किसानों के ट्यूबवेलों पर हुई चौथी बार चोरी
-दी पुलिस में शिकायत
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कनीना की आवाज। सीहोर-छितरौली सड़क मार्ग पर कुछ किसानों के यहां तीन से चार बार कृषि उपकरण चोरी हो गए। बीती रात को चौथी बार किसानों के यहां चोरी हुई है।
विस्तृत जानकारी देते हुए दिनेश कुमार कनीनावासी ने बताया कि उनके ट्यूबवेल पर चौथी बार चोरी हुई है। इस संबंध में उन्होंने पुलिस में शिकायत दी है।
उन्होंने बताया कि इस बार अज्ञात चोरों ने 100 फुट केबल, 10 फव्वारा नोजल, दो बैंड एक, एक टी, फिटिंग का सामान निशाना बनाया है। उनकी डीब बोर की मोटर की केबल को ही काट ले गए जिससे किसानों की मोटर चला पाना कठिन हो गया है। उन्होंने बताया कि कर्नल भूप सिंह, मास्टर साधुराम, हरिंदर आदि के यहां भी अज्ञात चोर चोरी कर ले गये। किसानों में भारी रोष है। उन्होंने बताया कि हर बार अज्ञात चोर उनके यहां इस प्रकार चोरी कर ले जाते हैं किंतु एक बार भी चोरी का पता नहीं लग पाया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस प्रकार की चोरी करने वाले अज्ञात चोरों को अविलंब पकड़कर पकड़ा जाए और उनके चोरी किए गए सामान को बरामद किया जाए।
फोटो कैप्शन 4: दिनेश किसान मोटर की काटकर ले जाई गई केबल दिखाते हुए।
बीजाई, त्योहार और चुनाव एक साथ आने से बढ़ी समस्या
-बीजाई प्रभावित होगी
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कनीना की आवाज। सरकार ने जहां चुनाव पंचायत चुनाव का बिगुल बजा दिया है वहीं अक्टूबर माह में ही किसान त्वरित गति से अपने बाजरे की कटाई और बाजार में बेचने का कार्य कर रहे हैं वही रबी फसल सरसों की बिजाई शुरू हो गई है। एक महीने पश्चात गेहूं की बिजाई शुरू होगी। यही नहीं बीच में दीपावली तथा अन्य महत्वपूर्ण पर्व भी आएंगे जिसके चलते किसानों के पास कोई फुर्सत नहीं है और उस पर चुनाव आ जाने से किसानों की इस बार फसल बीजाई प्रभावित होगी। जहां ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी रंग सिर चढ़कर बोलने लगा है वही किसान अब परेशान नजर आ रहे हैं। वोट पाने वाले लोग किसानों से देर सवेर मिलने लगे हैं। यद्यपि नामांकन शुरू होने में कुछ ही समय शेष है किंतु चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी पहले से अपने वोट पक्का कर रहे हैं। विभिन्न किसानों से संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि अक्टूबर तथा नवंबर महीने में चुनाव आना उनके लिए सबसे बड़ी परेशानी बन गई है।
मोड़ी के किसान गजराज सिंह ,अजय कुमार, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि चुनाव आ जाने से जहां उनके कार्यों में दखल पड़ गई है वहीं व्यस्तता बढ़ गई है। इस वक्त चुनाव आने का अर्थ है उनके पास कोई फुर्सत न होना है। एक और किसान जहां खेतों में अपनी बिजाई का काम करेंगे वही वोट मांगने वाले भी खेतों तक पहुंचेंगे जिससे उनकी बीजाई प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि अब वक्त किसानों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है वही चुनाव लडऩे वालों के लिए भी यह बहुत महत्वपूर्ण वक्त बन गया है। एक साथ कई कार्य होने से उनकी व्यस्तता अक्टूबर और नवंबर महीने में बढ़ गई है।
करीरा के महावीर सिंह, सुरेश कुमार एवं निरंजन कुमार आदि ने बताया की एक साथ कई कार्य किसान करने को बाध्य हो जाएंगे। जहां चुनाव का रंग वही दीपावली का रंग साथ में रबी बिजाई, बाजरे की कटाई तथा बिक्री आदि साथ चलने से रबी फसल की बिजाई उनके लिए बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। उन्होंने कहा कि दोनों महीने उनके लिए भारी परेशानी का कारण बनेंगे। दूसरी ओर चुनाव लडऩे वाले बहुत प्रसन्न हैं। 7 वर्षों के बाद पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं जिसके चलते इस बार चुनाव लडऩे वालों की संख्या भी अधिक होने की उम्मीद है, वहीं चुनाव लडऩे वाले किसानों को खेतों तक आराम नहीं करने देंगे। उनके काम को प्रभावित करेंगे क्योंकि 10 अक्टूबर से सरसों बीजाई का कार्य शुरू हो गया है जो करीब एक महीने तक ही चल पाता है। तत्पश्चात गेहूं की बिजाइशुरू हो जाएगी क्योंकि बिजाई शुरू हो जाएगी। ऐसे में किसानों की सरसों की बिजाई सबसे अधिक प्रभावित होने की संभावना बन गई है। बहरहाल विभिन्न किसान परेशान नजर आ रहे हैं वहीं चुनाव लडऩे वाले खुश नजर आ रहे हैं। यही नहीं कर्मियों की भी शामत आ गई है विशेषकर शिक्षा विभाग से जुड़े शिक्षक विभिन्न प्रकार की तैनाती देने को बाध्य हो जाएंगे। अब यह देखा जाना है किस प्रकार किसान अपने सभी कार्य पूर्ण करते हैं वही नेता अपने कार्यों में कैसे सफलता हासिल करते हैं।
पेंटरों के पास अचानक काम बढ़ा
-दिन रात हो गए हैं व्यस्त
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कनीना की आवाज। जहां पंचायत चुनाव आने से पेंटरों के काम काम बढ़ता ही जा रहा है। चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी बैनर आदि कम ही बनवाते हैं किंतु ग्राम पंचायतों की बूथ लिखने का कार्य शुरू हो गया है जिसके चलते विभिन्न स्कूलों या जहां पर चुनाव मतदान होना है उनके बूथ नंबर लिखने के लिए पेंटरों की मांग बढ़ गई है। पेंटर दिन-रात कार्य में जुट गए हैं। पंचायतों, स्कूलों तथा मतदान केंद्रों पर बूथ नंबर लिखने का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। पंचायतों से जुड़े अधिकारी पेंटरों को ढूंढ ढूंढ कर ला रहे हैं और यह कार्य करवा रहे हैं। करीरा के पेंटर सुरेश कुमार, निहाल सिंह और बलबीर सिंह ने बताया कि उनके पास बूथ लिखने का कार्य अैधिक आ रहा है। एक और जहां मशीनों द्वारा बैनर, पोस्टर आदि छापने से उनका अधिकांश कारोबार छीन लिया है किंतु बूथ आदि लिखने के लिए किसी पेंटर की जरूरत होती है। सुरेश कुमार ने बताया कि वह सुबह से शाम तक बूथ लिखने के कार्य में व्यस्त रहते हैं। उनका कहना है कि बैनर पोस्टर आदि कभी उनसे बनवाए जाते थे किंतु मशीनी युग के चलते उनका यह कारोबार ठप्प हो गया परंतु चुनाव घोषणा होते ही बूथ लिखने का कार्य उन्हें सौंपा गया है जिसके चलते वे खुश हैं। उनका कुछ दिनों का रोजगार अच्छी प्रकार चल पाएगा।
सुरेश कुमार ने बताया कि विभिन्न प्रकार के कार्यों में व्यस्त रहते हैं और रोटी रोजी कमाते हैं। स्कूलों के नाम लिखने, मोटो लिखने,दीवारों पर पेंट करने का कार्य पूर्ण करते हैं किंतु चुनाव के वक्त उनकी मांग अधिक होती है।
फोटो कैप्शन 03: सुरेश कुमार पेंटर बूथ नंबर लिखते हुए।
साइबर जागरुकता के तहत बताये दौंगड़ा विद्यार्थियों को टिप्स
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कनीना
की आवाज। पुलिस द्वारा अक्टूबर माह को साइबर जागरूकता माह के रूप में
मनाया जा रहा है। जिसके तहत एसपी विक्रांत भूषण के दिशा-निर्देशों में जिला
महेंद्रगढ़ पुलिस द्वारा प्रतिदिन स्कूल, कालेज, अन्य शिक्षण संस्थानों और
सार्वजनिक स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन कर आमजन को जागरूक किया जा रहा
है। जिसके चलते थाना सदर कनीना प्रबंधक और साइबर हेल्प डेस्क की टीम ने
डीएवी स्कूल दौंगडा अहीर में विद्यार्थियों और शिक्षकों को साइबर अपराधों
के बारे में अवगत करवाया और उनसे बचने के उपाय बताए।
इसके साथ ही लोक
संपर्क विभाग के कर्मचारियों द्वारा साइबर जागरूकता पर लिखी गई रागिनी
कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। रागिनी में साइबर अपराध और उनसे बचने के
तरीकों के बारे में बताया गया और समझाया गया कि साइबर अपराध से बचने के लिए
हमें क्या-क्या नहीं करना है।
इसके बाद पुलिस द्वारा डीएवी स्कूल के
विद्यार्थियों और शिक्षकों के साथ 1930 मीटर वॉक का आयोजन किया गया। इसके
जरिये लोगों को हेल्प लाइन नंबर 1930 की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
डीएवी स्कूल दौंगडा अहीर से वॉक की शुरूआत की गई और गांव की गलियों से होते
हुए स्कूल में ही समापन किया गया। इस दौरान साइबर हेल्प डेस्क की टीम ने
बताया कि अगर कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार होता है तो वह तुरंत
1930 डायल कर पुलिस को सूचित कर सकता है। इस मौके पर थाना सदर
कनीना प्रबंधक निरीक्षक ब्रह्मप्रकाश, एसआई हरीश, सिपाही आनंद, लोक संपर्क
विभाग के कर्मचारी और स्कूल स्टाफ सहित काफी संख्या में विद्यार्थी मौजूद
रहे।
साइबर हेल्प डेस्क की टीम ने विद्यार्थियों को जागरूक करते हुए
बताया कि सोशल मीडिया वेबसाइट्स आज युवाओं के बीच लोकप्रिय हैं। इसके साथ
ही साइबर अपराधी भी इसका फायदा उठा रहे हैं। ऐसा सामने आया है कि पीडि़त
लोगों को फेसबुक, ट्विटर या व्हाट्सऐप पर अलग-अलग तरह की फेस्टिव थीम, गेम,
ऐप या लिंक को अपने मोबाइल पर डाउनलोड करने के लिए इनवाइट आता है। एक बार
उस लिंक पर क्लिक या ऐप को डाउनलोड करने पर फर्जी ब्राउजर आपके
मोबाइल/कंप्यूटर पर डाउनलोड हो जाता है। इसकी मदद से यूजर की एक्टिविटी को
अपराधी ट्रैक करते हैं और उसकी निजी डिटेल्स को भी हासिल कर लेते हैं।
इस
बात का ध्यान रखें कि अपना कार्ड नंबर, पिन, ओटीपी, इंटरनेट बैंकिंग
यूजर आईडी, इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड, डेबिट कार्ड ग्रिड वैल्यू (यूनिक
रजिस्ट्रेशन नंबर) को कभी किसी व्यक्ति के साथ शेयर नहीं करें। इन
डिटेल्स को शेयर करने पर अपराधी को आपके अकाउंट का अनाधिकृत एक्सेस मिल
सकता है।
कभी भी अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर कोई निजी जानकारी न डालें।
अपने घर का पता, फोन नंबर, सेल फोन नंबर, जन्म तिथि डालने से बचें। अपनी या
बच्चों की फोटो डालने से बचें। यह सुनिश्चित करें कि आपकी सभी
प्राइवेसी सेटिंग्स मैक्सिमम पर सेट की गई हैं। सभी फ्रेंड रिक्वेस्ट को
मंजूर न करें, हर रिक्वेस्ट सही नहीं होती है। अगर आपको व्यक्ति के बारे
में पता नही है, तो उसे ऐड नहीं करें। अपने कंप्यूटर में
एंटीवायरस सॉफ्टवेयर जरूर रखें और उसे अपडेट करते रहें। ऐसे कई वायरस हैं,
जो आपकी इमेल एड्रेस की लाइब्रेरी को अटैक करते हैं। वायरस आपकी लाइब्रेरी
में सभी लोगों को पोस्ट भेज देते हैं कि आप उनके दोस्त बनना चाहते हैं।
ट्विटर के लिए सेफ्टी टिप्स-
मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें। लॉग इन वेरिफिकेशन को इस्तेमाल करें।
किसी
फर्जी लिंक से सावधान रहें। किसी अविश्वसनीय थर्ड पार्टी को कभी भी अपना
यूजरनेम और पासवर्ड न दें। खासकर उन लोगों को देने से बचें, जो आपको
फॉलोअर्स या पैसा बनाने का वादा कर रहे हैं। इस बात को सुनिश्चित करें कि
आपका कंप्यूटर और ऑपरेटिंग सिस्टम अप-टू-डेट है। उसमें हाल के सभी
अपग्रेड और एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर मौजूद हैं।
अगर व्यक्ति दावा करता है
कि आपका करीबी मुश्किल में है, तो हमेशा उसे सीधे फोन करके लैंडलाइन या
किसी दूसरे नंबर पर कंफर्म कर लें। फोन को बेचते समय डेटा को डिलीट और
फैक्ट्री सेटिंग्स को रिस्टोर कर लें। व्हाट्सऐप के जरिए कभी भी निजी
जानकारी जैसे बैंक अकाउंट डिटेल्स, पिन या पासवर्ड न भेजें। अनजान नंबरों
से आए फाइल को डाउनलोड करने से बचें। अज्ञात नंबरों से भेजे गए संदेहास्पद
मैसेज का कभी भी जवाब नहीं दें। किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक ना करें।
फोटो कैप्शन 02: दौंगड़ा स्कूल में विद्यार्थियों को साइबर क्राइम के विषय में जानकारी देती पुलिस।
चुनावों के सामने फीकी पड़ती नजर आ रही है दीपावली
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कनीना
की आवाज। हिंदुओं के सबसे बड़े पर्व दीपावली की रौनक चुनावों के सामने
फीकी पड़ गई है। लोग दीपावली को भूल गए हैं और राजनीति का कस ले रहे हैं।
दीपावली को महज एक पखवाड़ा बाकी हैं।
दीपावली सिर पर है किंतु लोग इस
पर्व को भूलकर चुनावी रंग में रंगे हुए हैं। ग्रामीण लोग हो या फिर शहरी
सभी दीपावली को भूल गए हैं। एक वक्त था जब एक माह पूर्व ही लोग अपने घरों
की सफाई, रंगाई व पुताई का काम करके घरों को सजा देते थे। वर्ष का एकमात्र
पर्व माना जाता है जब घर की पूर्णरूप से सफाई की जाती हैं। एक ओर जहां फसल
कटाई का काम चल रहा है वहीं चुनाव तिथि घोषित हो चुकी है।
सात वर्षों
के बाद पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं वहीं 24 अक्टूबर की दीपावली है। इस
पर्व में जहां किसान बाजरे की फसल कटाई एवं भंडारण में लीन हैं वहीं रबी
फसल की तैयारी में व्यस्त चल रहे हैं। उस पर ये चुनाव आ जाने से किसान
दीपावली के पर्व को भूल गए हैं। चुनाव हावी हो गए हैं।
उधर जहां भी
चौपाल, घर द्वार, दुकान, दफ्तर या किसी होटल पर लोग चुनावी चर्चा करते देखे
जा सकते हैं। जब कोई ग्राहक दुकानदार के पास सामान लेने आता है तो वो पहले
पंच/सरपंच आदि की हवा पूछता है फिर कोई सामान खरीदता है। किसान भी हुक्के
की बुड़बुड़ाहट पर राजनीति का कस लेते हैं। नेताओं को तो बस जीत ही जीत नजर
आती है। किसी को भी फुरसत नहीं है।
घरों के मालिक अकसर चुनावी चर्चा
करते सुने जा सकते हैं किंतु घरों की सफाई व दीपावली के प्रति कोई रुझान
नहीं है। लोगों का कहना है कि इस बार दो दीपावली मनेंगी। एक तो 24 अक्टूबर
की तथा दूसरी चुनाव जीतने के बाद।
मुलायम सिंह के निधन पर जताया शोक
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कनीना
की आवाज। प्रजा भलाई संगठन के ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने पूर्व केंद्रीय
रक्षा मंत्री और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के
निधन पर दुख व्यक्त करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि भेंट की है। उन्होंने
मुलायम सिंह यादव को समाजवादी विचारधारा का जन हितैषी नेता बताते हुए कहा
कि उन्होंने आजीवन किसान, मजदूर और नौजवानों की भलाई के लिए संघर्ष किया।
उन्होंने उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय रक्षा मंत्री रहते हुए
जो लोक भलाई के कार्य किए, उनको कभी भुलाया नहीं जा सकता।
कनीना क्षेत्र में दो दिनों में हुई 47 एमएम बारिश, किसान खुश
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कनीना
की आवाज। कनीना क्षेत्र में विगत 2 दिनों से अब तक 47 एमएम बारिश हो चुकी
है। सोमवार को दिन भर आकाश में बादल छाए रहे, कभी-कभी छिटपुट बूंदाबांदी
हुई। किसान इस वक्त खुश है क्योंकि भावी फसल अच्छी होने की पूरी उम्मीद है।
इस समय अधिकांश किसानों ने अपने खेतों से बाजरे की फसल काट ली है। बेशक
कडबी खेतों में पड़ी हुई है, परंतु बारिश के सामने उनकी कड़बी का मूल्य
नगण्य माना जा रहा है। कृषि विभाग भी बारिश को किसानों के लिए बेहतर बता
रहा है।
शरद पूर्णिमा का पर्व संपन्न
-विभिन्न मंदिरों में जमकर को खिलाई खीर
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कनीना की आवाज। रविवार देर रात तक शरद पूर्णिमा बनाकर रखी गई खीर विभिन्न मंदिरों में भक्तों को जमकर खिलाई गई। सोमवार दोपहर तक खीर खिलाने का सिलसिला चलता रहा। रात के समय खीर बनाने तथा प्रसाद के रूप में अगले दिन बांटने की प्रथा वर्षों से चली आ रही है। मंदिरों में खीर बनाकर रात के समय चंद्रमा की किरणें डालकर खिलाने की परंपरा भी अनोखी है। यद्यपि इस शरद पूर्णिमा को रात भर बादल छाये रहे तथा चंद्रमा के दर्शन यदा कदा ही हुये। चंद्रमा की किरणों का सेहत से राज जुड़ा होता है।
घरों में भी खीर बनाई गई थी साथ में मंदिरों में भी खीर बनाकर मध्यरात्रि का इंतजार करना पड़ा। कुछ मंदिरों में खीर रातभर रखी खुले आकाश के नीचे रखी गई तथा चंद्रमा की किरणें डालकर इसे रोग विनाशक बनाकर ही खिलाया गया। राधेदास मंदिर कनीना में खीर बांटने का सिलसिला लंबे समय तक चला। लालदास का कहना है कि इस रात को चंद्रमा अपने आप में पूर्ण होता है बाकी किसी भी पूर्णिमा को इतना बेदाग नहीं होता है। यही कारण है कि इसकी किरणें डाली जाती है जो मन व मस्तिष्क पर अच्छा प्रभाव डालती हैं। यह खीर का श्वास रोगियों के लिए बेहद लाभ होता है। उन्होंने बताया कि इस खीर में डालने के लिए कई प्रकार की औषधियां व पदार्थ डाले गये थे। कनीना के विभिन्न स्थानों पर खीर खिलाने का सिलसिला जारी रहा।
उधर वैद्य बालकिशन एवं श्रीकिशन का कहना है कि शरद पूर्णिमा का पर्व बहुत अहमियत रखता है। यह पर्व कई रोगों से छुटकारा दिलाने वाला ही नहीं अपितु इंसान में नया संचार जगाने वाला होता है। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ने भी इस पर्व का विशेष महत्व बताया है तथा इस पर्व से सर्दी का मौसम जुड़ा है। सर्दी प्रारंभ होने से सेहत के लिए लाभकारी होती हैं। उन्होंने कहा कि इस दिन से जल्दी उठकर स्नान ध्यान करने से सभी कष्टï स्वत: छूट जाते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है
सुरेंद्र शर्मा ज्योतिषाचार्य ने बताया कि शरद पूर्णिमा पर्व से जुड़ी है कार्तिक स्नान करने की परंपरा। महिलाएं पूरे एक माह तक चलता रहता है। एक माह बाद इसे संपन्न करती हैं। स्वास्थ्य की दृष्टिï से भी यह समय अनुकूल माना जाता है।
फोटो कैप्शन 01: मध्यरात्रि खीर का प्रसाद चखता हुआ भक्त।
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