Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Monday, October 17, 2022

 
यूरो स्कूल कनीना में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन
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कनीना की आवाज। यूरो स्कूल कनीना में अलग-अलग तीन गतिविधियों का आयोजन किया गया। कक्षा पहली से पांचवी तक फ्लावर मेकिंग प्रतियोगिता तथा कक्षा छठी से आठवीं तक बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिताएं अंतर्सदनीय स्तर पर आयोजित की गई। कक्षा तीसरी से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए गुड टच एवं बैड टच के सन्दर्भ में काउंसलिंग भी की गई।  इन प्रतियोगिताओं में सभी बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इन प्रतियोगिताओं में न्यूटन सदन प्रथम, आइंस्टाइन सदन द्वितीय, एडीशन सदन तृतीय और डार्विन सदन चौथे स्थान पर रहा। इन प्रतियोगिताओं में सभी बच्चों ने अपने-अपने कौशल का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में शैक्षणिक निदेशक डॉ राजेन्द्र सिंह यादव, प्रबंध निदेशक नितिन यादव एवं प्रधानाचार्य सुनील यादव ने विजेता सदन को हार्दिक बधाई दी और साथ ही सभी सदनों को ओर आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार की गतिविधियों में भाग लेने से बच्चों में प्रतियोगिता की भावना का विकास होता है। ये प्रतियोगिताएं गतिविधि प्रभारी ऋतु तंवर व को-र्डिनेटर संजू यादव के दिशा-निर्देश में हुई।
फोटो कैप्शन 03: यूरो स्कूल में अव्वल रहे विद्यार्थियों को सम्मानित करते निदेशक एवं अन्य।





मारपीट मसले में दो गिरफ्तार
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कनीना की आवाज। जान से मारने की नियत से मारपीट और लड़ाई झगड़ा करने के मामले में थाना शहर कनीना की पुलिस टीम ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया, जिन्हें न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया। रिमांड के दौरान पुलिस ने पूछताछ में आरोपितों से वारदात को अंजाम देने में प्रयोग किए गए सरिया और डंडा बरामद किए हैं। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान साहिल, जितेंद्र और प्रवीण वासी सीहोर के रूप में हुई। आरोपितों को आज न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमबीर वासी सीहोर ने थाना शहर कनीना में शिकायत देते हुए बताया कि वह जमींदारा का काम करता है और उसका लड़का दूध का काम करता है। उसने बताया कि 27 सितंबर को उसका लड़का दूध लेकर छितरोली को तरफ से आ रहा था, जब उसका लड़का गांव सीहोर के खेतों के पास पहुंचा तो बाइक सवार युवकों ने मोटरसाइकिल रुकवाकर जान से मारने की नियत से लाठी डंडों से उसको चोटें मारी। शोर मचाने पर युवक बाइक लेकर भाग गए। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।
मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया, रिमांड के दौरान पूछताछ में आरोपितों से डंडे और सरिये बरामद किए हैं।






द फेस्टिवल ऑफ  ग्रीटिंग्स का आयोजन
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कनीना की आवाज। एसडी विद्यालय ककराला में द फेस्टिवल ऑफ  ग्रीटिंग्स का आयोजन किया गया जिसमें भारी संख्या में लोग पहुंचे व बच्चों द्वारा तैयार उत्पादों  की खूब प्रशंसा की। कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व कोच  जसमेर सिंह, तहसीलदार नवजीत






कौर, हरियाणा खेल निदेशक डा राजेन्द्र कड़वासरा, डा कर्मबीर यादव, विभिन्न विद्यालयों से आये चेयरमैन व आस-पास के गांवों से आए सरपंच व अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने अपनी कला एवं कौशल का परिचय देते हुए विभिन्न स्टालों पर हाथ से बनी वस्तुओं को प्रदर्शित किया । विद्यालय में कुल छह जोन बनाए गए थे जिसमें प्रथम जोन में सजावट का सामान, रंगीन दीये, लाईट्रस, हाथ से बने फूलदान व हाथ से बने रुमाल आदि उपलब्ध थे।
द्वितीय जोन में हाथ से बनी फोटो, मिट्टी की मूर्तियां, रगोली , विड चाइम , स्कैचिंग फोटो  आदि की प्रदर्शनी लगाई थी। तृतीय जोन में खाने व पेय पदार्थों की व्यवस्था थी। जिसमें अलग से जूस कार्नर, नीबू पानी, जलजीरा आदि की स्टाल थी। विभिन्न प्रकार की मिठाईयां, नारियल लडडू, भेल पूरी, चना मशाला, फू्रट चाट आदि की अलग व्यवस्था की गई थी।
जोन चार में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें हरियाणवी कलाकार सोमवीर कथूरवाल, राजकुमार धनखड़, प्रकाश मलिक और उनकी टीम ने  मनोरंजन किया। हास्य कलाकार राजकुमार धनखड़ ने हरियाणवी बोली एवं हरियाणा के लोगों की विशेषताओं को चरितार्थ किया। सोमवीर कथूरवाल द्वारा संगीत के माध्यम से हरियाणवी संगीत एवं संस्कृति को उजागर किया गया। प्रकाश मलिक और उनकी टीम ने हरियाणवी नृत्य से दर्शकों का समा बाधा।
पांचवां जोन फन गेम एवं खेलों के लिए निर्धारित था जिसमें गुब्बारा, गिलास, मिक्की माऊस, झूले, गुब्बारा पिस्टल आदि गेम उपलब्ध थे। जो दर्शकों के लिए आकर्षक का केन्द्र रहा।
छटा जोन में घुड़सवारी आदि के लिए निर्धारित किया था। जिसमें बच्चों एवं वयस्कों द्वारा घुड़सवारी का खूब आनंद उठाया। विद्यालय में उपस्थित एनएसएस एवं एनसीसी  के कैडिट़स ने व्यवस्था को बनाने में पूरा सहयोग किया। इस अवसर पर पारितोषिक वितरण भी किया जिसमें क्र्रीडा ज्ञान परीक्षा में राज्य स्तर पर प्रथम एवं राष्ट्रीय स्तर पर चौथा स्थान प्राप्त करने वाले गर्वित , दौड़ में राज्यस्तर पर गोल्ड मैडल प्राप्त करने वाली छात्रा अदिति आर्या , इंडियन टैलेंट ओल्मपियाड में हरियाणा राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र साक्ष्य गुप्ता एवं एसटोयड कि खोज करने वाले विद्यार्थी राहुल , नैंसी, ईशा एवं जानवी को उनके माता-पिता के साथ नगद राशी व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।     
खेल निदेशक डा राजेन्द्र कडवासरा ने अपने वक्तव्य में बताया कि एसडी विद्यालय ककराला शिक्षा, खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ गतिविधियों के माध्यम से सीखाने का केन्द्र है। बच्चों के द्वारा विभिन्न प्रकार के उत्पादकों को तैयार करना राष्ट्रीय शिक्षा के उद्देश्य की सफलता को दर्शाता है फुटबाल टीम के पूर्व कोच  जसमेर सिंह एवं तहसीलदार जशमीत कौर ने अपने वक्तव्य में बताया कि बच्चों द्वारा तैयार किए गए उत्पाद बहुत ही सराहनीय है इसके लिए विद्यालय प्रबंधन के साथ-साथ सम्पूर्ण विद्यालय स्टाफ बधाई के पात्र है। जो बच्चों को वास्तविक शिक्षा एवं कौशल के विकास में लगे है। विद्यालय निदेशक जगदेव यादव ने विद्यालय में पहुंचे सभी गणमान्य अतिथियों एवं अभिभावकों का आभार व्यक्त किया । इस अवसर पर सम्पूर्ण स्टाफ  उपस्थित था।
फोटो कैप्शन 5: एसडी स्कूल में फेस्टिवल मनाते हुए।




 दो दिवसीय योग शिविर का किया शुभारंभ
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुन्दरह में योगाचार्य श्रीराम देव खालेटिया योग पतंजलि तहसील प्रभारी मनेठी ने बच्चों को योग व व्यायाम के लाभ बताएं तथा दो दिवसीय योग का दीप प्रचलित करके शुभारंभ किया।
  इस मौके पर योगाचार्य ने प्रतिदिन योग करके स्वास्थ्य को बनाये रखने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि योग सभी रोगों को दूर भगाता है। योग बिन जीवन अधूरा सा लगता है।
 इस अवसर पर  प्राचार्य महिपाल, अनिल,  सुरेश कुमार, राजसिंह, राजेश, रेनू यादव, जसवंत सिंह, चेतन शर्मा , भीम सिंह, कुलदीप सिंह,  प्रदीप कुमार, राजपाल, योगेश्वर, तरुण यादव, बीना, किस्मती देवी, पिन्की , श्रीभगवान बाबूजी, रामफल, छोटेलाल एवं सभी ने योगाचार्य के उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना की।
फोटो कैप्शन 01: सुंदराह में योग करवाते योगाचार्य।




पंचायत चुनाव में कोका गांव के युवाओं ने निकाली जन-जागरूकता रैली
-कहा कि अंधाधुंध खर्चा करके चुनाव लडऩे वालों को नहीं देना है वोट
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कनीना की आवाज। खण्ड के गांव कोका में युवाओं ने पंचायत चुनावों के मद्देनजर भारी भीड़ जुटाकर पैदलमार्च करते हुए रैली निकाली। इस मुहिम में यूथ ग्रुप, एथलेटिक्स ग्रुप कोका के युवाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। युवाओं ने हाथों में बैनर्स, आमजन घोषणापत्र मांग के पर्चे लेकर लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट करते हुये गांव में रैली निकाली। सभी ग्रामवासी उनकी इस पहल का स्वागत करते हुए नजर आए।
रैली में युवा मतदाताओं से आग्रह करते नजर आए कि गांव में ऐसे उम्मीदवार का चुनाव न करें, जो दारू पैसे जैसे अन्य प्रलोभन का बढ़ावा देता हो, वो गांव का विकास नहीं करेगा, वो पहले अपना पेट भरेगा। बल्कि ऐसे उम्मीदवार का चुनाव करें जो विकास को बढ़ावा दो, जो इन खर्चो से दूर रहकर चुनाव लड़ें। कुलदीप ने बताया कि गांव में ऐसे उम्मीदवार का चुनाव हो जो जाति, गौत्र का आधार पर कार्य न करें, बल्कि गांव को एक सूत्र में रखकर चले। जरूरी नहीं सरपंच ही गांव का विकास करता है, पंच का चुनाव करते हुये भी मतदाता अपने विवेक का इस्तेमाल करके योग्य व्यक्ति को ही पंचायत में भेजें। जो आज आप करोगे, अगले 5 वर्ष आपको वही ही मिलने वाला है।
मेरा वोट मेरा भविष्य अभियान के तहत महेंद्रगढ़ जिले की सामाजिक संस्थाएं व कार्यकर्ता मिलकर संयुक्त रूप से 10 गांवों कोका, ककराला, दौंगड़ा अहीर, रामबास, नांगल पीपा, खासपुर, ढाणा, इसराना, दोंगली, कारोली में सघन रूप से चलाया जा रहा है।
इस अभियान समिति में युवा क्लब नांगल पीपा, युवा शक्ति संघ दौंगड़ा अहीर, बीबीएसडी ककराला, स्पोर्ट्स क्लब खासपुर, यूथ ग्रुप कोका संस्थाएं लोकल स्तर पर सहभागी संगठन की भूमिका निभा रहें हैं।
इस अवसर पर कोका गांव के
कुलदीप, प्रदीप, हंसराज, रोहतास पंच, सन्दीप, कमल, अंकित, सुमित शर्मा, रोशन, सुरेश सिराधना, पवन गुर्जर, अजित निम्बले, धर्मेंद्र, रोहित, ललित, अक्षय, ओमवीर, आदेश, आकाश, अरविंद देवधर, आनंद, सूबेदार होशियार साहब, दिनेश, जीतू गुर्जर सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 01: कोका गांव के लोगों को जागरूक करते युवा।




 लड़की हुई घर से गायब, पिता ने उसे भगा ले जाने का लगाया आरोप
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के एक गांव से एक 19 वर्षीय लड़की गायब हो गई। उसके परिजनों ने उसे भगा ले जाने का आरोप लगाया है। लड़की के पिता ने कनीना पुलिस में दी शिकायत में कहा है कि वह मेहनत मजदूरी करता है और 6 बच्चों का बाप हैं। उनकी 19 वर्षीय लड़की रात को खाना खाकर पूरे परिवार सहित सोई थी, सुबह लड़की गायब मिली। तलाश की गई जो कहीं नहीं मिली। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित नाम का लड़का उसे भगा ले गया। पिता ने आरोप लगाया कि उनकी लड़की डेढ़ लाख रुपए और कागज साथ ले गई है। उन्होंने लड़की को बरामद करने की मांग की है। कनीना पुलिस ने मामला मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।




  अहोई अष्टमी धूमधाम से मनाई गई
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में अहोई अष्टमी का पर्व मनाया गया। यह व्रत संतान के बेहतर जीवन एवं लंबी उम्र के लिए किया जाता है। इस व्रत में स्याऊं मां की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस पूजा से परिवार के सभी रोग नष्ट हो जाते हैं और लंबी उम्र प्राप्त होती है। दिनभर दानपुण्य की परंपरा चलती रही। महिलाओं ने स्याऊं मां की पूजा की, व्रत रखा तथा कहानी सुनी
कौन सी कहानी सुनाई गई-
 सुरेंद्र वशिष्ठ ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस व्रत में सेठ सेठानी की कहानी सुनाई गई जिसमें एक सेठानी के हाथों से अनजाने में एक सेही के बच्चे मिट्टी खोदते वक्त मर जाते हैं। जब सेही अपने बच्चों को मृत देखती है तो मारने वाले को श्राप दे देती है जिसके चलते सेठानी के बच्चे भी मर जाते हैं। सेठ व सेठानी तप करने और शरीर को गलाने के लिए चल पड़ते हैं। अंत में वे थक जाते हैं तो आकाशवाणी होती है कि तुम अगले इसी पर्व तक दान दक्षिणा देना, दया रहम दिखाना तब कहीं जाकर तुम्हें पुत्र होंगे। अंतत: सेठ एवं सेठानी ने वैसा ही किया और वे पुत्रवान हो गए।
तभी से यह व्रत चला आ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस पर्व के प्रति गहन लगाव है। गांवों में मिलकर महिलाएं कथा सुनी।



ऐसे मनाएंगे दीपावली  
घर की मिठाई खाकर सादगी से मनाएंगे दीपावली
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कनीना की आवाज। इस बार क्षेत्र के युवा घर की बनी मिठाई खाकर,चाइनीज आइटम नहीं खरीदेंगे और दीपावली सादगी से मनाएंगे। दीपावली को घी के दीये जलाकर एवं आपस में मिलकर दीपावली मनाना चाहते हैं। वे एक नारा लगा रहे हैं कि घर की मिठाई खाकर, आपस में मिलकर घी के दीये जलाएंगे।  उनका मानना है कि लाखों रुपये चाइनीज आइटम पर खर्च होते हैं वे खर्च नहीं किए जाएंगे। क्या कहते हैं दीपावली मनाने वाले-
कंवरसेन वशिष्ठ का कहना है कि चीन के बने सामान, लाइट आदि नहीं खरीदेंगे। देसी घी को दीये में डालकर दीपावली के दिन बुजुर्ग पुराने समय से जलाते आ रहे हैं। बुजुर्ग बहुत बुद्धिमान थे। अब उन्हीं के कदमों पर चलकर वे इस बार दीवाली को देसी घी के दीयों से मनाएंगे और दूसरों को भी प्रेरित करेंगे।  
डा वेद प्रकाश का कहना है कि वे कई वर्षों से देसी घी के दीये जलाते आ रहे हैं। न केवल बड़ी या छोटी दीवाली अपितु मुख्य दीवाली के दिन घर में विभिन्न स्थानों पर रखे जाने वाले समस्त दीये देसी घी से ही जलते हैं। उनके अनुसार देसी घी का दीया जलाने का अर्थ है कि वातावरण की देखभाल करना तथा सभी के जीवन की मंगलकामना करना। उन्होंने इन दीयों को अंधकार दूर करने वाला तथा दिलों में शुद्धता भरने वाला प्रतीक बताया। चीन के बने दीपावली के आइटमों से दूर रहने की सलाह दी है।
मुकेश नंबरदार का कहना है कि वे चाइनीज कोई आइटम नहीं खरीदेंगे। वे न केवल स्वयं देसी घी के दीये जलाएंगे अपितु दूसरों को भी इस बार देसी घी के ही दीये जलाने के लिए प्रेरित करेंगे। उनके अनुसार देसी घी के दीये जलाना एक हवन या यज्ञ के बराबर होता है। पर्यावरण का प्रदूषण दूर होता है तथा सुगंधित वातावरण बन जाता है। दीये का प्रकाश जहां तक जाता है वहां तक हानिकारक कीट नष्ट हो जाते हैं।
 कैलाश पाली का कहना है कि हमारी संस्कृति के अनुसार घी के दीये जलाना शुभ माना जाता है और ऐसे में वे देशी घी के दीये स्वयं भी जलाते हैं और दूसरों को भी प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि बाजार की मिठाई नहीं खरीदेंगे, चाइनीज आइटमों का सदा बहिष्कार करते आये हैं।  दीये खरीदने पर बल देंगे।
फोटो कैप्शन : कंवरसेन वशिष्ठ, कैलाश पाली, डा वेदप्रकाश, मुकेश नंबरदार





दीपावली पर कबाड़ निकलने से कबाडिय़ों की मौज
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कनीना की आवाज। दीपावली पर कबाड़ घर से निकालने पर कबाडिय़ों की मौज हो गई है। 24 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी, वही दीपावली को लेकर घरों की साफ-सफाई करने में, मिठाई बनाने वाले मिठाई बनाने में, घरों में रंग पेंट करने वाले लंबे समय से व्यस्त हैं तथा उनके पास किसी के भी पास कोई फुर्सत नहीं है। साल में एक बार यह पर्व आता है जिस पर इन मजदूरों की मांग अधिक होती है। क्षेत्र में जहां रंग पेंट की विशेष मांग है मांग है पुताई करने वाले इस समय फुर्सत में नहीं है।  पेंटर ने बताया सुरेश और मोनू पेंटर ने बताया कि उनके पास इस समय दिवाली तक कोई फुर्सत नहीं है तत्पश्चात ही कुछ वक्त निकल पाएगा। दीपावली एवं पंचायत चुनाव एक साथ आने से भी व्यस्तता बढ़ गई है। वर्षभर कूड़ा कचरा घरों में जमा होता रहता हैं उसे भी वर्ष में एक बार साफ किया जाता है तथा अब कबाड़ी घर घर घूमने लग गए हैं ताकि उन्हें अधिक से अधिक कबाड़ मिल सके। दीपावली के बाद ही विवाह शादियां शुरू होंगी। ऐसे में कुछ लोग जहां विवाह शादियों के दृष्टिगत तो बहुत अधिक लोग दीपावली के दृष्टिगत घरों में पेंटिंग रंग आदि कर रहे हैं। रंग रोगन के चलते आप घर साफ-सुथरे नजर आने लग गए हैं। रवि, दिनेश, सुरेश एवं महेश आदि ने बताया कि रंग पेंट वर्ष में कम से कम एक बार तो जरूर करवा लेना चाहिए ताकि घर लंबे समय तक चल सके।
दीपावली पास आने से कबाड़ी खुश--
दीपावली नजदीक आने से घरों की सफाई करने से कबाड़ी खुश हैं। घरों से भारी मात्रा में कबाड़ का सामान निकाला जा रहा है।
  उल्लेखनीय है कि दीपावली के पर्व पर सफाई करने से प्रत्येक घर से कबाड़ी का सामान निकलता है जिसे कबाड़ के भाव बेच दिया जाता है। कबाड़ी इस सामान को सस्ते में खरीद लेते हैं और दीपावली पर अच्छी दिहाड़ी बना लेते हैं। कबाड़ी दीपावली पर इतना सामान खरीदते हैं जिससे कई माह का गुजारा संभव हो पाता है। एक ओर जहां कबाड़ी सफाई में अहं भूमिका निभा रहे हैं वहीं वे अपने परिवार का पालन पोषण आसानी से करने की क्षमता रखते हैं।





जोर शोर से चल रही है सरसों की बीजाई
-डीएपी की चल रही है कमी
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कनीना की आवाज। क्षेत्र में जहां डीएपी को लेकर मारामारी चल रही है वहीं किसान जोर शोर से सरसों की बिजाई कर रहे हैं। सरसों बिजाई का समय 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक का होता है किंतु डीएपी के लिए किसान इसके लिए भागदौड़ करते नजर आए और खाद के वैकल्पिक तरीके अपनाते हुए सरसों की बिजाई की जा रही है।  तत्पश्चात एक नवंबर से गेहूं की बीजाई शुरू हो जाती है। किसान रमेश, दिनेश, सुरेश, राजू आदि ने बताया कि डीएपी की कमी किसानों को सता रही है।  देरी से बीजाई करने से फसल पैदावार पर बुरा प्रभाव पड़ता है। कनीना क्षेत्र में इस बार करीब 20000 हेक्टेयर पर सरसों की तथा 8000 हेक्टेयर पर गेहूं की बिजाई की जाने की संभावना है।
क्या कहते कृषि अधिकारी-
 पूर्व कृषि अधिकारी डॉ देवराज का कहना है कि कनीना क्षेत्र करीब 20000 हेक्टेयर पर सरसों की बीजाई तथा 8000 हेक्टेयर के करीब गेहूं की बीजाई की जानी है। अधिकांश किसान सरसों की बीजाई में जुटे हुए हैं। अब तो खाद की कमी से उनकी बीजाई भी प्रभावित होने लगी है। उन्होंने बताया कि वैसे तो 25 अक्टूबर तक सरसों की बीजाई करना उचित है। इसके बाद तो प्रतिदिन प्रति एकड़ 18 किलो सरसों पैदावार कम होती चली जाती है। ऐसे में देरी से बीजाई करना नुकसानदायक साबित होता है। उन्होंने बताया कि अधिकांश किसान सरसों की बीजाई में लगे हुए हैं। 70 फीसदी किसानों ने सरसों की बीजाई कर दी है । इसके बाद गेहूं की बिजाई चलेगी
फोटो कैप्शन 4: सरसों की बीजाई करते किसान।

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