3 दिनों में बाजरे खरीद पहुंची 24000 क्विंटल
-त्वरित गति से बाजरे की खरीद है जारी
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कनीना की आवाज। कनीना अनाज मंडी में बाजरे की खरीद के तीसरे दिन करीब 10,000 क्विंटल बाजरा खरीदा गया। जहां खरीद के पहले दिन 6000 क्विंटल वही दूसरे दिन 8000 क्विंटल बाजरा खरीदा गया था। खरीद के तीसरे दिन गुरुवार को करीब 10000 क्विंटल बाजरा खरीदा गया है। अब तक कुल खरीद 24000 क्विंटल अर्थात 48000 बैग बाजरा खरीदा जा चुका है। विस्तृत जानकारी देते हुए हैफेड खरीद एजेंसी के मैनेजर संजीव कुमार ने बताया उठान का कार्य भी तेजी से चल रहा है। 13000 बैग बाजरे का उठान हो चुका है तथा बाजरा उन्हाणी स्थित गोदाम में ले जाया जा रहा है। उन्होंने किसानों से साफ सुथरा सूखा बाजरा अनाज मंडी तक लाने की अपील की है ताकि किसानों को किसी प्रकार की कोई समस्या न आए। विभिन्न अधिकारी समय-समय पर दौरा कर किसानों की समस्याएं सुन रहे हैं। अतिरिक्त चीफ सचिव डा वी राजाशेखर भी अनाज मंडी का दौरा कर चुके हैं।
फड़ों पर बाजरे के ढ़ेर लगने लगे हैं। किसान अभी बाजरा पैदावार ले रहे हैं क्योंकि सरसों की बिजाई का समय नजदीक होने के कारण बाजरे की कटाई और उसे बाजार में बेचने के कार्य में तेजी आ गई हैं। वैसे भी मौसम विभाग ने बूंदाबांदी की संभावना जताई है जिसके चलते लावणी में तेजी आ गई है। उन्होंने बताया बारदाने की कोई कमी नहीं है।
खरीद के दौरान मैनेजर संजीव कुमार,भरपूर सिंह, सतीश कुमार, प्रमोद कुमार सब इंस्पेक्टर फूड सप्लाई, ओम प्रकाश, महेंद्र सिंह, नरेश कुमार आदि मौजूद थे।
फोटो कैप्शन दो: कनीना में बाजरे की खरीद करते अधिकारी।
महेंद्रगढ़ क्षेत्र में बेहतर कोचिंग संस्थान का है अभाव
-कोटा एवं सीकर के लिए कोचिंग करने जाते हैं सैकड़ों विद्यार्थी
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कनीना की आवाज। यद्यपि शिक्षा को हब का रूप देने में महेंद्रगढ़ स्थित शिक्षण संस्थानों ने अहम भूमिका अदा की है किंतु अभी तक बेहतरीन कोचिंग संस्थान का अभाव है। हरियाणा राज्य से प्रतिवर्ष हजारों विद्यार्थी नीट एवं इंजीनियरिंग आदि में सफलता पाने के लिए सीकर और कोटा की ओर दौड़ रहे हैं। विभिन्न घरों से दसवीं पास करने के बाद विद्यार्थियों के अभिभावक बेहद परेशान हो जाते हैं और उसे कोचिंग देने वाले संस्थानों में दाखिला करवाते हैं। यहां तक कि अभिभावक अपने बच्चों के साथ कोटा या सीकर जाने को मजबूर हैं। जहां कोटा कोचिंग देने में एक नंबर पर माना जाता है वहीं सीकर के संस्थान भी कुछ कम नहीं हैं। यदि एमबीबीएस करना हो या अन्य कोई डाक्टरी लाइन का कोर्स करना है तो कड़ी स्पर्धा नीट की चलती है और इस नीट में बहुत अधिक मेहनत करने के लिए विद्यार्थी कोचिंग करने जाते हैं।
क्षेत्र के विभिन्न अभिभावकों राजवीर, सुनीता, संजय, धर्मेंद्र, विजय कुमार, सुनील, पंकज, दिनेश आदि से बात की तो उन्होंने बताया कि क्षेत्र के गांव और शहर से भारी संख्या में विद्यार्थी बारहवीं करने के पश्चात कोचिंग के लिए सीकर या कोटा जा रहे हैं। जहां बेहतरीन शिक्षण दिया जाता है और बहुत से विद्यार्थी एमबीबीएस में चयनित हो जाते हैं। हर अभिभावक की यही इच्छा है कि उनका बेटा या बेटी एमबीबीएस करें । यही कारण है कि नीट की परीक्षा के लिए सीकर और कोटा की ही नहीं दिल्ली, गुरुग्राम तथा अन्य राज्यों में भी भेजकर कोचिंग दिलवाई जाती है तथा नीट की आयोजित परीक्षा को बेहतर ढंग से पास करने का प्रयास किया जाता है। यही कारण है कि कभी किसी घर में एमबीबीएस करने वाले दूर-दूर आज तक नजर नहीं आते थे अब विभिन्न घरों में एमबीबीएस करने वाले जरूर मिल जाते हैं। यहां तक कि विदेशों से भी एमबीबीएस करने का सिलसिला जारी है।
अब तो गांवों में भी अनेकों विद्यार्थी एमबीबीएस कर गए हैं। यही कारण है कि स्पर्धा बढ़ती ही जा रही है।
क्या कहते हैं विद्यार्थी -
विद्यार्थी हर्ष, अमीश, दिनेश, महेश आदि ने बताया कि वे नीट की परीक्षा में बैठना चाहते हैं परंतु अच्छी तरह से तैयारी करके ही इस परीक्षा में बैठना चाहते हैं। यही कारण है कि वे कोटा और सीकर आदि क्षेत्रों में कोचिंग लेने के लिए जा रहे हैं। ऐसे में अब जिला महेंद्रगढ़ जो शिक्षण संस्थान में एक नंबर पर रहा है कोचिंग संस्थान की जरूरत महसूस कर रहा है। यदि इस प्रकार की बेहतरीन कोचिंग संस्थान स्थापित हो जाए तो विद्यार्थियों का भला हो सकता है। यद्यपि छोटे कोचिंग सेंटर शहरों में स्थापित होने लग गए हैं।
10 से 25 अक्टूबर तक करें सरसों की अग्ेती फसल की बीजाई-देवराज
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कनीना की आवाज। अगैती सरसों की बिजाई का यह सही वक्त है। वर्तमान में दिन के समय तापमान 34 डिग्री सेंटीग्रेड के करीब रहता है जो सरसों के लिए अनुकूल है। मौसम विभाग ने बूंदाबांदी बता रखी है जिससे ताप में गिरावट आएगी।
डा देवराज पूर्व कृषि सलाहकार अधिकारी ने बताया कि सरसों की अगैती बिजाई 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच की जानी चाहिए। दिन के समय दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक ताप अधिक होता है किंतु अधिक ताप के कारण ही जलवाष्प अधिक बन पाते हैं, रात को ठंड होती है जिसके चलते सरसों की फसल बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा कि सरसों की फसल के लिए 28 डिग्री सेंटीग्रेड ताप चाहिए जो दस अक्टूबर तक पहुंचने की संभावना है। उन्होंने सरसों की बिजाई करने की अपील की है।
डा देवराज यादव ने कहा है कि किसानों को सरसों (तिलहन) की बिजाई करने में अगेती फसल बीज उपचार कार्य करने के बाद, उन्नत किस्में प्रयोग करनी चाहिए तथा जिप्सम जरूर डालना चाहिए। उनके अनुसार बीज उपचार के लिए 2 ग्राम बावस्टीन प्रति किलोग्राम बीज उपचार करें एवं जिप्सम डाले। जिप्सम से पैदावार और तेल की मात्रा बढ़ती है, इसलिए 200 किलोग्राम जिप्सम एक एकड़ जमीन में डालना चाहिए। वसुंधरा, स्वर्ण, ज्योति, गीता, लक्ष्मी आदि अच्छी अगेती पैदावार के लिए किस्में है इसके अलावा 75 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट या 35 किलोग्राम डीएपी प्रति एकड़ खाद डालना चाहिए। उन्होंने ताकि 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच सरसों की बिजाई कर देनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि सरसों की बीजाई के लिए उचित तापमान 28 डिग्री होना चाहिए, खुड से खुड की दूरी 30 सेंमी तथा 5 सेमी गहराई पर बीज बोने चाहिए।
एसडियंस हुए नासा से सम्मानित
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कनीना की आवाज। एसडीवमा विद्यालय ककराला के विद्यार्थियों की टीम द्वारा क्षुद्रग्रह खोज प्रतियोगिता में भाग लिया तथा प्राथमिक स्तर क्षुद्रग्रह पर खोज की। जिसके लिए उन्हें नासा द्वारा प्रमाण -पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया है। विद्यालय प्राचार्य ओमप्रकाश ने बताया की हार्डिन सीमोंस यूनिवर्सिटी अमेरिका द्वारा इन्टरनेशनल एस्टोनोमिकल सर्च कोलाब्रेंशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें एसडी विद्यालय के चार विद्यार्थी राहुल गोयल , जानवी काठपाल, इंशा तथा नैंसी इस प्रतियोगिता के प्रतिभागी रहे। संस्थान द्वारा प्रारम्भ में प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया गया तथा इसके बाद उन्हें सीटीजन साइंटिस्ट के रूप में नियुक्त कर एस्टरोयड खोजने की जिम्मेदारी दी गई ।
एसडी विद्यालय की सीटीजन साइंटिस्ट की टीम द्वारा चार क्षुद्रग्रहों की खोज की गई। जिसके नाम एनआईटी-001, एनआईटी- 002, एनआईटी 003, एनआईटी 004 रखें गए हैं। इस कार्य के लिए इन विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इनोवेशन सेंटर इंचार्ज राजदेव ने बताया कि अब इस टीम को नासा तथा हार्डिन सीमोंस यूनिवर्सिटी द्वारा प्रोविजन स्टेज के लिए बुलवाया जाएगा। क्योंकि यह प्रतियोगिता नासा तथा हार्डिन सीमोंस यूनिवर्सिटी ने साथ मिलकर आयोजित करवाई है। इस प्रतियोगिता का आयोजन दो चरणों में करवाया गया जिसमें पहला चरण 25 जुलाई से 18 अगस्त तक रहा तथा दूसरा चरण 22 अगस्त से 16 सिंतम्बर 2022 तक रहा। विद्यालय निदेशक ने इस उपलब्धि पर पूरे क्षेत्रवासियों को बधाई दी व बताया कि 21वीं सदीं के बच्चे बहुत होनहार होते है उन्हें उचित अवसर प्रदान कर बड़ी से बड़ी उपलब्धि हासिल की जा सकती है। विद्यालय हर क्षेत्र में बच्चों को प्लेटफार्म उपलब्ध करवाता है तथा प्राथमिक विभाग से ही बच्चों में कैरियर संबंधित शिक्षा प्रदान की जाती है। इस अवसर पर प्राचार्य ओमप्रकाश, उप-प्राचार्य पूर्ण सिंह, सीएओ नरेन्द्र यादव, सीइओ आरएस यादव, सुरेन्द्र चौहान, देववत, ईश्वर सिंह , राजेश , जोगेन्द्र , स्नेहलता , इन्दु गेरा एवं समस्त स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: एसडी स्कूल ककराला के नासा द्वारा सम्मानित बच्चे।
डा बीआर अंबेडकर शिक्षा एवं सेवा समिति का हु
आ गठन
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कनीना की आवाज। शिक्षा के प्रचार-प्रसार एवं सामाजिक सद्भावना हेतु गांव नावदी में डा बीआर अम्बेडकर शिक्षा एवं सेवा समिति का गठन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति प्रधान संदीप कुमार ने की । समिति का उद्घाटन करते हुए फेलोशिप सेवा अवार्ड से विभूषित सामाजिक कार्यकर्ता सूबे सिंह भौंडीवाल ने कहा कि मानव के समग्र विकास में शिक्षा की अहम भूमिका होती है । श्री भौडीवाल ने बताया कि जाति-धर्म की कुत्सित राजनीति के दौर में डा भीमराव अंबेडकर की समतावादी शिक्षाओं की प्रासंगिकता और बढ़ गई है । कार्यक्रम में भौंडीवाल ने नशा मुक्ति व दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों को दूर करने की भी अपील की । इस अवसर पर एडवोकेट बनवारीलाल, मा.महिपाल, प्रवक्ता ताराचंद, मा. भीमराज, मास्टर सुंदरलाल व धर्मपाल सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे ।
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