केरल सहित तमिलनाडु में मॉनसून की जबरदस्त तरीके से एंट्री
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कनीना की आवाज। उत्तर भारत के मैदानी राज्यों पंजाब राजस्थान हरियाणा एनसीआर दिल्ली उत्तर प्रदेश मे पिछले एक महीने से लगातार मौसम में बदलाव और तापमान में उतार चढाव देखने को मिल रहा है साथ ही साथ आज एक हफ्ते की देरी से केरल सहित तमिलनाडु में मॉनसून की जबरदस्त तरीके से एंट्री हो गई है। राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि पिछले दिनों अंधड़ और हल्की बारिश का दौर अब हरियाणा एनसीआर दिल्ली से लगभग समाप्त हो चुका है । इस दौरान सम्पूर्ण इलाके में भीषण गर्मी और प्रचण्ड हीट वेव लूं अपने तेवर नही दिखा पाई। ज्येष्ठ माह में सावन माह की फुहार व सुहावना मौसम बना रहा। मैदानी राज्यों विशेषकर हरियाणा एनसीआर दिल्ली में तापमान सामान्य से कम बनें हुए हैं। परन्तु आने वाले एक सप्ताह के दौरान यानि 14 जून तक मौसम आमतौर पर गर्म और शुष्क बना रहेगा व उमसभरी पसीने वाली गर्मी का एक छोटा दौर देखने को मिलेगा और बीच बीच में आंशिक बादलवाही देखने को मिलेगी इस दौरान तेज़ गति से हवाएं चलने की भी संभावना बन रही है। आज रात्रि को मौसम प्रणाली पश्चिमी विक्षोभ हरियाणा एनसीआर दिल्ली से आगे निकल जाएगा जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके में एक बार फिर से हवाओं की दिशा में बदलाव होने से मरूस्थलीय पश्चिमी शुष्क हवाएं मैदानी राज्यों विशेषकर हरियाणा एनसीआर दिल्ली पर अपना प्रभाव दिखाएगी और कुछ स्थानों पर हीट वेव लूं अपने तीखे तेवरों से आगाज़ करेगी। जिसकी वजह सम्पूर्ण इलाके में एक बार फिर से तापमान में उछाल देखने को मिलेगा। हालाकि इस दौरान एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ 10 जून को सक्रिय होने 11-12 जून के दौरान केवल सिमित स्थानों पर बूंदाबांदी की संभावनाएं बनी रहेगी जिससे सम्पूर्ण इलाके में ज्यादा कुछ प्रभाव नहीं पड़ेगा केवल आंशिक बादलवाही देखने को मिलेगी और तापमान में बढ़ोतरी दर्ज होगी। इस दौरान हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर अधिकतम तापमान 40.0 डिग्री सेल्सियस से 45.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जाएगा। इसी दौरान अरब सागर में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय बना हुआ है। जिसकी वजह से मैदानी राज्यों में हल्की नमी से उमसभरी पसीने वाली गर्मी अपने रंग दिखाएगी। परन्तु जल्द ही हरियाणा एनसीआर दिल्ली में 15 जून से एक बार फिर से तेज़ गति से हवाएं चलने अंधड़ और हल्की से मध्यम बारिश का दौर शुरू होने की संभावना बन रही है। जिसकी वजह से आमजन को फिर से उमसभरी गर्मी और हीट वेव लूं से राहत मिलेगी। आज एक हफ्ते की देरी से केरल सहित तमिलनाडु में मॉनसून की जबरदस्त तरीके से एंट्री हो गई है पिछले साल 22 मई को, जबकि हुई थी और हरियाणा एनसीआर दिल्ली में 30 जून को एंट्री हुई थी इस साल हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मानसून जुलाई महीने के प्रथम सप्ताहांत पर आने की संभावना बन रही है ।आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर अधिकतम तापमान 38.0डिग्री सेल्सियस से 41.2 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में सिरसा महेंद्रगढ़ और सोनीपत का अधिकतम तापमान क्रमश 41.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। तापमान में हल्की बढ़त दर्ज हुई। साथ ही साथ हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम तापमान 21.0 डिग्री सेल्सियस से 25.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। धीरे धीरे सम्पूर्ण इलाके में दिन और रात के तापमान बढ़ने लगा है। आज जिला महेंद्रगढ़ में मौसम साफ और शुष्क बना रहा और सूर्य देव की तपिश से सम्पूर्ण इलाके में तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हुई है आज जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ का न्यूनतम तापमान क्रमशः 24.0डिग्री सेल्सियस और 23.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जबकि जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ का अधिकतम तापमान क्रमश 39.8 डिग्री सेल्सियस और 40.8 डिग्री सेल्सियस और पाली का 41.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है ।जबकि जिला महेंद्रगढ़ में अभी भी रात्रि तापमान सामान्य से 3.0 डिग्री सेल्सियस नीचे बने हुए हैं।
किसानों का एक दिवसीय कपास प्रशिक्षण का किया आयोजन
-गुढ़ा में 50 किसानों ने लिया भाग
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कनीना की आवाज। उप मंडल के गांव गुढ़ा मे गुरुवार को कृषि विभाग कनीना द्वारा पीपीसी स्कीम के अन्तर्गत एक दिवसीय कपास प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें 50 किसानों ने हिस्सा लिया। जिसकी अध्यक्षता खण्ड कृषि अधिकारी डॉक्टर संदीप ने की। सबसे पहले उन्होंने किसानों को कपास की बीजाई के बाद होने वाली बीमारियों से किसानों को अवगत करवाया तथा पैदावार को कैसे बढ़ाया जा सकता हैं इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया की कपास की फसल में निरंतर निराई गुड़ाई करते रहना चाहिए। जब खेत में किसी भी एक पौधे से कोई रोग लगे तो तुरंत कृषि विभाग के कार्यालय में जा कर उपचार संबंधित जानकारी लेनी चाहिए।
उन्होंने किसानों को मोटे अनाज जैसे बाजरा ,ज्वार ,रागी आदि का अनाजों का स्वास्थ्य लाभ बताए। उन्होंने बताया की पोषक अनाज फाइबर से भरपूर होते हैं जो पाचन में मदद करते हैं। मोटा अनाज इंसान को कई प्रकार की बीमारियों को दूर रखता है। खाने में मोटे अनाज की आदत डालें। डॉक्टर संदीप ने जल शक्ति के बारे में भी किसानों को जागरूक किया। कृषि अधिकारी डॉक्टर विकास ने किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे मे बताया तथा इसे अपनाने के लिए जागरूक किया। इस अवसर पर अरविन्द एटीएम, राहुल सुपरवाइजऱ, शंकर सुपरवाइजऱ, बंसीलाल सुपरवाइजऱ, फील्डमैन प्रवेशराज व सतीश मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 09: गुढ़ा में किसानों को जानकारी देते हुए कृषि विभाग के अधिकारी।
हृदय, नेत्र रोग एवं सामान्य रोग चिकित्सा का 63वां शिविर 11 जून को
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कनीना की आवाज। कनीना अनाज मंडी स्थित लाला शिवलाल धर्मशाला में सेवा भारती हरियाणा प्रदेश शाखा कनीना की ओर से 63वां हृदय, नेत्र रोग, जांच एवं परामर्श शिविर 11 जून को आयोजित किया जाएगा। इस मौके डा अश्विनी यादव हृदय रोग तथा डा. सोनू नेत्र रोग विशेषज्ञ उपस्थित रहेंगे।
विस्तृत जानकारी देते हुए सेवा भारती के योगेश अग्रवाल ने बताया कि इस मौके पर इसीजी, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर एवं बीपी आदि की जांच की जाएगी। वही हृदय रोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ एवं सामान्य रोग विशेषज्ञ उपलब्ध रहेंगे। उल्लेखनीय की लंबे समय से सेवा भारती की ओर से इस प्रकार के कैंप आयोजित किए जा रहे हैं। अब तक 62 निशुल्क शिविर आयोजित किए जा चुके हैं जिसमें हजारों लोगों ने लाभ उठा लिया है। उन्होंने बताया कि सेवा भारती लगातार जन सेवा में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि प्राय हृदय रोगों की जांच उन लोगों को करवानी चाहिए जिनकी सांस फूलती हो, अत्यधिक मोटापा, अत्यधिक पसीना आता हो, उम्र 40 वर्ष से अधिक हो, तंबाकू-धूम्रपान सेवन करने वाले, रक्तचाप से पीडि़त, अत्यधिक घबराहट बेचैनी, हृदय संबंधित पारिवारिक रोग प्रवृत्ति, आलसी जीवन शैली वाले जरूर इस शिविर का में जांच करवाएं। उन्होंने बताया कि यह शिविर हर माह के दूसरे रविवार को आयोजित होता है।
उन्होंने बताया कि सेवा भारती की शाखा कनीना के सौजन्य में आर्य समाज मंदिर में प्रतिदिन शाम 4 से 5:30 बजे तक निशुल्क प्राथमिक चिकित्सा केंद्र व महिला सिलाई केंद्र चलता है।
रिस्पांसिबल सिटी बनाने के लिए खरीदे गए लाखों रुपये के ई-टायलेट ने एक दिन भी नहीं किया काम
-5 वर्ष बीत जाने पर भी खड़े हैं सफेद हाथी की तरह
-की जानी चाहिए सघन जांच, बार-बार विभिन्न अवसरों पर होती हैं चर्चाएं
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कनीना की आवाज। यूं तो कनीना को रिस्पांसिबल सिटी बनाने में 2018 में सार्थक प्रयास किए गए थे तथा कनीना को ई-टायलेट, इको फ्रेंडली टायलेट तथा आधुनिक दर्जे के डस्टबिन लगाकर कनीना को साफ सुथरा बनाने का प्रयास किया गया था जिसके चलते इसका नाम क्लीन सिटी भी रखा गया था। परंतु कनीना को रिस्पांसिबिलिटी बनाने के लिए लाखों रुपए के खरीदे गए ई-टायलेट खरीदे जाने के बाद से आज तक बंद पड़े हैं। कनीना के विभिन्न स्थानों पर ई टायलेट तथा इको फ्रेंडली टायलेट लगे हैं जिनकी संख्या 12 हैं, ये इस बात को सोच कर कि आम आदमी और राहगीरों को लाभ होगा, स्थापित तो कर दिये किंतु आज तक इनके ऊपर न तो पानी की टंकी रखी गई है और न ही बिजली के कनेक्शन से जुड़े हुए हैं।
हकीकत यह है कि ई-टायलेट को लगातार बिजली आपूर्ति की जरूरत होती है। अत्याधुनिक की टायलेट बड़े-बड़े शहरों में काम आ सकते हैं प्रत्येक ई-टायलेट की कीमत करीब 5 लाख रुपये है। अकेले कनीना में ही ई-टायलेट खरीदे गए थे। ऐसे टायलेट शायद हरियाणा में कहीं नहीं मिलेंगे। इसी प्रकार की करीब 25 लाख रुपये की शवदाह मशीन खरीद कर स्थापित की गई किंतु चार वर्षों तक खड़ी रही। आखिरकार कनीना क्षेत्र के युवा इंजीनियरों ने इसे शुरू कर दिया है किंतु इसको साल में दो-तीन शवों को ही जलाने में काम में ले रहे हें।
ई-टायलेट की सबसे बड़ी खूबी है कि जब तक अंदर कोई व्यक्ति होगा तब तक दूसरा व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता। इसमें सेंसर लगे होते हैं, जब कोई नहीं अंदर कोई नहीं होगा तो दूसरे व्यक्ति के लिए द्वार खुल पाएगा। आश्चर्य है कि करीब तीस लाख रुपये की लागत से बनाए गए थे ई-टायलेट आज तक नकारा पड़े हैं।
बार-बार उठती रही है अंगुली-
वर्ष 2018 में तत्कालीन एसडीएम संदीप सिंह के वक्त कनीना को साफ सुथरा रिस्पांसिबल सिटी बनाने के लिए 6 ई- टायलेट और 6 इको फ्रेंडली टायलेट खरीदे गए थे और कनीना के विभिन्न स्थानों पर स्थापित किए गए थे जो आज भी खड़े हुए हैं। ई-टॉयलेट पर इतनी भारी-भरकम राशि खर्च करके भी एक दिन भी काम नहीं करना भ्रष्टाचार को इंगित करता है। आखिरकार जब काम नहीं आने थे, जिनके लिए लगातार बिजली आपूर्ति और पानी आपूर्ति की जरूरत होती है क्यों खरीदे गए? खरीदे भी गए तो इनको कम से कम एक बार शुरू करवाना चाहिए था ताकि कनीनावासियों के खर्च किये गये 30 लाख रुपये का एक बार तो आनंद मिलता। ई-टायलेट से अब जगह स्थायी रूप से रुक गई है वही इनको देखकर आम आदमी के दिमाग में एक ही बात उठती है कि आखिर टॉयलेट क्यों खरीदे गए थे? एसडीएम की अच्छी सोच ही कनीना के लिए बेकार साबित हुई।
कनीना मंडी के शिव कुमार अग्रवाल ने बार-बार रेलवे स्टेशन के पास खड़े किए गए ई-टायलेट के ताला हटवाने की मांग की है। आरटीआई भी लगाई है किंतु परिणाम सुनने रहा क्योंकि इस टायलेट ने एक दिन भी काम नहीं किया। शिव कुमार अग्रवाल ने बताया कि राशि खर्च करके भी ये ई- टायलेट कोई काम नहीं आए। यही वजह है कि बार-बार पत्र भेजकर आरटीआई से जवाब मांगा परंतु आज तक ताला लगा हुआ ई-टॉयलेट खड़ा हुआ है।
उधर उधर प्रदीप कुमार भडफ़ निवासी ने बताया की ई-टायलेट को लेकर बार-बार विधायक और एसडीएम से मिले हैं। आरटीआई के जरिये भी जानकारी मिली है। उनका कहना है कि ई-टायलेट एवं फ्रेंडली टायलेट पर 49 लाख रुपये के करीब खर्च आया किंतु काम नहीं आये। उनका कहना है कि ई-टायलेट की अलग-अलग राशि पेमेंट के रूप में की गई है। प्रदीप कुमार बार-बार उच्च अधिकारियों से इस संबंध में मिले हैं और इनको शुरू करवाने की भी गुहार लगा चुके हैं किंतु 5 वर्ष बीत चुके हैं किंतु अभी अभी तक ये शुरू नहीं हो पाए हैं और ना ही भविष्य में शुरू होने की संभावना है। यही कारण है कि अब इन पर भ्रष्टाचार की बू स्पष्ट नजर आने लगी है। जब कनीना वासियों के लिए जहां सामान्य टायलेट होने चाहिए वहां इतने हाई दर्जे के टायलेट आखिरकार क्यों खरीदे गए?
कनीना में 6 इको फ्रेंडली टॉयलेट भी लगे हैं। 6 इको फ्रेंडली टायलेट भी वर्ष 2018 में ई-टायलेट के साथ ही लगाए गए थे जिनमें से दो उखड़ भी चुके हैं। वही इको फ्रेंडली टायलेट अधिक कारगर नहीं है। प्रत्येक की कीमत करीब एक लाख रुपये है। इनमें लघुशंका के बाद हाथ साफ करने के लिए पानी तक का भी प्रावधान नहीं किया है। बहुत कम लोग इनका उपयोग कर रहे हैं और बार-बार यही चर्चा उठे हो रही है कि आखिरकार इको फ्रेंडली टॉयलेट की बजाए सामान्य टायलेट बना दिए जाते तो इतना ही खर्चा नहीं आता और अधिक कारगर साबित होते। वर्तमान में इको फ्रेंडली टॉयलेट नकारा बने हुए हैं। इनसे बदबू फैलती रहती है।
क्या करते पालिका प्रधान -कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि उनके कार्यकाल शुरू होने से पहले ये खरीदे जा चुके थे। इनको ठीक करवाने के लिए नगरपालिका के इलेक्ट्रीशियन विद्यानंद को भी कहा गया। उन्होंने भी प्रयास किया, कई बार उच्चाधिकारियों को भी इस संबंध में पत्र लिखे किंतु परिणाम शून्य रहा है। उनका भी मानना है कि ये ई-टायलेट आज तक एक दिन भी काम नहीं आये हैं और यह कनीना के लिए नुकसानदायक साबित हुये है। 30 लाख के करीब अकेले ही ई-टॉयलेट पर खर्च हुये हैं। उनका कहना है कि बार-बार इनका ठीक करवाने का प्रयास किया उनके मैकेनिक भी दिल्ली से आते थे परंतु उन्होंने भी इनको ठीक नहीं कर पाये।
एसडीएम पर टिकी है नजरें-
14 जून के बाद एसडीएम कनीना सुरेंद्र सिंह कनीना प्रशासनिक तौर पर कार्य करेंगे। अब उन पर कनीनावासियों की नजरें टिकी है। उन्हें विश्वास है कि ई-टॉयलेट उनके जरिए ठीक हो पाएंगे। यदि ऐसा हो पाता है तो विशेषकर महिलाओं को तथा राहगीरों को जन सुविधा उपलब्ध हो पाएगी। यह भी कि माना जा रहा है कि प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम की देखरेख में भारी विकास कार्य कनीना में हो पाएंगे। वैसे भी अभी तक कनीना में विकास कार्यों के लिए 10.5 करोड़ रुपये पहले से ही आये हुए हैं।
कहां से खरीदे गये थे ई-टॉयलेट -
ये ई-टायलेट केरल की एक कंपनी द्वारा सप्लाई किए हुए है। अधिकांश की टॉयलेट जनवरी 2018 से अप्रैल 2018 तक खरीदे हुए हैं।
कहां कहां स्थापित हें-
ई-टायलेट कनीना में बीडीपीओ कार्यालय, पुलिस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, पशु अस्पताल, उप नागरिक अस्पताल समक्ष आदि स्थानों पर खड़े हुये हैं।
फोटो कैप्शन 6: इको फ्रेंडली टायलेट
07: ई-टायलेट कनीना में स्थापित।
साथ में पालिका प्रधान सतीश जेलदार
गाहड़ा में कथा वाचन
-श्रीमद भागवत कथा का कलश यात्रा के साथ शुभारंभ, श्रद्धालुओं ने लिया कथा का आनंद
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कनीना की आवाज। उप मंडल के गांव गाहड़ा में श्रीमद् भागवत कथा का कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुआ। शिव मंदिर परिसर से बैंडबाजे और संगीत के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा गांव के मुख्य मार्गों से गुजरती हुई जोहड़ पर शिवजी मंदिर पहुंची। जहां पंडित सुरेश चन्द्र शर्मा व विद्या देवी ने भागवत की पूजा अर्चना की और पूजन के बाद कलश की स्थापना की गई। सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का समापन 14 जुलाई को किया जाएगा। इस दौरान पर कथा व्यास आचार्य सत्येंद्र शास्त्री ने अपने प्रवचनों में उपस्थित श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत पुराण की जानकारी देते हुए कहा कि श्रीमद्भगवत कथा का श्रवण करने से मानव जीवन में एक जन्म नहीं अपितु हमारे कई जन्मों के पापों का नाश होने के साथ ही हमारे शुभ कर्मों का उदय होता है। इसको सुनने मात्र से जीव जन्म और मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि नारद जी ने भक्ति देवी के कष्ट की निवृत्ति के लिए श्रीमद् भागवत कथा का साप्ताहिक अनुष्ठान किया था। जहां संत कुमारों ने भागवत का प्रवचन करते हुए नारद के मन का संशय दूर किया। इसी कथा को धुंधकारी प्रेत ने अपने अग्रज से श्रवण किया और प्रेत योनि से मुक्ति पाकर विष्णु लोक को प्राप्त हुए। कथा व्यास ने कहा कि भगवत श्रवण से जीव के सभी पाप कर्म मिट जाते हैं। अंत में सामूहिक आरती और प्रसाद वितरण किया गया। इस मौके पर सरपंच श्री पाल, देशराज, तेजेंद्र, मनोज कुमार, सोमबीर, बबलू, रणवीर सिंह, अंकुश शर्मा सहित अन्य श्रद्धालु मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 08: कलश यात्रा में महिलाएं शामिल होती
साइकिल रैली निकाल साइकिल चलाने पर दिया बल
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कनीना की आवाज। राजकीय महाविद्यालय नारनौल में पर्यावरण क्लब और योगा क्लब के सौजन्य से विश्व पर्यावरण सप्ताह और योग पखवाड़े के तहत स्वास्थ्य और पर्यावरण को स्वच्छ रखने हेतु साइकिल रैली अभियान का आयोजन प्राचार्य डॉ पूर्ण प्रभा की अध्यक्षता में किया गया। इस मौके पर महाविद्यालय प्राचार्या डॉ पूर्ण प्रभा ने विद्यार्थियों को बताया कि आज के भाग दौड़ की जिंदगी में उचित आहार बिहार और व्यवहार से अच्छा स्वास्थ्य को प्राप्त किया जा सकता है। आधुनिक युग में साइकिल चलाने से अच्छे स्वास्थ्य और स्वच्छ वातावरण को प्राप्त किया जा सकता है । रोजाना साइकिल चलाने से मानव शरीर फिट और तंदुरुस्त रहता है। साथ ही साथ बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार प्रतिदिन 30 मिनट साइकिल की सवारी हमारे शरीर में मौजूद इम्यून सेल को सक्रिय करती है, जिससे बीमार होने का खतरा कम हो जाता है। साइकिल की सवारी करना ना सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। रोजाना साइकिल की सवारी करने से मस्तिष्क अधिक सक्रिय रहता है, सोचने समझने की क्षमता बढ़ती है, साथ ही ये तनाव को भी कम करती है।पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि साइकिल चलाने से हमारा पर्यावरण प्रदूषण बहुत ही कम हो जाता है। हमें अपने जीवन में साईकिल चलाना शुमार करना चाहिए और लोगों को साइकिल चलाने के लिए प्रेरित करना चाहिए अगर लोग साइकिल चलाएंगे तो वह स्वस्थ रहेंगे। वर्तमान समय में एक तरफ जहां पेट्रोल, डीजल की कीमत आसमान छू रही है तो दूसरी तरफ उनके ज्यादा इस्तेमाल से वातावरण को क्षति पहुंचती है। तमाम गाडियां रोड पर चलते हुए नुकसान दायक जहरीली गैस छोड़ती हैं। जिसकी वजह से हमारे पर्यावरण को हानि पहुंचती है। ऐसे में साइकिल का उपयोग एनवायरनमेंटल इको फ्रेंडली साबित होता है। अधिक जरूरी होने पर ही व्हीकल का इस्तेमाल होने पर हम अपनी धरती को प्रदूषण से छुटकारा पाने में मदद कर सकते हैं। इस मौके पर महाविद्यालय उप प्राचार्य डॉ जगजीत सिंह मोर, एनसीसी अधिकारी डॉ मीना, डॉ भारत भूषण ,एनएसएस अधिकारी डॉ सत्य पाल सुलोदिया, डॉ पलक, डॉ सुभाष, और समस्त स्टाफ सदस्यों व सैकड़ों विद्यार्थियों ने इस स्वास्थ्य जागरूकता रैली में हिस्सा लिया।
फोटो कैप्शन 04: साइकिल रैली।
युवा अखाड़े में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का परिचय वर्ग आयोजित
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कनीना की आवाज। डिगरोता में युवा अखाड़े में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का परिचय वर्ग आयोजित हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग के प्रचार प्रमुख कैलाश पाली उपस्थित रहे,इसके साथ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला बाल कार्य प्रमुख अभिषेक जी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ () की स्थापना डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने सन् 1925 में विजयदशमी के दिन की। रा. स्व. संघ आज देश का ही नहीं अपितु विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन है। हिंदू वही है जो इस देश को अपनी मातृभूमि मानता है यहां की संस्कृति को अपनी संस्कृति मानता है वह कोई भाषा बोले कोई वेशभूषा पहने यदि वह भारत मां को मां मानता है वह हिंदू है इस देश का इतिहास को वह अपना इतिहास मानता है अपने इतिहास पर गर्व करता है वंदे मातरम कहने में गर्व की अनुभूति करता है वही इस मातृभूमि का सच्चा रक्षक है परन्तु फिर भी, जो लोग अभी उसके प्रत्यक्ष या परोक्ष सम्पर्क में नहीं आये हैं, उन्हें उसके बारे में वास्तविक जानकारी अधिक नहीं है। अनेक लोगों के मन में तो कुछ भ्रम भी संघ के बारे में फैले हुए हैं। इसके दो कारण हैं : एक, संघ की कार्य-पद्धति प्रचार और जनान्दोलन की न होकर व्यक्ति-व्यक्ति को, एक-एक करके, व्यक्तिगत सम्पक और मित्रता के द्वारा होने वाली सहज-स्वाभाविक जानकारी के साथ संगठन से जोडऩे की रही है। इससे संगठन से जुडऩे या उसके सम्पर्क में आने वाले व्यक्ति ही उसे भली भाँति जान पाते थे। दूसरे, संघ के सदस्यों की निरन्तर बढ़ती संख्या को देखकर उसकी शक्ति को अपने लिए सम्भावित संकट मानने वाले राजनीतिक लोग जानबूझकर उसके बारे में अनेक असत्य बातें गढ़कर विरोध-अभियान चलाते रहे। जिससे संघ के बारे में भ्रामक स्थिति बनी। इसलिए जनसामान्य को वास्तविकता का पता तभी चलता था जब वे इस संगठन को निकट से देखते या इसके सम्पर्क में आते थे। इसके अतिरिक्त प्राकृतिक एवं अन्य आपदाओं के समय स्वयंसेवकों द्वारा किये जाने वाले सेवाकार्य भी लोगों की दृष्टि में आते हैं। इन सब बातों से संघ के विरोध में फैलाया गया भ्रम कम होता जा रहा है और उसके साथ ही संघ के बारे में लोगों की जिज्ञासा बढ़ रही है। अब संघ से अनभिज्ञ लोग भी यह जानना चाहते हैं कि संघ वास्तव में क्या है जो आज यह राष्ट्र की बहुत बड़ी सृजनात्मक शक्ति बनकर सामने खड़ा है।
इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक धर्मपाल कोच ,प्रेम कुमार,नवीन, राहुल, कृष्ण, रवि, ललित,सुनील,प्रीतम,गाँव के अनेक युवा उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 5: साथ है।
लू और तपती धूप में 88वें दिन जारी रहा धरना
-मांग को सिरे न चढ़ाने का रोष
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर सेहलंग एवं बाघोत गांवों के बीच कट छोडऩे की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना 88वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता नरेंद्र कुमार शास्त्री छितरोली ने की।
धरना कमेटी के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन नौताना ने बताया कि धरने को 88 दिन हो बीत चले हैं। गर्मी बढ़ गई है, बुजुर्ग बीमार पड़ रहे हैं, बुजुर्गों की पीड़ा को देखते हुए सरकार को अविलंब इस मांग को पूरा करते हुए काम शुरू कर देना चाहिए। जब तक काम शुरू नहीं होता तब तक धरना जारी रहेगा।
कट के लिए धरने को कई गणमान्य जनों ने आकर समर्थन दिया और सरकार से मांग की कि बाघोत -सेहलंग कट का काम जल्द शुरू करवाएं। यादव सभा महेंद्रगढ़ के प्रधान अभय राम यादव, सीगड़ा, उप प्रधान संजय राव-रिवासा, खजांची जगदीश बाबू पाएगा, रामस्वरूप बोहरा, सूबे सिंह, बाबू मलखान सिंह धरना स्थल पर पहुंचे और संघर्ष समिति को तन मन धन से अपना समर्थन दिया। प्रधान ने बताया कि आप की मांग जायज है।
इस मौके पर पीरु राम, राम भक्त, चंद्रभान, डा सुरेंद्र सिंह, पूर्व सरपंच सतवीर सिंह नोसवा, अशोक कुमार, दाताराम, पहलवान धर्मपाल, पंडित मांगेराम, सीताराम, पवन, सतनारायण, रघुवीर पंच ,हंस कुमार, श्रीभगवान, चेयरमैन सतपाल, मातादीन पंच एवं विभिन्न गांवों के लोग मौके पर उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: कट के लिए धरने पर बैठे लोग।
गंदगी और विलायती कीकर से ढका हुआ है कनीना बस स्टैंड परिसर
-जल्द ही बनेगा नया बस स्टैंड -जीएम
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कनीना की आवाज। कनीना के वर्तमान बस स्टैंड का उद्घाटन 22 दिसंबर 1974 को हरियाणा राज्य के विकास एवं परिवहन मंत्री कर्नल महा सिंह ने किया था, तत्पश्चात बस स्टैंड का नया भाग निर्मित किया गया जिसका उद्घाटन कर्नल राम सिंह परिवहन मंत्री हरियाणा ने चार जून 1983 को किया था। किंतु बस स्टैंड परिसर के पूर्व दिशा में महेश 800 मीटर दूरी पर संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ, खाटू श्याम मंदिर तथा दर्जनों अन्य धार्मिक स्थल बने हुये हैं। दोनों के बीच की दूरी में विलायती कीकर और गंदगी भरी हुई है। आसपास के दुकानदार भारी मात्रा में कूड़ा कचरा डाल देते है। मलमूत्र त्यागने के लिए इन विलायती कीकरों का सहारा लिया जाता है, वही आवारा प्रकार के जीव जंतु और सुअर यहां मंडराते रहते हैं। सबसे बड़ी बात है कि धार्मिक स्थान और बस स्टैंड के बीच में विलायती कीकर के बीच गंदा पानी भरा हुआ है। बार-बार इस गंदगी को साफ करने की मांग उठती रही है। एक बार तो नगरपालिका ने भी इसकी सफाई करने में मदद की थी। यदि बस स्टैंड परिसर का संपूर्ण परिसर साफ सुथरा बन जाए और विलायती कीकर हटा दी जाए तो संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ आश्रम तक सीधे ही पहुंचा जा सकेगा। वर्तमान में घूमकर जाना पड़ता है। बीच में जहां पक्का तालाब भी है जहां लोग दिनभर स्नान करते हैं। गंदगी के कारण मक्खी मच्छर पनपते हैं, बदबू फैलती तथा धुआं उड़ती रहती है। इसी गंदगी में लोग मलमूत्र त्यागते हैं। बस स्टैंड के पूर्व में सामने बस स्टैंड की दीवार दो बार बनवाई जा चुकी है जिसे कूड़ा डालने वालों ने तोड़ डाला है ताकि अंदर कूड़ा डाला जा सके। वैसे भी कनीना बस स्टैंड परिसर साफ सुथरा नहीं है, पुराना होने के कारण जर्जर हालात में है। बसें खड़ी करने के लिए 5 प्लेटफार्म है तथा यहां से विभिन्न मार्गों जैसे दिल्ली, नारनौल, अटेली, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, रोहतक, कोसली, भिवानी, गुडग़ांव आदि स्थानों तक पहुंचने के मार्ग बने हुए हैं। बस स्टैंड की पुरानी जर्जर हालात को देखते हुए तथा उपमंडल होते हुए भी कनीना का बस स्टैंड बेहतरीन नहीं है किंतु निकट भविष्य में दिन बदलने वाले हैं।
इस इस गंदगी को मिटाने के बारे में पालिका प्रधान सतीश जेलदार से बात हुई तो उन्होंने कहा कि उनका क्षेत्राधिकार नहीं है। संत शिरोमणि मोलडऩाथ आश्रम तक उनका क्षेत्र है।
लोगों की मांग -क्षेत्र के लोगों की मांग है पुरुष और महिला शौचालय साफ-सुथरे नये बनाए जाए ताकि बस स्टैंड से विभिन्न मार्गों पर जाने वाले यात्री लाभ उठा सके। वर्तमान में बस स्टैंड पर उतरने वाले यात्री झाड़ झंखाड़ का सहारा लेने को मजबूर है। बस स्टैंड परिसर विशालकाय है तथा यहां पर यहां से विभिन्न मार्गों की बसें भी चलाई जा सकती है। इनकी बार-बार मांग उठ रही है। अभी तक रोहतक एवं चंडीगढ़ की बसें उपलब्ध नहीं है। कम से कम 3 बजे चंडीगढ़ के लिए चलाई जाने की मांग है वही रेलवे सारणी भी यहां लगानी चाहिए। बस स्टैंड की समय सारणी को पुन: लिखा जाना चाहिए।
गंदगी से यात्री बेहद परेशान है। इनकी मांग है कि कनीना एक रेस्पांसिबल सिटी है, इसका बस स्टैंड उपमंडल स्तरीय होना चाहिए।
क्या कहते जीएम रोडवेज-
जीएम रोडवेज नवीन कुमार ने फोन पर बताया की पुराना बस स्टैंड जर्जर हालात में हो चुका है। इसे जल्द ही कंडम घोषित कर दिया जाएगा तथा सरकार के पास नये बस स्टैंड बनाने के लिए 12.50 लाख रुपए का अनुदान आना बाकी है। जिस दिन अनुदान आ जाएगा तभी यहां नया बस स्टैंड बन जाएगा, संपूर्ण गंदगी और विलायती कीकर वगैरह हटाकर नए बस स्टैंड का निर्माण किया जाएगा किंतु बस स्टैंड की स्थिति आने वाले समय में ही पता लग पाएगी। बरहाल उन्होंने कहा कि जल्द ही अनुदान सरकार से पास होकर आने वाला है। उसके बाद उसके बाद टेंडर छोड़ दिए जाएंगे और नए बस स्टैंड कनीना का निर्माण होगा जिसमें सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी तथा गंदगी समाप्त कर दी जाएगी।
कैप्शन फोटो कैप्शन दो: कनीना का वर्तमान बस स्टैंड जर्जर हालात में ।
03: बस स्टैंड के परिसर में विलायती कीकर और गंदगी का साम्राज्य।
जुआ खेलते हुए चार व्यक्ति गिरफ्तार
-8530 रुपये एवं ताश के पत्ते बरामद
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कनीना की आवाज। कनीना पुलिस को मुखबिर के आधार पर सूचना मिली कि सीहोर में राजेंद्र नामक व्यक्ति के मकान में कुछ व्यक्ति पैसा लगाकर जुआ/ताश खेल रहे हैं। पुलिस ने तुरंत प्रभाव से सीहारे में रेड की।
सीहोर में राजेंद्र के मकान में बनी बैठक के दरवाजे के नजदीक छुपकर पुलिस ने सुना कि एक व्यक्ति ने कहा कि 500 रुपये की चाल, दूसरे ने एक हजार रुपये की चाल तो तीसरे ने 1500 रुपये की चाल चली। जब पुलिस बैठक के अंदर पहुंची तो पैसे फेंक दिए तथा पुलिस को देखकर भागने लगे। पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया जिनसे 8530 रुपये और 52 पत्ते ताश के बरामद कर लिए। जुआ खेलते गिरफ्तार व्यक्तियों में राजेंद्र, हेमंत कुमार, शुक्रमपाल एवं पवन कुमार सीहोर प्रमुख हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
नौकरी लगाने का खेल
-19 बेरोजगारों से सवा करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की
- पुलिस ने किया मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। विभिन्न विभागों में नौकरी लगवाने के नाम पर 19 विभिन्न युवा बेरोजगारों से करीब सवा करोड़ रुपये की राशी कुछ लोगों ने धोखाधड़ी कर ली। खैराना निवासी शोकरण द्वारा कनीना पुलिस में मामला दर्ज करवाया है।
श्योकरण खैराणा निवासी ने पुलिस में दी शिकायत मेें कहा है कि मेरे 2 लड़के और 3 पौत्र हैं। बड़ा लड़का रणधीर खेती बाड़ी का काम करता है छोटा लड़का सुधीर आर्मी में लगा हुआ है। इसकी पोस्टिंग वेस्ट बंगाल में है।
रामकिशन गांव बावड़ा, फरुखनगर, गुरुग्राम ने करीब 7 वर्ष पहले प्रार्थी की जमीन के नजदीक जमीन खरीदी थी। रामकिशन अपनी जमीन को काश्त करने के लिए श्योकरण को देता चला आ रहा था जिसके कारण अच्छी उठ बैठ एवं विश्वास बना हुआ था।
अक्टूबर 2022 रामकिशन ने श्योकरण के पौते को नौकरी में लगवाने की बात कही और कहा कि उनकी अच्छी जान पहचान है, जो पैसे लेकर अलग-अलग विभागों में नौकरी लगवाते हैंं। श्योकरण ने अपने पोते अमित को नौकरी लगवाने के लिए कहा जो रामकिशन ने 18 लाख रुपये में हेड कांस्टेबल दिल्ली पुलिस में लगाने की बात तय हुई। जिसकी आधी पेमेंट नौकरी लगने से पहले तथा आधी पेमेंट नौकरी में लगने के बाद में तय किया गया। श्योकरण ने नौ लाख रुपये आनलाइन पेमेंट भेज दी। अमित को 15 अक्टूबर 2022 मंदसौर, मध्यप्रदेश के होटल हर्षल प्लेस में बुलाया गया। रामकिशन ने बताया कि बताया कि वहां मेरा आदमी मिलेगा साथ में एक मोबाइल नंबर देते हुए कहा कि इस मोबाइल नंबर पर बात कर लेना। होटल में पीडि़त के पोते को अनिल चौहान मिला जो अपने आपको एएसआई बतला रहा था, जिसने पेपर की आंसर की तथा कुछ दस्तावेज, प्रश्न पत्र बाबत दिए। 17 अक्टूबर 22 को पीडि़त के पोते का एक परीक्षा कोटा राजस्थान में शिव ज्योति इंटरनेशनल स्कूल में संपन्न हुई। 19 अक्टूबर को अनिल चौहान जो अपने आपको एएसआई राजस्थान पुलिस में बतलाता था घर पर आया। उस समय पीडि़त का लड़का भी आर्मी से घर पर छुट्टी आया हुआ था। अनिल चौहान ने लड़के को कहा कि मैं अलग-अलग विभागों के पैसे लेकर नौकरी लगवाता हूं, साथ मेें यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस वाले बड़े बड़े अधिकारियों के साथ अच्छी पहचान है। एसएससी व केंद्र सचिवालय के उच्च अधिकारियों से अच्छे संबंध है। सभी पैसे लेकर नौकरी लगवाने का कार्य करते हैं। पीडि़त के लड़के ने उस पर विश्वास कर लिया और मिलने वाले व रिश्तेदारों को लड़कों को नौकरी लगवाने के लिए अनिल कुमार चौहान को बतलाया तो उसने कहा कि सभी को अलग-अलग विभागों में नौकरी लगवा दूंगा। 19 बेरोजगार लड़कों को नौकरी लगवाने के नाम पर अलग-अलग खातों से आनलाइन नकद पैसे ले ले डाले जिनमें शुभम सिरसी जयपुर को दिल्ली पुलिस में लगाने के लिए 6 लाख रुपये, विकास मुसेपुर रेवाड़ी को दिल्ली पुलिस में लगवाने के लिए पांच लाख रुपये लिए, इसी प्रकार सचिन बीरणवास, बहरोड राजस्थान को दिल्ली पुलिस में लगवाने के लिए 5.95 लाख रुपये, विकास चंद्रपुरा अटेली को दिल्ली पुलिस में लगवाने के नाम पर पांच लाख रुपये, इसी प्रकार सचिन दरियाव सिंह आजमगढ़ नारनौल से आठ लाख रुपये दिल्ली पुलिस में लगवाने के नाम पर ले लिये। जितेंद्र बेवल को एलडीसी क्लर्क लगवाने के नाम पर सात लाख रुपये, इसी प्रकार सुमित बद्दोपुर नांगल चौधरी के दो सगे भाइयों से 15 लाख रुपये एलडीसी क्लर्क में लगवाने के लिए, सचिन राजपुरा, अटेली को एलडीसी क्लर्क लगवाने के नाम पर 9.31 लाख रुपये, सुमित खैराना से डीआरडीओ के नाम पर 5 लाख रुपये, भूपेंद्र खैराना को डीआरडीए लगवाने के लिए 4.85 लाख रुपये, प्रवीण खैराणा को डीआरडीओ में लगवाने के लिए 4.35 लाख रुपये, पुष्पेंद्र खैराना को डीआरडीओ में लगवाने के नाम पर 5.2 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली।
साथ में रवि बड़सी, हांसी को डीआरडीओ में लगवाने के लिए 5 लाख रुपये, सचिन पायरोली को डीआरडीओ में लगवाने के लिए 4.5 लाख रुपये, हेमंत बाला अहीर को डीआरडीओ में लगवाने के नाम पर 7 लाख रुपये, अभिषेक को सीएचएसएल सेल में लगवाने के नाम पर 9.30 लाख रुपये, अक्षय आजमनगर सिहार को सीजीएल में सब इंस्पेक्टर लगवाने के नाम पर 20 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली। पीडि़त ने बताया कि अलग-अलग खातों में अलग-अलग फर्म के नाम से पैसे डलवाए हैं। उसने कहा है कि यह बड़ी गैंग बनाई हुई है जो बेरोजगार लोगों को नौकरी लगवाने के लिए झांसा देकर पैसे ऐंठने का काम करती है। पीडि़त ने बताय कि अनिल चौहान आसलवास सुरजगढ़, झुंझुनू, राजस्थान व उसकी पत्नी आनंद कंवर व अन्य सोनू मेघवाल के विरुद्ध बुहाना जिला झुंझुनू राजस्थान में 6 फरवरी 2023 को मामला दर्ज है। इसी प्रकार 18 जनवरी 2023 को जयपुर शहर में भी मुकदमा अनिल व अन्य के विरुद्ध दर्ज है। पीडि़त ने कहा कि यह लोग भर्ती का लालच देकर गरीब लोगों से पैसे ऐेंठते है। शिकायतकर्ता ने कहा कि उसके पोते के साथ तथा अन्य 18 बेरोजगारों से कुल एक करोड़ 27 लाख 48 हजार 700 रुपये नौकरी लगवाने के नाम पर ऐंठ लिए है। ये व्यक्ति धोखाधड़ी करते हैं। उनके विरुद्ध मामला दर्ज करने की मांग की। जिसके चलते पुलिस ने 3 लोगों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है जांच जारी है। उल्लेखनीय है कि यदि सघन जांच की जाए तो बहुत से ऐसे अन्य मामले भी सामने आ सकते हैं।
क्या कहते हैं थाना प्रभारी-
कृपाल सिंह सदर थाना प्रभारी कनीना ने बताया बताया कि खैराणा के श्योकरण ने एक शिकायत दी थी कि उसके साथ नौकरी लगाए जाने के बाबत धोखाधड़ी की गई है। इस मामले में दो व्यक्ति कांस्टेबल अनिल सिंह चौहान तथा तथा रामकिशन है। इस शिकायत की इकोनामिक सेल ने जांच की तथा सभी तथ्य सही पाये गये जिसके चलते उन्होंने अभियोग दर्ज करने की सिफारिश की थी और अभियोग दर्ज कर लिया है। अब तफ्तीश जारी है जिसके खिलाफ जो सबूत आएंगे उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं श्योकरण-
खैराणा के श्योकरण ने बताया कि उनकी जानकारी में तो इतने ही केस हैं किंतु सघन जांच की जाए तो और भी मामले सामने आएंगे।
पालिका प्रधान पद पर
टिकी हैं सभी की नजरें
-महिला और पुरुष प्रधान पद के आतुर, होंगे 14 वार्ड
-पार्षद पद के हैं कम दावेदार, चुनाव 2024 में होने की संभावना
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कनीना की आवाज। पालिका प्रधान पद पर टिकी हैं सभी की नजरें। महिला और पुरुष प्रधान पद के आतुर हैं। पार्षद पद के हैं कम दावेदार हैं। पालिका के चुनाव वर्ष 2024 में होने की संभावना है।
चुनाव लडऩा चाहने वाले लोग किसी प्रकार पीछे हटने वाले नहीं। यदि प्रधान पद के लिए उनके परिवार से वो स्वयं या परिवार से महिला आदि चुनाव लड़ सकते हैं। वैसे भी पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे वाले अभी तक बहुत कम लोग आगे आ रहे हैं क्योंकि प्रधान की शक्ति इस बार अधिक हो गई है, उसका चुनाव सीधा होने की वजह से उसे पार्षदों का काम कम हो गया है भविष्य में प्रधान बनने के बाद किसी प्रस्ताव को पारित करते समय इन पार्षदों की जरूरत हो सकती है। ऐसे में बड़ा और सशक्त पद प्रधान का बना दिया गया है जिसको लेकर के दर्जनों लोग तैयार हैं। यह सत्य है कि चुनाव लडऩे वाले अब अपनी मां, बहन, बेटी या पत्नी को चुनाव लड़ा सकते हैं, स्वयं भी पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे के लिए तैयार हो रहे हैं। कनीना के पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे वाले महेश बोहरा एक है। उनके पिता राव सत्यवीर बोहरा भी पार्षद रह चुके हैं। अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए पार्षद पद के चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं क्योंकि उन्होंने तो कभी से ही पार्षद पद के की घोषणा की है और पालिका प्रधान बनने की इच्छा नहीं रही की? विजय चेयरमैन भी पार्षद पद के चुनावों के लिए तैयार हैं। बहरहाल अभी चुनाव होते नजर नहीं आ रहे हैं क्योंकि जून महीना बाकी है। यदि चुनाव दिसंबर 2023 तक होने की संभावना है। अब सभी की नजरें इन चुनावों पर टिकी हुई हैं।
कनीना नगर पालिका चुनावों पर टिकी हैं नजरें---
कनीना पालिका 1952 से चली आ रही है। कनीना नगर पालिका के समय-समय पर अनेक प्रधान रह चुके हैं। सबसे अधिक समय तक पूर्व प्रधान मा. दलीप सिंह एवं उनके पिता स्व. चौ. बलबीर सिंह पालिका में प्रधान रह चुके हैं।
इस बार पालिका प्रधान के चुनाव सीधे होने हैं। अब तक पालिका प्रधान बनते आए वह किसी के रहमों करम पर होते थे या पार्षदों पर निर्भर रहे हैं। सभी की नजरें चुनाव पर टिकी हुई है और बेहतर से बेहतर प्रत्याशी ढूंढने की तैयारियों में जुटे हुये हैं।
चुनाव लडऩे के दावेदार-
अभी तक पार्षद के चुनाव के लिए
1. महेश बोहरा दावेदारी जता रहे हैं। उधर
2. वार्ड चार से योगेश कुमार
3. वार्ड एक से विजय चेयरमैन चुनाव लड़ेंगे। इस बार चेयरमैन पद का चुनाव डायरेक्ट होगा। जिसके चलते इस बार चेयरमैन पद के लिए अधिक लोग तैयारी में जुटे हुए हैं।
प्रधान पद के लिए दावेदार--
1.कनीना के सज्जन सिंह बोहरा
2. कनीना के वर्तमान चेयरमैन सतीश जेलदार के पुत्र प्रीतम जोनू
3. मनोज कुमार रोहिल्ला वरिष्ठ पत्रकार
4. कनीना के वार्ड 12 का निवासी अमित नंबरदार
5. वार्ड 3 के निवासी राज सिंह
6. पूर्व प्रधान मा. दिलीप सिंह या उनके पुत्र दीपक चौधरी
7. पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा
8. एडवोकेट विनय यादव, एडवोकेट पंकज यादव, वर्तमान में
9. उप प्रधान पद पर आसीन अशोक ठेकेदार, मनीष पार्षद
10. सुमेर सिंह मैनेजर
बढऩे लगी है चुनावी चर्चाएं ---
दुकान हो या कोई चाय की दुकान, चुनावी चर्चा मिलने लगी है। विशेषकर जब से मतदाता सूचियों का प्रकाशन हुआ है तब से चुनावी गर्मी बढ़ती ही जा रही है। रातोंरात पार्षद और प्रधान पद के दावेदार ढूंढे जा रहे हैं। क्योंकि बहुत से लोग तो चुनाव तो लडऩा चाहते हैं किंतु आगे नहीं आना चाहते हैं वो ऐन मौके पर आगे आएंगे। ऐसे में चुनाव लडऩे वाले अंदर खाते मतदाताओं के मन को टटोल रहे हैं।
गर्मी और चुनावी गर्मी साथ--
एक और जहां गर्मी बढ़ती जा रही है वहीं चुनावी चर्चा बढऩे लगी है। कुछ तो ऐसे भी संभावित प्रत्याशी हंै जो किसी का आशीर्वाद पाने की चाहत लिए बैठे हैं तो कोई चुनाव लडऩे का इच्छुक किसी मंत्री, संतरी और सत्तापार्टी के नेताओं से आशीर्वाद पाकर वोट पाने के जुगाड़ में है। रातोंरात समीकरण बदल रहे हैं।
प्रधान पद जीतना तलवार की धार---
इस बार चुनाव जीतना आसान नजर नहीं आता। क्योंकि अब तक पार्षदों के सहारे नैया पार होती रही है किंतु इस बार प्रधान को पार्षद नहीं बनाएंगे। उन्हें तो सीधे ही वोट मिलेंगे।
समय लग सकता है चुनाव होने में-
नगर पालिका के चुनाव लडऩे वाले अंदर खाते मतदाताओं के मन को टटोल रहे हैं। यदि मतदाता उनको अच्छा रिस्पांस देते हैं तो भी अपने उम्मीदवारी पक्की समझ रहे हैं। अभी से ही मतदाताओं से वोट देने की हां या ना करवा रहे हैं। चुनावों में लग सकता है समय। ऐसे भी कहते सुने हैं कि मेरे लिए प्रधान पद के वोट दिलवा दो मैं तुम्हें पार्षद या तुम्हारे द्वारा अनुमोदित पार्षद को अपने क्षेत्र के वोट दिलवा दूंगा। तेजी से आपसी गठबंधन बनता जा रहा है और रातों-रात चुनाव लडऩे वाले आगे आ रहे हैं। 14 वार्डों में 14 पार्षद चुने जाने है लेकिन कुछ वार्डों में चुनाव लडऩे वाले मौन नजर आ रहे हैं।
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