घर के बाहर खड़ी बाइक चोरी
***********************************************
*****************************************************
******************************************************
कनीना। कनीना के वार्ड नंबर 7 निवासी धर्मवीर ने कनीना पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है कि उनके घर के बाहर खड़ी बाइक कुछ ही समय अज्ञात चोर चोरी कर ले गए।
पड़तल निवासी तथा कनीना में वार्ड 7 में रह रहे धर्मबीर ने पुलिस ने कहा है कि मंगलवार की सुबह चार बजे बाइक को घर से बाहर काम के लिए खड़ा किया था। कुछ ही समय बाद जब घर से बाहर आया तो बाइक गायब मिली। आसपास पता किया कहीं नहीं मिली। उनकी बाइक अज्ञात चोर चोरी कर ले गए। कनीना पुलिस ने बाइक चोरी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
छबील लगाकर राहगीरों को पिलाया मीठा पानी
*********************************************
*************************************************
संवाद सहयोगी,कनीना। मंगलवार को कनीना में अटेली टी प्वाइंट के पास छबील लगाकर राहगीरों को मीठा पानी पिलाया गया। यहां आस-पास के दुकानदारों द्वारा भीषण गर्मी के मौसम को देखते हुए राहगीरों के लिए छबील लगाकर पानी पिलाने का कार्य किया गया। मंगलवार सुबह से ही आसपास के दुकानदारों ने मीठा पानी पिलाने का कार्य शुरू किया जो शाम तक चलता रहा। दुकानदार राकेश, जुगल किशोर, रोहित जयप्रकाश, सुमित शर्मा, कर्मवीर, अमित आदि ने राहगीरों को ठंडा मीठा पानी पिलाने का कार्य किया। दुकानदार राकेश ने जानकारी देते हुए बताया कि यहां की मार्केट के दुकानदार प्रतिवर्ष गर्मी के मौसम में चंदा इक_ा कर तीन चार बार इसी तरह छबील लगाकर पानी पिलाने का कार्य करते हैं।
फोटो कैप्शन 7:अटेली टी प्वाइंट छबील लगाकर राहगीरों को पानी पिलाते दुकानदार
अब खूब तपेंगे शिक्षक धूप एवं गर्मी में
-स्कूलों का समय बढ़ाया
***********************************************
**************************************************
,कनीना। अब जून की तपती दुपहरी में शिक्षक स्कूल से घर आया करेंगे। जून में कभी अवकाश होते थे किंतु शिक्षा विभाग ने बिना विद्यार्थियों के स्कूलों में शिक्षकों का समय बढ़ा दिया है। अब शिक्षक दोपहर साढ़े बारह बजे तक स्कूल में रहेंगे जबकि स्कूल में जाने का समय नौ बजे की बजाय साढ़े आठ कर दिया है।
हरियाणा सरकार ने अनलॉक की दिशा में आगे बढ़ते हुए शिक्षा को ट्रैक पर लाना शुरू कर दिया है। इसके तहत मंगलवार को सरकार ने स्कूलों के समय में बदलाव करने के आदेश जारी कर दिए। वरिष्ठ प्राचार्य अभयराम यादव ने बताया कि अब सुबह 8:30 बजे से दोपहर बाद 12:30 बजे तक कक्षाएं लगेंगी। स्कूलों के समय में बदलाव मुख्यमंत्री दूरवर्ती शिक्षा कार्यक्रम के मद्देनजर किया गया है। शिक्षा निदेशालय ने इस पर अमल करने के लिए सभी जिला शिक्षा, मौलिक शिक्षा, खंड शिक्षा, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों, स्कूल मुखिया व प्रभारियों को पत्र लिखा है। यह आदेश 22 जून से ही लागू माने जाएंगे।
इसके अलावा सभी शिक्षक अपने स्कूल मुखिया के मार्गदर्शन में दाखिला व अन्य सभी कार्य स्कूल प्रबंधन समिति की सहायता से पूरा करेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने यह भी निर्णय लिया है कि अवसर मोबाइल ऐप, जियो टीवी मोबाइल ऐप व दिल्ली दूरदर्शन के ई-विद्या चैनल पर पहली से 12वीं तक के प्रसारित होने वाले कार्यक्रम और एजुसेट पर कक्षा व विषयवार प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों का अवलोकन भी शिक्षक करेंगे। इसके बाद वे अपनी कक्षा के बच्चों को विषयवार दिशा निर्देश देंगे।
गर्भवती हो या दिव्यांग, अब सभी स्कूल आएंगे--हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों में स्टाफ के लिए लागू रोस्टर प्रणाली पहले ही खत्म कर दी है। अब सभी शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को स्कूल आना होगा। दिव्यांग, गर्भवती महिला व गंभीर बीमारियों से पीडि़त स्टाफ को भी कोई छूट नहीं मिलेगी। उन्हें भी स्कूलों में उपस्थित होने का निर्देश जारी कर दिया गया है। शिक्षकों को आनलाइन पढ़ाई के अलावा स्कूलों में बच्चों का दाखिला प्रतिशत भी बढ़ाना होगा। इसके लिए शिक्षक अपने-अपने क्षेत्र के गण्यमान्य लोगों व बच्चों के अभिभावकों से संपर्क करेंगे। उनसे आग्रह किया जाएगा कि अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल करवाएं।
शिक्षा विभाग ने आदेश दिया है कि सरकारी स्कूल छोडऩे वाले बच्चों के अभिभावकों से भी संपर्क करके अपडेट लेंगे, ताकि पता चले कि बच्चे ने कहीं और दाखिला लिया है या पढ़ाई ही छोड़ दी है। शिक्षक स्कूल छोडऩे वाले बच्चों व उनके अभिभावकों को दोबारा दाखिला लेने के लिए भी प्रेरित करेंगे। इस कार्य की रोजाना रिपोर्ट स्कूल मुखिया को सौंपनी होगी। स्कूल मुखिया इसे जिला शिक्षा व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को भेजेंगे, जिसमें पूरी जानकारी रहेगी कि कितने दाखिले करवाए, कितने अभिभावकों से संपर्क किया। बच्चों के स्कूल छोडऩे का कारण क्या रहा।
चोर को पत्थर मारकर भैंस चोरी होने बचाई
-पुलिस का सौ नंबर और पुलिस नंबर पर कोई घंटी नहीं गई
****************************************************
***********************************************************
कनीना। एक शिक्षक की सूझबूझ ससे भैंस चोरी होने से बची। उसे सम्मान दिलाने की मांग उठ रही है। अज्ञात चोरों पर पत्थर एवं डंडे मारकर, शोर मचाकर भैंस चोरी होने से बचाई।
घटना सोमवार की रात करीब एक बजजकर 40 मिनट की है जब गांव सीहोर के छोटा नामक व्यक्ति ने विक्रम सिंह जो पेशे से शिक्षक हैं को फोन किया कि कोई चोर भैंस को पकड़कर बव्वा रोड की ओर ले जा रहा है तथा साथ में गाड़ी है।। विक्रम सिंह ने तुरंत पुलिस के सौ नंबर पर सूचित करना चाहा किंतु बार-बार प्रयास करने पर उस नंबर पर कोई घंटी नहीं गई। तत्पश्चात उन्होंने पुलिस के 01285235136 नंबर पर फोन करना चाहा किंतु उनके अनुसार यहां भी कोई घंटी नहीं गई। तत्पश्चात उन्होंने अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए घर के पास दीवार के पीछे छुप गया और पास में पड़े हुए ईट पत्थर चोर पर दे मारे। विक्रम सिंह ने बताया कि उन्होंने तीन चार बार पत्थर मारे वही जो डंडे मिले वह भी उस चोर पर फेंके जो भैंस को चोरी करके ले जा रहा था और साथ में पिकअप जैसी गाड़ी चल रही थी। अभी भैंस को गाड़ी में लोड करना था तभी विक्रम सिंह की बहादुरी के कारण तथा उनके शोर मचाने पर लोग जाग गए और अज्ञात चोरों ने अपना पीछा छुड़ाना ही उचित समझा। वे भैंस को कुछ दूर ले जाकर छोड़ गए तथा पिकअप में सवार होकर सीहोर से बव्वा रोड पर भाग खड़े हुए। यह भैंस रंगराव नामक व्यक्ति की बताई जा रही है। एक ओर शिक्षकों पर लांछन कसे जाते हैं वहीं एक शिक्षक के कारणपशुधन चोरी होने से न केवल बचा अपितु अज्ञात चोरों को भागने पर मजबूर कर दिया। क्षेत्र के लोगों ने विक्रम सिंह शिक्षक को बहादुरी सम्मान दिलाने की मांग की है ताकि इस प्रकार के व्यक्ति समाज की बुराइयों को समाप्त कर सके साथ में लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि सौ नंबर तथा पुलिस का फोन नंबर जरूर जागृत रखें ताकि किसी भी आपात काल में लोग उस पर फोन कर सके वरना लोगों का विश्वास ही पुलिस प्रशासन से उठ जाएगा।
9 सैंपल आरटीपीसीआर के लिए लिये
**********************************************
****************************************************
कनीना। एक बार फिर से कनीना उप नागरिक अस्पताल में जहां कोरोना टेस्ट करवाने वालों की संख्या घटती जा रही है। मंगलवार को महज 9 सैंपल आरटीपीसीआर के लिए लिए गए। इसकी जानकारी देते हुए डॉ जितेंद्र मोरवाल ने बताया कि सैंपल कोरोना जांच के लिए भेज दिये हैं इनकी रिपोर्ट दो से तीन दिनों में आने की संभावना है।
117 कोरोना रोधी वैक्सीन दी गई
*************************************************
**************************************************
कनीना। मंगलवार को कनीना उप-नागरिक अस्पताल के तहत केवल नांगल हरनाथ में कोरोना रोधी वैक्सीन दी गई। सभी आयु वर्ग की 117 वैक्सीन लगाई गई। विस्तृत जानकारी देते हुए डा धर्मेंद्र यादव एसएमओ तथा कंप्यूटर आपरेटर पवन कुमार ने बताया कि 45 प्लस को 36 कोरोना रोधी वैक्सीन दी गई जबकि 18 प्लस को 81 कोरोना रोधी वैक्सीन दी गई हैं।
करीरा सड़क मार्ग हुआ जर्जर
***************************************************
**************************************************
संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना से करीरा को जाने वाला अपरोच मार्ग जर्जर हो गया है। धार्मिक संस्थानों तथा जवाहर नवोदय विद्यालय से सुसज्जित करीरा गांव को पहुंचने के दो मार्ग है। जहां भडफ़ गांव से करीरा जाया जा सकता है या फिर कनीना से करीरा जाया जा सकता है। करीरा रोड़ का निकास रेवाड़ी के मुख्य मार्ग से होता है जहां यह मार्ग जहां रेवाड़ी रोड के पास बहुत जर्जर हो चुका है। यही नहीं पता चलता कि सड़क मार्ग है या नहीं। वही पूरे 3 किमी रास्ते में भी हालात इसकी जर्जर है। विभिन्न वाहन आवागमन जरूर करते हैं लेकिन परेशानियां झेलते हैं। इसी मार्ग पर लघु उद्योग धंधे भी स्थापित है वही कोटिया गांव को भी करीरा मार्ग से जाया जा सकता है। करीरा के निरंजन सिंह, महावीर सिंह, फूल सिंह, लीलाराम, दिनेश कुमार आदि ने मांग की है कि सड़क मार्ग की सुध ली जाए।
फोटो कैप्शन 1: करीरा का जर्जर मार्ग
मन को लुभा रही है जामुन
*************************************
********************************************
कनीना। गर्मी के मौसम में तथा शुगर जैसे रोगों में कारगर जामुन इन दिनों लोगों को लुभा रही हैं। यद्यपि अच्छे जामुन के भाव 80 से 100 रुपये किलो तक है किंतु इनके रंग और सुंदरता को देखकर बरबस खाने को जी कर जाता है। डाक्टर एवं वैद्य भी इसे खाने की बात कह रहे हैं।
महावीर सिंह किसान ने बताया कि उन्होंने अपने खेत में 5 पौधे जामुल के लगा रखे है। इस समय भारी मात्रा में जामुन पैदा हो रहे हैं। वो बेचने के लिए नहीं अपितु लोगों की सेवा के लिए तैयार हैं। यही हालात अजीत कुमार कनीना की है। उन्होंने बताया कि उनके यहां भारी मात्रा में जामुन पैदा होते हैं लेकिन जामुन थोड़े समय के लिए चलते हैं। तत्पश्चात समाप्त हो जाते हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि जामुन की मांग अधिक है, लोग विशेषकरशूगर मरीज, हृदय रोगी अधिक खाते हैं। उधर कनीना कृषि विस्तार अधिकारी डा देवराज ने बताया कि क्षेत्र में जामुन के पौधे बहुत अच्छी प्रकार पैदावार देते हैं। जामुन बागवानी क्षेत्र में आता है और किसान जामुन के पेड़ उगाकर लाभ ले सकते हैं। इस पर अतिरिक्त कोई खर्चा भी नहीं आता। 5 से 6 साल बाद पौधा जामुन देने लग जाता है।
फोटो कैप्शन 2: जामुन दिखाते हैं महावीर सिंह किसान। तथा जामुन की फोटो
अंधड़ के 10 दिन बाद भी टूटे हुए बिजली के पोल नहीं सुधारे
******************************************************
*******************************************************
कनीना। कनीना उप मंडल के गांव उन्हाणी की हरिजन बस्ती में लगा ट्रांसफार्मर जहां खंभों के टूटने से अधर में लटका हुआ है वही पोल बदलने की तुरंत कार्रवाई करने की मांग उठ रही है। उन्हाणी के लोगों ने उपमंडल अधिकारी बिजली दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम को एक शिकायत दी है जिसमें कहा गया है कि 11 और 12 जून को अंधड़ आया था जिसमें दो बिजली के खंभे टूटकर सड़क पर गिर गए थे। एक खंभा तो घर पर गिरा दूसरा सड़क पर गिरा जिसमें व्यक्ति बाल-बाल बचे थे। उन्होंने अनेकों बार फोन द्वारा सूचित कर दिया किंतु पोल ठीक करने कोई कर्मी नहीं पहुंचा । उन्होंने ट्रांसफार्मर को ठीक कर बिजली पानी की व्यवस्था जारी रखने की मांग की गई है।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस मनाया जाएगा बुधवार को
*********************************************************
***********************************************************
कनीना। भाजपा कनीना मंडल, श्यामा प्रसाद मुखर्ज़ी की पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में बुधवार को कनीना मंडी में मनाएगी। जिसकी अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष अतर सिंह कैमला तथा स्ंयोजक ओमप्रकाश लिसानिया करेंगे। जिसमें मुख्य अतिथि और वक्ता पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव रहेंगी। ओमप्रकाश लिसानिया ने बताया कि सभी पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।
दूसरे दिन जगह जगह लगाई गई मीठे पानी की छबीले
*************************************************************
*****************************************************************
कनीना। सोमवार को जहां निर्जला एकादशी के दिन सड़क चौराहों पर मीठे पानी की छबीले लगाई गई वहीं मंगलवार को भी यह सिलसिला जारी रहा। लोगों एवं राहगीरों को मीठा पानी पिलाया गया। यहां तक कि रास्ते से तभी गुजरने दिया गया जब उन्होंने मीठा जल न पी लिया।
गर्मी के इस मौसम में मंगलवार को द्वादशी के दिन सड़कों पर मीठा पानी पिलाना जारी रहा। जगह जगह बच्चे एवं बूढ़े जल पिला रहे थे। गांवों में भी यह सिलसिला जारी रहा। कनीना के बाबा मोलडऩाथ आश्रम के पास सुरेश कुमार ने मीठा जल पिलाया जिसमें प्रदीप कुमार, दिनेश आदि ने मदद की। अभी आगामी दिनों भी गर्मी से राहत दिलाने के लिए जल पिलाया जाएगा।
सुरेश कुमार ने कहा कि भीषण गर्मी से राहत दिलाने के लिए मीठा जल पिलाने का कार्यक्रम चलाया है। उन्होंने बताया कि भारी संख्या में घड़ों में ठंडा पानी भरा हुआ है जो राहगीरों की प्यास बूझा रहा है।
फोटो कैप्शन 4: मोलडऩाथ आश्रम के पास ठंडा मीठा जल पिलाते हुए सुरेश कुमार एवं अन्य।
इस बार कम उगाया
गया है सफेद सोना
**********************************************************
************************************************************
संवाद सहयोगी, कनीना। सफेद सोने की ओर एक बार किसान का रुझान घटने लगा है। खरीफ फसल बतौर कैश क्रोप के नाम से प्रसिद्ध कपास का रकबा इस बार विगत वर्ष की बजाय आधा हो गया है। कपास की बड़ी मंडी चरखी दादरी में ही हैं। इस वर्ष 4500 हेक्टेयर पर कपास की बीजाई की है जबकि विगत वर्ष यही रकबा दस हजार हेक्टेयर था।
इस बार बाजरे की पैदावार की ओर किसानों का रुझान है। अभी तक करीब 15500 हेक्टेयर पर कनीना में बाजरा उगाया जा चुका है जो 21 हजार हेक्टेयर तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। जहां बाजरे का सरकारी भाव 2250 रुपये प्रति क्विंटल है वहीं कपास का भाव करीब 7 हजार रुपये प्रति क्विंटल होता है। एक एकड़ में करीब दस से 8 से 10 क्विंटल कपास हो जाती है। साथ में इसके सूखे हुए तने भी सरसों की भांति जलाने के काम आते हैं। इसके पत्ते भी खाद का काम करते हैं और पौधे को जल भी अधिक नहीं चाहिए। फिर भी किसानों को रुझान कपास की ओर घटता ही जा रहा है जिसके पीछे बाजरे के अच्छे भाव होना, प्रति एकड़ 12 से 14 क्विंटल पैदावार देना, चारे के रूप में कड़बी देना प्रमुख कारण है।
क्या कहते हैं कृषि अधिकारी--
कृषि विस्तार अधिकारी डा देवराज यादव ने बताया कि कनीना की जमीन पर 4500 हेक्टेयर पर कपास उगाई गई है जबकि बाजरा अभी तक करीब 15500 हेक्टेयर पर उगाया जा चुका है। यहां की मिट्टी बाजरे के लिए बेहतर मानी जाती है। यही कारण है कि बाजरा अधिक उगाया गया है।
फोटो कैप्शन डा देवराज यादव।
No comments:
Post a Comment