कनीना मंडी स्कूल की खुशी को नारनौल में किया सम्मानित
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कनीना की आवाज। नर नारायण सेवा समिति नारनौल ने वार्षिक उत्सव एवं प्रतिभावान छात्र छात्राओं ,खिलाडिय़ों तथा शिक्षकों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया । समारोह में मुख्य अतिथि ओमप्रकाश यादव सामाजिक न्याय व अधिकारिता मन्त्री हरियाणा सरकार थे केदारनाथ गर्ग ने समारोह की अध्यक्षता की।नेमीचन्द जैन, आलोक गर्ग, सुरेन्द्र कुमार यादव विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मुख्य अतिथि , अध्यक्ष नर नारायण सेवा समिति नारनौल के प्रधान बेगराज गोयल , उपप्रधान धर्मपाल शर्मा ,महासचिव रामसिंह मधुर सचिव भारत भूषण तायल ,कोषाध्यक्ष शिवलाल वर्मा ने सबसे पहले सरस्वती के चरणों में दीप प्रज्वलित करके समारोह की शुरुआत की गई। बेगराज गोयल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। रामसिंह मधुर ने समिति की वार्षिक गतिविधियाँ की रिपोर्ट रखी। समारोह में स्टेट अवार्ड प्राप्त अशोक कुमार यादव राजकीय प्राथमिक पाठशाला अमरपुर तथा परीक्षा परिणाम में हरियाणा राज्य में प्रथम रहे आरोही माडल व माध्यमिक विद्यालय मंढाना के प्राचार्य एवं स्टाफ को सम्मानित किया गया। इसी के साथ नीट परीक्षा में देश भर मे प्रथम रही तनिष्का यादव सुपुत्री कृष्ण कुमार यादव गांव बाछोद। जेईई एडवांस परीक्षा में देश भर मे 130 वॉ स्थान व जिला महेन्द्रगढ़ मे प्रथम स्थान पाने वाले अंकित शर्मा सुपुत्र अशोक कुमार शर्मा गांव बलाहा,अंजलि दसवी कक्षा में सी बी एस ई परीक्षा में देश भर में प्रथम रही गांव सिलारपुर, मनोज सुपुत्र रूपचन्द स्वर्ण पदक डी एम गेस्ट्रो एन्ट्रोलोजी,तथा दशवी की हरियाणा स्कुल शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में जिले में प्रथम गौरल सुपुत्र अजीत सिंह बालाजी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भुंगारका, सौम्या सुपुत्री राजबीर सिंह लम्बोरिया ऐकडमी बूढवाल जिले में द्वितीय स्थान पर, बारहवी कक्षा में राहुल सुपुत्र भूपेन्द्र सिंह सनराइज वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नांगल चोधरी विज्ञान संकाय में, कोमल गोयल सुपुत्री मुकेश गोयल श्रीराम वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नांगल चोधरी वाणिज्य संकाय में मुस्कान सुपुत्री प्रकाश चन्द सन राईज वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सलोनी कला संकाय में प्रथम स्थान प्राप्त करे वाले, प्रिया सुपुत्री अनिल कुमार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भोजावास विज्ञान संकाय में, चन्द्रपाल सुपुत्र रामकरन हरियाणा वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नारनौल वाणिज्य संकाय में खुशी सुपुत्री ब्रह्मानंद राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना कला संकाय में जिले में द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर सम्मानित किया गया।
खेल के क्षेत्र दिव्या सुपुत्री जयदयाल एवं राहुल सुपुत्र इन्द्राज तीरंदाजी में राष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्त करने के लिए, मासूम सुपुत्री सतपाल सिंह तथा काजल सुपुत्री विष्णु योगा में राज्य स्तर पर द्वितीय स्थान पाने पर, मोनु सुपुत्र वीरेन्द्र सिंह यादव गांव घाटाशेर, हितेश सुपुत्र राजेन्द्र गांव गुढ्ढा जूङे कराटे में राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता, चित्राक्ष सुपुत्र मदनलाल शूटिंग में जिले स्तर पर स्वर्ण पदक विजेता को समिति का पटका पहना कर स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि ने नर नारायण सेवा समिति नारनौल का जिला महेन्द्रगढ़ की प्रतिभाओं का सम्मान करने पर आभार व्यक्त किया तथा कहा है कि तनिष्का यादव , अंजलि,अंकित शर्मा ने हमारे जिले का अपने माता पिता का सारे भारत वर्ष में नाम रोशन किया है। एएसडी तथा एमएएसडी के विधार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम से सभी का मन मोह लिया। अध्यक्षीय संबोधन में केदारनाथ गर्ग ने समिति द्वारा किए जा रहे सामाजिक गतिविधियों की सराहना की। सुमेर सिंह प्राचार्य ने संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारे समाज मे नैतिक उत्थान व चरित्र निर्माण की बहुत ही आवश्यकता है। समिति के प्रधान बेगराज गोयल ने सभी समिति के पदाधिकारियों, सदस्यों व आये हुए सभी आगन्तुकों को धन्यवाद किया। मंच संचालन समिति के सचिव भारत भूषण तायल ने किया। इस अवसर पर डॉ कृष्णा आर्य, सज्जन सिंह आर्य, गजानन्द कौशिक, लक्षमण शर्मा, जयसिंह यादव, अजीत जैन, धर्मपाल शर्मा, धर्मचन्द छाबड़ा, जयप्रकाश कौशिक, परमानंद दिवान, दुलीचन्द शर्मा, डाक्टर जितेन्द्र भारद्वाज, विजेन्द्र कुमार सैनी, महेशचन्द शर्मा व सकङ़ों शहर के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 07 : मंत्री ओमप्रकाश को सम्मानित करते नर नरारायण समिति के पदाधिकारी।
नामांकन पत्र के दौरान पुलिस वेरिफिकेशन व डोमिसाइल सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं -उपायुक्त
-रिटर्निंग अधिकारियों व सहायक रिटर्निंग अधिकारियों को निर्देश जारी
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कनीना की आवाज। राज्य चुनाव आयोग, हरियाणा ने स्पष्ट किया है कि पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव लडऩे वाले नागरिकों को नामांकन पत्र के दौरान पुलिस वेरिफिकेशन तथा डोमिसाइल सर्टिफिकेट की कोई जरूरत नहीं है। मतदाता सूची में उम्मीदवार का नाम होना जरूरी है। सभी आरओ को इस संबंध में आज ही निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) डॉ जयकृष्ण आभीर ने बताया कि पुलिस वेरिफिकेशन तथा डोमिसाइल आदि के कारण उम्मीदवारों को अनावश्यक असुविधा हो रही है। इसके साथ ही उनके समय और पैसे की बर्बादी भी हो रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए आयोग ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि पंच, सरपंच, पंचायत समिति के सदस्य या जिला परिषद के किसी भी पद के लिए नामांकन दाखिल करने के लिए स्थानीय पुलिस से किसी पूर्ववृत्त/चरित्र सत्यापन की आवश्यकता नहीं है। उम्मीदवारों द्वारा केवल लंबित आपराधिक मामलों या दोष सिद्ध हुए आपराधिक मामलों का स्व-सत्यापित विवरण जहां नामांकन फॉर्म के साथ फॉर्म 4-ए में जमा करना आवश्यक है। इसके साथ ही फॉर्म 4-8 में स्व-सत्यापित हलफनामा भी प्रस्तुत किया जाना है। जिला परिषद और पंचायत समिति के उम्मीदवारों के शपथ पत्र फॉर्म 4-ए और 4-बी में मजिस्ट्रेट/शपथ आयुक्त/नोटरी पब्लिक से सत्यापित होना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि चुनाव लडऩे वाले के खिलाफ कम से कम दस साल के लिए दंडनीय अपराध के आरोप तय नहीं किए गए होने चाहिए। इसके अलावा किसी भी प्राथमिक कृषि सहकारी समिति, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक, जिला प्राथमिक सहकारी कृषि ग्रामीण विकास बैंक और बिजली बिलों के बकाया का भुगतान का डिफाल्टर नहीं होना चाहिए। इसके अलावा हरियाणा सरकार द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता और उनके निवास स्थान पर शौचालय होना चाहिए। उम्मीदवार का संबंधित ग्राम पंचायत, पंचायत समिति या जिला परिषद की मतदाता सूची में नाम दर्ज होना चाहिए।
उपायुक्त ने बताया कि इन निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन के लिए सभी रिटर्निंग अधिकारियों/सहायक रिटर्निंग अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। निर्देशों की एक प्रति जिले में डीसी/एडीसी/सीईओ, जिला परिषद, एसडीओ (सिविल), तहसीलदार/नायब तहसीलदार, बीडीपीओ और डीआईपीआरओ के कार्यालयों में नोटिस बोर्ड पर भी प्रदर्शित कर दी गई है।
चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार को देना होगा सिर्फ अपने से जुड़ा नो-ड्यूज सर्टिफिकेट
धनपत सिंह ने कहा कि पंच, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिए जो भी उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा है, उसे सिर्फ अपने से जुड़ा नो-ड्यूज सर्टिफिकेट देना होगा। उस व्यक्ति पर यदि कोई देनदारी नहीं है तो वह चुनाव लड़ सकता है। श्री धनपत सिंह ने कहा कि यह संशय बना हुआ था कि यदि परिवार के किसी सदस्य पर सहकारी बैंक, बिजली विभाग, कृषि लोन की देनदारी है तो उस परिवार का अन्य सदस्य क्या चुनाव लड़ सकता है या नहीं? आयोग ने इस संबंध में अब स्थिति को साफ कर दिया है।
दीपावली पर कबाड़ निकलने से कबाडिय़ों की मौज
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कनीना की आवाज। दीपावली पर कबाड़ घर से निकालने पर कबाडिय़ों की मौज हो गई है। 24 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी, वही दीपावली को लेकर घरों की साफ-सफाई करने में, मिठाई बनाने वाले मिठाई बनाने में, घरों में रंग पेंट करने वाले लंबे समय से व्यस्त हैं तथा उनके पास किसी के भी पास कोई फुर्सत नहीं है। साल में एक बार यह पर्व आता है जिस पर इन मजदूरों की मांग अधिक होती है। क्षेत्र में जहां रंग पेंट की विशेष मांग है मांग है पुताई करने वाले इस समय फुर्सत में नहीं है। पेंटर ने बताया सुरेश और मोनू पेंटर ने बताया कि उनके पास इस समय दिवाली तक कोई फुर्सत नहीं है तत्पश्चात ही कुछ वक्त निकल पाएगा। दीपावली एवं पंचायत चुनाव एक साथ आने से भी व्यस्तता बढ़ गई है। वर्षभर कूड़ा कचरा घरों में जमा होता रहता हैं उसे भी वर्ष में एक बार साफ किया जाता है तथा अब कबाड़ी घर घर घूमने लग गए हैं ताकि उन्हें अधिक से अधिक कबाड़ मिल सके। दीपावली के बाद ही विवाह शादियां शुरू होंगी। ऐसे में कुछ लोग जहां विवाह शादियों के दृष्टिगत तो बहुत अधिक लोग दीपावली के दृष्टिगत घरों में पेंटिंग रंग आदि कर रहे हैं। रंग रोगन के चलते आप घर साफ-सुथरे नजर आने लग गए हैं। रवि, दिनेश, सुरेश एवं महेश आदि ने बताया कि रंग पेंट वर्ष में कम से कम एक बार तो जरूर करवा लेना चाहिए ताकि घर लंबे समय तक चल सके।
दीपावली पास आने से कबाड़ी खुश--
दीपावली नजदीक आने से घरों की सफाई करने से कबाड़ी खुश हैं। घरों से भारी मात्रा में कबाड़ का सामान निकाला जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि दीपावली के पर्व पर सफाई करने से प्रत्येक घर से कबाड़ी का सामान निकलता है जिसे कबाड़ के भाव बेच दिया जाता है। कबाड़ी इस सामान को सस्ते में खरीद लेते हैं और दीपावली पर अच्छी दिहाड़ी बना लेते हैं। कबाड़ी दीपावली पर इतना सामान खरीदते हैं जिससे कई माह का गुजारा संभव हो पाता है। एक ओर जहां कबाड़ी सफाई में अहं भूमिका निभा रहे हैं वहीं वे अपने परिवार का पालन पोषण आसानी से करने की क्षमता रखते हैं।
जोर शोर से चल रही है सरसों की बीजाई
-डीएपी की चल रही है कमी
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कनीना की आवाज। क्षेत्र में जहां डीएपी को लेकर मारामारी चल रही है वहीं किसान जोर शोर से सरसों की बिजाई कर रहे हैं। सरसों बिजाई का समय 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक का होता है किंतु डीएपी के लिए किसान इसके लिए भागदौड़ करते नजर आए और खाद के वैकल्पिक तरीके अपनाते हुए सरसों की बिजाई की जा रही है। तत्पश्चात एक नवंबर से गेहूं की बीजाई शुरू हो जाती है। किसान रमेश, दिनेश, सुरेश, राजू आदि ने बताया कि डीएपी की कमी किसानों को सता रही है। देरी से बीजाई करने से फसल पैदावार पर बुरा प्रभाव पड़ता है। कनीना क्षेत्र में इस बार करीब 20000 हेक्टेयर पर सरसों की तथा 8000 हेक्टेयर पर गेहूं की बिजाई की जाने की संभावना है।
क्या कहते कृषि अधिकारी-
पूर्व कृषि अधिकारी डॉ देवराज का कहना है कि कनीना क्षेत्र करीब 20000 हेक्टेयर पर सरसों की बीजाई तथा 8000 हेक्टेयर के करीब गेहूं की बीजाई की जानी है। अधिकांश किसान सरसों की बीजाई में जुटे हुए हैं। अब तो खाद की कमी से उनकी बीजाई भी प्रभावित होने लगी है। उन्होंने बताया कि वैसे तो 25 अक्टूबर तक सरसों की बीजाई करना उचित है। इसके बाद तो प्रतिदिन प्रति एकड़ 18 किलो सरसों पैदावार कम होती चली जाती है। ऐसे में देरी से बीजाई करना नुकसानदायक साबित होता है। उन्होंने बताया कि अधिकांश किसान सरसों की बीजाई में लगे हुए हैं। 70 फीसदी किसानों ने सरसों की बीजाई कर दी है । इसके बाद गेहूं की बिजाई चलेगी
फोटो कैप्शन 4: सरसों की बीजाई करते किसान।
90 मरीजों की, की गई जांच, दी गई मुफ्त दवाइयां
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कनीना की आवाज। कनीना अनाज मंडी स्थित लाला शिवलाल की धर्मशाला में डॉक्टर नीलकमल पेट रोग विशेषज्ञ ने निशुल्क चिकित्सा शिविर लगाया जिसमें 90 मरीजों ने जांच करवाई। इस अवसर पर मुक्त दवाई वितरित की गई। कैंप में डॉक्टर नीलकमल अस्पताल की टीम में डा. नीलकमल, डा आमिर उनके सहयोगी राकेश, पंकज, संजय ने सेवाएं दी। कैंप में शुगर, बीपी की भी जांच की गई। कैंप में मनीष पार्षद, योगेश अग्रवाल, प्रेम सिंगला ,श्यामसुंदर महाशय, पंकज कुमार, राकेश बोहरा आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 5: डा नीलकमल मरीजों की जांच करते हुए।
सीएम फ्लाइंग ने कनीना में मिठाई की दुकानों पर छापा मारकर लिए सैंपल
-जांच के लिए भेजे जाएंगे प्रयोगशाला
-बिजली विभाग से एसडीओ मनोज कुमार व उनकी टीम द्वारा भी लोड की जांच की
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कनीना की आवाज। कनीना में मुख्यमंत्री उडऩदस्ता की टीम ने कनीना बस स्टैंड के सामने वह कनीना बाजार में मिठाई की दुकानों पर छापामार कार्रवाई की। इसमें अलग-अलग मिठाइयों के छह सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया है। गुप्त सूचना के आधार पर पहुंची टीम को कई अनियमितताएं मिलीं। सूचना मिल रही थी, यहां घटिया किस्म की मिठाई बेचकर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सीएम फ्लाइंग की टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी दीपक चौधरी, सब इंस्पेक्टर सत्येंद्र कुमार एसआई लीलाराम, एसआई कर्मपाल, बिजली विभाग से एसडीओ मनोज कुमार, एफएम सुरेश कुमार, लाइनमैन राजेश कुमार, देवेंद्र की टीम मिठाई की दुकानों पर पहुंची। इस दौरान एक दुकान से बर्फी और कलाकंद के सैंपल लिए गए। इसके बाद अन्य दुकानों पर खोवा और मैदा के सैंपल लिए गए। अन्य दुकानों से बेसन और बर्फी के सैंपल लिए। खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉक्टर दीपक चौधरी ने बताया कि दीपावली के सीजन में मिठाइयों में मिलावट की आशंका बनी रहती है जिसको लेकर क्षेत्र के विभिन्न दुकानों के सैंपल लिए जा रहे हैं। वही बिजली विभाग के एसडीओ मनोज कुमार ने बताया कि अक्सर देखा जाता है कि दुकान पर कम लोड का मीटर लेकर अधिक बिजली प्रयोग में ली जाती है जिसको देखते हुए सभी दुकानों को पर छापेमारी कर जांच की जा रही है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि दीपावली रोशनी का त्योहार है इस दौरान सतर्क रहें। रंगीन लडिय़ां लगाते समय ध्यान रखें। बिजली से संबंधित किसी भी व्यक्ति को कोई समस्या होती है तो कार्यालय में आकर सूचना दे सकता है।
कनीना में आज सीएम फ्लाइंग द्वारा छापामार कार्रवाई के दौरान बिल्लू मिष्ठान भंडार के गोदाम से 39.5 किवंटल खोवा, 120 किलो कलाकंद, 100 किलो छीना, तथा 5400 किलो रसगुल्ला व गुलाब जामुन मिले। टीम का कहना है कि जब गोदाम के लॉक को खोलने की बात कही तो उन्होंने आनाकानी की बाद में कानूनी कार्यवाही के डर के कारण खुद ताला तोड़ा तो उपरोक्त माल बरामद हुआ और टीम द्वारा लाइसेंस मांगने पर वह अपने कागजात नहीं दिखा पाए।
फोटो कैॅप्शन 06: मिठाई का सैंपल लेते सीएम फ्लाइंग टीम।
प्रसिद्ध हो रही हैं रागिनिया
चुनाव प्रचार में अहं रोल रागिनियों का
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कनीना की आवाज। 30 अक्टूबर एवं दो नवंबर को होने जा रहे कनीना पंचायतों के चुनावों में सबसे अधिक रोल रागिनियों का है। सभी वाहनों में माइक लगाकर रागिनियों से ही प्रचार हो रहा है। रागिनी की चिप भरवाने वालों की मांग अधिक है तथा रागिनी गायक, स्टूडियो एवं साज बाज का प्रबंध दूर दराज है। चुनाव लडऩे वाले चरखी दादरी, रेवाड़ी या गुडग़ांव जाने को मजबूर हो रहे हैं।
चुनावी समर में जितना रोल रागिनियों का है उतना शायद ही किसी का हो। अपने अपने प्रत्याशी के लिए बेहतर से बेहतर रागिनी तैयार करवाकर रागिनी गायकों से गवाकर चिप रातोंरात तैयार करवाई जा रही हैं। एक एक सीडी पर 20-20 हजार रुपये तक का खर्चा आ रहा है। बेहतर चिप तैयार करने के लिए दूर दराज बेहतर स्टूडियो में जा रहे हैं। रागिनी गायकों के वारे न्यारे हो रहे हैं। आगामी दो नवंबर तक रागिनी गायकों की मौज रहेगी। मुंहमांगे पैसे ले रहे हैं। इस दौड़ में अब लोकल रागिनी गायकों की मांग भी बढ़ी है।
कनीना के रागिनी गायक मनोज कुमार एवं शिव कुमार से इस संबंध में दैनिक जागरण ने बात की तो उन्होंने बताया कि कनीना एवं आस पास कहीं भी स्टूडियो का अभाव है। लियाकत अलि बेहतर स्टूडियो रखते थे जहां से भारी संख्या में सीडी निकाली गई थी किंतु अब आर्थिक तंगी के चलते उनका स्टूडियो बंद हो चुका है। उन्होंने बताया कि वे अब अपनी आवाज में राजनीति की सीडी भरवाने के लिए चरखी दादरी, गुडग़ांव एवं रोहतक आदि जाने को मजबूर हैं। चिप की मांग विशेषकर गीत एवं रागिनी लेखकों की भी मांग बढ़ी है। कनीना के महेंद्र शर्मा एवं एचएस यादव ने बताया कि वे विभिन्न मौके की रागिनियां तैयार कर सकते हैं। उनकी रागिनियों को बेहद पसंद किया जा रहा है। उनका कहना है कि अफसोस इस बात का है कि कनीना एवं आस पास में रागिनी रिकार्ड के लिए स्टूडियो का अभाव है।
चुनाव लडऩे वाले लोगों से बात करने पर पता चला कि उन्हें उनके प्रत्याशी पर सटीक बैठने वाली रागिनियों की मांग है। कई कई लिखित रागिनियां मिलने पर उन्हें गवाकर देखते हैं जो बेहतर लगती है उसके दाम देकर सीडी तैयार करवाई जाती है।
चुनावी रंग सिर चढ़कर बोल रहा है
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कनीना की आवाज। 30 अक्टूबर एवं दो नवंबर के पंचायत चुनावों के चुनावों के दृष्टिगत चुनावी कार्यालयों में बहार आ गई है। निठल्ले जन भी प्रसन्न हैं। पंच हो या सरपंच या फिर पंचायत समिति का सदस्य कोई भी प्रचार में कसर नहीं छोड़ रहा है और चाहे दो वोट पल्ले नहीं, जीत के ख्वाब लगाए बैठा है।
नींद नहीं आ रही-
प्रत्याशी वोट पाने के लिए घर घर जाकर मिल रहे हैं। दिन रात उन्हें नींद नहीं आ रही है और देर से घर आकर सोते हैं और जल्दी वोट मांगने के लिए निकल जाते हैं। उन्हें तो बस वोट नजर आ रहे हैं। जहां कहीं कोई वोट मिलने के आसार नजर आते हैं वहीं पहुंच जाते हैं और जमकर वोट मांगते हैं।
रागिनियां सुनाई पड़ती हैं-
बस हरियाणवीं रागिनी सुनने को मजबूर होना पड़ रहा है। किसान बेशक खेत में व्यस्त हो परंतु उन्हें भी रागिनी का शोर खेतों तक सुनाई पड़ता है। आलम यह है कि वोटर आगे हैं और प्रत्याशी पीछे हैं। वोटर अपने खेत में काम करने के लिए जा रहे हैं तो प्रत्याशी भी पीछे पीछे जा रहे हैं।
निठल्लों की मांग बढ़ी-
विभिन्न प्रत्याशियों ने चुनावी कार्यालय खोल दिए हैं जिसके चलते निठल्लों की मांग बढ़ गई है ताकि वे अपने कार्यालय में दूसरों से अधिक भीड़ दिखाकर वाही वाही लूट सके। मनोवैज्ञानिक प्रभाव इसके पीछे काम कर रहा है।
पीने वालों के पौ बारह-
जब जब चुनाव आते हैं उस वक्त पीने वालों की मौज हो जाती है। कार्यालयों में ऐसे लोगों को न केवल बढिय़ा खाना अपितु चाय एवं रात को जाम के पैग भी मिल जाते हैं। यही कारण है कि पियक्कड़ों के चेहरों पर बहार आ गई है। जब चुनाव बीत जाते हैं तो पियक्कड़ गली गली मारे मारे फिरते हैं। चुनाव कार्यालय खुलने लग गये हैं।
सब कुछ चुनावी रंग में रंगा-
30 अक्टूबर एवं दो नवंबर को पंचायत चुनाव होने जा रहा है। प्रचार नैामांकन से पहले शुरू कर दिया है।
दुश्मन भी बने हैं दोस्त-
बहुत से छुटभैया नेताओं पर यह कहावत शत प्रतिशत सही उतरती है। कल तक जिन्हें गालियां देते थे, कटाक्ष करते थे और एक दूसरे के दुश्मन नजर आते थे आज वो पैरों में पड़े देखे जा सकते हैं। घुट-घुटकर यूं बातें करते हैं जैसे श्रीकृष्ण और सुदामा की जोड़ी हो और उनकी दोस्ती किसी लैला मजनूं से कम न हो। पड़े भी क्यों न अब ही तो अवसर मिला है। चुक गए तो पांच सालों तक सिर धुनना होगा।
दो बार लगेगी वोट डालने की स्याही
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कनीना की आवाज। बेशक पंंचायत चुनाव 30 अक्टूबर और 2 नवंबर को होने जा रहे हैं किंतु मतदाताओं के दिमाग में पहले ही यह बात घर कर चुकी है कि मतदान के समय दो बार हाथों पर स्याही लगेगी। उन्हें शंका है कि कभी दूसरी बार वोट डालते वक्त यह न कह दिया जाए कि वोट पहले ही डाल चुके हैं। क्योंकि उनके हाथों पर पहले ही स्याही लगी होगी। उल्लेखनीय है कि 30 अक्टूबर को जहां 2 वोट डालने पड़ेंगे वहीं 2 नवंबर को भी दो वोट डालने पड़ेंगे। महज दोनों में 2 दिन का अंतर होगा। एक मतदाता को पंच, सरपंच, पंचायत समिति तथा जिला परिषद के 4 वोट डालने पड़ेंगे। ऐसे में मतदाताओं का कहना है कि उनकी अंगुली पर लग जाने से उन्हें वोट डालने से वंचित नहीं कर दिया जाएगा? परंतु वोट डालने जाते समय अधिकारी बताएंगे कि किस प्रकार उनकी उंगली पर स्याही लगाई जाएगी ताकि दोनों बार वोट डालने में किस प्रकार की कोई कंफ्यूजन नहीं बन सके। यदि अलग-अलग हाथों की उंगली चुनते है या कोई और तरीका अपनाते हैं?
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