Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**: May 2024

Friday, May 31, 2024


 ट्यूबवेल से 700 फीट केबल चोरी
-कनीना पुलिस ने किया मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना मंडल के गांव ककराला के किसान की ट्यूबवेल से 700 फीट मोटर की केबल चोरी हो गई। कनीना पुलिस में मनोज कुमार ने मामला दर्ज करवाते हुए कहा है कि 30 मई की रात को 700 फुट मोटर की केबल अज्ञात चोर चोरी कर ले गए। 31 मई को ट्यूबवेल पर जाकर देखा तो चोरी का पता लगा है। कनीना पुलिस ने अज्ञात चोरों के विरुद्ध मनोज कुमार की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।




नौतपा का सातवां दिन
-- हरियाणा एनसीआर दिल्ली पर लगातार भीषण आग उगलने वाली गर्मी का प्रहार
-- आज से आंशिक राहत मिलने के आसार
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कनीना की आवाज। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में पिछले एक पखवाड़े से भीषण गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं अपने तेवरों को प्रचंड किए हुए हैं मौसम विशेषज्ञ डॉ चंद्र मोहन ने बताया कि हरियाणा एनसीआर दिल्ली पर रेगिस्तानी हवाओं ने और सूर्य की चमकदार आग उगलने वाली किरणों से सम्पूर्ण इलाके में लगातार मौसम की चरम और विकट परिस्थितियां बनी हुई है। झुलसाने वाली भीषण गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं सम्पूर्ण इलाके पर अपने प्रचण्ड और उग्र तेवरों से आगाज़ किये हुए हैं। नौतपा का आज सातवें दिन भी लगातार आसमान से आग बरस रही है आज भी हरियाणा एनसीआर दिल्ली में सबसे ज्यादा दिन का तापमान 48.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जबकि सबसे ज्यादा रात्रि तापमान 32.0 नारनौल का रहा है। आज से हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा क्योंकि शुक्रवार रात्रि को एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा   हरियाणा एनसीआर दिल्ली में 1-3 जून के दौरान आंशिक बादल वाही और तेज़ गति से हवाएं 20-30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंधड़ चलने और कहीं-कहीं बिखराव वाली हल्की बूंदा-बांदी देखने को मिलेगी इसलिए भारतीय मौसम विभाग ने इस दौरान सम्पूर्ण इलाके पर येलो अलर्ट जारी कर दिया है हालांकि इस दौरान हरियाणा एनसीआर के केवल 25-50 त्न एरिया पर ही गतिविधियां देखने को मिलेगी क्योंकि यह कमजोर मौसम प्रणाली है हालांकि। इस मौसम प्रणाली की वजह से हरियाणा एनसीआर दिल्ली में आमजन को भीषण आग उगलने वाली गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं से राहत और तापमान में भी हल्की गिरावट देखने को मिलेगी। शुक्रवार को भी हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर रात्रि तापमान 24.0 डिग्री सेल्सियस से 32.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है ।जो सामान्य तापमान से अधिक बने हुए हैं। साथ ही साथ हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर दिन के तापमान 43.0 डिग्री सेल्सियस से 48.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। हालांकि हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर दिन के तापमान में आंशिक कमी जरूर आई है परन्तु अभी तापमान सामान्य से अधिक बने हुए हैं। जबकि जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ रात्रि तापमान क्रमश  32.0डिग्री सेल्सियस और 30.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जो सामान्य तापमान से 6.7 डिग्री सेल्सियस अधिक बने हुए हैं। साथ ही साथ जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ में दिन के तापमान क्रमश:  46.5 डिग्री सेल्सियस और 47.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। जो सामान्य तापमान से 4.2 डिग्री सेल्सियस अधिक बने हुए हैं। जिला महेंद्रगढ़ पर लगातार भीषण आग उगलने वाली गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं अपने तीखे तेवरों से आगाज़ किये हुए हैं जिसकी वजह से आमजन का दिन और रात का चैन छीन गया है और जीवन अस्त-व्यस्त है। दोपहर के समय सड़कों और बाजारों में सन्नाटा पसरा रहता है।




विश्व दूध दिवस -एक जून
-डेयरी पालन कर गरीब व्यक्ति कमा सकता है रोटी रोजी-डा कांगड़ा
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कनीना की आवाज। दूध ऐसा भोजन है जो वर्ष भर तथा जीवन भर प्रयोग किया जाता है। दूध की मात्रा बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व दूध दिवस मनाया जाता है।  विश्व दूध दिवस एफपीओ द्वारा 1 जून 2001 को मनाया गया था और हर वर्ष मनाया जाता है।
 जिला महेंद्रगढ़ में जहां 51113 गायें, 187207 भैंसें तथा 45967 बकरियां दूध के लिए पाली गई है जिनमें से करीब 40 से 50 फीसदी दूध देती है और दूध के जरिए लोगों की आवश्यकताओं को पूरा किया जाता है। कनीना क्षेत्र में जहां गाय भैंस की डेयरी ओ की संख्या आधा दर्जन है।
 प्रसिद्ध महिला डेरी संचालिका नीतू यादव ने बताया उनके पास 200 गायें हैं प्रतिदिन 1200 लीटर दूध डेरी में जाता है किंतु दूध के भाव कम हैं जिसके पीछे चारा एवं फीड महंगा होना है। चारा 20 रुपये किलो तक पहुंच जाता है या फिर पशुओं का फीड महंगा है। नकली दूध की भरमार है इसलिए दूध महंगा नहीं हो पाता। डेयरी यूनियन ने बार-बार यह बात सरकार समक्ष उठाई है किंतु समाधान नहीं हुआ है। उनका कहना है कि गरीबों के लिए डेरी पालन बहुत बेहतर धंधा है।
जयपाल गुढ़ा निवासी का कहना है कि गाय पालकर बड़ा आनंद आता है और गायों की संख्या बढ़ाना उनका लक्ष्य है। दूध पर्याप्त मात्रा में देती है जिनसे घर का गुजर बसर ही नहीं बल्कि डेरी के लिए दूध उपलब्ध हो जाता है। जयपाल गुढ़ा डेयरी संचालक के पास 200 गायें हैं तथा 800 लीटर दूध डेरियों में जा रहा।
क्या कहते हैं डा. पशुपालन विभाग -
 राजकीय पशु चिकित्सालय के डा पवन कांगड़ा वीएस ने बताया एक गाय और भैंस करीब 20 बार ब्याती है परंतु दो तीन बार ब्याने के बाद ही दूध बढ़ता है बाद में दूध घटता चला जाता है। दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए अनेक प्रयास किए जाते हैं। डेरी पालन का धंधा करके गरीब व्यक्ति भी बेहतर आय ले सकता है।
चारे के करने पड़ते हैं भंडार--
दूध के लिए  महेंद्रगढ़ एवं रेवाड़ी जिले पशु पालक खेतों में जाकर देखें तो तूड़ी से भरे हुए कूप तथा कड़वी की छुरियां तथा छव्वा रखते हैं। जिनमें लंबे समय तक पशु चारा खराब नहीं होता। दूध प्राप्त करने के लिए किसान वर्षभर के पशुचारे का प्रबंध इन्हीं विधियों से करते आ रहे हैं।  खरीफ फसल बतौर बाजरा उगाकर कड़बी प्राप्त करते हैं तो रबी फसल बतौर गेहूं और जौ की तूड़ी प्राप्त होती है। दोनों ही सूखे चारे में शामिल किए गए हैं।
गौशालाएं हैं दूध का केंद्र-
अकेले कनीना क्षेत्र में आधा दर्जन गौशालाएं हैं जिनमें कनीना, बुचावास, भोजावास, स्याणा, खरकड़ाबास आदि प्रमुख हैं। गौशालाओं में भी सूखे एवं हरे चारे का प्रबंध किया जाता है और विशेष प्रकार के शेड बनाए जाते हैं जहां वर्षभर का चारा सुरक्षित रखा जाता है। यहां दूध भी उपलब्ध हो पाता है।
 कनीना श्रीकृष्ण गौशाला के प्रधान हुकुम सिंह ने बताया कि उनके पास करीब 2500 गायों के लिए 20 हजार मण तूडी के भंडार हैं जहां से 200 मण के करीब तूड़ी प्रतिदिन गायों को परोसी जाती है और 25 गाय दूध दे रही हैं। समय समय पर वे गायों के लिए तूड़ी तथा कड़वी खरीदते हैं ताकि पशुओं का गुजारा चल सके।
किसान कृष्ण सिंह, महेंद्र सिंह, राम अवतार, सूबे सिंह, राजवीर सिंह, महिपाल आदि ने बताया कि वे पशु पालते हैं। पशुओं के लिए चारा खेतों से उपलब्ध हो जाता है। इस प्रकार पशुओं से दूध, घी एवं मक्खन आदि परिवार के लिए उपलब्ध हो जाता है ताकि कहीं से दूध खरीदना न पड़े।
कितना है पशुधन
 2019 में पशुओं की गणना हुई थी जिसमें जिला महेंद्रगढ़ में 51113 गाये, 187207 भैंस, 22995 भेड़, 45967 बकरी, 412 घोड़े,  19 गधे, 135 खच्चर, 1354 सुअर, 807 ऊंट, 45 खरगोश, 2312 कुत्ते हैं। जिनमें से गाय, भैंस एवं बकरी ही दूध देती हैं।
कहावत है हरियाणा पर लागू-
ऐसे में देसां में देस हरियाणा जित दूध दही का खाना वाली कहावत इसी बात से चरितार्थ होती है कि सबसे अधिक दूध,,घी एवं दही आदि इस क्षेत्र में पशुओं से प्राप्त होता है जो किसान हैं।  किसानी एवं पशुपालन दोनों का निर्वहण करते हुए एक पंथ दो काज की कहावत चरितार्थ करते हुए जिला महेंद्रगढ़ एवं रेवाड़ी पशुपालक नाम कमा रहे हैं। यहां देसी नस्ल की गाय और मुर्रा नस्ल की भैंस से बहुत प्रसिद्ध है।
प्रसिद्ध है घी एवं दूध-
इन जिलों में पशुओं से विशेषकर देसी नस्ल की गायों एवं भैंसों का दूध, मक्खन, घी, म_ा, छाछ आदि दूर दराज से विख्यात है।
फोटो कैप्शन 06: नीतू डेरी पालन करने वाली महिला डेरी समक्ष।
         07: जयपाल दूध डेरी जयपाल गायों के साथ
         साथ में डा पवन कांगड़ा






बढऩे लगे हैं दूध के भाव
गर्मियों में गाय एवं भैंस देती है कम दूध -डा.कांगड़ा
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में इन दिनों दूध और घी के भाव बढऩे लगे हैं। वर्तमान में जहां दूध 80 रुपये वहीं देशी घी 1000 रुपये से अधिक प्रति किलो चल रहा है। एक और गर्मी आते ही जहां दूध की मात्रा घटती चली जाती है वहीं सर्दियों में दूध अधिक मिलता है। कनीनावासी जो ग्रामीण पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं , में उत्तम दर्जे का दूध मिलता है किंतु सर्दी में जो दूध 60 रुपये लीटर था अब वह बढ़कर 80 रुपये लीटर पहुंच गया है फिर भी दूध उत्पादक इस भाव को कम बता रहे हैं। उनका कहना है कि दूध उत्पादन पर लागत अधिक आती है इसलिए दूध के भाव और अधिक होने चाहिए थे।
डेरियां एवं बीएमसी-
 कनीना क्षेत्र में जहां वर्तमान में 8 डेरिया तथा 10 बल्क मिल्क चिलिंग प्लांट/बीएमसी कार्यरत हैं। वर्तमान में करीब 33000 लीटर दूध सर्दियों में करीब एक लाख लीटर तक पहुंच जाता है।
 थान सिंह डेरी संचालक ने बताया कि वर्तमान में भैंस का दूध 82 रुपये प्रति लीटर एक सौ फेट के भाव है जबकि 31.20 रुपये प्रति 30 फेट गाय के दूध के चल रहे हैं। गर्मियों में दूध उत्पादन कम हो जाता है। इन डेरियों का दूध बीएमसी पर ले जाकर इक_ा किया जाता है। इनका संबंध अलग-अलग देश स्तरीय डेरियों से होता है। बीएमसी संचालक थान सिंह ने बताया कि क्षेत्र में विदेशी नस्ल की गायें अधिक होने के बाद दूध की मात्रा बढ़ गई वरना भैंस के दूध से तो लोगों को दूध उपलब्ध कराना ही कठिन हो जाएगा। गाय का दूध 30 फेट पर 31.20 रुपये प्रति लीटर बिक रहा हैै। अकेले कनीना की जनसंख्या 2011 की गणना अनुसार 13 हजार थी जबकि वर्तमान में यह संख्या करीब 18 हजार पहुंच गई है। गर्मियों में दूध की मात्रा कम तथा मांग अधिक होने के कारण दूध के भाव बढ़ते जा रहे हैं।
 क्या कहते हैं पशु चिकित्सक -
पशु चिकित्सक डा पवन कांगड़ा ने बताया कि दूध उत्पादन की लागत अनुसार वर्तमान दूध के भाव कम है किंतु दूध सर्दियों में दूध उत्पादन अधिक होता है। उनके अनुसार अधिकांश गाय एवं भैंस जुलाई से दिसंबर महीने में ब्याती है। उस वक्त दूध की मात्रा अधिक होती है किंतु गर्मियों में गर्मी की वजह से दुग्ध उत्पादन कम हो जाता है। इस समय गर्मी पड़ रही है जिसके कारण दूध कम होता है। वैसे भी भैंस और गाय बाखड़ हो जाती है जिससे भी दूध देना कम होता है।
 अभी भी कम है दूध के रेट
गुढ़ा की डेरी संचालिका नीतू यादव ने बताया कि जिस प्रकार से पशुओं का चारा उनके लिए चाट आदि उपलब्ध करवाया जाता है उसके अनुसार दूध के भाव कम चल रहे हैं। दूध के भाव अधिक होने चाहिए ताकि दूध उत्पादक किसान अपनी रोटी रोजी कमा सके।
फोटो कैप्शन: पवन कांगड़ा।






महंगे होने लगे हैं दूध एवं उसके उत्पाद
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कनीना की आवाज। दूध एवं दूध से बने पदार्थ महंगे हो चले हैं। दूध एक माह में 20 रुपये तक महंगा हो गया है वहीं दूध से बना मावा भी तेज हो गया है। मावा बनाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग बढ़ी है ताकि लोगों को दूध मिल सके।  
गर्मी बढऩे से दूध की मांग भी बढऩे लगी है। अभी से ही ग्रामीण क्षेत्रों में दूध 80 रुपये प्रति लीटर पहुंचा हुआ है। दूध के भाव बढऩे के आसार हैं। एक ओर डेयरी में दूध देकर उपभोक्ता डेयरी का ही दूध प्रयोग करते हैं। कभी हर घर में म_ा के दर्शन हो जाते थे परंतु अब छाछ भी नहीं मिलती है और छाछ बेचने का काम भी शुरू हो गया है। दस रुपये लीटर तक शहरी तर्ज पर छाछ मिलने लगी है।
  कनीना क्षेत्र में दूध व उससे बने पदार्थों में तेजी आने लगी हैं। दूध से बने पदार्थों की मांग विशेषकर विवाह शादियों पर होने से मिलावट का धंधा पूरे यौवन पर है। दूध के भाव अधिक होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में 80 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है। शहरी लोग सस्ता एवं बेहतर दूध मिलने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों की ओर दौड़ते थे परंतु अब वो बात देखने को नहीं मिल रही है। दूधवाले अब तो गांवों से दूध इक_ा करके शहरों में मिलावट करके बेचने से नहीं हिचकिचा रहे हैं।
   पहले दूध लेने के लिए शहरी व्यक्ति दो किमी तक पैदल जाकर लाता था वो अब प्रचलन बंद हो चुका है। पैदल चलने से व्यायाम भी होता था वो अब भावों में कोई विशेष अंतर न होने से बंद के बराबर हो गया है।
 ग्रामीण क्षेत्रों में दूध के भाव अधिक पाने के लिए डेरियों में दूध देना शुरू कर दिया है। हर गांव में तथा शहरों में डेरियां खुल गई हैं। इन डेरियों में लोग सुबह और शाम दूध बेचने के लिए जाते हैं और बड़े आश्चर्य कह बात हैं कि दूध बेचने वाले भी इन डेरियों का सस्ता दूध एवं घी खाने को मजबूर हैं। डेरियों की संख्या बढऩे से भी दूध के भावों में बढ़ोतरी हो रही है। आने वाले समय में दूध के भाव और बढऩे की संभावना है।
  कनीना क्षेत्र में दिनोंदिन डेरियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। डेरियों के बढ़ जाने से दूध उत्पादक लोग डेरियों में दूध बेच रहे हैं। वर्तमान में दूध के आम रेट 80 रुपये तक पहुंच गए हैं। लोगों को दूध न मिलने से वे मजबूरन डेरियों से दूध लाकर गुजारा कर रहे हैं।
  उल्लेखनीय है कि डेरी में दूध को बेचा जा रहा है और दूध बेचने वाले भी डेयरी का घी व थैली में पैक दूध का प्रयोग कर रहे हैं। अपना दूध महंगे दामों पर बेचकर थैली का सस्ता दूध खरीदकर पीते हैं। सुबह व शाम के वक्त दूध बेचने वाली दुकानों पर भारी भीड़ दूध खरीददारों की देखी जा सकती है। दूध से बनने वाले पदार्थों पर बैन लगना चाहिए।






दूध दिवस-01 जून
---दूध एक संपूर्ण आहार
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कनीना की आवाज। दूध एक संपूर्ण आहार है। दूध के महत्व को जानते हुए  पहली बार साल 2001 में पूरे विश्व में दूध दिवस मनाया गया।
दूध हमारी जिंदगी में बड़ा महत्व रखता है. इसके महत्व को समझने और दूध को डाइट में शामिल करने के लिए प्रति जागरूक करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। दूध की इस महत्ता को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाने की शुरुआत की थी, ताकि दुनिया भर में लोग दूध और दूध निर्मित चीजों की महत्ता एवं उपयोगिता को समझें।
     दूध में तमाम पौष्टिक तत्व होते हैं, जो शरीर को विभिन्न रोगों से सुरक्षित रखते हैं।    इसमें निहित कैल्शियम, प्रोटीन, पोटेशियम, फास्फोरस, विटामिन आदि होते हैं। कैल्शियम हड्डियों एवं दांतों को मजबूत बनाता है। पोटेशियम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है। फास्फोरस से हड्डियां मजबूत होती हैं।    विटामिन डी भी हड्डियों को मजबूत बनाता है, जबकि विटामिन बी-12 लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण करता है। विटामिन रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है और आंखों तथा त्वचा की समस्याएं दूर करता है।





 गर्मी और लू जमकर सता रही है लोगों को
-बार-बार आसमान की ओर झांकते नजर आए
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में जहां पारा 47 डिग्री पार कर गया है वहीीं पेयजल की मांग बढ़ गई है। कहीं भी कोई चैन नहीं मिल रहा है। भीषण गर्मी के चलते लोग बेहद परेशान है। विभिन्न गांवों में लू एवं गर्मी से बीमारों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। अधिकांश समय लोग अपने घरों में बिताते हैं। तुझे भी बाहर जाते हैं तो उस समय भीषण गर्मी होती है। एक और जहां रेहड़ी पर सामान बेचने वाले मजबूरीवश गर्मी में खड़े दिखाई देते हैं ,जिनके पास छत तक नहीं होती वहीं मजदूर भी काम पर जा रहे हैं जिन्हें अपना पेट पालना होता है। लू और गर्मी से परेशान लोग आसमान को टकटकी लगाकर निहारते रहते हैं। मौसम विभाग एक जून से मौसम के कुछ बदलने की बात कह रहे हैं। ऐसे में गर्मी और लू से बेहद परेशान है।
 एक वक्त था जब गर्मी जाटी के पेड़ों पर सांगर, कैर पौधों पर पिचू तथा जाल नामक पौधों पर पील अच्छी पल पक जाती थी। लोग तीनों को ही बड़े चाव से खाते थे तथा विभिन्न औषधीयों में भी प्रयोग करते थे किंतु अब तीनों ही चीज कनीना क्षेत्र से गायब हो गई है। बणियों की बदहालत हो गई है, कैर खत्म कर दिये हैं, जालों को भी धीरे-धीरे काटा जा रहा है। गर्मी एवं लू के चलते एसी, कूलर, पंखे सब खिलौने नजर आते हैं। लोग जब भी बाहर निकलते हैं तो पूरे प्रबंध करके निकलते हैं। मजबूरी में भी लोग बस और ट्रेनों से सफर कर रहे हैं और बहुत परेशान होते हैं।
फोटो कैप्शन 05: गर्मी में रेहड़ी पर केले बेचता व्यक्ति।



प्राचार्य यादवेंद्र सिंह 30 वर्षो की सेवा के बाद सेवानिवृत्त
-कनीना खंड से हुए 3 कर्मी सेवानिवृत्त
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कनीना की आवाज। एक प्राचार्य सहित कनीना उपमंडल से तीन शिक्षक सेवानिवृत्त हो गये हैं। उनका विदाई समारोह आयोजित हुआ।
पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भोजावास मे कार्यरत प्राचार्य यादवेंद्र सिंह शिक्षा के क्षेत्र में वर्ष 1994 में एक शिक्षक के रूप में शुरुआत करने के बाद 30 वर्ष की सेवा देने के बाद प्राचार्य के बतौर सेवानिवृत्ति हो गए हैं।
 इस अवसर पर खंड शिक्षा अधिकारी कनीना डा. विश्वेश्वर कौशिक मुख्य अतिथि रहे तथा बीआरसी कनीना दिलबाग सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाग सिंह चेयरमैन ने की। सेवानिवृत्ति के इस कार्यक्रम में पहुंचे सभी वक्ताओं ने प्राचार्य यादवेंद्र सिंह के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला तथा उनकी भूरि- भूरि प्रशंसा की।
इस अवसर पर ग्राम पंचायत भोजावास सरपंच प्रतिनिधि पवन तंवर सिंह, प्रवक्ता अशोक कुमार, महेंद्र कुमार, वीरेंद्र सिंह, विनोद कुमार, मुख्य शिक्षक रामनरेश, शैलेंद्र सिंह, सुमित विद्यालय परिवार के सभी शिक्षकों उपस्थित रहे।
  उधर गुढ़ा निवासी राजकुमार राव  राजकीय माध्यमिक विद्यालय पड़तल से बतौर मौलिक मुख्य अध्यापक के पद से सेवानिवृत्त हो गये हैं। उन्होंने 28 साल 6 महीने 3 दिन की सेवा की है। राजकुमार ने बताया कि उन्होंने अपना शिक्षण कार्य बवानिया से शुरू किया तत्पश्चात पालड़ी, गुढ़ा, खेड़ी और अंतिम समय में पड़तल में सेवा दी है। 31 मई को सेवानिवृत्त हो गये हैं। उनके इस कार्यक्रम में अनेक शिक्षक एवं अधिकारी पहुंचे।
 उधर कनीना मंडी के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से संस्कृत शिक्षक सतीश कुमार कनीनावासी सेवानिवृत्त हो गए हैं। उन्होंने 29 साल की सेवा शिक्षा विभाग को दी है। नवंबर 1995 में जेबीटी पद पर ककराला में शिक्षण कार्य शुरू किया था। पश्चात खोड़ में 2001 में मुख्य शिक्षक बने तथा जून 2006 में संस्कृत अध्यापक बतौर भडफ़ में कार्य ग्रहण किया। 2017 में कनीना मंडी में उनका तबादा हुआ और 31 मई तक वही कार्यरत रहे। उनके विदाई समारोह में अनेक गणमान्य जन्म पहुंचे।
फोटो कैप्शन 04: भोजावास प्राचार्य योगेंद्र सिंह सेवानिवृत्त होते हुए।







1963 में शहीद हुए कालूराम के परिजनों को सम्मान देने पहुंचे कमांडेंट सीआरपीएफ
--सीआरपीएफ ने एक पहल शुरू
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कनीना की आवाज।। यूं तो 1962 से अब तक भारी संख्या में सैनिक शहीद हुए हैं, बहुत सो को तो अभी तक याद भी नहीं किया जाता किंतु सीआरपीएफ ने एक पहल शुरू की  है जिसमें 1962 या इसके बाद 1990 तक जो शहीद हुए हैं उनके परिजनों को गांव और शहर में जाकर सम्मानित किया जा रहा है। इसी कड़ी में कनीना उप-मंडल के गांव भडफ़ में सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट पंकज कुमार सीआरपीएफ गुरुग्राम से शहीद सिपाही कालूराम सीआरपीएफ के शहीदी दिवस पर उनके परिजनों को सम्मानित करने पहुंचे।
 इस मौके पर पंकज कुमार ने बताया कि 9वीं बटालियन की एक टुकड़ी 1963 में चीन युद्ध के बाद अरुणाचल में तैनात थी। उसी दौरान उग्रवादियों ने हमला बोल दिया जिसमें इस टुकड़ी के आठ सैनिक शहीद हुए थे जिनमें से सिपाही कालूराम एक है। शहीद कालू राम पांच भाई थे।   उन्होंने कहा कि स्कूल के पास यदि पंचायत जगह देती है तो शहीद स्मारक भी बनवाया जाएगा। इस मौके पर शहीद कालूराम के परिजनों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। उपस्थित लोगों ने शहीद कालूराम की फोटो उपलब्ध करवाने की अधिकारी से मांग की। उन्होंने आश्वासन दिया यदि उनकी सीआरपीएफ में कोई फोटो हुई तो वह जरूर उपलब्ध करवाएंगे। इस मौके पर शहीद  परिजनों में कालूराम की पुत्रवधू सोमवती, पौत्र अनिल, नरेंद्र तथा पौत्री सविता, शहीद का भाई विशंभर दयाल, श्रीराम तथा उनके ही परिजनों में महेंद्र सिंह पूर्व सरपंच हाजिर रहे।
असिस्टेंट कमांडेंट ने बताया सीआरपीएफ 1962 से 1990 के बीच सभी शहीदों को उनके गांव-गांव जाकर उनके परिजनों को सम्मानित कर रही है। ऐसा अभियान जनवरी 2024 से पूरे भारत में चलाया गया है। उन्होंने बताया कि महेंद्रगढ़ के जिला उपयुक्त से इस संबंध में वे मिल चुके हैं तथा शहीदों के स्मारक बनाने गांव की ओर से जमीन उपलब्ध करवाने की भी मांग कर चुके हैं। उनके साथ एएसआई रमेश सिंह, सिपाही चंद्रशेखर, महेश कुमार, हीरालाल, बाबूलाल, सी. रमेश आदि उपस्थित रहे। गांव की ओर से इस मौके पर विभिन्न लोगों ने 1963 में शहीद हुए कालूराम को पुष्प अर्पित किए जिनमें सरपंच पूनम देवी, नंबरदार धर्मपाल, ओमप्रकाश, मनफूल पंच, रामफल पंच, अभय सिंह रिंकू, बलबीर सिंह, ईश्वर सिंह, यादराम, वेद प्रकाश, होशियार सिंह, सत्यवीर प्रधान, काशीराम, सतीश कुमार, नरेश कुमार, योगेश, महावीर सिंह, शीशराम, रामेश्वर, विजय कुमार, मनफूल नंबरदार ,पृथ्वी सिंह नंबरदार, नरेश प्रधान, लाल सिंह और भारी संख्या महिला उपस्थित रही।
 फोटो कैप्शन 3: भडफ़ में असिस्टेंट कमांडेंट शहीद सिपाही कालूराम के परिजनों को सम्मानित करते हुए





आधा दर्जन लोगों पर मार पिटाई का मामला दर्ज
-जमीनी विवाद को लेकर हुआ झगड़ा
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कनीना की आवाज। कनीना उप मंडल के गांव खैराणा में जमीनी विवाद के चलते झगड़े का एक व्यक्ति ने आधा दर्जन लोगों पर मारपीट का मामला दर्ज करवाया है। दौंगड़ा अहीर पुलिस चौकी में अभय सिंह खैराणा निवासी ने दी शिकायत में कहा है कि बाबूलाल और रामनिवास के साथ जमीनी विवाद चल रहा है जिसका मामला कनीना न्यायालय में चला आ रहा है। मैं अपने गांव के शिव मंदिर को साफ सफाई कर पूजा पाठ करने के लिए रोजाना जाता हूं। 30 मई को सुबह करीब 6:30 बजे जब मंदिर के पास पहुंचा तो रामनिवास का मकान रास्ता पड़ता है। इस मकान के अंदर से रामनिवास, बाबूलाल, संदीप, नवीन ,कमलेश, संतोष एवं प्रवीण सभी ने अपने हाथों में लाठी, डंडा, बाकड़ी आदि ले रखे थे। सभी मिलकर रास्ता रोक लिया और फिर मार पीट करने लगे और जान से मारने की धमकी दी। जब अभय सिंह जोर-जोर से शोर मचाया तो लोगों को आते देख मार पीट करने वाले भाग खड़े हुए। उन्होंने कहा है कि 12 मई को खेत में इन सभी ने पहले भी चोट मारी थी जिस पर मेडिकल करवाया गया था और झगड़े के संबंध में शिकायत दौंगड़ा चौकी में दे दी थी जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। तत्पश्चात दोबारा मार पिटाई का मामला सामने आया है। अभय सिंह को सरकारी अस्पताल में ले जाया गया जहां से उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। उनकी शिकायत पर दौंगड़ा चौकी में करीब आधा दर्जन लोगों की विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।



लोशन में बहुत कारगर और महंगी होती है सफेद प्याज
-बहुत कम पैदा होती है सफेद प्याज
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कनीना की आवाज। यूं तो प्याज वर्तमान समय में फिर से महंगी हो गई है। किंतु सफेद प्याज मिलना कठिन होता है। इक्का-दुक्का प्याज अन्य प्याज के साथ पैदा हो जाती है जिसकी भारी मांग है। किसान मनीष कुमार ने बताया कि जब वे क्यारियों में प्योद लगाते हैं तो प्रत्येक क्यारी में सफेद रंग की प्याज पैदा होती है। इस प्याज को अलग से इक_ा कर लेते हैं, इसके भाव भी अच्छे मिलते हैं तथा यह दवाइयों में काम आती है। आंखों के लोशन में सफेद प्याज भी डाली जाती है यही कारण है कि लाल प्याज के मुकाबले इनके भाव भी अधिक होते हैं तथा इनकी मांग भी अधिक होती है।
श्रीकिशन और बाल किशन करीरा ने बताया कि वे आंखों में डालने के लिए लोशन बनाते हैं जिनमें इस प्याज का रस डाला जाता है। दूरदराज से वह इस प्याज को ढूंढ कर लाते हैं ताकि लोगों की आंखों की देखभाल करने में मदद मिल सके। उधर रवि, दिनेश, महेश, सुरेश आदि ने बताया कि जब कभी आंखों में लोशन डालते हैं तो सफेद प्याज का लोशन लेकर आते हैं।
फोटो कैप्शन 01:सफेद प्याज किसान के घर।



गर्मियों में हल्का भोजन ले- शीशराम
-शराब, चाय, काफी आदि से बचे
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कनीना की आवाज। जहां गर्मी के तेवर दिनों दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। कहीं भी चैन नहीं मिल रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य निरीक्षक उप-नागरिक अस्पताल कनीना शीशराम लोगों को तेज गर्मी से बचाव के लिए जागरूक कर रहे हैं। सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू तथा शीशराम स्वास्थ्य निरीक्षक ने एक अभियान चला रखा है। जो भी लोगों के संपर्क में आते हैं उनको गर्मी से बचने के उपाय बता रहे हैं। उनका कहना है कि तेज गर्मी के कारण बीमार हो सकते हैं, ऐसे में सावधानियां बरतनी जरूरी है।
इन सावधानियों में घर से बाहर जाते समय शरीर को ढककर, हल्के रंग के आरामदायक कपड़े पहनकर जाना चाहिए। धूप में बाहर जाते समय छाता, तौलिया, टोपी, आंखों पर धूप का चश्मा भी प्रयोग करें, थोड़े-थोड़े समय अंतराल पर तरल पदार्थ पीते रहे, हल्का ताजा भोजन करें ,नंगे पैर, नंगे बदन धूप में न जाए। अधिक गर्मी एवं धूप में कोई भी कार्य करने से बचे, शराब, चाय, काफी कोल्ड ड्रिंक आदि का सेवन करने से बचे, गर्भवती महिलाएं, बच्चे, बीमार, बुजुर्गों का विशेष रूप से गर्मी का ध्यान रखे।
   उनका कहना है कि गर्मी लगने के गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं। यदि ज्यादा देर धूप में काम करें तो गर्मी लग सकती है। इसके लक्षणों में लाल,गर्म,सूखी त्वचा होना, शरीर का तापमान 40 डिग्री सेंटीग्रेड होना, जी मचलाना, उल्टी होना ,सिर दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी, दिल की धड़कन तेज होना, घबराहट, चक्कर आना, बेहोशी, सिर दर्द आदि प्रमुख है। गर्मी और लू से बचने के लिए  रोगी को छांयादार एवं ठंडी जगह पर ले जाए, आरिस का गोल पानी एवं अन्य तरल पदार्थ ,पैरों को ऊपर करके लिटाए, शरीर को ठंडे पानी से पोंछे, गिला कपड़ा लपेटकर हवादार स्थान पर विश्राम कराए, स्वास्थ्य संबंधी परामर्श हेतु टोल फ्री नंबर पर भी संपर्क कर सकते हैं।
 उनका कहना है कि अधिक गर्मी से बचाव में ही बचाव है, वरना गर्मी के कारण बुरे परिणाम आ सकते हैं।
 फोटो कैप्शन: शीशराम स्वास्थ्य निरीक्षक

शनिदेव जयंती मनाई जाएगी















6 जून को
-आयोजित होगा भंडारा एवं जागरण
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कनीना की आवाज। बाबा मोलडऩाथ आश्रम परिसर में स्थित शनि देव मंदिर पर 6 जून को शनि जयंती मनाई जाएगी। महंत रामनिवास ने जानकारी देते हुए बताया कि 5 जून की रात्रि मोलडऩाथ सत्संग मंडल द्वारा जागरण व 6 जून को सुबह हवन एवं प्रसाद वितरण कार्य शुरू किया जाएगा।
संत ने बताया कि 2009 में शनिदेव मंदिर की स्थापना नजदीक कनीना के मोलडऩाथ आश्रम की गई थी।  इंद्रजीत सिंह, अनिल कमांडो, भूपी ठेकेदार आदि ने शनिदेव मूर्ति की स्थापना करवाई थी। उसके बाद हर वर्ष यहां भंडारा लगता आ रहा है।
इस मौके पर मंदिर कमेटी प्रधान दिनेश यादव, इंद्रजीत, भूपी ठेकेदार, विकी पंसारी, राम पंडित, अनिल कुमार, मुकेश शर्मा, रामकिशन शर्मा, बिल्लू राम शर्मा, महिपाल यादव अनेक लोग उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 02: शनिदेच मंदिर कनीना की जानकारी देते हुए संत एवं अन्य।


Thursday, May 30, 2024


 
हरियाणा एनसीआर दिल्ली पर लगातार आग उगलने वाली भीषण गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं का दौर जारी
 -मानसून रेलगाड़ी समय से एक दिन पहले भारतीय मुख्य भूमि पर पहुंची
- नौतपा के छठे दिन आसमान से आग बरस रही है
- शुक्रवार को रात्रि एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से सम्पूर्ण इलाके में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा
 -आने वाले दिनों में आमजन को भीषण गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं से राहत के आसार
- तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी
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कनीना की आवाज। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में पिछले एक पखवाड़े से लगातार भीषण आग उगलने वाली गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं अपने तेवरों को प्रचंड किए हुए हैं।  नौतपा का आज छठा दिन है सम्पूर्ण इलाके में लगातार दिन और रात के तापमान में रिकार्ड तोड़ उछाल भी देखने को मिल रहा है । सम्पूर्ण इलाके में आसमान से आग उगल रही है। मौसम की चरम और विकट परिस्थितियां बनी हुई है। सम्पूर्ण इलाके आमजन  को भीषण आग उगलने वाली गर्मी से रूबरू होना पड रहा है। आने वाले 24 धंटो में  हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा  और आमजन को तीन चार दिनों तक भीषण आग उगलने वाली गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं से राहत मिलेगी। आसमान से छुते तापमान में भी गिरावट देखने को मिलेगी। साथ ही साथ राहत की बात यह है कि अपने समय से पहले आज मानसून रेलगाड़ी की धमाकेदार एंट्री भारत के मुख्य भू-भाग पर  हों चुकी है।मौसम विशेषज्ञ डॉ चंद्र मोहन ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में  पिछले एक पखवाड़े से मैदानी राज्यों विशेषकर हरियाणा एनसीआर दिल्ली में लगातार मरूस्थलीय गर्म शुष्क हवाओं और नौतपा के दौरान सूर्य की चरम तपिश बढऩे से साथ ही कोई सक्रिय मौसम प्रणाली न होने साथ ही बंगाल की खाड़ी पर बना रेमल चक्रवातीय तूफान भी लगातार सम्पूर्ण इलाके से नमी खिंच रहा था जो वर्तमान परिदृश्य में  निष्क्रिय हो चुका है जिसकी वजह से मैदानी राज्यों विशेषकर हरियाणा एनसीआर में भीषण आग उगलने वाली गर्मी और गंभीर हीट वेव और लूं अपने तेवरों को प्रचंड किए हुए हैं। 31 मई  को एक नया कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से दक्षिणी पंजाब और उत्तरी राजस्थान पर एक चक्रवातीय सर्कुलेशन बनने से  सम्पूर्ण इलाके में हवाओं की दिशा बदल जाएगी हालांकि कमजोर मौसम प्रणाली को अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से हल्की नमीं ही मिलने वाली है। सम्पूर्ण मैदानी राज्यों राजस्थान पंजाब हरियाणा एनसीआर दिल्ली में हवाएं दक्षिणी पूर्वी और दक्षिणी पश्चिमी चलने से सम्पूर्ण इलाके में आंशिक बादल वाही देखने को मिलेगी साथ ही साथ 31  मई से 3 जून के दौरान मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा इस दौरान बीच बीच में तेज गति से हवाएं चलने  20-25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंधड़  चलने की गतिविधियां की संभावना बन रही है। हरियाणा एनसीआर दिल्ली के 25-50 प्रतिशत हिस्सों पर  बिखराव वाली गरज चमक के साथ हल्की बारिश/ बूंदा-बांदी की गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा इस लिए इस दौरान भारतीय मौसम विभाग ने सम्पूर्ण इलाके पर येलो अलर्ट जारी कर दिया है। क्योंकि यह मौसम प्रणाली ज्यादा मजबूत नहीं है परन्तु इससे सम्पूर्ण मैदानी राज्यों में हवाओं की दिशा और दशा में बदलाव से सम्पूर्ण इलाके में भीषण आग उगलने वाली गर्मी से आमजन को जरूर राहत के आसार बन रहे हैं। जिसकी वजह से सम्पूर्ण मैदानी राज्यों विशेषकर हरियाणा एनसीआर दिल्ली में दिन और रात के तापमान गिरने की संभावना बन रही है। जून के  पहले सप्ताह के शुरूआत  में तापमान अभी के मुकाबले  4-5 डिग्री सेल्सियस तापमान में  कमी अलग अलग स्थानों पर देखने को मिलेगी साथ ही साथ आज़ मानसून की धमाकेदार आगाज भारतीय मुख्य भूमि केरल और उत्तरी पूर्वोत्तर में हों चुका है और मानसून रेलगाड़ी स्पीड बनाएं हुए है जो हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अपने निर्धारित समय पर पहुंचने की प्रबल संभावना है। आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर रात्रि तापमान 27.5 डिग्री सेल्सियस से 33.3 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है जो अधिकतर स्थानों सामान्य रात्रि तापमान से 4.0 डिग्री सेल्सियस से 8.0 डिग्री सेल्सियस अधिक बने हुए हैं । साथ ही साथ सम्पूर्ण हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर दिन के तापमान भी  में लगातार उछाल जारी है आज भी हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर दिन के तापमान 44.0 डिग्री सेल्सियस से 49.1 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। अभी भी अनेकों स्थानों पर दिन के तापमान 47 डिग्री सेल्सियस से उपर बने हुए हैं। सम्पूर्ण इलाके में लगातार आग उगलने वाली भीषण गर्मी अपने प्रचण्ड तेवरों से आगाज़ किये हुए हैं। आज जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ का रात्रि तापमान क्रमश डिग्री सेल्सियस 32.4 डिग्री सेल्सियस और 33.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जो सामान्य तापमान 8.4 डिग्री सेल्सियस अधिक बने हुए हैं। साथ ही साथ जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ के दिन के तापमान क्रमश: डिग्री सेल्सियस और 47.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जो सामान्य तापमान से7.5 डिग्री सेल्सियस अधिक बने हुए हैं। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में आज  जिला महेंद्रगढ़ (महेंद्रगढ़ और नारनौल)की रात सबसे ज्यादा गर्म बनी हुई और सिरसा के दिन ज्यादा गर्म दर्ज किया गया है। जिला महेंद्रगढ़ में लगातार मौसम की चरम और विकट परिस्थितियां बनी हुई लगातार तापमान में उछाल और भीषण आग उगलने वाली गर्मी अपने तेवरों को प्रचंड किए हुए हैं आमजन का जीना दुश्वार हो गया है।






धूम्रपान मौत का घर, पीने के डर ही डर-डा. राजीव
-धूम्रपान न करने की सलाह
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कनीना की आवाज। गुटका, पान, तंबाकू या फिर बीड़ी और सिगरेट इन सभी चीजों का नशा आपको मौत के मुंह में धकेल सकता है। विज्ञापनों और फिर तंबाकू और सिगरेट की डिब्बियों पर दी जाने वाली तमाम चेतावनियों बाद भी हजारों-लाखों लोगों की मौत तंबाकू के कारण होती है। भारत सहित दुनिया के कई देश ऐसे हैं, जहां इस तंबाकू या फिर अफीम जैसे नशे के आदि लोगों की संख्या बढ़ रही है। यही वजह है कि हर साल 31 मई को  मनाया जाता है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस तंबाकू या सिगरेट की लत शराब की लत से कई गुना हानिकारक और खतरनाक है। पूरी दुनिया में तंबाकू के कारण लगभग हर 6 सेकंड के अंदर एक व्यक्ति की मौत होती है। तंबाकू और धूम्रपान के कारण कई गंभीर बीमारियां जैसे- दिल का दौरा, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, अस्थमा, मुंह और फेफड़ों का कैसर आदि शामिल है। इसलिए बेहतरी इसी में है कि जितना जल्दी हो सके इस बुरी लत को छोड़ दें।
इस संबंध में डा.राजीव गौड़ प्रदेश संयोजक आयुर्वेद फेडरेशन आफ इंडिया हरियाणा ने इस लत से पीछा छुड़ाने की जानकारी देते हुए कहा-  
आयुर्वेद में तुलसी का विशेष महत्व है। तम्बाकू से छुटकारा पाने में भी यह विशेष उपयोगी है। सिगरेट पीने या तंबाकू खाने का जब भी मन करे तो तुलसी का पत्ता चबाएं। सुबह और शाम तुलसी के 2-3 पत्ते चबाने से नशे की लत से छुटकारा मिल सकता है।
तंबाकू का सेवन हृदय को विभिन्न तरीकों से प्रभावित करता है, हालांकि, पर्याप्त पानी का पीने से न केवल दिल को कई समस्याओं से बचाने में, बल्कि संपूर्ण सेहत को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। पानी की पर्याप्त मात्रा ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने और खून के थक्के बनने के खतरे को कम करती है। खून के थक्के बनना दिल का दौरा पडऩे का सबसे प्रमुख कारणों में से एक है।  
 व्यायाम और योग की मदद से तंबाकू की लत को छोडऩे में मदद मिल सकती है। अक्सर आपने देखा होगा कि आप जब ज्यादा परेशान या तनाव में होते हैं, तो आप ज्यादा सिगरेट या तंबाकू का सेवन करते हैं। लेकिन व्यायाम और योग आपके तनाव को कम करने में मदद करता है और जीवन शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। व्यायाम आपकी तंबाकू की लत को छोडऩे में मदद कर सकता है।
तंबाकू या धूम्रपान के नियमित सेवन से शरीर में निकोटीन जैसे विषैले यौगिकों का जमाव होता है। लेकिन अश्वगंधा और शतावरी जैसी जड़ी बूटियां शरीर से इन विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती हैं। आप रोजाना रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला का सेवन कर सकते हैं, यह कोलन को साफ करने और शरीर से सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
 जब आपको सिगरेट या तंबाकू की क्रेविंग होती है, तो ऐसे में आप हर्बल टी का सेवन कर सकते हैं। यह आपकी क्रेविंग को कम करने के स्वस्थ विकल्पों में से एक है। छोटी-छोटी हर्बल टी की चुस्की लेने से तम्बाकू की इच्छा को कम करने में मदद मिल सकती है। आप जटामांसी, अश्वगंधा और दालचीनी के पाउडर के संयोजन से बनी हर्बल चाय तैयार कर सकते हैं। जब भी तंबाकू की क्रेविंग सताए, बस इस पाउडर को गर्म पानी में डालें और चाय के रूप में पिये।
जब कभी तम्बाकू की इच्छा करे, तो इसे नजरअंदाज करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप आंवला या आंवला कैंडी चबाएं। आप आंवला को सूखाकर हल्के अमचूर पाउडर या किसी फ्लेवर के साथ स्टोर करके रख सकते हैं। फिर, जब भी तंबाकू की क्रेविंग हो, तो 2 या 3 टुकड़े चबाएं ।
तंबाकू और सिगरेट की क्रेविंग होने पर आप अजवाइन का एक चम्मच लें और इसे चबाएं आपकी तम्बाकू चबाने की इच्छा कम हो सकती है। हर सुबह कुछ अजवाइन चबाने से  धूम्रपान के दुष्प्रभाव और इसकी लत को कम किया जा सकता है।
फोटो कैप्शन: डाक्टर राजीव गौड़





सिगरेट से ज्यादा खतरनाक है हुक्का-डा. गरिमा
--सावधान हुक्का पीने वाले
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कनीना की आवाज। सिगरेट से ज्यादा खतरनाक हुक्का है क्योंकि हुक्का बार में जब कोई हुक्का पीता है तो कम से कम 30 मिनट तक हुक्का पीता है। 30 मिनट तक लगातार कार्बन मोनोआक्साइड शरीर के अन्दर जाता है जो कि सिगरेट से ज्यादा खतरनाक हो सकता है। हुक्का पीने से हार्ट की ब्लड सेल और वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है। ये विचार डा गरिमा के हैं।
उन्होंने कहा कि शोधकर्ताओं का मानना है कि कार्बन मोनोआक्साइड शरीर के लिए जहर जैसा काम करता है। हुक्का पीने वालों में एक्सरसाइज करने की क्षमता लगातार घटती है। हुक्का पीने वालों का फेफड़ा जल्द कमजोर होता है जो कि कार्बन मोनोआक्साइड के साथ अन्य विषैले कणों के कारण होता है।हुक्का में उपयोग किये जाने वाले निकोटीन पदार्थ के साथ वाष्पशील कार्बननिक रसायन, पालीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन, एक्रोलिन, लेड, कैडमियम और आर्सेनिक जैसे हानिकारक रसायन शरीर के अंदर जाते हैं जो हार्ट को बहुत ही बुरी तरह से प्रभावित करते हैं।
उन्होंने एक पत्रिका में प्रकाशित शोध का हवाला देते हुए बताया कि हुक्का पीना सिगरेट से भी ज्यादा खतरनाक होता है। हुक्के में बहुत ज्यादा मात्रा में विषैले पदार्थ लंबे समय तक शरीर में जाते हैं जो हार्ट और फेफड़ों के लिए खतरनाक है। ई-सिगरेट अधिक पीने से बढ़ता है मुंह के कैंसर का खतरा। सिगरेट के तंबाकू से हुक्का का तंबाकू ज्यादा खतरनाक होता है। क्योंकि हुक्का के तंबाकू को बनाने के लिए कई तरह के फ्लेवर और रंग का उपयोग किया जाता है जो कई तरह के कैमिकल को बनाते हैं। फ्लेवर वाले तंबाकू से लेड और खतरनाक विषैले रसायन बनते हैं जो हार्ट के लिए खतरनाक साबित होते हैं। हुक्का पाइप में तम्बाकू सिगरेट से कम जहरीला नहीं होता। हुक्के में पानी धुएं को ठंडा करता है, लेकिन यह धुएं में मौजूद विषाक्त पदार्थों को फिल्टर नहीं करता। हुक्का पीने वाले सिगरेट पीने वालों की तुलना में ज़्यादा तम्बाकू का धुआँ साँस के साथ अंदर ले सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक हुक्का पीने का सत्र एक घंटे या उससे ज़्यादा समय तक चल सकता है।
 हुक्का के धुएँ में हानिकारक रसायनों की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है। इनमें टार, कार्बन मोनोआक्साइड, भारी धातुएँ और कैंसर पैदा करने वाले रसायन शामिल हैं जिन्हें कार्सिनोजेन्स कहा जाता है। दरअसल, हुक्का पीने वाले सिगरेट पीने वालों की तुलना में ज़्यादा कार्बन मोनोआक्साइड और धुएँ के संपर्क में आते हैं।
हुक्का पीने से फेफड़े, मूत्राशय, पेट, ग्रासनली और मौखिक कैंसर,दिल की बीमारीएवं
अन्य गंभीर स्थितियां, जैसे फेफड़ों के रोग और कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता पैदा होते हैं।
हुक्का पीने से निकोटीन की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है, जैसे सिगरेट पीने से होती है। निकोटीन तम्बाकू में मौजूद एक आदत बनाने वाला रसायन है जो व्यक्ति को धूम्रपान करने के लिए मजबूर करता है। हुक्के का धुआं दूसरों के धुएं से जुड़े खतरे पैदा करता है।
गर्भवती महिलाओं द्वारा हुक्का पीने से जन्म के समय कम वजन वाले शिशुओं का जन्म होता है।
गंदे पाइप का इस्तेमाल करना या दूसरे धूम्रपान करने वालों के साथ पाइप साझा करना जोखिम भरा है। इससे फ़्लू, क्षय रोग,हरपीज,हेपेटाइटिस,
कोविड-19 हो सकते हैं।
नए इलेक्ट्रानिक हुक्के, जिन्हें ई-हुक्का कहा जाता है, वेपिंग डिवाइस हैं। वे एक तरल पदार्थ को वाष्प में गर्म करने के लिए बैटरी का उपयोग करते हैं, जिसे उपयोगकर्ता सांस लेते हैं। तरल पदार्थ निकोटीन और स्वाद के साथ या बिना आ सकता है। ई-हुक्का के स्वास्थ्य प्रभावों पर शोध अभी भी शुरुआती चरण में है। लेकिन ई-हुक्का सहित वेपिंग डिवाइस का उपयोग अधिकांश लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है। और किसी भी रूप में तंबाकू का उपयोग किसी के लिए भी सुरक्षित नहीं है।
फोटो कैप्शन: डाक्टर गरिमा





लोशन में बहुत कारगर और महंगी होती है सफेद प्याज
-बहुत कम पैदा होती है सफेद प्याज
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कनीना की आवाज। यूं तो प्याज वर्तमान समय में फिर से महंगी हो गई है। किंतु सफेद प्याज मिलना कठिन होता है। इक्का-दुक्का प्याज अन्य प्याज के साथ पैदा हो जाती है जिसकी भारी मांग है। किसान मनीष कुमार ने बताया कि जब वे क्यारियों में प्योद लगाते हैं तो प्रत्येक क्यारी में सफेद रंग की प्याज पैदा होती है। इस प्याज को अलग से इक_ा कर लेते हैं, इसके भाव भी अच्छे मिलते हैं तथा यह दवाइयों में काम आती है। आंखों के लोशन में सफेद प्याज भी डाली जाती है यही कारण है कि लाल प्याज के मुकाबले इनके भाव भी अधिक होते हैं तथा इनकी मांग भी अधिक होती है।
श्रीकिशन और बाल किशन करीरा ने बताया कि वे आंखों में डालने के लिए लोशन बनाते हैं जिनमें इस प्याज का रस डाला जाता है। दूरदराज से वह इस प्याज को ढूंढ कर लाते हैं ताकि लोगों की आंखों की देखभाल करने में मदद मिल सके। उधर रवि, दिनेश, महेश, सुरेश आदि ने बताया कि जब कभी आंखों में लोशन डालते हैं तो सफेद प्याज का लोशन लेकर आते हैं।
फोटो कैप्शन 4: सफेद प्याज किसान के घर।



गर्मियों में हल्का भोजन ले- शीशराम
-शराब, चाय, काफी आदि से बचे
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कनीना की आवाज। जहां गर्मी के तेवर दिनों दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। कहीं भी चैन नहीं मिल रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य निरीक्षक उप-नागरिक अस्पताल कनीना शीशराम लोगों को तेज गर्मी से बचाव के लिए जागरूक कर रहे हैं। सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू तथा शीशराम स्वास्थ्य निरीक्षक ने एक अभियान चला रखा है। जो भी लोगों के संपर्क में आते हैं उनको गर्मी से बचने के उपाय बता रहे हैं। उनका कहना है कि तेज गर्मी के कारण बीमार हो सकते हैं, ऐसे में सावधानियां बरतनी जरूरी है।
इन सावधानियों में घर से बाहर जाते समय शरीर को ढककर, हल्के रंग के आरामदायक कपड़े पहनकर जाना चाहिए। धूप में बाहर जाते समय छाता, तौलिया, टोपी, आंखों पर धूप का चश्मा भी प्रयोग करें, थोड़े-थोड़े समय अंतराल पर तरल पदार्थ पीते रहे, हल्का ताजा भोजन करें ,नंगे पैर, नंगे बदन धूप में न जाए। अधिक गर्मी एवं धूप में कोई भी कार्य करने से बचे, शराब, चाय, काफी कोल्ड ड्रिंक आदि का सेवन करने से बचे, गर्भवती महिलाएं, बच्चे, बीमार, बुजुर्गों का विशेष रूप से गर्मी का ध्यान रखे।
   उनका कहना है कि गर्मी लगने के गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं। यदि ज्यादा देर धूप में काम करें तो गर्मी लग सकती है। इसके लक्षणों में लाल,गर्म,सूखी त्वचा होना, शरीर का तापमान 40 डिग्री सेंटीग्रेड होना, जी मचलाना, उल्टी होना ,सिर दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी, दिल की धड़कन तेज होना, घबराहट, चक्कर आना, बेहोशी, सिर दर्द आदि प्रमुख है। गर्मी और लू से बचने के लिए  रोगी को छांयादार एवं ठंडी जगह पर ले जाए, आरिस का गोल पानी एवं अन्य तरल पदार्थ ,पैरों को ऊपर करके लिटाए, शरीर को ठंडे पानी से पोंछे, गिला कपड़ा लपेटकर हवादार स्थान पर विश्राम कराए, स्वास्थ्य संबंधी परामर्श हेतु टोल फ्री नंबर पर भी संपर्क कर सकते हैं।
 उनका कहना है कि अधिक गर्मी से बचाव में ही बचाव है, वरना गर्मी के कारण बुरे परिणाम आ सकते हैं।
 फोटो कैप्शन: शीशराम स्वास्थ्य निरीक्षक





गर्मी ने किया बदहाल, पारा 47 के पार
-जोखिम भरे जोहड़ों में स्नान कर गर्मी से बच रहे हैं युवा
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में सूरज पूरे वेग पर चमक रहा है। तापमान 47 डिग्री के पार पहुंच गया है। जहां कम से कम तापमान 31 डिग्री सेंटीग्रेड है। रात भी गर्मी लिए आती हैं, जिससे लोगों को दिन में चैन नहीं तो रात को आराम नहीं है।
कनीना क्षेत्र के लोग बेहद परेशान है सुबह 7 बजे से ही तापमान बढ़ जाने के कारण अपने घरों दुबक जाते हैं और शाम के समय ही निकल पाते हैं। किसी भी काम के लिए सुबह एवं शाम को लोग व्यस्त नजर आते हैं, बाकी समय बहुत कम लोग इधर उधर घूमते हैं। किसानों की कपास की फसल पर कुप्रभाव पड़ रहा है।  उधर पशु पालक हो या दुकानदार या फिर वाहन चालक सभी बेहद परेशान हैं। गर्मी अधिक होने के कारण रात को भी चैन नहीं मिल पा रहा है। लोग एसी, कूलर, पंखे आदि का सहारा लेते हैं लेकिन वो सभी नाकाफी साबित हो रहे हैं।  
कपास और चारा देने वाली फसलों को भी गर्मी के कारण नुकसान हो रहा है। उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में जहां इस समय 472 हेक्टेयर पर चारा देने वाली फसलें वही करीब 98 हेक्टेयर समर मूंग तथा 8125 हेक्टेयर पर कपास की बिजाई की गई है। किसान इसलिए परेशान है कि इन फसलों पर गर्मी का कुप्रभाव पड़ रहा है।
इस संबंध में पूर्व कृषि अधिकारी डा देवेंद्र यादव ने बताया कि गर्मी का को प्रभाव गमले में लगे पौधों से लेकर बड़े पौधों पर पड़ रहा है। उगाई गई फसलों पर भी इसका कु-प्रभाव पड़ रहा है। जीव जंतुओं और इंसानों पर भी को प्रभाव देखने को मिलता है। उनका कहना है कि अगर हरे चारे एवं कपास फसलों को बचाना है तो रात के समय जब धरती ठंडी हो जाए उस समय पानी देना चाहिए वरना फसल को नुकसान होने का पूरा अंदेशा बन जाता है।
जान को जोखिम में डालकर गर्मी से बच रहे हैं-
यूं तो वाटर पार्कों की मांग बढ़ गई है किंतु यूवा पीढ़ी गर्मी से बचने के लिए जोहड़ों का प्रयोग कर रही है जिससे जान जोखिम में पड़ सकती है। हर वर्ष कई जान जोहड़ों में डूबने से चली जाती हैं। युवा वर्ग जोहड़ों एवं नालों का उपयोग कर गर्मी से बचना चाहता है।
क्या कहते हैं दिनेश कुमार प्रधान-
कनीना मोलडऩाथ सेवा ट्रस्ट के प्रधान दिनेश कुमार का कहना है कि गर्मी से बचने के लिए घर पर ही स्नान कर लेना चाहिए किंतु युवा पीढ़ी इन जोहड़ों में स्नान करती हैं जो जोखिमभरा है। मोलडऩाथ आश्रम के पास पक्का जोहड़ बनाया गया है जहां पानी 3 से चार फुट भरा जाता है जिसमें डूबने की संभावना नहीं है क्योंकि इसको पूर्ण रूप से पक्का किया गया है। तली भी पक्की है।
फोटो कैप्शन 03: जोहड़ में गर्मी से राहत पाने के लिए स्नान करते युवा
साथ में दिनेश कुमार





शनिदेव जयंती मनाई जाएगी 6 जून को
-आयोजित होगा भंडारा एवं जागरण
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कनीना की आवाज। बाबा मोलडऩाथ आश्रम परिसर में स्थित शनि देव मंदिर पर 6 जून को शनि जयंती मनाई जाएगी। महंत रामनिवास ने जानकारी देते हुए बताया कि 5 जून की रात्रि मोलडऩाथ सत्संग मंडल द्वारा जागरण व 6 जून को सुबह हवन एवं प्रसाद वितरण कार्य शुरू किया जाएगा।
संत ने बताया कि 2009 में शनिदेव मंदिर की स्थापना नजदीक कनीना के मोलडऩाथ आश्रम की गई थी।  इंद्रजीत सिंह, अनिल कमांडो, भूपी ठेकेदार आदि ने शनिदेव मूर्ति की स्थापना करवाई थी। उसके बाद हर वर्ष यहां भंडारा लगता आ रहा है।
इस मौके पर मंदिर कमेटी प्रधान दिनेश यादव, इंद्रजीत, भूपी ठेकेदार, विकी पंसारी, राम पंडित, अनिल कुमार, मुकेश शर्मा, रामकिशन शर्मा, बिल्लू राम शर्मा, महिपाल यादव अनेक लोग उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 02: शनिदेच मंदिर कनीना की जानकारी देते हुए संत एवं अन्य।






तंबाकू निषेध दिवस -31 मई
नशे से बचकर ही रहना चाहिए
-अनमोल जीवन मिला है इसे नशे में नहीं गुजारना चाहिए -डा. मोरवाल
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कनीना की आवाज। दिनोंदिन नशे के प्रति बच्चे, युवा और बुजुर्गों का लगाव बढ़ रहा है। छोटे बच्चे भी चाय के आदि देखे गए हैं वहीं युवा और बुजुर्ग बीड़ी सिगरेट, चिलम, हुक्का, शराब एवं कई अन्य रूपों में नशा करते देखे गए हैं। महिलाएं भी नशा करने में पीछे नहीं है लेकिन नशा नाश का घर है। एक बार जो इसके आदि हो गए वे लगातार इसी का उपयोग करते रहते हैं और अंतत: अनेक बीमारियों से उनका घर जकडऩ में आ जाता है और मौत की ओर बढ़ जाते हैं। जहां चाय में कैफ़ीन , तंबाकू में जहां निकोटीन घातक विष पाया जाता है वहीं शराब में अल्कोहल विषैला पदार्थ पाया जाता है।  शरीर में प्रवेश करने पर लगभग सभी अंगों को नष्ट करना शुरू कर देते हैं। और दुर्घटनाओं के पीछे अहं कारण बनते हैं। क्या कहते हैं लोग-
***तंबाकू का नशा नाश की ओर ले जाता है। ईश्वर ने जब बेहतर जिंदगी दी है तो इसे छोटा नहीं करना चाहिए, इसे तो पूर्ण जी कर ही जाना चाहिए।  नशे के कारण लोग अपने जीवन को बर्बाद करते ही है अपितु अपने परिवार और समाज के लिए भी घातक साबित होते हैं। नशा हर हाल में छोड़ देना चाहिए।
---कंवरसेन वशिष्ठ समाजसेवी कनीना
वर्तमान में हुक्के के प्रति प्रचलन बढ़ा है जो निश्चित रूप से शरीर के लिए घातक है। आंखों की दृष्टि हो, पाचन तंत्र हो गुर्दे की बीमारी हो या पेट की समस्याएं हो अधिकांश के पीछे धूम्रपान है। धूम्रपान में निकोटिन जहर पाया जाता है जो हमारी फेफड़ों में जाकर टार के रूप में जमा हो जाता और फेफड़े काम छोड़ जाते हैं। अनेक बीमारियां शरीर में प्रवेश कर जाती हैं। ऐसे में इन पदार्थों से बचना चाहिए।
---सुनील कुमार स्वास्थ्य कर्मी
 कुछ लोग तंबाकू को चबाते हैं। इससे भी घातक बीमारी पैदा होती हैं। दीवारों को भी खराब करते रहते हैं, धरा को भी विषैला बनाते हैं। ऐसे लोगों से बचकर रहना चाहिए और यह बुराई के विभिन्न प्रकार के कैंसर का कारण बनती अपितु शरीर को नष्ट कर देती है। इस प्रकार के तमाकू चबाने से बचना चाहिए।
--राव मोहर सिंह समाजसेवी
 निजी प्रैक्टिस कर रहे डा वेद प्रकाश ने बताया कि नशा हर हाल में बुरा है। शराब एवं तंबाकू का नशा वह नशा है जो जीवन को बर्बाद करके अंतत: मौत का कारण बनता है। इससे न केवल इंसान स्वयं दुखी रहता है अपितु परिवार भी बर्बाद हो जाता है। समाज और देश को भी हानि उठानी पड़ती है। तंबाकू एक ऐसा पदार्थ है जो दुर्घटनाओं का कारण बनता है।
---डा वेदप्रकाश
तंबाकू का नशा कई रूपों में किया जाता है। यक पेट ,फेफेड़ों तथा रक्त धमनियों के लिए घातक साबित होता है।  नशा निश्चित रूप से गुर्दों को नुकसान पहुंचाता है और सभी बीमारियों का कारण बनता है। तंबाकू का उपयोग गले एवं फेफड़ों का कैंसर का कारण बनता है। भांग, चरस ,अफीम आदि प्रयोग करते हैं इससे मस्तिष्क नष्ट होता चला जाता है। उन्होंने कहा कि नशा किसी भी रूप में हो केवल नुकसान पहुंचाता है। इसका कोई लाभ नहीं है। समाज को आगे बढ़ाना है तो नशे से बचना चाहिए।
---डा जितेंद्र मोरवाल
 फोटो कैप्शन: डा. जितेंद्र मोरवाल, डा वेद प्रकाश, कंवरसेन वशिष्ठ, सुनील कुमार






जमीनी विवाद के चलते मार पिटाई
--तीन लोगों पर मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव करीरा निवासी मुनेश में दी गई शिकायत में कहा गया है कि 26 मई को सुबह करीब 7:15 बजे मैं अपने पति विनोद के साथ खेत में बाजर में पानी देने तथा जुताई के काम के लिए गई थी। श्रीभगवान नामक व्यक्ति से हमारा जमीनी विवाद है। उसी विवाद के चलते सुशीला, दीपक, सौरभ ने हम दोनों पर लाठी डंडों से प्रहार कर दिया। दोनों को चोट आई, पुलिस को सूचित किया। पुलिस मौके पर पहुंची और हम दोनों को कनीना अस्पताल पहुंचाया जहां डाक्टरों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए पीजीआइएमएस रोहतक रेफर कर दिया। जहां इलाज चला, अब छुट्टी मिली है। उनके बयान पर तीन लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।






























राजकीय माडल संस्कृति स्कूल की छात्रा का हुआ सुपर-100 में चयन
--प्रतिभावान है यशिका बंसल
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कनीना की आवाज। राजकीय माडल संस्कृति स्कूल की छात्रा यशिका का  सुपर-100 में चयन होने पर खुशी जताई है।
प्राचार्य सुनील कुमार ने बताया कि कि राजकीय माडल संस्कृति स्कूल कनीना की कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा यशिका बंसल का सुपर-100 में चयन हुआ है जिससे पूरे विद्यालय परिवार एवं क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है। हाल ही में सीबीएसई द्वारा जारी कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में भी छात्रा ने 90 प्रतिशत अंक लेकर विद्यालय एवे माता पिता का नाम रोशन किया है। विद्यालय के प्राचार्य श्री सुनील खुडानिया ने बताया कि छात्रा कक्षा नौवीं से विद्यालय की छात्रा रही है और पढ़ाई तथा अन्य गतिविधियों में हमेशा बढ़ चढ़ कर भाग लिया है। सुपर 100 हरियाणा शिक्षा विभाग का एक बहुत ही महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है जिसमें प्रदेश भर से टाप 100 बच्चो का परीक्षा आधारित चयन होता है जहां उन्हें सम्बंधित विषय अध्यापकों द्वारा  निशुल्क आईआईटी/नीट की कोचिंग दी जाती है।    प्राचार्य ने बताया कि कुरुक्षेत्र में द्वितीय स्तर की सुपर 100 परीक्षा का तीन दिवसीय प्रयोगशाला एवं परीक्षा का आयोजन हुआ था जिसमें छात्रा ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अंतिम चयन सूची में अपना नाम दर्ज करवाया है। इससे पूर्व भी छात्रा अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी है उसका चयन नौवीं कक्षा में बुनियाद में भी हुआ था और छात्रा सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बढ़-कर कर भाग लेती है तथा खेलकूद में भी खंड स्तर पर कबड्डी में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली टीम की खिलाड़ी रही है। गत वर्ष यशिका ने एनएमएमएस की परीक्षा पास करके छात्रवृत्ति भी प्राप्त की है। छात्रा की माता मंजू मित्तल जो कि एक निजी स्कूल में वाणिज्य संकाय की प्रवक्ता है ने दूरभाष पर बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही बहुमुखी प्रतिभा की धनी रही है । पिता मनोज बंसल जो कि छात्रों को ट्यूशन पढ़ाते हैं ,ने बताया कि यशिका के भाई हर्षित बंसल ने दो बार सैनिक स्कूल की परीक्षा पास की है। पूरा परिवार शिक्षा के महत्व को समझते हुए अन्य छात्र छात्राओं के लिए आदर्श स्थापित कर रहा है। इस अवसर पर छात्रा से बात की गई तो उसने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता पिता तथा गुरुजनों को दिया है।
फोटो कैप्शन: याशिका बंसल


Wednesday, May 29, 2024


 
गर्मी से नहीं मिल रही है राहत
-झुलसाने वाली गर्मी का प्रकोप जारी, जून के अंत में होगी बारिश
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कनीना की आवाज। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में में लगातार झुलसाने वाली भीषण गर्मी  और उष्ण लहर  लूं तथा उष्ण रात्रि अपने शबाब पर है, दिन और रात के तापमान लगातार आसमान को छू रहे हैं। आज नौतपा का पांचवां दिन है सूर्य से झुलसाने वाली आग बरस रही है। मौसम विशेषज्ञ डॉ चंद्र मोहन ने बताया कि वर्तमान सम्पूर्ण मैदानी राज्यों विशेषकर हरियाणा एनसीआर दिल्ली में लगातार मौसम की चरम और विकट परिस्थितियां बनी हुई है लगातार सिंध बलुचिस्तान और थार की शुष्क गर्म पछुआ रेगिस्तानी हवाओं ने सम्पूर्ण इलाके से नमी को सोख लिया है। चहुंओर भीषण आग उगलने वाली गर्मी और गंभीर उष्ण लहर व उष्ण रात्रि की वजह से आमजन का जीना दुश्वार हो गया है। नौतपा का आज़ पांचवां दिन है सूर्य लगातार आग उगल रहा है। साथ ही साथ सुबह से शाम और रात के दौरान लगातार गर्म हवाएं चलने से जिसकी वजह से हरियाणा एनसीआर दिल्ली में दिन के तापमान के साथ लगातार रात्रि तापमान में उछाल देखने को मिल रहा है। आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में तापमान में बढ़ोतरी की वजह से  दोपहर बाद हीट क्लाउड भी देखने को मिल रहें हैं साथ ही एक दो स्थानों पर छिटपुट बूंदा-बांदी भी दर्ज हुई है परन्तु इससे भीषण आग उगलने वाली गर्मी से आमजन को कोई राहत नहीं मिली बल्कि आमजन को उमसभरी पसीने वाली गर्मी से रूबरू होना पड रहा है। आने वाले 24-48 धंटो तक हरियाणा एनसीआर दिल्ली में राहत के आसार नहीं हैं। हालांकि  30 मई से तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी और हीट वेव लूं की तीव्रता में भी कमी आने लगेगी क्योंकि हवाओं की दिशा दक्षिणी पश्चिमी होने लगेगी और अरब सागर से दक्षिणी पश्चिमी नमीं वाली हवाएं चलने से आमजन को थोड़ा राहत के आसार बन रहे हैं।  31 मई को एक नया कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से सम्पूर्ण इलाके में तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी और दो-तीन दिन के लिए आमजन को भीषण आग उगलने वाली गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं से राहत के आसार बन रहे हैं। 1-3 जून के दौरान सम्पूर्ण इलाके में हवाओं की दिशा दक्षिणी पश्चिमी और दक्षिणी पूर्वी होने से आंशिक बादल वाही और तेज गति से हवाएं अंधड़ चलने और सीमित स्थानों पर गरज चमक के साथ छिटपुट बूंदा-बांदी की गतिविधियों की संभावना बन रही है।  3 जून से एक बार फिर से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा तापमान में फिर से उछाल देखने को मिलेगा और आमजन को फिर से  भीषण गर्मी और गंभीर हीट वेव लूं के तीसरे लम्बे दौर से रुबरु होना पड़ेगा हालांकि इस दौरान लगातार तेज गति से हवाएं अंधड़ की गतिविधियों से भी आमजन को रूबरू होना पड़ेगा।  आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर रात्रि तापमान 25.0 डिग्री सेल्सियस से 33.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है साथ ही साथ हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर दिन के तापमान 45.0 डिग्री सेल्सियस से 48.7 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। हरियाणा के पश्चिमी और दक्षिणी जिलों पर दिन के तापमान 47.0 डिग्री सेल्सियस से 48.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है साथ ही साथ झज्जर रोहतक जिलों में भी दिन के तापमान 48.0 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया हैं।आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में लगातार सबसे ज्यादा दिन के तापमान सिरसा और  सबसे ज्यादा रात के तापमान  नारनौल के दर्ज किया गया है। सम्पूर्ण इलाके में दिन और रात के तापमान सामान्य से अधिक बने हुए हैं। जबकि जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ के रात्रि तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस और 31.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जो सामान्य  रात के तापमान से 9.2 डिग्री सेल्सियस अधिक बने हुए हैं। साथ ही साथ जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ के दिन के तापमान क्रमश: डिग्री सेल्सियस और 48.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। जों सामान्य दिन के तापमान से 8.0 डिग्री सेल्सियस अधिक बने हुए हैं।
इस बार  जून महीने में भी गर्मी और लूं अपने रंग दिखाएगी जून महीने के अंत में हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मानसून का आगाज हो जाएगा और जुलाई, अगस्त व सितंबर में औसत से अधिक बारिश की संभावना है। 100 से 106 प्रतिशत तक बारिश की संभावना है।
आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में सबसे ज्यादा गर्म दिन महेंद्रगढ़ का रहा यहां के दिन का तापमान 49.4 डिग्री सेल्सियस जबकि नारनौल का दिन का तापमान 48.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में महेंद्रगढ़ के दिन 49.4 सबसे ज्यादा गर्म और जिला महेंद्रगढ़ का नारनौल  33.2 की रात सबसे ज्यादा गर्म दर्ज हुई है।









राजकीय माडल संस्कृति स्कूल की छात्रा का हुआ सुपर-100 में चयन
--प्रतिभावान है यशिका बंसल
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कनीना की आवाज। राजकीय माडल संस्कृति स्कूल की छात्रा यशिका का  सुपर-100 में चयन होने पर खुशी जताई है।
प्राचार्य सुनील कुमार ने बताया कि कि राजकीय माडल संस्कृति स्कूल कनीना की कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा यशिका बंसल का सुपर-100 में चयन हुआ है जिससे पूरे विद्यालय परिवार एवं क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है। हाल ही में सीबीएसई द्वारा जारी कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में भी छात्रा ने 90 प्रतिशत अंक लेकर विद्यालय एवे माता पिता का नाम रोशन किया है। विद्यालय के प्राचार्य श्री सुनील खुडानिया ने बताया कि छात्रा कक्षा नौवीं से विद्यालय की छात्रा रही है और पढ़ाई तथा अन्य गतिविधियों में हमेशा बढ़ चढ़ कर भाग लिया है। सुपर 100 हरियाणा शिक्षा विभाग का एक बहुत ही महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है जिसमें प्रदेश भर से टाप 100 बच्चो का परीक्षा आधारित चयन होता है जहां उन्हें सम्बंधित विषय अध्यापकों द्वारा  निशुल्क आईआईटी/नीट की कोचिंग दी जाती है।    प्राचार्य ने बताया कि कुरुक्षेत्र में द्वितीय स्तर की सुपर 100 परीक्षा का तीन दिवसीय प्रयोगशाला एवं परीक्षा का आयोजन हुआ था जिसमें छात्रा ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अंतिम चयन सूची में अपना नाम दर्ज करवाया है। इससे पूर्व भी छात्रा अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी है उसका चयन नौवीं कक्षा में बुनियाद में भी हुआ था और छात्रा सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बढ़-कर कर भाग लेती है तथा खेलकूद में भी खंड स्तर पर कबड्डी में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली टीम की खिलाड़ी रही है। गत वर्ष यशिका ने एनएमएमएस की परीक्षा पास करके छात्रवृत्ति भी प्राप्त की है। छात्रा की माता मंजू मित्तल जो कि एक निजी स्कूल में वाणिज्य संकाय की प्रवक्ता है ने दूरभाष पर बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही बहुमुखी प्रतिभा की धनी रही है । पिता मनोज बंसल जो कि छात्रों को ट्यूशन पढ़ाते हैं ,ने बताया कि यशिका के भाई हर्षित बंसल ने दो बार सैनिक स्कूल की परीक्षा पास की है। पूरा परिवार शिक्षा के महत्व को समझते हुए अन्य छात्र छात्राओं के लिए आदर्श स्थापित कर रहा है। इस अवसर पर छात्रा से बात की गई तो उसने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता पिता तथा गुरुजनों को दिया है।
फोटो कैप्शन: याशिका बंसल






हिंदी पत्रकारिता दिवस-30 मई
मीडिया में हिंदी का बढ़ता ही जा रहा है वर्चस्व
-अखबार दिखाते हैं एक नई राह
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कनीना की आवाज। 30 मई हिंदी पत्रकारिता दिवस देश के लिए एक गौरव का दिन है।  विश्व में हिंदी के बढ़ते वर्चस्व व सम्मान में हिंदी पत्रकारिता का विशेष योगदान है। हिंदी पत्रकारिता की एक ऐतिहासिक व स्वर्णिम यात्रा रही है जिसमें संघर्ष, कई पड़ाव व सफलताएं भी शामिल है। स्वतंत्रता संग्राम या उसके बाद के उभरते नये देश की बात हो, तो उसमें हिंदी पत्रकारिता के भागीरथ प्रयास को नकारा नहीं जा सकता। आज हिंदी दूर देशों के मन को लुभा रही है। हिंदी में विदेश से आने वाले लोग भी बात कर सकते हैं। समाज का प्रत्येक वर्ग फिर चाहे वो किसान हो, मजदूर हो, शिक्षित वर्ग हो या फिर समाज के प्रति चिंतन - मनन करने वाला आम आदमी सभी हिंदी पत्रकारिता के साथ अपने को जुड़ा हुआ मानते हैं। जब से मोबाइल एवं कंप्यूटर आम जन के हाथ आये हैं तब से हिंदी में लिखने का रिवाज बढ़ता ही जा रहा है। एक प्रकार का क्रेज भी लोगों के दिलोदिमाग में मिलता है। इस संबंध में कुछ लोगों से हिंदी पत्रकारिता के विषय में बात की गई तो उनके विचार निम्र रहे--
***हिंदी पत्रकारिता कि जब हम बात करते हैं तो मूल्य बोध उसकी आत्मा है। भारत में हिंदी पत्रकारिता का प्रारंभ हुआ 30 मई 1826 में पहले साप्ताहिक समाचार पत्र उदंत मार्तंड जिसे पंडित जुगल किशोर ने शुरू किया के साथ हुआ। अपने पहले ही संपादकीय में उन्होंने लिखा कि उदंत मार्तंड हिंदुस्तानियों के हितों लिए है। जिस दौर में उदंत मार्तंड शुरू हुआ था वह दौर पराधीनता का दौर था। भारत की पत्रकारिता का पहला लक्ष्य था राष्ट्रीय जागरण और भारत की स्वाधीनता के यज्ञ को तीव्र करना। ऐसे महान उद्देश्य को लेकर भारत की पत्रकारिता की शुरुआत हुई। ऐसे में हिंदी पत्रकारिता को नमन।
---निर्मल शास्त्री
 जब हम यह कहते हैं कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है तो ऐसे ही नहीं कह देते मीडिया ने अपनी भूमिका से यह साबित किया है कि समाज की अंतिम पंक्ति में जो सबसे दुर्बल व्यक्ति खड़ा है, उसके हितों की रक्षा के लिए कोई साथ है तो वह पत्रकारिता है। इन्हीं वजहों से अखबार को आम आदमी की आवाज कहा जाता था। इसी मूल्य बोध के कारण, उसका समर्पण व्यवसाय के लिए नहीं था। अखबार का या मीडिया का समर्पण देश एवं समाज के हितों के लिए साथ ही कमजोर व्यक्तियों के कल्याण की कामना के प्रति समर्पित था।
---सत्येंद्र कुमार शिक्षाविद
हम कहते हैं कुछ चीजें सर्वदा सत्य होती हैं, सूर्य पूर्व से निकलता है। यह निश्चित सत्य है, वैश्विक सत्य है, यह बदल नहीं सकता। हम आज व्यवसाय और व्यावसायिक होड़ की बात कहकर पत्रकारिता को चाहे अलग-अलग तरीके से परिभाषित करें, लेकिन पत्रकारिता का मूल्य धर्म जो है, लोक कल्याण राष्ट्रीय जागरण और ऐसे हर दुर्बल व्यक्ति के साथ खड़े होना उसके अधिकारों, हितों के लिए लडऩा, जिसका कोई सहारा नहीं है।
---नरेश कुमार हिंदी शिक्षक
 महर्षि नारद को हमारी परंपरा में आदि पत्रकार कहा गया हैं। उन्होंने जो भी प्रयत्न किये उनका मकसद लोक मंगल ही होता था।  हिंदी पत्रकारिता की शुरूआत होती है एक सीमित संसाधन और कमजोर आर्थिक स्थिति वाले व्यक्ति थे लेकिन बावजूद इसके उनका संकल्प बहुत बड़ा था।
पत्रकारिता की उद्भव भूमि कलकत्ता (कोलकाता) बनता है । समय के साथ-साथ धीरे-धीरे इन समाचार पत्रों का प्रभाव कोलकाता से लेकर संयुक्त अवध प्रांत तक होता गया और फिर काशी और प्रयाग में अखबार निकलने प्रारंभ हो गए। हिंदी पत्रकारिता हर इंसान के दिल में जगह बना चुकी है तथा वर्तमान में मोबाइल के विभिन्न साफ्टवेयर हिंदी पर काम कर रहे हैं जो पत्रकारिता की ही देन है।
----मदनलाल शास्त्री
फोटो कैप्शन:मदनलाल शासत्री, निर्मल शास्त्री, नरेश कुमार, सत्येंद्र शिक्षाविद





निर्जला एकादशी पर होंगे कई कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। 18 जून निर्जला एकादशी को कनीना के संत मोलडऩाथ आश्रम पर अनेक कार्यक्रम आयोजित होंगे। विस्तृत जानकारी देते हुए संत मोलडऩाथ ट्रस्ट प्रधान दिनेश कुमार ने बताया कि 18 जून को कलश यात्रा निकाली जाएगी। कलश निशुल्क मोलडऩाथ आश्रम से प्रदान किए जाएंगे। जबकि 18 जून से 24 जून तक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा। 24 जून को हवन आयोजित किया जाएगा। साथ में तृतीय नगर भ्रमण भी आयोजित होगा। कथावाचक प्रवेश पंडित होंगे।


कीजो केसरी के लाल मेरा छोटा सा ये काम भजन पर झूमे श्रद्धालु
-सुंदरह के स्वर्गपुरी आश्रम में रात्रि को हनुमान जी का हुआ जागरण
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कनीना की आवाज। उप-मण्डल के गांव सुंदरह के स्वर्गपुरी आश्रम में रात्रि को हनुमान जी का जागरण किया गया। जागरण का कार्य मंदिर के महंत बाबा विश्वास गिरी महाराज के सानिध्य में संपन्न हुआ। मंदिर में भक्तों द्वारा पूजा अर्चना की गई। रात्रि का विशाल जागरण आयोजन किया गया।  
कार्यक्रम में भजन गायकों द्वारा हनुमान जी के मनमोहक भजन प्रस्तुत किए। सबसे पहले गायक मनोज ने गणेश वंदना की और दुनिया चले ना श्रीराम के बिना राम जी चले रे हनुमान के बिना भजन प्रस्तुत किया। इस दौरान भजन पर श्रद्धालु जमकर झूमे। बेवल से आए भजन गायक नीर पाल खरक बोंद ने चरणों का हूं पुजारी सीने से लगा लो बाबा, मुझे दास बना कर रख लेना, थाली भरकर लाई रे खिचड़ो श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। भजन गायक नरेश कोका ने- हे दुख भंजन मारुति नंदन सुन लो मेरी पुकार,  खुश होंगे हनुमान राम राम किए जा भजनों की प्रस्तुति दी। तारा चंद नारनौल ने श्रीराम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में, मां अंजनी के लाल कलयुग के देव,  कीजो केसरी के लाल मेरा छोटा सा एक काम, हे महावीर करो कल्याण, मंगल मूर्ति मारुति नंदन आदि भजनों से मंत्र मुक्त कर दिया। मंदिर के महंत बाबा विश्वास गिरी महाराज ने बताया कि भजन जागरण सत्संग हमारी संस्कृति है किसी भी शुभ कार्य पर भजन जागरण करने चाहिए उन्होंने कहा कि कलयुग में भगवान का नाम ही भव से पर उतार सकता है। इस दौरान मंदिर के सेवक मनोज सुंदराह, सूबे सिंह ढोलक मास्टर, पप्पू प्रधान, बाबूलाल बोहरा, सतीश कुमार, राजेश कुमार, रवि नीमराना, सतीश कौशिक गायक कलाकार कोटपुतली, रवि प्रकाश भडफ़, राजेंद्र, सुरेंद्र, अनिल कुमार, मदन लाल सहित अनेकों श्रद्धालु मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 04: स्वर्ग पूरी  आश्रम सुन्दरह में जागरण के दौरान प्रस्तुति देते हुए कलाकार।






गर्मी ने किया बदहाल, पारा 48 के पार
-हरे चारे वाली फसलों पर पड़ रहा है कुप्रभाव
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में सूरज पूरे वेग पर चमक रहा है। तापमान 48 डिग्री के पार पहुंच गया है। जहां कम से कम तापमान 31 डिग्री सेंटीग्रेड है। रात भी गर्मी लिए आ रही हैं, जिससे लोगों को दिन में चैन नहीं तो रात को आराम नहीं है।
कनीना क्षेत्र के लोग बेहद परेशान है सुबह 7 बजे से ही तापमान बढ़ जाने के कारण अपने घरों दुबक जाते हैं और शाम के समय ही निकल पाते हैं। किसी भी काम के लिए सुबह एवं शाम को लोग व्यस्त नजर आते हैं, बाकी समय बहुत कम लोग इधर उधर घूमते हैं। किसानों की कपास की फसल पर कुप्रभाव पड़ रहा है। वे अनुकूल मौसम आने का इंतजार कर रहे हैं ताकि बारिश होने के बाद बाजरे की बिजाई कर सके। उधर पशु पालक हो या दुकानदार या फिर वाहन चालक सभी बेहद परेशान हैं। गर्मी अधिक होने के कारण रात को भी चैन नहीं मिल पा रहा है। लोग एसी, कूलर, पंखे आदि का सहारा लेते हैं लेकिन वो सभी नाकाफी साबित हो रहे हैं।  
कपास और चार देने वाली फसलों को भी गर्मी के कारण नुकसान हो रहा है। उल्लेखनीय की कनीना क्षेत्र में जहां इस समय 472 हेक्टेयर पर चारा देने वाली फसलें वही करीब एक हेक्टेयर समर मूंग  वहीं 8125 हेक्टेयर पर कपास की बिजाई की गई है किसान इसलिए परेशान है कि इन फसलों पर गर्मी का कुप्रभाव पड़ रहा है।
इस संबंध में पूर्व कृषि अधिकारी डाक्टर देवराज ने बताया कि गर्मी का को प्रभाव गमले में लगे पौधों से लेकर बड़े पौधों पर पड़ रहा ह।ै उगाई गई फसलों पर भी इसका को प्रभाव पड़ रहा है जीव जंतुओं और इंसानों पर भी को प्रभाव देखने को मिलता हैद्ध उनका कहना है कि अगर हरे चारे एवं कपास फसलों को बचाना है तो रात के समय जब धरती ठंडी हो जाए उस समय पानी देना चाहिए वरना फसल को नुकसान होने का पूरा अंदेशा बन जाता है।
फोटो कैप्शन 03: धूप में सिर ढ़ककर निकलते लोग।


हिम्मत का पर्याय है विजय वधवा
- कनीना में सबसे पहले खराब सीएफएल ठीक करने का जाता है श्रेय
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कनीना की आवाज। यदि हाथों में कुछ करने का हुनर हो तो दिव्यांगता आड़े नहीं आती है। हिम्मत के पर्याय के रूप में कनीना का विजय वधवा जाना जाता है जो 83 प्रतिशत दिव्यांग है। कनीना बस स्टैंड के पीछे छोटी सी पुरानी दुकान में बैठकर खराब सीएफएल को ठीक करता है। कनीना में सबसे पहले खराब सीएफएल वो भी 10 रुपये में ठीक करने का अगर श्रेय जाता है तो उनको जाता है। वर्षों पहले इन्होंने अपने यहां सीएफएल ठीक करना शुरू किया और अच्छा नाम कमाया। 2017 में इनको भारी हृदयघात आया और मेडिसिटी गुररुग्राम में भर्ती करवाना पड़ा। कान खराब हो गए, आंखों से दिखाई कम देने लगा और शरीर की एक साइड अधरंग हो गई। वर्तमान में 83 प्रतिशत दिव्यांग हैं परंतु हिम्मत नहीं छोड़ते हैं। उनकी हिम्मत के आगे सभी नतमस्तक होते हैं। प्रतिदिन 30 से 40 सीएफएल वर्तमान में भी ठीक कर लेते हैं जबकि उनके हाथ बड़ी मुश्किल से काम करता है। शरीर में कई दिक्कत आती है, चलने के लिए ट्राई साइकिल ले रखी है परंतु उनका एक ही उद्देश्य है कि किसी प्रकार अपनी रोटी रोटी खुद कमाये और दूसरों पर निर्भर न रहे। कहने को तो उनका परिवार है जो अच्छी खासी नौकरियों में है किंतु उन्होंने कभी काम से जी नहीं चुराया। पुरानी सीएफएल लाने वाले लोगों की सीएफएल ठीक करके देता है, यही नहीं एक साल की वारंटी के साथ देता है। यह काम करने को तो अनेकों  लोग कर रहे हैं परंतु जिन परिस्थितियों में विजय वधवा काम कर रहे हैं वो सराहनीय है। उसको देखकर लगता है कि सचमुच वह एक उदाहरण बनकर उभरा है।
 फोटो कैप्शन 02:सीएफएल सुधारते हुए विजय वधवा







समय समय पर सात बार कनीना पालिका के प्रशासक रहे
--वर्तमान में प्रशासनिक अधिकारी बतौर एसडीएम कार्यरत है
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कनीना की आवाज। कनीना पालिका का कार्यकाल 14 जून 2023 को संपन्न हो गया तब से लेकर आज तक प्रशासक बतौर एसडीएम कनीना हैं।  चूंकि पालिका के चुनावों के वर्ष 2025 में संपन्न कराये जाने की उम्मीद है।  अब तक 16 पालिका प्रधान बन चुके हैं जिनमें से 7 बार प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्यभार ग्रहण किया है।
1952 में कनीना पालिका अस्तित्व में आई और 1955 में सबसे पहले स्व. चौधरी बलबीर सिंह पालिका प्रधान बने। वे 1958 तक पालिका प्रधान रहे। तत्पश्चात स्व.चौ जानकी प्रसाद 1962 में पालिका प्रधान बने जो 16 मार्च 1964 तक प्रधान रहे।  1973 से 1987 तक कनीना पालिका का कोई चुनाव नहीं हुआ जिसके कारण पद रिक्त रहा।
 तीसरे पालिका प्रधान संतोष कुमार बने जो 26 अगस्त 1964 से 1967 तक पालिका प्रधान रहे। तत्पश्चात दोबारा से स्व. चौधरी बलबीर सिंह को पालिका प्रधान बनने का मौका मिला और 1968 से 1973 तक प्रधान रहे। कनीना पालिका के पांचवें प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा 1 नवंबर 1987 से 28 सितंबर 1991 तक रहे। तत्पश्चात 29 सितंबर 1991 से 9 दिसंबर 1991 तक सोहनलाल बीडीपीओ प्रशासनिक अधिकारी रहे। कनीना पालिका के सातवें प्रधान दलीप सिंह 9 दिसंबर 1991 से 18 मार्च 1994 तक रहे।  तत्पश्चात वी राजाशेखर आईएएस कनीना पालिका के प्रशासनिक अधिकारी 19 मार्च 1994 से लेकर के 6 मई 1994 तक रहे। इसके बाद फिर से मुनीलाल खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी प्रशासनिक अधिकारी बतौर 17 मई 1994 से 16 फरवरी 1995 तक बने।
 कनीना पालिका की दसवें प्रधान एक बार फिर से राजेंद्र सिंह लोढ़ा 17 फरवरी 1995 से 2 फरवरी 2000 तक रहे।  तत्पश्चात महेंद्र सिंह मोरवाल नायब तहसीलदार को प्रशासनिक अधिकारी बतौर 19 जून 2000 से 21 मई 2007 तक कार्यभार दिया गया। तत्पश्चात 2 महिला पालिका प्रधान लगातार बनी। संदीप सिंह एसडीएम कनीना 23 मई 2017 से 1 अक्टूबर 2018 तक प्रशासनिक अधिकारी रहे। इसके बाद एसडीएम अभिषेक मीणा आईएएस 17 अ














क्टूबर 2018 से 24 जनवरी 2019 तक प्रशासनिक अधिकारी रहे। अब 17वें पालिका प्रधान बनाया जाना है किंतु अभी तक प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम कनीना बने हुए हैं।  इस बार प्रशासनिक अधिकारी की अवधि  लंबी होगी।
फोटो कैप्शन 01: कनीना पालिका