Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Saturday, October 22, 2022

 
पंचायत चुनाव के अजब गजब किस्से
**************************************
******************************************
**************************************

कनीना की आवाज। खेड़ी ग्राम पंचायत चुनाव में चुनाव निशानों ने कुछ उम्मीदवारों को अचरज में डाल दिया है। बैलेट मशीन में एक  उम्मीदवार को निशान मिला है साइकिल। वो अपने निशान साइकिल लेकर घूम रहे हैं। दूसरे उम्मीदवार का निशान है गिलास, अब गिलास लेकर घूमना बड़ा असहज हो गया है। फिलहाल तो वोटर निशानों का मजा ले रहे हैं परिणाम दो नवंबर के बाद ही पता चलेगा।


यूरो स्कूल कनीना में रंगोली बनाओ व दीप सजाओ प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

*******************************

***********************************

**************************************
कनीना की आवाज। यूरो स्कूल में कक्षा पहली से आठवीं तक रंगोली बनाओ और दीप सजाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह प्रतियोगिता अंतरसदनीय स्तर पर हुई। चारों सदनों के विद्यार्थियों ने बड़े उत्साह के साथ इस प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस प्रतियोगिता में बच्चों ने अपने-अपने कला कौशल का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इन प्रतियोगियों में प्रथम  आइंसटाइन सदन, द्वितीय न्यूटन सदन, तृतीय डार्विन सदन व चौथे स्थान पर एडिसन रहा। इस शुभ अवसर पर यूरो ग्रुप ऑफ स्कूल के चेयरमैन सत्यवीर यादव, शैक्षणिक निदेशक डा राजेंद्र यादव व प्राचार्य सुनील यादव ने सभी विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को इस दीपावली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी। साथ ही उन्होंने बताया कि हमारा भारत वर्ष देश सदा से ही अपनी परंपराओ व संस्कृति को यथा विधि संभाले हुए है। साथ ही उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए बताया कि भगवान श्रीराम की तरह आदर्शवादी व संस्कारी होना चाहिए। हमें भी उनके पद चिन्हों पर चलकर अपने माता-पिता का आदर व सम्मान करना चाहिए।
फोटो कैप्शन 02: यूरो स्कूल में रंगोली प्रतियोगिता का नजारा।







एसडी विद्यालय में इन्टरपोल विषय पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन
**************************************************************
*************************************
***********************
कनीना की आवाज। एसडी विद्यालय ककराला में अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (इन्टरपोल) विषय पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में कक्षा छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में कुल चार टीमें थी जिसमें विद्यार्थियों का चयन लिखित परीक्षा के आधार पर किया गया। प्रतियोगिता का आयोजन कुल चार चरणों में पूरा किया गया। प्रथम चरण में प्रत्यक्ष प्रश्न एवं द्वितीय चरण में बहुविकल्पीय आधारित प्रश्न पूछे गये। इस के बाद बजऱ, रैपिड फायर चक्र का आयोजन हुआ जिसमें बड़े कांटे की टक्कर बनी रही। अन्त में स्वेता की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। मनीषा की टीम द्वितीय स्थान पर रही। प्राची की टीम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विद्यालय निदेशक जगदेव यादव ने सभी प्रतिभागियों एवं विजेता रहे विद्यार्थियों को बधाई दी व बताया कि इस प्रकार की प्रतियोगिताओं से विद्यार्थियों में विषय की बारीकियों की समझ के साथ-साथ एकाग्रता एवं हाजिर जवाबी का कौशल पैदा होता है। अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (इन्टरपोल) का मुख्य उद्ेश्य आपराधिक पुलिस बलों के बीच व्यापक संभव पारस्परिक सहायता को बढ़ावा देना है ताकि आपराधिक गतिविधियों पर काबू पाया जा सके। आज भारत के साथ-साथ पूरा विश्व साइबर अपराध आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, वित्तिय अपराध, पर्यावरण अपराध आदि से जूझ रहा है। इसलिए सीबीएसई द्वारा यह जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अवसर पर प्राचार्य ओमप्रकाश यादव, उप-प्राचार्य पूर्ण सिंह, सीएओ. नरेन्द्र यादव, सीईओ आरएस यादव एवं सुरेन्द्र सिंह, अन्तु यादव, गीता कुमारी, विनोद कुमारी, विनय यादव आदि समस्त स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 03: एसडी स्कूल के अव्वल विद्यार्थियों को सम्मानित करते एसडी स्कूल के शिक्षक।




दीपावली से संबंधित विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित
*******************************************
****************************************
***
कनीना की आवाज। जीआर इंटरनेशनल स्कूल कनीना में दीपावली से पूर्व विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का आयोजन कक्षा एलकेजी से बारहवीं तक के छात्रों के लिए किया गया। सभी प्रतियोगिताओं का आयोजन कक्षा स्तर पर करवाया गया। रंगोली प्रतियोगिता में कक्षा चौथी से रिशब और आरवी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। दीया सजाओ और कैंडल सजाओ  कार्ड बनाओ प्रतियोगिता में एल के जी से नैतिक और सानवी, यूकेजी से अन्वी और युग, पहली कक्षा से पूर्वी ,दूसरी कक्षा से वीर और नन्नू, कक्षा तीसरी से रोशन और युग ने ,कक्षा चौथी से नव्या ने, और कक्षा पांचवीं से अदम्य और दिव्यांश ने, प्रथम स्थान प्राप्त किया कक्षा छठी से दीपिका यशिका और दिव्या,कक्षा छठी से दीपिका यशिका और दिव्या, कक्षा सातवीं  से काजल ,इशिता और काव्या और कक्षा आठवीं से रिधिमा ,हिमांशी और दीपिका ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।  इस अवसर पर विद्यालय के संचालक विजय पाल यादव और प्रधानाचार्य त्रिभुवन राठौर सभी विजेता बच्चों को बधाई दी एवं दिवाली की शुभकामनाएं दी।
फोटो कैप्शन 4: जीआर स्कूल के विद्यार्थियों को सम्मानित करते स्कूल स्टाफ।






स्कूल में दीपोत्सव आयोजित
*******************************
**********************************
****
कनीना की आवाज। आरआरसीएम पब्लिक स्कूल, कनीना में दीपोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें अतंरसदनीय दीपक बनाओ प्रतियोगिता का अयोजन किया गया जिसमें सभी सदनों के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक  भाग लिया । इस प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग में चन्द्रशेखर सदन से छात्र आर्यन ने प्रथम , हिन्द ने द्वितीय तथा मुकुल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया वहीं दूसरी ओर राजगुरू सदन से छात्रा हिमानी ने भी तृतीय स्थान प्राप्त किया ।
     इस प्रतियोगिता के माध्यमिक वर्ग में भगतसिंह सदन की छात्रा यशिका ने प्रथम तथा राजगुरू सदन से छात्रा खुशबू ने दूसरा व छात्रा सुदेश ने तीसरा वहीं भगत सिंह सदन से छात्रा सोनम ने भी तीसरा स्थान प्राप्त किया
राजगुरू सदन से छात्र निशांत ने प्रथम, सुखदेव सदन से छात्र हर्ष ने दूसरा तथा चन्द्रशेखर सदन से छात्रा अश्मि व राजगरू सदन से छात्रा खुशी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया ।
    इस अवसर पर संस्था के चेयरमैन रोशनलाल यादव ने बताया कि दीपावली हिन्दुओं का प्रसिद्ध त्योहार है। इस दिन भगवान श्रीराम अपनी वनवास की अवधि पूरी करके अयोध्या लौटे थे । इस उपलक्ष्य में अयोध्यावासियों ने भगवान राम के स्वागत में दीप जलाकर यह पर्व मनाया था तबसे ही इस पर्व को दीपोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
    इस अवसर पर संस्था के प्राचार्य हरि प्रकाश शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि दीपावली का त्योहार हमें असत्य पर सत्य की विजय का संदेश देता है साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को आतिशबाजी न करने व सादगी से दीपावली पर्व मनाने की शपथ दिलाई । उधर आरसीएम स्कूल में दीया सजाओं प्रतियोगिता आयोजित हुई।
फोटो कैप्शन 5: आरआरसीएम स्कूल में अव्वल विद्यार्थियों को सम्मानित करते शिक्षक।






मुडायन से एक व्यक्ति हुआ गुम, गुमशुदगी का मामला दर्ज
*****************************************************
****************************************
*****************
कनीना की आवाज। दौंगड़ा अहीर पुलिस चौकी के तहत पडऩे वाले मुुडायन गांव का एक व्यक्ति 19 अक्टूबर से गायब है। पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।
 मिली जानकारी अनुसार सतपाल मुडायन निवासी ने दौंगड़ा अहीर चौकी में कहा है कि वह खेती बाड़ी का काम करता है। 4 महीने से उनके पास गांव गोला, गोरखपुर का संजय दिहाड़ी पर कार्य करता था जो 19 अक्टूबर को शौच के लिए गया था, वापस नहीं आया, तलाश करने पर नहीं मिला। पुलिस में गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।





ट्रांसफार्मर क्वायल चोरी का मामला दर्ज
************************************
************************************
****
कनीना की आवाज। एसडीओ दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने कनीना पुलिस में छोटन राम ककराला निवासी के ट्रांसफार्मर की क्वायल अज्ञात चोरों द्वारा चोरी किए जाने का मामला दर्ज करवाया है। एसडीओ द्वारा दी गई शिकायत में कहा गया है कि 17 अक्टूबर रात को अज्ञात चोर छोटाराम ककराला निवासी का ट्रांसफार्मर इसराना के पास लगा हुआ था । इस 16 केवीए ट्रांसफार्मर की क्वायल चोरी कर ले गए जिसकी कीमत करीब 74000 रुपये है। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।






प्रदूषणरहित दीवाली मनाएंगे,शहीदों को याद करेंगे
******************************************
****************************************
******
कनीना की आवाज। लोगों में धीरे धीरे आई जागरूकता के चलते इस बार प्रदूषण रहित दीवाली मनाने के लिए युवा एवं बुजुर्ग आगे आने लगे हैं। दीवाली के दिन दीये जलाकर, घर की मिठाई खाकर मनाएंगे। दीवाली को हंसी खुशी, भाईचारा एवं एकता के साथ एक दूसरे को मिठाई बांटकर मनाना चाहते हैं।  इस बार दीवाली पर युवा एवं बुजुर्ग जागृत हैं और वे प्रदूषण के विषय में जानते हैं। मैत्रीभाव से मिलकर दीवाली मनाने का निर्णय लेने वालों की होड़ लगी हुई है। दीये जलाने व शहीदों की याद में एक एक दीया जलाने का निर्णय लिया है।
कनीना के समाजसेवी विजयपाल का कहना है कि पटाखों से भारी प्रदूषण होता है जहां कोर्ट के आदेशों के चलते राहत मिली है वहीं लोग जागरूक हुए हैं। यहां तक कि सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में वे पेड़ पौधे लगाकर तथा लोगों को सादगीपूर्ण दीवाली मनाने को प्रेरित करेंगे। उनको प्रदूषण खल रहा है।
युवा राजेश शास्त्री का कहना है कि प्रसिद्ध पर्व पर प्रदूषण क्यों करें? हवन आदि करके वातावरण को शुद्ध रखने का प्रयास किया जाएगा। लोगों को प्रेरणा देकर पटाखे न चलाने या बहुत कम चलाने पर बल दिया जाएगा। उनका कहना है कि गले मिलकर मिठाई का आदान प्रदान करके ही दीवाली का आनंद आएगा। उन्होंने कहा कि खुशियों का त्योहार है इसमें नाखुशी कैसे बर्दाश्त की जाए?
निर्मल कुमार नांगल हरनाथ का कहना है कि प्रेम, भाईचारा, एकता का पर्व दीवाली है। इस पर्व पर प्रदूषण करके बुजुर्ग एवं रोगियों के लिए सांस लेने की तकलीफ पैदा हो जाती हैं।  ऐसे में अगर प्रदूषणरहित दीवाली सबके मन को लुभाएगी। उन्होंने मिठाइयां बांटकर दीवाली मनाने पर बल दिया।
  समाजसेवी जसवंत सिंह का कहना है कि देसी घी को दीये में डालकर दीपावली के दिन बुजुर्ग पुराने समय से जलाते आ रहे हैं। बुजुर्ग बहुत बुद्धिमान थे। पर्व पर तेल या मोमबत्ती जलाना अशुभ मानते थे। अब उन्हीं के कदमों पर चलकर वे इस बार दीवाली को देसी घी के दीयों से मनाएंगे और दूसरों को भी प्रेरित करेंगे।
डा मुंशीराम का कहना है कि देसी घी के दीये जलाकर हिंदुओं के महान पर्व को मनाना अति लाभदायक एवं फलदायक होता है। देसी घी के दीये जलाने प्रदूषण नामक बीमारी से बचा जा सकता है। वैसे भी घरों में पशुधन मिलता है और देसी घी भी आसानी से मिल जाता हे। ऐसे में इस पर्व पर देसी घी के दीये ही जलाएंगे।
  महेश कुमार समाजसेवी का कहना है कि वे न केवल स्वयं देसी घी के दीये जलाएंगे अपितु दूसरों को भी इस बार देसी घी के ही दीये जलाने के लिए प्रेरित करेंगे। उनके अनुसार देसी घी के दीये जलाना एक हवन या यज्ञ के बराबर होता है। पर्यावरण का प्रदूषण दूर होता है तथा सुगंधित वातावरण बन जाता है। दीये का प्रकाश जहां तक जाता है वहां तक हानिकारक कीट नष्ट हो जाते हैं।
फोटो कैप्शन: राजेश शास्त्री, विजयपाल, निर्मल कुमार, महेश कुमार, जसवंत सिंह, डा मुंशीराम।





क्षेत्र में मनाया गया धन तेरस का पर्व, खरीदे बर्तन
*******************************************
**************************************
**********
कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में शनिवार को धन तेरस का पर्व मनाया गया। बाजार में बर्तनों की दुकानों पर भार भीड़ देखने को मिली। कई दिनों से बर्तनों की दुकानें सजी हुई थी और ग्राहक आने का इंतजार था। रविवार 23 अक्टूबर को भी कुछ लोग धन तेरस का पर्व मनाएंगे।
  कनीना क्षेत्र में शनिवार से ही दिवाली पर्व की धूम मची है। बाजारों में भारी रौनक देखने को मिली है वहीं बर्तनों की दुकानों पर लोगों ने बर्तन खरीदे।
 दीपावली की रौनक के चलते बाजार सजने लगे हैं। दीपावली के पर्व को महज एक दिन ही बाकी हैं और बाजार में रौनक आने लगी है। बाजार सजने लगे हैं। अब तक ऐसा लग रहा था कि रौनक फीकी रहेगी किंतु अब धीरे-धीरे बाजार सजने लगे हैं।  धीरे-धीरे बाजार में रौनक आने लगी है और भीड़ के चलते आवागमन में परेशानी होने लगी है। मुख्य मार्गों पर भी दुकानों की वजह से मार्ग संकीर्ण बन गए हैं।
  बर्तन विक्रेता रमेश कुमार ने बताया कि इस दिन का लंबे समय से इंतजार होता है। इस दिन अन्य दिनों की बजाय सबसे ज्यादा बर्तन बिकते हैं। इस दिन लगभग हर घर से बर्तन खरीदने के लिए बाजार आते हैं। बर्तन वालों के लंबी कतार देखने को मिली।
  ज्योतिषाचार्य अरविंद वशिष्ठ का कहना है कि धन तेरस के दिन ही राक्षसों एवं देवताओं के बीच हुए समुद्र मंथन से अमृत निकला था जिसे पाने के लिए देवता अपना अपना बर्तन लिए बैठे थे और धनवंतरि सभी को अमृत बांट रहे थे। उसी दिन से माना जाता है कि धनवंतरि उन्हें अमृत बाटने आते हैं। इस दिन लोग नए बर्तन में धनवंतरि से अमृत पाने की इच्छा से बर्तन खरीदते हैं।
फोटो कैप्शन 01: बर्तन की दुकानों पर बर्तन बेचते एवं खरीदते लोग।

















दीपावली पर्व नहीं महापर्व है
-पांच त्योहारों से मिलकर बना है
**************************************
***************************************
कनीना की आवाज। दीपावली का पर्व एक पर्वों का समूह है। इस पर्व से पहले तथा बाद में भी दीपावली की धूम रहती है। 22 अक्टूबर से ही दीपावली पर्व की शुरूआत हो जाएगी। धन तेरस का पर्व मनाया जा रहा है जिसके बाद तो एक के बाद एक पर्व लगातार चलते रहेंगे।
    ग्रामीण अचल में 22 अक्टूबर धन तेरस के दिन से ही दिवाली के दीये जलाने शुरू कर दिए जाते हैं। इस दिन माना जाता है कि बर्तन खरीदना लाभकारी है। यही कारण है कि इस दिन बर्तनों की दुकानों पर भारी भीड़ मिलती है। धन तेरस के दिन ही बर्तन क्यों खरीदे जाते हैं, के विषय में माना जाता है कि देवताओं और दानवों के द्वारा समुद्र मंथन के पश्चात इसी दिन ही धनवंतरि अमृत कलश लेकर समुद्र से बाहर आए थे। अमृत पाने के लिए देवता बर्तन लेकर दौड़े थे। इसी कारण से यह दिन धनवंतरि त्रयोदशी कहलाता है। लोगों का मानना है कि धनवंतरि इस दिन ही सभी को अमृत बांटते हैं और अमृत पाने की लालसा को लेकर नए बर्तन खरीदे जाते हैं। प्रार्थना की जाती है कि उनका यह नया बर्तन अमृत से भरा रहे और परिवार खुश एवं खुशहाल रहे। वैद्य के लिए यह दिन अति शुभ माना जाता है।
   दिवाली के एक दिन पूर्व यानी 23 अक्टूबर नरक चतुर्दशी व छोटी दीपावली का त्योहार आता है। यह पर्व श्रद्धा एवं उल्लास से मनाया जाता है। इस दिन सुबह सवेरे स्नान करना लाभप्रद माना जाता है। अत: लोग सूर्योदय से पूर्व ही स्नान करते हैं। इस पर्व को ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी दिवाली का पर्व कहा जाता है। नरक चतुर्दशी का पर्व असुर नरकासुर की याद दिलाता हैं। अति अभिमानी और देवताओं को सताने वाला नरकासुर राक्षस का भगवान् श्रीकृष्ण ने इसी दिन वध किया था। कहीं मृत्यु का देवता उन्हें नरक न प्रदान करेए इस भय के मारे लोग यमराज की पूजा करते हैं। इसे दूसरे दिन की दिवाली भी कहा जाता है।
24 अक्टूबर दिवाली का पर्व अंधेरे को मिटाने वाला तथा प्रकाश रूपी पुष्प भेजने वाला हिन्दुओं का महान पर्व है। जब भगवान् श्रीराम को 14 वर्षों का वनवास भेजा गया था तभी से प्रजाजन अति दुरूखी थे और पल.पल उनको याद करते रहते थे। आखिरकार एक दिन रावण ने सीता का ही हरण कर लिया और उन्हें लंका ले गया। हनुमान की सहायता से जब सीता का पता लगाया तो भगवान् श्रीराम ने लंका पर धावा बोलकर रावण का वध कर दिया जिसे दशहरा नाम दिया गया । उस दिन पश्चात श्रीराम अयोध्या के लिए लौट चले थे। जब श्रीराम अयोध्या लौटे तो लोगों ने खुशी के मारे तीन दिन देशी घी के दीये जलाए थे। तभी से यह त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। अमावस्या के दिन घोर अंधेरा होता है किंतु दीप जलाकर इस अंधेरे को नष्ट कर दिया जाता है। इस त्योहार पर घरों और आवास को चमकाया जाता है। लक्ष्मी सरस्वती और गणेशजी की पूजा की जाती है।
   दिवाली के अगले दिन अर्थात 25 अक्टूबर अन्नकूट का पर्व मनाया जाता है। इसे गोवर्धन नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मंदिरों में खिचड़ी व कढ़ी बांटी जाती हैं जिसे प्रत्येक जन चाव से खाता है। गोवर्धन पर्व से जुड़ी है श्रीकृष्ण और इन्द्र देव के बीच का प्रसंग। एक बार इंद्र देव भगवान् श्रीकृष्ण से कुपित हो गए और मूसलाधार वर्षा करने लगे। गोकुल में इतनी भारी वर्षा देखकर ग्रामीण भयभीत हो गए और चारों ओर त्राहि.त्राहि मच गई। जीव जल में डूबकर मरने लगे तो ग्रामीण दौड़कर भगवान् श्रीकृष्ण के पास आए। भगवान् श्रीकृष्ण ने उस वक्त गोवर्धन पर्वत ही अपनी अंगुली पर उठा लिया और गोकुलवासियों को उसके नीचे आने का आदेश दिया। इस प्रकार इंद्र का गर्व चूर.चूर हो गया और खुश होकर ग्रामीणों ने गोवर्धन पर्वत की पूजा की। इसी दिन आजकल गाय आदि की पूजा करने का विधान भी है। विश्वकर्मा जयंती भी मनाई जा रही है।
   दिवाली के दूसरे दिन यानी 26/27 अक्टूबर को भैया दूज नाम से जाना जाता है। यह पर्व भाई बहन के अटूट प्रेम को दर्शाता है। विवाहित महिलाएं इस दिन अपने भाई को बुलाकर उनका आदर सत्कार करती हैं। तथा उनके दर्शन किए बगैर अन्न भी ग्रहण नहीं करती हैं। बहन भाई को तिलक करके उसकी लंबी उम्र की कामना करती है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए यमराज की पूजा करती हैं। इस प्रकार दिवाली का पर्व पूरे पांच दिनों तक चलने वाला पर्व है जिसका महत्व आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में उतना ही है जितना पहले कभी होता था।


No comments: