विश्व पवन दिवस 15 जून
आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में पवन से अनेक कार्य किए जाते हैं
***************************************************
**/****************************************************
*****************************************************
कनीना की आवाज। पवन अक्षय ऊर्जा का स्रोत है। यह कभी समाप्त होती नजर नहीं आती है। इसे तकनीक के रूप में अपनाकर उपयोग में लाया जा सकता है। पवन में वह ताकत होती है जो ऊर्जा के रूप में काम में लाई जा सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी अनेकों गतिविधियां पवन से पूर्ण की जाती है।
बुजुर्ग महेंद्र सिंह, सूबे सिंह, महेंद्र सिंह बताते हैं कि किसी जमाने में पवन की दिशा ज्ञात करने के लिए मिट्टी को हवा में डालते थे। पवन की गति और दिशा दोनों का पता लग जाता है। यदि मिट्टी दूर जाकर गिरती और तेजी से गिरती है तो पवन का वेग तेज होगा। पुराने समय में फसल पैदावार लेते समय फसल थ्रेसर से गुजारकर हवा में साफ करते थे। यद्यपि वर्तमान में यह तकनीक नहीं अपनाई जा रही है किंतु प्राचीन समय में सबसे अधिक प्रयोग में लाते थे। पवन बगैर आज भी वाहनों का चलना कठिन हो जाता है। जगह-जगह टायरों में हवा भरने का काम चलता है। हवा में इतनी ताकत होती है कि भारी से भारी लोड को वाहन आसानी से ले जाते हैं। पवन अक्षय ऊर्जा के स्रोत कहते हैं।
विज्ञान के जानकार रविंद्र कुमार बताते हैं कि किसी जमाने में पवन चक्कियां चलती थी जिनसे बिजली भी बनाई जाती है। बच्चे आज भी हवा में फिरकी को घुमाकर आनंदित होते हैं। यही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में छाज द्वारा वस्तु को हवा में साफ किया जाता है। पवन से हर जीव जिंदा तो है ही परंतु पवन अनेक कार्यों में मदद करती है। पवन की दिशा पूरब से आती है तो बारिश लाने वाली मानी जाती है। इसी प्रकार पवन को विभिन्न कार्यों में ग्रामीण क्षेत्र के लोग मदद लेते हैं। यहां तक कि पवन से चलने धोकनी से लोहार कृषि उपकरण बनाते हैं। ऐसे में पवन के उपयोगों को भुलाया नहीं जा सकता। पवन को साफ सुथरा रखना हम सभी का कत्र्तव्य बनता है।
विश्व बुजुर्ग दुव्र्यवहार दिवस -15 जून
***************************************************
**/****************************************************
*****************************************************
कनीना की आवाज। आज के दिन अनेकों बुजुर्गों से अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा है। जब वे किसी नौकरी से सेवानिवृत्त हो जाते हैं या असहाय से हो जाते हैं तो उनकी सेवा करना बहुत जरूरी होता है किंतु युवा पीढ़ी उनसे न केवल दूर भागती है अपितु बेहतर व्यवहार नहीं करती। उन्हें एकांत में चारपाई पर लिटा दिया जाता है। हम सभी का फर्ज बनता है कि बुजुर्गों की हर हाल में सेवा की जाए।उनकी सेवा न करने का परिणाम है कि बुजुर्ग आश्रय स्थल, वृद्ध आश्रम आदि स्थापित किए जा रहे हैं। जहां बुजुर्ग अपना जीवन यापन कर सकते हैं। आधुनिक भागदौड़ की के चलते भी बुजुर्गों के प्रति अच्छा व्यवहार नहीं हो पाया है। कुछ महिलाएं भी बुजुर्गों से नाक भौं चढ़ाती है किंतु हर इंसान को बुजुर्ग होना है और यह सोच कर कि हमें भी बुजुर्ग बनना है, उनके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। कुछ बुजुर्गों से इस संबंध में बातचीत हुई ताकि यह पता लग पाए बुजुर्गों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए?
खरकड़ाबास की आनंदी 89 वर्षीय है उनका कहना है कि हर इंसान को एक न एक दिन बुजुर्ग बनना है। यदि हम बुजुर्गों के साथ अच्छा व्यवहार करेंगे तो आने वाली पीढ़ी हमसे अच्छा व्यवहार करेगी। यह तो क्रमागत चलने वाली प्रक्रिया है। इसलिए उन्होंने हर युवा वर्ग को बुजुर्गों की देखभाल करने, समय पर भोजन पानी और जरूरतों को पूरा करने की बात दोहराई है। उन्होंने कहा कि उनके साथ बेहतर व्यवहार किया जा रहा है और भी आज के दिन आनंद से जी रही है। उनके बेटे वकील, प्राचार्य तथा उच्च पदों पर कार्य कर रहे हैं।
डाक्टर मेहरचंद कनीना निवासी 86 वर्षीय है और उनका कहना है कि उनकी दिनचर्या अच्छी बीत रही है। परिवार बेहतर देखभाल कर रहा है किंतु उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे परिवार है जिनमें बुजुर्गों के साथ बेहतर व्यवहार नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। बुजुर्ग देवी-देवताओं के समान होते हैं। उनकी सेवा का फल लेना चाहिए और आशीर्वाद पाना चाहिए तभी जीवन सार्थक होता है, वरना जिंदगी का कोई पता नहीं कब चले जाना है। ऐसे में उन्होंने युवा पीढ़ी से अपील की कि किसी भी घर में बुजुर्ग है तो समझो घर एक मंदिर के समान है। इसमें देवी-देवताओं जैसे माता-पिता और बड़े बूढ़ों का सम्मान करना चाहिए।
कमला देवी 64 वर्षीय है। उनका कहना है कि उनका जीवन भी बेहतर बीत रहा है। कई बार बीमार पड़ती है तो बेटे और पुत्रवधू अच्छी सेवा करती हैं। उनका घर एक सुंदर घर बना हुआ है। उन्होंने कहा कि हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि दिन भर में कम से कम 1 या 2 घंटे जरूर बुजुर्गों के साथ बैठकर उनके जीवन के अनुभव का आनंद लें। उनका आशीर्वाद लें ताकि जीवन सफल हो जाएगा।
उधर राजेंद्र सिंह करीब 70 वर्ष के हैं। उनका कहना है कि वह अपने भाई और परिवार के साथ बहुत सुंदर जीवन जी रहे हैं। हर सुख दुख तकलीफ में उनका साथ दिया जाता है। उनके साथ हर घर परिवार का सदस्य खड़ा मिलता है। उनका कहना है कि संस्कारों को नहीं भूलना चाहिए। भावी पीढ़ी को अपने संस्कार सीखने चाहिए और बुजुर्गों की हर प्रकार से देखभाल करनी चाहिए। बुजुर्गों की सेवा किसी धार्मिक की यात्रा से कम नहीं होती।
फोटो कैप्शन: आनंदी, राजेंद्र सिंह, कमला देवी, डा मेहरचंद।
हिन्दू जीवन पद्धति जीवन के प्रत्येक अवसर पर नवीनता एवं उत्साह का संचार करती है
***************************************************
**/****************************************************
*****************************************************
कनीना की आवाज। हिन्दू जीवन पद्धति जीवन के प्रत्येक अवसर पर नवीनता एवं उत्साह का संचार करती है भारतीय जीवन दर्शन में नवीनता जीवन के लिए महत्वपूर्ण भाग है हिंदू चिंतन सदैव विश्व कल्याण की कामना करता है। आज दुनिया का युवा तरह-तरह के अवसादो ंसे ग्रस्त है। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में जाकर समाज हित चिंतन करके मनुष्य अपनी चिंताओं से मुक्त होकर समाज चिंता करता है। अपने स्वास्थ्य के लिए एक घंटे व्यायाम करता है जो उसके शरीर और मन को दृढ़ करता है। यह बात आज संघ द्वारा ग्राम आकोदा में आयोजित परिचय वर्ग को संबोधित करते हुए नगर संघचालक मनोहर लाल ने कही। उन्होंने कहा कि आज समय की आवश्यकता हिंदू समाज का संगठन है और यह काम संघ बखूबी निभा रहा है आज प्रत्येक गांव में संघ कार्य की सराहना की जा रही है और निरंतर लोग इसके साथ जुड़ रहे हैं। संघ युवाओं को अनुशासन के साथ राष्ट्रभक्ति का पाठ भी पढ़ाता है समाज को साथ लेकर चलने की प्रेरणा देता है। मनोहर ने कहा की संघ विशुद्ध रूप से हिंदुओं का संगठन है जो इस समाज को समरस करने हेतु संकल्पबद्ध आज सारी दुनिया संघ की कार्य पद्धति से प्रभावित है। शाखा में जाकर स्वयंसेवक किस प्रकार त्याग करता है इसकी अनेकों उदाहरण देखने को मिलते हैं। संघ कार्य को बढ़ाने के लिए प्रत्येक हिंदू को इस विचारधारा को फैलाने के लिए समय का समर्पण करना चाहिए किसी भी संगठन के कार्य विस्तार के लिए व्यक्तिगत परिचय और और समय समर्पण अनिवार्य है। संघ कार्य भी अपने स्वयंसेवकों से यह अपेक्षा करता है कि वह नित्य प्रति शाखा हेतु एक घंटे का समय अवश्य निकालें। कार्यक्रम के संयोजक प्रदीप अग्रवाल और दिनेश कुमार ने भी इस इस परिचय वर्ग में अपने विचार रखें। इस अवसर पर विभाग प्रचार प्रमुख कैलाश पाली के अलावा आशीष, मोनू, नवीन ,अंकित, विकास, महेश, अविनाश, अनवर, वीरेंद्र, राकेश, विजेंद्र, पुष्पेंद्र, उमेश, केशव, हिमांशु, प्रिंस, तपिश, हर्ष, प्रदीप, संदीप और अनिल भी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 5: आरएसएस जन जागरूक करते हुए।
श्रीमद्भागवत कथा में सुनाया गया श्रीकृष्ण रासलीला का प्रसंग
जब-जब जीव में अभिमान आता है भगवान उनसे दूर हो जाते हैं- आचार्य सत्येंद्र शास्त्री
***************************************************
**/****************************************************
*****************************************************
कनीना की आवाज। उप-मंडल के गांव गाहड़ा के शिव मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में बुधवार को यज्ञ पाल व माया देवी मुख्य यजमान रहे। कथा प्रारंभ करते हुए कथा वाचक आचार्य सत्येंद्र शास्त्री ने भगवान की अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम लीला रास लीला का वर्णन करते हुए बताया कि रास तो जीव का शिव के मिलन की कथा है। यह काम को बढ़ाने की नहीं काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है। इस कथा में कामदेव ने भगवान पर खुले मैदान में अपने पूर्व सामथ्र्य के साथ आक्रमण किया लेकिन वह भगवान को पराजित नहीं कर पाया उसे ही परास्त होना पड़ा। रासलीला में जीव का शंका करना या काम को देखना ही पाप है। गोपी गीत पर बोलते हुए कथा व्यास ने कहा जब-जब जीव में अभिमान आता है भगवान उनसे दूर हो जाते हैं। जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह करते है उसे दर्शन देते है। भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुकमणि के साथ संपन्न हुआ। कथा के दौरान भजन प्रस्तुत किए गये। इस दौरान पंडित सुरेशचंद शर्मा, मनोज कुमार, राकेश यादव, हेमंत शास्त्री, भविष्य शास्त्री, मुकेश शास्त्री, विनोद, सोनू, आनंद, विद्या देवी, भगवती, मंजू, सरोज, रजनी, पूनम, मुन्नी, माया, कमलेश, उर्मिला, रेखा, संगीता, सोनम, प्रियंका, रचना, सरस्वती, वंदना, रजनी, होशियारी, कमलेश, पुष्पा, खजानी, उषा सहित अनेकों श्रद्धालु मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 04: भागवत कथा सुनाते सत्येंद्र शास्त्री।
लोन की किस्त लेने आए कर्मी पर चोरी करने का मुकदमा दर्ज
***************************************************
**/****************************************************
*****************************************************
कनीना की आवाज। खैराणा निवासी सत्यवीर सिंह ने पुलिस ने कहा है कि उसकी पत्नी रोहतास देवी फाइनेंस से ग्रुप लोन लिया हुआ है। आरोपी अपनी मोटरसाइकिल से 17 मई को ग्रुप लोन की किस्त लेने के लिए आया था। उस समय शिकायतकर्ता की पत्नी घर पर नहीं थी किंतु उसकी पुत्रवधू मोनिका घर में अकेली थी। आरोपी ने मोनिका से लोन की किस्त 1880 रुपये की मांग की तो मोनिका ने 1000 के फोन पे आरोपी के खाते में ट्रांसफर कर दिए और 900 रुपये अपनी अलमारी के ऊपर से चाबी लेकर अलमारी खोल कर दे दिए। आरोपी के सामने ही अलमारी का ताला बंद करके चाबी वही रख दी। तत्पश्चात आरोपी ने 20 अपने फोन पे से वापस ट्रांसफर कर दिए।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि दो व्यक्ति घर पर आये थे जिनमें से एक गांव का था। आरोपी ने मोनिका तो कहा कि हमें फार्म भरना है यदि इजाजत दो तो घर में बैठकर फार्म भर ले। मोनिका ने कहा कि हमारे घर पर और कोई नहीं है। यदि आपको फार्म भरना है तो भर लो क्योंकि गांव का एक व्यक्ति आपके साथ है। उसके बाद मोनिका खेत में पशुओं का चारा लेने चली गई। 3 जून को मोनिका अपने मायके किसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जाने लगी तो अलमारी से अपने सोने के आभूषण निकालने लगी। अलमारी से 5000 रुपये, सोने का हार एक जोड़ी, सोने की झुमकी, सोने का बिस्कुट, सोने की कंठी, तीन अंगूठी सोने की, 2 जोड़ी सोने के टोपस, चांदी के हाथों के कडूले, सोना की चांद पातरी अलमारी में नहीं थे। अलमारी से सोने के आभूषण गायब होने के बाद मोनिका ने शिकायतकर्ता एवं उसके पुत्र को बताया। परी तसल्ली करने पर पता चला कि 17 मई के बाद घर पर उन दोनों के अलावा कोई नहीं आया था। मोनिका ने यह भी कहा कि उन दोनों के सामने अलमारी का ताला खोलकर रुपये दिए थे और ताला बंद करके चाबी रख दी थी। उसने अंदेशा व्यक्त किया कि चोरी ग्रुप लोन किस्त लेने वाले ने की है। तत्पश्चात मोनिका गांव के उस व्यक्ति के पास गई जो लोन की किस्त लेने वाले के साथ आया था। घर गई उन्होंने कहा कि घर से चली जा, तेरे से जो बनता है वह कर लो, दोबारा घर पर ले आना वरना जान से मार दूंगा। इस प्रकार बैंक कर्मचारी द्वारा घर में आकर ग्रुप लोन की किस्त लेने के बहाने 5000 सोने के आभूषणों की चोरी कर ली है। इसकी कीमत लाखों रुपए बताई। उन्होंने कहा कि उनका पूरा परिवार सदमे में उसके बाद गांव के व्यक्ति से पूछताछ की तो कहा कि हम आपके घर पर बैठे थे लेकिन चोरी नहीं की और साथ में झगड़े पर उतारू हो आया। उन्होंने आरोपी के विरुद्ध चोरी का मामला दर्ज कर आभूषण एवं 5000 रुपये नकदी वापस दिलवाने की मांग की है। सत्यवीर की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत दो लोगों पर मामला दर्ज कर लिया है।
कट के निर्माण के लिए आमरण अनशन पर बैठेंगे बुजुर्ग
-धरने का रहा 94वां दिन
***************************************************
**/****************************************************
*****************************************************
कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव बाघोत एवं सेहलंग के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर कट की मांग को लेकर क्षेत्र के ग्रामीण विगत 94 दिनों से धरने पर बैठे हैं। धरने की अध्यक्षता जगदीश प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में सेहलंग ने की। उन्होंने कहा कि गर्मी बढ़ रही है, लोग परेशान हैं लेकिन इस तपस्या का फायदा नहीं मिला है।
धरने के 94 दिन धरने की अध्यक्षता ठेकेदार शेर सिंह बाघोत ने की। ठेकेदार शेर सिंह 94 वर्षीय बुजुर्ग हैं, आजादी के समय शेर सिंह की उम्र 17 वर्ष थी, जिन्होंने विभाजन का दर्द भी देखा है. विभाजन के समय में पाकिस्तान में काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वह कैसे अपनी जान बचाकर भारत में आए। उन्होंने कहा कि मैंने बदलते हुए भारत को देखा है। इस इलाके में कुछ भी नहीं होता था, सौभाग्य से जो राष्ट्रीय राजमार्ग इस इलाके से निकला है। ठेकेदार शेर सिंह बाघोत ने कहा कि मैं अब आमरण अनशन पर बैठ रहा हूं। यदि सरकार एक हफ्ते के अंदर इस कार्य का निर्माण शुरू नहीं करवाती है तो मैं अपना आमरण अनशन नहीं तोडूंगा चाहे मेरी जान क्यों ना चली जाए? क्योंकि यह आने वाली पीढिय़ों के लिए है। पिछले 94 दिन से यहां यहां पर हम इस कट के लिए संघर्ष कर रहे हैं, पक्ष और विपक्ष सिर्फ हमें आश्वासन ही मिला है। जमीनी स्तर पर अभी कोई काम नहीं हुआ है। मैं इस इलाके की 8 पीढिय़ों को देख चुका हूं, यहां पर लोग बड़े मेहनती हैं। हमारे ज्यादातर लोग देश की सेवा में लगे हुए हैं।
इस मौके पर बोलते हुए. एडवोकेट केपी यादव ने कहा कि सरकार एक तरफ विकास का ढिंढोरा पिटती है। परंतु दूसरी तरफ जन भावनाओं की कोई कदर नहीं करती लोग पिछले 3 महीने से ज्यादा. धरने पर बैठे हुए हैं. और जो सरकार द्वारा मंजूर. कट है उसके लिए ही संघर्ष कर रहे हैं। मंजूरी के बावजूद भी इस पर कोई काम नहीं हो रहा. इस एरिया में एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा, 13 सीमेंट फैक्ट्रियां, एनटीपीसी प्लांट. प्राचीन कालीन शिव मंदिर, 16 विधानसभा क्षेत्र, 4 जिलों की सीमाएं, 3 लोकसभा क्षेत्र सीधे तौर पर इस कट से जुड़े हुए हैं। यदि है कट बनता है तो सतनाली से लेकर कोसली तक के एरिया को फायदा होगा।
इस मौके पर मुख्य विजय सिंह चेयरमैन डॉ लक्ष्मण, राष्ट्रपाल. नरेंद्र शास्त्री, प्यारेलाल, सीताराम, हंस कुमार पूर्व सरपंच, रणबीर पंच, सत प्रकाश, लीलाराम पार्षद, लोकेंद्र लंबरदार आदि गणमान्य लोग धरने पर मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 02: धरने पर बैठे लोग।
जागरूक समाज संगठन ने गरीब कन्या की शादी पर 21 हजार की आर्थिक मदद दी
***************************************************
**/****************************************************
*****************************************************
कनीना की आवाज। गरीब और बेसहारा कन्याओं के लिए काम करने वाली संस्था जागरूक समाज संगठन ने गांव पड़ताल में अजीत सिंह की लड़की की शादी में 21000 रुपये नगद देकर परिवार की मदद की। इस विषय में जानकारी देते हुए संगठन सदस्य विक्रम सिंह ने बताया कि 300 से भी अधिक लोगों ने एक संगठन बनाया है जागरूक समाज संगठन । यह संगठन गरीब और बेसहारा लड़कियों की शादी में परिवार को आर्थिक मदद करता है। उन्होंने बताया कि उनके संगठन में पूर्ण सिंह, विजेंद्र सिंह ,सत्यपाल सिंह, सुनील कुमार, जितेंद्र, अजीत, धर्मवीर सिंह, हरिओम सहित अनेक लोग जुड़े हुए हैं जो सभी सरकारी सेवा में कार्यरत हैं। विक्रम सिंह ने बताया कि उनका संगठन समाज की गरीब और बेसहारा लड़कियों की शादी में नगद राशि या शादी का सामान देकर परिवार की मदद करने का काम करता है। उन्होंने बताया कि उनके संगठन ने गांव पड़तल में नीलम देवी पत्नी स्वर्गीय अजीत सिंह की पुत्री की शादी में 21000 रुपये परिवार को सहायता देने के लिए दिए हैं। संगठन इस कार्य को लगातार कर रहा है और जो भी जानकारी उन्हें गरीब और बेसहारा लड़कियों की शादी की मिलती है तो उनका ग्रुप अपने स्तर पर परिवार की मदद करने का काम करता है। उन्होंने अन्य लोगों से अपील करते हुए कहा कि समाज में सामथ्र्य लोगों द्वारा किसी भी जाति की गरीब लड़की की शादी में परिवार की मदद जरूर करनी चाहिए।
फोटो कैप्शन 01: गरीब कन्या की शादी में 21 हजार का चेक देते संगठन के सदस्य।
शिक्षण की पहली अनिवार्यता भाषा है-नरेश कौशिक
-शिविर का था दूसरा दिन
***************************************************
**/****************************************************
*****************************************************
कनीना की आवाज। निपुण हरियाणा मिशन के अंतर्गत छह दिवसीय प्राथमिक अध्यापक प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन आज शिक्षकों को साक्षरता व अंकन ज्ञान पर आधारित विषयों पर प्रकाश डाला गया राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना के मुख्याध्यापक नरेश कुमार कौशिक ने बताया कि शिक्षण की पहली अनिवार्यता भाषा है तथा भाषा में सुनना बोलना लिखना तथा पढऩा चारों कलाओं में प्रवीणता ही शुद्ध भाषा को परिलक्षित करती है। उन्होंने कहा कि आज छोटे-छोटे बच्चे कंप्यूटर,टैब व मोबाइल फोन पर एकाधिकार रखते हैं तथा शिक्षकों से कहीं बेहतर संचालन जानते हैं इसलिए अपने ज्ञान व अनुभव को एकत्रित कर हमें समावेशी शिक्षा प्रदान करनी होगी।
पर्यवेक्षण के दौरान खंड शिक्षा अधिकारी विश्वेश्वर कौशिक ने विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं के बारे में जानकारी ली ,एफ एल एन के जिला संयोजक मनीष कुमार शर्मा ने विभिन्न अवधारणाओं पर प्रकाश डाला तथा नई शिक्षा नीति के तहत इन आयामों को प्राप्त करने की कार्य योजना के बारे में बताया वरिष्ठ एबीआरसी श्रुति आर्य ने खेल खेल में शिक्षा तथा शिक्षण में सहायक सामग्री के प्रयोग पर जोर दिया इस अवसर पर एबीआरसी ओमरति,रोशनी देवी ,ज्योति ,मनोज कुमार ,रसायन शास्त्र के प्रवक्ता नितिन मुद्गिल ,प्राचार्य रमन शास्त्री ,सहित खंड के 80 अध्यापक उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 03: शिक्षकों को संबोधित करते नरेश कौशिक।
चुनाव लडऩे की
चाहत बढ़ी
- चुनाव 2024 में होने की संभावना
-अभी तो कई समीकरण बनेंगे एवं बिगड़ेंगे
***************************************************
**/****************************************************
*****************************************************
कनीना की आवाज। पालिका प्रधान पद पर टिकी हैं सभी की नजरें। महिला और पुरुष प्रधान पद के आतुर हैं। पार्षद पद के हैं कम दावेदार हैं। पालिका के चुनाव वर्ष 2024 में होने की संभावना है।
चुनाव लडऩा चाहने वाले लोग किसी प्रकार पीछे हटने वाले नहीं। यदि प्रधान पद के लिए उनके परिवार से वो स्वयं या परिवार से महिला आदि चुनाव लड़ सकते हैं। वैसे भी पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे वाले अभी तक बहुत कम लोग आगे आ रहे हैं क्योंकि प्रधान की शक्ति इस बार अधिक हो गई है, उसका चुनाव सीधा होने की वजह से उसे पार्षदों का काम कम हो गया है भविष्य में प्रधान बनने के बाद किसी प्रस्ताव को पारित करते समय इन पार्षदों की जरूरत हो सकती है। ऐसे में बड़ा और सशक्त पद प्रधान का बना दिया गया है जिसको लेकर के दर्जनों लोग तैयार हैं। यह सत्य है कि चुनाव लडऩे वाले अब अपनी मां, बहन, बेटी या पत्नी को चुनाव लड़ा सकते हैं, स्वयं भी पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे के लिए तैयार हो रहे हैं। कनीना के पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे वाले महेश बोहरा एक है। उनके पिता राव सत्यवीर बोहरा भी पार्षद रह चुके हैं। अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए पार्षद पद के चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं क्योंकि उन्होंने तो कभी से ही पार्षद पद के की घोषणा की है और पालिका प्रधान बनने की इच्छा नहीं रही की? विजय चेयरमैन भी पार्षद पद के चुनावों के लिए तैयार हैं। बहरहाल अभी चुनाव होते नजर नहीं आ रहे हैं क्योंकि जून महीना बाकी है। यदि चुनाव दिसंबर 2023 तक होने की संभावना है। अब सभी की नजरें इन चुनावों पर टिकी हुई हैं।
कनीना नगर पालिका चुनावों पर टिकी हैं नजरें---
कनीना पालिका 1952 से चली आ रही है। कनीना नगर पालिका के समय-समय पर अनेक प्रधान रह चुके हैं। सबसे अधिक समय तक पूर्व प्रधान मा. दलीप सिंह एवं उनके पिता स्व. चौ. बलबीर सिंह पालिका में प्रधान रह चुके हैं।
इस बार पालिका प्रधान के चुनाव सीधे होने हैं। अब तक पालिका प्रधान बनते आए वह किसी के रहमों करम पर होते थे या पार्षदों पर निर्भर रहे हैं। सभी की नजरें चुनाव पर टिकी हुई है और बेहतर से बेहतर प्रत्याशी ढूंढने की तैयारियों में जुटे हुये हैं।
चुनाव लडऩे के दावेदार-
अभी तक पार्षद के चुनाव के लिए
1. महेश बोहरा दावेदारी जता रहे हैं। उधर
2. वार्ड चार से योगेश कुमार
3. वार्ड एक से विजय चेयरमैन चुनाव लड़ेंगे। इस बार चेयरमैन पद का चुनाव डायरेक्ट होगा। जिसके चलते इस बार चेयरमैन पद के लिए अधिक लोग तैयारी में जुटे हुए हैं।
प्रधान पद के लिए दावेदार--
1.कनीना के सज्जन सिंह बोहरा
2. कनीना के वर्तमान चेयरमैन सतीश जेलदार के पुत्र प्रीतम जोनू
3. मनोज कुमार रोहिल्ला वरिष्ठ पत्रकार
4. कनीना के वार्ड 12 का निवासी अमित नंबरदार
5. वार्ड 3 के निवासी राज सिंह
6. पूर्व प्रधान मा. दिलीप सिंह या उनके पुत्र दीपक चौधरी
7. पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा
8. एडवोकेट विनय यादव, एडवोकेट पंकज यादव, वर्तमान में
9. उप प्रधान पद पर आसीन अशोक ठेकेदार, मनीष पार्षद
10. सुमेर सिंह मैनेजर
बढऩे लगी है चुनावी चर्चाएं ---
दुकान हो या कोई चाय की दुकान, चुनावी चर्चा मिलने लगी है। विशेषकर जब से मतदाता सूचियों का प्रकाशन हुआ है तब से चुनावी गर्मी बढ़ती ही जा रही है। रातोंरात पार्षद और प्रधान पद के दावेदार ढूंढे जा रहे हैं। क्योंकि बहुत से लोग तो चुनाव तो लडऩा चाहते हैं किंतु आगे नहीं आना चाहते हैं वो ऐन मौके पर आगे आएंगे। ऐसे में चुनाव लडऩे वाले अंदर खाते मतदाताओं के मन को टटोल रहे हैं।
गर्मी और चुनावी गर्मी साथ--
एक और जहां गर्मी बढ़ती जा रही है वहीं चुनावी चर्चा बढऩे लगी है। कुछ तो ऐसे भी संभावित प्रत्याशी हंै जो किसी का आशीर्वाद पाने की चाहत लिए बैठे हैं तो कोई चुनाव लडऩे का इच्छुक किसी मंत्री, संतरी और सत्तापार्टी के नेताओं से आशीर्वाद पाकर वोट पाने के जुगाड़ में है। रातोंरात समीकरण बदल रहे हैं।
प्रधान पद जीतना तलवार की धार---
इस बार चुनाव जीतना आसान नजर नहीं आता। क्योंकि अब तक पार्षदों के सहारे नैया पार होती रही है किंतु इस बार प्रधान को पार्षद नहीं बनाएंगे। उन्हें तो सीधे ही वोट मिलेंगे।
समय लग सकता है चुनाव होने में-
नगर पालिका के चुनाव लडऩे वाले अंदर खाते मतदाताओं के मन को टटोल रहे हैं। यदि मतदाता उनको अच्छा रिस्पांस देते हैं तो भी अपने उम्मीदवारी पक्की समझ रहे हैं। अभी से ही मतदाताओं से वोट देने की हां या ना करवा रहे हैं। चुनावों में लग सकता है समय। ऐसे भी कहते सुने हैं कि मेरे लिए प्रधान पद के वोट दिलवा दो मैं तुम्हें पार्षद या तुम्हारे द्वारा अनुमोदित पार्षद को अपने क्षेत्र के वोट दिलवा दूंगा। तेजी से आपसी गठबंधन बनता जा रहा है और रातों-रात चुनाव लडऩे वाले आगे आ रहे हैं। 14 वार्डों में 14 पार्षद चुने जाने है लेकिन कुछ वार्डों में चुनाव लडऩे वाले मौन नजर आ रहे हैं।
No comments:
Post a Comment