पुलिस ने चोरीशुदा 2 बाइक रेवाड़ी से की बरामद
---गत दिवस की चोरी का मसला
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कनीना की आवाज। बाइक चोरी की वारदातों को अंजाम देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए थाना शहर कनीना की पुलिस टीम ने चोरी की 2 बाइक बरामद की हैं। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर ही चोरीशुदा मोटरसाइकिलों को बरामद कर लिया है। शिकायतकर्ता आलोक निवासी वार्ड न. 9 रंग राव कालोनी कनीना ने थाना शहर कनीना में शिकायत देते हुए बताया कि वह सरकारी उअस्पताल सीहोर में एमपीएचडब्ल्यू के पद पर कार्यरत है। दिनांक 16 जून को सुबह करीब 3 बजे वह उठा तो घर की खिड़की टूटी हुई पड़ी थी। शिकायतकर्ता ने कमरों को चेक किया तो कमरों का सामान उथल पुथल पड़ा हुआ था। शिकायतकर्ता ने नकदी व अन्य सामान चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने शिकायत में बताया कि उसके पड़ोसी रविंद्र और अजय के घर से भी मोटरसाइकिल व नकदी चोरी हो गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।
थाना शहर कनीना प्रभारी के नेतृत्व में थाने के थाने की टीम सीसीटीवी कैमरा की छानबीन करते हुए सुराग ढूंढने के लिए लगे हुए थे। सीसीटीवी कैमरा की छानबीन करते हुए पुलिस ने चोरीशुदा दोनों बाइकों को रेवाड़ी क्षेत्र से बरामद कर लिया है। पुलिस फरार बाइक चोरों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
फोटो केप्श: पुलिस द्वारा बरामद मोटरसाइकिल।
आटिज्म गौरव दिवस ऑटिज्म गौरव दिवस -18 जून
-समय रहते रोग की हो पहचान-डा वेद
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कनीना की आवाज। आटिज्म एक रोग होता है जिससे ग्रसित लोगों को समाज में महत्व और गौरव की अनुभूति कराने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। अधिकांश लोगों को इस बीमारी के बारे में पता नहीं होता, काफी बढ़ जाती है उस समय पहचान हो पाती है।
डा वेद प्रकाश बताते हैं कि आटिज्म से ग्रसित व्यक्ति दूसरों से अलग तथा अपने में खोया रहता है। इस चीज को दूर करने के मकसद से ऑटिज्म गौरव दिवस मनाया जाता है ताकि वह अपने आप को समाज से अलग नहीं समझे। इस रोग में अलग-अलग लक्षण दिखाई पड़ते हैं। जन्म के 2 साल तक अगर बच्चे किसी तरह का इशारा नहीं करते ओटिज्म के लक्षण हैं। यदि समय रहते बीमारी की पहचान हो जाए तो काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। उनको बिहेवियर थेरेपी से इलाज किया जाता है।
लक्षण -
डा वेद प्रकाश बताते हैं कि आटिज्म के लक्षण जन्म के 2 साल तक बच्चों का न बोलना, भाषा के विकास में विलंब होना, समूह में खेलना पसंद नहीं करना, मानसिक अवसाद, गले मिलने को अस्वीकार करना, नाम बुलाने पर उतर न देना, बार-बार दोहराई करना आटिज्म के लक्षण हैं।
अगर इस प्रकार के लक्षण दिखाई देते तुरंत डॉक्टर से सलाह करनी चाहिए।
फोटो कैप्शन: डा वेद
अंतरराष्ट्रीय पिकनिक दिवस
-प्रकृति की गोद में भोजन करना ही पिकनिक दिवस
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कनीना की आवाज। पिकनिक दिवस का अर्थ प्रकृति की गोद का आनंद भोजन के संग लेना होता है। विशेष रुप से बच्चे पिकनिक मनाने के बड़े ही उत्सुक होते हैं। प्रकृति की गोद में जाकर खाना खाना पिकनिक डे का वास्तविक अर्थ होता है।
कनीना के सुरेश कुमार बताते हैं खाना तो हर दिन बच्चे सुबह सुबह-शाम खाते हैं लेकिन प्रकृति की गोद में जाकर खाना खाए तो पिकनिक माना जाता है।
डॉ अजीत बताते हैं कि अक्सर बच्चे पिकनिक के बड़े शौकीन होते हैं। जब कभी पिकनिक मनाने का वक्त आता है तो अपने-अपने घर से खाना लेकर जाते हैं परंतु आजकल पिकनिक की बजाए लोग चिडिय़ाघर या अन्य स्थानों पर घूमने के लिए अधिक जाते हैं। पिकनिक का अर्थ है प्रकृति की गोद में जाकर उसका आनंद लेना साथ में वहां बैठ कर खाना खाना।
डाक्टर जगदीश चंद्र बसु वैज्ञानिक ने सिद्ध कर दिया था कि पेड़ पौधे सभी सजीव होते हैं। वो हमारी तरह सुख-दुख महसूस करते हैं। ऐसे में पेड़ पौधों के संग दोस्ती करना, उनके संग जीवन बिताना पिकनिक का असली आनंद लेना है। पेड़ पौधे भी अच्छा और बुरा व्यवहार करते हैं तथा इंसान से दोस्ती करते हैं। ऐसे में पेड़ पौधों को लगाना चाहिए। पेड़ पौधे अधिक लग रहे हो वो स्थल सुंदर लगता है। ऐसे स्थल पर गर्मियों में बैठने में बड़ा आनंद आता है। यही पिकनिक डे का अर्थ है।
उधर अजीत कुमार बताते हैं कि पिकनिक दिवस पर किसी जंगल में जाना चाहिए और वहां पर बैठकर बच्चों को या बड़ों को खाना खाना चाहिए ताकि हमें अपनी प्रकृति से दोस्ती करने का पता चल जाए, प्रकृति अमूल्य धरोहर है। इसके संग बैठकर अपने आप में एक विशेष आनंद आता है। प्रकृति के साथ ही आनंद लेना चाहिए।
महेश इस कुमार बोहरा, शिव कुमार,दुलीचंद साहब, रविंद्र कुमार आदि बताते हैं कि पिकनिक मनाने के पीछे बच्चों में प्रकृति के प्रति चेतना जागृत करना है। प्रकृति ही सब कुछ है बाकी इसी पर आश्रित होते हें। ऐसे में प्रकृति को साफ सुथरा रखना हम सभी का फर्ज बनता है। यदि प्रकृति हमारे साथ देगी तो हम एक दिन महान बनेंगे। यदि प्रकृति साथ नहीं देती तो इंसान मिट्टी में मिल जाएगा। ऐसा ही जैव वैज्ञानिक डार्विन ने लिखा है। अब विभिन्न स्कूलों में पिकनिक दिवस मनाने का एक महत्व होता है। अक्सर बच्चों को पिकनिक पर ले जाते हैं लेकिन पिकनिक के बजाय आजकल बच्चे मोबाइल से अधिक जुड़े मिलते हैं। पिकनिक की बजाय आजकल बच्चे मोबाइल से लग गए हैं और मोबाइल को गले लगा रहे हैं।
फोटो कैप्शन: दुलीचंद साहब, अजीत कुमार, डा अजीत कुमार, अजीत किसान, महेश कुमार
सस्टेनेबल गैस्ट्रोनामी दिवस-18 जून
-किसान की मंहनत को याद करके भोजन को खाना चाहिए
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कनीना की आवाज। भोजन कैसे और कहां से प्राप्त होता है, भोजन को प्राप्त करके इंसान कैसा महसूस करता है। ये बातें सर्व विदित है परंतु अनाज को पैदा करके, प्रोसेस करके भोजन के रूप में उसको थाली तक पहुंचाना, यह सस्टेनेबल गैस्ट्रोनॉमी के तहत आता है। इस कार्य का केंद्र बिंदु किसान होता है। किसान के बल पर ही भोजन तैयार किया जाता है। अनाज पैदावार किया जाता हे। अनाज की पैदावार लेने में किसान सूबे सिंह बताते हैं की सबसे कठिन कार्य अनाज की पैदावार लेना है। भूमि की जताई करके अनाज को कठिन परिस्थितियों से होकर गुजरना पड़ता है तब जाकर कहीं अनाज प्राप्त किया जाता है। किसान दिन रात खेत में लगा रहता है तब जाकर अनाज पैदावार होती है। अनाज पैदावार होने के बाद बाजार तक पहुंचाया जाता है और उसे खरीद कर खाने वाले उसे अपनी प्लेट तक भोजन के रूप में लेते हैं। किसान सुरेंद्र सिंह तथा महेंद्र सिंह बताते हैं कि अनाज की पैदावार सबसे कठिन कार्य है। सर्दी हो या गर्मी किसान अपने खेतों में जुटा रहता है और खेतों में कृषि पद्धतियों के सहारे पैदावार करता है। इसी अनाज को खाने वाले बहुत अधिक होते हैं। अनाज को खरीद कर प्रोसेस करके और उसे भोजन के रूप प्रयोग में लेते हैं।
सुनील कुमार, रविंद्र कुमार, भीम सिंह, महेश कुमार, रामअवतार बताते हैं कि लोग भोजन को बहुत खराब कर देते हैं जबकि उन्हें यह ज्ञान में होना चाहिए भोजन बड़ी कठिनाई से किसान पैदा करते हैं और यह भोजन लंबे समय तक विभिन्न विधियों से प्रोसेस करके खाने वाले की थाली में पहुंचता है। किसान विभिन्न तकनीक अपनाते हैं ताकि अधिक से अधिक पैदावार लेने की सोचते ताकि सभी का पेट भरा जा सके। कृषि पद्धतियों की सहायता से लेकर अनाज पैदा करते हैं और बाजार में बेच देते हैं। किसान सर्दी गर्मी बारिश समय अपने खेतों में ही बिताते हैं और वही अनाज पैदा करके घर तक पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि किसान की मेहनत किसान जानता है। ऐसे में इंसान को ध्यान रखना चाहिए कि जिस अनाज के एक-एक दाने को पैदा करने के लिए किसान को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, उसे अच्छे ढंग से प्रभु का आशीर्वाद समझकर खाना चाहिए।
फोटो कैप्शन: रविंद्र, सूबे सिंह, भीम सिंह।
बवानिया में आयोजित युवा प्रतिभा सम्मान समारोह
-एक दिवसीय योग शिविर आयोजित
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कनीना की आवाज। बवानिया स्थित शिव मंदिर प्रांगण में पंचायत व सर्वोदय संगठन संस्था के सहयोग से एक दिवसीय योग शिविर आयोजित किया गया। पंचायत द्वारा गांव से युवा प्रतिभाओं के साथ में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मान प्रदान किए गए।
कार्यक्रम की के शुरुआत में संगठन के सदस्य ने दिनेश प्रशिक्षक के साथ एक घंटे का योग करवाकर की। 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने का संकल्प भी लिया गया।
इस मौके पर संजू नीट में उपलब्धि प्राप्त तथा सपना विश्वविद्यालय टापर, सुनील, अमित एवं प्रिया को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सेवानिवृत्त कर्मियों में बंशीलाल, विजय कैप्टन, मुनीलाल डाक विभाग से सेवानिवृत्त को भी सम्मानित किया। इस मौके पर दिनेश योग प्रशिक्षक ने योग को दैनिक जीवन में अपनाने, वेद नंबरदार ने मेडिकल क्षेत्र में संजू की मेहनत को सराहा। संगठन से प्रदीप ने पंचायत की पहल का स्वागत किया। इस अवसर पर सरपंच पूजा, विधि यादव, संजीव, कृष्ण, प्रमिल, माधवराव ,संजय सुंदर, तमन्ना, राजेश्वर व अन्य जन उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 03: बवानियां में प्रतिभाओं को सम्मानित करते हुए संस्था एवं पंचायत।
बिजली कटों को लेकर लोगों ने निकाला जलूस
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कनीना की आवाज। बिजली विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में की जा रही अघोषित बिजली कटौती के खिलाफ जिला के गांव धनौन्दा बस अड्डे पर ग्रामीणों ने जुलूस निकाला। प्रदर्शनकारियों ने बिजली कटौती बंद करो-बंद करो, बिजली विभाग होश में आओ, तानाशाही नहीं चलेगी के जोरदार नारे लगाकर विरोध जताया।
बिजली कटौती से परेशान ग्रामीण सुबह 10 बजे से ही धनौन्दा बस अड्डे पर इक_ा होना शुरू हो गए थे। ग्रामीण डॉ. महेन्द्र, कैलाश सेठ, कमरू मिस्त्री ने कहा कि बिजली विभाग द्वारा रात के समय तीन-तीन बार बिजली कटौती की जाती है। दिन में भी बिजली के लंबे-लंबे कट लगाए जाते हैं। जिसके कारण ग्रामीण बहुत परेशान हैं। बिजली विभाग की तानाशाही को लेकर ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है। बिजली विभाग ने तत्काल बिजली कटौती बंद कर ग्रामीणों को 24 घंटे नियमित बिजली देने की कार्यवाही शुरू करने की मांग की। उन्होंने धनौन्दा गांव में स्थापित 400 के.वी. पावर हाउस से धनौन्दा गांव को बिजली सप्लाई करने की मांग भी की। इस अवसर पर अतरलाल एडवोकेट,कप्तान सिंह, डॉ. महेन्द्र, बीर सिंह, सुबेदार रामकुमार, प्रमोद कुमार, हवासिंह, अंकित, कैलाश, कंवरपाल, वेदपाल, राकेश, प्रमोद, सुरेन्द्र, ताराचंद, नरेन्द्र, कैलाश पंच, प्रदीप, औमप्रकाश, नीरज, जगदीश, सोनू, सतपाल, मदन सिंह, संतलाल, हरबीर, उमेश, रामभगत, जग्गी पंच, बनवारी मिस्त्री, कैलाश सेठ आदि सैंकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 04:-बिजली कटौती के खिलाफ जुलूस निकालते ग्रामीण।
कट के लिए बाघोत-सेहलंग के बीच धरना जारी
-धरने का रहा 97वां दिन
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव बाघोत एवं सेहलंग के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर कट की मांग को लेकर क्षेत्र के ग्रामीण विगत 97 दिनों से धरने पर बैठे हैं। धरने की अध्यक्षता सूबेदार सुखबीर सिंह छिथरोली ने की।
धरना कमेटी के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन,नौताना ने बताया कि आज धरने को 97 दिन हो गए है। सरकार के द्वारा आश्वासन दिया गया है कि सेहलंग -बाघोत कट पर जल्दी कार्रवाई की जाएगी लेकिन सरकार ने अब तक कोई अमल नहीं किया है। जब तक सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर कट का काम शुरू नहीं करती है, तब तक हमारा धरना जारी रहेगा। सुजान सिंह मालडा, कर्मचारी नेता हरियाणा, हृ॥152ष्ठ बाघोत -सेहलंग कट संघर्ष समिति को समर्थन देने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि हम तन- मन- धन से आपके साथ हैं ढ्ढ
अतरलाल और उसकी टीम धरना स्थल पर पहुंची, उन्होंने बताया कि सरकार कट के काम को शुरू करने में देरी कर रही है। लोगों की पीड़ा को देखते हुए सरकार को। सेहलंग -बाघोत कट के काम को जल्द शुरू करना चाहिए।
इस मौके पर पहलवान रणधीर सिंह , कृष्ण प्रधान,नरेंद्र शास्त्री, पहलवान धर्मपाल, राम भक्त , रामकुमार, सूबेदार हेमराज, प्यारेलाल, भरत सिंह , डॉ लक्ष्मण सिंह , डॉ राम सिंह, बाबूलाल, ठेकेदार शेर सिंह, दाताराम, वेद, मास्टर विजय सिंह, चंद्रभान व गणमान्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 01: कट के लिए धरने पर बैठे लोग।
चरखी दादरी रैली के लिए चौधरी रामनिवास खेड़ी में चलाया जनसंपर्क अभियान
-गांव पाथेड़ा में ग्रामीणों को दिया रैली में पहुंचने का निमंत्रण
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कनीना की आवाज। कनीना प्रधानमंत्री मन की बात कार्यक्रम महेंद्रगढ़ जिला संयोजक एवं भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा हरियाणा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य चौधरी रामनिवास खेड़ी ने चरखी दादरी में होने वाली रैली को लेकर गांव पाथेड़ा में पहुंचकर ग्रामीणों से मुलाकात की और उन्हें बढ़-चढ़कर रैली में पहुंचने अह्वान किया। इस दौरान कनीना पंचायत समिति के चेयरमैन जयप्रकाश यादव ने ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी और जल्द से जल्द समाधान का आश्वासन भी दिया।
चौधरी रामनिवास खेड़ी ने बताया कि केंद्र सरकार के 9 वर्ष पूरे होने भाजपा सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने को 30 मई से 30 जून तक जनसंपर्क अभियान चला रही है। इस महा जनसंपर्क अभियान को लेकर भाजपा प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में बड़ी जनसभा का आयोजन कर रही है इसी के तहत जिला महेंद्रगढ़ भिवानी लोकसभा क्षेत्र में 19 जून को सुबह 11 बजे चरखी दादरी में बड़ी जनसभा का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत हर दिन नए गौरवशाली आयाम स्थापित कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर सरकार ने विकास व गरीब कल्याण के नए मापदंड स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने गरीब परिवारों के लिए घर, बिजली, पानी, गैस व आयुष्मान भारत योजना जैसे स्कीमें चलाकर उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का काम किया है। देश में पहली बार शहरों तर्ज पर ग्रामीण भारत का नया स्वरूप बनकर सामने आ रहा है। विकसित देश अभी तक कोरोना महामारी के प्रभाव से नहीं उबर पाए वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था दूसरे देशों के लिए आदर्श बनी है उन्होंने कहा कि सरकार का हर फैसला लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए लिया गया है और विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री इसी प्रकार आगे भी मेहनत करते रहेंगे उन्होंने ग्रामीणों से अह्वान किया कि 19 जून को चरखी दादरी की रैली में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचे। इस दौरान उनके साथ गुरु भगत जसवंत सिंह भाटी, पाथेड़ा गांव के सरपंच जर्मन सिंह, खरकड़ाबास सरपंच प्रतिनिधि सूबेदार राजेंद्र प्रसाद, अगिहार गांव के सरपंच दलबीर सिंह, जिले सिंह शर्मा, युवा समाजसेवी नरेंद्र खटाणा, भंवर सिंह, दीपक, गजराज गजराज सिंह, अभिषेक, राहुल कोच आदि व्यक्ति मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 02: रामनिवास चौधरी जनसंपर्क करते हुए।
नपा का कार्यकाल संपन्न
होने के बाद चुनावों में आई तेजी
- चुनाव 2024 में होने की संभावना
-युवा एवं बुजुर्ग चुनाव लडऩे की दौड़ में
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कनीना की आवाज। पालिका प्रधान पद पर टिकी हैं सभी की नजरें। महिला और पुरुष प्रधान पद के आतुर हैं। पार्षद पद के हैं कम दावेदार हैं। पालिका के चुनाव वर्ष 2024 में होने की संभावना है।
चुनाव लडऩा चाहने वाले लोग किसी प्रकार पीछे हटने वाले नहीं। यदि प्रधान पद के लिए उनके परिवार से वो स्वयं या परिवार से महिला आदि चुनाव लड़ सकते हैं। वैसे भी पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे वाले अभी तक बहुत कम लोग आगे आ रहे हैं क्योंकि प्रधान की शक्ति इस बार अधिक हो गई है, उसका चुनाव सीधा होने की वजह से उसे पार्षदों का काम कम हो गया है भविष्य में प्रधान बनने के बाद किसी प्रस्ताव को पारित करते समय इन पार्षदों की जरूरत हो सकती है। ऐसे में बड़ा और सशक्त पद प्रधान का बना दिया गया है जिसको लेकर के दर्जनों लोग तैयार हैं। यह सत्य है कि चुनाव लडऩे वाले अब अपनी मां, बहन, बेटी या पत्नी को चुनाव लड़ा सकते हैं, स्वयं भी पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे के लिए तैयार हो रहे हैं। कनीना के पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे वाले महेश बोहरा एक है। उनके पिता राव सत्यवीर बोहरा भी पार्षद रह चुके हैं। अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए पार्षद पद के चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं क्योंकि उन्होंने तो कभी से ही पार्षद पद के की घोषणा की है और पालिका प्रधान बनने की इच्छा नहीं रही की? विजय चेयरमैन भी पार्षद पद के चुनावों के लिए तैयार हैं। बहरहाल अभी चुनाव होते नजर नहीं आ रहे हैं क्योंकि जून महीना बाकी है। यदि चुनाव दिसंबर 2023 तक होने की संभावना है। अब सभी की नजरें इन चुनावों पर टिकी हुई हैं।
कनीना नगर पालिका चुनावों पर टिकी हैं नजरें---
कनीना पालिका 1952 से चली आ रही है। कनीना नगर पालिका के समय-समय पर अनेक प्रधान रह चुके हैं। सबसे अधिक समय तक पूर्व प्रधान मा. दलीप सिंह एवं उनके पिता स्व. चौ. बलबीर सिंह पालिका में प्रधान रह चुके हैं।
इस बार पालिका प्रधान के चुनाव सीधे होने हैं। अब तक पालिका प्रधान बनते आए वह किसी के रहमों करम पर होते थे या पार्षदों पर निर्भर रहे हैं। सभी की नजरें चुनाव पर टिकी हुई है और बेहतर से बेहतर प्रत्याशी ढूंढने की तैयारियों में जुटे हुये हैं।
चुनाव लडऩे के दावेदार-
अभी तक पार्षद के चुनाव के लिए
1. महेश बोहरा दावेदारी जता रहे हैं। उधर
2. वार्ड चार से योगेश कुमार
3. वार्ड एक से विजय चेयरमैन चुनाव लड़ेंगे। इस बार चेयरमैन पद का चुनाव डायरेक्ट होगा। जिसके चलते इस बार चेयरमैन पद के लिए अधिक लोग तैयारी में जुटे हुए हैं।
प्रधान पद के लिए दावेदार--
1.कनीना के सज्जन सिंह बोहरा
2. कनीना के वर्तमान चेयरमैन सतीश जेलदार के पुत्र प्रीतम जोनू
3. मनोज कुमार रोहिल्ला वरिष्ठ पत्रकार
4. कनीना के वार्ड 12 का निवासी अमित नंबरदार
5. वार्ड 3 के निवासी राज सिंह
6. पूर्व प्रधान मा. दिलीप सिंह या उनके पुत्र दीपक चौधरी
7. पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा
8. एडवोकेट विनय यादव, एडवोकेट पंकज यादव, वर्तमान में
9. उप प्रधान पद पर आसीन अशोक ठेकेदार, मनीष पार्षद
10. सुमेर सिंह मैनेजर
बढऩे लगी है चुनावी चर्चाएं ---
दुकान हो या कोई चाय की दुकान, चुनावी चर्चा मिलने लगी है। विशेषकर जब से मतदाता सूचियों का प्रकाशन हुआ है तब से चुनावी गर्मी बढ़ती ही जा रही है। रातोंरात पार्षद और प्रधान पद के दावेदार ढूंढे जा रहे हैं। क्योंकि बहुत से लोग तो चुनाव तो लडऩा चाहते हैं किंतु आगे नहीं आना चाहते हैं वो ऐन मौके पर आगे आएंगे। ऐसे में चुनाव लडऩे वाले अंदर खाते मतदाताओं के मन को टटोल रहे हैं।
गर्मी और चुनावी गर्मी साथ--
एक और जहां गर्मी बढ़ती जा रही है वहीं चुनावी चर्चा बढऩे लगी है। कुछ तो ऐसे भी संभावित प्रत्याशी हंै जो किसी का आशीर्वाद पाने की चाहत लिए बैठे हैं तो कोई चुनाव लडऩे का इच्छुक किसी मंत्री, संतरी और सत्तापार्टी के नेताओं से आशीर्वाद पाकर वोट पाने के जुगाड़ में है। रातोंरात समीकरण बदल रहे हैं।
प्रधान पद जीतना तलवार की धार---
इस बार चुनाव जीतना आसान नजर नहीं आता। क्योंकि अब तक पार्षदों के सहारे नैया पार होती रही है किंतु इस बार प्रधान को पार्षद नहीं बनाएंगे। उन्हें तो सीधे ही वोट मिलेंगे।
समय लग सकता है चुनाव होने में-
नगर पालिका के चुनाव लडऩे वाले अंदर खाते मतदाताओं के मन को टटोल रहे हैं। यदि मतदाता उनको अच्छा रिस्पांस देते हैं तो भी अपने उम्मीदवारी पक्की समझ रहे हैं। अभी से ही मतदाताओं से वोट देने की हां या ना करवा रहे हैं। चुनावों में लग सकता है समय। ऐसे भी कहते सुने हैं कि मेरे लिए प्रधान पद के वोट दिलवा दो मैं तुम्हें पार्षद या तुम्हारे द्वारा अनुमोदित पार्षद को अपने क्षेत्र के वोट दिलवा दूंगा। तेजी से आपसी गठबंधन बनता जा रहा है और रातों-रात चुनाव लडऩे वाले आगे आ रहे हैं। 14 वार्डों में 14 पार्षद चुने जाने है लेकिन कुछ वार्डों में चुनाव लडऩे वाले मौन नजर आ रहे हैं।
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