अंदर की बात.........
शिक्षकों की सभी योजनाएं हुई फेल
-अवकाश पहले होने और लाकडाउन ने डाली खलल
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कनीना। रूसो ने सही कहा है -हर क्रांति एवं विकास के पीछे शिक्षक का हाथ होता है। वास्तव में शिक्षक का बहुत बड़ा योगदान होता है किंतु जब उसकी योजनाएं विफल हो जाती है तो समाज पर अच्छा असर नहीं डालेगा। शिक्षक अपनी छुट्टियां बचाता है ततथा ग्रीष्मावकाश पर उसकी निगाह टिकी होती है जब अपने घर गृहस्थी के कार्य पूर्ण करता आ रहा है। जहां वर्ष 2020 में लाकडाउन ने उसकी सारी योजनाओं पर पानी फेर दिया था 2021 में सरकार ने उसकी योजनाओं पर पानी फेर दिया था। शिक्षक सभी घर के कार्य चाहे घर बनाना हो, जमीन जायदाद खरीदनी हो या कहीं टूर पर जाना हो केवल जून माह की ग्रीष्मावकाश में करता आ रहा है किंतु इस बार सरकार ने जहां अवकाश पहले घोषित करके उसकी सारी योजनाओं पर पानी फेर दिया। शिक्षक न तो कुछ कर पाए और न ही अब कर पाएंगे । अब एक साल और मजबूरन इंतजार करेंगे और जून की छुट्टियों में ही अपना काम कर पाएंगे। जहां लाकडाउन चल रहा था सरकार ने अवकाश भी घोषित किया परंतु ऐसे वक्त जब सामान उपलब्ध नहीं हो पाया, बाजार बंद रहे। साधन इधर-उधर नहीं जा रहे थे, महामारी का अंदेशा था, ऐसे में वह घर बैठा रहा और यह समझा कि जून माह में ग्रीष्मकालीन अवकाश होंगे किंतु ग्रीष्मकालीन अवकाश रद्द कर देने से सबसे मोटी परेशानी हुई। शिक्षक बेचारे की न तो योजनाएं फलीभूत करने का मौका मिला और दूसरी और भीषण गर्मी में स्कूल जाना पड़ रहा है।
शिक्षक बेहद मायूस हैं क्योंकि ऐसे ऐसे गांव जहां कोरोना के बहुत अधिक मरीज मिले हैं वहां भी शिक्षकों को जाना पड़ रहा है और तो और उन्हें गांव की कमेटी में भी शामिल कर दिया गया है। नए विद्यार्थी आते खाली बैठकर समय पास करके आना पड़ता है। इससे न केवल उनके घर के कार्य भी अवरुद्ध हो गए हैं वहीं विद्यार्थियों की पढ़ाई भी नहीं करवा पा रहे हैं। सरकार को जून के अवकाश घोषित कर आनलाइन शिक्षण करवाना चाहिए था ताकि अध्यापक शिक्षण कार्य करवा सके जिससे वे अपने घर का काम ,1 साल की सभी योजनाओं को फलीभूत कर पाते परंतु अब मायूस बैठे हुए हैं। टूर पर जाने का कार्यक्रम इस वर्ष तथा विगत वर्ष भी महामारी के कारण नहीं बन पाया। इसलिए न तो टूर पर जा सके और न ही निकट भविष्य में भी कोई संभावना है।
आप तो एक अन्य कार्रवाई और सरकार कर रही है कि दो-दो विज्ञान से संबंधित शिक्षकों को हेल्थ एंबेसडर बना रही है। शायद इस काम की कमी रह गई थी जिसको अब पूरा किया जाएगा जिसमें वे शिक्षक शामिल किए जाएंगे (एक महिला और एक पुरुष) जो पहले ही गांव में जांच कमेटी में शामिल किए जा चुके हैं। उन्हीं की तैनाती की जाएगी। शिक्षकों को तो एक ऐसा टूल माना गया है जिसे कहीं भी फिट कर दिया जाता है। शिक्षक को जो सम्मान मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता है। शायद ऐसी कोई तैनाती नहीं बची है जिसमें शिक्षक न लगाया गया हो। भविष्य ही बताएगा कि भविष्य शिक्षकों का कैसा होगा। एक ओर शिक्षकों पर लांछन लगाया जाता है और दूसरी ओर उसे इतना महत्वपूर्ण मान विभिन्न तैनातियोंं में शामिल किया जाता है। यह भी सत्य है शिक्षकों में विरोध करने की हिम्मत नहीं है तथा एक दूसरे की टांग खिंचने में तो गामा पहलवान नजर आते हैं। बहरहाल शिक्षकों को अभी अपनी सभी योजनाएं घर का काम, घर में खरीद-फरोख्त, घर की बनाने का कार्य एक साल और रुक कर जून माह में ही करने पड़ेंगे।
कनीना उपमंडल के सभी गांव में अस्थाई आइसोलेशन सेंटर डीसी एवं एसडीएम का किया आभार व्यक्त
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कनीना। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को लेकर कनीना उपमंडल के सभी गांव में अस्थाई आइसोलेशन सेंटर बनाए जाने पर ग्राम वासियों ने जिला उपायुक्त अजय कुमार व कनीना एसडीम दिनेश कुमार का तहेदिल से धन्यवाद किया है इसी कड़ी में ग्राम धनोदा वासियों ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना महामारी को लेकर कनीना एसडीएम दिनेश कुमार द्वारा जो अथक प्रयास करके हमारे गांव मैं ही नहीं बल्कि समूचे उपमंडल के गांव में अस्थाई आइसोलेशन सेंटर बनाकर महामारी से लडऩे का जो अथक प्रयास किया है वह वास्तव में काबिले तारीफ है गांव के वरिष्ठ समाजसेवी व प्रबुद्ध जन लोगों ने बताया कि कोरोना महामारी को लेकर कनीना उपमंडल अधिकारी ने पहले से ही कड़ी मेहनत करके अपनी टीम द्वारा सभी गांव में जो आइसोलेशन सेंटर बनाए वह वास्तव में ही काबिले तारीफ है उन्होंने यह भी बताया कि अगर महामारी बढ़ती तो इस तरह के आइसोलेट सेंटर लोगों के लिए वरदान साबित होते हैं और अन्य लोगों को भी बचाया जा सकता था। वहीं क्षेत्र के समाजसेवी व प्रबुद्ध जन लोगों ने मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार से मांग कर जिला उपायुक्त अजय कुमार तथा एसडीएम दिनेश कुमार कनीना को इस महामारी में कड़ी मेहनत कर लोगों की जान बचाने का जो कार्य किया गया उसके लिए व बधाई के पात्र हैं।
योजनाओं को तुरंत लागू करें-अतरलाल
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कनीना। अटेली विधानसभा से बसपा के पूर्व प्रत्याशी और प्रजा भलाई संगठन के सुप्रीमो ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने हरियाणा सरकार से अटेली हलके के लिए पूर्व स्वीकृत और घोषित योजनाओं को तत्काल चालू करने की मांग की है।
हरियाणा के मुख्य सचिव विजय वर्धन को पत्र लिखकर अतरलाल ने उन योजनाओं व कार्यों को तत्काल पूरा करने का आग्रह किया है जिन की स्वीकृति अथवा घोषणाएं मुख्यमंत्री ने अटेली हल्के की जनसभाओं में की थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा जनसभा में दौंगड़ा अहीर गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चालू करने की घोषणा की गई थी। सरकार द्वारा कर्मचारियों के पद स्वीकृत करने के बावजूद भी अभी तक गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चालू नहीं किया गया है। इससे महामारी के समय लोगों को बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है। अटेली तथा कनीना में भी दमकल केंद्र स्वीकृत है परंतु अभी तक उन्हें चालू नहीं किया गया है। इसी तरह कुंजपुरा गांव में स्वीकृत डीग तथा सराय बहादुर नगर, कुंजपुरा व भीलवाड़ा से होकर गुजरने वाली माइनर का कार्य भी अधूरा पड़ा है। उन्होंने इन सभी अधूरे कार्यों को तत्काल पूरा करने व अटेली कस्बे में पानी की निकासी के लिए रोड के दोनों तरफ स्वीकृत नाले को भी अविलंब पूरा करने का आग्रह किया। उन्होंने पत्र में कनीना में स्वीकृत फैमिली कोर्ट को भी तत्काल चालू करने की मांग की।
अज्ञात कारणों के चलते युवक ने खाया जहर, हुई मौत
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कनीना। कनीना थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव चेलावास में एक व्यक्ति ने अज्ञात कारणों के चलते जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया, जिससे वह अचेत अवस्था में गिर गया। परिजनों को सूचना मिलते ही परिजनों ने उसे महेंद्रगढ़ के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया। जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सरपंच प्रतिनिधि बंटी ने बताया कि मनजीत उम्र 25 वर्ष जो कि शादीशुदा है उसने अज्ञात कारणों के चलते जहर पी लिया। जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। मनजीत के दो लड़के एक 3 वर्ष का दूसरा डेढ़ वर्ष का है। मनजीत मजदूरी का कार्य करता था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया है।
भोजावास प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लगाई 27 कोरोना विरोधी डोज
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कनीना। कनीना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भोजावास में को-वैक्सीन की 27 डोज दी गई। विस्तृत जानकारी देते हुए एचआई राजकुमार चौहान ने बताया कि 60 प्लस के लोगों को 8 प्रथम डोज दी गई है जबकि 45 वर्ष के लोगों को 19 प्रथम डोज गई। कुल मिलाकर 27 डोज दी गई हैं।
फोटो कैप्शन 10: युवक डोज लेते हुए।
20 साल से अधिक समय से कब्जा धारियों को मालिकाना हक दिलवाने पर मुख्यमंत्री का किया आभार व्यक्त
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कनीना। हरियाणा में 20 साल से अधिक समय से किराया लीज पर अथवा लाइसेंस फीस पर चल रही पालिकाओं की दुकानों और मकानों की मल्कियत उन पर काबिज व्यक्तियों के दी जाने वाली घोषणा पर नगर पालिका प्रधान सतीश जैलदार ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व विधायक सीताराम यादव का आभार व्यक्त किया। नगर पालिका प्रधान ने जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा में तकरीबन 20 साल से अधिक समय से जो दुकाने लीज, किराए पर या लाइसेंस फीस पर चल रही पालिका की दुकान और मकान में की मिल्कियत उन पर काबिज व्यक्तियों के दी जाने वाली घोषणा से कस्बे के लोगों में खुशी का माहौल है। नगर पालिका प्रधान सतीश जैलदार सहित अन्य पार्षदों ने विधायक सीताराम यादव के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का आभार व्यक्त है।
29 पीटीआई तथा डीपीई नौकरी से बर्खास्त हुये बीता एक वर्ष
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कनीना। एक जून 2020 को कनीना खंड में कार्यरत 26 पीटीआई तथा तीन डीपीई नौकरी से बर्खास्त कर दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार प्रदेश के 1983 पीटीआई पर गाज गिरी थी। जिनमें से 26 पीटीआई कनीना खंड में कार्यरत थे जबकि तीन पीटीआई प्रमोशन लेकर डीपीई पद पर पहुंच गए थे। आज तक बेचारे अपनी नौकरी बहाल किये जाने को लेकर दर दर की ठोकर खा रहे हैं। कुछ ने तो पशु पालना तो कुछ ने जमींदारा करना शुरू कर दिया है।
बर्खस्त पीटीआई जोगेंद्र सिंह भडफ़ ने बताया कि एक जून 2020 को 29 पीटीआई और डीपीई को कार्यभार मुक्त कर दिए गए थे। इस प्रकार जो पीटीआई हटाए गए उनके घरों में आज तक रोना पड़ा हुआ है तथा चूल्हे तक नहीं जल पा रहे हैं। 10 वर्षों की सेवा करने के बाद उनको हटाए जाने से भारी मायूसी छा हुई है तथा लगातार नारनौल में धरने पर बैठे हैं।
जोगेंद्र पीटीआई ने बताया कि वे रोटी रोजी के लिये पशु पाल रहे हैं तथा मेहनत मजदूरी करने को विवश हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उन्हें बहाल किया जाए ताकि उनके घर में रोटी रोजी का जुगाड़ हो सके।
बुधवार को लगेंगी 18-44 आयु वर्ग के लोगों को कोरोना वैक्सीन
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कनीना। कनीना उप-नागरिक अस्पताल में जहां मंगलवार को 45 प्लस के 14 लोगों को कोविशील्ड कोरोना वैक्सीन दी गई जबकि 110 युवाओं 18-44 आयु वर्ग को कोरोना विरोधी वैक्सीन दी गई।
इसकी जानकारी देते हुए से एसएमओ डा धर्मेंद्र यादव तथा कंप्यूटर आपरेटर पवन कुमार ने बताया कि बुधवार को भी 18- 44 आयु वर्ग के लोगों को कोरोना वैक्सीन दी गई दी जाएगी। इसके लिए आनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी नहीं है।
दो रैपिड सहित 30 कोरोना जांच के लिये गये सैंपल
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कनीना। कनीना उप नागरिक अस्पताल में प्रतिदिन कोरोना के लिए सैंपल लिए जाते हैं। मंगलवार को दो रैपिड तथा 28 आरटी-पीसीआर टेस्ट लिये गये। विस्तृत जानकारी देते हुए डा जितेंद्र मोरवाल ने बताया कि 30 सैंपल लिए गए जिनकी रिपोर्ट 2 से 3 दिनों में आने की संभावना है।
उधर कनीना में आज कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं पाया जो क्षेत्र के लिए खुशी की बात है।
50 फीसदी शिक्षकों के साथ शुरू हो गए फिर से स्कूल
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कनीना। हरियाणा सरकार एवं शिक्षा विभाग के आदेश अनुसार एक जून से स्कूल खुल गए हैं किंतु अभी विद्यार्थी नहीं आएंगे। 15 जून तक अध्यापकों में से 50 फ़ीसदी अध्यापक की हाजिर होंगे जिनका रोटेशन बनाया हुआ है जिसके तहत कुछ अध्यापक एक दिन तो कुछ अध्यापक दूसरे दिन स्कूल में आएंगे।
सरकारी आदेश अनुसार विभिन्न गतिविधियों में शिक्षक लगे दिखाई दिए। स्कूल का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक का कर दिया गया है किंतु इस बार शिक्षकों में नाराजगी स्पष्ट नजर आ रही है। जून माह में अवकाश होते थे जिनमें वे घर के विभिन्न कार्य पूर्ण करते आ रहे थे। इस बार जहां पहले लाकडाउन के कारण मैटिरियल न मिलने से निर्माण कार्य तथा विभिन्न कार्य नहीं हो पाए। यह सोचकर अध्यापक बैठे रहे की जून की छुट्टियों में यह कार्य पूर्ण करेंगे किंतु अब जून में स्कूल लागू कर दिए हैं जबकि स्कूलों में विद्यार्थी नहीं आ रहे हैं। भीषण गर्मी के बीच में तथा कोरोना लहरजारी है। ऐसे में शिक्षकों को अपने स्कूलों में जाना पड़ रहा है। शिक्षकों ने दबी जुबान में बताया कि जब विद्यार्थी नहीं है तो अवकाश होना चाहिए।
अमलतास पर पत्ते कम और फूल अधिक
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कनीना। क्षेत्र के विभिन्न अमलतास के पौधों पर आजकल बाहर आ गई है। पत्ते गिनती के मिलते लेकिन फूल पीले एवं लाल फूलों के लंबे-लंबे गुच्छों के रूप में नजर आते हैं। ये फूल दूर से लुभा रहे हैं। तत्पश्चात बड़ी-बड़ी फलिया लगती हैं। जीव विज्ञान के प्राध्यापक रविंद्र कुमार ने बताया कि यह पौधा अमलतास विभिन्न औषधियों में काम आता है। यहां तक कि इसके फूल भी विभिन्न औषधियों में काम आते हैं। गर्मियों में जहां गुलमोहर और अमलतास दोनों पौधों पर भारी मात्रा में फूल आते हैं। गुलमोहर जहां लाल फूलों के कारण दूर से आग जैसे नजर आते हैं वही अमलतास फूलों के कारण अकसर पीली छटा बिखेरते हैं।
फोटो कैप्शन 9: अमलतास के पौधे पर फूल।
कृषि विज्ञान केंद्र गजराज किसान के खरीदेगा मूंग
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कनीना। कनीना उप-मंडल के कुछ गांवों में समर मूंग उगाये गये है। समर मूंग की सदा ही अच्छी मांग रही है। यहां गजराज सिंह मो़ी तथा महावीर सिंह करीरा आदि ने समर उगा रखे हैं। जहां यह मूंग अभी पैदावार देने के करीब पहुंच गये हैं वहीं बारिश होने से जहां इन में रौनक आ गई है।
गजराज सिंह मोड़ी किसान ने बताया कि उन्होंने आधा एकड़ में समर मूंग उगाए हैं जो 3 से 4 क्विंटल होने आने की संभावना है। कृषि विज्ञान केंद्र ने पहले ही अनुबंध किया हुआ है। 10000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से उनके मूंग खरीदेगा। उल्लेखनीय है कि गजराज सिंह मोड़ी अग्रणी किसानों की श्रंखला में एक है तथा समय-समय पर अनेक सम्मान प्राप्त कर चुका है। इसलिए अग्रणी किसान माना जाता है। उन्होंने बताया कि उनकी खेत में बेहतर दर्जे के समर मूंग खड़े हुए हैं।
जहां उनका कहना है कि फसल की बजाय सब्जी अधिक लाभ देती है। उन्होंने आधा एकड़ में मिर्च और बैंगन उगा रखे हैं जिनसे 30-30 हजार रुपए का लाभ ले चुके हैं। उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे क्षेत्र के लोगों का रुझान सब्जी एवं कैश क्राप की ओर बढ़ रहा है।
फोटो कैप्शन 8: समर मोम के साथ गजराज सिंह मोड़ी।
धनौंदा ने पाया दूसरा स्थान, फिर से स्क्रीनिंग होगी
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कनीना। कोरोना संक्रमित मामलों में धनौंदा ने जिले भर में दूसरा स्थान हासिल किया है यहां 19 कोरोना संक्रमित केस पाए गए थे। सिविल सर्जन नारनौल ने इस गांव में फिर से जिले के कुछ गांवों सहित दोबारा से स्क्रीनिंग कार आरटी पीसीआर सैंपल कराने के आदेश दिए हैं। विगत दिनों बनाई गई एचवीजीएचसी कमेटी इन गांवों में दोबारा से सैंपल करवाएगी। इन गांवों की संख्या 10 बताई गई है जिनमें खैरानी एवं सेहलंग भी शामिल है। कुल 10 गांव में फिर से आरटी-पीसीआर होगा।
संगीत मन को प्
रसन्नचित करने की एक अनूठी कला-राधेश्याम गोमला
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कनीना। संगीत मन को प्रसन्नचित करने की एक अनूठी कला है जो गायक और श्रोता दोनों पर औषधीय असर डालती है। गोमला के कृपालु-माता मंदिर में जिज्ञासुओं को संगीत पर प्रवचन देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता व गोमला के पूर्व सरपंच और संगीतप्रेमी राधेश्याम गोमला ने उक्त बात कही। उन्होंने कहा कि मानवीय वाणी की कलात्मक अभिव्यक्ति की जितनी श्रेष्ठता भारतीय संगीत में है उतनी अन्य किसी देश में नहीं। इस बात को पूरी दुनिया ने स्वीकारा है।
उन्होंने कहा कि भारत की वैदिक परम्परा से यह कला चली आ रही है। उन्होंने कहा कि सन्गीत के क्षेत्र में विश्वविख्यात भरतमुनि और शारंगदेव से पूर्व से भी यह परम्परा चली आ रही है। उन्होने बताया कि सदाशिव, पार्वती, ब्रह्मा, भरतमुनि, मतंग, याष्टिक, दुर्गा शक्ति, शार्दूल, कोहल, विशालिख, दतिल, कम्बल, अश्वतर, वायु, विश्वावसु, रम्भा, अर्जुन, नारद, तुम्बरु, आंजनेय हनुमान,मातृगुप्त, रावण, नंदिकेश्वर, स्वाति, गण, बिन्दुराज, क्षेत्रराज, काहल रुद्रट भोज, परमर्दी ,सोमेश व जगदेव आदि अनेक संगीत आचार्यों ने इस विधा को समृद्ध किया।
मंगलवार को शुरू की गई निशुल्क संगीत कक्षा में बतौर आचार्य राधेश्याम गोमला ने शारंगदेव द्वारा तेरहवीं शताब्दी में लिखित ग्रंथ संगीत-रत्नाकर का सरलार्थ प्रारम्भ किया। अध्याय के प्रथम बीस श्लोकों का सरलार्थ करते हुए शारंगदेव के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा शारंगदेव के पूर्वज कश्मीर के वृषगण गौत्री ब्रह्मण थे। उनके पूर्वज का नाम भास्कर था जो कश्मीर से दक्षिण में जा बसा। भास्कर से सोढल और सोढल से शारंगदेव हुए जिन्होंने संगीत-रत्नाकर नामक ग्रंथ लिखा।
राधेश्याम गोमला ने शारंगदेव द्वारा बताए गायकों के बाइस गुणों बारे भी बताया।
इस अवसर पर प्रसिद्ध सांगी बाबूदान सिंह चौहान , राजेश तूफान, हंसराज चेयरमैन, सुखीराम सांगी ,धन्नाराम, मोहित राणा, बलवन्त महाशय, महाशय संदीप गोमला, मास्टर सुमेर, राजकुमार बिल्लू, दुर्गमदास निर्वाणी व अन्य काव्य व संगीतप्रेमी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 7: गोमला में राधेश्याम कृपालु माता मंदिर में भक्तों के साथ।
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