दौंगड़ा अहीर का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन निर्माण शुरू
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कनीना। दौंगड़ा अहीर में पीएचसी भवन बनाने की नीव रखी गई। शनिवार को भवन निर्माण का काम भी शुरू कर दिया गया है। दौंगड़ा अहीर के इंजीनियर अशोक यादव,मामन सिंह प्रधान, महेंद्र सिंह ठेकेदार,महेश कुमार चेयरमैन,राजपाल चेयरमैन,दिनेश पंच,डाक्टर दमन,अशोक पंच,नरेश पंडित, शिक्षाविद वीर सिंह सहित अनेक ग्रामीणों और ठेकेदार राजकुमार की मौजूदगी में पूजा-अर्चना कर लड्डू बांटकर काम की शुरुआत करवाई। दौंगड़ा अहीर पीएचसी बनने क्षेत्र के लोगों को अब अपने आस-पास ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेगी तथा आसपास के बहुत बड़ी आबादी को बेहतर चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी वहीं भविष्य में महिलाओं की डिलीवरी की व्यवस्था भी शुरू हो सकती है, क्योंकि वर्तमान में जिले की कई पीएचसी में पर्याप्त संसाधन व स्टाफ की उपलब्धता के आधार पर डिलीवरी करवाई जा रही है।
गौरतलब है कि तत्कालीन डिप्टी स्पीकर संतोष यादव ने मुख्यमंत्री के समक्ष दौंगड़ा अहीर के उप स्वास्थ्य केंद्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने की मांग रखी थी तथा 16 फरवरी 2020 दौंगड़ा अहीर रैली में पीएचसी की मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने नींव रखी थी।
फोटो कैप्शन 10: पीएचसी दौंगड़ा अहीर का निर्माण करते इंजीनियर एवं कारीगर।
धनौंदा से दादरी मार्ग अति जर्जर, परेशानी
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कनीना। धनौदा से चरखी दादरी मार्ग अति जर्जर होने से परेशानी बढ़ गई है। धनौंदा से झाड़ली, छितरौली,उच्चत होते हुए बाघोत तत्पश्चात वहां से चरखी दादरी जाने वाली सड़क की हालत काफी दयनीय होने के कारण लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कुमार राहगीर महेश कुमार, रमेश, दिनेश कुमार, धर्मेंद्र आदि लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि धनौंदा से झाड़ली एवं छितरोली होते हुए दादरी जाने वाली सड़क की हालत अति दयनीय होने के कारण इस मार्ग पर गाड़ी लेकर जाना तो दूर की बात पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा है। प्रशासन द्वारा कुछ गड्ढे भर कर कार्य बीच में छोड़ दिया जो लोगों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। लोगों ने जिला उपायुक्त अजय कुमार से मांग कर इस मार्ग को प्रेस का बनवाने की गुहार लगाई है ताकि इस मार्ग से होते हुए दादरी जाने वाले लोगों को दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर ना होना पड़े।
फोटो कैप्शन 8: धनौंदा चरखी दादरी मार्ग की खराब हालात।
जागरूकता-
नशा स्वास्थ्य के साथ सामाजिक और आर्थिक दोनों लिहाज से ठीक नहीं-लक्की
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,कनीना। समाज से नशे को दूर करने के लिए सामाजिक संस्था बीएमडी क्लब व लाइफ विवा वेलनेस ने संयुक्त रूप से शनिवार को अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ विरोधी दिवस पर हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब के लोगों को आनलाइन वेबीनार के माध्यम से जागरूक किया। वेबीनार में सभी को नशा मुक्त करने की शपथ भी दिलाई गई। इस ऑनलाइन वैबीनार में मुख्य अतिथि जयवीर कुमार व विशिष्ट अतिथि बीएमडी क्लब के चेयरमैन लक्की सीगड़ा रहे।
मुख्य अतिथि जयवीर कुमार ने वेबीनार में युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि
नशा एक ऐसी बुराई है जो हमारे समूल जीवन को नष्ट कर देती है। नशे की लत से पीडि़त व्यक्ति परिवार के साथ समाज पर बोझ बन जाता है। युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा नशे की लत से पीडि़त है। सरकार इन पीडि़तों को नशे के चुंगल से छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति अभियान चलाती है, शराब और गुटखे पर रोक लगाने के प्रयास करती है। नशे के रूप में लोग शराब, गांजा, जर्दा, ब्राउन शुगर, कोकीन, स्मैक आदि मादक पदार्थों का प्रयोग करते हैं। जो स्वास्थ्य के साथ सामाजिक और आर्थिक दोनों लिहाज से ठीक नहीं है। नशे का आदी व्यक्ति समाज की दृष्टि से हेय हो जाता है और उसकी सामाजिक क्रियाशीलता शून्य हो जाती है। फिर भी वह व्यसन को नहीं छोड़ता है। धूम्रपान से फेफड़े में कैंसर होता हैं। वहीं कोकीन, चरस, अफीम लोगों में उत्तेजना बढ़ाने का काम करती हैं। जिससे समाज में अपराध और गैरकानूनी हरकतों को बढ़ावा मिलता है। इन नशीली वस्तुओं के उपयोग से व्यक्ति पागल और सुप्तावस्था में चला जाता है।
लक्की सिगड़ा ने वेबीनार को संबोधित करते हुए कहा कि तम्बाकू के सेवन से तपेदकि, निमोनिया और साँस की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इसके सेवन से जन और धन दोनों की हानि होती है। हिंसा, बलात्कार, चोरी, आत्महत्या आदि अनेक अपराधों के पीछे नशा एक बहुत बड़ी वजह है। शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए एक्सीडेंट करना, शादीशुदा व्यक्तियों द्वारा नशे में अपनी पत्नी से मारपीट करना आम बात है। मुँह, गले व फेफड़ों का कैंसर, ब्लड प्रैशर, अल्सर, यकृत रोग, अवसाद एवं अन्य अनेक रोगों का मुख्य कारण विभिन्न प्रकार का नशा है। भारत में केवल एक दिन में 11 करोड़ सिगरेट फूंके जाते हैं। इस तरह देखा जाय तो एक वर्ष में 50 अरब का धुआं उड़ाया जाता है। आज के दौर में नशा फैशन बन गया है। आनलाइन वेबीनार में जुड़े सभी युवाओं को शपथ दिलाई कि वह अपने आसपास रहने वाले युवाओं को नशे से दूर रहने का संकल्प दिलाएंगे। इस दौरान वेबीनार में नवीन यादव, प्रवीण कुमार, मंजीत यादव, राजेश पालीवाल, दशरथ लाल, ललित कुमार राजपूत, अर्जुन कश्यप, रोहित कुमार, विशाल राणा, बाबूलाल, दिलीप कुमार, शंकरलाल, रोहित, नीर ढिल्लो, जसबीर ढिल्लो, पुष्कर शर्मा, राजेंद्र प्रसाद, नीरज डोगरा, रमेश स्वामी, नरदेव, कुमार रमेश, मनोज सैनी जयपुरीया, अरविन्द सैनी बांदीकुई सहित अन्य लोगों ने भाग लिया।
फोटो कैप्शन 9: कनीना में आयोजित वेबीनार का नजारा।
उप नागरिक अस्पताल समाचार.............
तीसरी लहर के दृष्टिगत आक्सीजन प्वाइंट बढ़ाकर 52 किये-डा धर्मेंद्र
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कनीना। कनीना उप-नागरिक अस्पताल में कोरोना की तीसरी लहर के दृष्टिगत सभी सावधानियां बरती जा रही है। अभी तक आक्सीजन युक्त बेड 25 होते थे 27 और शुरू होने जा रहे हैं। कुल मिलाकर 52 आक्सीजन प्वाइंट होंगे। 50 बेड के अस्पताल में वर्तमान में 28 बेड हैं और शुरू होने जा रहे हैं।
विस्तृत जानकारी देते हुये एसएमओ डा धर्मेंद्र यादव ने बताया कि तीसरी लहर के दृष्टिगत सभी सावधानियां बरती जा रही है, सभी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 50 बेड के अस्पताल को सभी सुविधाओं युक्त किया जा रहा है। उल्लेखनीय की विगत दिनों कनीनावासियों ने आक्सीजन प्वाइंट बढ़ाने की मांग मंत्री ओमप्रकाश एडीओ, सीताराम विधायक अटेली तथा चौधरी धर्मवीर सांसद समक्ष उठाई थी। कनीना की गौशाला में उठाई गई इस मांग पर अमल किया गया है और त्वरित कार्रवाई शुरू हो गई है। अभी कुछ मशीनें आनी शेष हैं।
62 सैंपल लिए गए-
कनीना नागरिक अस्पताल में प्रतिदिन कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए जाते हैं। इसी कड़ी में शनिवार को सात रैपिड तथा 55 आरटीपीसीआर सैंपल लिए गए। विस्तृत जानकारी देते हुए डा धर्मेंद्र जितेंद्र मोरवाल ने बताया की 55 आरटीपीसीआर और सात रैपिड सैंपल लिए हैं जिनमें रैपिड की रिपोर्ट तुरंत आ चुकी है किंतु आरटीपीसीआर सैंपल की रिपोर्ट दो से तीन दिन में आ जाएगी।
लिफ्ट का काम पूरा होने को -
उधर डा धर्मेंद्र यादव ने बताया कि कनीना उप नागरिक अस्पताल जहां 3 मंजिल का है लिफ्ट का काम अधूरा था वह लगभग पूर्ण होने को जा रहा है। आगामी 4 दिन में लिफ्ट पूर्ण रूप से कार्य करने लग जाएगी। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के लिए यह एक परेशानी बनी हुई थी कि उन्हें दूसरी और तीसरी मंजिल पर जाने के लिए सीढिय़ों का सहारा लेना पड़ रहा था।
283 वैक्सीन लगाई गई -
उधर कनीना नागरिक अस्पताल के तहत पडऩे वाले गांव भडफ़ में 107 तो जबकि कनीना में 178 कोरोना रोधी वैक्सीन 18 प्लस युवाओं को दी गई। प्रतिदिन कोरोना रोधी वैक्सीन दी जाती है। विस्तृत जानकारी कंप्यूटर आपरेटर पवन कुमार तथा एसएमओ डा धर्मेंद्र यादव ने दी।
भोजावास पीएचसी में दी गई 240 डोज-
एचआई राजकुमार चौहान ने बताया की भोजावास प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 240 कोरोना रोधी वैक्सीन विभिन्न लोगों को दी गई हैं। इनमें 18 प्लस के लोगों को 158 तथा बाकी 45 प्लस के लोगों को दी गई हैं।
फोटो कैप्शन: उप नागरिक अस्पताल कनीना। तथा डा धर्मेंद्र एसएमओ।
गायों बचाना हम सब की जिम्मेदारी
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कनीना। भारत विकास परिषद हरियाणा दक्षिण प्रांत की एक वर्चुअल मीटिंग हुई जिसमे कनीना से प्रांतीय गौ सेवा प्रमुख कंवरसैन वशिष्ठ ने भाग लिया। बैठक का संचालन सुरेंद्र जग्गा ने किया और प्रधान महेंद्र सिंह शर्मा ने अध्यक्षता की।
बैठक में प्रांतीय प्रकल्प संयोजक संतोष जैन ने पर्यावरण पर विचार रखे व प्रदीप जैन ने दिव्यांग सहायता एवं पुनर्वास पर विचार रखें। विवेकानंद तिवारी ने कोविड-19 राहत कार्य पर विचार रखे, गौ सेवा आयोग प्रमुख ने गौ पर विचार रखते हुए कहा कि पूर्व में भारत की रीढ़ की हड्डी थी। गौ माता के दूध से विभिन्न प्रकार की मिठाइयां बनती है। दूध दही खाकर शरीर ह्रट पुष्ट रहता था। बछड़े खेती का काम करते थे और व्यापार में भी देश की समृद्धि देते थे और गो मूत्र से अनेक प्रकार की औषधि बनती थी। इसलिए हरियाणा सरकार व भारत सरकार से भारत विकास परिषद दक्षिण हरियाणा प्रांत के माध्यम से अनुरोध करते हैं कि गौ माता के लिए अच्छा चारा तैयार किया जाए जिससे हमारी देसी गाय अधिक से अधिक दूध दे और खेती ऐसे माध्यम से करवाई जाए। जिसमें बैलों की अधिक से अधिक हिस्सेदारी रहे। इस मौके पर मोहन सिंह अध्यक्ष भारत विकास परिषद कनीना ने भी अपनी शाखा के कार्यों का ब्यौरा दिया। इस लाइव मीटिंग में तरुण त्यागी ,आरबी यादव ,महासचिव हितेन्द्र बोरा, उप प्रधान संजय शर्मा और सभी 15 प्रकल्प संयोजक और सभी शाखा सेवा प्रमुख ने भाग लिया।
फोटो कैप्शन 7: गौ रक्षा पर वचूर्वल बैठक में भाग लेते कनीना के पदाधिकारी मोहन सिंह एवं कंवरसेन वशिष्ठ।
आपातकाल के वो दिन....
शिवकुमार अग्रवाल ने चौ देवीलाल के संग जेल में बिताए थे छह माह
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कनीना। कनीना मंडी के शिव कुमार अग्रवाल जिनका लोकतंत्र के प्रहरियों में नाम क्षेत्र में सर्वोपरि है। उनके पूर्वज कनीना खंड के गांव मोहनपुर(नांगल) से कनीना में 1940 में आए थे। चंपा देवी एवं प्रह्लाद राय के घर में 28 जुलाई 1941 में जन्में शिवकुमार अग्रवाल ने पंजाब विश्वविद्यालय से मार्च 1958 में दसवीं की परीक्षा पास की। उन्होंने 7 जुलाई 1975 से 16 दिसंबर 1975 तक जेल की यातनाएं सही।
1975 में जब वे आरएसएस की शाखा, कनीना मंडी में स्टोर तथा समाचार पत्र के एजेंट भी थे। 5 जुलाई को कनीना थाने से एक पुलिसकर्मी आए और कहा कि थानेदार ने बुलाया हैं। जब शिवकुमार अग्रवाल उनके साथ कनीना पुलिस स्टेशन पहुंचे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके विरुद्ध 7 जुलाई को एफआईआर दर्ज कर दी और महेंद्रगढ़ जेल में भेज दिया गया। न्यायालय ने 5 महीने की सजा और 100 रुपये जुर्माना लगा दिया, अगर जुर्माना नहीं भरता तो 2 माह की अतिरिक्त सजा काटने का प्रावधान रखा। सरकार के विरुद्ध गुप्त मीटिंग करके सरकार के आदेशों का पालन न करने का आरोप भी उन पर लगाया गया।
वे बताते हैं कि 2 मई 1961 में उनकी शादी हुई थी। उनके चार बच्चे जिनमें दो लड़के और दो लड़कियां थी। जब जेल में गए तो चारों बच्चे गणेश, महेश, लक्ष्मी और कृष्णा तथा उनकी पत्नी कैलाशी देवी पर बुरी बीती। क्योंकि उस समय बच्चों की उम्र 7 साल, पांच साल, तीन तथा एक वर्ष थी। सारा कष्ट उनकी पत्नी कैलाशी देवी पर आ पड़ा। घर में कोई बड़ा व्यक्ति नहीं था जो परिवार की देखरेख कर सके।
उधर जब जयप्रकाश नारायण द्वारा आपातकाल का विरोध किया उस समय वे संघ चलाते थे। 1955 के संघ का संचालन करते हुए कई पदों पर रहे हैं। आपातकाल के समय संघ ने सरकार का विरोध नहीं किया किंतु सरकार की यातनाएं जरूर सहन करनी पड़ी। 1975 से 1977 तक आपातकाल लागू रहा।
शिवकुमार बताते हैं कि जब वे महेंद्रगढ़ जेल भेजे गए तो 13 लोग थे जिनमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल, नारनौल के मनोहर लाल सैनी, मुकुट बिहारी संघी, रोहतक से श्याम खोसला, प्रोफेसर तेजा सिंह, बलदेव तायल, कामरेड पृथ्वी सिंह, जगराम, पन्नालाल आदि प्रमुख जेल के साथी थे।
महेंद्रगढ़ ट्रायल कोर्ट के फैसले के विरुद्ध 16 दिसंबर 1975 को सेशन कोर्ट नारनौल पहुंचे तो 100 रुपये जुर्माना वापस मिल गया, निर्दोष साबित करते हुए जेल की सजा भी माफ कर दी किंतु जब तक वे 6 महीने की जेल की सजा भुगत चुके थे। जब 16 दिसंबर 1975 को शाम के करीब 5:00 बजे पैसेंजर ट्रेन से कनीना खास रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तो कनीना व आसपास गांवों की भारी भीड़ उन्हें देखने के लिए जमा थी। भीड़ तथा यात्रियों ने उनका भव्य स्वागत किया, खुफिया विभाग के लोग भी उनसे मिलने आए। उनके विरुद्ध न्यायालय में किसी ने कोई गवाही नहीं दी गई। महेंद्रगढ़ न्यायालय में रामफल सिपाही ने जब उनके विरुद्ध बयान नहीं दिया तो वकील ने जबरन उनके विरुद्ध गवाही देने की बात कही। उन्होंने बताया जब आपातकाल चली तब उन्होंने आरएसएस की शाखा नहीं चलाई फिर भी उनके विरुद्ध डीआईआर की धारा 33 के तहत मामला दर्ज किया। आठ गवाह जिनमें 4 सरकारी और 4 गैर सरकारी बनाए गए जिन्होंने किसी ने भी उनके विरुद्ध कोई गवाही नहीं दी।
शिवकुमार अग्रवाल जेल की यादें ताजा करते हुए बताते हैं कि जेल के अंदर वे खाना बनाते थे और खाया जाता था। वे अपने साथ एक डायरी भी ले गए थे, जिसका अध्ययन करते रहते थे। अब भी वह डायरी,कनीना थाने का काटा हुआ चालान तथा सेशन जज का फैसला उनके पास सुरक्षित है। उनकी डायरी में 115 पेज हैं जिन पर जेलर की मोहर लगी हुई है। आज भी शाखा चलाते हैं डायरी पढ़कर सुनाते हैं। डायरी में अपने हाथों से लेख, अच्छी अच्छी धार्मिक बातें लिख रखी है। जब वे जेल में थे तो कनीना के लाजपत सेठ और वेद प्रकाश चेलावास के यहां शादी की सूचना भी जेल में गई जिनका उन्होंने जेल से जवाब दिया।
जेल में शरद पूर्णिमा की खीर अपने हाथों से बनाई थी, जन्माष्टमी का पर्व मनाया था। वे बैडमिंटन चौधरी देवीलाल के साथ भी खेलते थे सैर पर भी जाते थे और उनके साथ बेहतर संबंध बन गए थे। यही कारण है कि जब हरियाणा के मुख्यमंत्री बने तो कई बार उनके पास आए चुनाव लडऩे का आफर दिया परंतु वे राजनीति में नहीं आना चाहते थे। वे बताते हैं कि मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री उनके घर 1989-90 में आए थे जब वे संघ चलाते थे। वर्तमान में वे अपना स्टोर चलाते हैं।
सरकार ने आखिरकार उनके लिए 26 जनवरी 2016 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा ताम्र पत्र दिया गया। दो अक्टूबर 2016 को पहचान पत्र एवं बस पास जारी किया, 1 नवंबर 2017 को दस हजार रुपये पेंशन घोषित की गई। 79 वर्षीय शिव कुमार प्रसन्न है। वे प्रभु में बड़ा विश्वास रखते हैं। उल्लेखनीय है कि शिव कुमार ने सारे परिवार का नाम ही शिवभोले एवं देवी देवताओं के नाम पर रख रखा है।
फोटो कैप्शन: शिव कुमार तथा शिव परिवार।
किसान कर रहे हैं फव्वारों द्वारा सिंचाई
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संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां कम बारिश होने के कारण किसान परेशान है और फव्वारे द्वारा सिंचाई ब 4500 हेक्टेयर पर कपास तो 15 हजार हेक्टेयर पर बाजरा उगा रखा है।
जून के प्रारंभ में जहां कुछ बारिश होते ही किसानों ने बाजरे की बिजाई कर दी थी। वही क्षेत्र में कपास भी उगाया हुआ है। अब लंबे समय से अच्छी बारिश न होने तथा महज बूंदाबांदी होने के कारण खेतों में पानी की जरूरत समझी जा रही है। यही कारण है कि किसान मजबूरन अपनी बाजरे की अगेती फसल तथा सरसों में सवारों द्वारा सिंचाई कर रहे हैं। किसानों की माने तो उनका कहना है कि फसल पानी बिना सूख रही है। बारिश का इंतजार है परंतु हल्की बारिश ही हो पाई है। जिसके चलते उन्हें फसल की सिंचाई करनी पड़ रही है।
क्या कहता है कृषि विभाग- कृषि विभाग के अधिकारी डा देवेंद्र यादव, डा देवराज आदि ने बताया कि इस समय फसल को बारिश की जरूरत है। बारिश नहीं होी है तो हल्की सिंचाई की जा सकती है। बारिश ना होने से के मजबूरन सिंचाई कर रहे हैं।
फोटो कैप्शन 9: फव्वारों से सिंचाई करते किसान।
किसानों के लिए वरदा
न साबित हो रही है बाजर
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कनीना। गर्मियों के दिनों में जहां पशुओं के लिए हरा चारा मुश्किल से प्राप्त होता है किंतु किसान बाजर उगाकर पशुचारे का लाभ ले ले रहे हैं। वैसे तो भीषण गर्मी पड़ती है जिसमें बाजर पैदा करना कठिन कार्य होता है।
पशुपालन कृष्ण कुमार, रोहित कुमार, राजेंद्र सिंह, महिपाल सिंह आदि ने बताया कि गर्मियों में पशुओं के लिए हरा चारा बहुत जरूरी होता है जिससे दूध की पैदावार बढ़ती है। यही कारण है कि खेतों में बाजर जरूर उगाते हैं। उधर बाजर बीज विक्रेता महेश बोहरा, कुलदीप सिंह, बिजेंद्र सिंह आदि ने बताया कि बाजर 30 से 35 दिन में तैयार हो जाती है और पांच से छह बार तक काटी जा सकती है। कई बार काटना जमीन की ताकत पर भी निर्भर करता है। कुछ किसान तो बाजर बेचने का काम भी कर रहे हैं।
क्या करते हैं कृषि अधिकारी -
कृषि विस्तार अधिकारी डा देवराज यादव ने बताया की बाजर पौष्टिक हरा चारा होता है। पशुओं को हरा चारा, सांद्र चारा तथा सूखा चारा तीनों की आवश्यकता होती है। गर्मियों में दुधारू पशु से दूध प्राप्त करना है तो उनके लिए पशुओं के लिए हरा चारा होना जरूरी है। तभी पशु खुश होकर चारा चर पाते हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बाजर अच्छी प्रकार विकसित होती है। उन्होंने बताया कि कनीना क्षेत्र में 60 गांवों में करीब एक हजार हेक्टेयर पर हरा चारा उगाया हुआ है।
फोटो कैप्शन 10: किसान जसवंत सिंह बाजर दिखाते हुए।
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