आधी अधूरी बाजरे की खरीद पर जताया रोष
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कनीना की आवाज। जिला की मंडियों में बाजरा की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद न किए जाने, आधी अधूरी खरीद किए जाने, किसानों के गेट पास रद्द किए जाने और खरीद अधिकारियों द्वारा तानाशाही बरतने के विरोध में बहुजन समाज पार्टी तथा प्रजा भलाई संगठन के कार्यकर्ता आगामी 7 अक्टूबर को उपमंडल अधिकारी नागरिक कनीना कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन करेंगे।
यह घोषणा बसपाके नेता समाजसेवी ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने पार्टी के कार्यालय गांव धनौन्दा में आयोजित कार्यकर्ताओं की बैठक में की। उन्होंने कहा कि सरकार ने चालू सीजन के लिए बाजरा की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2350 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। परन्तु उन्हें कार्यकर्ताओं से शिकायत मिली है कि जिला की किसी भी मंडी में न्यूनतम समर्थन मूल्य 2350 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों का बाजरा नहीं खरीदा जा रहा है। हैफेड द्वारा जो आधी अधूरी खरीद की जा रही है, वह भी 1950 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है। जो कि किसानों के साथ सरासर धोखा और अन्याय है। उन्होंने कहा कि अधिकारी बाजरा खरीदने में मनमर्जी तथा तानाशाही कर रहे हैं। गेट पास जारी करने के बाद किसानों के गेट पास रद्द करना अधिकारियों की तानाशाही नहीं तो क्या है। उन्होंने कहा कि खरीद अधिकारियों की तानाशाही को लेकर तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य न दिए जाने के कारण किसानों में भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार ने तत्काल जिला की सभी मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद शुरू नहीं की और अधिकारी किसानों को परेशान करने से बाज नहीं आए तो आगामी 7 अक्टूबर को कनीना में उपमंडल अधिकारी कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर लालचंद शर्मा, भाग सिंह चेयरमैन, दान सिंह प्रजापत, कैलाश सेठ, राजबीर गौड़ ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
रोल प्ले में पाया दूसरा स्थान, किया सम्मान
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कनीना की आवाज। एससीईआरटी गुरुग्राम की ओर से आयोजित जिला स्तरीय फोक डांस एवं रोल प्ले प्रतियोगिता में चम्पा देवी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अटेली की टीम द्वारा द्वितीय स्थान प्राप्त किए जाने पर विद्यालय प्रशासन द्वारा विजेता छात्रों को सम्मानित किया गया । विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित करते हुए प्राचार्य कुसुमलता यादव ने कहा कि प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नही होती, अनुकूल माहौल में वह स्वत ही मुखर हो जाती हा । कुसुम ने कहा कि ग्रामीण अंचल में प्रतिभाओं की कमी नही है, जरूरत बस प्रतिभा को पहचानने एवं अवसर प्रदान करने की है । कार्यक्रम प्रभारी सविता शर्मा ने बताया कि हाल ही में आयोजित जिला स्तरीय प्रतियोगिता में चम्पा देवी स्कूल की टीम ने सामाजिक बुराइयों पर आधारित जिला स्तरीय प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है जबकि फोक डांस प्रतियोगिता में स्कूल की टीम सांत्वना पुरस्कार के लिए चुनी गई है । टीम के विद्यालय पहुंचने पर स्कूल प्राचार्य एवं स्टाफ द्वारा विजेता प्रतिभागियों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया ।
फोटो कैप्शन 02: रोल प्ले में दूसरा स्थान मिलने पर स्वागत करते स्कूल स्टाफ।
उन्हाणी कालेज में फ्री हेल्थ चेकअप कार्यक्रम आयोजित
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कनीना की आवाज। राजकीय कन्या महाविद्यालय उन्हाणी में फ्री हेल्थ से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि संतोष यादव प्रभारी महिला मोर्चा हरियाणा एवं पूर्व डिप्टी स्पीकर हरियाणा रही। इस मौके पर संतोष यादव ने कहा कि हमें अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखना चाहिए, समय.समय पर स्वास्थ्य का चेकअप करवाते रहना चाहिए। वरना समस्या बड़ी उत्पन्न होने पर बहुत देर हो चुकी होती है। उन्होंने कहा कि युवा उम्र में भी अपने चेकअप करवाना जरूरी होता है। इस उम्र में जहां अनेकों शारीरिक परिवर्तन होते हैं जिसके चलते कई बार विकार पैदा हो जाते हैं। इस अवसर पर एसएमओ सुंदरलाल एवं का समस्त स्टाफ ,मुनीलाल साहब ओम प्रकाश लिसानिया, अनीता यादव, अतर सिंह हंस राज, रतन सिंह, राज कुमार आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 3: हेल्थ चेक अप में उपस्थित संतोष यादव एवं अन्य।
जिला स्तरीय रोल प्ले में भाग लेकर लौटे विद्यार्थियों को किया सम्मानित
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा के 5 विद्यार्थी रोलप्ले में जिला स्तरीय प्रतियोगिता से लौटे। प्राचार्य सतीश कुमार ने उन्हें सम्मानित किया। कनीना खंड स्तर पर रोलप्ले की टीम प्रथम स्थान पर आई थी जिसके चलते उन्होंने डाइट महेंद्रगढ़ में जिला स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लिया और बेहतर प्रदर्शन किया। डाइट में उन्हें सर्टिफिकेट से नवाजा। विद्यार्थियों की स्कूल में पहुंचने नोटबुक देखकर प्राचार्य सतीश कुमार द्वारा सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि हार जीत कोई मायने नहीं रखती। हार ही विद्यार्थियों को नई सबक सिखाती है। विद्यार्थी अल्प समय में तैयारी करके महेंद्रगढ़ पहुंचे और बेहतर प्रदर्शन किया इसके लिए बधाई के पात्र है।
इस अवसर पर डा मुंशीराम, विजय कुमार महक प्रवक्ता, रणजीत सिंह, सूबे सिंह, विनोद कुमार ,नरेश कुमार, सुनीता देवी, प्रीति डीपी, संतोष देवी सहित समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
फोटो कैप्शन 1: प्राचार्य सतीश कुमार विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुए।
नवरात्रि विधि विधान से संपन्न
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कनीना की आवाज। दिन भर कंजकों को भोजन कराकर नवरात्रि संपन्न हो गए।
कनीना एवं आस पास गांवों में दिनभर बच्चियों को खाना खिलाया गया। विभिन्न घरों में कढ़ाई की जाती है तथा पूरे 9 दिन माता के जागरण चलते रहे।
जल में प्रवाहित किया जाएगा संझी को दशहरे के दिन
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कनीना की आवाज। पूरे 9 दिनों से बच्चियों द्वारा मनाये जा रहे सांझी पर्व पूर्ण होने पर विधि विधान से उसे दशहरे के दिन जल में प्रवाहित किया जाएगा। बुजुर्ग महिला संतरा देवी ने बताया कि 9 दिनों तक बच्चियां विशेषकर छोटे बच्चे सांझी का पर्व खेलते आ रहे हैं। सांझी को दीवार पर बनाकर उसके समक्ष गीत आदि गाकर बच्चियां पर्व मनाती आ रही थी जो पूर्ण हो गया। दशहरे के दिन सांझी को जल में प्रवाहित किया जाएगा।
अटेली फाटक पर घटिया सामग्री की सड़क बनाए जाने का रोष
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कनीना की आवाज। कनीना-अटेली मार्ग पर रेलवे फाटक के पास बन रही सड़क मार्ग में घटिया सामग्री प्रयोग करने पर लोगों ने रोष जताया है। करीब एक वर्ष पहले भी यह सड़क भी बनाई गई थी किंतु घटिया सामग्री के चलते टूट गई थी। एक बार फिर से क्षेत्र के रवि कुमार, सुरेश कुमार, महेश कुमार, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि रेलवे फाटक के पास सड़क बनाई जा रही है जो घटिया सामग्री से युक्त है। सड़क इतनी घटिया है कि आसानी से हाथ से भी अलग किया जा सकता है। रोड़ी बिखरने लगी है। उन्होंने प्रशासन सरकार से मांग की है कि कम से कम फाटक पर बढिय़ा सामग्री युक्त बेहतरीन सड़क बनवाई जाए ताकि वाहनों के आवागमन में कोई परेशानी न आए। सड़क निर्माण की जांच कराई जाए।
अधर्म में धर्म की जीत दशहरा उत्सव विधि विधान से मनाए-सुरेंद्र शर्मा
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कनीना की आवाज। दशहरा विधि विधान से मनाना चाहिए। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं। ये विचार कनीना के पंडित सुरेंद्र शर्र्मा ज्योतिषाचार्य ने यहां व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि दशहरा है बुराई पर अच्छाई की जीत सबसे बड़ा प्रतीक जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार दशहरा दिवाली से ठीक 20 दिन पहले हिंदू मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है जिसे विजयदशमी के त्यौहार के नाम से जाना जाता 15 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
नवरात्रि दशहरा हिंदू धर्म का प्रमुख त्यौहार है। इस त्यौहार को स्पष्ट पर अच्छाई की जीत और असत्य पर सत्य की जीत विजय के रूप से मनाया जाता है। हर साल यहां पर वो अश्विनी मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दिया मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम, देवी अपराजिता और शमी के पेड़ की पूजा की जाती है। इस त्यौहार को हम लोग हर साल मनाते हैं परंतु एक दिन की सोच के लिए ही खुशी मनाते हैं। अगर हम यह सोचे कि भगवान राम की सत्य की जीत हुई थी और हम सभी सत्य के मार्ग पर चलते हैं तो हमारी भी जीत होगी।
दशहरा के दिन भगवान राम ने सीता माता को रावण की लंका से मुक्त करा कर लाए थे पर भगवान राम की विजय की खुशी में हर साल दशहरा मनाया जाता है। इसके साथ ही मां दुर्गा ने महिषासुर का अंत कर देवताओं को मनुष्यों पर उपकार किया था इस हर्ष में भी दशहरा मनाया जाता है। विजयदशमी या दशहरा स्पष्ट रूप से बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। इस दिन महिषासुर मर्दनी मां जगदंबा साक्षात दुर्गा और भगवान राम की पूजा करनी चाहिए। इससे संपूर्ण बाधाओं का नाश होगा और जीवन में विजय श्री प्राप्त होगी। इस दिन अस्त्र और शस्त्र की पूजा करने से भी लाभ होता है। दशहरे के लिए शास्त्रों की पूजा होती है। इस दिन सनातन परंपरा में शास्त्र और शस्त्र दोनों का विशेष महत्व है। शास्त्र की रक्षा और आत्मरक्षा के लिए धर्म संत तरीके से शस्त्र का प्रयोग होता है। इसलिए शास्त्र और शस्त्र की पूजा भी इसी दिन होती है। हम सभी भक्तों को दशहरे का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाना चाहिए और भगवान राम मां जगदंबा की पूजा करते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हुए उत्सव मनाना चाहिए।
फोटो कैप्शन: सुरेंद्र शर्मा।
दीपावली पर दीयों के प्रति घटता जा रहा रुझान
-एक समाज विशेष दीये बनाने में व्यस्त
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कनीना की आवाज। दीपावली पर खुशियों को व्यक्त करने के लिए परम्परागत रूप से जलाए जाने वाले दीयों के प्रति लोगों का रुझान घटता ही जा रहा है। एक जाति विशेष कुम्हार जाति, के लोगों द्वारा दीये बनाकर अपनी रोटी रोजी कमाने वालों का तो मानो धंधा ही चौपट हो गया है।
दीपावली के आगमन से करीब एक माह पूर्व ही कुम्हार जाति के लोग मिट्टïी लाकर दीपक बनाते हैं तत्पश्चात उन्हें पकाकर घर-घर वितरित करते हैं। एक जमाना था जब दीपावली के शुभ दिन पर घी के दीये जलाते थे किंतु अब दीयों के प्रति रुझान भी बदल गया है। श्रीराम के 14 वर्षों का वनवास पूरा करके, रावण पर विजय पाकर जब सीता सहित राम, लक्ष्मण व हनुमान अयोध्या लौटे थे तो लोगों ने खुशी के मारे घरों में घी के दीये जलाए थे और तत्पश्चात प्रति वर्ष उसी याद को दिलों में संजोकर प्रतिवर्ष घी के दीये जलाते आ रहे हैं। परंतु अब तो लोग तेल के दीये भी नहीं जलाते अपितु मोमबत्ती जलाकर ही खुशी व्यक्त करते हैं। कुम्हार जाति के लोगों ने बताया कि एक वक्त था जब दीपावली के दिन इतने दीये बिकते थे कि उनके परिवार का गुजर बसर आसानी से हो जाता था किंतु अब तो रोटी रोजी के भी लाले पड़ गए हैं। अब तो दीये बनाकर पकाने का काम भी धीमा पड़ गया है। कुम्हारों ने तो अपना यह धंधा ही बदल लिया है या फिर दीये खरीदकर लाते हैं और उन्हें घरों में बेचते हैं।
गृहणियों आशा, शकुंतला, नीलम ने बताया कि दीयों को देशी घी से जला पाना कठिन हो गया है क्योंकि देशी घी का भाव भी 1000 रुपये किलो तक पहुंच गया है वहीं रुई की बाती बनानी पड़ती हैं और दीपकों को पानी में भीगोकर रखना पड़ता है ताकि वे घी कम चूसे। बाद में तेल के दीये जलाने की प्रथा चली क्योंकि तेल का भाव भी 150 रुपये किलो से कम नहीं होता है ऐसे में तेल के दीये जलाना भी आसान काम नहीं है। अब तो दीपावली के दिन मोमबत्तियां ही जलाई जा रही है।
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Tuesday, October 4, 2022
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