब पांच बजे आकाश, रिंकू, हरीश, अंकित, नवीन मोहित एवं सुरेंद्र लाठी-डंडे लेकर आए ।आते ही जहां अंकित नवीन, मोहित और सुरेंद्र ने उन्हें पकड़ लिया आकाश, रिंकू और हरीश ने डंडों, थप्पड़ लाता आदि से धुनाई कर दी। जब शोर मचाया तो नवीन के पिता धर्मवीर और उनके चाचा आ पहुंचे। इन लोगों ने उनसे भी गाली गलौज ककिया घर से भागने लगे। जाते-जाते जान से मारने की धमकी दे गए। नवीन तथा आकाश मोटरसाइकिल पर सवार होकर चले गए। उधर पीडि़त नवीन कुमार को अस्पताल पहुंचाया जहां उन्हें 23 जून को छुट्टी मिली। अब उन्होंने मामला दर्ज करवाया है। विभिन्न धाराओं के तहत कनीना पुलिस ने सात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कनीना के गाहड़ा मोड़ से गांजा समेत एक गिरफ्तार
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कनीना। कनीना पुलिस को मुखबिरी के आधार पर सूचना मिली कि गाहड़ा मोड़ पर एक व्यक्ति नशीला पदार्थ बेच रहा है। कनीना पुलिस ने छापा मारकर एक व्यक्ति करीब डेढ़ सौ ग्राम गांजा बरामद किया है। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है।
मिली जानकारी अनुसार पुलिस को मुखबिर के आधार पर सूचना मिली कि लोकेश कनीना नशीला पदार्थ लिए हुए हैं। कनीना पुलिस ने राजपत्रित अधिकारी नवजीत कौर बराड़ की उपस्थिति में झाड़ा लेकर करीब डेढ़ सौ ग्राम गांजा बरामद किया है । कनीना पुलिस ने नशीला पदार्थ बेचने के जुर्म में मामला दर्ज कर व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है।
कनीना पुलिस ने बरामद की 10 बोतल देशी शराब
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कनीना । कनीना पुलिस के मुखबिरी के आधार पर सूचना मिली कि मुंडिया खेड़ा के पुराने पंचायत घर के पास एक व्यक्ति प्लास्टिक के बैग में शराब रखकर बेच रहा है। कनीना पुलिस ने छापा मारकर दयानंद धोलेड़ा को गिरफ्तार किया जिसे 10 बोतल देसी शराब बरामद की। आबकारी अधिनियम के तहत व्यक्ति के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
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धनौंदा के पास एक व्यक्ति गांजा बेचता गिरफ्तार किया
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कनीना। कनीना पुलिस को सूचना मिली कि भगवान सिंह उर्फ जयभगवान धनौंदाअपने मकान के सामने छितरौली रोड पर आने जाने वाले राहगीरों को गांजा बेच रहा है। पालिथीन में गांजा लिए हुए हैं, यदि तुरंत कार्रवाई की जाए तो काबू किया जा सकता है। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची, एक व्यक्ति खड़ा मिला जिनके हाथ में पालीथिन थी। उन्हें उनकी तलाशी का नोटिस देकर तहसीलदार नवजीत कौर बराड़ की उपस्थिति में झाड़ा लिया जिसके चलते उनके हाथ से प्राप्त पालीथिन से करीब 900 ग्राम गांजा बरामद किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
घटती जा रही ग्वार की खेती
- विभिन्न उद्योगों में तथा प्रसाधन में आता है काम
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कनीना। किसी वक्त कनीना क्षेत्र में अच्छी पैदावार ग्वार की ली जाती थी किंतु वर्तमान में ग्वार की खेती घटती जा रही है।
ग्वार का अर्थ है गऊ का आहार अर्थात गाय का बेहतरीन चारा माना जाता है किंतु अब यह बहुत कम क्षेत्रफल पर उगाया जाता है। इसको अधिक पानी की जरूरत नहीं होती। पशुओं के लिए ग्वार की चूरी उपयोगी है इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक पाई जाती है। ग्वार का गोंद कपड़ा, खाद्य पदार्थ शृंगार का सामान बनाने, विस्फोट, तेल उद्योगों में किया जाता है।
अपनी उपयोगिता के कारण यह लोकप्रिय है। डा देवराज कृषि विस्तार अधिकारी बताते हैं कि ग्वार की गिरी में 35 फीसदी तक गम पाया जाता है। इसका उपयोग खाद्य प्रसंस्करण ,वस्त्र उद्योग सौंदर्य प्रसाधन, विस्फोटक उद्योग, कागज उद्योग में किया जाता है। बेकरी बनाने, आइसक्रीम ,पनीर के रखरखाव, चटनी बनाने में उपयोगी है। ग्वार पोस्टिक जा रहा है इसलिए विभिन्न पशुओं को खिलाने के काम आता है, इसके चूरी पशुओं को खिलाते हैं वहीं ग्वार की फलियां सब्जी के काम आती है। यह फलीदार दलहनी कम होने के कारण वायुमंडल की नाइट्रोजन को अवशोषित करता है।
फोटो कैप्शन 2 एवं 3: ग्वार की खेती।
पाथेड़ा में गंदगी का आजम,सुध लेने वाला कोई नहीं
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कनीना। जहां प्रशासन व सरकार द्वारा गांवों में सफाई कर्मी लगाकर सफाई का जिम्मा सौंपा हुआ है वही खंड कनीना में ऐसे कई गांव हैं जिनमें सफाई कर्मी होते हुए भी गंदगी का आलम है जिसको लेकर ग्रामीण परेशान है और उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
खंड के गांव पाथेड़ा इसका एक उदाहरण है जिसमें सड़क के ऊपर ही लगभग एक 1 फुट पानी वह कीचड़ भरा हुआ है जिससे गाड़ी निकालना तो दूर की बात पैदल चलना मुश्किल हो रहा है। गांव के लोगों का कहना है कि यह गंदे पानी की सही ढंग से निकासी ना होने के कारण मुख्य सड़क वह इसके पास बसने वाले घरों में यह गंदा पानी घुसने जा रहा है। उनका यह भी कहना है कि जिन जोहड़ों में गांव का गंदा पानी जाता था वो अब फुल हो गए हैं जिसके कारण अब उनमें पानी जाने की जगह नहीं है और गांव का पानी सड़कों पर फैल रहा है। उनका यह भी कहना है कि अभी तो बारिश की शुरुआत भी नहीं हुई है जिसके पहले गांव की हालत बाढ़ जैसी हो रही है और अगर 2 इंच बारिश हो जाती है तो शायद पाथेड़ा गांव गंदे पानी से डूब सकता है। जिसको लेकर पंचायत सचिव, खंड विकास अधिकारी को कई बार लिखित व मौखिक में देकर अवगत कराया जा चुका है लेकिन इसके बावजूद भी उक्त अधिकारियों पर कोई ध्यान नहीं दिया है। और गांववासी इस गंदगी के माहौल में जीने पर मजबूर है। एक तरफ तो देश को महामारी ने घेरा हुआ है वहीं दूसरी तरफ इस प्रकार की गंदगी से गाव पाथेड़ा में गंदगी भरी है। पहले गांव में इस तरह की घटना होती थी तो प्रशासन कहता था कि पंचायत काम नहीं करती है तो हमें बताइए हम उसको दंड देंगे और आपके काम को पूरा कर आएंगे लेकिन अब पंचायत का रोल लगभग 6 माह पहले खत्म हो चुका है और इसके बाद गांव की बागडोर ग्राम सचिव व बीडीपीओ के हाथ में है लेकिन अब गांव की हालत ग्राम पंचायत से भी ज्यादा दयनीय होने के कारण गांव वाले परेशान हैं और खंड प्रशासन को कोस रहे हैं।
फोटो कैप्शन 4: गांव पाथेड़ा में गलियों में खड़ा गंदा पानी।
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